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चूत में जब आग लगती है तो ये बाप या भाई देखती - Chut ki aag Bhai aur Baap se chudati hai
चूत में जब आग लगती है तो ये बाप या भाई देखती - Chut ki aag Bhai aur Baap se chudati hai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस दिन जब अम्मी दौड़ी दौड़ी मेरे पास आयीं तो मैं समझ न पाई की अम्मी इतनी उत्साहित क्यों हैं ? उसका चेहरा बिलकुल खिला हुआ था। चेहरे पर बड़ी मस्तानी मुस्कान थी और शायद खुशी के मारे उसका चेहरा बिलकुल लाल हो गया था। मेरे पास आते ही बोली हाय तमन्ना बेटी तझे कुछ मालूम हुआ ? मैंने कहा नहीं अम्मी जान मुझे तो कुछ भी नहीं मालूम हुआ ? वह बोली अरे बेटी तेरा निकाह तय हो गया है और जानती हो कहाँ तय हुआ है। मैंने कहा नहीं अम्मी मुझे यह भी नहीं मालूम ? तुम सब कुछ खुल कर बताओ न मुझे ? धीरे धीरे क्यों बता रही हो। वह बोली तमन्ना तेरा निकाह उससे हो रहा है जिसे तुम प्यार करती हो। मतलब यह की तेरे सबसे छोटे मामू जान से ? तू अपने सबसे छोटे मामू जान से प्यार करती हैं न ? तो खुदा ने तेरी सुन ली और अब एक हफ्ते में ही तेरा निकाह हो जायेगा ? मैंने कहा मैं खुदा का शुक्रिया अदा करती हूँ अम्मी। मुझे यकीन था की यह एक दिन जरूर होगा पर तुम तो मुझसे ज्यादा खुश नज़र आ रही हो अम्मी ? इसका राज़ क्या है ?
वह बोली - अरे तमन्ना अब तो मैं तेरी बुर चोदी नन्द हो गयी हूँ और तू मेरी बुर चोदी भाभी। अब तो मुझे अपनी भाभी की बुर चोदने का हक़ मिलेगा ही ?
मैंने कहा - तब तो मुझे भी अपनी नन्द की बुर चोदने का हक़ मिलेगा, लण्ड पेला करूंगी मैं अपनी नन्द की बुर में अम्मी जान ? ?
अम्मी ख़ुशी के मारे मुझसे लिपट गयी और मस्ती में बोली - बेटी, तेरी अम्मी का भोसड़ा ? तेरी माँ की बिटिया की बुर ? अब तो मैं नया रिस्ता मानूंगी ? अब तो मैं नन्द भौजाई का रिस्ता मानूंगी ? पुराने रिश्ते की माँ की चूत ? माँ चुदाये बहन चोद माँ बेटी का पुराना रिस्ता ?
मैंने कहा - हां अम्मी मैं भी यही चाहती हूँ। जो मज़ा नए रिश्ते हैं है वो मज़ा पुराने रिश्ते में कहाँ ?
तो देखा आपने मेरे प्यारे दोस्तों, मेरी अम्मी जान की ख़ुशी ! मेरी अम्मी अभी बहुत जवान हैं। उनकी उम्र अभी सिर्फ ४४ साल की हैं और मैं २२ साल की हूँ। मैं अम्मी से पूरी तरह खुली हुई हूँ इसीलिए हम दोनों इतनी खुली खुली बातें कर रहीं हैं और एक दूसरे को मस्ती से प्यार से गालियां दे दे कर बातें कर रहीं हैं। अम्मी मुझे अक्सर माँ की लौड़ी, भोसड़ी की, चोद बहन चोद, कह कर बुलातीं हैं और मैं भी उसे कभी बुर चोदी, कभी हरामजादी, कभी बहन की लौड़ी कह कर बुलातीं हूँ और बातें करती हूँ। मैं अम्मी से कैसे और कब खुल गयी, इसकी एक छोटी सी रोचक घटना है वह मैं आपको बता रही हूँ। सुनिए :-
एक दिन ऐसा हुआ की मैंने समझा की अम्मी बाहर गयीं है और अब वह शाम के पहले नहीं आयेगीं। तब मैंने अपने बॉय फ्रेंड को बुलाया और कमरे में अपने सारे कपड़े उतार कर उसका लण्ड चाटने लगी। मुझे लण्ड पकड़ने की लत १५ साल की उम्र में ही लग चुकी थी। पहले मैं कॉलेज के लड़कों के लण्ड सिनेमा हाल में पकड़ती थी लेकिन फिर घर के भी लण्ड पकड़ने लगी। मैंने चुपके से खालू का लण्ड पकड़ा, फूफा का लण्ड पकड़ा, अपने पड़ोस के एक लड़के का लण्ड पकड़ा, अपनी खाला जान के लड़के का लण्ड पकड़ा। फिर एक दिन मैंने अपने सबसे छोटे मामू जान का लण्ड पकड़ लिया। उसका लण्ड तो सबसे बड़ा था और सबसे मोटा भी। बस मैं लण्ड पर मर मिटी और सोंच लिया की मैं इसी लण्ड से निकाह करूंगी और आज मेरी तमन्ना पूरी होने वाली है। हां तो उस दिन मैं बड़ी मस्ती से लण्ड चूस रही थी। अचानक अम्मी कमरे में आ गयीं। वह बहन चोद एकदम नंगीं थीं। उसके हाथ में एक लण्ड भी था। लण्ड साला बड़ा मोटा तगड़ा था और लण्ड वाला बिलकुल नंगा था। अम्मी ने मेरे हाथ में लण्ड देखा और मैंने अम्मी के हाथ में लण्ड देखा।
