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मेरी चूत गांड चूचियां मेरे कण्ट्रोल में नहीं है - Meri chut gand chuchiyan mere control me nahi
मेरी चूत गांड चूचियां मेरे कण्ट्रोल में नहीं है - Meri chut gand chuchiyan mere control me nahi ,
मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा नाम हिना है दोस्तों. मैं एक मस्त जवान और हॉट लड़की हूँ, अपने मन की रानी हूँ, अपने मन का करती हूँ मैं किसी की नहीं सुनती। मैं अगर मन का अपनी जवानी में नहीं करूंगी तो कब करूंगी। सच में दोस्तों, मैं बहुत बड़ी हरामजादी हूँ. बहुत बड़ी बुर चो दी हूँ मैं और मादर चोद हूँ। मैं क्या करूं ? ये जवानी बुर चोदी मुझसे सब कुछ करवा रही है। मेरी जवानी मेरे कण्ट्रोल में नहीं है। मेरी चूत मेरे कण्ट्रोल में नहीं है मेरी चूँचियाँ भी मेरे काबू में नहीं रहतीं हमेशा बाहर आने की कोशिश करती हैं। मैं बहुत मना करती हूँ लेकिन मेरे चलने पर ये साली उछलती ही रहतीं हैं। मेरी गांड भी चलने पर मटकती रहती है। मेरी गांड तक मेरा कहना नहीं मानती। और क्या तुम जानते हो दोस्तों की मेरा सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज कौन सी है ? जी हां आपने बिलकुल सही समझा। मेरी सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज है 'लण्ड' 'लण्ड' और 'लण्ड' ?
मैं इब्राहिम अंकल के घर अक्सर आया जाया करती थी। मुझे पढ़ने का बड़ा शौक था और उससे ज्यादा इंग्लिश बोलने का बड़ा शौक था। मुझे एक दिन मालूम हुआ की इब्राहिम अंकल बहुत अच्छी इंग्लिश जानतें हैं तो मैं उनसे इंग्लिश पढ़ने जाने लगी और वो मुझे बड़े प्यार से इंग्लिश पढ़ाने लगे । २/३ महीने में ही मैं काफी कुछ सीख गयी थी। कुछ शब्दों को बोलना और उनके माने भी सीख गयी थी। अंकल की उम्र लगभग ४५ साल की थी। वह काफी हैंडसम थे, गोरे चिट्टे थे और बहुत हॉट भी। मेरी उम्र उस समय २० साल की थी। मैं पूरी जवान हो चुकी थी। मेरे बूब्स बड़े बड़े हो गए थे। मेरी जांघें भी मोटी मोटी हो गयीं थीं। मेरी कमर पतली थी पर कूल्हे बड़े बड़े थे और मेरे चूतड़ भी उभर आये थे। मेरी गांड तो बहुत मस्त हो गयी थी। मेरी चूत बिलकुल पक चुकी थी और उस पर काली काली घनी घनी झांटें बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रहीं थीं। इसलिए मैंने झांटें कभी साफ़ नहीं करवाईं बल्कि ट्रिम करवा लेती थी। मैं जब भी ब्यूटी पार्लर जाती तो अपनी झांटें भी ट्रिम करवा लेती थी। ब्यूटी पार्लर में क्या क्या होता है वह मैं आपको बाद में बताऊंगी।
इधर धीरे धीरे अंकल मेरे में कुछ ज्यादा ही रूचि लेने लगा और मैं भी उसकी तरफ खिंचने लगी। इसी बीच मुझे लण्ड पकड़ने की लत लग गयी थी। मैं अपने कॉलेज के लड़कों के लण्ड पकड़ने लगी। पहले तो सिनेमा हाल में लण्ड पकड़ती थी और फिर किसी सहेली के घर जाकर वहां लड़कों को बुलाकर लण्ड पकड़ने लगी। फिर मैं लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी और मुठ्ठ मार कर लण्ड पीने लगी। इसी बीच मैंने अपनी खाला के बेटे का लण्ड पकड़ा, फूफी के बेटे ने भी एक दिन मुझे अपना लण्ड पकड़ा दिया और एक दिन मौके से मैंने मामू जान का लौड़ा भी पकड़ लिया। मेरी लण्ड पकड़ने की हिम्मत दिन पर दिन बढ़ने लगी। मुझे मज़ा आने लगा और फिर मैंने कभी मुड़ कर नहीं देखा। अब मेरी नज़र अंकल के लण्ड पर थी। मैं मौके की तलाश में थी और मन बना लिया था की एक न एक दिन मैं अंकल का लण्ड पकड़ ही लूंगी।
अंकल को शराब पीने की आदत थी। वह घर में एक ढीली ढीली नेकर ही . वह क्रिश्चियन था और अकेले ही रहता था। उसके पास जाने की कुछ दिन बाद उसमे मुझे भी शराब पीना सिखा दिया। मैं भी उसके साथ बैठ कर शराब पीने लगी और मस्ती करने लगी। धीरे धीरे मैं छोटे छोटे कपड़े पहन कर अंकल के पास जाने लगी। और एक दिन तो हद ही हो गयी। जब मैंने नीचे एक घाघरा पहना लिया और ऊपर बस एक छोटी सी ब्रा। मुझे भला कौन मना करने वाला था। मेरी दोनों चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहीं थीं। मैंने सीधे अंकल के सामने ही बैठ गयी और शराब पीने लगी। वह बोला आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो बेबी हिना। मैंने कहा आज तुम भी बड़े हैंडसम लग रहे हो अंकल। तुम मुझे नेकर में बड़े अच्छे लगते हो अंकल ? वह बोला हिना मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ। तुम मेरी सबसे अच्छी और खूबसूरत स्टूडेंट हो। मैंने कहा अंकल तुम मुझे नंगे बदन बड़े अच्छे लगते हो। अगर तुम पूरे कपड़े उतार दो अंकल तो और ज्यादा अच्छे लगोगे ? वह हंसने लगा और बोला तुम मुझे सबके सामने नंगा करना चाहती हो हिना। मैंने कहा नहीं अंकल सबके सामने नहीं सिर्फ मैं अपने सामने तुम्हे नंगा करना चाहती हूँ।
वह इस बार और जोर से हंसा और बोला हिना तुम मजाक अच्छा कर लेती हो।
मैंने कहा - I am not joking uncle . I am seriously telling I want to see you totally naked . I will also be naked before you . I want to know how big and strong your LUND is !
