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जरा संभल के कहीं जोश में लंड मत खा जाना - Josh me land kha sakti hai ladkiyan
जरा संभल के कहीं जोश में लंड मत खा जाना - Josh me land kha sakti hai ladkiyan , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
शादी के पहले तो ३/४ लड़कों से ही चुदवाती थी लेकिन शादी के बाद तो सबसे चुदवाने लगी हूँ। अब तो मुझे सबके लण्ड अच्छे लगने लगे हैं। अब मैं कोई मौक़ा नहीं छोड़ती। जब भी कोई लौड़ा मिलता है तो उसे पहले मुंह में लेती हूँ और फिर उसे चूत में घुसेड़ लेती हूँ। मजे की बात यह है की जो भी मुझे एक बार चोद लेता है वह बार बार चोदने आता है। अभी विमल अंकल चोद कर गये हैं मुझे और अभी आधे घंटे में ही टोनी अंकल आ गया। मैंने उसे बैठाया और बातों ही बातों में मैंने उसका लण्ड ऊपर से ही दबा दिया। मैं बोली अंकल अब मैं तेरे लण्ड से बात करूंगी। मैं उसके प्यार से कपड़े उतारने लगी और उसे नंगा कर दिया। मैं उसका लण्ड पकड़े पकड़े बेड रूम पहंच गयी। वह मेरे बेड रूम में नंगा लेट गया और मैं बाहर चली गयी। उसका लण्ड टन टना रहा था और वह मेरे वापस आने का इंतज़ार करने लगा।
उसका लण्ड साला एकदम तन कर खड़ा हुआ है और मैं यहाँ झांटें बनाने वाली मशीन लेने दूसरे कमरे में नंगी नंगी आई हूँ। टोनी अंकल की झांटें कुछ बढ़ गयी है जिससे मुझे पेल्हड़ चाटने में थोड़ी दिक्कत हो रही है। मैं मशीन लेकर फौरन अंकल पास पहुंची और बोली अंकल पहले मैं तेरी झांटें साफ़ करूंगी फिर लण्ड पियूँगी। मैंने लौड़ा दो मिनट में एकदम चिकना कर दिया और फिर उसे एक गीली तौलिया से पोछ दिया। लण्ड बहन चोद चमकने भी लगा और खूबसूरत भी लगने लगा। मेरा मुंह अपने आप खुला और लण्ड भोसड़ी का अंदर ? लण्ड पकड़ते ही मुझे समझ में आ गया था की टोनी का लण्ड विमल अंकल के लण्ड से मोटा है। अतः इससे चुदवाने में ज्यादा मज़ा आएगा। मैं बार बार लण्ड मुंह में लेती और उसे बाहर निकाल देती। उसे भी मज़ा आने लगा तो वह अपनी गांड से जोर लगा के रफ़्तार बढ़ाने लगा और मेरे मुंह को ही बुर समझ कर चोदने लगा. मैं भी मस्त हो के अपना मुंह चुदवाने लगी।
थोड़ी देर में मैं उसके ऊपर चढ़ गयी और अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी। मैंने कहा अंकल लो अब तुम चाटो मेरी बुर। वह सच में अपनी जबान चूत में घुसेड़ कर चाटने लगा। मैंने पूंछा अंकल क्या तुम पहले भी किसी की बुर चाट चुके हो। वह बोला हां चाट भी चुका हूँ और चाटता भी हूँ। मैं अपने कॉलेज की लड़कियों की बुर चाटता हूँ और वो मेरा लण्ड चाटतीं हैं। मैंने पूंछा हाय दईया तब तो तुम कई लड़कियां चोदते होंगे ? उसने बताया हां चोदता हूँ जब लड़कियां आसानी से मिल जाएँ तो उन्हें चोदने में कोई हर्ज़ नहीं है। मुझे लड़कियां चोदने का शौक भी है। मैंने कहा तो फिर भोसड़ी के टोनी अंकल चोदो न मेरी बुर ? पेलो न अपना लण्ड मेरी चूत में ? मैं भी तो देखूं की तेरे लण्ड में कितनी दम है ? बस वह मेरे ऊपर चढ़ लण्ड पूरा का पूरा घुसा दिया मेरी चूत में। वह मादर चोद मुझे पागलों की तरह धकाधक चोदने लगा। मैं भी उसी तरह धकाधक चुदवाने लगी। न वो कम न मैं ?
