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बीवियां दिन में नहीं रात में सबसे चुदवातीं हैं - Biwiyan din mein nahi raat me sabse chudti hai
बीवियां दिन में नहीं रात में सबसे चुदवातीं हैं - Biwiyan din mein nahi raat me sabse chudti hai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
बीवियों में ग़ैर मर्दों से चुदवाने की फितरत कुदरती होती है। आपको कोई भी बीवी ऐसी नहीं मिलेगी जो पराये मरद का लण्ड पकड़ती न हो, जो पराये मर्दों से चुदवाती न हो ? शुरू शुरू में बीवियां ऐसी हरकत से इंकार करती हैं और कहतीं हैं की ऐसी कोई बात नहीं होती हैं। बीवियां अपने शौहर की वफ़ादार होतीं है और वो कभी किसी पराये मरद के बारे में सोंचती भी नहीं। परन्तु आगे चल कर २/३ साल में ही यह बात गलत साबित हो जाती है। बीवियां पराये मरद की तरफ आकर्षित होने लगतीं हैं और मौका पाकर उनके लण्ड पर टूट पड़ती हैं. उन्हें अपनी चूँचियाँ पकड़ा देतीं हैं। उनके सामने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी खड़ी हो जातीं हैं। लण्ड पकड़ कर हिलाती हैं, चाटती हैं और चूसती हैं। फिर मौक़ा पाकर चुदवाती हैं। यह काम एकदम चोरी छिपे करतीं हैं . धीरे धीरे जब पता चलने लगता है तो फिर वो खुल्लम खुल्ला लण्ड पकड़ने लगती है और खुले आम चुदवाने लगती हैं। उसके बाद उन्हें खुदा भी नहीं रोक सकता ?
कोई भी बीवी अगर एक बार किसी पराये मरद का लण्ड पकड़ लेती है और उससे चुदवा लेती है तो फिर कितना भी कोई कहे वह पीछे कभी नहीं हटती। आगे ही बढ़ती जाती है। एक के बाद दो लोगों से चुदवाने लगती है, फिर तीन और चार चार लोगों से चुदवाने लगती है। उसे जहाँ भी मौक़ा मिलता है वह हाथ बढ़ाकर किसी का भी लण्ड पकड़ लेती है। उससे सही बात पूंछो तो वह एकदम मुकर जाती है और झूंठ बोलने लगती है की मैंने तो कभी किसी पराये मरद का लण्ड पकड़ा ही नहीं ? बीवियों की झूंठ बोलने की आदत यहीं से शुरू हो जाती है। फिर वह बात बात पर झूंठ बोलने लगती है और अपने हसबैंड को कभी भी सच बात नहीं बतलाती ? घर वालों को तो वह बुर चोदी कुछ समझती ही नहीं ?
यह स्थिति अच्छी नहीं होती ? आगे चल कर मियां बीवी के रिश्तों में दरार पड़ जाती है और फिर किसी दिन विस्फोटक बन जाती है। इसलिए हम सब कुछ ऐसा करें जो सबको सब कुछ मालूम रहे। किसी से भी कुछ न छुपा न रहे और जिसमे मियां भी एन्जॉय करे और बीवी भी एन्जॉय करे ? अगर आप बीवी हैं और पराये मर्दों के लण्ड की शौक़ीन है तो पहले किसी की बीवी अपने सामने ही अपने शौहर से चुदवायें। भले ही वह आपकी सहेली हो, रिस्तेदार हो यार फिर जान पहचान वाली हो ? एक बार अगर आपका शौहर किसी और की बीवी चोद लेता है तो फिर तुम्हारा किसी और के मरद से चुदवाने का खाता खुल जाता है। वह अगर एक बीवी चोदे तो तुम दो मर्दों से चुदवाओ । तुम भी कभी कभी अपने मरद से दूसरीं की बीवियां चुदवाती रहो और उसी आड़ में तुम दूसरे मर्दों से खूब चुदवाती रहो। इससे मियां बीवी के रिश्तों में कभी कोई दरार नहीं पड़ेगी और हमेशा मधुरता बनी रहेगी।
अगर आप मियां हैं और दूसरों की बीवियां चोदना चाहते हैं तो पहले अपनी बीवी अपने सामने चुदवाओ। वह खुल जाएगी और फिर तुम जिसकी चाहो उसकी बीवी चोदते रहो। अगर बीवी को साथ रख कर अपना शौक पूरा करोगे वह खुद दूसरों की बीवियां तुमसे चुदवाती रहेगी। लेकिन फिर वह किस किस चुदवाती है इसका लेखा जोखा रखना तुम्हारे लिए मुश्किल हो जायेगा।
मेरा नाम सूफ़िया है, मैं २५ साल की हूँ मेरी शादी अभी ६ महीने पहले ही हुई है। मैं अभी अपनी ससुराल में हूँ और ससुराल को अच्छी तरह जान गयी हूँ. काफी कुछ तो मुझे अपनी सुहागरात में ही मालूम हो गया था। सुहागरात में पहले तो मुझे मेरे शौहर ने चोदा और चोद कर चला गया। मैं समझ रही थी की वह मेरे साथ ही रात भर सोयेगा लेकिन वह नहीं सोया। सवेरे करीब ५ बजे मेरी नन्द आयी और मुझसे हंस हंस कर बातें करने लगी। बात करते करते उसने पूंछ ही लिया की भाभी तुम्हे मेरे भाई जान का लण्ड कैसा लगा ? मैं उसके सवाल से बहुत कुछ जान गयी। मैंने कहा लण्ड तो बेहतरीन है नन्द रानी ? पर वह चला क्यों