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जब मैं चुदवाऊंगी तो कितना मज़ा आएगा - Jab main chudwaungi to kitna majaa aayega
जब मैं चुदवाऊंगी तो कितना मज़ा आएगा - Jab main chudwaungi to kitna majaa aayega , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरी शादी के अभी एक ही महीना हुआ था। मैं अपनी ससुराल में थी। मेरा साथ मेरी सास, मेरी नन्द, मेरी जेठानी रहतीं थीं। और मेरी खाला सास भी कभी आ जाय करतीं थीं। एक दिन मैं अपने कमरे में बैठी थी तभी मेरी सास आ गयी और बोली हिबा बहू, मैं तुम्हे एक बात बताती हूँ। तेरी नन्द वैसे तो बहुत अच्छी है, बड़े अच्छे स्वभाव की है, खूब हिलमिल कर रहती है, हंसी मजाक भी करती है और गन्दी गन्दी बातें भी। गाली गलौज भी प्यार से कर लेती है। मुझसे तो गालियों से ही बात होती है। हम दोनों दोस्त हैं ज्यादा और माँ बेटी कम ? यह सब कैसे हुआ और कब हुआ यह मैं तुझे बाद में बताऊंगी। एक बात मैं कहना चाहती हूँ की तेरी नन्द कुछ ज्यादा मस्ती के मूड में रहती है। उसे अपना जिस्म दिखाने का शौक है और लण्ड पकड़ने का तो उससे ज्यादा। एक दिन उसने मेरे सामने ही मेरे जीजा का लण्ड पकड़ लिया था। लण्ड पकड़ते ही उसका मुंह खुल गया और उसने लण्ड मुंह में ले लिया। लण्ड साला एकदम से ताव में आ गया और तन कर बड़ा हो गया। वह जिस तरह से लण्ड चूस रही थी उससे मालूम हो रहा था की वह पहले भी कई लण्ड चूस चुकी है। मैं उससे कुछ बोली नहीं चुपचाप वहां से चली गयी। पर मैं सोंचने लगी की अगर उसने लण्ड चूसा है तो चुदवाती भी होगी ? एक नहीं कई लोगों से चुदवा भी चुकी होगी ? वह बुर चोदी अभी २१ साल की है। अगर अभी से यह हाल है तो आगे क्या होगा ? बहू रानी तुम ज़रा देखो की तेरी नन्द किस किस से चुदवाती है ? वैसे तो वह मुझसे खुली है पर शायद वह मुझे पूरी बात खुल कर नहीं बताती ? मैं जब किसी दिन उसी के सामने उसकी माँ का भोसड़ा चोदूँगी तब शायद वह सब कुछ मुझे बता देगी।
मेरी शादी के अभी एक ही महीना हुआ था। मैं अपनी ससुराल में थी। मेरा साथ मेरी सास, मेरी नन्द, मेरी जेठानी रहतीं थीं। और मेरी खाला सास भी कभी आ जाय करतीं थीं। एक दिन मैं अपने कमरे में बैठी थी तभी मेरी सास आ गयी और बोली हिबा बहू, मैं तुम्हे एक बात बताती हूँ। तेरी नन्द वैसे तो बहुत अच्छी है, बड़े अच्छे स्वभाव की है, खूब हिलमिल कर रहती है, हंसी मजाक भी करती है और गन्दी गन्दी बातें भी। गाली गलौज भी प्यार से कर लेती है। मुझसे तो गालियों से ही बात होती है। हम दोनों दोस्त हैं ज्यादा और माँ बेटी कम ? यह सब कैसे हुआ और कब हुआ यह मैं तुझे बाद में बताऊंगी। एक बात मैं कहना चाहती हूँ की तेरी नन्द कुछ ज्यादा मस्ती के मूड में रहती है। उसे अपना जिस्म दिखाने का शौक है और लण्ड पकड़ने का तो उससे ज्यादा। एक दिन उसने मेरे सामने ही मेरे जीजा का लण्ड पकड़ लिया था। लण्ड पकड़ते ही उसका मुंह खुल गया और उसने लण्ड मुंह में ले लिया। लण्ड साला एकदम से ताव में आ गया और तन कर बड़ा हो गया। वह जिस तरह से लण्ड चूस रही थी उससे मालूम हो रहा था की वह पहले भी कई लण्ड चूस चुकी है। मैं उससे कुछ बोली नहीं चुपचाप वहां से चली गयी। पर मैं सोंचने लगी की अगर उसने लण्ड चूसा है तो चुदवाती भी होगी ? एक नहीं कई लोगों से चुदवा भी चुकी होगी ? वह बुर चोदी अभी २१ साल की है। अगर अभी से यह हाल है तो आगे क्या होगा ? बहू रानी तुम ज़रा देखो की तेरी नन्द किस किस से चुदवाती है ? वैसे तो वह मुझसे खुली है पर शायद वह मुझे पूरी बात खुल कर नहीं बताती ? मैं जब किसी दिन उसी के सामने उसकी माँ का भोसड़ा चोदूँगी तब शायद वह सब कुछ मुझे बता देगी।
मैंने कहा - सासू जी, एक बात पूंछू नाराज़ तो नहीं होगी ?