थोड़ी देर बाद उसने मुझे अपने लण्ड पर बैठा लिया। मैं लण्ड पर पहले भी कई बार बैठ चुकी थी। पर आज उसके लण्ड पर बैठने का मज़ा कुछ और ही था। लौड़ा बहन चोद पूरा मेरी चूत में घुस गया। मैं थोड़ा झुक कर अपनी गांड उठा उठा के पटकने लगी लण्ड पर। इससे उसे भी मज़ा आने लगा और मुझे भी। वह बोला हाय लतिका तुम जिस तरह मस्ती से चुदवा रही हो इस तरह कोई लड़की नहीं चुदवाती। आज मुझे चोदने का असली मज़ा आ रहा है । मैंने कहा आज तुम मेरी बुर नहीं चोद रही हो, मैं चोद रही हूँ तेरा लण्ड, अंकल ? मैंने स्पीड बढ़ा दी तो उसे भी और मज़ा आने लगा। वह फिर बोला अब मैं इसी तरह लड़कियों से अपना लण्ड चुदवाया करूंगा। वह भी नीचे से जोर लगा रहा था। कुछ देर बाद मुझे लगा की मेरी चूत ढीली हो गयी है। मैं खलास होने लगी थी। तभी वह भी बोला लतिका अब मैं निकल रहा हूँ। बस मैं घूम गयी और लण्ड का सड़का मार कर उसका वीर्य निकाल लिया और उसे मैं पहले पी गयी। मुझे लण्ड पीने का गज़ब का शौक है । बाद में लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी।
एक दिन मैं सिनेमा देखने गयी तो वहां सिनेमा ख़तम होने के बाद मुझे मेरा एक पुराना क्लास फेलो मिल गया। मैंने कहा अरे यार एडवर्ड तुम यहाँ ? वह बोला वाओ लतिका यार आज बहुत दिनों के बाद मिली हो तुम। मैंने कहा तो फिर चलो मेरे घर चलो। मैं उसे अपनी कार में बैठा कर अपने घर ले आयी। उसे प्यार से कमरे में बैठाया और फिर मैंने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया। मुझे मॉल है की वह शराब पीता हैं। मैंने भी उसके साथ एक पैग शराब ली और चिरस कह कर पीने लगी। वह बोला लतिका तुम शराब यह बहुत अच्छी बात है। फिर बातें होने लगीं और मैं भी खुल कर बोलने लगी।
मैं एकदम नंगी होकर उनके सामने घूम कर अपना जिस्म दिखाने लगी। फिर मैंने एक हाथ एडवर्ड के लण्ड पर रखा और दूसरा हाथ हार्डी के लण्ड पर। मैं दोनों लण्ड अपने दोनों हाथ से रगड़ने लगी और यह संकेत देने लगी की मैं दोनों लण्ड एक साथ लूंगी चाहे अपने मुंह में, चाहे अपनी चूत में, चाहे अपनी गांड में, चाहे अपनी चूँचियों में। फिर मैं एडवर्ड के कपड़े खोलने लगी। उसकी कमीज उसके पैंट खोल डाली। उसके बदन पर सिर्फ एक चड्ढी बची। फिर मैंने हार्डी के कपड़े खोल डाले और उसे भी चड्ढी में ले आयी। फिर मैं सोफा पर नंगी नंगी बैठ गयी और इन दोनों को अपने सामने खड़ा कर दिया। दोनो की चड्ढी केउभार बता रहे थे की उनके लण्ड का साइज क्या होगा ? मैंने एडवर्ड की चड्ढी के दोनों तरफ अपनी उंगलियां फसायीं और उसे झर्र से नीचे घसीट दिया। उसका लण्ड टन्न से मेरे गाल पर लगा।
मुझे एक झलक में लण्ड बहुत ही पसंद आ गया। उसका सुपाड़ा एकदम बाहर निकला हुआ था। लण्ड तन कर खड़ा था। मैंने पहले इसका लण्ड कभी नहीं देखा आज पहली बार देख रही हूँ तो और उत्तेजित हो गयी। लौड़ा 8" + का था और मोटा भी 5. 5 " से कम न था। फिर मैंने हार्डी की चड्ढी खोली तो उसका भी लौड़ा टन टना कर मेरे सामने खड़ा हो गया जैसे कोई बिल से सांप निकल आया हो। लण्ड का गोल गोल सुपाड़ा मेरी जान ले रहा था। लण्ड न केवल खूबसूरत था बल्कि लंबा और मोटा भी था। मैंने मन में सोंचा की अगर ये मेरी गांड मारेगा तो मेरी गांड जरूर फट जाएगी। एडवर्ड का लण्ड बुर चोदेगा तो बुर के चीथड़े उड़ जायेंगें। आज तो मेरी चूत और गांड दोनों की खैर नहीं है। मैं दोनों लण्ड अपन दोनों हाथों से पकड़ कर हिलाने लगी और प्यार से दोनों को चूमने चाटने लगी। कभी एडवर्ड का सुपाड़ा चाटती तो कभी हार्डी का सुपाड़ा। मैं अपने आपको बड़ा लकी समझने लगी। इतने बढ़िया बढ़िया लण्ड तो बड़े नसीब से मिलते हैं। मैंने हार्डी को अपने बगल में बैठा लिया और एडवर्ड को दूसरी तरफ।
