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मैं लण्ड पकड़े पकड़े फोन पर बात करती हूँ - Main land pakde huye phone par baat karti hun
मैं लण्ड पकड़े पकड़े फोन पर बात करती हूँ - Main land pakde huye phone par baat karti hun , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
बेटियां सिर्फ बेटियां ही नहीं हैं, ये बेटियां भी हैं, बीवियां भी हैं, देवरानियां भी हैं, जेठानियाँ भी हैं, बहुयें भी हैं, नंदें भी हैं और भौजाइयां भी हैं। बेटियां हर तरह का रोल बाखूबी निभातीं हैं। आज यहाँ ख़ुशी का माहौल है। इसलिए आज इन सब बेटियों ने मिलकर एक "लण्ड चोदने की पार्टी" रखी है। यानी ये सब बेटियां मिलकर एक ही हाल में एक साथ सब लोगों के लण्ड अदल बदल कर चोदेंगीं। इसमें कुनबे और नाते रिश्ते दारों के सभी मरदों का होना अनिवार्य है।
घर में जश्न का माहौल था। घर में कुनबे और नाते रिश्तेदारों की भीड़ थी। खूब हंसी मजाक हो रही थी, लोग एक दूसरे की टांग खींच रहे थे, छीटा कसी हो रही थी, खुल कर बातें और साथ में कुछ अश्लील और गन्दी गन्दी बातें भी हो रही थीं। गालियां भी हो रहीं थीं और चोदा चोदी की भी बातें भी। कोई किसी से कम न थी। यह भी सब बातें करने लगीं की कौन किससे ज्यादा चुदवाती है और कौन किसको ज्यादा चोदता है ? इसके अलावा कहीं चूँचियों की साइज के बाते हो रहीं थीं तो कहीं लण्ड के साइज की बातें ? कहीं कोई गांड की बातें कर रहा था तो कोई झांट की बातें ? निचोड़ यह है की सबकी बातें बड़ी मसालेदार हो रहीं थीं जिससे माहौल में गर्मी बनी हुई थी। इस गरमागरम माहौल में सब लोग अपने अपने छोटे छोटे ग्रुप में बंटे हुए थे। कहीं मर्दों की टोली थी, तो कहीं औरतों की टोली, कभी मस्त जवान लड़कियों की टोली थी तो कहीं जवान लड़को की टोली, सब लोग अपनी अपनी टोली में मस्त थे और हर तरह से एन्जॉय कर रहे थे।
मेरा नाम रोशनी है दोस्तों. मैं २४ साल की हूँ और शादी शुदा हूँ. मैं बहन चोद जितनी पढ़ी लिखी और खूबसूरत हूँ उतनी ही मादर चोद हूँ और बदचलन हूँ। मैं १५ साल की उम्र में लण्ड पकड़ने लगी थी और १६ साल की उम्र में ही लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ने लगी थी। १७ साल की उम्र तक मैं कई लण्ड का मज़ा ले चुकी थी। हां यह बात जरूर है की सबसे चुदवाया नहीं था लेकिन सबके लण्ड मुंह में लिया जरूर था। मेरी अम्मी को कुछ भी नहीं मालूम था की मैं इतनी दूर निकल चुकी हूँ। इसी बीच एक दिन मैंने अम्मी को अब्बा से चुदवाते हुए देख लिया था। मैंने अम्मी की चूत भी देखी और अब्बा का लौड़ा भी। मैं उनकी चुदाई रात भर देखती रही। मेरी उत्सुकता बढ़ी तो मैंने एक दिन और कमरे में रात के समय झाँक कर देखा। उस दिन अब्बा तो था पर अम्मी नहीं थीं। उसकी जगह मेरा खाला जान थीं। यानी मेरा अब्बा मेरी खाला जान की बुर ले रहा था। खाला का भोसड़ा देख कर मुझे बड़ा मज़ा आया।
इसी तरह एक दिन अम्मी को खालू का लण्ड चूसते हुए भी देखा। यही सब देख कर मेरी भी हिम्मत लण्ड पीने की बढ़ गयी थी। इन लोगों की मैंने चुपके चुपके बाते भी सुनी उससे मालूम हुआ की हमारे यहाँ चोदा चोदी पर कोई खास रोक टोक नहीं होती है। कोई किसी की भी बुर चोद लेता है और कोई बुरा भी नहीं मानता ? कोई किसी का भी लण्ड पकड़ लेती है तो भी कोई बुरा नहीं मानता ? यह बात मुझे मेरी खाला जान की बेटी, फूफी जान की बेटी और मामू जान की बेटी ने भी बताई। एक दिन खाला के मुंह से भी मैंने सुना की जब चूत में आग लगी हो तो लण्ड किसी का भी हो उसे अपनी चूत में घुसेड़ लेना चाहिए। चाहे वह भाई का लण्ड हो, बाप का लण्ड हो, चचा का लण्ड हो या फिर मामू का लण्ड ? कोई फरक नहीं पड़ता। इस बात की मैंने गाँठ बाँध ली। इस बात से मुझे बहुत बल मिला।
मेरी शादी होने ही वाली थी। मैंने एक दिन रात में देखा की अम्मी फूफा का लण्ड चाट रहीं हैं। मैं खिड़की पर आँखें गड़ाए हुए चुपचाप देख रही थी। तभी अम्मी ने मुझे देख लिया। उसने मुझे फ़ौरन इशारे से अंदर बुलाया और बोली रोशनी तू छुप छुप कर क्यों देख रही हैं। यहाँ आ मेरे पास। मैं अंदर चली गई तो वह बोली बेटी रोशनी तू छुप छुप कर क्यों देख रही है। अब तो तू सायानी हो गयी है जवान हो गयी है तेरी शादी होने वाली है और तुझे भी यही सब करना है जो मैं कर रही हूँ। ले भोसड़ी की अपने फूफा का लण्ड चाट कर मुझे दिखा क्योंकि तुझे भी इसी तरह अपने शौहर का लण्ड चाटना होगा ? मैं थोड़ा झिझकी तो वह बोली - तेरी माँ की चूत रोशनी इसमें शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। जवानी में शरमायेगी तो बिना चुदी रह जाएगी। देखो बेटी जितनी बेशर्मी से लण्ड पकड़ोगी और चाटोगी उतना ही मज़ा चुदाई में पावोगी ? ले अब तू मुझे लण्ड चाट कर दिखा। मैं फिर रुक न सकी और लण्ड पकड़ ही लिया।
तब तक कमरे में खाला भी आ गई। वह बोली हाय रोशनी तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तेरी माँ की बहा का भोसड़ा बहन चोद ? आज तू अपनी माँ चुदाना सीख ले, बुर चोदी । बड़ा मज़ा आएगा। मेरा मन हुआ की मैं भी खाला को गाली दूँ पर मैं थोड़ा रुक गयी और लण्ड चाटने लगी। तबसे मैं अम्मी जान से और खाला जान से खुल गयी। अब मुझे इन दोनों से कतई शर्म नहीं आती। आज के जश्न में तो शर्म नाम की कोई चीज ही नहीं है। हम सब बेटियां अब बीवियां बन गयीं है और सब अपनी अपनी ससुराल से खूब चुदवाकर आयीं है, अपनी अपनी चूत का बाजा बजवाकर कर आयीं हैं तो फिर शर्म किस बात की ?
मैं अपनी टोली में बैठी थी। मेरे साथ मेरी खाला जान की बेटी रेशमा थी, मेरी फूफी जान की बेटी रुबिया थी, मेरी मामू जान की बेटी रजिया थी और साथ में थी मेरी बुर चोदी नन्द रेहाना।
रेशमा - यार रौशनी आज कुछ नया किया जाए तो मज़ा आये ?