गया ? वह बोली - अरे भाभी वह अपनी बड़ी भाभी की बुर लेने गया होगा ? मेरी बड़ी भाभी उसका लण्ड बहुत पसंद करती हैं। मैंने पूंछा - तो तेरा बड़ा भाई कोई ऐतराज़ नहीं करता क्या ? वह बोली - अरे भाभी जान वह क्यों ऐतराज़ करेगा ? वह तो खुद दूसरों की बीवियां चोदता है ऐसे में अपनी बीवी को कैसे रोक सकता है ? मेरे मुंह से जल्दी बाजी में निकल गया - तो फिर एक दिन वह मुझे भी चोदेगा ? नन्द ने जबाब दिया - हां बिलकुल चोदेगा अगर तुमने कोई ऐतराज़ नहीं किया तो ? अगर ऐतराज़ किया तो फिर नहीं चोदेगा ? मैंने मन में कहा मैं क्यों ऐतराज़ करूंगी ? मैं खुद चाहती हूँ की लोग मुझे चोदें।
दूसरे दिन मेरी सास आकर मुझसे बातें करने लगीं। इधर उधर की बातें करते के बाद वह बोली बहू देखो रात में यहाँ सब बीवियां मिलकर मज़ा करती हैं। मैंने कहा सासू जी, मुझे नन्द ने तो कुछ बताया नहीं ? वह बोली - बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? वह बुर चोदी कभी पूरी बात नहीं बताती। सास के मुंह से मुझे मज़ा आ गया। मैं सोंचने लगी की सच में मैं सही घर में आयी हूँ। अब तो मुझे नन्द की बुर और सास का भोसड़ा चोदने का मौक़ा मिलेगा। तब तक मेरी खाला सास आ गयी वह भी बोली हां बहू अब तुम खुल कर रहो। यह तुम्हारा ही घर है ? ये बेटियां बुर चोदी तो अपने घर चली जायेंगीं। मेरी बेटी भी जब मेरी और मेरी बहू की गांड में ऊँगली करती है तो मैंने रोक देती हूँ और कहती हूँ अपने घर में जाकर करना ? यहाँ जो मैं कहती हूँ वो करो। अपनी माँ बहन चुदाओ और मज़ा करो ? सास की बातों ने तो मेरी चूत में आग लगा दी। फिर खाला सास की बेटी भी आ गयी वह बोली भाभी जान मेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा चोदती रहना तभी वह ठीक रहेगी वरना बिना मतलब तेरी गांड में ऊँगली करती रहेगी।
रात का समय आया तो मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी, आज भाई जान तो है नहीं। आज तुमको कौन चोदेगा ? मैंने कहा मुझे क्या मालूम की मुझे कौन चोदेगा ? नहीं कोई चोदेगा तो नहीं सही ? वह मेरे गाल नोचती हुई बोली अरे भाभी मेरे रहते तेरी बुर बिना चुदे नहीं रहेगी। आपको मालूम है की यहाँ कोई भी बीवी बिना चूदे नहीं रहती। सभी बीवियां किसी न किसी का लण्ड पकड़ लेतीं हैं और फिर रात भर लण्ड बदलती रहतीं हैं। खूब मज़ा करती हैं। मैंने कहा तो फिर कोई मना नहीं करता क्या ? कोई नाराज़ नहीं होता क्या ? वह बोली कौन होगा भोसड़ी का नाराज़ ? सबको रात में चूत चाहिए भाभी और सब चूत वालियों को लण्ड चाहिए ? कौन मना करेगी बुर चोदी ? यहाँ तो रात भर लण्ड की जबरदस्त अदला बदली होती है। एक बात सुन लो भाभी ये साले मादर चोद मरद नई नई बीवी चोदने के फिराक में ज्यादा रहते हैं। मैं मन में सोंचने लगी हाय दईया क्या मुझे घर के सारे लोग चोदेंगें ?
नन्द गयी तो मेरी सास आ गया वह बोली बहू रानी शर्माना बिलकुल नहीं ? वह बस इतना ही बोल कर चली गयी तो खाला सास फिर आ गयी बड़े मजे से मजाक करती हुई बोली बहू - तेरी सास की बहन की बुर ? मैंने भी मस्ती में बोल दिया - तेरी बहन की बिटिया की बुर ? वह हंस कर बोली हाय अल्ला, अब तू मेरे बराबर हो गयी है बुर चोदी। बिलकुल मेरी ही जैसी लगती है तू ? मुझे ऐसी की बहू पसंद है जो अपनी सास का भोसड़ा चोदे और नन्द की बुर ? फिर क्या खाला सास ने मेरे गाल प्यार से थपथपाया और मुस्कराती हुई चली गयी। इन सबकी बातों से मुझे लगा की यार मुझे ससुराल में भी मस्ती करने का पूरा मौक़ा मिलेगा। उधर मेरी चूत बुर चोदी गरमा उठी। रात गहराती जा रही थी और मैं लण्ड का इंतज़ार करती जा रही थी। इतने मे मेरी नन्द राबिया आई और मुझे पीछे वाले कमरे में ले गयी। मैंने देखा की कमरा साला बहुत बड़ा है और वहाँ कुछ लोग बैठे हुए हैं। नन्द मुझे सबसे मिलवाने लगी।
बोली भाभी ये है मेरा देवर अज़ीज़ अहमद, ये है मेरा शौहर सफी, ये है मेरा खालू अरमान अली, ये है मेरा अब्बू असलम और यह है मेरी खाला की बेटी रफ़ा का ससुर मसूद।