मैं बीच में बैठी हुई दोनों के लण्ड झुक झुक कर चाटने चूसने लगी और वो दोनों मेरी एक एक चूँची अपने मुंह में डाल कर चूसने लगे। मैंने पूंछा एडवर्ड तुम हार्डी की बीवी चोदते हो तो वह ठीक से चुदवा लेती है की नहीं। उसने कहा हां यार वह बड़ी मस्ती से चुदवाती है। उसे मालूम है की मेरा पति तो मुझे चोदता नहीं है तो उसका दोस्त ही अब मुझे चोदेगा। मैंने हार्डी से पूंछा यार तुम एडवर्ड की बीवी की गांड मारते हो ? तो वह आना कानी नहीं करती चुपचाप मरवा लेती है ? उसने कहा हां भाभी वह तो मुझसे बड़े मजे से गांड मरवाती है। उसे गांड मरवाने में ही मज़ा आता है बुर चुदवाने में नहीं। मैंने कहा तो फिर तुम और भी बीवियों की गांड मारते होंगे ?
वह बोला हां लतिका मैं कई बीवियों की गांड मारता हूँ। आजकल की बीवियां गांड ज्यादा मरवाती हैं क्योंकि गांड मरवाने से उन्हें कोई रिस्क नहीं होता। बहुत सी बीवियां मेरा लण्ड पीतीं हैं। आजकल की बीवियों में सड़का मार कर लण्ड पीने का बड़ा रिवाज़ है।
अब तक मैं बुरी तरह चुदासी हो चुकी थी और जल्दी ही लण्ड अपनी चूत में पेलना चाहती थी। मैने कहा एडवर्ड अब देर न कर। पेल दे लण्ड मेरी चूत में। एडवर्ड भी यही चाहता था। उसके लौड़ा चूत पर रखा और एक धक्के में पूरा घुसा दिया लण्ड। लण्ड घुसते ही मुझे मज़ा आने लगा और मैं चुदाई का पूरा साथ देने लगी। उधर हार्डी का लण्ड मैंने मुंह में ले लिया। मैं लण्ड चूसती हुई चुदवाने लगी। हार्डी एडवर्ड को देख रहा था की वह बुर कितनी मस्ती से चोदता है ? हालांकि वह अपनी बीवी को एडवर्ड से चुदवाते हुए देखता ही है। मैं नीचे लेटी थी और वह मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोद रहा था। हार्डी शायद मेरी गांड मारने के लिए अपनी पारी का इंतज़ार कर रहा था। मैं इधर मन ही मन हार्डी से गांड मराने की हिम्मत कर रही थी। मैंने अभी तक किसी से गांड नहीं मराई लेकिन मैं आज जरूर मराऊंगी।
थोड़ी देर तक एडवर्ड से चुदवाने के बाद मैंने उसे नीचे लिटा दिया। उसकी टांगो के बीच अपना मुंह घुसेड़ दिया। मैं उसका लण्ड चूसने लगी और पेल्हड़ चाटने लगी। उधर मैंने अपनी गांड उठा दी और हार्डी से ललकार कर कहा हार्डी ले भोसड़ी के मार ले मेरी गांड ? वह उठा और वहां रखी हुई क्रीम उठा कर उसे मेरी गांड पर लगाना शुरू कर दिया। उसने क्रीम अपने लण्ड पर भी लगाया। मेरी गांड थोड़ी फ़ैल गयी। उसने फिर लण्ड धीरे से घुसना शुरू किया। लण्ड सांप के बिल की तरह घुसता चला गया और उसने फिर लण्ड बाहर निकाला और फिर घुसा दिया। इस तरह वह मेरी गांड मारने लगा और मैं प्रेम से एडवर्ड का लण्ड चाटते हुए हार्डी से गांड मरवाने लगी। मुझे दर्द हुआ लेकिन उतना नहीं हुआ जितना मैं सोंच रही थी. थोड़ी देर में मुझे अच्छा लगने लगा और मज़ा भी आने लगा। आज मैं एक नए तरीका का मज़ा ले रही थी।
हार्डी बोला - लतिका भाभी आज मुझे तेरी गांड मारने में बड़ा मज़ा आ रहा है।
मैंने कहा - हां यार मुझे अब मालूम हो रहा है की एडवर्ड की बीवी गांड क्यों मरवाती है ? गांड मरवाने का मज़ा ही और है ?