ऐसा बोल कर मैंने अपनी चूँचियाँ खोल कर उसे दिखा दीं। मैं कहने को तो इंग्लिश में cock या dick भी कह सकती थी लेकिन जो मज़ा 'लण्ड' कहने में है वो मज़ा इन इंग्लिश शब्दों में कहाँ ? वह मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर मस्त हो गया और बोला हिना तुम तो इंग्लिश अच्छी तरह बोल लेती हो, मैंने कहा भोसड़ी के अंकल मैं लण्ड भी अच्छी तरह पी लेती हूँ। ऐसा बोल कर मैं उठी और बेहिचक उसकी नेकर में हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया। मैं बोली वाओ, लण्ड तो तेरा खड़ा है अंकल। तो फिर इसे बाहर क्यों नहीं निकालते ? तेरा लण्ड तो बहन चोद मेरी चूँचियाँ देख कर मस्त हो गया है। बस फिर क्या ? अंकल ने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया और बोला I love you Hina .
ऐसे में मेरा घाघरा खुल गया और मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी। मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत अंकल के सामने आ गयी। उसने मेरी चूत पर उंगलियां फेरना शुरू कर दिया। मैंने उसका लण्ड अपने हाथ में लिया और उसकी कई बार प्यार से चुम्मी ली। पेल्हड़ भी मस्ती से चूमा और तो बस लण्ड में ही खो गयी।
उसने लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। फिर धीरे से घुसाने लगा लण्ड मुझे मज़ा तो आ रहा था लेकिन जो दर्द हुआ उसकी वजह से मैं चिल्ला पड़ी - उई माँ फट गयी मेरी चूत, इस साले मादर चोद अंकल ने फाड़ डाला तेरी बिटिया की बुर , अम्मी। इतना मोटा लण्ड पेल दिया इसने मेरी चूत में। हाय दईया मज़ा तो आया पर मेरी चूत चीथड़े उड़ जायेगें। वह साला चोदने लगा मैंने कहा अरे अंकल ज़रा धीरे धीरे चोदो भोसड़ी के। मैं कहीं भाग नहीं जाऊंगी। अब तो चुदवाकर ही जाऊंगी। उसने चोदने की स्पीड बढ़ा और मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। अंकल मेरी उछलती हुई चूँचियाँ देख रहा था। वह बोला बड़ी सख्त चूत है तेरी हिना। मैंने मजाक में कहा चोदने में तेरी गांड फट रही है क्या अंकल ? अब तो मैं बिलकुल बेशर्मी पर उतारू हो चुकी थी। जो मुझे चोदे उससे शर्म कैसी ? और जो मेरी माँ चोदे उससे तो और भी शर्म नहीं। ये तो साला मेरी माँ भी चोदने को तैयार है। इसका लण्ड इतना मजेदार है की मैं अपनी माँ तो चुदवा ही लूंगी।
लण्ड चूँकि बड़ा टाइट होकर घुस रहा था इसकिये अंकल के लण्ड बड़ी जल्दी दम तोड़ दी। वह बोला हिना मैं निकल जाऊंगा। मैंने कहा मैं निकालूंगी भोसड़ी के तेरे लण्ड का मसाला ? मैं गचागच सड़का मारने लगी। फिर उसके लण्ड ने मेरे मुंह में भी उगल दिया मसाला।
मैं जब घर आयी तो अम्मी ने पूंछा - कहाँ से माँ चुदा के आ रही है तू बुर चोदी हसीना ?
आपको दोस्तों, यह सवाल सुनकर बड़ा अजीब लग रहा होगा की कोई माँ अपनी बेटी से ऐसे सवाल कैसे पूंछ सकती है ? तो मैं आपको बता दूँ की मैं जिस समय १६ साल की थी जो जवानी के जोश में मैंने एक लड़के को बुर्का पहनाकर उसे अपने घर बुला लिया था। अम्मी बाज़ार गयीं थी। इसी बीच मैं नंगी हुई और उसे भी नंगा कर दिया था। मैं बड़े प्यार से उसका लण्ड मुंह में डाले हुए चूस रही थी। इतने में अम्मी कमरे में आ गयीं और तब उसने मुझे खूब डांटा। वह लड़का तो अपनी जान बचाकर भाग गया। मेरे आँख में आंसू आ गए. अम्मी ने कहा अभी तू बच्ची है, हसीना। तुझे नहीं मालूम इससे कितना बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए जब तक तू १८ साल की नहीं हो जाती तब तक मैं ये सब बर्दास्त नहीं करूंगी। आगे से ऐसा करेगी तो मैं तेरी खाल खींच लूंगी। मैं सच में डर गयी थी।
मैं जब १८ साल की हुई तो एक दिन अम्मी ने मुझे कमरे में बुलाया और अरबाज़ अंकल का लण्ड पकड़ा दिया। बोली हसीना बुर चोदी अब तू मस्त जवान हो गयी है। पकड़ ले अंकल का लण्ड और पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में ? आज से तू माँ चुदाना शुरू कर दे। और सुन चुदाई के साथ गाली देना भी शुरू कर दे। वैसे गाली तो मैंने पहले से ही देती थी। मैंने लण्ड पकड़ कर चूमा और फिर चाटने लगी। वह मुस्कराकर बोली हसीना तेरी माँ की बिटिया की बुर ? फिर मैं भी बोल पड़ी अम्मी, तेरी बिटिया की माँ की चूत ? उस दिन से हम दोनों मिलकर लण्ड का मज़ा लेने लगीं।
मैंने देखा की कमरे में मेरी फूफी बैठी हैं और उसके साथ एक मस्त नौजवान लड़का भी। मैंने उसे देख कर बोली - कौन है ये माँ का लौड़ा अम्मी जान ?