रुबिया - अपनी माँ चुदा ले तू वह भी खुललाम खुल्ला तो सच में मज़ा आ जायेगा ?
मैंने कहा - भोसड़ी की रुबिया, तू क्यों नहीं चुदवा लेती अपनी माँ ?
रुबिया - मैं तो चुदवाती ही हूँ अपनी माँ ? आज कोई और मेरी माँ चुदवाये तो मज़ा आये ?
रजिया - हाय अल्ला, तू सच में अपनी माँ चुदवाती है, रुबिया ?
रुबिया - हां यार सच में चुदवाती हूँ। तू इसमें इतना हैरान क्यों हो रही है ?
रजिया - मैं हैरान नहीं हो रही हूँ। असली बात यह है की मैं भी अपनी माँ चुदवाती हूँ यार ? मैं सोंच रही थी की कहीं मैं अपनी माँ चुदाने वाली अकेली लड़की तो नहीं हूँ ?
मैंने कहा - नहीं तू अकेली नहीं है। यहाँ सभी अपनी माँ चुदवाती है पर तू यह बता किसका लण्ड पेलती है तू अपनी माँ की चूत में ?
रजिया - यार लण्ड तो बहन चोद लण्ड है ? जिसका भी मिला उसी का लण्ड पेल दिया माँ की चूत में ? किसी लण्ड पर किसी की बपौती तो है नहीं ? चाहे जिसका पेलो लण्ड ?
रेहाना - अच्छा यह बता रजिया तूने अपनी मियां का लण्ड किस किस की बुर में पेला अभी तक ?
वह बोली - सबकी बुर में पेला है। तेरी माँ की भी बुर में भी पेला है मैंने अपने शौहर का लण्ड ? बस तेरी बुर बाकी है आज उसमें भी पेल दूँगी लण्ड।
इसी बात सब ठहाका लगा कर हंसने लगीं। इतने में बगल के कमरे से भी आवाज़ें आने लगीं जहाँ मेरी अम्मी, खाला, फूफी और मामी वगैरह बैठीं थी। फूफी ने अम्मी से कहा - भाभी देखो बेटियां कैसे ठहाका लगा लगा के मजे कर रही हैं ? अम्मी बोली - बेटियों की माँ का भोसड़ा ? तो खाला भी बोल पड़ीं - माँ चुदायें अपनी, बुर चोदी बेटियां ? तब तक इधर से खाला की बेटी रेशमा जोर से बोली - बेटियां चुदायें अपनी, बुर चोदी अम्मियाँ ? यह सुनकर उस खेमे में ही ठहाका लगने लगा। रुबिया बोली यार रोशनी क्यों न आज हम लोग मिलकर खुल्लम खुल्ला चोदा चोदी करें ? रेशमा बोली ठीक है यार मैं तो रुबिया के अब्बा से चुदवा चुकी हूँ। मैं तो तैयार हूँ। रुबिया ने कहा चुदवा तो मैं भी कई लोगों के अब्बा से चुदवा चुकी हूँ। लेकिन अकेले में। खुल्लम खुल्ला हो जाए तो अच्छा ही है। तब तक मेरी भाभी बोली अरी मेरी नन्द रानी तू कहाँ बैठी है ? मैं तुझे ढूंढ रही हूँ। मैंने मजाक में कहा भाभी जान मैं तेरे भाई जान के लण्ड पर बैठी हूँ। आकर देख लो न ? वह बोली मैं भी यहाँ तेरे शौहर के लण्ड पर बैठी हूँ तू खुद यहाँ आकर मुझे देख ले। बस, मुझे ध्यान आया की आज कुछ नया किया जाए ? नई नई मस्ती की जाए जिसमे बेशर्मी भी हो, बेरहमी भी हो और प्यार भी हो।
मैं बोली - आज हम सब बेटियां मिलकर "लण्ड चोदने की पार्टी" करेगीं। इन भोसड़ी वालों मर्दों ने हमेशा हमारी बुर चोदी है, हमारी माँ का भोसड़ा चोदा है, हमारी गांड चोदी है इसलिए आज हम सब मिलकर इन मर्दों के लण्ड चोदेंगीं। मेरी बात से सब लोग सहमत हो गई और फिर यह बात पूरे घर में आग की तरह फ़ैल गयी की आज बेटियां सबके 'लण्ड चोदने की पार्टी' करने जा रहीं हैं।
रेशमा बोली - यार रोशनी मैं तो सबसे पहले तेरे मियां का लण्ड चोदूँगी।
मैंने कहा - तो फिर मैं तेरे मियां का लण्ड चोदूँगी।
तब तक फूफी आ गयी, वह बोली हाय रोशनी तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? अब तू सबके लण्ड चोदेगी ? मैंने कहा हां फूफी जान तेरी बेटी की माँ की चूत। आज रात भर यही होगा। तुझे भी सबके लण्ड चोदने पड़ेगें। बोलो तुम सबसे पहले किसका लण्ड चोदोगी ? वह बोली तेरी नंदोई का लण्ड चोदूँगी ? मैं समझ गयी की फूफी की चूत गरमा गयी है। तब तक खाला बोली रौशनी तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तू तो मेरे मियां के लण्ड पर बैठती है आज मैं तेरे मियां के लण्ड पर बैठूंगी। तेरी ससुराल के सभी लण्ड मैं चोदूँगी। इस तरह पूरे घर में लण्ड चोदने का जूनून सवार हो गया। रात के ८ बज चुके थे। घर के ऊपर के कमरे में यह प्रोग्राम रखा गया था। गर्मी के दिन थे। पूर्णमासी की रात थी। चाँद की रोशनी पूरी छत पर फैली हुई थी। हम लोग उसी के नीचे वाले एक बड़े हाल में इकठ्ठा हो गए। हम चार बेटियां, मेरी अम्मी, खाला, फूफी और मामी जान भी थीं। हमारे साथ मेरी नन्द रेहाना और मेरी भाभी भी थीं। यानी ८ चूत उस समय मौजूद थीं। ये सबकी सब बीवियां हैं। मर्दों में मेरा अब्बू, खालू, फूफा, मेरा ससुर, रेशमा का ससुर, मेरा नंदोई और हम चारों के शौहर थे।
मैंने जब देख लिया की सब लोग कमरे में आ गए है तो बोली :-
आज के इस चुदाई समारोह में मैं आप सबका खैरमकदम करती हूँ। एक बात तो ज़ाहिर है की आज के इस प्रोग्राम में न कोई माँ बेटी है और न कोई बाप बेटी। यहाँ सब या तो बीवियां है और या फिर मियां हैं। यह मियों और बीवियों की महफ़िल है। आज इस महफ़िल में होगी घमाशान चुदाई। मियां अपनी बीवी छोड़ कर सबकी बीवियां चोदेंगें और बीवियां अपने मियां को छोड़ कर सबके मियां से चुदवायेंगीं। इसको इंग्लिश में "wife swapping" यानी "बीवियों की अदला बदली" कहते हैं । इसे "husband swapping" भी कहा जाता है, यानी "मियों की अदला बदली"। बीवी की अदला बदली हो या मियां की। चुदना तो चूत को ही है और चोदना तो लण्ड को ही है। अब लण्ड चाहे ऊपर हो या नीचे, घुसेगा चूत में ही और चूत चाहे ऊपर हो या नीचे, लण्ड को अपने अंदर घुसेड़ ही लेगी।
अब मैं साफ़ साफ़ कहती हूँ जो बीवी इस आज के प्रोग्राम में भाग न लेना चाहे वह बुर चोदी अभी महफ़िल छोड़ कर चली जाये और जो मियां भाग न लेना चाहे वह भी भोसड़ी का महफ़िल छोड़ कर चला जाये। जिसकी गांड में पराई बीवियां चोदने की दम हो वही रुके और जिसकी गांड में पराये मरद से चुदवाने में दम हो वही रुके। एक बात और ? वैसे तो चुदाई का मतलब होता है लण्ड चूत में पेलना लेकिन आज "लण्ड चोदने की पार्टी" है। आज चूत नहीं लण्ड चोदे जायेंगें ? आज सब की सब बीवियां सबके लण्ड चोदेगीं। और जब तक सब बीवियां सबके लण्ड चोद नहीं लेतीं तब तक महफ़िल चलती रहेगी। अब बीवियां आगे बढ़ें और जिसका चाहें उसका लन्ड चोदना शुरू कर दें।
