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बीवियां सब के सामने चोदकर मनाई होली - Patniyan sabke samne chodkar manaai holi
बीवियां सब के सामने चोदकर मनाई होली - Patniyan sabke samne chodkar manaai holi , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
भाभी मारें लण्ड का सड़का, देवर चूसें चूँची
बरफी जैसी चूत तुम्हारी, चूँची ऊंची ऊंची
भाभी चोदें लंड सभी के हम चोदें बुर सबकी
नंगे देवर नंगी भाभी, चूत मिल गयी मन की
सबने सबकी बीवियां आमने सामने चोद चोद कर मनाई होली - २०१८
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मेरे प्यारे मित्रों, आप लोग रंग और गुलाल से खेल कर होली मानते हैं, लेकिन मैं पराये मरदों के लण्ड और पेल्हड़ से खेल खेल कर होली मानती हूँ। जैसे आप लोग सबके साथ मिलकर होली खेलतें हैं वैसे मैं भी कई बीवियों के साथ मिलकर होली खेलती हूँ। कई लण्ड के साथ खेल खेल कर होली का मज़ा लेती हूँ।
मैं लण्ड के साथ होली खेलने वाली कोई अकेली बीवी नहीं हूँ। मेरे साथ कई बीवियां हैं जो पराये मरदों के लण्ड के साथ खेलकर होली मानतीं हैं। दिन में रंग से होली होती है और रात में लण्ड से होली होती है। रात भर सभी बीवियां एक दूसरे के हसबैंड से आमने सामने चुदवा चुदवा कर होली मनातीं हैं और सारे मरद एक दूसरे की बीवी खुल्लम खुल्ला चोद चोद कर होली मनाते हैं। एक दिन मैं मिसेज आरती दुबे अपनी दो सहेलियों के साथ बैठी हुई गप सप कर रही थी। वे थीं मिसेज गौरी गुप्ता और मिसेज सुनीता तिवारी। हम तीनो ड्रिंक्स पर बैठीं थी। शाम का समय था और फागुन का महीना था। सर्दी का मौसम जा रहा था और गर्मी का मौसम दरवाजे पर खड़ा था। ऐसे सुहाने मौसम में बुर चोदी बुर चैन से बैठने नहीं देती। मैंने अपने घर में इन दोनों को बुलाया और शराब पीना शुरू कर दिया। मैं तो अपने कॉलेज के दिनों से शराब पी रही हूँ। यही हाल गौरी और सुनीता का भी है। खूबसूरत हम तीनो हैं, मुंह फट हैं, हंसमुख है और जरुरत से ज्यादा हॉट हैं। मैं भी बड़ी बड़ी सुडौल चूँचियों वाली हूँ, गौरी और सुनीता की भी चूँचियाँ मेरी चूँचियों का मुकबला करतीं हैं। जाँघे मेरी भी मोटी मोटी हैं और उन दोनों की भी। गांड मेरी भी सेक्सी है और उनकी भी। चूत मेरी मस्तानी है, टाइट है और छोटी छोटी झांटों वाली है लेकिन उनकी चूत कैसी है इसके बारे में मुझे अभी नहीं मालूम ? हां मैं इतना जरूर जानती हूँ की बुर चोदी मैं भी हूँ और बुर चोदी वो दोनों भी। मटक मटक कर मैं भी चलती हूँ और वो भी। आगे से मेरी भी चूँचियाँ हिलती हैं और उनकी भी। मेरे मन में आया की क्यों न हम सब खुल कर बातें करें और यह जानने की कोशिश करें ही हम तीनो में और कौन कौन सी समानतायें हैं ?
मैं मन ही मन इस बात से बहुत खुश हुई की गौरी ने यह काम बहुत बढ़िया किया। अब मेरी चूत की आग जरूर बुझ जाएगी। गौरी ने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया। वह अपनी बड़ी बड़ी मस्त चूँचियाँ खोल कर बैठ गयी। उसे देख कर मैंने भी अपने बूब्स खोल डाले और सुनीता ने भी। तब तक वे चारों उठ खड़े हुए और अपने अपने कपड़े खोलने लगे। हम सब उन्हें आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगीं। आखिर में जब उन लोगों ने अपनी अपनी चड्ढी खोली तो लण्ड सबके बाहर आ गए। लण्ड देख कर हम सबके मुंह में पानी आ गया। चारों लण्ड गोरे चिट्टे और एकदम चिकने थे। झांट का तो कहीं नामोनिशान नहीं था। तब तक मैंने धीमी आवाज़ में म्यूजिक ऑन कर दिया। वो चारों नंगे नंगे थिरकने लगे और उनसे ज्यादा थिरकने लगे उनके मोटे मोटे लण्ड । ऐसा नज़ारा हम सब पहली बार देख रहीं थीं। बड़ा मज़ा आ रहा था। हम तीनो मस्ती से तालियां बजाने लगीं। वे घूम घूम कर हम सबके सामने आने लगे और हम एक एक करके उनके लण्ड पकड़ पकड़ कर हिलाने लगी, सहलाने लगी, जबान निकाल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगीं और अपनी चूँचियों पर रगड़ने लगीं। हमें उनके लण्ड ही नहीं बल्कि पूरा नंगा बदन अपनी ओर आकर्षित कर रहा था।