यहाँ भी मैं आपको बताना चाहूंगी की मैं और मेरी सहेलियां कॉलेज में लड़कों को 'लौड़ा' कह कर बुलाती थी। जैसे - यार देखो कितना मस्त लौड़ा आ रहा है, ये तो लौड़ा गांड मरा कर आया है, हां लौड़े बता तेरा लौड़ा खड़ा होता है की नहीं, वो देखो एक झड़ता हुआ लौड़ा आ रहा है, ये लौड़े भोसड़ी वाले झांट बनाकर नहीं आते ? आदि अदि। हम सब लड़कियों को 'चूत' कह कर बुलाती थी। जैसे - यार आज यह 'चूत' बड़ी स्मार्ट लग रही है, बड़ी बहन चोद सज धज कर आयी ये 'चूत', ये 'चूत' तो अपनी माँ चुदा के आयी है यार, ये 'चूत' अपनी झांटें उखाड़ बनाकर आयी है, हाय दईया, वो देखो लण्ड पीकर आ रही है एक मोटी सी 'चूत'. देखो इस 'चूत' की झांटें सुलग रहीं हैं यार. आदि आदि।
अम्मी जान बोली - अरी हिना ये लौड़ा नहीं है, तेरी फूफी का देवर है.
मैंने कहा अरे अम्मी जान मैं लड़कों को लौड़ा ही कर बुलाती हूँ।
वह मेरी बात पर हंसने लगीं। मेरी फूफी सबीना अम्मी के पास ही बैठी थीं और तब तक मेरी खाला जान भी आ गयी। उसका नाम है करीना। ये दोनों मेरी ही उम्र की हैं। इनकी शादी हो गयी है और मेरी होने वाली है। मुझे देख कर फूफी बोली - हिना, तेरी माँ की बहन की बुर। फूफी ने मेरी खाला की बुर को गाली दी। तो खाला कहाँ चुप रहने वाली थी। वह बोली - हिना, तेरी माँ की नन्द की चूत ? खाला ने भी अच्छा मजाक किया। माहौल पूरा हंसी मजाक का हो गया।
वह बोली - मैं तुम्हे बता तो सकती हूँ पर बताऊंगी नहीं क्योंकि तेरा मज़ा किरकिरा हो जायेगा। तुझे अगर अपनी माँ चुदवानी हो तो बताओ ? मैं फिर खोल कर दिखा दूँगी उसका लण्ड ?
मैंने कहा - अरे यार मैं तो बस यह कह रही थी की वो भी भाभी कोई भाभी है जो अपने देवर का लण्ड न पकड़े ? अपने देवर से न चुदवाये ? और वो भी देवर कोई देवर है जो अपनी भाभी की चूँचियाँ न पकड़े और को अपनी भाभी की बुर न चोदे ?
दोनों देवर बैठे बैठे इन बातों का मज़ा ले रहे थे। तब तक अम्मी जान (हज़ारा बेगम) उठ कर कहीं चली गयी। मैंने कहा - फूफी जान ये तो देवरों के लण्ड की बात है। मैं तो तेरे शौहर के लण्ड की भी बात करूंगी। मैं खाला जान के शौहर के लण्ड की बात करूंगी। बात ही नहीं करूंगी बल्कि पकड़ कर देखूँगी भी।
खाला बोली - बुर चोदी हिना तू मेरे शौहर का लण्ड अपनी चूत में घुसा लेना। तू मेरे शौहर से अपनी माँ चुदवा लेना। मैं नहीं मना करूंगी। लेकिन एक बात सुन ले। तेरी शादी होने वाली है. मैं भी तेरे शौहर का लण्ड अपनी चूत में पेलूंगी और तेरे सामने पेलूँगी। तेरी माँ का भोसड़ा, हिना ? तू अपने आपको क्या समझती है। मैं तो तेरे अब्बा का भी लण्ड अपनी चूत ले लेती हूँ।
मैंने हंस कर कहा - तब तो बड़ा मज़ा आता होगा मेरे बाप से चुदवाने में खाला जान ?
सब लोगों ने ठहाका लगाया और खूब एन्जॉय किया। हमारे घर में इसी तरह हंसी खुशी का माहौल रहता है। शाम को हम सब बैठी हुई बातें कर रहीं थीं। तभी किसी ने डोर बेल बजायी। मैं उठी और दरवाजा खोल दिया। सामने मेरे अब्बू का दोस्त अब्दुल खड़ा था। मैं उसे आज बहुत दिनों के बाद देख रही थी। मैंने उसे अंदर आने को कहा। जब वह अंदर आया तो अम्मी ने कहा अरे अब्दुल तुम भोसड़ी के इतने दिनों के बाद आये हो ? कहाँ था तू इतने दिनों तक ? वह बोला भाभी जान मैं दुबई चला गया था। कल ही वापस आया हूँ और आज आपके सामने हूँ। मैं आपको कैसे भूल सकता हूँ। और अब तो तेरी बेटी हिना भी बड़ी हो गयी है। अम्मी ने कहा बड़ी नहीं अब वह पूरी जवान हो चुकी है। उसकी तो शादी होने वाली है। अब्दुल उन लोगों से भी मिला जो लोग वहां बैठे हुए थे। सबके देख कर उसका चेहरा खिल गया।
रात को अब्दुल अम्मी के कमरे में चला गया। मेरी फूफी और खाला एक कमरे में चली गयी और मैं अपने कमरे में कुछ काम करने लगी। काम ख़तम करने के बाद मैं अम्मी के कमरे की तरफ बढ़ी। तब मुझे अम्मी की कुछ आवाज़ें सुनाई पड़ी। मैंने धीरे से कमरे में झांका। मैं यह देख कर दंग रह गयी की अम्मी अब्दुल अंकल का लण्ड पकड़ कर हिला रहीं थीं। अम्मी भी नंगी थी और अंकल भी। इतना मोटा तगड़ा लण्ड देख कर मेरे बदन ने बहन चोद करंट लग गया। तो मैं चुपचाप खड़ी होकर उनकी बातें सुनने लगी।
अम्मी - अब्दुल, तेरा लण्ड तो पहले से बड़ा मोटा हो गया है यार ?
अंकल - हां भाभी हो सकता है।
अम्मी - लगता है की दुबई में इसे अच्छी ख़ुराक मिल रही है।
अंकल - हां भाभी बात तो सही है। मुझे वहां किसी बात की कमी नहीं है।
अम्मी - सुना है तेरी बीवी कई मर्दों से चुदवाती है ?