थोड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे को देखती रहीं। दोनों लण्ड ढीले पड़ गये। तब अम्मी मुस्कराकर बोली बेटी तमन्ना रुक क्यों गयीं चुसो न लण्ड ? मैं देखना चाहती हूँ की तुम ठीक से लण्ड चूसना जानती हो की नहीं ? अगर नहीं जानती हो मैं तुम्हे बताती हूँ की कैसे चूसा जाता है लण्ड ? अम्मी मेरी तरफ बढ़ीं और मेरे दोस्त का लण्ड पकड़ कर चूसने लगीं। फिर उसने अपने दोस्त का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और कहा तुम भी इसी तरह चूसो लण्ड जैसे मैं चूस रही हूँ। मैं अंकल का लण्ड चूसने लगी। वह बोली हां बिलकुल सही है तमन्ना अब तुम सच में सीख गयी हो। अच्छा लो अपने दोस्त का लण्ड और अब इसे अपनी माँ की चूत में पेलो। आज तुम अपनी माँ चुदाना भी सीख लो, बेटी। मैंने अम्मी का कहना मान लिया। मैंने अपने दोस्त का लण्ड अम्मी की चूत में पूरा घुस गया। अम्मी ने कहा बेटा अब तुम अपनी गर्ल फ्रेंड की माँ चोदो। वह चोदने लगा। तब तक अम्मी ने अपने दोस्त का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और कहा मसूद ये है तमन्ना की माँ की बिटिया की बुर ? तुम इसे मेरे सामने चोदो, तब आएगा जवानी का पूरा मज़ा। मैं फिर अम्मी के दोस्त मसूद से चुदवाने लगी।
पहले तो थोड़ा दर्द हुआ पर बाद ने सब ठीक हो गया। अम्मी ने कहा बेटी चुदाई का मज़ा तभी आता है जब पूरी तरह बेशर्म हो जाओ और खूब गन्दी गन्दी बातें करो खूब गालियां दो और एन्जॉय करो। अब आज से इसी तरह चुदा करेगा तेरी माँ का भोसड़ा, बेटी ? समझ गई न तू भोसड़ी की तमन्ना ? तब तक मैं भी बेशर्म हो चुकी थी। मैंने भी कहा और अब इसी तरह चुदा करेगी तेरी बिटिया की बुर अम्मी जान ? समझ गयी न तू बुर चोदी तमन्ना की अम्मी ?
बस उसी दिन से हम दोनों में एक दोस्ती का रिस्ता बन गया।
धीरे धीरे घर में मेहमान आने लगे और धूम धाम शुरू हो गयी हंसी मजाक होने लगी और सब तरह की बातें होने लगीं। रात कब आयी और कब गयी यह भी बातों के आगे महसूस नहीं हुआ। बस दो दिन बचे तो मस्ती और सबके सिर पर सवार हो गयी। रात को मस्ती चढ़ कर बोलने लगी। बहू बेटियों के कपड़े इधर उधर उतरने लगे। अम्मियों के भी कपड़े अपनी अपनी जगह छोड़ने लगे। किसी की चूँचियाँ दिखने लगीं, किसी की जांघें दिखने लगी, किसी की झांटें झाँकने लगी तो किसी की गांड। मर्दों में भी करिश्मा कम न था। किसी का लण्ड हिलता हुआ दिखा तो किसी के पेल्हड़। सब लोग सब की मजाक उड़ाने लगे और साथ साथ हंसी के ठहाके भी गूंजने लगे। रात गहराई तो मस्ती और बढ़ गयी। खाला ने अब्बू की लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ दिया। खाला की बेटी फूफा के पैजामे में हाथ डाल कर उसका लण्ड सहलाने लगी। खालू ने अम्मी के ब्लाउज़ में हाथ घुसेड़ दिया। फूफी की बेटी अपने ही देवर का लण्ड हिलाने लगी। फूफी ने पड़ोस के लड़के का लण्ड पकड़ लिया।
इसी हंसी ख़ुशी में मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी।
मेरी सुहागरात हो गयी और जब मैं सवेरे सवेरे तैयार हो कर बाहर निकली तो मुझे मेरी नंदों ने घेर लिया और सवाल पर सवाल दागना शुरू कर दिया।
हाय बोली - पर भोसड़ी की तमन्ना ये तो बता की उसके लण्ड का साइज क्या है ?
मैंने कहा - तू मेरे शौहर के लण्ड का साइज जानकार क्या करेगी। फिर भी उसके लण्ड का साइज है ८"+ x ५"+
वह बोली - हाय दईया, तब तो सच में बड़ा मस्त लौड़ा है यार। तू तो बड़ा मज़ा करेगी ?
मैंने कहा - अच्छा बस लण्ड का साइज सुनकर ही तेरी गांड फट गई क्या ? क्या तू इतने बड़े को लण्ड बर्दास्त नहीं कर सकती ? क्या तेरी चूत इतनी छोटी है।
वह बोली - नहीं यार मैं तो बस यह सोंच रही थी की वह तेरी माँ का भोसड़ा चोद पायेगा की नहीं ?