सबसे पहले मेरी भाभी आगे बढ़ीं और वह मेरे नंदोई से लिपट गई। उसका लण्ड टटोलने लगी और नंदोई भी भाभी की चूँचियाँ मसलने लगा। थोड़ी देर में लौड़ा भी खुल गया और चूँचियाँ जिन्हे सबने देखा। देख कर सब लोग जोश में आ गये। मेरी खाला की बेटी रेशमा तो फूफा की तरफ बढ़ी और मुस्कराते हुए उसकी कमर से लिपट गयी और धीरे से उसके पैजामे में अपना हाथ घुसेड़ दिया। फूफी की बेटी रुबिया रजिया के मियां शमी की तरफ लपकी और उसका लण्ड ऊपर से दबा दिया। उसने भी रुबिया की कई चुम्मी ली और उसके बूब्स दबाने लगा। रजिया खालू के लण्ड पर मर मिटी। वह खालू का लण्ड पकड़ने के लिए तड़प उठी। रेहाना मेरी नन्द बुर चोदी मेरे अब्बा का लण्ड पकड़ने के लिए आगे बढ़ी। उसने बहुत पहले से मेरे अब्बा का लण्ड पीने के लिए मुझसे कहा था। अम्मी का दिल रेशमा के मियां सफी के लण्ड पर आ गया। वह सफी से चुदवाने के लिए आगे बढ़ी। मेरी बुर चोदी फूफी जान मेरे मियां की तरफ लपकी। उसने मेरे मियां के लण्ड के बारे में सुन रखा था और आज वही लण्ड उसके भोसड़ा में घुसने वाला है। मामी जान रेशमा के ससुर की लुंगी में हाथ घुसेड़ कर उसका लण्ड पकड़ने लगी और खाला जान रुबिया के मियां का लण्ड।
मैं ठान लिया था की आज मैं अपने ससुर का लण्ड सबके सामने पकड़ूँगी और फिर उसे अपनी चूत में घुसा कर चुदवाऊंगी। मुझे यह भी मालूम हुआ की मेरा ससुर भी मुझे चोदने के लिए बेताब है। इस तरह आपने देखा की बीवियां पराये मरदों के चंगुल में आ गयीं हैं और मरद भी पराई बीवियों को चोदने के चक्कर में आ गए हैं। एक बात यह भी है की कई बीवियां इनमे से कई मर्दों के लण्ड अपनी चूत में पेल चुकी हैं पर हां सबके लण्ड नहीं। इसके अलावा भी अगर पेला भी होगा तो अकेले में पेला होगा। आज यह बड़ा अच्छा मौक़ा है जब की सभी बीवियां सबके सामने सबके लण्ड चोदेंगीं तब मालूम हो जायेगा की किस बीवी की गांड में कितना दम है ? सब बीवियां एक साथ सबके तने हुए लण्ड देखेगीं जिससे बड़ा मज़ा आएगा। मरद भी इतनी सारी नंगी बीवियां एक साथ देखेगें तो उन्हें भी खूब मज़ा आएगा। मैं यह सब सोंच ही रही थी तभी सबके कपड़े उतरने लगे और देखते देखते ही सब बीवियां भोसड़ी वाली नंगी हो गयीं और साथ साथ सारे मरद भी बहन चोद नंगे हो गये। मुझे तो नंगे नंगे मरद बहुत अच्छे लगतें हैं।
यह सीन वाकई बड़ा मनोरंजक था। सबकी नज़रें सबके लण्ड पर, सबकी चूँचियों पर, सबकी चूत पर टिकी हुईं थीं। इतने में मैंने कहा भोसड़ी वालियों इन मर्दों के लण्ड चोदने हैं। आज का दिन हमारा दिन है। आज का दिन लण्ड चोदने का दिन है। आज हम सब बीवियां मर्दों की छाती पर चढ़ कर उनके लण्ड चोदेंगीं। इतने में बीवियां अपने अपने साथ के मरदों के लण्ड मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगीं। वो एक दूसरे को देख देख लण्ड चूसने का मज़ा लूटने लगीं। मैं अपने ससुर का लण्ड चूसने लगी, अम्मी रेशमा के मियां का लण्ड चूसने लगीं, फूफी ने मेरे मियां का लण्ड अपने मुंह में ले लिया, मामी जान ने रेशमा के ससुर का लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया, खाला तो मस्ती से रुबिया के मियां का लण्ड चूस रहीं थीं, मेरी भाभी मेरे नंदोई का लण्ड पाकर बहुत खुश थीं और उसे अपने मुंह में घुसा कर उसका सुपाड़ा चूसने लगीं, रेशमा फूफा का लण्ड चाटने लगी, रुबिया रजिया के मियां का लण्ड भूंखी बिल्ली की तरह चाट रही थी और रजिया मेरे खालू के लण्ड का सुपाड़ा चाट रही थी, रेहाना मेरी नन्द ससुरी मेरे अब्बा का लण्ड चूसने में जुटी थी।
रेहाना ने ही पहल की और कूद कर मेरे अब्बू के लण्ड पर बैठ गयी। उसने अपना मुंह मेरे अब्बू के मुंह की तरफ किया और थोड़ा झुक गयी। लण्ड पूरा उसकी चूत में घुस गया। वह फिर अपने चूतड़ उठा उठा के लण्ड पर पटकने लगी। लग रहा था की वह किसी मरद की तरह लण्ड चोद रही है। उसे लण्ड चोदते हुए साणे देखा और तालियां बजाई। मैंने पूंछा नन्द रानी क्या तुम पहले भी किसी का लण्ड चोद चुकी हो ? वह बोली हां भाभी जान मैंने सबसे पहले अपने खालू का लण्ड चोदा था और मैंने लण्ड चोदना पोर्न फिल्म से सीखा है , मुझे लण्ड चोदने में बड़ा मज़ा आता है। उसे देख कर मेरी भाभी भी उसी तरह मेरे नंदोई का लण्ड चोदने लगी। यह देख कर सबको मज़ा आने लगा की बीवी किसी और का लण्ड चोद रही है और मियां का लण्ड किसी और की बीवी चोद रही है। यही तो खूबसूरती है इस पार्टी की ? तब तक रेशमा फूफा के लण्ड पर चढ़ बैठी और धमाधम चोदने लगी लण्ड। रुबिया ने भी रजिया के मियां का लौड़ा चोदना शुरू कर दिया और रजिया खालू का लण्ड चोदने लगी। अम्मी तो रेशमा के मियां का लण्ड चोदने लगी और फूफी तो मेरे मियां का लण्ड चोदने में जुट गयी।
फूफी बोली - हाय रोशनी, देख तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा कितनी मस्ती से तेरे मियां का लण्ड चोद रहा है।
मैंने कहा - हां फूफी जान मैं तेरा भोसड़ा भी देख रही हूँ और तेरी बिटिया की बुर भी देख रही हूँ जो रजिया के मियां का लण्ड चोद रही है।
उधर से खाला ने कहा - रोशनी आज तूने बहुत बढ़िया काम किया। तू इतनी ज्यादा हरामजादी होगी यह मुझे पहले नहीं मालूम था। तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? आज तूने सारे मर्दों को एक साथ नंगा कर दिया। सभी बीवियों के कपड़े उतार लिये। नंगे मर्दों के आगे नंगी नंगी परायी बीवियां खड़ी कर दीं। सबकी चूत में ग़ैर मरद का लण्ड घुसेड़वा दिया। तू सच में बहुत बड़ी मादर चोद है रोशनी ? तेरी माँ की चूत बहन चोद ? पर एक बात है बेटी रोशनी इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया ? मैं तो तेरे अब्बू से पहले भी चुदवा चुकी हूँ और कई बार चुदवा चुकी हूँ पर आज सबके सामने सबकी बुर चुदते हुए देखने का जो मज़ा है उसका जबाब नहीं ?