वह बोली - हां हां बहू बिलकुल पूंछो। मैं कतई नाराज़ नहीं हूँगी।
मैंने कहा - क्या मैं भी तुमसे उसी तरह गालियों से बात कर सकती हूँ जैसे तुमसे तेरी बेटी बात करती है ?
वह बोली - हां बिलकुल कर सकती हो। मैं तो चाहती हूँ की तुम उसी तरह मुझसे गालियों से बातें करो जैसे तेरी नन्द मुझसे करती है। यह तो तेरा हक़ है, बहू। तेरी बुर चोदी सास का भोसड़ा, बहू। खूब एन्जॉय करो मेरे साथ। मैंने कहा - सासू जी, तेरी बुर चोदी बहू की बुर। अब देखना कितना मज़ा आएगा। मैं तेरी बिटिया के मुंह से एक एक बात निकलवा लूंगी। वह मुझसे कुछ भी नहीं छिपा सकती। उसकी बुर चोदी माँ का भोसड़ा ? वैसे तो तेरी सास अब वह मुझसे बच कर कहाँ जाएगी ? पर यह सब जानकार तुम करोगी क्या सासू जी ?
वह बोली - अरी बहू रानी, एक बात तो पक्की है की मैं अभी तुम लोगों की तरह ही जवान हूँ। मुझे लगता है की मेरी बेटी के कई बॉय फ्रेंड हैं जिनके लण्ड वह पकड़ती है और उन्हें अपनी चूत में पेलती है। मैं भी वही लण्ड अपनी चूत में घुसाना चाहती हूँ। ज़रा सोंचो बहू नये नये लड़कों के नये ताज़े लौंड़ों से जब मैं चुदवाऊंगी तो कितना मज़ा आएगा ? और मैं तो यह भी चाहती हूँ की तुम भी उनसे चुदवाओ और जवानी का मज़ा लूटो।
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बात में दम है।
इतने में नन्द आ गई।
तो सासू जी बोली - बहू, लो आ गई तेरी बुर चोदी नन्द ? सास ऐसा कह कर चली गयी। मेरी नन्द रफ़ा को मौक़ा मिल गया वह बोली भाभी जान वैसे तो तेरी सास बहुत अच्छी है, खूब हंस हंस कर बातें करती है, हमारा बड़ा ख्याल रखती है, बड़े अच्छे स्वाभाव की है, कभी मुझे डाटती नहीं है पर है भोसड़ी वाली बड़ी हरामजादी। उसे लड़कों के लण्ड पीने का बड़ा शौक है। जब भी कोई लड़का मिलता है तो वह उसके लण्ड पर हाथ रख देती है और फिर जब तक उसे खोल कर अपने मुंह में रख नहीं लेती जब तक उसे जाने नहीं देती। जब लण्ड उसके मुंह ने अपना वीर्य गिरा देती है तो वह बड़ी मस्ती से उसे पी जाती है और लण्ड का सुपाड़ा चाट चाट कर चिकना कर देती है। मुझे तो लगता है की कई लोगों के लण्ड पीती है। भाभी जान तुम ज़रा उस पर नज़र रखना। मैं जानना चाहती हूँ की वह किस किस का लण्ड पीती है। लण्ड पीती है तो अपना भोसड़ा जरूर चुदवाती होगी ? मैंने कहा नन्द रानी तुम यह जानकार क्या करोगी ?
वह बोली - अरे भाभी जान मैं भी अंकल लोगों के लण्ड पीना चाहती हूँ उनसे चुदवाना चाहती हूँ। मुझे मालूम हुआ है की बड़े लोगों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है और उनके लण्ड भी बड़े बड़े होतें हैं। मुझे बड़े और मोटे लौंड़ों का बड़ा शौक है भाभी जान ?