सब फिर हंसने लगीं। कुछ मेहमान अभी तक रुके हुए थे। रौनक बनी हुई थी। धूम धड़ाका भी हो रहा था। रातें रंगीन भी हो रहीं थीं। मैं जब ससुराल से आयी हूँ तो मुझे भी इसमें शामिल होने का मौक़ा मिल गया है। घर में अभी खाला जान उसकी बेटी ज़ोया, फूफी जान और उसकी बेटी हया, मैं, मेरी अम्मी और अब्बू इसके साथ इन सबके शौहर भी मौजूद थे। खूब हंसी मजाक के बीच और गाली गलौज के बीच सबके मन में रात को रंगीन बनाने की बातें भी मन में चल रहीं थीं। जैसे जैसे रात का समय आता जा रहा था वैसे वैसे बदन की गर्मी भी बढ़ती जा रही थीं। एक तरफ सब बीवियां थीं तो दूसरी तरफ सारे मरद थे। मर्दों में मेरा शौहर मोमिन, मेरे अब्बू जान अदब खान, मेरा खालू नियाज़ अहमद, मेरा फूफा नदीम, हया का शौहर हासिम, ज़ोया का शौहर मंसूर। ये लोग भी आपस में खुली खुली बातें करके खूब एन्जॉय कर रहे थे।
तब तक खाला अम्मी से कहा तो फिर आज बेटियां क्या करेगीं दीदी ?
अम्मी के बोलने के पहले ही फूफी बोल पड़ी - बेटियां बुर चोदी चुदवायेंगीं अपनी माँ का भोसड़ा और क्या ? अरे बेटियां भी अब बीवियां हो गईं हैं भोसड़ी वाली। अब क्या जैसी हम वैसी वो ?
इसके जबाब में फूफी की बेटी ही बोल पड़ी - तो फिर माँ भी चुदवायेगीं अपनी बेटियों की बुर। बेटियां तो सच में हो गईं हैं बीवियां तो फिर चोदेगीं ग़ैर मर्दों के लण्ड।
तब तक खाला की बेटी ज़ोया ने कहा - तो क्या हया, तू अपने बाप का लण्ड चोदेगी ?
ज़ोया ने जबाब दिया - लण्ड चाहे बाप का हो या भाई का ? चूत में जब आग लगती है तो फिर वह न बाप देखती है और न भाई। वह तो बस लण्ड देखती है लण्ड ? और अब तो मेरी चूत में आग लग चुकी है। अब मेरे सामने जो भी लण्ड आएगा वह मेरे मुंह में घुसेगा और फिर मेरी बुर में घुसेगा।
उसकी बात सुनकर हया बोली - क्या तू ही सबसे ज्यादा जवान है, बहन चोद ? अरे हम भी जवान हैं। हमारी भी चूत में आग लगी है और शायद तेरी चूत से ज्यादा। मैं तो तेरे भी बाप का लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लूंगी।
तब तक फूफी ने कहा - हाय दईया तुम सब लोग यह मत समझो की केवल बेटियां ही जवान हैं। जवान तो हम लीग भी है। तुम लोगों से दूना मोटे लण्ड हम अपने भोसड़ा में घुसा सकतीं हैं। यहाँ के सारे लण्ड अपनी चूत में डाल कर भून सकतीं हैं और सुन लो अगर तुम लोग हमारे मर्दों के लण्ड घुसेड़ सकती हो अपनी चूत में तो हम लोग भी तुम्हारे मर्दों के लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ सकतीं हैं।
तब तक अम्मी बोली - अरे सुनो यार मैं सबसे पहले अपने नंदोई का लण्ड अपनी बुर में पेलूँगी।
खाला ने पूंछा - कौन नंदोई ? किसका लण्ड पलोगी तुम अपनी चूत में दीदी ?
अम्मी ने कहा - मैं अपनी नई ताज़ी बनी मेरी नन्द के मियां के लण्ड के बारे में कह रही हूँ। मेरी बेटी तो अब मेरी नन्द बन गयी है और इसका शौहर मेरा नंदोई। मैं तो सबसे पहले उसका लण्ड चोदूँगी।
फूफी बोली - हाय दईया वह तो तेरा भाई जान है, भाभी ?