भाभी ने भी कहा - रोशनी मेरी नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ? मुझे नहीं मालूम था की मेरी नन्द बुर चोदी इतनी मस्त चुदक्कड़ बीवी होगी ? मैंने तो सोंच लिया है की मैं सबके लण्ड चोदने के बाद तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी तब मुझे ज्यादा मज़ा आएगा।
इस तरह सब बीवियां कुछ न कुछ बकती जा रहीं थीं और लण्ड चोदती जा रहीं थीं। इन बातों से सबके लण्ड का जोश बढ़ता ही जा रहा था। सबके मन में यही था की :-
बैठी हूँ मैं लण्ड पर, कपड़े सभी उतार
लण्ड सभी के चोद के, जाऊंगी उस पार
दस दस लण्ड एक साथ चुद रहे थे। कमरा लण्ड चुदने की आवाज़ों से गूंज रहा था। पचर पचर, फच्च फच्च, गच्च गच्च, चप्प चप्प, धच्च धच्च, भचर भचर, छप्प छप्प की आवाज़ें चारों तरफ से आ रहीं थीं। रेशमा बोली रजिया तेरी माँ की चूत बहन चोद तू तो मुझे ज्यादा लण्ड चोद लेती है। मैंने कहा फूफी जान तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? तूने ही सब लड़कियों को लण्ड पीना सिखाया था आज मैंने सबको लण्ड चोदना सिखा दिया। फूफी ने जबाब दिया हां रोशनी तू सच कह रही है लेकिन उसका नतीजा देखो न ? आज सभी बुर चोदी बेटियां अपनी माँ चुदवा रहीं हैं। इतने में सभी बीवियां लण्ड अदल बदल कर चोदने लगीं। मेरी भाभी रुबिया के मियां के लण्ड पर बैठ गयी और खाला मेरे नंदोई के लण्ड पर। मामी मेरे मियां के लण्ड पर बैठ गयी तो फूफी रेशमा के ससुर के लण्ड पर। मैं फूफा का लण्ड चोदने लगी तो रेशमा मेरे ससुर का लण्ड चोदने लगी। इसी तरह सबने लण्ड बदला तो चुदाई का मज़ा दूना हो गया।
इस बात पर सभी मियां और बीवियां राज़ी थी की इस तरह की लण्ड चोदने की पार्टी महीने में एक बार जरूर होना चाहिए। एक दिन मैंअपनी दोस्त समीना के घर चली गयी। गर्मी के दिन थे मैं सवेरे सवेरे ही पहुँच गयी थी। उसने मेरा वेलकम किया और बड़े प्यार से बैठ कर बातें करने लगी। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया तो समीना उठी और दरवाजा खोल दिया। वह बोली हाय सलमा कम इन उसे अंदर बैठाया और मुझसे भी मिलवाया।
निकाल लिया और मुझे पकड़ा दिया। मैं आरिफ का लण्ड चूमने लगी और मस्ती से सुपाड़ा चाटने लगी। तब तक समीना ने रज़ा का लण्ड सलमा को पकड़ा दिया और आखिर में रफीक का लण्ड खुद पकड़ कर सहलाने लगी। हम तीनो एक एक लण्ड पाकर मस्त हो गयीं।
समीना ने मेरे कपड़े भी उतार दिया और मैंने आरिफ के कपड़े। मुझे लण्ड पसंद आ गया और मैं उसे चोदने के लिए बेताब होने लगी। तब मैंने देखा की समीना और सलमा दोनों नंगी हो गयीं। उनके दोनों मरद भी नंगे। उनके लण्ड देख कर मेरी चूत की आग भड़क गयी। मेरा मन हुआ की मैं तीनो लण्ड एक साथ अपनी चूत मे घुसेड लूँ. हम तीनो एक दूसरे को देख देख कर लण्ड चूसने लगीं क्यंकि हमें तो पराये मरद का लण्ड मज़ा देता है। मैं और इंतज़ार न कर सकी।
मैंने आरिफ को नीचे लिटाया और उसके लण्ड पर चढ़ बैठी। लण्ड मेरी चूत में घुस गया और मैं धीरे धीरे उसका लण्ड चोदने लगी। मुझे देख कर वो दोनों भी लण्ड चोदने लगीं। थोड़ी देर बाद आरिफ बोला भाभी तेरी सहेली रौशनी भाभी की बुर भी बड़ी टाइट है बहन चोद। मुझे तो इसे चोदने में बड़ा अच्छा लग रहा है। मैंने कहा यार आरिफ तुम अपने दोस्तों के सामने मुझे चोद रहे हो तुम्हे शर्म नहीं आती। तब आरिफ बोला अरे रौशनी भाभी शर्म किस बात की। मैं तो रफीक की बीवी उसके सामने चोदता हूँ। रफीक मेरी बीवी मेरे सामने चोदता है। रज़ा की बीवी भी मुझसे रज़ा के सामने चुदवाती है और मेरी बीवी मेरे सामने ही रज़ा का लण्ड पीती है तो फिर इसमें शर्म किस बात की ? तब तक समीना ने लण्ड चोदने की स्पीड बढ़ा दी। सलमा भी रज़ा का लण्ड गचर गचर चोदने लगी। हम तीनो लण्ड बड़ी बेशर्मी से चोद रहीं थीं। कुछ देर बाद एक एक करके तीनो लण्ड झड़ने लगे और तब हमने झड़ते हुए लण्ड जबान निकाल कर खूब मजे से चाटा।
बेटियां सिर्फ बेटियां ही नहीं हैं, ये बेटियां भी हैं, बीवियां भी हैं, देवरानियां भी हैं, जेठानियाँ भी हैं, बहुयें भी हैं, नंदें भी हैं और भौजाइयां भी हैं। बेटियां हर तरह का रोल बाखूबी निभातीं हैं। आज यहाँ ख़ुशी का माहौल है। इसलिए आज इन सब बेटियों ने मिलकर एक "लण्ड चोदने की पार्टी" रखी है। यानी ये सब बेटियां मिलकर एक ही हाल में एक साथ सब लोगों के लण्ड अदल बदल कर चोदेंगीं। इसमें कुनबे और नाते रिश्ते दारों के सभी मरदों का होना अनिवार्य है।