मैंने सबको एक नज़र से देखा और गद गद हो गयी। मेरी चूत की आग और धधकने लगी। कमरे में २/ ३ बड़े बड़े सोफा पड़े हुए थे। बीच में गद्दे पड़े थे चादरें बिछी हुईं थीं। तकिया मसनद आदि रखे हुए थे। मैं यह समझ नहीं पा रही थी की चुदाई यहाँ सबके सामने ही होगी या फिर अलग अलग कमरों में ? तब तक नन्द ने अपने खालू के गले में बाहें डाल दीं, उसकी चूँचियाँ लगभग थीं। खालू भी सबके सामने उसकी चूँचियाँ दबाने लगा। नन्द उसके लण्ड तक पहुँच गयी। तब तक सास अपनी बेटी के शौहर की तरफ बढ़ी और उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया। मैंने मन में कहा सास क्या भोसड़ी की अपने दामाद से ही चुदवा लेगी ? फिर मैंने देखा की खाला सास का दिल ससुर पर आ गया। वह बोली जीजू अब किस बात की देर है ? आजा न मेरे ऊपर चढ़ जा ? मेरे मन ने फिर कहा हाय अल्ला, आज मैं अपने ससुर का लण्ड देखूँगी। कितना मज़ा आएगा ? तब तक खाला की बेटी रफ़ा अपने ही ससुर के कपड़े उतारने लगी। मैंने सोंचा की आज तो रफ़ा भी अपने ससुर से चुदवा लेगी।
यार ये रात भी बड़ी अज़ब होती है। पता नहीं क्यों रात में लोग लण्ड चूत के आगे सारी दुनियां भूल जातें हैं ? मैंने देखा की मेरी नन्द का देवर मुझे ललचाई नज़रों से देख रहा तह तो मैंने हाथ बढ़ाकर उसे अपनी तरफ घसीट लिया और उसके कान में कहा तुमने ही क्यों बहन चोद अपने लण्ड को छुपा कर रखा है ? अपनी भाभी की बुर चोदते हो और यहाँ हमारे सामने शर्मा रहे हो ? तेरी माँ की चूत ? आज तो में तेरे लण्ड का कीमा बना दूँगी। वह मेरी बातों से उछल पड़ा। उसे मालूम नहीं था की एक नई नवेली बीवी उसे ऐसा कहेगी। उसका लौड़ा साला अंदर ही अंदर तन गया। सबसे पहले सास ने अपने दामाद का लण्ड खोल कर निकाल लिया। मैं समझ गयी की चुदाई यही होगी और सामूहिक चुदाई होगी। मेरी नज़र उसके लण्ड पर पड़ी तो मज़ा आ गया। लण्ड साला बड़ा सख्त और लम्बा भी था। मैंने नन्द के कान में कहा यार तेरे मरद का लण्ड तो सॉलिड है यार ? वह बोली भाभी खुल कर बोलो ताकि सब लोग सुन सकें ? शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। तब मैंने ऊँची आवज़ में वही बात कही तो नन्द में जबाब दिया - अरे भाभी, तभी तो वह मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ेगा ?
अब माहौल में गर्मी आ गयी और शर्म गायब हो गयी। सास बोली बहू, थोड़ा रुक जा, अभी तेरी नन्द की बुर भी फाड़ी जाएगी और तेरी नन्द की बर फाड़ेगा मेरे बहनोई का लण्ड ? बस नन्द अपने खालू न लण्ड चाटने लगी। मैंने आगे बढ़कर नन्द को बिलकुल नंगी कर दिया। उधर मेरी सास और खाला सास दोनों नंगी हो गयीं। खाला की बेटी भी अपने कपड़े उतारने लगी। इस तरह सारी बीवियां नंगी हो गयीं और सारे मरद भी नंग हो गए। सब बीवियों के हाथ में एक एक लण्ड आ गया। मैं मस्ती से नंगी नंगी नन्द के देवर का लौड़ा हिलाने लगी। मैं उसे बड़े गौर से देख रही थी और इसी बीच मैं सबके लण्ड देखने लगी। लण्ड भोसड़ी के सबके जबरदस्त निकले। मेरी चूत तो बहन चोद और गन गना उठी। सबसे बड़ी बात यह थी की किसी बुर चोदी के हाथ में अपने मियां का लण्ड नहीं था। पराये मियां के लण्ड में इतना मज़ा है यह बात बिलकुल सच साबित हो रही थी। मैंने पेल्हड़ लण्ड का टोपा मुंह में भर लिया।
मेरी और खाला की बेटी रफ़ा की चूत बिलकुल चिकनी थीं। झांटें एकदम साफ़ थी। बाकि की चूत पर छोटी छोटी झांटें थीं। इसी तरह मेरे ससुर और नन्द के देवर के लण्ड की छोटी छोटी झांटें थीं बाकी सबके लण्ड एकदम चिकने थे। सब एक दूसरे को देख कर लण्ड चाटने, चूमने और चूसने में जुट हुईं थीं। मरद भी चूँचियाँ मसलने का मज़ा लूटने लगे। बीवियों के नंगे बदन पर हाथ फिराने लगे। कभी चूत पर हाथ , कभी गांड पर हाथ, कभी चूतड़ों पर हाथ और कभी बगल वाली बीवी की चूँचियाँ और बुर सहलाने लगे। मैं पहली बार यह नज़ारा देख रही थी और खून एन्जॉय कर रही थी। एक साथ पांच पांच टन टनाते हुए लण्ड देखने के मौक़ा पहली बार मिल रहा था।
इतने में सास बोली :- बहू देख रही हो तेरी नन्द बुर चोदी कितने मजे से लौड़ा चूस रही है ?
नन्द ने जबाब दिया :- अरे भाभी जान ज़रा अपनी सास को देखो और इसका भोसड़ा देखो ? और ये तो लण्ड चूसने में बड़ी उस्ताद है ? मेरे का मियां का लण्ड चूसने के इसे बड़ा मज़ा आता है ?