मैंने कहा - मैं तुम्हे जरूर बताऊंगी रफ़ा। लेकिन तुम यह समझ लो की मैं भी मोटे और बड़े लौंड़ों की शौक़ीन हूँ।
वह बोली - अरे भाभी तभी तो अच्छा रहेगा। तुम मेरी बुर चोदना मैं तेरी बुर चोदूँगी।
मैंने कहा - नन्द रानी मैं तुम्हे एक किस्सा सुनाती हूँ।
उन दिनों मैं फूफी के घर में थी। फूफी मुझे बहुत चाहती हैं, मुझसे प्यार करतीं हैं और मेरा बड़ा ख्याल रखतीं हैं। मैं भी उनकी बड़ी इज़्ज़त करती हूँ उनका कहना मानती हूँ और उसके कामों में हाथ बंटाती हूँ। फूफी की बेटी नज़मा मेरी दीदी भी हैं और अच्छी दोस्त भी। वह मुझसे २/३ साल बड़ी है और उसकी शादी हो चुकी हैं। मेरी उम्र २१ साल की है। मैं एक खूबसूरत, हॉट और बिंदास लड़की हूँ। मैं पढ़ी लिखी हूँ, बोल्ड हूँ और चालू भी बहुत हूँ। मैं होस्टल में रह कर पढाई करती हूँ और आज़ाद किस्म की लड़की हूँ। खूब हंसी मजाक करती हूँ, नॉन वेज बातें करती हूँ चुटकुलों का मज़ा लेती हूँ और मस्ती में मुंह से गालियां भी निकालती हूँ। मुझे किसी की भी माँ बहन चोदने में देर नहीं लगती। मैं फिर किसी भोसड़ी वाले की परवाह भी नहीं करती ? मैं अपनी पढ़ाई के सिलसिले में यहाँ कुछ दिनों के लिए फूफी के घर आयी हुई हूँ।
उस दिन फूफी घर पर नहीं थीं। वह अपने दामाद ( बेटी का शौहर ) के साथ दूसरे शहर २/३ दिन के लिए गयीं थीं। मैं सवेरे ४ बजे उठी और अचानक बगल के कमरे में चली गयी। वहां का सीन देख कर मैं दंग रह गयी। मैंने देखा की पलंग पर दो मस्त जवान लड़के एकदम नंगे नंगे लेटे हुए हैं। उनके लण्ड भी बिलकुल नंगे लेटे हुए हैं। दोनों लण्ड के सुपाड़े बाहर निकले हुए हैं। झांटें शायद दो दिन पहले की ही बनी हुई हैं। लण्ड बहन चोद बड़े खूबसूरत लग रहे थे। मैं समझ नहीं पा रही थी की ये दोनों लड़के हैं कौन और रात भर इन दोनों ने किसको चोदा ? अगर नहीं चोदा तो क्या इन दोनों ने एक दूसरे की गांड मारी और गांड मार कर सो गए ? मैंने इधर उधर झांका तो मालूम हुआ की नज़मा दीदी भी नंगी नंगी दूसरे कमरे में लेटी हैं। अब मुझे समझने में देर नहीं लगी की इन दोनों ने रात भर नज़मा की बुर चोदी है ? चोदने के बाद ये दोनों यहाँ सो गये और दीदी अपने कमरे में सो गयीं। कुछ भी हो पर मेरा दिल उन दोनों लण्ड पर आ गया। मेरी नियत लण्ड पर ख़राब हो गयी और मैं बुरी तरह लण्ड देख कर ललचा गई। मेरे मुंह में पानी आ गया।
मैं दीदी को जगाना भी नहीं चाहती थी और वहां से जाना भी नहीं चाहती थी क्योंकि मेरी नज़रें तो उन दोनों लण्ड पर टिकी हुईं थीं। मैं नज़रें गड़ाए हुए लण्ड देखे जा रही थी तभी आज़मा दीदी मेरे बगल में आ गयीं और बोली हिबा लण्ड देख रही हो ? मैंने कहा हां दीदी लण्ड देख रही हूँ पर ये तो सिकुड़े हुए हैं। काश ! ये खड़े होते तो मज़ा आता ? वह बोली तो खड़ा कर ले न इन दोनों लण्ड को ? मैंने कहा अरे दीदी पर ये लोग हैं कौन ? दीदी ने बताया की ये दोनों तेरे जीजू के दोस्त हैं। वाहिद और टोनी। वाहिद मुसलमान है और टोनी क्रिश्चियन। एक का लण्ड कटा है और दूसरे का लण्ड समूचा है। इन दोनों ने रात भर तेरी दीदी की बुर चोदी है। मैं तो तुम्हे भी बुलाने वाली थी पर तुम मस्ती से सो रही थी तो मैंने तुम्हे डिस्टर्ब नहीं किया। मैंने सोंचा की चलो आज नहीं तो कल मैं इन दोनों से हिबा की बुर चुदवा लूंगी।