मैं जोश में आ गयी और अपना पेटीकोट उतार कर फेंक दिया। मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी और उन्हीं लोगों के साथ नंगी नंगी नाचने लगी। मुझे देख कर गौरी भी नंगी होकर नाचने लगी और फिर सुनीता भी नंगी नंगी सबके बीच में आ गयी। हम सबकी चूँचियाँ भी थिरक थिरक कर नाचने लगीं। अब कमरे में मर्दों और औरतों का एक सामूहिक नंगा नाच होने लगा जो की बड़ा ही मनमोहक बन गया। मेरी निगाह उन चारों लण्ड पर थी. मुझे लण्ड पर बड़ा प्यार आ रहा था, मन कर रहा था की मैं चारों लण्ड एक साथ चबा जाऊं। फिर मैं अपने आपको रोक नहीं सकी और टोनी का लण्ड पकड़ ही लिया। मेरा मुंह अपने आप खुल गया और लण्ड भी बहन चोद मुंह के अंदर घुस गया। मैं एक हाथ से टोनी के पेल्हड़ थाम कर दूसरे हाथ से लण्ड चूसने लगी। मोटा और लंबा चौड़ा लौड़ा मुझे बड़ा मज़ा देने लगा। इतने में गौरी ने राका का लण्ड अपने मुँह में घुसा लिया और मजे से चूसने लगी। इतने में सुनीता ने एक हाथ से सनी का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से रोहित का लण्ड। वह दोनों का लण्ड बारी बारी से चूसने चाटने लगी।
मैंने कहा - यार गौरी आज बहुत दिनों के बाद मुझे लण्ड पीने का मज़ा आ रहा है।
सुनीता बोली - हाय गौरी, यार आज लग रहा है की पराये मरद के लण्ड में कितना मज़ा छिपा होता है ? मैं तो सच में बड़ी लकी हूँ की आज मुझे इन चारों से चुदवाने का मौक़ा मिल रहा है ।
गौरी ने कहा - हां यार, मुझे भी यकीन नहीं था की मेरी दोस्त लोनी इतनी जल्दी और इतने बढ़िया बढ़िया चार चार लण्ड मुझे भेज देगी ? लण्ड तो सच में बड़े जबरदस्त हैं। कुछ देर तक लण्ड चूसने चाटने के बाद मैं अपनी टांगें फैला दीं। टोनी का लण्ड पकड़ कर अपनी चूत पर टिका दिया। टोनी भी जोश में था। उसने एक जोर का धक्का दिया तो लण्ड बहन चोद ससरसराता हुआ अंदर तक बिना रोक टोक के घुस गया। मेरे मुंह से निकला उई माँ ? फाड़ डाला भोसड़ी वाले ने मरी चूत ? उसके बाद जो मज़ा आने लगा वह बयान नहीं किया जा सकता ? मेरी देखा देखी गौरी ने भी राका का लण्ड अपनी चूत में घुसा कर चुदवाने लगी। वह बोली हाय आरती आज लग रहा है की पराये मरद से चुदवाने में कितना आनंद आता है ? इतना मोटा लण्ड जब चूत में घुसता है तो ज़न्नत का मज़ा मिलता है यार ? उधर सुनीता ने सनी का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ा और रोहित का लण्ड अपने मुंह में ? वह रोहित का लण्ड पीते हुए सनी से भकाभक चुदवाने लगी। ऐसा लग रहा था की इस तरह तो उसने कभी अपने पति से भी नहीं चुदवाया होगा।
आज मुझे महसूस हो रहा था की एक पेशेवर चोदू से चुदवाने में वाकई बड़ा मज़ा आता है। टोनी की चोदने स्टाइल बड़ी अच्छी थी और बाकी सनी रोहित और राका भी इसी स्टाइल से चुदाई कर रहे थे। इसलिए मुझे ही नहीं बल्कि गौरी और सुनीता को भी चुदवाने में बड़ा अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर में वे लोग पीछे से चोदने लगे।इस बार सुनीता रोहित से चुदवाने लगी और सभी का लौड़ा चूसने लगी। मैंने पहले भी पीछे से चुदवाया है पर आज का चुदवाना कुछ और ही है। धच्च धच्च, फच्च फच्च, गच्च गच्च, फक्क फक्क, गचर गचर की आवाज़ें पूरे कमरे में गूंजने लगीं। मेरे बगल में सुनीता था तो मैंने उससे सनी का लौड़ा ले लिया और उसे चूसने लगी। मेरे सामने गौरी राका से धकाधक चुदवा रही थी। थोड़ी देर में मेरी चूत तो ढीली हो गयी और सुनीता की चूत भी। टोनी का लौड़ा भी भर चुका था और वह अब उगलने ही वाला था। मैंने भांप लिया और घूम कर उसके लण्ड का सड़का मारने लगी। बस १०/१२ बार लण्ड ऊपर नीचे करते ही उसने वीर्य उगल दिया जिसे माइए मैंने अपनेमुंह में ले लिया। मैंने फिर देखा की सुनीता भी दोनों झड़ते हुए लण्ड चाट रही है. गौरी की निगाह हम दोनों पर पड़ी तो उसकी भी चूत खलास हो गयी और उसने भी राका का लौड़ा खूब मजे से पिया।
डिनर करने के बाद हमारी महफ़िल फिर जम गयी। इस बार मैंने इस बार मैंने राका और सनी से चुदवाया। गौरी ने रोहित से चुदवाया। टोनी ने मजे से सुनीता की बुर ली। इस तरह रात हम तीनो ने एक एक करके इन चारों के लण्ड अपनी अपनी चूत में पेला और खूब मस्ती की।
सब चोदेंगें सबकी बीवी - होली में
दूसरे दिन हमने सोंचा की क्यों न हम लोग एक दूसरे के हसबैंड से चुदवा चुदवा कर होली मनायें ? इस बार की होली "wife swapping" और "husband swapping" के नाम कर दी जाये। सुनीता और गौरी भी मेरी बात से सहमत हो गयीं। मैंने आगे कहा अगर हमारे साथ और भी कपल शामिल हो जायें तो बहुत ही अच्छा होगा। सबने कहा चलो पहले हम लोग अपने अपने हसबैंड से बात करतीं हैं और फिर दूसरे लोगों को भी शामिल करने की कोशिश करतीं हैं। अगले दिन मेरे पास फोन आया। वह बोली मैं आभा बोल रही हूँ। मैंने कहा वाओ, तू अभी तक कहाँ थी यार ? अपनी माँ चुदा रही थी तू भोसड़ी वाली ? मैंने जाने कहाँ कहाँ तुझे ढूंढा पर न तू मिली और न तेरा नंबर ? वह बोली यार मैं शादी करके विदेश चली गयी थी और अभी दो दिन पहले ही आई हूँ। अच्छा सुन बुर चोदी आरती तू अपना पता मेरे मोबाइल कर भेज दे मैं अभी तेरे पास आती हूँ। बस आभा आधे घंटे में आ गई। मैंने फटाफट ड्रिंक्स बनाई और फिर शराब पीते हुए बातें करने लगी।