घर में जश्न का माहौल था। घर में कुनबे और नाते रिश्तेदारों की भीड़ थी। खूब हंसी मजाक हो रही थी, लोग एक दूसरे की टांग खींच रहे थे, छीटा कसी हो रही थी, खुल कर बातें और साथ में कुछ अश्लील और गन्दी गन्दी बातें भी हो रही थीं। गालियां भी हो रहीं थीं और चोदा चोदी की भी बातें भी। कोई किसी से कम न थी। यह भी सब बातें करने लगीं की कौन किससे ज्यादा चुदवाती है और कौन किसको ज्यादा चोदता है ? इसके अलावा कहीं चूँचियों की साइज के बाते हो रहीं थीं तो कहीं लण्ड के साइज की बातें ? कहीं कोई गांड की बातें कर रहा था तो कोई झांट की बातें ? निचोड़ यह है की सबकी बातें बड़ी मसालेदार हो रहीं थीं जिससे माहौल में गर्मी बनी हुई थी। इस गरमागरम माहौल में सब लोग अपने अपने छोटे छोटे ग्रुप में बंटे हुए थे। कहीं मर्दों की टोली थी, तो कहीं औरतों की टोली, कभी मस्त जवान लड़कियों की टोली थी तो कहीं जवान लड़को की टोली, सब लोग अपनी अपनी टोली में मस्त थे और हर तरह से एन्जॉय कर रहे थे।
मेरा नाम रोशनी है दोस्तों. मैं २४ साल की हूँ और शादी शुदा हूँ. मैं बहन चोद जितनी पढ़ी लिखी और खूबसूरत हूँ उतनी ही मादर चोद हूँ और बदचलन हूँ। मैं १५ साल की उम्र में लण्ड पकड़ने लगी थी और १६ साल की उम्र में ही लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ने लगी थी। १७ साल की उम्र तक मैं कई लण्ड का मज़ा ले चुकी थी। हां यह बात जरूर है की सबसे चुदवाया नहीं था लेकिन सबके लण्ड मुंह में लिया जरूर था। मेरी अम्मी को कुछ भी नहीं मालूम था की मैं इतनी दूर निकल चुकी हूँ। इसी बीच एक दिन मैंने अम्मी को अब्बा से चुदवाते हुए देख लिया था। मैंने अम्मी की चूत भी देखी और अब्बा का लौड़ा भी। मैं उनकी चुदाई रात भर देखती रही। मेरी उत्सुकता बढ़ी तो मैंने एक दिन और कमरे में रात के समय झाँक कर देखा। उस दिन अब्बा तो था पर अम्मी नहीं थीं। उसकी जगह मेरा खाला जान थीं। यानी मेरा अब्बा मेरी खाला जान की बुर ले रहा था। खाला का भोसड़ा देख कर मुझे बड़ा मज़ा आया।
इसी तरह एक दिन अम्मी को खालू का लण्ड चूसते हुए भी देखा। यही सब देख कर मेरी भी हिम्मत लण्ड पीने की बढ़ गयी थी। इन लोगों की मैंने चुपके चुपके बाते भी सुनी उससे मालूम हुआ की हमारे यहाँ चोदा चोदी पर कोई खास रोक टोक नहीं होती है। कोई किसी की भी बुर चोद लेता है और कोई बुरा भी नहीं मानता ? कोई किसी का भी लण्ड पकड़ लेती है तो भी कोई बुरा नहीं मानता ? यह बात मुझे मेरी खाला जान की बेटी, फूफी जान की बेटी और मामू जान की बेटी ने भी बताई। एक दिन खाला के मुंह से भी मैंने सुना की जब चूत में आग लगी हो तो लण्ड किसी का भी हो उसे अपनी चूत में घुसेड़ लेना चाहिए। चाहे वह भाई का लण्ड हो, बाप का लण्ड हो, चचा का लण्ड हो या फिर मामू का लण्ड ? कोई फरक नहीं पड़ता। इस बात की मैंने गाँठ बाँध ली। इस बात से मुझे बहुत बल मिला।
मेरी शादी होने ही वाली थी। मैंने एक दिन रात में देखा की अम्मी फूफा का लण्ड चाट रहीं हैं। मैं खिड़की पर आँखें गड़ाए हुए चुपचाप देख रही थी। तभी अम्मी ने मुझे देख लिया। उसने मुझे फ़ौरन इशारे से अंदर बुलाया और बोली रोशनी तू छुप छुप कर क्यों देख रही हैं। यहाँ आ मेरे पास। मैं अंदर चली गई तो वह बोली बेटी रोशनी तू छुप छुप कर क्यों देख रही है। अब तो तू सायानी हो गयी है जवान हो गयी है तेरी शादी होने वाली है और तुझे भी यही सब करना है जो मैं कर रही हूँ। ले भोसड़ी की अपने फूफा का लण्ड चाट कर मुझे दिखा क्योंकि तुझे भी इसी तरह अपने शौहर का लण्ड चाटना होगा ? मैं थोड़ा झिझकी तो वह बोली - तेरी माँ की चूत रोशनी इसमें शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। जवानी में शरमायेगी तो बिना चुदी रह जाएगी। देखो बेटी जितनी बेशर्मी से लण्ड पकड़ोगी और चाटोगी उतना ही मज़ा चुदाई में पावोगी ? ले अब तू मुझे लण्ड चाट कर दिखा। मैं फिर रुक न सकी और लण्ड पकड़ ही लिया।
तब तक कमरे में खाला भी आ गई। वह बोली हाय रोशनी तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तेरी माँ की बहा का भोसड़ा बहन चोद ? आज तू अपनी माँ चुदाना सीख ले, बुर चोदी । बड़ा मज़ा आएगा। मेरा मन हुआ की मैं भी खाला को गाली दूँ पर मैं थोड़ा रुक गयी और लण्ड चाटने लगी। तबसे मैं अम्मी जान से और खाला जान से खुल गयी। अब मुझे इन दोनों से कतई शर्म नहीं आती। आज के जश्न में तो शर्म नाम की कोई चीज ही नहीं है। हम सब बेटियां अब बीवियां बन गयीं है और सब अपनी अपनी ससुराल से खूब चुदवाकर आयीं है, अपनी अपनी चूत का बाजा बजवाकर कर आयीं हैं तो फिर शर्म किस बात की ?
मैं अपनी टोली में बैठी थी। मेरे साथ मेरी खाला जान की बेटी रेशमा थी, मेरी फूफी जान की बेटी रुबिया थी, मेरी मामू जान की बेटी रजिया थी और साथ में थी मेरी बुर चोदी नन्द रेहाना।
रेशमा - यार रौशनी आज कुछ नया किया जाए तो मज़ा आये ?
रुबिया - अपनी माँ चुदा ले तू वह भी खुललाम खुल्ला तो सच में मज़ा आ जायेगा ?
मैंने कहा - भोसड़ी की रुबिया, तू क्यों नहीं चुदवा लेती अपनी माँ ?
रुबिया - मैं तो चुदवाती ही हूँ अपनी माँ ? आज कोई और मेरी माँ चुदवाये तो मज़ा आये ?
रजिया - हाय अल्ला, तू सच में अपनी माँ चुदवाती है, रुबिया ?
रुबिया - हां यार सच में चुदवाती हूँ। तू इसमें इतना हैरान क्यों हो रही है ?