उधर से खाला बोली :- दीदी (मेरी सास) तेरी बहन की बिटिया बुर ? देखों न रफा कैसे अपने ही ससुर का लण्ड पी रही है ?
रफ़ा ने कहा :- अरे अम्मी जान कैसा ससुर ? किसका ससुर ? कहाँ का ससुर ? यहाँ न कोई ससुर है और न कोई बहू ? यहाँ तो बस लण्ड है चूत ? किसी के लण्ड पर नहीं लिखा है की वह मेरा ससुर है और किसी की चूत में नहीं लिखा है की मैं उसकी बहू हूँ। ससुर की बहन का भोसड़ा ?
इन प्यारी प्यारी बातों से हम सबकी चूत की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। करीब १० / १५ मिनट यही कार्य क्रम चलता रहा। उसके बाद जो हुआ वह और मजेदार था। नन्द ने पहल की और उसने रफ़ा के हाथ से उसके ससुर का लण्ड पकड़ लिया क्योंकि वह उसके ठीक बगल में था. उसका सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटने लगी, रफ़ा ने अपने अब्बू का लण्ड मेरी नन्द राबिया से ले लिया। यह पहली बार नहीं है जब इन बेटी ने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा है। यह पहले भी अपने अब्बू का लण्ड पी चुकी हैं। सेक्स में कोई किसी का भी लण्ड पी सकती है। और फिर ये भोसड़ी केअब्बू भी तो अपनी ही बेटी की बुर चाटते हैं और उसमे लन्ड पेलते हैं। सेक्स की दुनिया में सब कुछ जायज़ है मेरे दोस्तों ? इतने में मेरी सास ने अपनी बेटी के देवर का लण्ड मुझसे लिया और पकड़ कर हिलाने लगी। खाला ने मेरे नंदोई सफी का लण्ड अपने कब्जे में लिया और उसे अपनी चूँचियों
पर फिराने लगी। मैं भी नहीं रुकी। मैंने भी अपने ससुर का लण्ड अपने हाथ में लिया। और उसे चारों तरफ से देखने लगी। मुझे इतनी जल्दी ससुर से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा मैं यह सोंच भी नहीं सकती थी ? मैं तो पल पल मस्त होती जा रही थी। इस तरह सबके लण्ड बदल गए तो माहौल में एक नई ऊर्जा पैदा हो गयी। एक नया जोश उभर कर सामने आ गया। हम सब एक नया नया लण्ड चूसने चाटने लगी और पेल्हड़ सहलाने लगीं। मस्ती का आलम चरम सीमा पर था।
मैं अपने ससुर का लण्ड चूस रही थी और मेरी चूत खुली थी। मेरी टांगें फैली हुई थी। मेरे नंदोई की निगाह मेरी टाइट चूत पर गयी। उसने लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और धक्का मारा। लण्ड थोड़ी ताकत से घुसाया तो वह घुस भी गया। उसने मुझे चोदना शुरू कर दिया। सास के भोसड़ा में खाला ससुर ने अपना लण्ड घुसेड़ दिया। सास भी बड़ी मस्ती से भकाभक चुदवाने लगी। मेरी नन्द कहाँ पीछे रहने वाली थी। उसे अपने ही अब्बू का लण्ड दिखा। वह थोड़ा आगे खसकी तो उसके अब्बू ने लण्ड चूत में घुसा दिया। मेरी नन्द अपने अब्बू से चुदवाने लगी और मैं उसे देख कर मज़ा लेने लगी। इधर खाला सास अपनी बेटी के ससुर का लण्ड अपनी बुर में घुसाया। वह अपने बेटी के मियां से भी चुदवाती है और बेटी के ससुर से भी। आज बिलकुल साफ़ हो गया है की
चुदाई में किसी भी रिश्ते की कोई अहमियत नहीं है। चुदाई का मज़ा बस लण्ड और चूत में हैं, रिश्तों में नहीं ? रफ़ा मेरी नन्द के देवर का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ लिया। उसे तो चुदवाने के लिए एक लण्ड चाहिए था बस। कमरे में धकाधक चुदाई की आवाजें आने लगीं।
सास बोली :- रफ़ा बेटी, अपनी माँ चुदवा रही है तू भोसड़ी की ?
रफ़ा ने जबाब दिया :- हां खाला जान, अपनी माँ भी चुदवा रही हूँ और माँ की बहन का भोसड़ा भी चुदवा रही हूँ ? भोसड़ा भी देखो कितनी मस्ती से लण्ड खाता जा रहा है ?
खाला सास ने कहा :- दीदी (मेरी सास) तेरी बिटिया की बुर तो मजे से चुद रही है ? और तेरी बहू भी बुर चोदी चुदवाने में बड़ी अव्वल है ? आज पहली बार उसे चुदवाते हुए देख रही हूँ।
मेरी नन्द बोली :- खाला, तेरी बेटी की माँ की चूत ? तेरी बेटी की नन्द की बुर ? तेरी बहू भी तो खूब झमाझम चुदवाती है ? अभी कल उसने मेरे मियां से रात भर चुदवाया ?