गौरी ने अपनी बाहें राज के गले में डाल दीं और रूचि ने अपनी बाहें गौरी के पति गोपी के गले में। सुनीता निकिता के पति नवल से लिपट गयी और निकिता सुनीता के पति सावन से। शराब का नशा तो सब पर चढ़ चुका था। मस्ती का माहौल बन गया था और किसी को भी शर्माने का मौक़ा था ही नहीं। इसलिए सबसे पहले मैंने अमर के लण्ड पर हाथ रखा और उसने मेरी चूँचियों पर। मैंने देर नहीं लगाई और उसकी पैंट खोलने लगी। ऊपर की कमीज निकाल दी। पैंट खुली तो वह चड्ढी में आ गया मैंने मुस्कराते हुए चड्ढी भी उतार दी तो उसका लण्ड मेरे सामने नंगा हो गया। मैंने लण्ड पकड़ा और हिलाने लगी। तब मैंने देखा की आभा भी मेरे पति का लण्ड हिला रही है। उसकी भी चूँचियाँ खुल चुकी थीं। मैंने तो अपना पेटीकोट भी खोल डाला और अब मैं मादर चोद बिलकुल नंगी थी सबके सामने। नंगी हुई तो बेशर्म और हो गई मैं । मैं झुक कर लण्ड पीने लगी और अमर मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। मेरा पति अमर की बीवी की चूँचियों से खेलने लगा। उसकी बीवी मेरे पति का लण्ड पीने लगी। मुझे यह देख बड़ा अच्छा लग रहा था।
उधर गौरी रूचि के पति का लण्ड चाटने लगी और रूचि गौरी के पति का लण्ड ? वो चारों भी एकदम नंगे थे। मुझे रूचि के पति राज का लण्ड देख कर मज़ा आया। सुनीता के मुंह में निकिता के पति नवल का लण्ड घुसा हुआ था और निकिता के मुंह में सुनीता के पति सावन का लण्ड ? उन्हें एक दूसरे के पति का लण्ड पीते हुए देख कर मुझे बड़ा आनंद मिल रहा था।
होली में सबसे ज्यादा मजे दार चीज होती है आमने सामने एक दूसरे की बीवी चोदना और एक दूसरे के पति से चुदवाना।
६ नंगी नंगी चूत और चूँचियाँ और ६ नंगे नंगे टन टनाते हुए लण्ड देख कर सबको बहुत अच्छा लग रहा था। ऐसा मौक़ा बहुत कम मिलता है जब इतने सारे नंगे लण्ड एक साथ खड़े होकर फनफना रहे हों ? वैसे तो बीवी बिचारी पराये मरद का एक लण्ड देखने के लिए तरस जाती है यहाँ तो ६ - ६ पराये मरद के लण्ड टन टना रहें हैं। मैंने अमर लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया और आभा ने मेरे पति का लण्ड। हम दोनों एक दूसरे के पति से चुदवाने लगीं और बीवियों की अदला बदली का मज़ा लूटने लगी। मेरे बगल में गोपी और राज दोनों एक दूसरे की बीवी चोदने लगे। मेरे सामने सुनीता और निकिता दोनों एक दूसरे के पति का लण्ड अपनी अपनी चूत में पेले हुए चुदवाने लगीं। पूरे कमरे में चुदाई ही चुदाई। मैं इस बात से बहुत खुश थी की यह चुदाई समारोह मेरे घर में हो रहा है।
आभा ने कहा - यार आरती मुझे ऐसा लग रहा है की जैसे मैं अभी भी अमेरिका में हूँ और किसी क्लब में पराये मरद से चुदवा रही हूँ। मेरी तो परेशानी दूर हो गयी। तुमने सच कहा की यहाँ तो "wife swapping" घर घर होती है। अब तो मैं भी अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश करूंगी।
मैंने कहा - यार एक बात जान लो अपने देश किसी के पीछे नहीं है। यहाँ भी ग्रुप में न्यूड डांस होता है और खुले आम स्टेज पर होता है। लोग एन्जॉय करतें हैं। ग्रुप फकिंग और सकिंग होती है। बड़ी बड़ी सेक्स पार्टी होतीं हैं लण्ड पार्टी होतीं हैं।
तब तक रूचि ने कहा - मैं तो यहाँ हर तरह की पार्टी अटेंड करती हूँ और मज़ा करती हूँ।
निकिता बोली - यार सुनीता मुझे मेरे हसबैंड का लण्ड पसनद आ गया है। अब तो मैं इससे अक्सर चुदवाया करूंगी।
सारे मरद इन बीवियों की बाते सुन सुन कर चुदाई की स्पीड बढ़ाने लगे। बीवियां भी अपनी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाने लगी , मुझे आज पराये मरद से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा था। अमर का लण्ड मेरी चूत में अंदर तक चोट कर रहा था। विदेशी बुर चोद चोद कर उसका लण्ड बड़ा एक्सपर्ट हो गया था। मेरी चूत लगभग खलास हो चुकी थी। तभी उसने घूम कर अपना लण्ड मेरे मुंह के सामने कर दिया। मैं मुंह खोल कर लण्ड का सड़का मारने लगी और बस थोड़ी देर में उसने मेरे मुंह में गिरा दिया अपना वीर्य। मैं मजे से झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैंने देखा की सभी बीवियां आगे पीछे झड़ता हुआ लण्ड चाट रहीं हैं। पहली पारी की चुदाई के बाद सबने नंगे नंगे ही डिनर किया और खूब अश्लील बातें कीं।