अंकल - हां यह बात मुझे भी मालूम है। लेकिन मैं कोई ऐतराज़ नहीं करता क्योंकि मैं भी कई लोगों की बीवियां चोदता हूँ।
अम्मी - हाय दईया तभी तेरा लण्ड इतना मोटा हो गया है। लेकिन अब तो तेरी बेटी भी बड़ी हो गयी होगी। अंकल - हां भाभी वह पूरी जवान हो गयी है वो और उसकी शादी भी हो गयी।
अम्मी - अच्छा, तो क्या वह भी गैर मर्दों से चुदवाती है ?
अंकल - हां बिलकुल चुदवाती है। वह भी जवान हैं। उसके भी बदन में आग है भाभी। अगर वह गैर मर्दों से चुदवाती है तो इसमें हर्ज़ ही क्या है ? मैं तो कहता हूँ की वह जवानी का मज़ा खूब लुटे।
अम्मी - मैं इसलिए पूंछ रही हूँ की मेरी बेटी हिना भी जवान हो चुकी है। उसकी भी अगले महीने शादी होने वाली है। वह भी गैर मर्दों से चुदवायेगी तो कोई हर्ज़ नहीं है न ?
अंकल - अरे बिलकुल नहीं भाभी ? बल्कि मैं तो कह रहा था की आज अगर वह आपके साथ यहाँ होती तो ,,,,,,,,,,, ?
अम्मी - हां हां मैं समझ रही हूँ। तेरा लण्ड साला मेरी बेटी के नाम कर देखो कैसे गुर्रा कर खड़ा हो गया है। लेकिन अभी तो पूरी रात पड़ी है। पहले मेरी बुर ले लो फिर उसकी भी बुर ले लेना।
उनकी बातें सुनकर मेरी चूत की आग जबरदस्त तरीके से भड़क गयी। लेकिन मैं यह समझ गयीं की अम्मी पहले खुद चुदवाना चाहती है। इसलिए मैं खाला के कमरे में चली गयी। वहां जाकर मैंने देखा की फूफी अपने सारे कपड़े खोले हुए अपने देवर का लण्ड चाट रहीं हैं और खाला भी अपने सारे कपड़े उतार कर अपने देवर का लण्ड चाट रहीं हैं। मेरी नज़र दोनों लण्ड पर पड़ी तो मेरे बदन में करंट लग गया।
मैं बोली - अरी मेरी बुर चोदी खाला और फूफी जान ये तुम लोग क्या चूतियापा कर रही हो ? अपने अपने देवर का लण्ड तो घर में भी चाटती हो ? तो फिर यहाँ क्यों चाट रही हो ? इसमें कौन सा नया मज़ा आ रहा है ? अरे मज़ा तो तब है जब तुम लोग एक दूसरे के देवर का लण्ड चाटो। ऐसा कह कर मैंने खाला के देवर का लण्ड फूफी को पकड़ा दिया और फूफी के देवर का लण्ड खाला को पकड़ा दिया। लण्ड भी साले फड़फड़ा उठे और उन्हें मज़ा भी आने लगा। फूफी बोली हाय हिना तू बहुत ही तज़ुर्बेकार है, यार। तुझे तो अपनी माँ चुदाने में बड़ा मज़ा आता होगा और तेरी माँ को भी ज्यादा मज़ा आता होगा ? मैंने कहा अरे मेरी माँ की बुर चोदी नन्द, मैं तो तेरी बुर चुदाने में भी मज़ा ले लूंगी।
तब तक खाला ने अपनी ऊँगली मेरी चूत में घुसा दी। इतिफाक से मैं भी नंगी थी। मैंने बाते कर ही रही थी की
खाला ने फूफी के देवर का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और मैं जब तक कुछ कह पाती तब तक वह मुझे भकाभक चोदने लगा। मैं फिर कुछ बोली और मस्ती से चुदवाने लगी। थोड़ी देर बाद फूफी ने भी खाला के देवर का लण्ड मेरी बुर में ठोंक दिया और बोली हिना अब मैं तेरी बुर चोदूँगी। इतने में पीछे से आवाज़ आयी अगर तू मेरी चोदेगी तो मैं तेरी बुर चोदूँगी नन्द रानी। यह आवाज़ मेरी अम्मी की थी। मैंने देखा की वह अब्दुल अंकल का लण्ड पकड़े पकड़े कमरे में आ गयीं हैं। वह बड़ी बेशर्मी से बोली अब मैं अब्दुल का लण्ड तुम सबकी चूत में पेलूँगी। अम्मी ने वैसा किया भी। फिर तो इस कदर लण्ड की अदला बदली कर हम सबकी चुदाई हुई जिसे हम लोग आज भी याद करतीं हैं। अब्दुल अंकल ने भी मेरी चूत का खूब बाजा बजाया।
एक दिन मैंने कहा - अम्मी मैं माँ चुदाने जा रही हूँ अपनी ?
वह बोली - हाय दईया, तू क्या कह रही है ? मैं तो यहीं बैठी हूँ। तू किस ले जा रही है ?
मैंने कहा - मैं तुम्हे ही ले जा रही हूँ, अम्मी
वह बोली - तो तू किससे चुदवायेगी अपनी माँ ?
मैंने कहा - है कोई मरद ? है कोई बड़े लण्ड वाला मरद, अम्मी जान ?
वह बोली - कितना बड़ा लण्ड है उसका ? अब्दुल के लण्ड से बड़ा है क्या ?