एडवर्ड बोला - लतिका यार मुझे तो तेरी बुर चोदने में बहुत अच्छा लग रहा है। मैं इसी तरह हार्डी की बीवी चोदता हूँ। वह तो मेरे लण्ड की बहुत बड़ी दीवानी है। मैं जब भी उसके घर जाता हूँ वह मेरा लण्ड पकड़ कर अपने मुंह में डाल चूसने लगती है। फिर मैंने हार्डी को नीचे लिटाया और उसकी तरफ पीठ करके मैं उसके ऊपर बैठ गयी। लण्ड मेरी गांड में घुस गया। मैं थोड़ा हार्डी पर पीठ के बल झुकी तो मेरी चूत थोड़ी फ़ैल गयी। एडवर्ड ने लण्ड उसी में घुसा दिया। मैं इस तरह गांड भी मरवाने लगी और बुर भी चुदवाने लगी। मैं बार बार करवट बदल बदल के कभी चूत चुदवाती रही और कभी गांड मरवाती रही। थोड़ी देर में एडवर्ड बोला यार लतिका अब मैं निकल जाऊंगा। मैं कहा मैं निकालूंगी तब तू निकलेगा। फिर मैं अपना मुंह खोल कर उसके लण्ड का सड़का मारने लगी. लण्ड उगल दिया सारा वीर्य मेरे मुंह में जिसे मैं बड़े प्यार से पी गयी। मैं झड़ता हुआ लण्ड भी चाटने लगी। इसी तरह हार्डी के लण्ड ने भी अपना मक्खन निकल दिया और मैंने उसका भी स्वाद लिया। आज सच में मुझे दोनों साथ चुदवाने का बड़ा मज़ा आया। मैंने उन्हें जाने नहीं दिया। रात में मैंने कहा यार अब फिर तुम लोग मुझे चोदो और खूब चोदो।
एक दिन मेरी सीमा मौसी आ गयी। वह मुझसे एक साल ही बड़ी हैं।
शादी के पहले तो ३/४ लड़कों से ही चुदवाती थी लेकिन शादी के बाद तो सबसे चुदवाने लगी हूँ। अब तो मुझे सबके लण्ड अच्छे लगने लगे हैं। अब मैं कोई मौक़ा नहीं छोड़ती। जब भी कोई लौड़ा मिलता है तो उसे पहले मुंह में लेती हूँ और फिर उसे चूत में घुसेड़ लेती हूँ। मजे की बात यह है की जो भी मुझे एक बार चोद लेता है वह बार बार चोदने आता है। अभी विमल अंकल चोद कर गये हैं मुझे और अभी आधे घंटे में ही टोनी अंकल आ गया। मैंने उसे बैठाया और बातों ही बातों में मैंने उसका लण्ड ऊपर से ही दबा दिया। मैं बोली अंकल अब मैं तेरे लण्ड से बात करूंगी। मैं उसके प्यार से कपड़े उतारने लगी और उसे नंगा कर दिया। मैं उसका लण्ड पकड़े पकड़े बेड रूम पहंच गयी। वह मेरे बेड रूम में नंगा लेट गया और मैं बाहर चली गयी। उसका लण्ड टन टना रहा था और वह मेरे वापस आने का इंतज़ार करने लगा।
उसका लण्ड साला एकदम तन कर खड़ा हुआ है और मैं यहाँ झांटें बनाने वाली मशीन लेने दूसरे कमरे में नंगी नंगी आई हूँ। टोनी अंकल की झांटें कुछ बढ़ गयी है जिससे मुझे पेल्हड़ चाटने में थोड़ी दिक्कत हो रही है। मैं मशीन लेकर फौरन अंकल पास पहुंची और बोली अंकल पहले मैं तेरी झांटें साफ़ करूंगी फिर लण्ड पियूँगी। मैंने लौड़ा दो मिनट में एकदम चिकना कर दिया और फिर उसे एक गीली तौलिया से पोछ दिया। लण्ड बहन चोद चमकने भी लगा और खूबसूरत भी लगने लगा। मेरा मुंह अपने आप खुला और लण्ड भोसड़ी का अंदर ? लण्ड पकड़ते ही मुझे समझ में आ गया था की टोनी का लण्ड विमल अंकल के लण्ड से मोटा है। अतः इससे चुदवाने में ज्यादा मज़ा आएगा। मैं बार बार लण्ड मुंह में लेती और उसे बाहर निकाल देती। उसे भी मज़ा आने लगा तो वह अपनी गांड से जोर लगा के रफ़्तार बढ़ाने लगा और मेरे मुंह को ही बुर समझ कर चोदने लगा. मैं भी मस्त हो के अपना मुंह चुदवाने लगी।