करीब एक घंटे के बाद दूसरी पारी शुरू हो गयी। मैंने कहा अब बीवियां उन लोगों के लण्ड पकड़ेगीं जिनके लण्ड अभी तक पकड़ा नहीं है सिर्फ दूर से देखा है। सब लोग नंगे थे ही। ऐसा कह कर मैंने अपना हाथ बढ़ाकर राज का लण्ड पकड़ लिया। रूचि ने मेरे पति अभय का लण्ड पकड़ लिया। गौरी ने निकिता के मियां नवल का लण्ड अपने कब्जे में लिया। निकिता ने गोपी का लण्ड धर दबोचा। सुनीता की निगाह अमर के लण्ड पर गयी तो उसने अमर का लण्ड पकड़ा और चाटने लगी। आभा ने स्वान के लण्ड पर चढ़ बैठी तो लण्ड बहन चोद उसकी चूत में ही गप्प से घुस गया। इस तरह सभी बीवियां एक बार फिर पराये मरदों से चुदवाने लगीं और मस्ती भरी गालियां भी बकने लगीं। मरद भी गालियां एन्जॉय करते हुए परायी बीवियों की बुर चोदने का मज़ा लूटने लगे।
अमर बोला - यार अभय, मुझे तो एक एक करके सबकी बीवियां चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। मैं इसी तरह अमेरिका में भी सबकी बीवियां चोदता था। अभी मैं राज की बीवी रूचि की बुर चोद रहा हूँ। इतनी टाइट बुर चोदने में मुझे और मेरे लण्ड को भी मज़ा मिल रहा है।
नवल ने कहा - सच्चाई यह है की परायी बीवियां चोदना सबको अच्छा लगता है. मैंने तो अपनी शादी के दो साल बाद से ही दूसरों की बीवियां चोदना शुरू कर दिया। उसके बाद रात भर सभी लोगों ने सबकी बीवियां चोदीं जो बच गयीं उन्हें सवेरे उठ कर चोदा , बीवियों ने भी सबके मियां से चुदवाया। जिनसे रात में नहीं चुदवा सकीं उससे सवेरे उठ कर चुदवाया। इस तरह सबने चोदी सबकी बीवियां होली में।
यह होली का माहौल था और होली में चोदा चोदी का खेल बहुत अच्छा लगता है। अच्छी बात यह है की अब हम लोग केवल होली में ही यह खेल नहीं खेलतीं ? अब तो हम लोग हर हफ्ते बीवियों की अदला बदली का खेल खेलने लगीं हैं। हमारी कपल की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। आजकल के मियां अपनी सुहागरात के बाद ही अपनी बीवी चुदवाने लगतें हैं और बीवियां भी अपनी सुहागरात के बाद ही पराये मरद से चुदवाने लगती हैं। अब समय बदल गया है इसलिए इसका फायदा उठाना चाहिए और पूरा पूरा मज़ा लेना चाहिए।
भाभी मारें लण्ड का सड़का, देवर चूसें चूँची
बरफी जैसी चूत तुम्हारी, चूँची ऊंची ऊंची
भाभी चोदें लंड सभी के हम चोदें बुर सबकी
नंगे देवर नंगी भाभी, चूत मिल गयी मन की
सबने सबकी बीवियां आमने सामने चोद चोद कर मनाई होली - २०१८
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मेरे प्यारे मित्रों, आप लोग रंग और गुलाल से खेल कर होली मानते हैं, लेकिन मैं पराये मरदों के लण्ड और पेल्हड़ से खेल खेल कर होली मानती हूँ। जैसे आप लोग सबके साथ मिलकर होली खेलतें हैं वैसे मैं भी कई बीवियों के साथ मिलकर होली खेलती हूँ। कई लण्ड के साथ खेल खेल कर होली का मज़ा लेती हूँ।
मैं लण्ड के साथ होली खेलने वाली कोई अकेली बीवी नहीं हूँ। मेरे साथ कई बीवियां हैं जो पराये मरदों के लण्ड के साथ खेलकर होली मानतीं हैं। दिन में रंग से होली होती है और रात में लण्ड से होली होती है। रात भर सभी बीवियां एक दूसरे के हसबैंड से आमने सामने चुदवा चुदवा कर होली मनातीं हैं और सारे मरद एक दूसरे की बीवी खुल्लम खुल्ला चोद चोद कर होली मनाते हैं। एक दिन मैं मिसेज आरती दुबे अपनी दो सहेलियों के साथ बैठी हुई गप सप कर रही थी। वे थीं मिसेज गौरी गुप्ता और मिसेज सुनीता तिवारी। हम तीनो ड्रिंक्स पर बैठीं थी। शाम का समय था और फागुन का महीना था। सर्दी का मौसम जा रहा था और गर्मी का मौसम दरवाजे पर खड़ा था। ऐसे सुहाने मौसम में बुर चोदी बुर चैन से बैठने नहीं देती। मैंने अपने घर में इन दोनों को बुलाया और शराब पीना शुरू कर दिया। मैं तो अपने कॉलेज के दिनों से शराब पी रही हूँ। यही हाल गौरी और सुनीता का भी है। खूबसूरत हम तीनो हैं, मुंह फट हैं, हंसमुख है और जरुरत से ज्यादा हॉट हैं। मैं भी बड़ी बड़ी सुडौल चूँचियों वाली हूँ, गौरी और सुनीता की भी चूँचियाँ मेरी चूँचियों का मुकबला करतीं हैं। जाँघे मेरी भी मोटी मोटी हैं और उन दोनों की भी। गांड मेरी भी सेक्सी है और उनकी भी। चूत मेरी मस्तानी है, टाइट है और छोटी छोटी झांटों वाली है लेकिन उनकी चूत कैसी है इसके बारे में मुझे अभी नहीं मालूम ? हां मैं इतना जरूर जानती हूँ की बुर चोदी मैं भी हूँ और बुर चोदी वो दोनों भी। मटक मटक कर मैं भी चलती हूँ और वो भी। आगे से मेरी भी चूँचियाँ हिलती हैं और उनकी भी। मेरे मन में आया की क्यों न हम सब खुल कर बातें करें और यह जानने की कोशिश करें ही हम तीनो में और कौन कौन सी समानतायें हैं ?
- मैंने कहा - यार, ये मौसम बहन चोद चैन से बैठने नहीं देता ? होली में जाने क्यों दिल बार बार हिलोरें लेता रहता है ?
- गौरी ने कहा - ये सब होली का कमाल है, आरती । मेरा भी मन होता है की मैं भी किसी के साथ जम कर होली खेलूं ? खूब धमाल करूं और मौज़ मस्ती करूँ ?