मैंने कहा - बेशक ! बड़ा भी है और मोटा भी है।
वह बोली - तब तो जरूर ले जा अपनी माँ और चुदवा।
मैं अम्मी को लेकर इब्राहिम अंकल के घर पहुँच गयी। अंकल मुझे देख कर खुश हुआ। मैंने अपनी अम्मी को उससे मिलवाया और कहा ये मेरी माँ है अंकल। मैंने कहा था न की एक दिन मैं तुमसे अपनी माँ चुदवाऊंगी तो आज मैं अपनी माँ चुदवाने आयी हूँ, अंकल । अंकल बड़ी देर तक अम्मी को एकटक देखता रहा और फिर बोला हिना लगता नहीं है की ये तेरी माँ हैं। ये तो बहुत हसीं, सेक्सी और हॉट लेडी हैं। बस तुम्हारी बड़ी बहन से ज्यादा कुछ नहीं लगती ? ड्रिंक्स के बाद अंकल ने मुझे भी चोदा और मेरी माँ को भी।
मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा नाम हिना है दोस्तों. मैं एक मस्त जवान और हॉट लड़की हूँ, अपने मन की रानी हूँ, अपने मन का करती हूँ मैं किसी की नहीं सुनती। मैं अगर मन का अपनी जवानी में नहीं करूंगी तो कब करूंगी। सच में दोस्तों, मैं बहुत बड़ी हरामजादी हूँ. बहुत बड़ी बुर चो दी हूँ मैं और मादर चोद हूँ। मैं क्या करूं ? ये जवानी बुर चोदी मुझसे सब कुछ करवा रही है। मेरी जवानी मेरे कण्ट्रोल में नहीं है। मेरी चूत मेरे कण्ट्रोल में नहीं है मेरी चूँचियाँ भी मेरे काबू में नहीं रहतीं हमेशा बाहर आने की कोशिश करती हैं। मैं बहुत मना करती हूँ लेकिन मेरे चलने पर ये साली उछलती ही रहतीं हैं। मेरी गांड भी चलने पर मटकती रहती है। मेरी गांड तक मेरा कहना नहीं मानती। और क्या तुम जानते हो दोस्तों की मेरा सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज कौन सी है ? जी हां आपने बिलकुल सही समझा। मेरी सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज है 'लण्ड' 'लण्ड' और 'लण्ड' ?
इधर धीरे धीरे अंकल मेरे में कुछ ज्यादा ही रूचि लेने लगा और मैं भी उसकी तरफ खिंचने लगी। इसी बीच मुझे लण्ड पकड़ने की लत लग गयी थी। मैं अपने कॉलेज के लड़कों के लण्ड पकड़ने लगी। पहले तो सिनेमा हाल में लण्ड पकड़ती थी और फिर किसी सहेली के घर जाकर वहां लड़कों को बुलाकर लण्ड पकड़ने लगी। फिर मैं लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी और मुठ्ठ मार कर लण्ड पीने लगी। इसी बीच मैंने अपनी खाला के बेटे का लण्ड पकड़ा, फूफी के बेटे ने भी एक दिन मुझे अपना लण्ड पकड़ा दिया और एक दिन मौके से मैंने मामू जान का लौड़ा भी पकड़ लिया। मेरी लण्ड पकड़ने की हिम्मत दिन पर दिन बढ़ने लगी। मुझे मज़ा आने लगा और फिर मैंने कभी मुड़ कर नहीं देखा। अब मेरी नज़र अंकल के लण्ड पर थी। मैं मौके की तलाश में थी और मन बना लिया था की एक न एक दिन मैं अंकल का लण्ड पकड़ ही लूंगी।
अंकल को शराब पीने की आदत थी। वह घर में एक ढीली ढीली नेकर ही . वह क्रिश्चियन था और अकेले ही रहता था। उसके पास जाने की कुछ दिन बाद उसमे मुझे भी शराब पीना सिखा दिया। मैं भी उसके साथ बैठ कर शराब पीने लगी और मस्ती करने लगी। धीरे धीरे मैं छोटे छोटे कपड़े पहन कर अंकल के पास जाने लगी। और एक दिन तो हद ही हो गयी। जब मैंने नीचे एक घाघरा पहना लिया और ऊपर बस एक छोटी सी ब्रा। मुझे भला कौन मना करने वाला था। मेरी दोनों चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहीं थीं। मैंने सीधे अंकल के सामने ही बैठ गयी और शराब पीने लगी। वह बोला आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो बेबी हिना। मैंने कहा आज तुम भी बड़े हैंडसम लग रहे हो अंकल। तुम मुझे नेकर में बड़े अच्छे लगते हो अंकल ? वह बोला हिना मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ। तुम मेरी सबसे अच्छी और खूबसूरत स्टूडेंट हो। मैंने कहा अंकल तुम मुझे नंगे बदन बड़े अच्छे लगते हो। अगर तुम पूरे कपड़े उतार दो अंकल तो और ज्यादा अच्छे लगोगे ? वह हंसने लगा और बोला तुम मुझे सबके सामने नंगा करना चाहती हो हिना। मैंने कहा नहीं अंकल सबके सामने नहीं सिर्फ मैं अपने सामने तुम्हे नंगा करना चाहती हूँ।
वह इस बार और जोर से हंसा और बोला हिना तुम मजाक अच्छा कर लेती हो।
मैंने कहा - I am not joking uncle . I am seriously telling I want to see you totally naked . I will also be naked before you . I want to know how big and strong your LUND is !
ऐसा बोल कर मैंने अपनी चूँचियाँ खोल कर उसे दिखा दीं। मैं कहने को तो इंग्लिश में cock या dick भी कह सकती थी लेकिन जो मज़ा 'लण्ड' कहने में है वो मज़ा इन इंग्लिश शब्दों में कहाँ ? वह मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर मस्त हो गया और बोला हिना तुम तो इंग्लिश अच्छी तरह बोल लेती हो, मैंने कहा भोसड़ी के अंकल मैं लण्ड भी अच्छी तरह पी लेती हूँ। ऐसा बोल कर मैं उठी और बेहिचक उसकी नेकर में हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया। मैं बोली वाओ, लण्ड तो तेरा खड़ा है अंकल। तो फिर इसे बाहर क्यों नहीं निकालते ? तेरा लण्ड तो बहन चोद मेरी चूँचियाँ देख कर मस्त हो गया है। बस फिर क्या ? अंकल ने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया और बोला I love you Hina .
ऐसे में मेरा घाघरा खुल गया और मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी। मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत अंकल के सामने आ गयी। उसने मेरी चूत पर उंगलियां फेरना शुरू कर दिया। मैंने उसका लण्ड अपने हाथ में लिया और उसकी कई बार प्यार से चुम्मी ली। पेल्हड़ भी मस्ती से चूमा और तो बस लण्ड में ही खो गयी।
- मैं बोली अंकल तेरा तो लण्ड बहन चोद ८" + का है। इतना बड़ा और इतना मोटा लण्ड आज मैं पहली बार देख रही हूँ। ये तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा अंकल
- वह बोला तो अपनी माँ का भोसड़ा फड़वा लो न हिना।
- हां हां जरूर फड़वाऊंगी अंकल। मेरी माँ बुर चोदी कई लोगों से चुदवाती है यह बात मुझे पता है। मैं खुद किसी दिन उसके भोसड़ा में पेल दूँगी तेरा लण्ड।
- मैं तुम्हे बता रहा हूँ हिना की कई लड़कियां मुझसे अपनी माँ चुदवाने आतीं हैं। कभी कभी तो सास अपनी बहू की बुर चुदवाने आती है और कभी कभी बहू अपनी सास का भोसड़ा चुदवाने ?