दीदी की बात सुनकर मेरी चूत में भयानक आग लग गयी। मैंने कहा दीदी अगर यहाँ फूफी होतीं तो फिर ये दोनों तुम्हे नहीं चोदते ? वह बोली क्यों नहीं चोदते ? तेरी फूफी का मादर चोद भोसड़ा ? तेरी फूफी बुर चोदी खुद ग़ैर मर्दों से चुदवाती है। आज वह मेरे शौहर को लेकर गयी है। उसे जहाँ मौक़ा मिलेगा वह मेरे शौहर का लण्ड अपनी चूत में पेलेगी और भकाभक चुदवायेगी ? तेरी फूफी की बिटिया की बुर बहन चोद ? तू उसकी परवाह न कर। और ये दोनों साले भी बहुत हरामी लोग हैं। तेरा जीजू इन दोनों की बीवियां चोदता है। तो ये दोनों उसकी बीवी यानी मेरी बुर चोदेगें ही। ये दोनों भी एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। अब तू चिंता न कर ? अब बोल तू पहले कौन सा लण्ड अपनी बुर में लेगी ? मैंने कहा मैं तो पहले लण्ड मुंह में लूंगी दीदी बाद में बुर में लूंगी। वह बोली तो फिर पकड़ ले न अपने मन पसंद का लण्ड ? मैं तो अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती ही हूँ आज अपने मामू की बेटी की बुर भी चुदवाकर मज़ा लूंगी।
मैंने कहा दीदी एक लण्ड मैं लेती हूँ एक लण्ड तुम ले लो । वह बोली अरे हां तब तो मज़ा आ जायेगा। तुम मेरी बुर चोदो मैं तेरी बुर चोदूँ ? फिर तो उस दिन हम दोनों ने उन दोनों मर्दों से अदल बदल कर खूब चुदवाया। तो मेरी नन्द रानी मुझे भी मोटे और बड़े लण्ड की जरुरत है। हम दोनों की बात चीत ख़तम हो गयी। मुझे यह समझ एम् आ गया की मेरी सास भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है और मेरी नन्द भी। दोनों लण्ड भकाभक अपनी अपनी नूर में पेलती हैं। और अब ये दोनों चाहती हैं की वे एक दूसरे की बुर में लण्ड पेलें। मैं इसी मौके का फायदा उठाना चाहती थी। इसलिए मैंने अपने पुराने बॉय फ्रेंड हासिम को बुला लिया। दूसरी तरफ मैंने अपने बहुत बढ़िया थामस अंकल को भी बुला लिया। वह थोड़ा काले रंग का है। तो उसका लण्ड भी काला है। मैंने अभी तक उसका लण्ड देखा नहीं है हां सुना जरूर है। वह मेरी एक टीचर का हसबैंड है। मेरी बहुत इच्छा थी मैं उसका काला लण्ड देखूं। आज मौक़ा मिला है तो उसे बुला लिया।
जब वो दोनों एक एक करके आये तो मैंने उन्हें बैठाया और दोनों की आपस में मिलवाया। हासिम मेरी उम्र का था और अंकल मेरे बाप की उम्र का। लेकिन चोदा चोदी के खेल में उम्र नहीं देखी जाती बस यह देखा जाता है की लण्ड में कितनी ताकत है ? मैं अपनी आधे से अधिक चूँचियाँ खोले हुए उनसे बातें करने लगी। मैंने पूंछा हासिम तेरी शादी हो गयी है क्या ? वह बोला हां यार शादी तो हो गयी है। मैंने फिर पूंछा तो फिर तेरी बीवी कैसी है। उसे तेरा लौड़ा पसंद आया की नहीं ? वह बोला अरे यार हिबा उसे मेरे लौड़े से ज्यादा मेरे दोस्तों के लौड़े पसंद आ गए। मैंने कहा वाओ, उसे तेरे दोस्तों के लण्ड कहाँ से मिल गए इतनी जल्दी ? वह बोला मैं अपना हनीमून मानाने गोवा गया था। वहीँ कुछ लोग मिल गए। वो भी हनीमून मनाने आये थे। फिर बात चीत हुई तो सबने कहा यार क्यों न हम सब मिलकर हनीमून मनाये ? सबने अपनी अपनी बीवी से पूंछा। मैंने भी पूंछा तो वह फ़ौरन तैयार हो गयी। फिर क्या ४ दिन तक मैं दोस्तों की बीवियां चोदता रहा और दोस्त मेरी बीवी चोदते रहे। अब तो उसे गैर मर्दों से चुदवाने की आदत हो गयी है और मुझे परायी बीवी चोदने की। मैंने हंस कर कहा तो तुम आज मेरे मियां की बीवी चोदोगे ?