अम्मी ने कहा - सुना नहीं अभी तूने क्या कहा इन बुर चोदी बेटियों ने , की चूत में जब आग लगती है तो यह नहीं देखा जाता की ये बाप का लण्ड है की भाई का लण्ड ? लण्ड तो सिर्फ लण्ड है मैं तो उसे चोदूँगी।
मैंने कहा -
अम्मी, तेरी चूत में, मैं पेलूँगी लण्ड
तू बुर चोदी हो गई मेरी प्यारी नन्द
अम्मी ने पलट कर कहा -
बेटी, तेरी चूत में, पेलूं दो दो लण्ड
तू मेरी भाभी हुई, मैं हूँ तेरी नन्द
इन सब बातों ने माहौल को पूरी तरह गरम कर दिया। अब तो सबकी चूत आग से धधकने लगी। जैसे जैसे रात गहराती जा रही थी वैसे वैसे आग की ज्वाला बढ़ती जा रही थी। हमारे कपड़े भी वैसे वैसे खुलते जा रहे थे। एक बड़े से कमरे में हम सब लोग इकठ्ठा हो गए। रात के १० बज चुके थे। तब तक मेरी अम्मी ने मेरे शौहर की जांघ पर हाथ रख दिया और बोली भाभी जान तुझे अपनी बीवी की बुर अच्छी लगी ? तुझे उसे चोदने में मज़ा आया ? उसने अपना सिर हिला कर इशारे से कहा हां मज़ा आया और खूब आया। तब अम्मी ने सबके सामने कहा तो फिर अब तुम उसकी माँ की बुर भी चोद कर देखो। वह भी तुम्हे अच्छी लगेगी। ऐसा कह कर अम्मी ने उसका लण्ड ऊपर से दबा दिया। हया ने अपने मियां का पैजामा खोल कर उसका लण्ड बाहर निकाल लिया और उसे प्यार से हिलाने लगी। उसे देख कर ज़ोया ने भी अपने शौहर का पैजामा खोल डाला और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। दोनों ने फिर अपनी अपनी बन्दूक तान एक दूसरे पर तान दी।
हया बोली - ज़ोया, आज मैं इसी लण्ड से तेरी माँ का भोसड़ा चोदूंगीं।
ज़ोया बोली - तो क्या मैं बैठी बैठी अपनी झांटें उखाडूँगी ? मैं भी अपने मियां के लण्ड से तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी। ज़ोया ने लण्ड फूफी को पकड़ा दिया। फूफी लण्ड पाकर मस्त हो गयी. तब तक ज़ोया ने फूफी के कपड़े उतार कर उसे पूरी नंगी कर दिया। हया ने ज़ोया की अम्मी को अपने मियां का लण्ड पकड़ा दिया और उसके कपड़े उतार कर नंगी कर दिया। खाला भी नंगी होकर बड़े मजे से लण्ड चाटने लगी। मेरी खाला भी नंगी मेरी फूफी भी नंगी। खाला के मुंह में फूफी के दामाद का लण्ड और फूफी के मुंह में खाला के दामाद का लण्ड ? ऐसा सीन देख कर सभी लोग रोमांचित हो गए। हया ज़ोया की माँ का भोसड़ा सहलाने लगी और ज़ोया हया की माँ का भोसड़ा। यह भी सीन देखने वाला था। फिर ज़ोया ने अपने मियां का लण्ड हया की माँ के भोसड़ा में ठोंक दिया। उसे देख कर हया ने अपने मियां का लण्ड ज़ोया की माँ के भोसड़ा में घुसा दिया। दोनों अपने अपने मियां से एक दूसरे की माँ चोदने लगी।
ज़ोया बोली - देख हाय आज मैं तेरी माँ चोद रही हूँ। फिर न कहना की मैंने कभी तेरी माँ नहीं चोदी ?
हया बोली - मैं भी तेरी माँ चोद रही हूँ ज़ोया। फिर न कहना की मैंने कभी तेरी माँ नहीं चोदी। यह सुनकर सब देखने वालों ने खूब तालियां बजाई और एन्जॉय लिया। उधर अम्मी के भोसड़ा में मेरे मियां का लण्ड घुस चुका था। वह भी चुदवाने में मस्त हो रही थी।
खाला ने अम्मी से कहा - आजकल की बेटियां बहुत ज्यादा ैय्यास हो गयीं हैं दीदी। देखों रोज़ रोज़ एक न एक नया फार्मूला निकालतीं हैं चुदाई का। सेक्स के खेल जाने कितने ये बेटियां निकालती रहतीं हैं। आज देखो ये दोनों कितनी मस्ती से एक दूसरे की माँ चुदवा रहीं हैं।
अम्मी ने कहा - हां तू सच कह रही है। अभी मेरी पड़ोसन बता रही थी की मेरी बेटी दो दो लण्ड एक साथ पेलती है मेरी भी चूत में और अपनी भी चूत में। इस तरह अम्मी, खाला और फूफी तीनो मजे से चुदवाने लगी।
इसी बीच खालू ने अपना लण्ड फूफी की बेटी हया को पकड़ा दिया और फूफा ने अपना लण्ड खाला की बेटी ज़ोया को पकड़ा दिया। हया ज़ोया के अब्बू का लण्ड चाटने लगी और ज़ोया हया के अब्बू का लण्ड चाटने लगी। दोनों एक दूसरे को लण्ड दिखा दिखा के चाट रहीं थीं।
मेरे भी मन में आया की मेरी अम्मी अगर मेरी नन्द है तो मेरा अब्बू मेरा नंदोई हुआ। इसलिए नंदोई का लण्ड पकड़ना और उससे चुदवाना तो मेरा फ़र्ज़ है। बस फिर क्या मैं आगे बढ़ी और अब्बू का लण्ड धर दबोचा। लण्ड तो टन टना रहा ही था। मैं भी नंगी थी और वह नंगा। इस महफ़िल में सभी बीवियां और मियां नंगे थे। किसी के भी बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। मैंने कहा हाय अब्बू मेरे नंदोई राजा तेरा तो लण्ड साला पहले ही हिनहिना रहा है। तो फिर देर किस बात की ? चोद ले न अपने साले की बीवी की बुर ?