- वाओ, तो इसका मतलब तुम भी बहुत बड़े चोदू हो अंकल। तुमने यह सब पहले तो मुझे नहीं बताया।
- मैं समझा की कहीं तुम बुरा न मान जाओ और ऐसे में तुम मेरे पास आना छोड़ दोगी। बस इसी डर से मैंने तुम्हे कुछ नहीं बताया। पर अब जब तुम मुझसे खुल गयी हो तो फिर बताने में कोई हर्ज़ नहीं है।
- तुम वास्तव में बहुत चालाक और बड़े हरामजादे हो। लडकियों को इसी तरह पटाते हो।
- मैं पटाता नहीं हूँ हिना, लड़कियां मेरे लण्ड के बारे में सुनकर आती हैं और फिर चुदवाने लगतीं हैं।
- लगता है की तुम मेरी माँ जरूर चोदोगे। लेकिन लो पहले मेरी बुर चाटो।
उसने लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। फिर धीरे से घुसाने लगा लण्ड मुझे मज़ा तो आ रहा था लेकिन जो दर्द हुआ उसकी वजह से मैं चिल्ला पड़ी - उई माँ फट गयी मेरी चूत, इस साले मादर चोद अंकल ने फाड़ डाला तेरी बिटिया की बुर , अम्मी। इतना मोटा लण्ड पेल दिया इसने मेरी चूत में। हाय दईया मज़ा तो आया पर मेरी चूत चीथड़े उड़ जायेगें। वह साला चोदने लगा मैंने कहा अरे अंकल ज़रा धीरे धीरे चोदो भोसड़ी के। मैं कहीं भाग नहीं जाऊंगी। अब तो चुदवाकर ही जाऊंगी। उसने चोदने की स्पीड बढ़ा और मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। अंकल मेरी उछलती हुई चूँचियाँ देख रहा था। वह बोला बड़ी सख्त चूत है तेरी हिना। मैंने मजाक में कहा चोदने में तेरी गांड फट रही है क्या अंकल ? अब तो मैं बिलकुल बेशर्मी पर उतारू हो चुकी थी। जो मुझे चोदे उससे शर्म कैसी ? और जो मेरी माँ चोदे उससे तो और भी शर्म नहीं। ये तो साला मेरी माँ भी चोदने को तैयार है। इसका लण्ड इतना मजेदार है की मैं अपनी माँ तो चुदवा ही लूंगी।
लण्ड चूँकि बड़ा टाइट होकर घुस रहा था इसकिये अंकल के लण्ड बड़ी जल्दी दम तोड़ दी। वह बोला हिना मैं निकल जाऊंगा। मैंने कहा मैं निकालूंगी भोसड़ी के तेरे लण्ड का मसाला ? मैं गचागच सड़का मारने लगी। फिर उसके लण्ड ने मेरे मुंह में भी उगल दिया मसाला।
मैं जब घर आयी तो अम्मी ने पूंछा - कहाँ से माँ चुदा के आ रही है तू बुर चोदी हसीना ?
आपको दोस्तों, यह सवाल सुनकर बड़ा अजीब लग रहा होगा की कोई माँ अपनी बेटी से ऐसे सवाल कैसे पूंछ सकती है ? तो मैं आपको बता दूँ की मैं जिस समय १६ साल की थी जो जवानी के जोश में मैंने एक लड़के को बुर्का पहनाकर उसे अपने घर बुला लिया था। अम्मी बाज़ार गयीं थी। इसी बीच मैं नंगी हुई और उसे भी नंगा कर दिया था। मैं बड़े प्यार से उसका लण्ड मुंह में डाले हुए चूस रही थी। इतने में अम्मी कमरे में आ गयीं और तब उसने मुझे खूब डांटा। वह लड़का तो अपनी जान बचाकर भाग गया। मेरे आँख में आंसू आ गए. अम्मी ने कहा अभी तू बच्ची है, हसीना। तुझे नहीं मालूम इससे कितना बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए जब तक तू १८ साल की नहीं हो जाती तब तक मैं ये सब बर्दास्त नहीं करूंगी। आगे से ऐसा करेगी तो मैं तेरी खाल खींच लूंगी। मैं सच में डर गयी थी।
मैं जब १८ साल की हुई तो एक दिन अम्मी ने मुझे कमरे में बुलाया और अरबाज़ अंकल का लण्ड पकड़ा दिया। बोली हसीना बुर चोदी अब तू मस्त जवान हो गयी है। पकड़ ले अंकल का लण्ड और पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में ? आज से तू माँ चुदाना शुरू कर दे। और सुन चुदाई के साथ गाली देना भी शुरू कर दे। वैसे गाली तो मैंने पहले से ही देती थी। मैंने लण्ड पकड़ कर चूमा और फिर चाटने लगी। वह मुस्कराकर बोली हसीना तेरी माँ की बिटिया की बुर ? फिर मैं भी बोल पड़ी अम्मी, तेरी बिटिया की माँ की चूत ? उस दिन से हम दोनों मिलकर लण्ड का मज़ा लेने लगीं।
मैंने देखा की कमरे में मेरी फूफी बैठी हैं और उसके साथ एक मस्त नौजवान लड़का भी। मैंने उसे देख कर बोली - कौन है ये माँ का लौड़ा अम्मी जान ?