इसी तरह की बातें कर कर के, एक दूसरे को गालियों से चिढ़ा चिढ़ा के हम सब चुदाई का मज़ा लूटने लगीं । दो दिन बाद मैं अपने माईके आ गई। मैं अपनी अम्मी नाज़नीन बेगम से मिली और अपनी भाभी हिबा से भी मिली। दोनों बैठ कर मुझसे खुल कर बातें करने लगीं। . मैंने भी खुल कर सब एक एक चुदाई का किस्सा सुनाया। मेरी बातें सुनकर अम्मी और भाभी बड़ी खुश हुई।
मैंने कहा अम्मी अब क्यों न हम लोग भी एक सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम रखें ? वाकई बड़ा मज़ा आता है। अम्मी ने कहा हां हां बिलकुल रखो। मैं तो चाहती हूँ और भाभी ने भी हां में हां मिलाई। फिर मैंने आने वाले शनिवार को चोदा चोदी का प्रोग्राम रख ही लिया।
बीवियों में ग़ैर मर्दों से चुदवाने की फितरत कुदरती होती है। आपको कोई भी बीवी ऐसी नहीं मिलेगी जो पराये मरद का लण्ड पकड़ती न हो, जो पराये मर्दों से चुदवाती न हो ? शुरू शुरू में बीवियां ऐसी हरकत से इंकार करती हैं और कहतीं हैं की ऐसी कोई बात नहीं होती हैं। बीवियां अपने शौहर की वफ़ादार होतीं है और वो कभी किसी पराये मरद के बारे में सोंचती भी नहीं। परन्तु आगे चल कर २/३ साल में ही यह बात गलत साबित हो जाती है। बीवियां पराये मरद की तरफ आकर्षित होने लगतीं हैं और मौका पाकर उनके लण्ड पर टूट पड़ती हैं. उन्हें अपनी चूँचियाँ पकड़ा देतीं हैं। उनके सामने अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी खड़ी हो जातीं हैं। लण्ड पकड़ कर हिलाती हैं, चाटती हैं और चूसती हैं। फिर मौक़ा पाकर चुदवाती हैं। यह काम एकदम चोरी छिपे करतीं हैं . धीरे धीरे जब पता चलने लगता है तो फिर वो खुल्लम खुल्ला लण्ड पकड़ने लगती है और खुले आम चुदवाने लगती हैं। उसके बाद उन्हें खुदा भी नहीं रोक सकता ?
कोई भी बीवी अगर एक बार किसी पराये मरद का लण्ड पकड़ लेती है और उससे चुदवा लेती है तो फिर कितना भी कोई कहे वह पीछे कभी नहीं हटती। आगे ही बढ़ती जाती है। एक के बाद दो लोगों से चुदवाने लगती है, फिर तीन और चार चार लोगों से चुदवाने लगती है। उसे जहाँ भी मौक़ा मिलता है वह हाथ बढ़ाकर किसी का भी लण्ड पकड़ लेती है। उससे सही बात पूंछो तो वह एकदम मुकर जाती है और झूंठ बोलने लगती है की मैंने तो कभी किसी पराये मरद का लण्ड पकड़ा ही नहीं ? बीवियों की झूंठ बोलने की आदत यहीं से शुरू हो जाती है। फिर वह बात बात पर झूंठ बोलने लगती है और अपने हसबैंड को कभी भी सच बात नहीं बतलाती ? घर वालों को तो वह बुर चोदी कुछ समझती ही नहीं ?
यह स्थिति अच्छी नहीं होती ? आगे चल कर मियां बीवी के रिश्तों में दरार पड़ जाती है और फिर किसी दिन विस्फोटक बन जाती है। इसलिए हम सब कुछ ऐसा करें जो सबको सब कुछ मालूम रहे। किसी से भी कुछ न छुपा न रहे और जिसमे मियां भी एन्जॉय करे और बीवी भी एन्जॉय करे ? अगर आप बीवी हैं और पराये मर्दों के लण्ड की शौक़ीन है तो पहले किसी की बीवी अपने सामने ही अपने शौहर से चुदवायें। भले ही वह आपकी सहेली हो, रिस्तेदार हो यार फिर जान पहचान वाली हो ? एक बार अगर आपका शौहर किसी और की बीवी चोद लेता है तो फिर तुम्हारा किसी और के मरद से चुदवाने का खाता खुल जाता है। वह अगर एक बीवी चोदे तो तुम दो मर्दों से चुदवाओ । तुम भी कभी कभी अपने मरद से दूसरीं की बीवियां चुदवाती रहो और उसी आड़ में तुम दूसरे मर्दों से खूब चुदवाती रहो। इससे मियां बीवी के रिश्तों में कभी कोई दरार नहीं पड़ेगी और हमेशा मधुरता बनी रहेगी।
अगर आप मियां हैं और दूसरों की बीवियां चोदना चाहते हैं तो पहले अपनी बीवी अपने सामने चुदवाओ। वह खुल जाएगी और फिर तुम जिसकी चाहो उसकी बीवी चोदते रहो। अगर बीवी को साथ रख कर अपना शौक पूरा करोगे वह खुद दूसरों की बीवियां तुमसे चुदवाती रहेगी। लेकिन फिर वह किस किस चुदवाती है इसका लेखा जोखा रखना तुम्हारे लिए मुश्किल हो जायेगा।