तब तक खालू और फूफा दोनों एक दूसरे की बेटी की बुर चोदने लगे। मैं भी अब्बू से चुदवाने लगी। पूरे कमरे में चुदाई ही चुदाई। इधर सबकी चूत का बाजा बज रहा था और उधर घड़ी ने रात के १२ बजा दिये। घमाशान चुदाई का मज़ा सभी लेने में जुटे हुए थे। कोई भी किसी से कम न था। सबके लण्ड किसी न किसी की चूत में घुसे हुए थे। ऐसा सीन बहुत कम देखने को मिलता। मैंने कहा देखा न तुम लोगों ने आज का नज़ारा। मैं कह रही थी न की रात में न कोई बाप न कोई भाई ? न कोई माँ न कोई बेटी ? बस लण्ड होता है और लण्ड। चूत होती है और चूत। फूफी को मस्ती चढ़ी तो वह अपनी ही बेटी से बोली - बुर चोदी हया, चुदवा लिया न आज तूने अपनी माँ का भोसड़ा ? हया ने जबाब दिता - तूने भी तो चुदवा लिया अपनी बेटी की बुर मेरी हरामजादी अम्मी जान ? उधर ज़ोया अपनी अम्मी से बोली - अम्मी ज़ोया की माँ की चूत। तो उसकी अम्मी ने जबाब दिया - ज़ोया, आयशा (खाला का नाम) की बेटी की बुर बहन चोद ?
तब तक अब्बू मुझे पीछे से चोदने लगा। अम्मी उधर मेरे मियां के लण्ड पर बैठ कर चुदवाने लगीं, खाला फूफी के दामाद के ऊपर चढ़ कर चुदवाने लगीं, हया खालू के लण्ड पर बैठ गयी और ज़ोया फूफा के लण्ड पे। जिसको जैसी चूत मिली वह वैसे ही उसे चोदने लगा और जिसको जैसा लण्ड मिला वह वैसे ही उससे चुदवाने लगी। सबको सच में बड़ा मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में मैंने ज़ोया के मियां का लण्ड पकड़ लिया, ज़ोया ने हया के मियां का लण्ड खाला की बुर से निकाल लिया और चाटने लगी. हया ने मेरा मियां का लण्ड मेरी अम्मी की चूत से निकाल लिया और हिलाने लगी। उधर खाला ने मेरे अब्बू का लण्ड दबोच लिया और उसका सुपाड़ा अपने मुंह में भर लिया, अम्मी ने फूफा का लण्ड ज़ोया की बुर निकाला और चाटने लगी, फूफी ने खालू का लौड़ा हया की चूत से खींच लिया और उसे जबान निकाल कर चाटने लगी। इस तरह सबके लण्ड बदल गयेऔर सबकी चूत बदल गयी तो चुदाई में फिर वही पहले वाला जोश आ गया।
खाला ने मुझसे कहा - तमन्ना देख, मैं तेरेअब्बू का लण्ड चोदने जा रही हूँ।
फूफी ने कहा - ज़ोया देख आज मैंने तेरे सामने तेरे अब्बू का लण्ड चोदूंगी।
अम्मी बोली - मैं भी कम नहीं हूँ हया, मैं तेरे अब्बू का लण्ड चोदूँगी।
इस तरह सबकी सब बुर चोदी किसी न किसी का लण्ड चोदने लगीं। कोई किसी के अब्बू का लण्ड चोदने लगी, कोई किसी के मियां का लण्ड चोदने लगी और कोई किसी के भाई जान का लण्ड चोदने लगी...
धीरे धीरे घर में मेहमान आने लगे और धूम धाम शुरू हो गयी हंसी मजाक होने लगी और सब तरह की बातें होने लगीं। रात कब आयी और कब गयी यह भी बातों के आगे महसूस नहीं हुआ। बस दो दिन बचे तो मस्ती और सबके सिर पर सवार हो गयी। रात को मस्ती चढ़ कर बोलने लगी। बहू बेटियों के कपड़े इधर उधर उतरने लगे। अम्मियों के भी कपड़े अपनी अपनी जगह छोड़ने लगे। किसी की चूँचियाँ दिखने लगीं, किसी की जांघें दिखने लगी, किसी की झांटें झाँकने लगी तो किसी की गांड। मर्दों में भी करिश्मा कम न था। किसी का लण्ड हिलता हुआ दिखा तो किसी के पेल्हड़। सब लोग सब की मजाक उड़ाने लगे और साथ साथ हंसी के ठहाके भी गूंजने लगे। रात गहराई तो मस्ती और बढ़ गयी। खाला ने अब्बू की लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ दिया। खाला की बेटी फूफा के पैजामे में हाथ डाल कर उसका लण्ड सहलाने लगी। खालू ने अम्मी के ब्लाउज़ में हाथ घुसेड़ दिया। फूफी की बेटी अपने ही देवर का लण्ड हिलाने लगी। फूफी ने पड़ोस के लड़के का लण्ड पकड़ लिया।
इसी हंसी ख़ुशी में मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी।
मेरी सुहागरात हो गयी और जब मैं सवेरे सवेरे तैयार हो कर बाहर निकली तो मुझे मेरी नंदों ने घेर लिया और सवाल पर सवाल दागना शुरू कर दिया।
- एक बोली - कैसी रही भाभी जान तेरी सुहागरात ? रात में कितबी बार चुदी तेरी बुर चोदी बुर ?
- मैंने कहा - तीन बार चुदी।
- दूसरी बोली - हाय दईया तब तो तेरी चूत का कबाड़ा हो गया होगा भाभी जान ?