थोड़ी देर में मैं उसके ऊपर चढ़ गयी और अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी। मैंने कहा अंकल लो अब तुम चाटो मेरी बुर। वह सच में अपनी जबान चूत में घुसेड़ कर चाटने लगा। मैंने पूंछा अंकल क्या तुम पहले भी किसी की बुर चाट चुके हो। वह बोला हां चाट भी चुका हूँ और चाटता भी हूँ। मैं अपने कॉलेज की लड़कियों की बुर चाटता हूँ और वो मेरा लण्ड चाटतीं हैं। मैंने पूंछा हाय दईया तब तो तुम कई लड़कियां चोदते होंगे ? उसने बताया हां चोदता हूँ जब लड़कियां आसानी से मिल जाएँ तो उन्हें चोदने में कोई हर्ज़ नहीं है। मुझे लड़कियां चोदने का शौक भी है। मैंने कहा तो फिर भोसड़ी के टोनी अंकल चोदो न मेरी बुर ? पेलो न अपना लण्ड मेरी चूत में ? मैं भी तो देखूं की तेरे लण्ड में कितनी दम है ? बस वह मेरे ऊपर चढ़ लण्ड पूरा का पूरा घुसा दिया मेरी चूत में। वह मादर चोद मुझे पागलों की तरह धकाधक चोदने लगा। मैं भी उसी तरह धकाधक चुदवाने लगी। न वो कम न मैं ?
थोड़ी देर बाद उसने मुझे अपने लण्ड पर बैठा लिया। मैं लण्ड पर पहले भी कई बार बैठ चुकी थी। पर आज उसके लण्ड पर बैठने का मज़ा कुछ और ही था। लौड़ा बहन चोद पूरा मेरी चूत में घुस गया। मैं थोड़ा झुक कर अपनी गांड उठा उठा के पटकने लगी लण्ड पर। इससे उसे भी मज़ा आने लगा और मुझे भी। वह बोला हाय लतिका तुम जिस तरह मस्ती से चुदवा रही हो इस तरह कोई लड़की नहीं चुदवाती। आज मुझे चोदने का असली मज़ा आ रहा है । मैंने कहा आज तुम मेरी बुर नहीं चोद रही हो, मैं चोद रही हूँ तेरा लण्ड, अंकल ? मैंने स्पीड बढ़ा दी तो उसे भी और मज़ा आने लगा। वह फिर बोला अब मैं इसी तरह लड़कियों से अपना लण्ड चुदवाया करूंगा। वह भी नीचे से जोर लगा रहा था। कुछ देर बाद मुझे लगा की मेरी चूत ढीली हो गयी है। मैं खलास होने लगी थी। तभी वह भी बोला लतिका अब मैं निकल रहा हूँ। बस मैं घूम गयी और लण्ड का सड़का मार कर उसका वीर्य निकाल लिया और उसे मैं पहले पी गयी। मुझे लण्ड पीने का गज़ब का शौक है । बाद में लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी।
एक दिन मैं सिनेमा देखने गयी तो वहां सिनेमा ख़तम होने के बाद मुझे मेरा एक पुराना क्लास फेलो मिल गया। मैंने कहा अरे यार एडवर्ड तुम यहाँ ? वह बोला वाओ लतिका यार आज बहुत दिनों के बाद मिली हो तुम। मैंने कहा तो फिर चलो मेरे घर चलो। मैं उसे अपनी कार में बैठा कर अपने घर ले आयी। उसे प्यार से कमरे में बैठाया और फिर मैंने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया। मुझे मॉल है की वह शराब पीता हैं। मैंने भी उसके साथ एक पैग शराब ली और चिरस कह कर पीने लगी। वह बोला लतिका तुम शराब यह बहुत अच्छी बात है। फिर बातें होने लगीं और मैं भी खुल कर बोलने लगी।
- मैंने कहा एडवर्ड तू तो पहले से ज्यादा हैंडसम और स्मार्ट हो गया है यार ? तुझ पर तो लड़कियां पहले ही मरतीं थीं अब तो और भी मरतीं होंगी।
- नहीं यार पहले तो कॉलेज के था तो बहुत लड़कियां थीं। अब तो जॉब में हूँ यहाँ इतनी लड़कियां कहाँ हैं ? एक बात है लतिका तुम भी पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गयी हो। तेरा बदन बड़ा सेक्सी और हॉट हो गया है। तुम पर तो लड़के हमेशा अपनी जान देते थे।
- चलो छोड़ो यार ? अच्छा तह बताओ तेरी शादी हो गयी है ?