यहाँ भी मैं आपको बताना चाहूंगी की मैं और मेरी सहेलियां कॉलेज में लड़कों को 'लौड़ा' कह कर बुलाती थी। जैसे - यार देखो कितना मस्त लौड़ा आ रहा है, ये तो लौड़ा गांड मरा कर आया है, हां लौड़े बता तेरा लौड़ा खड़ा होता है की नहीं, वो देखो एक झड़ता हुआ लौड़ा आ रहा है, ये लौड़े भोसड़ी वाले झांट बनाकर नहीं आते ? आदि अदि। हम सब लड़कियों को 'चूत' कह कर बुलाती थी। जैसे - यार आज यह 'चूत' बड़ी स्मार्ट लग रही है, बड़ी बहन चोद सज धज कर आयी ये 'चूत', ये 'चूत' तो अपनी माँ चुदा के आयी है यार, ये 'चूत' अपनी झांटें उखाड़ बनाकर आयी है, हाय दईया, वो देखो लण्ड पीकर आ रही है एक मोटी सी 'चूत'. देखो इस 'चूत' की झांटें सुलग रहीं हैं यार. आदि आदि।
अम्मी जान बोली - अरी हिना ये लौड़ा नहीं है, तेरी फूफी का देवर है.
मैंने कहा अरे अम्मी जान मैं लड़कों को लौड़ा ही कर बुलाती हूँ।
वह मेरी बात पर हंसने लगीं। मेरी फूफी सबीना अम्मी के पास ही बैठी थीं और तब तक मेरी खाला जान भी आ गयी। उसका नाम है करीना। ये दोनों मेरी ही उम्र की हैं। इनकी शादी हो गयी है और मेरी होने वाली है। मुझे देख कर फूफी बोली - हिना, तेरी माँ की बहन की बुर। फूफी ने मेरी खाला की बुर को गाली दी। तो खाला कहाँ चुप रहने वाली थी। वह बोली - हिना, तेरी माँ की नन्द की चूत ? खाला ने भी अच्छा मजाक किया। माहौल पूरा हंसी मजाक का हो गया।
- मैंने पूंछा - फूफी तेरे देवर का लण्ड कैसा है ?
- फूफी बोली - मैंने उसका लण्ड कभी देखा ही नहीं तो मैं क्या बताऊँ ?
- फूफी जान ये बताओ की तुमने अपने देवर को कभी बुर दी है ?
- तू क्या पूंछ रही है हिना, ये सब बेहूदी बातें ?
- बेहूदी बातें नहीं हैं फूफी। मुझे तेरे देवर ने साफ़ साफ़ बताया की मैं अपनी भाभी को बुर लेता हूँ। मैंने झूंठ ही कह दिया। लेकिन सच तो बाहर आ गया।
- फूफी ने कहा - हां एक बार उसने ले लिया था तो क्या हुआ ?
- तो उस दिन तुमने उसका लण्ड देखा था की नहीं ? पकड़ा था की नहीं ? मुंह में लण्ड डाला था की नहीं ?
- फूफी थोड़ा तुनुक कर बोली - हां हां पकड़ा भी था, देखा भी था, अपनी बुर में पेला भी था। तो तू मेरा क्या करेगी ? मेरी झांटें उखाड़ेगी तू ?
- मैं तो तेरी झांटें उखाड़ ही नहीं सकती क्योंकि तेरी झांटें हैं ही नहीं। पता नहीं कहाँ से बनवा के आयी है तू अपनी झांटें फूफी जान ?
वह बोली - मैं तुम्हे बता तो सकती हूँ पर बताऊंगी नहीं क्योंकि तेरा मज़ा किरकिरा हो जायेगा। तुझे अगर अपनी माँ चुदवानी हो तो बताओ ? मैं फिर खोल कर दिखा दूँगी उसका लण्ड ?
मैंने कहा - अरे यार मैं तो बस यह कह रही थी की वो भी भाभी कोई भाभी है जो अपने देवर का लण्ड न पकड़े ? अपने देवर से न चुदवाये ? और वो भी देवर कोई देवर है जो अपनी भाभी की चूँचियाँ न पकड़े और को अपनी भाभी की बुर न चोदे ?
दोनों देवर बैठे बैठे इन बातों का मज़ा ले रहे थे। तब तक अम्मी जान (हज़ारा बेगम) उठ कर कहीं चली गयी। मैंने कहा - फूफी जान ये तो देवरों के लण्ड की बात है। मैं तो तेरे शौहर के लण्ड की भी बात करूंगी। मैं खाला जान के शौहर के लण्ड की बात करूंगी। बात ही नहीं करूंगी बल्कि पकड़ कर देखूँगी भी।
खाला बोली - बुर चोदी हिना तू मेरे शौहर का लण्ड अपनी चूत में घुसा लेना। तू मेरे शौहर से अपनी माँ चुदवा लेना। मैं नहीं मना करूंगी। लेकिन एक बात सुन ले। तेरी शादी होने वाली है. मैं भी तेरे शौहर का लण्ड अपनी चूत में पेलूंगी और तेरे सामने पेलूँगी। तेरी माँ का भोसड़ा, हिना ? तू अपने आपको क्या समझती है। मैं तो तेरे अब्बा का भी लण्ड अपनी चूत ले लेती हूँ।
मैंने हंस कर कहा - तब तो बड़ा मज़ा आता होगा मेरे बाप से चुदवाने में खाला जान ?
सब लोगों ने ठहाका लगाया और खूब एन्जॉय किया। हमारे घर में इसी तरह हंसी खुशी का माहौल रहता है। शाम को हम सब बैठी हुई बातें कर रहीं थीं। तभी किसी ने डोर बेल बजायी। मैं उठी और दरवाजा खोल दिया। सामने मेरे अब्बू का दोस्त अब्दुल खड़ा था। मैं उसे आज बहुत दिनों के बाद देख रही थी। मैंने उसे अंदर आने को कहा। जब वह अंदर आया तो अम्मी ने कहा अरे अब्दुल तुम भोसड़ी के इतने दिनों के बाद आये हो ? कहाँ था तू इतने दिनों तक ? वह बोला भाभी जान मैं दुबई चला गया था। कल ही वापस आया हूँ और आज आपके सामने हूँ। मैं आपको कैसे भूल सकता हूँ। और अब तो तेरी बेटी हिना भी बड़ी हो गयी है। अम्मी ने कहा बड़ी नहीं अब वह पूरी जवान हो चुकी है। उसकी तो शादी होने वाली है। अब्दुल उन लोगों से भी मिला जो लोग वहां बैठे हुए थे। सबके देख कर उसका चेहरा खिल गया।
रात को अब्दुल अम्मी के कमरे में चला गया। मेरी फूफी और खाला एक कमरे में चली गयी और मैं अपने कमरे में कुछ काम करने लगी। काम ख़तम करने के बाद मैं अम्मी के कमरे की तरफ बढ़ी। तब मुझे अम्मी की कुछ आवाज़ें सुनाई पड़ी। मैंने धीरे से कमरे में झांका। मैं यह देख कर दंग रह गयी की अम्मी अब्दुल अंकल का लण्ड पकड़ कर हिला रहीं थीं। अम्मी भी नंगी थी और अंकल भी। इतना मोटा तगड़ा लण्ड देख कर मेरे बदन ने बहन चोद करंट लग गया। तो मैं चुपचाप खड़ी होकर उनकी बातें सुनने लगी।
अम्मी - अब्दुल, तेरा लण्ड तो पहले से बड़ा मोटा हो गया है यार ?