- मेरी चूत का तो कबाड़ा नहीं हुआ लेकिन हां तेरे भाई जान के लण्ड का कबाड़ा जरूर हो गया।
- तीसरी बोली - हाय अल्ला, इतनी मजबूत है तेरी बुर बहन चोद ?
- हां इतनी जल्दी तो मेरी चूत हार नहीं मानती ?
- पहली बोली - वाओ, तो क्या २/४ लण्ड और पेल दूँ तेरी चूत में भाभी जान ?
- पेल दो न कौन मना करती है ? जितने चाहो उतने लण्ड पेल दो मेरी चूत में मैं उफ़ भी नहीं करूंगी ?
- दूसरी बोली - हाय रब्बा , तुम तो बड़ी चुदक्कड़ हो भाभी जान ? अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाओगी क्या २/४ लण्ड से ?
- माँ तो अभी दूर है, मैं तो अभी तेरी बुर चुदवाऊंगी, नन्द रानी।
- पहली नन्द आगे बढ़ी और मेरा माथा चूम कर बोली वाह मेरी भाभी जान वाह ! मैं ऐसी ही भाभी चाहती थी जो अपनी नन्द की बुर चोदा करे, अपनी सास की बिटिया की बुर चोदे और अपने शौहर की बहन चोदे।
हाय बोली - पर भोसड़ी की तमन्ना ये तो बता की उसके लण्ड का साइज क्या है ?
मैंने कहा - तू मेरे शौहर के लण्ड का साइज जानकार क्या करेगी। फिर भी उसके लण्ड का साइज है ८"+ x ५"+
वह बोली - हाय दईया, तब तो सच में बड़ा मस्त लौड़ा है यार। तू तो बड़ा मज़ा करेगी ?
मैंने कहा - अच्छा बस लण्ड का साइज सुनकर ही तेरी गांड फट गई क्या ? क्या तू इतने बड़े को लण्ड बर्दास्त नहीं कर सकती ? क्या तेरी चूत इतनी छोटी है।
वह बोली - नहीं यार मैं तो बस यह सोंच रही थी की वह तेरी माँ का भोसड़ा चोद पायेगा की नहीं ?
सब फिर हंसने लगीं। कुछ मेहमान अभी तक रुके हुए थे। रौनक बनी हुई थी। धूम धड़ाका भी हो रहा था। रातें रंगीन भी हो रहीं थीं। मैं जब ससुराल से आयी हूँ तो मुझे भी इसमें शामिल होने का मौक़ा मिल गया है। घर में अभी खाला जान उसकी बेटी ज़ोया, फूफी जान और उसकी बेटी हया, मैं, मेरी अम्मी और अब्बू इसके साथ इन सबके शौहर भी मौजूद थे। खूब हंसी मजाक के बीच और गाली गलौज के बीच सबके मन में रात को रंगीन बनाने की बातें भी मन में चल रहीं थीं। जैसे जैसे रात का समय आता जा रहा था वैसे वैसे बदन की गर्मी भी बढ़ती जा रही थीं। एक तरफ सब बीवियां थीं तो दूसरी तरफ सारे मरद थे। मर्दों में मेरा शौहर मोमिन, मेरे अब्बू जान अदब खान, मेरा खालू नियाज़ अहमद, मेरा फूफा नदीम, हया का शौहर हासिम, ज़ोया का शौहर मंसूर। ये लोग भी आपस में खुली खुली बातें करके खूब एन्जॉय कर रहे थे।
तब तक खाला अम्मी से कहा तो फिर आज बेटियां क्या करेगीं दीदी ?
अम्मी के बोलने के पहले ही फूफी बोल पड़ी - बेटियां बुर चोदी चुदवायेंगीं अपनी माँ का भोसड़ा और क्या ? अरे बेटियां भी अब बीवियां हो गईं हैं भोसड़ी वाली। अब क्या जैसी हम वैसी वो ?
इसके जबाब में फूफी की बेटी ही बोल पड़ी - तो फिर माँ भी चुदवायेगीं अपनी बेटियों की बुर। बेटियां तो सच में हो गईं हैं बीवियां तो फिर चोदेगीं ग़ैर मर्दों के लण्ड।
तब तक खाला की बेटी ज़ोया ने कहा - तो क्या हया, तू अपने बाप का लण्ड चोदेगी ?
ज़ोया ने जबाब दिया - लण्ड चाहे बाप का हो या भाई का ? चूत में जब आग लगती है तो फिर वह न बाप देखती है और न भाई। वह तो बस लण्ड देखती है लण्ड ? और अब तो मेरी चूत में आग लग चुकी है। अब मेरे सामने जो भी लण्ड आएगा वह मेरे मुंह में घुसेगा और फिर मेरी बुर में घुसेगा।
उसकी बात सुनकर हया बोली - क्या तू ही सबसे ज्यादा जवान है, बहन चोद ? अरे हम भी जवान हैं। हमारी भी चूत में आग लगी है और शायद तेरी चूत से ज्यादा। मैं तो तेरे भी बाप का लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लूंगी।
तब तक फूफी ने कहा - हाय दईया तुम सब लोग यह मत समझो की केवल बेटियां ही जवान हैं। जवान तो हम लीग भी है। तुम लोगों से दूना मोटे लण्ड हम अपने भोसड़ा में घुसा सकतीं हैं। यहाँ के सारे लण्ड अपनी चूत में डाल कर भून सकतीं हैं और सुन लो अगर तुम लोग हमारे मर्दों के लण्ड घुसेड़ सकती हो अपनी चूत में तो हम लोग भी तुम्हारे मर्दों के लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ सकतीं हैं।
तब तक अम्मी बोली - अरे सुनो यार मैं सबसे पहले अपने नंदोई का लण्ड अपनी बुर में पेलूँगी।
खाला ने पूंछा - कौन नंदोई ? किसका लण्ड पलोगी तुम अपनी चूत में दीदी ?