रजिया - मैं हैरान नहीं हो रही हूँ। असली बात यह है की मैं भी अपनी माँ चुदवाती हूँ यार ? मैं सोंच रही थी की कहीं मैं अपनी माँ चुदाने वाली अकेली लड़की तो नहीं हूँ ?
मैंने कहा - नहीं तू अकेली नहीं है। यहाँ सभी अपनी माँ चुदवाती है पर तू यह बता किसका लण्ड पेलती है तू अपनी माँ की चूत में ?
रजिया - यार लण्ड तो बहन चोद लण्ड है ? जिसका भी मिला उसी का लण्ड पेल दिया माँ की चूत में ? किसी लण्ड पर किसी की बपौती तो है नहीं ? चाहे जिसका पेलो लण्ड ?
रेहाना - अच्छा यह बता रजिया तूने अपनी मियां का लण्ड किस किस की बुर में पेला अभी तक ?
वह बोली - सबकी बुर में पेला है। तेरी माँ की भी बुर में भी पेला है मैंने अपने शौहर का लण्ड ? बस तेरी बुर बाकी है आज उसमें भी पेल दूँगी लण्ड।
इसी बात सब ठहाका लगा कर हंसने लगीं। इतने में बगल के कमरे से भी आवाज़ें आने लगीं जहाँ मेरी अम्मी, खाला, फूफी और मामी वगैरह बैठीं थी। फूफी ने अम्मी से कहा - भाभी देखो बेटियां कैसे ठहाका लगा लगा के मजे कर रही हैं ? अम्मी बोली - बेटियों की माँ का भोसड़ा ? तो खाला भी बोल पड़ीं - माँ चुदायें अपनी, बुर चोदी बेटियां ? तब तक इधर से खाला की बेटी रेशमा जोर से बोली - बेटियां चुदायें अपनी, बुर चोदी अम्मियाँ ? यह सुनकर उस खेमे में ही ठहाका लगने लगा। रुबिया बोली यार रोशनी क्यों न आज हम लोग मिलकर खुल्लम खुल्ला चोदा चोदी करें ? रेशमा बोली ठीक है यार मैं तो रुबिया के अब्बा से चुदवा चुकी हूँ। मैं तो तैयार हूँ। रुबिया ने कहा चुदवा तो मैं भी कई लोगों के अब्बा से चुदवा चुकी हूँ। लेकिन अकेले में। खुल्लम खुल्ला हो जाए तो अच्छा ही है। तब तक मेरी भाभी बोली अरी मेरी नन्द रानी तू कहाँ बैठी है ? मैं तुझे ढूंढ रही हूँ। मैंने मजाक में कहा भाभी जान मैं तेरे भाई जान के लण्ड पर बैठी हूँ। आकर देख लो न ? वह बोली मैं भी यहाँ तेरे शौहर के लण्ड पर बैठी हूँ तू खुद यहाँ आकर मुझे देख ले। बस, मुझे ध्यान आया की आज कुछ नया किया जाए ? नई नई मस्ती की जाए जिसमे बेशर्मी भी हो, बेरहमी भी हो और प्यार भी हो।
मैं बोली - आज हम सब बेटियां मिलकर "लण्ड चोदने की पार्टी" करेगीं। इन भोसड़ी वालों मर्दों ने हमेशा हमारी बुर चोदी है, हमारी माँ का भोसड़ा चोदा है, हमारी गांड चोदी है इसलिए आज हम सब मिलकर इन मर्दों के लण्ड चोदेंगीं। मेरी बात से सब लोग सहमत हो गई और फिर यह बात पूरे घर में आग की तरह फ़ैल गयी की आज बेटियां सबके 'लण्ड चोदने की पार्टी' करने जा रहीं हैं।
रेशमा बोली - यार रोशनी मैं तो सबसे पहले तेरे मियां का लण्ड चोदूँगी।
मैंने कहा - तो फिर मैं तेरे मियां का लण्ड चोदूँगी।
तब तक फूफी आ गयी, वह बोली हाय रोशनी तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? अब तू सबके लण्ड चोदेगी ? मैंने कहा हां फूफी जान तेरी बेटी की माँ की चूत। आज रात भर यही होगा। तुझे भी सबके लण्ड चोदने पड़ेगें। बोलो तुम सबसे पहले किसका लण्ड चोदोगी ? वह बोली तेरी नंदोई का लण्ड चोदूँगी ? मैं समझ गयी की फूफी की चूत गरमा गयी है। तब तक खाला बोली रौशनी तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तू तो मेरे मियां के लण्ड पर बैठती है आज मैं तेरे मियां के लण्ड पर बैठूंगी। तेरी ससुराल के सभी लण्ड मैं चोदूँगी। इस तरह पूरे घर में लण्ड चोदने का जूनून सवार हो गया। रात के ८ बज चुके थे। घर के ऊपर के कमरे में यह प्रोग्राम रखा गया था। गर्मी के दिन थे। पूर्णमासी की रात थी। चाँद की रोशनी पूरी छत पर फैली हुई थी। हम लोग उसी के नीचे वाले एक बड़े हाल में इकठ्ठा हो गए। हम चार बेटियां, मेरी अम्मी, खाला, फूफी और मामी जान भी थीं। हमारे साथ मेरी नन्द रेहाना और मेरी भाभी भी थीं। यानी ८ चूत उस समय मौजूद थीं। ये सबकी सब बीवियां हैं। मर्दों में मेरा अब्बू, खालू, फूफा, मेरा ससुर, रेशमा का ससुर, मेरा नंदोई और हम चारों के शौहर थे।
मैंने जब देख लिया की सब लोग कमरे में आ गए है तो बोली :-
आज के इस चुदाई समारोह में मैं आप सबका खैरमकदम करती हूँ। एक बात तो ज़ाहिर है की आज के इस प्रोग्राम में न कोई माँ बेटी है और न कोई बाप बेटी। यहाँ सब या तो बीवियां है और या फिर मियां हैं। यह मियों और बीवियों की महफ़िल है। आज इस महफ़िल में होगी घमाशान चुदाई। मियां अपनी बीवी छोड़ कर सबकी बीवियां चोदेंगें और बीवियां अपने मियां को छोड़ कर सबके मियां से चुदवायेंगीं। इसको इंग्लिश में "wife swapping" यानी "बीवियों की अदला बदली" कहते हैं । इसे "husband swapping" भी कहा जाता है, यानी "मियों की अदला बदली"। बीवी की अदला बदली हो या मियां की। चुदना तो चूत को ही है और चोदना तो लण्ड को ही है। अब लण्ड चाहे ऊपर हो या नीचे, घुसेगा चूत में ही और चूत चाहे ऊपर हो या नीचे, लण्ड को अपने अंदर घुसेड़ ही लेगी।
अब मैं साफ़ साफ़ कहती हूँ जो बीवी इस आज के प्रोग्राम में भाग न लेना चाहे वह बुर चोदी अभी महफ़िल छोड़ कर चली जाये और जो मियां भाग न लेना चाहे वह भी भोसड़ी का महफ़िल छोड़ कर चला जाये। जिसकी गांड में पराई बीवियां चोदने की दम हो वही रुके और जिसकी गांड में पराये मरद से चुदवाने में दम हो वही रुके। एक बात और ? वैसे तो चुदाई का मतलब होता है लण्ड चूत में पेलना लेकिन आज "लण्ड चोदने की पार्टी" है। आज चूत नहीं लण्ड चोदे जायेंगें ? आज सब की सब बीवियां सबके लण्ड चोदेगीं। और जब तक सब बीवियां सबके लण्ड चोद नहीं लेतीं तब तक महफ़िल चलती रहेगी। अब बीवियां आगे बढ़ें और जिसका चाहें उसका लन्ड चोदना शुरू कर दें।