अंकल - हां भाभी हो सकता है।
अम्मी - लगता है की दुबई में इसे अच्छी ख़ुराक मिल रही है।
अंकल - हां भाभी बात तो सही है। मुझे वहां किसी बात की कमी नहीं है।
अम्मी - सुना है तेरी बीवी कई मर्दों से चुदवाती है ?
अंकल - हां यह बात मुझे भी मालूम है। लेकिन मैं कोई ऐतराज़ नहीं करता क्योंकि मैं भी कई लोगों की बीवियां चोदता हूँ।
अम्मी - हाय दईया तभी तेरा लण्ड इतना मोटा हो गया है। लेकिन अब तो तेरी बेटी भी बड़ी हो गयी होगी। अंकल - हां भाभी वह पूरी जवान हो गयी है वो और उसकी शादी भी हो गयी।
अम्मी - अच्छा, तो क्या वह भी गैर मर्दों से चुदवाती है ?
अंकल - हां बिलकुल चुदवाती है। वह भी जवान हैं। उसके भी बदन में आग है भाभी। अगर वह गैर मर्दों से चुदवाती है तो इसमें हर्ज़ ही क्या है ? मैं तो कहता हूँ की वह जवानी का मज़ा खूब लुटे।
अम्मी - मैं इसलिए पूंछ रही हूँ की मेरी बेटी हिना भी जवान हो चुकी है। उसकी भी अगले महीने शादी होने वाली है। वह भी गैर मर्दों से चुदवायेगी तो कोई हर्ज़ नहीं है न ?
अंकल - अरे बिलकुल नहीं भाभी ? बल्कि मैं तो कह रहा था की आज अगर वह आपके साथ यहाँ होती तो ,,,,,,,,,,, ?
अम्मी - हां हां मैं समझ रही हूँ। तेरा लण्ड साला मेरी बेटी के नाम कर देखो कैसे गुर्रा कर खड़ा हो गया है। लेकिन अभी तो पूरी रात पड़ी है। पहले मेरी बुर ले लो फिर उसकी भी बुर ले लेना।
उनकी बातें सुनकर मेरी चूत की आग जबरदस्त तरीके से भड़क गयी। लेकिन मैं यह समझ गयीं की अम्मी पहले खुद चुदवाना चाहती है। इसलिए मैं खाला के कमरे में चली गयी। वहां जाकर मैंने देखा की फूफी अपने सारे कपड़े खोले हुए अपने देवर का लण्ड चाट रहीं हैं और खाला भी अपने सारे कपड़े उतार कर अपने देवर का लण्ड चाट रहीं हैं। मेरी नज़र दोनों लण्ड पर पड़ी तो मेरे बदन में करंट लग गया।
मैं बोली - अरी मेरी बुर चोदी खाला और फूफी जान ये तुम लोग क्या चूतियापा कर रही हो ? अपने अपने देवर का लण्ड तो घर में भी चाटती हो ? तो फिर यहाँ क्यों चाट रही हो ? इसमें कौन सा नया मज़ा आ रहा है ? अरे मज़ा तो तब है जब तुम लोग एक दूसरे के देवर का लण्ड चाटो। ऐसा कह कर मैंने खाला के देवर का लण्ड फूफी को पकड़ा दिया और फूफी के देवर का लण्ड खाला को पकड़ा दिया। लण्ड भी साले फड़फड़ा उठे और उन्हें मज़ा भी आने लगा। फूफी बोली हाय हिना तू बहुत ही तज़ुर्बेकार है, यार। तुझे तो अपनी माँ चुदाने में बड़ा मज़ा आता होगा और तेरी माँ को भी ज्यादा मज़ा आता होगा ? मैंने कहा अरे मेरी माँ की बुर चोदी नन्द, मैं तो तेरी बुर चुदाने में भी मज़ा ले लूंगी।
तब तक खाला ने अपनी ऊँगली मेरी चूत में घुसा दी। इतिफाक से मैं भी नंगी थी। मैंने बाते कर ही रही थी की
एक दिन मैंने कहा - अम्मी मैं माँ चुदाने जा रही हूँ अपनी ?
वह बोली - हाय दईया, तू क्या कह रही है ? मैं तो यहीं बैठी हूँ। तू किस ले जा रही है ?
मैंने कहा - मैं तुम्हे ही ले जा रही हूँ, अम्मी
वह बोली - तो तू किससे चुदवायेगी अपनी माँ ?
मैंने कहा - है कोई मरद ? है कोई बड़े लण्ड वाला मरद, अम्मी जान ?
वह बोली - कितना बड़ा लण्ड है उसका ? अब्दुल के लण्ड से बड़ा है क्या ?
मैंने कहा - बेशक ! बड़ा भी है और मोटा भी है।
वह बोली - तब तो जरूर ले जा अपनी माँ और चुदवा।
मैं अम्मी को लेकर इब्राहिम अंकल के घर पहुँच गयी। अंकल मुझे देख कर खुश हुआ। मैंने अपनी अम्मी को उससे मिलवाया और कहा ये मेरी माँ है अंकल। मैंने कहा था न की एक दिन मैं तुमसे अपनी माँ चुदवाऊंगी तो आज मैं अपनी माँ चुदवाने आयी हूँ, अंकल । अंकल बड़ी देर तक अम्मी को एकटक देखता रहा और फिर बोला हिना लगता नहीं है की ये तेरी माँ हैं। ये तो बहुत हसीं, सेक्सी और हॉट लेडी हैं। बस तुम्हारी बड़ी बहन से ज्यादा कुछ नहीं लगती ? ड्रिंक्स के बाद अंकल ने मुझे भी चोदा और मेरी माँ को भी।
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