अम्मी ने कहा - मैं अपनी नई ताज़ी बनी मेरी नन्द के मियां के लण्ड के बारे में कह रही हूँ। मेरी बेटी तो अब मेरी नन्द बन गयी है और इसका शौहर मेरा नंदोई। मैं तो सबसे पहले उसका लण्ड चोदूँगी।
फूफी बोली - हाय दईया वह तो तेरा भाई जान है, भाभी ?
अम्मी ने कहा - सुना नहीं अभी तूने क्या कहा इन बुर चोदी बेटियों ने , की चूत में जब आग लगती है तो यह नहीं देखा जाता की ये बाप का लण्ड है की भाई का लण्ड ? लण्ड तो सिर्फ लण्ड है मैं तो उसे चोदूँगी।
मैंने कहा -
अम्मी, तेरी चूत में, मैं पेलूँगी लण्ड
तू बुर चोदी हो गई मेरी प्यारी नन्द
अम्मी ने पलट कर कहा -
बेटी, तेरी चूत में, पेलूं दो दो लण्ड
तू मेरी भाभी हुई, मैं हूँ तेरी नन्द
इन सब बातों ने माहौल को पूरी तरह गरम कर दिया। अब तो सबकी चूत आग से धधकने लगी। जैसे जैसे रात गहराती जा रही थी वैसे वैसे आग की ज्वाला बढ़ती जा रही थी। हमारे कपड़े भी वैसे वैसे खुलते जा रहे थे। एक बड़े से कमरे में हम सब लोग इकठ्ठा हो गए। रात के १० बज चुके थे। तब तक मेरी अम्मी ने मेरे शौहर की जांघ पर हाथ रख दिया और बोली भाभी जान तुझे अपनी बीवी की बुर अच्छी लगी ? तुझे उसे चोदने में मज़ा आया ? उसने अपना सिर हिला कर इशारे से कहा हां मज़ा आया और खूब आया। तब अम्मी ने सबके सामने कहा तो फिर अब तुम उसकी माँ की बुर भी चोद कर देखो। वह भी तुम्हे अच्छी लगेगी। ऐसा कह कर अम्मी ने उसका लण्ड ऊपर से दबा दिया। हया ने अपने मियां का पैजामा खोल कर उसका लण्ड बाहर निकाल लिया और उसे प्यार से हिलाने लगी। उसे देख कर ज़ोया ने भी अपने शौहर का पैजामा खोल डाला और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। दोनों ने फिर अपनी अपनी बन्दूक तान एक दूसरे पर तान दी।
हया बोली - ज़ोया, आज मैं इसी लण्ड से तेरी माँ का भोसड़ा चोदूंगीं।
ज़ोया बोली - तो क्या मैं बैठी बैठी अपनी झांटें उखाडूँगी ? मैं भी अपने मियां के लण्ड से तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी। ज़ोया ने लण्ड फूफी को पकड़ा दिया। फूफी लण्ड पाकर मस्त हो गयी. तब तक ज़ोया ने फूफी के कपड़े उतार कर उसे पूरी नंगी कर दिया। हया ने ज़ोया की अम्मी को अपने मियां का लण्ड पकड़ा दिया और उसके कपड़े उतार कर नंगी कर दिया। खाला भी नंगी होकर बड़े मजे से लण्ड चाटने लगी। मेरी खाला भी नंगी मेरी फूफी भी नंगी। खाला के मुंह में फूफी के दामाद का लण्ड और फूफी के मुंह में खाला के दामाद का लण्ड ? ऐसा सीन देख कर सभी लोग रोमांचित हो गए। हया ज़ोया की माँ का भोसड़ा सहलाने लगी और ज़ोया हया की माँ का भोसड़ा। यह भी सीन देखने वाला था। फिर ज़ोया ने अपने मियां का लण्ड हया की माँ के भोसड़ा में ठोंक दिया। उसे देख कर हया ने अपने मियां का लण्ड ज़ोया की माँ के भोसड़ा में घुसा दिया। दोनों अपने अपने मियां से एक दूसरे की माँ चोदने लगी।
ज़ोया बोली - देख हाय आज मैं तेरी माँ चोद रही हूँ। फिर न कहना की मैंने कभी तेरी माँ नहीं चोदी ?