मेरा नाम सूफ़िया है, मैं २५ साल की हूँ मेरी शादी अभी ६ महीने पहले ही हुई है। मैं अभी अपनी ससुराल में हूँ और ससुराल को अच्छी तरह जान गयी हूँ. काफी कुछ तो मुझे अपनी सुहागरात में ही मालूम हो गया था। सुहागरात में पहले तो मुझे मेरे शौहर ने चोदा और चोद कर चला गया। मैं समझ रही थी की वह मेरे साथ ही रात भर सोयेगा लेकिन वह नहीं सोया। सवेरे करीब ५ बजे मेरी नन्द आयी और मुझसे हंस हंस कर बातें करने लगी। बात करते करते उसने पूंछ ही लिया की भाभी तुम्हे मेरे भाई जान का लण्ड कैसा लगा ? मैं उसके सवाल से बहुत कुछ जान गयी। मैंने कहा लण्ड तो बेहतरीन है नन्द रानी ? पर वह चला क्यों गया ? वह बोली - अरे भाभी वह अपनी बड़ी भाभी की बुर लेने गया होगा ? मेरी बड़ी भाभी उसका लण्ड बहुत पसंद करती हैं। मैंने पूंछा - तो तेरा बड़ा भाई कोई ऐतराज़ नहीं करता क्या ? वह बोली - अरे भाभी जान वह क्यों ऐतराज़ करेगा ? वह तो खुद दूसरों की बीवियां चोदता है ऐसे में अपनी बीवी को कैसे रोक सकता है ? मेरे मुंह से जल्दी बाजी में निकल गया - तो फिर एक दिन वह मुझे भी चोदेगा ? नन्द ने जबाब दिया - हां बिलकुल चोदेगा अगर तुमने कोई ऐतराज़ नहीं किया तो ? अगर ऐतराज़ किया तो फिर नहीं चोदेगा ? मैंने मन में कहा मैं क्यों ऐतराज़ करूंगी ? मैं खुद चाहती हूँ की लोग मुझे चोदें।
दूसरे दिन मेरी सास आकर मुझसे बातें करने लगीं। इधर उधर की बातें करते के बाद वह बोली बहू देखो रात में यहाँ सब बीवियां मिलकर मज़ा करती हैं। मैंने कहा सासू जी, मुझे नन्द ने तो कुछ बताया नहीं ? वह बोली - बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? वह बुर चोदी कभी पूरी बात नहीं बताती। सास के मुंह से मुझे मज़ा आ गया। मैं सोंचने लगी की सच में मैं सही घर में आयी हूँ। अब तो मुझे नन्द की बुर और सास का भोसड़ा चोदने का मौक़ा मिलेगा। तब तक मेरी खाला सास आ गयी वह भी बोली हां बहू अब तुम खुल कर रहो। यह तुम्हारा ही घर है ? ये बेटियां बुर चोदी तो अपने घर चली जायेंगीं। मेरी बेटी भी जब मेरी और मेरी बहू की गांड में ऊँगली करती है तो मैंने रोक देती हूँ और कहती हूँ अपने घर में जाकर करना ? यहाँ जो मैं कहती हूँ वो करो। अपनी माँ बहन चुदाओ और मज़ा करो ? सास की बातों ने तो मेरी चूत में आग लगा दी। फिर खाला सास की बेटी भी आ गयी वह बोली भाभी जान मेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा चोदती रहना तभी वह ठीक रहेगी वरना बिना मतलब तेरी गांड में ऊँगली करती रहेगी।
रात का समय आया तो मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी, आज भाई जान तो है नहीं। आज तुमको कौन चोदेगा ? मैंने कहा मुझे क्या मालूम की मुझे कौन चोदेगा ? नहीं कोई चोदेगा तो नहीं सही ? वह मेरे गाल नोचती हुई बोली अरे भाभी मेरे रहते तेरी बुर बिना चुदे नहीं रहेगी। आपको मालूम है की यहाँ कोई भी बीवी बिना चूदे नहीं रहती। सभी बीवियां किसी न किसी का लण्ड पकड़ लेतीं हैं और फिर रात भर लण्ड बदलती रहतीं हैं। खूब मज़ा करती हैं। मैंने कहा तो फिर कोई मना नहीं करता क्या ? कोई नाराज़ नहीं होता क्या ? वह बोली कौन होगा भोसड़ी का नाराज़ ? सबको रात में चूत चाहिए भाभी और सब चूत वालियों को लण्ड चाहिए ? कौन मना करेगी बुर चोदी ? यहाँ तो रात भर लण्ड की जबरदस्त अदला बदली होती है। एक बात सुन लो भाभी ये साले मादर चोद मरद नई नई बीवी चोदने के फिराक में ज्यादा रहते हैं। मैं मन में सोंचने लगी हाय दईया क्या मुझे घर के सारे लोग चोदेंगें ?
नन्द गयी तो मेरी सास आ गया वह बोली बहू रानी शर्माना बिलकुल नहीं ? वह बस इतना ही बोल कर चली गयी तो खाला सास फिर आ गयी बड़े मजे से मजाक करती हुई बोली बहू - तेरी सास की बहन की बुर ? मैंने भी मस्ती में बोल दिया - तेरी बहन की बिटिया की बुर ? वह हंस कर बोली हाय अल्ला, अब तू मेरे बराबर हो गयी है बुर चोदी। बिलकुल मेरी ही जैसी लगती है तू ? मुझे ऐसी की बहू पसंद है जो अपनी सास का भोसड़ा चोदे और नन्द की बुर ? फिर क्या खाला सास ने मेरे गाल प्यार से थपथपाया और मुस्कराती हुई चली गयी। इन सबकी बातों से मुझे लगा की यार मुझे ससुराल में भी मस्ती करने का पूरा मौक़ा मिलेगा। उधर मेरी चूत बुर चोदी गरमा उठी। रात गहराती जा रही थी और मैं लण्ड का इंतज़ार करती जा रही थी। इतने मे मेरी नन्द राबिया आई और मुझे पीछे वाले कमरे में ले गयी। मैंने देखा की कमरा साला बहुत बड़ा है और वहाँ कुछ लोग बैठे हुए हैं। नन्द मुझे सबसे मिलवाने लगी।
बोली भाभी ये है मेरा देवर अज़ीज़ अहमद, ये है मेरा शौहर सफी, ये है मेरा खालू अरमान अली, ये है मेरा अब्बू असलम और यह है मेरी खाला की बेटी रफ़ा का ससुर मसूद।