- सुनीता बोली - यार सच बात कहूँ ? होली मे तो रंग नहीं लण्ड चाहिए लण्ड ? मैं तो लण्ड के साथ होली खेलना चाहती हूँ।
- गौरी बोली - यार तूने मेरे मन की बात कह दी। लेकिन लण्ड किसी पराये मरद का हो तो मज़ा आएगा ?
- सुनीता - मैं पराये मरदों के लण्ड के साथ होली खेलने की ही बात कर रही हूँ। अपने मरद के लण्ड के साथ कौन भोसड़ी वाली होली खेलती है ?
- मैंने कहा - वाओ, यार तुम दोनों की सोंच बिलकुल मेरी सोंच की ही तरह है। मैं भी पराये मरद के साथ नंगी नंगी होली खेलना चाहती हूँ। वह भी एक मरद नहीं कई मरदों के साथ ?
- गौरी - यार, होली नंगी नंगी हो और नंगे नंगे पराये मर्दों के साथ हो तो और ही मज़ा है। सच कहूँ मैं तो इस मौसम में २/३ पराये मर्दों से चुदवाना चाहती हूँ।
- सुनीता - यार मैं भी यही कहने वाली थी। कुछ करो न यार ?
- मैंने कहा - मैं तो कॉलेज के कई लड़कों के लण्ड पकड़ती थी उनके लण्ड मुठ्ठ मार कर पीती थी। मौक़ा मिलने पर चुदवा भी लेती थी। मैं आज भी वही करना चाहती हूँ।
- गौरी - लण्ड पीने का शौक तो मुझे भी है आरती ? मेरा पति जब कभी टूर पर जाता है तो मैं अपने दोस्तों को बुलाती हूँ और उनके लण्ड पीती हूँ। मौक़ा मिलता है तो लण्ड चूत में घुसेड़ लेती हूँ।
- मैंने कहा - गौरी तो फिर मुझे भी पिलाओ न अपने दोस्तों के लण्ड ?
- सुनीता - अब तुम लोग खुल कर बोल रही हो तो फिर मेरी भी बात सुनो। मुझे तो पराये मरद का लण्ड पीने की लत है। मैं तो किसी का लण्ड पी लेती हूँ। एक दिन ए सी ठीक करने वाला एक लड़का आया। मुझे वह भा गया। ए सी जब ठीक हो गया तो मैंने उसे बैठा लिया और कहा चाय पी कर जाओ। वह बोला मैडम ,,,,,,, मैंने कहा मैडम की माँ की चूत मैं जो कहती हूँ वो करो। मैंने उसे चाय पिलाई और फिर कहा बेटा लो अब मेरी चूची पियो। ऐसा कह कर मैंने अपने दोनों बूब्स खोल दिया फिर उसके लण्ड पर हाथ रख दिया। लण्ड साला कड़क हो गया तो मैंने उसे नंगा कर दिया और लण्ड हिलाने लगी। फिर मैंने लण्ड मुंह में लिया और बाद में सड़का मार कर लण्ड पिया। चलते चलते मैंने कहा बेटा मैं तुम्हे किसी और दिन बुलाऊंगी तब मैं तुमसे चुदवाऊंगी।
- मैंने कहा - तुम्हे किसी तरह के लण्ड पसंद है सुनीता ?
- सुनीता - मुझे हर तरह का लण्ड पसंद है। हां लण्ड अगर थोड़ा बड़ा हो और मोटा हो तो सोने पे सुहागा वाली बात हो जाती है।
- गौरी - मुझे भी मोटा और बड़ा लण्ड पसंद है यार ?
- मैंने कहा - यार तुम लोगों ने ऐसी ऐसी सेक्सी बातें करके मेरी चूत में आग लगा दी है। अब इस आग को कौन बुझायेगा ?
- गौरी - लण्ड बुझायेगा आरती जी तेरी चूत की आग ? अभी मैं तेरे लिए लण्ड का इंतज़ाम करती हूँ।
मैं मन ही मन इस बात से बहुत खुश हुई की गौरी ने यह काम बहुत बढ़िया किया। अब मेरी चूत की आग जरूर बुझ जाएगी। गौरी ने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया। वह अपनी बड़ी बड़ी मस्त चूँचियाँ खोल कर बैठ गयी। उसे देख कर मैंने भी अपने बूब्स खोल डाले और सुनीता ने भी। तब तक वे चारों उठ खड़े हुए और अपने अपने कपड़े खोलने लगे। हम सब उन्हें आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगीं। आखिर में जब उन लोगों ने अपनी अपनी चड्ढी खोली तो लण्ड सबके बाहर आ गए। लण्ड देख कर हम सबके मुंह में पानी आ गया। चारों लण्ड गोरे चिट्टे और एकदम चिकने थे। झांट का तो कहीं नामोनिशान नहीं था। तब तक मैंने धीमी आवाज़ में म्यूजिक ऑन कर दिया। वो चारों नंगे नंगे थिरकने लगे और उनसे ज्यादा थिरकने लगे उनके मोटे मोटे लण्ड । ऐसा नज़ारा हम सब पहली बार देख रहीं थीं। बड़ा मज़ा आ रहा था। हम तीनो मस्ती से तालियां बजाने लगीं। वे घूम घूम कर हम सबके सामने आने लगे और हम एक एक करके उनके लण्ड पकड़ पकड़ कर हिलाने लगी, सहलाने लगी, जबान निकाल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगीं और अपनी चूँचियों पर रगड़ने लगीं। हमें उनके लण्ड ही नहीं बल्कि पूरा नंगा बदन अपनी ओर आकर्षित कर रहा था।
मैं जोश में आ गयी और अपना पेटीकोट उतार कर फेंक दिया। मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी और उन्हीं लोगों के साथ नंगी नंगी नाचने लगी। मुझे देख कर गौरी भी नंगी होकर नाचने लगी और फिर सुनीता भी नंगी नंगी सबके बीच में आ गयी। हम सबकी चूँचियाँ भी थिरक थिरक कर नाचने लगीं। अब कमरे में मर्दों और औरतों का एक सामूहिक नंगा नाच होने लगा जो की बड़ा ही मनमोहक बन गया। मेरी निगाह उन चारों लण्ड पर थी. मुझे लण्ड पर बड़ा प्यार आ रहा था, मन कर रहा था की मैं चारों लण्ड एक साथ चबा जाऊं। फिर मैं अपने आपको रोक नहीं सकी और टोनी का लण्ड पकड़ ही लिया। मेरा मुंह अपने आप खुल गया और लण्ड भी बहन चोद मुंह के अंदर घुस गया। मैं एक हाथ से टोनी के पेल्हड़ थाम कर दूसरे हाथ से लण्ड चूसने लगी। मोटा और लंबा चौड़ा लौड़ा मुझे बड़ा मज़ा देने लगा। इतने में गौरी ने राका का लण्ड अपने मुँह में घुसा लिया और मजे से चूसने लगी। इतने में सुनीता ने एक हाथ से सनी का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से रोहित का लण्ड। वह दोनों का लण्ड बारी बारी से चूसने चाटने लगी।