इतने में थामस अंकल ने कहा - हिबा आजकल की लड़कियां जब बीवियां बन जातीं हैं तो वो कई लोगों से चुदवाने लगती हैं। उन्हें कोई रोक नहीं सकता। मेरे कॉलेज की कई लड़कियां अपनी शादी के बाद मुझसे चुदवाने आतीं हैं। शादी शुदा लड़कियां ज्यादा मस्ती से चुदवाती हैं। लौड़ा पूरा मुंह में ले लेतीं हैं फिर लौड़ा पूरा अपनी बुर में भी घुसा लेतीं है. खूब गन्दी गन्दी बातें करती हुई गालियां बकती हुई मजे से चुदवाती हैं। मुझे तो उन्हें चोदने मे बड़ा मज़ा आता है। कई लड़कियां अपनी सहेलियों को ले आतीं है चुदवाने। कई लड़कियां अपनी माँ चुदवाने भी आ जातीं हैं लेकिन मैं किसी को निराश नहीं करता। अंकल की बातें सुन कर मैंने हाथ बढाकर उसका लण्ड पकड़ लिया। काला लण्ड मेरे हाथ में आते ही तन कर खड़ा हो गया। मैंने उसे हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी। तब तक हासिम भी नंगा हो चुका था। मैंने दूसरे हाथ से उसका लण्ड पकड़ लिया। वह मेरा जाना पहचाना लण्ड था।
इतने में मेरी सास आ गयीं। वह मुझे देखते ही बोली हाय दईया बहू तू तो मुझसे भी आगे जा रही है। तेरी माँ की चूत तू इतना बड़ा लण्ड कहाँ से ले आई ? हाय रे तेरे हाथ में इतना मोटा लण्ड देख कर मेरी चूत में आग लग गयी है बहू। मैंने कहा अरे सासू जी, ये लण्ड तेरे लिए ही है, तेरे भोसड़ा के लिए ही है। आज मैं इसी लण्ड से तेरा भोसड़ा चोदूँगी सासू जी ? मैंने कहा था न की मैं भी बड़ी हरामजादी हूँ। वह बोली तो फिर पेल दे न लण्ड अपनी सास के भोसड़ा में बहू। ऐसा कह कर उसने थामस का लण्ड मेरे हाथ से ले लिया और उसे प्यार से चूमने चाटने लगी। वह बोइली अरे बहू वो दूसरा लण्ड अपनी नन्द की बुर में घुसा दे ? वह भी बुर चोदी कहीं न कहीं चुदासी घूम रही होगी। मैंने कहा हां सासू जी मैं अपनी नन्द की बुर जरूर चोदूँगी। वह जहाँ भी कहीं होगी, अभी मेरे पास आ जाएगी। उसकी माँ का भोसड़ा वह जाएगी कहाँ ? मेरे मुंह से गालियां सुन सुन कर सास का हौसला और बढ़ रहा था। उसे लगा की मेरी बहू मेरी भी चूत का ख्याल रखती है और मेरी बिटिया की बुर का भी। बहू हो तो ऐसी ही हो ?
तब तक मैं भी नंगी हो चुकी थी और मेरी सास भी। मैं हासिम का लौड़ा चाट रही थी और वह थामस का लौड़ा। अचानक मेरी नन्द एकदम नंगी नंगी कमरे में आ गयी। उसकी बड़ी बड़ी मस्त चूँचियाँ देख कर मैं हैरान हो गयी। इतनी खूबसूरत चूँचियाँ बहुत काम लड़कियों की होतीं है। फिर मैंने देखा की उसके हाथ के एक लण्ड है। वह फनफनाता हुआ लण्ड देख कर मैं गनगना उठी। मैं समझ गयी की मेरी नन्द या तो चुदवाकर आ रही है या फिर चुदवाने जा रही है।
मैंने पूंछा - नन्द रानी किसका लण्ड लिए घूम रही है तू ?