- वह बोला हां हो गयी है। मेरी बीवी यहीं घर पर है।
- मैंने बताया शादी मेरी भी हो चुकी है। मेरा हसबैंड नेवी में काम करता है इसलिए वह ३/४ महीने शिप पर ही रहता है और मैं यहाँ अकेली रहती हूँ।
- वाओ, ३/४ महीने तक अकेली,,,,,,,,,,? ये तो बड़ा मुश्किल है।
- हां है तो मुश्किल पर मैं उसे आसान बना लेती हूँ।
- कैसे बना लेती हो आसान ?
- बस कुछ लोगों से दोस्ती बना लेती हूँ और उन्हें अपने बेड रूम तक ले आती हूँ बस ?
- तो फिर वहां क्या करती हो तुम लतिका ? चुदवाती हूँ उनसे और क्या ? एक जवान औरत किसी पराये मरद को अपने बेड में लाएगी तो फिर उससे चुदवायेगी ही ? चुदवायेगी नहीं तो और क्या करेगी बेड रूम में ?
- मेरा भी एक दोस्त है जिसे मैं अपने बेड रूम तक ले आता हूँ।
- O' MY GOD तो ये बात है ? वो क्या करता है तेरे बेड रूम में ?
- वो मेरी बीवी की गांड मारता है ? मेरी बीवी को गांड मरवाने का बड़ा शौक है। वह १० साल अमेरिका में रही है। वहीँ से गांड मराना सीख कर आयी है। मुझे गांड मारने का कोई शौक नहीं है। मेरे दोस्त को गांड मारने का बड़ा शौक है तो मैं उससे अपनी बीवी की गांड मरवाता हूँ।
- तो फिर उसकी बीवी भी अपने हसबैंड से गांड मरवाती है ?
- नहीं उसकी बीवी को गांड मरवाने का बिलकुल शौक नहीं है। उसे तो बस चुदवाने का शौक है ?
- तो फिर वह अपनी बीवी के साथ क्या करता है ?
- वह अपनी बीवी मुझसे चुदवाता है। मैं उसके बेड रूम में उसकी बीवी चोदता हूँ।
- बाप रे बाप ? तुम दोनों तो खूब एन्जॉय करते होंगे ? तुम उसकी बीवी की बुर लेते हो और वह तेरी बीवी की गांड मारता है।
- हां यार बस ऐसे ही होता है। मैंने उसके सामने उसकी बीवी चोदता हूँ . वह मेरे सामने मेरी बीवी की गांड मारता है ?
- अरे यार एडवर्ड तो तुम अपने दोस्त को यही बुला लो न प्लीज ? आज मैं तेरे सामने उससे अपनी गांड मरवाऊंगी और उसके सामने तुमसे अपनी बुर चुदवाऊंगी ?
मैं एकदम नंगी होकर उनके सामने घूम कर अपना जिस्म दिखाने लगी। फिर मैंने एक हाथ एडवर्ड के लण्ड पर रखा और दूसरा हाथ हार्डी के लण्ड पर। मैं दोनों लण्ड अपने दोनों हाथ से रगड़ने लगी और यह संकेत देने लगी की मैं दोनों लण्ड एक साथ लूंगी चाहे अपने मुंह में, चाहे अपनी चूत में, चाहे अपनी गांड में, चाहे अपनी चूँचियों में। फिर मैं एडवर्ड के कपड़े खोलने लगी। उसकी कमीज उसके पैंट खोल डाली। उसके बदन पर सिर्फ एक चड्ढी बची। फिर मैंने हार्डी के कपड़े खोल डाले और उसे भी चड्ढी में ले आयी। फिर मैं सोफा पर नंगी नंगी बैठ गयी और इन दोनों को अपने सामने खड़ा कर दिया। दोनो की चड्ढी केउभार बता रहे थे की उनके लण्ड का साइज क्या होगा ? मैंने एडवर्ड की चड्ढी के दोनों तरफ अपनी उंगलियां फसायीं और उसे झर्र से नीचे घसीट दिया। उसका लण्ड टन्न से मेरे गाल पर लगा।
मुझे एक झलक में लण्ड बहुत ही पसंद आ गया। उसका सुपाड़ा एकदम बाहर निकला हुआ था। लण्ड तन कर खड़ा था। मैंने पहले इसका लण्ड कभी नहीं देखा आज पहली बार देख रही हूँ तो और उत्तेजित हो गयी। लौड़ा 8" + का था और मोटा भी 5. 5 " से कम न था। फिर मैंने हार्डी की चड्ढी खोली तो उसका भी लौड़ा टन टना कर मेरे सामने खड़ा हो गया जैसे कोई बिल से सांप निकल आया हो। लण्ड का गोल गोल सुपाड़ा मेरी जान ले रहा था। लण्ड न केवल खूबसूरत था बल्कि लंबा और मोटा भी था। मैंने मन में सोंचा की अगर ये मेरी गांड मारेगा तो मेरी गांड जरूर फट जाएगी। एडवर्ड का लण्ड बुर चोदेगा तो बुर के चीथड़े उड़ जायेंगें। आज तो मेरी चूत और गांड दोनों की खैर नहीं है। मैं दोनों लण्ड अपन दोनों हाथों से पकड़ कर हिलाने लगी और प्यार से दोनों को चूमने चाटने लगी। कभी एडवर्ड का सुपाड़ा चाटती तो कभी हार्डी का सुपाड़ा। मैं अपने आपको बड़ा लकी समझने लगी। इतने बढ़िया बढ़िया लण्ड तो बड़े नसीब से मिलते हैं। मैंने हार्डी को अपने बगल में बैठा लिया और एडवर्ड को दूसरी तरफ।