हया बोली - मैं भी तेरी माँ चोद रही हूँ ज़ोया। फिर न कहना की मैंने कभी तेरी माँ नहीं चोदी। यह सुनकर सब देखने वालों ने खूब तालियां बजाई और एन्जॉय लिया। उधर अम्मी के भोसड़ा में मेरे मियां का लण्ड घुस चुका था। वह भी चुदवाने में मस्त हो रही थी।
खाला ने अम्मी से कहा - आजकल की बेटियां बहुत ज्यादा ैय्यास हो गयीं हैं दीदी। देखों रोज़ रोज़ एक न एक नया फार्मूला निकालतीं हैं चुदाई का। सेक्स के खेल जाने कितने ये बेटियां निकालती रहतीं हैं। आज देखो ये दोनों कितनी मस्ती से एक दूसरे की माँ चुदवा रहीं हैं।
अम्मी ने कहा - हां तू सच कह रही है। अभी मेरी पड़ोसन बता रही थी की मेरी बेटी दो दो लण्ड एक साथ पेलती है मेरी भी चूत में और अपनी भी चूत में। इस तरह अम्मी, खाला और फूफी तीनो मजे से चुदवाने लगी।
इसी बीच खालू ने अपना लण्ड फूफी की बेटी हया को पकड़ा दिया और फूफा ने अपना लण्ड खाला की बेटी ज़ोया को पकड़ा दिया। हया ज़ोया के अब्बू का लण्ड चाटने लगी और ज़ोया हया के अब्बू का लण्ड चाटने लगी। दोनों एक दूसरे को लण्ड दिखा दिखा के चाट रहीं थीं।
मेरे भी मन में आया की मेरी अम्मी अगर मेरी नन्द है तो मेरा अब्बू मेरा नंदोई हुआ। इसलिए नंदोई का लण्ड पकड़ना और उससे चुदवाना तो मेरा फ़र्ज़ है। बस फिर क्या मैं आगे बढ़ी और अब्बू का लण्ड धर दबोचा। लण्ड तो टन टना रहा ही था। मैं भी नंगी थी और वह नंगा। इस महफ़िल में सभी बीवियां और मियां नंगे थे। किसी के भी बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। मैंने कहा हाय अब्बू मेरे नंदोई राजा तेरा तो लण्ड साला पहले ही हिनहिना रहा है। तो फिर देर किस बात की ? चोद ले न अपने साले की बीवी की बुर ?
तब तक खालू और फूफा दोनों एक दूसरे की बेटी की बुर चोदने लगे। मैं भी अब्बू से चुदवाने लगी। पूरे कमरे में चुदाई ही चुदाई। इधर सबकी चूत का बाजा बज रहा था और उधर घड़ी ने रात के १२ बजा दिये। घमाशान चुदाई का मज़ा सभी लेने में जुटे हुए थे। कोई भी किसी से कम न था। सबके लण्ड किसी न किसी की चूत में घुसे हुए थे। ऐसा सीन बहुत कम देखने को मिलता। मैंने कहा देखा न तुम लोगों ने आज का नज़ारा। मैं कह रही थी न की रात में न कोई बाप न कोई भाई ? न कोई माँ न कोई बेटी ? बस लण्ड होता है और लण्ड। चूत होती है और चूत। फूफी को मस्ती चढ़ी तो वह अपनी ही बेटी से बोली - बुर चोदी हया, चुदवा लिया न आज तूने अपनी माँ का भोसड़ा ? हया ने जबाब दिता - तूने भी तो चुदवा लिया अपनी बेटी की बुर मेरी हरामजादी अम्मी जान ? उधर ज़ोया अपनी अम्मी से बोली - अम्मी ज़ोया की माँ की चूत। तो उसकी अम्मी ने जबाब दिया - ज़ोया, आयशा (खाला का नाम) की बेटी की बुर बहन चोद ?
तब तक अब्बू मुझे पीछे से चोदने लगा। अम्मी उधर मेरे मियां के लण्ड पर बैठ कर चुदवाने लगीं, खाला फूफी के दामाद के ऊपर चढ़ कर चुदवाने लगीं, हया खालू के लण्ड पर बैठ गयी और ज़ोया फूफा के लण्ड पे। जिसको जैसी चूत मिली वह वैसे ही उसे चोदने लगा और जिसको जैसा लण्ड मिला वह वैसे ही उससे चुदवाने लगी। सबको सच में बड़ा मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में मैंने ज़ोया के मियां का लण्ड पकड़ लिया, ज़ोया ने हया के मियां का लण्ड खाला की बुर से निकाल लिया और चाटने लगी. हया ने मेरा मियां का लण्ड मेरी अम्मी की चूत से निकाल लिया और हिलाने लगी। उधर खाला ने मेरे अब्बू का लण्ड दबोच लिया और उसका सुपाड़ा अपने मुंह में भर लिया, अम्मी ने फूफा का लण्ड ज़ोया की बुर निकाला और चाटने लगी, फूफी ने खालू का लौड़ा हया की चूत से खींच लिया और उसे जबान निकाल कर चाटने लगी। इस तरह सबके लण्ड बदल गयेऔर सबकी चूत बदल गयी तो चुदाई में फिर वही पहले वाला जोश आ गया।
खाला ने मुझसे कहा - तमन्ना देख, मैं तेरेअब्बू का लण्ड चोदने जा रही हूँ।
फूफी ने कहा - ज़ोया देख आज मैंने तेरे सामने तेरे अब्बू का लण्ड चोदूंगी।
अम्मी बोली - मैं भी कम नहीं हूँ हया, मैं तेरे अब्बू का लण्ड चोदूँगी।
इस तरह सबकी सब बुर चोदी किसी न किसी का लण्ड चोदने लगीं। कोई किसी के अब्बू का लण्ड चोदने लगी, कोई किसी के मियां का लण्ड चोदने लगी और कोई किसी के भाई जान का लण्ड चोदने लगी...
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