सबसे पहले मेरी भाभी आगे बढ़ीं और वह मेरे नंदोई से लिपट गई। उसका लण्ड टटोलने लगी और नंदोई भी भाभी की चूँचियाँ मसलने लगा। थोड़ी देर में लौड़ा भी खुल गया और चूँचियाँ जिन्हे सबने देखा। देख कर सब लोग जोश में आ गये। मेरी खाला की बेटी रेशमा तो फूफा की तरफ बढ़ी और मुस्कराते हुए उसकी कमर से लिपट गयी और धीरे से उसके पैजामे में अपना हाथ घुसेड़ दिया। फूफी की बेटी रुबिया रजिया के मियां शमी की तरफ लपकी और उसका लण्ड ऊपर से दबा दिया। उसने भी रुबिया की कई चुम्मी ली और उसके बूब्स दबाने लगा। रजिया खालू के लण्ड पर मर मिटी। वह खालू का लण्ड पकड़ने के लिए तड़प उठी। रेहाना मेरी नन्द बुर चोदी मेरे अब्बा का लण्ड पकड़ने के लिए आगे बढ़ी। उसने बहुत पहले से मेरे अब्बा का लण्ड पीने के लिए मुझसे कहा था। अम्मी का दिल रेशमा के मियां सफी के लण्ड पर आ गया। वह सफी से चुदवाने के लिए आगे बढ़ी। मेरी बुर चोदी फूफी जान मेरे मियां की तरफ लपकी। उसने मेरे मियां के लण्ड के बारे में सुन रखा था और आज वही लण्ड उसके भोसड़ा में घुसने वाला है। मामी जान रेशमा के ससुर की लुंगी में हाथ घुसेड़ कर उसका लण्ड पकड़ने लगी और खाला जान रुबिया के मियां का लण्ड।
मैं ठान लिया था की आज मैं अपने ससुर का लण्ड सबके सामने पकड़ूँगी और फिर उसे अपनी चूत में घुसा कर चुदवाऊंगी। मुझे यह भी मालूम हुआ की मेरा ससुर भी मुझे चोदने के लिए बेताब है। इस तरह आपने देखा की बीवियां पराये मरदों के चंगुल में आ गयीं हैं और मरद भी पराई बीवियों को चोदने के चक्कर में आ गए हैं। एक बात यह भी है की कई बीवियां इनमे से कई मर्दों के लण्ड अपनी चूत में पेल चुकी हैं पर हां सबके लण्ड नहीं। इसके अलावा भी अगर पेला भी होगा तो अकेले में पेला होगा। आज यह बड़ा अच्छा मौक़ा है जब की सभी बीवियां सबके सामने सबके लण्ड चोदेंगीं तब मालूम हो जायेगा की किस बीवी की गांड में कितना दम है ? सब बीवियां एक साथ सबके तने हुए लण्ड देखेगीं जिससे बड़ा मज़ा आएगा। मरद भी इतनी सारी नंगी बीवियां एक साथ देखेगें तो उन्हें भी खूब मज़ा आएगा। मैं यह सब सोंच ही रही थी तभी सबके कपड़े उतरने लगे और देखते देखते ही सब बीवियां भोसड़ी वाली नंगी हो गयीं और साथ साथ सारे मरद भी बहन चोद नंगे हो गये। मुझे तो नंगे नंगे मरद बहुत अच्छे लगतें हैं।
यह सीन वाकई बड़ा मनोरंजक था। सबकी नज़रें सबके लण्ड पर, सबकी चूँचियों पर, सबकी चूत पर टिकी हुईं थीं। इतने में मैंने कहा भोसड़ी वालियों इन मर्दों के लण्ड चोदने हैं। आज का दिन हमारा दिन है। आज का दिन लण्ड चोदने का दिन है। आज हम सब बीवियां मर्दों की छाती पर चढ़ कर उनके लण्ड चोदेंगीं। इतने में बीवियां अपने अपने साथ के मरदों के लण्ड मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगीं। वो एक दूसरे को देख देख लण्ड चूसने का मज़ा लूटने लगीं। मैं अपने ससुर का लण्ड चूसने लगी, अम्मी रेशमा के मियां का लण्ड चूसने लगीं, फूफी ने मेरे मियां का लण्ड अपने मुंह में ले लिया, मामी जान ने रेशमा के ससुर का लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया, खाला तो मस्ती से रुबिया के मियां का लण्ड चूस रहीं थीं, मेरी भाभी मेरे नंदोई का लण्ड पाकर बहुत खुश थीं और उसे अपने मुंह में घुसा कर उसका सुपाड़ा चूसने लगीं, रेशमा फूफा का लण्ड चाटने लगी, रुबिया रजिया के मियां का लण्ड भूंखी बिल्ली की तरह चाट रही थी और रजिया मेरे खालू के लण्ड का सुपाड़ा चाट रही थी, रेहाना मेरी नन्द ससुरी मेरे अब्बा का लण्ड चूसने में जुटी थी।
रेहाना ने ही पहल की और कूद कर मेरे अब्बू के लण्ड पर बैठ गयी। उसने अपना मुंह मेरे अब्बू के मुंह की तरफ किया और थोड़ा झुक गयी। लण्ड पूरा उसकी चूत में घुस गया। वह फिर अपने चूतड़ उठा उठा के लण्ड पर पटकने लगी। लग रहा था की वह किसी मरद की तरह लण्ड चोद रही है। उसे लण्ड चोदते हुए साणे देखा और तालियां बजाई। मैंने पूंछा नन्द रानी क्या तुम पहले भी किसी का लण्ड चोद चुकी हो ? वह बोली हां भाभी जान मैंने सबसे पहले अपने खालू का लण्ड चोदा था और मैंने लण्ड चोदना पोर्न फिल्म से सीखा है , मुझे लण्ड चोदने में बड़ा मज़ा आता है। उसे देख कर मेरी भाभी भी उसी तरह मेरे नंदोई का लण्ड चोदने लगी। यह देख कर सबको मज़ा आने लगा की बीवी किसी और का लण्ड चोद रही है और मियां का लण्ड किसी और की बीवी चोद रही है। यही तो खूबसूरती है इस पार्टी की ? तब तक रेशमा फूफा के लण्ड पर चढ़ बैठी और धमाधम चोदने लगी लण्ड। रुबिया ने भी रजिया के मियां का लौड़ा चोदना शुरू कर दिया और रजिया खालू का लण्ड चोदने लगी। अम्मी तो रेशमा के मियां का लण्ड चोदने लगी और फूफी तो मेरे मियां का लण्ड चोदने में जुट गयी।
फूफी बोली - हाय रोशनी, देख तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा कितनी मस्ती से तेरे मियां का लण्ड चोद रहा है।
मैंने कहा - हां फूफी जान मैं तेरा भोसड़ा भी देख रही हूँ और तेरी बिटिया की बुर भी देख रही हूँ जो रजिया के मियां का लण्ड चोद रही है।
उधर से खाला ने कहा - रोशनी आज तूने बहुत बढ़िया काम किया। तू इतनी ज्यादा हरामजादी होगी यह मुझे पहले नहीं मालूम था। तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? आज तूने सारे मर्दों को एक साथ नंगा कर दिया। सभी बीवियों के कपड़े उतार लिये। नंगे मर्दों के आगे नंगी नंगी परायी बीवियां खड़ी कर दीं। सबकी चूत में ग़ैर मरद का लण्ड घुसेड़वा दिया। तू सच में बहुत बड़ी मादर चोद है रोशनी ? तेरी माँ की चूत बहन चोद ? पर एक बात है बेटी रोशनी इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया ? मैं तो तेरे अब्बू से पहले भी चुदवा चुकी हूँ और कई बार चुदवा चुकी हूँ पर आज सबके सामने सबकी बुर चुदते हुए देखने का जो मज़ा है उसका जबाब नहीं ?