मैं बीच में बैठी हुई दोनों के लण्ड झुक झुक कर चाटने चूसने लगी और वो दोनों मेरी एक एक चूँची अपने मुंह में डाल कर चूसने लगे। मैंने पूंछा एडवर्ड तुम हार्डी की बीवी चोदते हो तो वह ठीक से चुदवा लेती है की नहीं। उसने कहा हां यार वह बड़ी मस्ती से चुदवाती है। उसे मालूम है की मेरा पति तो मुझे चोदता नहीं है तो उसका दोस्त ही अब मुझे चोदेगा। मैंने हार्डी से पूंछा यार तुम एडवर्ड की बीवी की गांड मारते हो ? तो वह आना कानी नहीं करती चुपचाप मरवा लेती है ? उसने कहा हां भाभी वह तो मुझसे बड़े मजे से गांड मरवाती है। उसे गांड मरवाने में ही मज़ा आता है बुर चुदवाने में नहीं। मैंने कहा तो फिर तुम और भी बीवियों की गांड मारते होंगे ?
वह बोला हां लतिका मैं कई बीवियों की गांड मारता हूँ। आजकल की बीवियां गांड ज्यादा मरवाती हैं क्योंकि गांड मरवाने से उन्हें कोई रिस्क नहीं होता। बहुत सी बीवियां मेरा लण्ड पीतीं हैं। आजकल की बीवियों में सड़का मार कर लण्ड पीने का बड़ा रिवाज़ है।
अब तक मैं बुरी तरह चुदासी हो चुकी थी और जल्दी ही लण्ड अपनी चूत में पेलना चाहती थी। मैने कहा एडवर्ड अब देर न कर। पेल दे लण्ड मेरी चूत में। एडवर्ड भी यही चाहता था। उसके लौड़ा चूत पर रखा और एक धक्के में पूरा घुसा दिया लण्ड। लण्ड घुसते ही मुझे मज़ा आने लगा और मैं चुदाई का पूरा साथ देने लगी। उधर हार्डी का लण्ड मैंने मुंह में ले लिया। मैं लण्ड चूसती हुई चुदवाने लगी। हार्डी एडवर्ड को देख रहा था की वह बुर कितनी मस्ती से चोदता है ? हालांकि वह अपनी बीवी को एडवर्ड से चुदवाते हुए देखता ही है। मैं नीचे लेटी थी और वह मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोद रहा था। हार्डी शायद मेरी गांड मारने के लिए अपनी पारी का इंतज़ार कर रहा था। मैं इधर मन ही मन हार्डी से गांड मराने की हिम्मत कर रही थी। मैंने अभी तक किसी से गांड नहीं मराई लेकिन मैं आज जरूर मराऊंगी।
थोड़ी देर तक एडवर्ड से चुदवाने के बाद मैंने उसे नीचे लिटा दिया। उसकी टांगो के बीच अपना मुंह घुसेड़ दिया। मैं उसका लण्ड चूसने लगी और पेल्हड़ चाटने लगी। उधर मैंने अपनी गांड उठा दी और हार्डी से ललकार कर कहा हार्डी ले भोसड़ी के मार ले मेरी गांड ? वह उठा और वहां रखी हुई क्रीम उठा कर उसे मेरी गांड पर लगाना शुरू कर दिया। उसने क्रीम अपने लण्ड पर भी लगाया। मेरी गांड थोड़ी फ़ैल गयी। उसने फिर लण्ड धीरे से घुसना शुरू किया। लण्ड सांप के बिल की तरह घुसता चला गया और उसने फिर लण्ड बाहर निकाला और फिर घुसा दिया। इस तरह वह मेरी गांड मारने लगा और मैं प्रेम से एडवर्ड का लण्ड चाटते हुए हार्डी से गांड मरवाने लगी। मुझे दर्द हुआ लेकिन उतना नहीं हुआ जितना मैं सोंच रही थी. थोड़ी देर में मुझे अच्छा लगने लगा और मज़ा भी आने लगा। आज मैं एक नए तरीका का मज़ा ले रही थी।
हार्डी बोला - लतिका भाभी आज मुझे तेरी गांड मारने में बड़ा मज़ा आ रहा है।
मैंने कहा - हां यार मुझे अब मालूम हो रहा है की एडवर्ड की बीवी गांड क्यों मरवाती है ? गांड मरवाने का मज़ा ही और है ?