मैंने कहा - यार गौरी आज बहुत दिनों के बाद मुझे लण्ड पीने का मज़ा आ रहा है।
सुनीता बोली - हाय गौरी, यार आज लग रहा है की पराये मरद के लण्ड में कितना मज़ा छिपा होता है ? मैं तो सच में बड़ी लकी हूँ की आज मुझे इन चारों से चुदवाने का मौक़ा मिल रहा है ।
गौरी ने कहा - हां यार, मुझे भी यकीन नहीं था की मेरी दोस्त लोनी इतनी जल्दी और इतने बढ़िया बढ़िया चार चार लण्ड मुझे भेज देगी ? लण्ड तो सच में बड़े जबरदस्त हैं। कुछ देर तक लण्ड चूसने चाटने के बाद मैं अपनी टांगें फैला दीं। टोनी का लण्ड पकड़ कर अपनी चूत पर टिका दिया। टोनी भी जोश में था। उसने एक जोर का धक्का दिया तो लण्ड बहन चोद ससरसराता हुआ अंदर तक बिना रोक टोक के घुस गया। मेरे मुंह से निकला उई माँ ? फाड़ डाला भोसड़ी वाले ने मरी चूत ? उसके बाद जो मज़ा आने लगा वह बयान नहीं किया जा सकता ? मेरी देखा देखी गौरी ने भी राका का लण्ड अपनी चूत में घुसा कर चुदवाने लगी। वह बोली हाय आरती आज लग रहा है की पराये मरद से चुदवाने में कितना आनंद आता है ? इतना मोटा लण्ड जब चूत में घुसता है तो ज़न्नत का मज़ा मिलता है यार ? उधर सुनीता ने सनी का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ा और रोहित का लण्ड अपने मुंह में ? वह रोहित का लण्ड पीते हुए सनी से भकाभक चुदवाने लगी। ऐसा लग रहा था की इस तरह तो उसने कभी अपने पति से भी नहीं चुदवाया होगा।
आज मुझे महसूस हो रहा था की एक पेशेवर चोदू से चुदवाने में वाकई बड़ा मज़ा आता है। टोनी की चोदने स्टाइल बड़ी अच्छी थी और बाकी सनी रोहित और राका भी इसी स्टाइल से चुदाई कर रहे थे। इसलिए मुझे ही नहीं बल्कि गौरी और सुनीता को भी चुदवाने में बड़ा अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर में वे लोग पीछे से चोदने लगे।इस बार सुनीता रोहित से चुदवाने लगी और सभी का लौड़ा चूसने लगी। मैंने पहले भी पीछे से चुदवाया है पर आज का चुदवाना कुछ और ही है। धच्च धच्च, फच्च फच्च, गच्च गच्च, फक्क फक्क, गचर गचर की आवाज़ें पूरे कमरे में गूंजने लगीं। मेरे बगल में सुनीता था तो मैंने उससे सनी का लौड़ा ले लिया और उसे चूसने लगी। मेरे सामने गौरी राका से धकाधक चुदवा रही थी। थोड़ी देर में मेरी चूत तो ढीली हो गयी और सुनीता की चूत भी। टोनी का लौड़ा भी भर चुका था और वह अब उगलने ही वाला था। मैंने भांप लिया और घूम कर उसके लण्ड का सड़का मारने लगी। बस १०/१२ बार लण्ड ऊपर नीचे करते ही उसने वीर्य उगल दिया जिसे माइए मैंने अपनेमुंह में ले लिया। मैंने फिर देखा की सुनीता भी दोनों झड़ते हुए लण्ड चाट रही है. गौरी की निगाह हम दोनों पर पड़ी तो उसकी भी चूत खलास हो गयी और उसने भी राका का लौड़ा खूब मजे से पिया।
डिनर करने के बाद हमारी महफ़िल फिर जम गयी। इस बार मैंने इस बार मैंने राका और सनी से चुदवाया। गौरी ने रोहित से चुदवाया। टोनी ने मजे से सुनीता की बुर ली। इस तरह रात हम तीनो ने एक एक करके इन चारों के लण्ड अपनी अपनी चूत में पेला और खूब मस्ती की।
सब चोदेंगें सबकी बीवी - होली में
दूसरे दिन हमने सोंचा की क्यों न हम लोग एक दूसरे के हसबैंड से चुदवा चुदवा कर होली मनायें ? इस बार की होली "wife swapping" और "husband swapping" के नाम कर दी जाये। सुनीता और गौरी भी मेरी बात से सहमत हो गयीं। मैंने आगे कहा अगर हमारे साथ और भी कपल शामिल हो जायें तो बहुत ही अच्छा होगा। सबने कहा चलो पहले हम लोग अपने अपने हसबैंड से बात करतीं हैं और फिर दूसरे लोगों को भी शामिल करने की कोशिश करतीं हैं। अगले दिन मेरे पास फोन आया। वह बोली मैं आभा बोल रही हूँ। मैंने कहा वाओ, तू अभी तक कहाँ थी यार ? अपनी माँ चुदा रही थी तू भोसड़ी वाली ? मैंने जाने कहाँ कहाँ तुझे ढूंढा पर न तू मिली और न तेरा नंबर ? वह बोली यार मैं शादी करके विदेश चली गयी थी और अभी दो दिन पहले ही आई हूँ। अच्छा सुन बुर चोदी आरती तू अपना पता मेरे मोबाइल कर भेज दे मैं अभी तेरे पास आती हूँ। बस आभा आधे घंटे में आ गई। मैंने फटाफट ड्रिंक्स बनाई और फिर शराब पीते हुए बातें करने लगी।
- मैंने पूंछा तुम विदेश कहाँ गयी थीं आभा ?