वह बोली - अरे भाभी ये मेरे जेठ का लण्ड है। अभी कुछ देर पहले ही आया है। इसे देख कर मेरा दिल आ गया तो मैंने इसका पैजामा खोल कर लण्ड पकड़ लिया। लण्ड मुझे एक ही नज़र में भा गया तो मैं इसे तेरी बुर में पेलने आ गयी।
वह मुझे देख कर बोली भाभी तेरी बुर चोदी नन्द की चूत। तूने मुझे नहीं बताया की तू यहाँ नंगी नंगी लौड़ा चूस रही है ? फिर उसने अपनी अम्मी को देखा तो बोली अम्मी तेरी बेटी की माँ की चूत ? तेरे मुंह में इतना बड़ा लण्ड वह भी काला काला आज मैं पहली बार देख रही हूँ। ये लण्ड तो तुझे अपनी बेटी बहू की चूत में घुसाना चाहिए था ? तू भोसड़ी की अपनी ही चूत में इसे घुसाने जा रही है। वह बोली नहीं बेटी ऐसा नहीं है। तेरी भाभी ससुरी ये लण्ड अपनी सास के भोसड़ा में पेलेगी। इसे मैं नहीं लाई हूँ। इसे तो तेरी भाभी जाने कहाँ से ले आयी है अपनी सास और नन्द की बुर चोदने ?
तब नन्द बोली हाय मेरी भाभी जान। अब तो मैं तेरी चूत में अपने जेठ का लण्ड पेलूँगी ? उसने लण्ड मुझे पकड़ा दिया और मेरे हाथ से हासिम का लण्ड ले लिया। तब तक थामस अंकल अपना लण्ड सास के भोसड़ा में घुसा चुका था। वह भकाभक चोदने लगा सास का भोसड़ा ? इधर नन्द के जेठ ने लौड़ा मेरी चूत में पेल दिया तो मैं धकाधक चुदवाने लगी। हासिम को एक नहीं चूत मिली तो वह मेरी नन्द के ऊपर चढ़ बैठा। उसने गचाक से पूरा लण्ड मेरी नन्द की बुर में घुसेड़ दिया और जल्दी जल्दी धक्के मार मार कर चोदने लगा। इस तरह हम तीनो की बुर चुद रही थी। यह सीन देख कर मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी की हम तीनो बिलकुल रंडियों की तरह से गैर मरदों से चुदवाने में कितनी खुश हैं। ये खूबसूरत बीवियां मादर चोद पराये मरदों से चुदवाकर ही खुश होतीं हैं।
थामस बार बार मेरी नन्द की चूत की तरफ देख रहा था। मेरी भी निगाह नन्द के जेठ के लण्ड की तरफ बार बार जा रही थी। थामस से रहा न गया। उसने लण्ड सास की चूत से निकाल कर उसकी बिटिया की बुर में घुसेड़ दिया। नन्द चिल्ला पड़ी उई माँ फट गयी मेरी चूत। बड़ा मोटा लण्ड है थामस का अम्मी। इतना बड़ा मेरी छोटी सी चूत के चीथड़े उड़ा देगा। उसकी अम्मी बोली नहीं बेटी अभी तक खुदा ने कोई ऐसा लौड़ा नहीं बनाया जो चूत के चीथड़े उड़ा दे ? चूत तो समंदर से भी ज्यादा गहरी होती है बुर चोदी। इधर नन्द के जेठ ने लण्ड सास की चूत में पेल दिया लण्ड। अभी तक वह बेटी की बुर चोद रहा था अब वह माँ का भोसड़ा चोदने लगा। तब तक हासिम ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी।
सास बोली - बहू, चुद गयी तेरी बुर चोदी नन्द की बुर ?
नन्द ने कहा - भाभी, चुद गया तेरी सास का मादर चोद भोसड़ा ?
मैंने कहा - सासू जी, चुद गयी तेरी बुर चोदी बहू की बुर ?