भाभी ने भी कहा - रोशनी मेरी नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ? मुझे नहीं मालूम था की मेरी नन्द बुर चोदी इतनी मस्त चुदक्कड़ बीवी होगी ? मैंने तो सोंच लिया है की मैं सबके लण्ड चोदने के बाद तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी तब मुझे ज्यादा मज़ा आएगा।
इस तरह सब बीवियां कुछ न कुछ बकती जा रहीं थीं और लण्ड चोदती जा रहीं थीं। इन बातों से सबके लण्ड का जोश बढ़ता ही जा रहा था। सबके मन में यही था की :-
बैठी हूँ मैं लण्ड पर, कपड़े सभी उतार
लण्ड सभी के चोद के, जाऊंगी उस पार
दस दस लण्ड एक साथ चुद रहे थे। कमरा लण्ड चुदने की आवाज़ों से गूंज रहा था। पचर पचर, फच्च फच्च, गच्च गच्च, चप्प चप्प, धच्च धच्च, भचर भचर, छप्प छप्प की आवाज़ें चारों तरफ से आ रहीं थीं। रेशमा बोली रजिया तेरी माँ की चूत बहन चोद तू तो मुझे ज्यादा लण्ड चोद लेती है। मैंने कहा फूफी जान तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? तूने ही सब लड़कियों को लण्ड पीना सिखाया था आज मैंने सबको लण्ड चोदना सिखा दिया। फूफी ने जबाब दिया हां रोशनी तू सच कह रही है लेकिन उसका नतीजा देखो न ? आज सभी बुर चोदी बेटियां अपनी माँ चुदवा रहीं हैं। इतने में सभी बीवियां लण्ड अदल बदल कर चोदने लगीं। मेरी भाभी रुबिया के मियां के लण्ड पर बैठ गयी और खाला मेरे नंदोई के लण्ड पर। मामी मेरे मियां के लण्ड पर बैठ गयी तो फूफी रेशमा के ससुर के लण्ड पर। मैं फूफा का लण्ड चोदने लगी तो रेशमा मेरे ससुर का लण्ड चोदने लगी। इसी तरह सबने लण्ड बदला तो चुदाई का मज़ा दूना हो गया।
इस बात पर सभी मियां और बीवियां राज़ी थी की इस तरह की लण्ड चोदने की पार्टी महीने में एक बार जरूर होना चाहिए। एक दिन मैंअपनी दोस्त समीना के घर चली गयी। गर्मी के दिन थे मैं सवेरे सवेरे ही पहुँच गयी थी। उसने मेरा वेलकम किया और बड़े प्यार से बैठ कर बातें करने लगी। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया तो समीना उठी और दरवाजा खोल दिया। वह बोली हाय सलमा कम इन उसे अंदर बैठाया और मुझसे भी मिलवाया।
- समीना बोली - यार सलमा तू इतने दिनों से कहाँ थी ? माँ चुदा रही थी तू अपनी ?
- उसने भी बिंदास जबाब - माँ नहीं चुदा रही थी यार अपने नंदोई का लण्ड हिला रही थी। फिर उसने मेरी तरफ देख कर कहा यार रोशनी बुरा न मानना मैं अपनी दोस्तों से ऐसे ही बातें करती हूँ।
- मैंने कहा अरे यार यहाँ कौन बुर चोदी तेरी बात का बुरा मानने वाली है ? मैं खुद अपने नंदोई का लण्ड हिलाती हूँ। अरे नंदोई का लण्ड क्या मैं तो सभी के लण्ड हिलाती हूँ. मुझे लण्ड हिलाना बड़ा अच्छा लगता है। सलमा बोली - लण्ड हिलाती ही हो की कुछ और भी करती हो रोशनी ?
- मैंने कहा - मैं तो लण्ड हिलाने के बाद लण्ड दोदती हूँ। मुझे लण्ड चोदना बहुत अच्छा लगता है।
- सलमा बोली - हाय अल्ला, लण्ड तो मैं भी चोदती हूँ यार ? अब तो मैं तेरे मियां का लण्ड चोदूँगी रोशनी।
- मैंने कहा - यार मेरा मियां तो बाहर गया है। आज नहीं किसी और दिन चोद लेना मेरे मियां का लण्ड।
- समीना बोली - तुम दोनों बातें करो, मैं अभी चाय बना कर लाती हूँ।
- सलमा बोली - रुको यार मैं चाय नहीं पीती मैं तो शराब पीती हूँ। मुझे व्हिस्की पिलाओ और सुन मैं शराब के साथ लण्ड पीती हूँ। मुझे लण्ड भी पिलाओ। लण्ड पीने के बाद मैं लण्ड चोदूँगी भी।
- समीना बोली - हाय दईया, तू तो बहुत बड़ी मादर चोद हो गयी है। मैं पहले तुम्हे शराब पिलाती हूँ बाद में लण्ड भी पिला दूँगी।
समीना ने मेरे कपड़े भी उतार दिया और मैंने आरिफ के कपड़े। मुझे लण्ड पसंद आ गया और मैं उसे चोदने के लिए बेताब होने लगी। तब मैंने देखा की समीना और सलमा दोनों नंगी हो गयीं। उनके दोनों मरद भी नंगे। उनके लण्ड देख कर मेरी चूत की आग भड़क गयी। मेरा मन हुआ की मैं तीनो लण्ड एक साथ अपनी चूत मे घुसेड लूँ. हम तीनो एक दूसरे को देख देख कर लण्ड चूसने लगीं क्यंकि हमें तो पराये मरद का लण्ड मज़ा देता है। मैं और इंतज़ार न कर सकी।
मैंने आरिफ को नीचे लिटाया और उसके लण्ड पर चढ़ बैठी। लण्ड मेरी चूत में घुस गया और मैं धीरे धीरे उसका लण्ड चोदने लगी। मुझे देख कर वो दोनों भी लण्ड चोदने लगीं। थोड़ी देर बाद आरिफ बोला भाभी तेरी सहेली रौशनी भाभी की बुर भी बड़ी टाइट है बहन चोद। मुझे तो इसे चोदने में बड़ा अच्छा लग रहा है। मैंने कहा यार आरिफ तुम अपने दोस्तों के सामने मुझे चोद रहे हो तुम्हे शर्म नहीं आती। तब आरिफ बोला अरे रौशनी भाभी शर्म किस बात की। मैं तो रफीक की बीवी उसके सामने चोदता हूँ। रफीक मेरी बीवी मेरे सामने चोदता है। रज़ा की बीवी भी मुझसे रज़ा के सामने चुदवाती है और मेरी बीवी मेरे सामने ही रज़ा का लण्ड पीती है तो फिर इसमें शर्म किस बात की ? तब तक समीना ने लण्ड चोदने की स्पीड बढ़ा दी। सलमा भी रज़ा का लण्ड गचर गचर चोदने लगी। हम तीनो लण्ड बड़ी बेशर्मी से चोद रहीं थीं। कुछ देर बाद एक एक करके तीनो लण्ड झड़ने लगे और तब हमने झड़ते हुए लण्ड जबान निकाल कर खूब मजे से चाटा।
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