- वह बोली मैं अमेरिका गयी थी और आज दो साल बाद वापस आयी हूँ। लेकिन यहाँ मुझे अच्छा नहीं लग रहा है
- ऐसा क्या हो गया ? तुम्हे अपना देश ही अच्छा नहीं लग रहा है।
- अरे यार मैं वहां हर रोज़ शाम को क्लब जाती थी, गैर मर्दों के साथ शराब पीती थी, न्यूड डांस करती थी, खूब मस्ती करती थी और मज़ा करती थी। यहाँ तो कुछ है ही नहीं।
- तू और क्या क्या करती थी वहां जो यहाँ नहीं कर सकती ?
- वहां तो मैं अपने पति के सामने लोगों के लण्ड पकड़ती थी। लड़कियां मेरे सामने मेरे हसबैंड का लण्ड पकड़ती थीं। हम दोनों खूब एन्जॉय करते थे । मैं ग़ैर मरदों के लण्ड से खेलती थी और मेरा हसबैंड दूसरों की बीवियों की चूँचियों से खेलता था और उनकी चूत का मज़ा लेता था। और भी बहुत कुछ ,,,,,,,,,,,,?
- और क्या क्या करती थी तुम ? कैसे एन्जॉय करती थी तुम ?
- वहां तो क्लब में रोज़ रात में "wife swapping" होती है । मैं पराये मर्दों से चुदवाती थी और मेरे पति दूसरों की बीवियां चोदता था। पर यहाँ तो ये सब होता ही नहीं। इसलिए मैं बहुत परेशान हूँ ? मेरा पति भी परेशान है।
- कौन बुर चोदी कहती है की यहाँ "wife swapping" नहीं होती ? वहां तो क्लबों होती है, यहाँ तो "wife swapping" हर दूसरे घर में होती है। बोलो तुम करोगी हमारे साथ "wife swapping" ?
- वह मेरी बात सुनकर उछल पड़ी, बोली हां यार करूंगी। मैं तो आज ही करने को तैयार हूँ।
- तेरे साथ कोई और कपल है जो इसमें हमारा साथ दे सकता है।
- हां हैं न ? मेरी एक दोस्त है रूचि और राज। वो लोग भी तैयार हैं।
- देखो कल होली है और होली की रात में मैं "wife swapping" अपने घर में करूंगी। दिन में रंग के साथ होली रात में लण्ड के साथ होली होगी । वह भी पराये मरद के लण्ड के साथ।
- अरे वाह तूने तो मेरी परेशानी दूर कर दी। मैं कल शाम को आ जाऊंगी। रूचि राज को भी ले आऊंगी। आभा के जाने के बाद गौरी का फोन आया वह बोली यार आरती मुझे एक कपल मिला गया है निकिता और नवल जो बीवियों की अदला बदली के लिए तैयार है। मैं कल उसी के साथ आऊंगी। और हां सुनो मेरा पति तेरी बुर लेने के लिए बड़ा उतावला हो रहा है। कल रात को जब मैंने उसे इसके बारे में बताया तो उसका लौड़ा साला तन कर अपना सर हिलाने लगा। मैं समझ गयी की वह तेरी बुर चोदना चाहता है। यार बड़ा मज़ा आएगा।
- तो फिर टाइम से आ जाना।
गौरी ने अपनी बाहें राज के गले में डाल दीं और रूचि ने अपनी बाहें गौरी के पति गोपी के गले में। सुनीता निकिता के पति नवल से लिपट गयी और निकिता सुनीता के पति सावन से। शराब का नशा तो सब पर चढ़ चुका था। मस्ती का माहौल बन गया था और किसी को भी शर्माने का मौक़ा था ही नहीं। इसलिए सबसे पहले मैंने अमर के लण्ड पर हाथ रखा और उसने मेरी चूँचियों पर। मैंने देर नहीं लगाई और उसकी पैंट खोलने लगी। ऊपर की कमीज निकाल दी। पैंट खुली तो वह चड्ढी में आ गया मैंने मुस्कराते हुए चड्ढी भी उतार दी तो उसका लण्ड मेरे सामने नंगा हो गया। मैंने लण्ड पकड़ा और हिलाने लगी। तब मैंने देखा की आभा भी मेरे पति का लण्ड हिला रही है। उसकी भी चूँचियाँ खुल चुकी थीं। मैंने तो अपना पेटीकोट भी खोल डाला और अब मैं मादर चोद बिलकुल नंगी थी सबके सामने। नंगी हुई तो बेशर्म और हो गई मैं । मैं झुक कर लण्ड पीने लगी और अमर मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। मेरा पति अमर की बीवी की चूँचियों से खेलने लगा। उसकी बीवी मेरे पति का लण्ड पीने लगी। मुझे यह देख बड़ा अच्छा लग रहा था।
उधर गौरी रूचि के पति का लण्ड चाटने लगी और रूचि गौरी के पति का लण्ड ? वो चारों भी एकदम नंगे थे। मुझे रूचि के पति राज का लण्ड देख कर मज़ा आया। सुनीता के मुंह में निकिता के पति नवल का लण्ड घुसा हुआ था और निकिता के मुंह में सुनीता के पति सावन का लण्ड ? उन्हें एक दूसरे के पति का लण्ड पीते हुए देख कर मुझे बड़ा आनंद मिल रहा था।
होली में सबसे ज्यादा मजे दार चीज होती है आमने सामने एक दूसरे की बीवी चोदना और एक दूसरे के पति से चुदवाना।