इस चुदाई के बाद तो अकसर हम तीनो मिलकर एक दूसरे की चूत में कई तरह के लण्ड पेल पेल कर चुदवाने लगीं।
जब वो दोनों एक एक करके आये तो मैंने उन्हें बैठाया और दोनों की आपस में मिलवाया। हासिम मेरी उम्र का था और अंकल मेरे बाप की उम्र का। लेकिन चोदा चोदी के खेल में उम्र नहीं देखी जाती बस यह देखा जाता है की लण्ड में कितनी ताकत है ? मैं अपनी आधे से अधिक चूँचियाँ खोले हुए उनसे बातें करने लगी। मैंने पूंछा हासिम तेरी शादी हो गयी है क्या ? वह बोला हां यार शादी तो हो गयी है। मैंने फिर पूंछा तो फिर तेरी बीवी कैसी है। उसे तेरा लौड़ा पसंद आया की नहीं ? वह बोला अरे यार हिबा उसे मेरे लौड़े से ज्यादा मेरे दोस्तों के लौड़े पसंद आ गए। मैंने कहा वाओ, उसे तेरे दोस्तों के लण्ड कहाँ से मिल गए इतनी जल्दी ? वह बोला मैं अपना हनीमून मानाने गोवा गया था। वहीँ कुछ लोग मिल गए। वो भी हनीमून मनाने आये थे। फिर बात चीत हुई तो सबने कहा यार क्यों न हम सब मिलकर हनीमून मनाये ? सबने अपनी अपनी बीवी से पूंछा। मैंने भी पूंछा तो वह फ़ौरन तैयार हो गयी। फिर क्या ४ दिन तक मैं दोस्तों की बीवियां चोदता रहा और दोस्त मेरी बीवी चोदते रहे। अब तो उसे गैर मर्दों से चुदवाने की आदत हो गयी है और मुझे परायी बीवी चोदने की। मैंने हंस कर कहा तो तुम आज मेरे मियां की बीवी चोदोगे ?
इतने में थामस अंकल ने कहा - हिबा आजकल की लड़कियां जब बीवियां बन जातीं हैं तो वो कई लोगों से चुदवाने लगती हैं। उन्हें कोई रोक नहीं सकता। मेरे कॉलेज की कई लड़कियां अपनी शादी के बाद मुझसे चुदवाने आतीं हैं। शादी शुदा लड़कियां ज्यादा मस्ती से चुदवाती हैं। लौड़ा पूरा मुंह में ले लेतीं हैं फिर लौड़ा पूरा अपनी बुर में भी घुसा लेतीं है. खूब गन्दी गन्दी बातें करती हुई गालियां बकती हुई मजे से चुदवाती हैं। मुझे तो उन्हें चोदने मे बड़ा मज़ा आता है। कई लड़कियां अपनी सहेलियों को ले आतीं है चुदवाने। कई लड़कियां अपनी माँ चुदवाने भी आ जातीं हैं लेकिन मैं किसी को निराश नहीं करता। अंकल की बातें सुन कर मैंने हाथ बढाकर उसका लण्ड पकड़ लिया। काला लण्ड मेरे हाथ में आते ही तन कर खड़ा हो गया। मैंने उसे हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी। तब तक हासिम भी नंगा हो चुका था। मैंने दूसरे हाथ से उसका लण्ड पकड़ लिया। वह मेरा जाना पहचाना लण्ड था।
इतने में मेरी सास आ गयीं। वह मुझे देखते ही बोली हाय दईया बहू तू तो मुझसे भी आगे जा रही है। तेरी माँ की चूत तू इतना बड़ा लण्ड कहाँ से ले आई ? हाय रे तेरे हाथ में इतना मोटा लण्ड देख कर मेरी चूत में आग लग गयी है बहू। मैंने कहा अरे सासू जी, ये लण्ड तेरे लिए ही है, तेरे भोसड़ा के लिए ही है। आज मैं इसी लण्ड से तेरा भोसड़ा चोदूँगी सासू जी ? मैंने कहा था न की मैं भी बड़ी हरामजादी हूँ। वह बोली तो फिर पेल दे न लण्ड अपनी सास के भोसड़ा में बहू। ऐसा कह कर उसने थामस का लण्ड मेरे हाथ से ले लिया और उसे प्यार से चूमने चाटने लगी। वह बोइली अरे बहू वो दूसरा लण्ड अपनी नन्द की बुर में घुसा दे ? वह भी बुर चोदी कहीं न कहीं चुदासी घूम रही होगी। मैंने कहा हां सासू जी मैं अपनी नन्द की बुर जरूर चोदूँगी। वह जहाँ भी कहीं होगी, अभी मेरे पास आ जाएगी। उसकी माँ का भोसड़ा वह जाएगी कहाँ ? मेरे मुंह से गालियां सुन सुन कर सास का हौसला और बढ़ रहा था। उसे लगा की मेरी बहू मेरी भी चूत का ख्याल रखती है और मेरी बिटिया की बुर का भी। बहू हो तो ऐसी ही हो ?