मैंने सबको एक नज़र से देखा और गद गद हो गयी। मेरी चूत की आग और धधकने लगी। कमरे में २/ ३ बड़े बड़े सोफा पड़े हुए थे। बीच में गद्दे पड़े थे चादरें बिछी हुईं थीं। तकिया मसनद आदि रखे हुए थे। मैं यह समझ नहीं पा रही थी की चुदाई यहाँ सबके सामने ही होगी या फिर अलग अलग कमरों में ? तब तक नन्द ने अपने खालू के गले में बाहें डाल दीं, उसकी चूँचियाँ लगभग थीं। खालू भी सबके सामने उसकी चूँचियाँ दबाने लगा। नन्द उसके लण्ड तक पहुँच गयी। तब तक सास अपनी बेटी के शौहर की तरफ बढ़ी और उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया। मैंने मन में कहा सास क्या भोसड़ी की अपने दामाद से ही चुदवा लेगी ? फिर मैंने देखा की खाला सास का दिल ससुर पर आ गया। वह बोली जीजू अब किस बात की देर है ? आजा न मेरे ऊपर चढ़ जा ? मेरे मन ने फिर कहा हाय अल्ला, आज मैं अपने ससुर का लण्ड देखूँगी। कितना मज़ा आएगा ? तब तक खाला की बेटी रफ़ा अपने ही ससुर के कपड़े उतारने लगी। मैंने सोंचा की आज तो रफ़ा भी अपने ससुर से चुदवा लेगी।
यार ये रात भी बड़ी अज़ब होती है। पता नहीं क्यों रात में लोग लण्ड चूत के आगे सारी दुनियां भूल जातें हैं ? मैंने देखा की मेरी नन्द का देवर मुझे ललचाई नज़रों से देख रहा तह तो मैंने हाथ बढ़ाकर उसे अपनी तरफ घसीट लिया और उसके कान में कहा तुमने ही क्यों बहन चोद अपने लण्ड को छुपा कर रखा है ? अपनी भाभी की बुर चोदते हो और यहाँ हमारे सामने शर्मा रहे हो ? तेरी माँ की चूत ? आज तो में तेरे लण्ड का कीमा बना दूँगी। वह मेरी बातों से उछल पड़ा। उसे मालूम नहीं था की एक नई नवेली बीवी उसे ऐसा कहेगी। उसका लौड़ा साला अंदर ही अंदर तन गया। सबसे पहले सास ने अपने दामाद का लण्ड खोल कर निकाल लिया। मैं समझ गयी की चुदाई यही होगी और सामूहिक चुदाई होगी। मेरी नज़र उसके लण्ड पर पड़ी तो मज़ा आ गया। लण्ड साला बड़ा सख्त और लम्बा भी था। मैंने नन्द के कान में कहा यार तेरे मरद का लण्ड तो सॉलिड है यार ? वह बोली भाभी खुल कर बोलो ताकि सब लोग सुन सकें ? शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। तब मैंने ऊँची आवज़ में वही बात कही तो नन्द में जबाब दिया - अरे भाभी, तभी तो वह मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ेगा ?
अब माहौल में गर्मी आ गयी और शर्म गायब हो गयी। सास बोली बहू, थोड़ा रुक जा, अभी तेरी नन्द की बुर भी फाड़ी जाएगी और तेरी नन्द की बर फाड़ेगा मेरे बहनोई का लण्ड ? बस नन्द अपने खालू न लण्ड चाटने लगी। मैंने आगे बढ़कर नन्द को बिलकुल नंगी कर दिया। उधर मेरी सास और खाला सास दोनों नंगी हो गयीं। खाला की बेटी भी अपने कपड़े उतारने लगी। इस तरह सारी बीवियां नंगी हो गयीं और सारे मरद भी नंग हो गए। सब बीवियों के हाथ में एक एक लण्ड आ गया। मैं मस्ती से नंगी नंगी नन्द के देवर का लौड़ा हिलाने लगी। मैं उसे बड़े गौर से देख रही थी और इसी बीच मैं सबके लण्ड देखने लगी। लण्ड भोसड़ी के सबके जबरदस्त निकले। मेरी चूत तो बहन चोद और गन गना उठी। सबसे बड़ी बात यह थी की किसी बुर चोदी के हाथ में अपने मियां का लण्ड नहीं था। पराये मियां के लण्ड में इतना मज़ा है यह बात बिलकुल सच साबित हो रही थी। मैंने पेल्हड़ लण्ड का टोपा मुंह में भर लिया।
मेरी और खाला की बेटी रफ़ा की चूत बिलकुल चिकनी थीं। झांटें एकदम साफ़ थी। बाकि की चूत पर छोटी छोटी झांटें थीं। इसी तरह मेरे ससुर और नन्द के देवर के लण्ड की छोटी छोटी झांटें थीं बाकी सबके लण्ड एकदम चिकने थे। सब एक दूसरे को देख कर लण्ड चाटने, चूमने और चूसने में जुट हुईं थीं। मरद भी चूँचियाँ मसलने का मज़ा लूटने लगे। बीवियों के नंगे बदन पर हाथ फिराने लगे। कभी चूत पर हाथ , कभी गांड पर हाथ, कभी चूतड़ों पर हाथ और कभी बगल वाली बीवी की चूँचियाँ और बुर सहलाने लगे। मैं पहली बार यह नज़ारा देख रही थी और खून एन्जॉय कर रही थी। एक साथ पांच पांच टन टनाते हुए लण्ड देखने के मौक़ा पहली बार मिल रहा था।
इतने में सास बोली :- बहू देख रही हो तेरी नन्द बुर चोदी कितने मजे से लौड़ा चूस रही है ?
नन्द ने जबाब दिया :- अरे भाभी जान ज़रा अपनी सास को देखो और इसका भोसड़ा देखो ? और ये तो लण्ड चूसने में बड़ी उस्ताद है ? मेरे का मियां का लण्ड चूसने के इसे बड़ा मज़ा आता है ?