६ नंगी नंगी चूत और चूँचियाँ और ६ नंगे नंगे टन टनाते हुए लण्ड देख कर सबको बहुत अच्छा लग रहा था। ऐसा मौक़ा बहुत कम मिलता है जब इतने सारे नंगे लण्ड एक साथ खड़े होकर फनफना रहे हों ? वैसे तो बीवी बिचारी पराये मरद का एक लण्ड देखने के लिए तरस जाती है यहाँ तो ६ - ६ पराये मरद के लण्ड टन टना रहें हैं। मैंने अमर लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया और आभा ने मेरे पति का लण्ड। हम दोनों एक दूसरे के पति से चुदवाने लगीं और बीवियों की अदला बदली का मज़ा लूटने लगी। मेरे बगल में गोपी और राज दोनों एक दूसरे की बीवी चोदने लगे। मेरे सामने सुनीता और निकिता दोनों एक दूसरे के पति का लण्ड अपनी अपनी चूत में पेले हुए चुदवाने लगीं। पूरे कमरे में चुदाई ही चुदाई। मैं इस बात से बहुत खुश थी की यह चुदाई समारोह मेरे घर में हो रहा है।
आभा ने कहा - यार आरती मुझे ऐसा लग रहा है की जैसे मैं अभी भी अमेरिका में हूँ और किसी क्लब में पराये मरद से चुदवा रही हूँ। मेरी तो परेशानी दूर हो गयी। तुमने सच कहा की यहाँ तो "wife swapping" घर घर होती है। अब तो मैं भी अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश करूंगी।
मैंने कहा - यार एक बात जान लो अपने देश किसी के पीछे नहीं है। यहाँ भी ग्रुप में न्यूड डांस होता है और खुले आम स्टेज पर होता है। लोग एन्जॉय करतें हैं। ग्रुप फकिंग और सकिंग होती है। बड़ी बड़ी सेक्स पार्टी होतीं हैं लण्ड पार्टी होतीं हैं।
तब तक रूचि ने कहा - मैं तो यहाँ हर तरह की पार्टी अटेंड करती हूँ और मज़ा करती हूँ।
निकिता बोली - यार सुनीता मुझे मेरे हसबैंड का लण्ड पसनद आ गया है। अब तो मैं इससे अक्सर चुदवाया करूंगी।
सारे मरद इन बीवियों की बाते सुन सुन कर चुदाई की स्पीड बढ़ाने लगे। बीवियां भी अपनी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाने लगी , मुझे आज पराये मरद से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा था। अमर का लण्ड मेरी चूत में अंदर तक चोट कर रहा था। विदेशी बुर चोद चोद कर उसका लण्ड बड़ा एक्सपर्ट हो गया था। मेरी चूत लगभग खलास हो चुकी थी। तभी उसने घूम कर अपना लण्ड मेरे मुंह के सामने कर दिया। मैं मुंह खोल कर लण्ड का सड़का मारने लगी और बस थोड़ी देर में उसने मेरे मुंह में गिरा दिया अपना वीर्य। मैं मजे से झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैंने देखा की सभी बीवियां आगे पीछे झड़ता हुआ लण्ड चाट रहीं हैं। पहली पारी की चुदाई के बाद सबने नंगे नंगे ही डिनर किया और खूब अश्लील बातें कीं।
करीब एक घंटे के बाद दूसरी पारी शुरू हो गयी। मैंने कहा अब बीवियां उन लोगों के लण्ड पकड़ेगीं जिनके लण्ड अभी तक पकड़ा नहीं है सिर्फ दूर से देखा है। सब लोग नंगे थे ही। ऐसा कह कर मैंने अपना हाथ बढ़ाकर राज का लण्ड पकड़ लिया। रूचि ने मेरे पति अभय का लण्ड पकड़ लिया। गौरी ने निकिता के मियां नवल का लण्ड अपने कब्जे में लिया। निकिता ने गोपी का लण्ड धर दबोचा। सुनीता की निगाह अमर के लण्ड पर गयी तो उसने अमर का लण्ड पकड़ा और चाटने लगी। आभा ने स्वान के लण्ड पर चढ़ बैठी तो लण्ड बहन चोद उसकी चूत में ही गप्प से घुस गया। इस तरह सभी बीवियां एक बार फिर पराये मरदों से चुदवाने लगीं और मस्ती भरी गालियां भी बकने लगीं। मरद भी गालियां एन्जॉय करते हुए परायी बीवियों की बुर चोदने का मज़ा लूटने लगे।
अमर बोला - यार अभय, मुझे तो एक एक करके सबकी बीवियां चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। मैं इसी तरह अमेरिका में भी सबकी बीवियां चोदता था। अभी मैं राज की बीवी रूचि की बुर चोद रहा हूँ। इतनी टाइट बुर चोदने में मुझे और मेरे लण्ड को भी मज़ा मिल रहा है।
नवल ने कहा - सच्चाई यह है की परायी बीवियां चोदना सबको अच्छा लगता है. मैंने तो अपनी शादी के दो साल बाद से ही दूसरों की बीवियां चोदना शुरू कर दिया। उसके बाद रात भर सभी लोगों ने सबकी बीवियां चोदीं जो बच गयीं उन्हें सवेरे उठ कर चोदा , बीवियों ने भी सबके मियां से चुदवाया। जिनसे रात में नहीं चुदवा सकीं उससे सवेरे उठ कर चुदवाया। इस तरह सबने चोदी सबकी बीवियां होली में।
यह होली का माहौल था और होली में चोदा चोदी का खेल बहुत अच्छा लगता है। अच्छी बात यह है की अब हम लोग केवल होली में ही यह खेल नहीं खेलतीं ? अब तो हम लोग हर हफ्ते बीवियों की अदला बदली का खेल खेलने लगीं हैं। हमारी कपल की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। आजकल के मियां अपनी सुहागरात के बाद ही अपनी बीवी चुदवाने लगतें हैं और बीवियां भी अपनी सुहागरात के बाद ही पराये मरद से चुदवाने लगती हैं। अब समय बदल गया है इसलिए इसका फायदा उठाना चाहिए और पूरा पूरा मज़ा लेना चाहिए।
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