तब तक मैं भी नंगी हो चुकी थी और मेरी सास भी। मैं हासिम का लौड़ा चाट रही थी और वह थामस का लौड़ा। अचानक मेरी नन्द एकदम नंगी नंगी कमरे में आ गयी। उसकी बड़ी बड़ी मस्त चूँचियाँ देख कर मैं हैरान हो गयी। इतनी खूबसूरत चूँचियाँ बहुत काम लड़कियों की होतीं है। फिर मैंने देखा की उसके हाथ के एक लण्ड है। वह फनफनाता हुआ लण्ड देख कर मैं गनगना उठी। मैं समझ गयी की मेरी नन्द या तो चुदवाकर आ रही है या फिर चुदवाने जा रही है।
मैंने पूंछा - नन्द रानी किसका लण्ड लिए घूम रही है तू ?
वह बोली - अरे भाभी ये मेरे जेठ का लण्ड है। अभी कुछ देर पहले ही आया है। इसे देख कर मेरा दिल आ गया तो मैंने इसका पैजामा खोल कर लण्ड पकड़ लिया। लण्ड मुझे एक ही नज़र में भा गया तो मैं इसे तेरी बुर में पेलने आ गयी।
वह मुझे देख कर बोली भाभी तेरी बुर चोदी नन्द की चूत। तूने मुझे नहीं बताया की तू यहाँ नंगी नंगी लौड़ा चूस रही है ? फिर उसने अपनी अम्मी को देखा तो बोली अम्मी तेरी बेटी की माँ की चूत ? तेरे मुंह में इतना बड़ा लण्ड वह भी काला काला आज मैं पहली बार देख रही हूँ। ये लण्ड तो तुझे अपनी बेटी बहू की चूत में घुसाना चाहिए था ? तू भोसड़ी की अपनी ही चूत में इसे घुसाने जा रही है। वह बोली नहीं बेटी ऐसा नहीं है। तेरी भाभी ससुरी ये लण्ड अपनी सास के भोसड़ा में पेलेगी। इसे मैं नहीं लाई हूँ। इसे तो तेरी भाभी जाने कहाँ से ले आयी है अपनी सास और नन्द की बुर चोदने ?
तब नन्द बोली हाय मेरी भाभी जान। अब तो मैं तेरी चूत में अपने जेठ का लण्ड पेलूँगी ? उसने लण्ड मुझे पकड़ा दिया और मेरे हाथ से हासिम का लण्ड ले लिया। तब तक थामस अंकल अपना लण्ड सास के भोसड़ा में घुसा चुका था। वह भकाभक चोदने लगा सास का भोसड़ा ? इधर नन्द के जेठ ने लौड़ा मेरी चूत में पेल दिया तो मैं धकाधक चुदवाने लगी। हासिम को एक नहीं चूत मिली तो वह मेरी नन्द के ऊपर चढ़ बैठा। उसने गचाक से पूरा लण्ड मेरी नन्द की बुर में घुसेड़ दिया और जल्दी जल्दी धक्के मार मार कर चोदने लगा। इस तरह हम तीनो की बुर चुद रही थी। यह सीन देख कर मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी की हम तीनो बिलकुल रंडियों की तरह से गैर मरदों से चुदवाने में कितनी खुश हैं। ये खूबसूरत बीवियां मादर चोद पराये मरदों से चुदवाकर ही खुश होतीं हैं।
थामस बार बार मेरी नन्द की चूत की तरफ देख रहा था। मेरी भी निगाह नन्द के जेठ के लण्ड की तरफ बार बार जा रही थी। थामस से रहा न गया। उसने लण्ड सास की चूत से निकाल कर उसकी बिटिया की बुर में घुसेड़ दिया। नन्द चिल्ला पड़ी उई माँ फट गयी मेरी चूत। बड़ा मोटा लण्ड है थामस का अम्मी। इतना बड़ा मेरी छोटी सी चूत के चीथड़े उड़ा देगा। उसकी अम्मी बोली नहीं बेटी अभी तक खुदा ने कोई ऐसा लौड़ा नहीं बनाया जो चूत के चीथड़े उड़ा दे ? चूत तो समंदर से भी ज्यादा गहरी होती है बुर चोदी। इधर नन्द के जेठ ने लण्ड सास की चूत में पेल दिया लण्ड। अभी तक वह बेटी की बुर चोद रहा था अब वह माँ का भोसड़ा चोदने लगा। तब तक हासिम ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी।
सास बोली - बहू, चुद गयी तेरी बुर चोदी नन्द की बुर ?
नन्द ने कहा - भाभी, चुद गया तेरी सास का मादर चोद भोसड़ा ?
मैंने कहा - सासू जी, चुद गयी तेरी बुर चोदी बहू की बुर ?
इस चुदाई के बाद तो अकसर हम तीनो मिलकर एक दूसरे की चूत में कई तरह के लण्ड पेल पेल कर चुदवाने लगीं।
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