उधर से खाला बोली :- दीदी (मेरी सास) तेरी बहन की बिटिया बुर ? देखों न रफा कैसे अपने ही ससुर का लण्ड पी रही है ?
रफ़ा ने कहा :- अरे अम्मी जान कैसा ससुर ? किसका ससुर ? कहाँ का ससुर ? यहाँ न कोई ससुर है और न कोई बहू ? यहाँ तो बस लण्ड है चूत ? किसी के लण्ड पर नहीं लिखा है की वह मेरा ससुर है और किसी की चूत में नहीं लिखा है की मैं उसकी बहू हूँ। ससुर की बहन का भोसड़ा ?
इन प्यारी प्यारी बातों से हम सबकी चूत की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। करीब १० / १५ मिनट यही कार्य क्रम चलता रहा। उसके बाद जो हुआ वह और मजेदार था। नन्द ने पहल की और उसने रफ़ा के हाथ से उसके ससुर का लण्ड पकड़ लिया क्योंकि वह उसके ठीक बगल में था. उसका सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटने लगी, रफ़ा ने अपने अब्बू का लण्ड मेरी नन्द राबिया से ले लिया। यह पहली बार नहीं है जब इन बेटी ने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा है। यह पहले भी अपने अब्बू का लण्ड पी चुकी हैं। सेक्स में कोई किसी का भी लण्ड पी सकती है। और फिर ये भोसड़ी केअब्बू भी तो अपनी ही बेटी की बुर चाटते हैं और उसमे लन्ड पेलते हैं। सेक्स की दुनिया में सब कुछ जायज़ है मेरे दोस्तों ? इतने में मेरी सास ने अपनी बेटी के देवर का लण्ड मुझसे लिया और पकड़ कर हिलाने लगी। खाला ने मेरे नंदोई सफी का लण्ड अपने कब्जे में लिया और उसे अपनी चूँचियों
पर फिराने लगी। मैं भी नहीं रुकी। मैंने भी अपने ससुर का लण्ड अपने हाथ में लिया। और उसे चारों तरफ से देखने लगी। मुझे इतनी जल्दी ससुर से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा मैं यह सोंच भी नहीं सकती थी ? मैं तो पल पल मस्त होती जा रही थी। इस तरह सबके लण्ड बदल गए तो माहौल में एक नई ऊर्जा पैदा हो गयी। एक नया जोश उभर कर सामने आ गया। हम सब एक नया नया लण्ड चूसने चाटने लगी और पेल्हड़ सहलाने लगीं। मस्ती का आलम चरम सीमा पर था।
मैं अपने ससुर का लण्ड चूस रही थी और मेरी चूत खुली थी। मेरी टांगें फैली हुई थी। मेरे नंदोई की निगाह मेरी टाइट चूत पर गयी। उसने लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और धक्का मारा। लण्ड थोड़ी ताकत से घुसाया तो वह घुस भी गया। उसने मुझे चोदना शुरू कर दिया। सास के भोसड़ा में खाला ससुर ने अपना लण्ड घुसेड़ दिया। सास भी बड़ी मस्ती से भकाभक चुदवाने लगी। मेरी नन्द कहाँ पीछे रहने वाली थी। उसे अपने ही अब्बू का लण्ड दिखा। वह थोड़ा आगे खसकी तो उसके अब्बू ने लण्ड चूत में घुसा दिया। मेरी नन्द अपने अब्बू से चुदवाने लगी और मैं उसे देख कर मज़ा लेने लगी। इधर खाला सास अपनी बेटी के ससुर का लण्ड अपनी बुर में घुसाया। वह अपने बेटी के मियां से भी चुदवाती है और बेटी के ससुर से भी। आज बिलकुल साफ़ हो गया है की
सास बोली :- रफ़ा बेटी, अपनी माँ चुदवा रही है तू भोसड़ी की ?
रफ़ा ने जबाब दिया :- हां खाला जान, अपनी माँ भी चुदवा रही हूँ और माँ की बहन का भोसड़ा भी चुदवा रही हूँ ? भोसड़ा भी देखो कितनी मस्ती से लण्ड खाता जा रहा है ?
खाला सास ने कहा :- दीदी (मेरी सास) तेरी बिटिया की बुर तो मजे से चुद रही है ? और तेरी बहू भी बुर चोदी चुदवाने में बड़ी अव्वल है ? आज पहली बार उसे चुदवाते हुए देख रही हूँ।
मेरी नन्द बोली :- खाला, तेरी बेटी की माँ की चूत ? तेरी बेटी की नन्द की बुर ? तेरी बहू भी तो खूब झमाझम चुदवाती है ? अभी कल उसने मेरे मियां से रात भर चुदवाया ?
इसी तरह की बातें कर कर के, एक दूसरे को गालियों से चिढ़ा चिढ़ा के हम सब चुदाई का मज़ा लूटने लगीं । दो दिन बाद मैं अपने माईके आ गई। मैं अपनी अम्मी नाज़नीन बेगम से मिली और अपनी भाभी हिबा से भी मिली। दोनों बैठ कर मुझसे खुल कर बातें करने लगीं। . मैंने भी खुल कर सब एक एक चुदाई का किस्सा सुनाया। मेरी बातें सुनकर अम्मी और भाभी बड़ी खुश हुई।
मैंने कहा अम्मी अब क्यों न हम लोग भी एक सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम रखें ? वाकई बड़ा मज़ा आता है। अम्मी ने कहा हां हां बिलकुल रखो। मैं तो चाहती हूँ और भाभी ने भी हां में हां मिलाई। फिर मैंने आने वाले शनिवार को चोदा चोदी का प्रोग्राम रख ही लिया।
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