एडवर्ड बोला - लतिका यार मुझे तो तेरी बुर चोदने में बहुत अच्छा लग रहा है। मैं इसी तरह हार्डी की बीवी चोदता हूँ। वह तो मेरे लण्ड की बहुत बड़ी दीवानी है। मैं जब भी उसके घर जाता हूँ वह मेरा लण्ड पकड़ कर अपने मुंह में डाल चूसने लगती है। फिर मैंने हार्डी को नीचे लिटाया और उसकी तरफ पीठ करके मैं उसके ऊपर बैठ गयी। लण्ड मेरी गांड में घुस गया। मैं थोड़ा हार्डी पर पीठ के बल झुकी तो मेरी चूत थोड़ी फ़ैल गयी। एडवर्ड ने लण्ड उसी में घुसा दिया। मैं इस तरह गांड भी मरवाने लगी और बुर भी चुदवाने लगी। मैं बार बार करवट बदल बदल के कभी चूत चुदवाती रही और कभी गांड मरवाती रही। थोड़ी देर में एडवर्ड बोला यार लतिका अब मैं निकल जाऊंगा। मैं कहा मैं निकालूंगी तब तू निकलेगा। फिर मैं अपना मुंह खोल कर उसके लण्ड का सड़का मारने लगी. लण्ड उगल दिया सारा वीर्य मेरे मुंह में जिसे मैं बड़े प्यार से पी गयी। मैं झड़ता हुआ लण्ड भी चाटने लगी। इसी तरह हार्डी के लण्ड ने भी अपना मक्खन निकल दिया और मैंने उसका भी स्वाद लिया। आज सच में मुझे दोनों साथ चुदवाने का बड़ा मज़ा आया। मैंने उन्हें जाने नहीं दिया। रात में मैंने कहा यार अब फिर तुम लोग मुझे चोदो और खूब चोदो।
एक दिन मेरी सीमा मौसी आ गयी। वह मुझसे एक साल ही बड़ी हैं।
- मैंने कहा - मौसी तुम तो अकेले ही आई हो मौसा कहाँ हैं ?
- वह बोलीं - तेरे मौसा की बहन की बुर ? मैं तो अपने नंदोई के साथ आयी हूँ।
- कोई ख़ास रिस्ता है क्या मौसी तेरा नंदोई के साथ ?
- हां है न ? इसका लौड़ा तेरे मौसा के लौड़े से ज्यादा मोटा है यार मैं इसीलिए इसको अपने साथ रखती हूँ। मुझे मोटे लण्ड की बहुत जरुरत पड़ती है।
- तो फिर तेरी नन्द क्या करती है ?
- नन्द की माँ का भोसड़ा ? वह बुर चोदी ग़ैर मर्दों से चुदवाती है। उसे अपने मरद के लण्ड की बिलकुल परवाह नहीं है ? अच्छा लतिका यह बता तू भोसड़ी की यहाँ अकेले क्या करती है ? कोई लौड़ा वगैरह पेलती है अपनी चूत में की दिन भर अपने झांटें उखाड़ा करती है ?
- नहीं यार झांटें उखाड़ने से कुछ मिलने वाला नहीं है। मैं तो लण्ड पीती हूँ, लण्ड पेलती हूँ और अब तो गांड भी मरवाने लगी हूँ।
- तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? अब तू मेरे टक्कर की हो गयी है, लतिका । मेरी भी गांड में ठोंक दे किसी का लण्ड ?
- जरूर ठोकूंगी लण्ड तेरी गांड में मेरी बुर चोदी मौसी ?
- अच्छा सुन आज रात को तू मेरे नंदोई से चुदवा ले और मैं तेरे यार से चुदवा लूँ। तुझे कोई न कोई तो जरूर चोदता होगा बस उसी का लण्ड पेल दे मेरी चूत में ?
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