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बेटी बुर चुदवा रही, माँ मरवाती है गांड - Beti chut chudwa rahi Maa marvati hai gand
बेटी बुर चुदवा रही, माँ मरवाती है गांड - Beti chut chudwa rahi Maa marvati hai gand , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
आज मेरा शक यकीन में बदल गया अब्बू। आज मुझे मालूम हो गया है की तू सच में बहुत बड़ा हरामजादा है। तुमसे ज्यादा हरामजादा तेरा ये लण्ड है। इसके किस्से मैं बहुत सुन चुकी हूँ और देख भी चुकी हूँ। उस दिन तूने मेरी नन्द की बुर ले ली थी। और आज तूने मेरी जेठानी की बुर ले ली ? इसका मतलब जो भी यहाँ आएगी उसकी बुर तुम ले लोगे ? इतना तो हरामी आदमी शायद कोई नहीं होगा जितने तुम हो अब्बू ? तुमसे ज्यादा हरामी तेरा ये बहन चोद लण्ड है। साला बिना कुछ सोंचे समझे सबकी बुर में घुस जाता है। अभी कल मेरी सास आने वाली हैं तो तेरा लण्ड बेटी चोद उसके भी भोसड़ा में घुस जायेगा ? तुझे नहीं मालूम, इससे ससुराल में मेरी बड़ी बदनामी हो रही है, अब्बू ? इतने में मेरी नन्द बोलीं - नहीं भाभी जान ऐसा नहीं है। बदनामी तो बिलकुल नहीं हो रही है। बल्कि तेरी ससुराल में तेरे अब्बू की तारीफ हो रही है और अब्बू के लण्ड की तो उससे ज्यादा तारीफ हो रही है। मेरी बड़ी भाभी यानी तेरी जेठानी जब यहाँ से चुदवाकर कर गईं तो सबसे तेरे अब्बू के लण्ड की तारीफ की। वह कह रही थी की मेरे देवरानी के अब्बू के जैसा मोटा और लम्बा चौड़ा लण्ड मैंने आज तक नहीं देखा। उससे चुदवाकर मुझे तो बड़ा मज़ा आया। उसका मोटा तगड़ा लण्ड चूत में चारों तरफ से चिपक कर घुसता है और अंदर तक चोट करता है। मैं तो फिर जाऊंगी और उससे कई बार चुदवाकर आऊंगी ? मेरी अम्मी इसीलिए कल यहाँ आ रहीं हैं। वह तो बुर चोदी खुद अपना भोसड़ा चुदवाने आ रही है। और मुझे देखो मैं दो दिन पहले तेरे अब्बू से चुदवाकर गई थी और आज फिर चुदवाने आई हूँ। अरे भाभी जान तुम्हे मालूम नहीं है। जो भी तेरे अब्बू से एक बार चुदवा लेती है वह बार बार चुदवाने आती है । अगर कोई बेटी चुदवा लेती है तो फिर वह अपनी माँ चुदाने आने लगती है और अगर कोई माँ चुदवाने आती है तो वह फिर अपनी बेटी चुदवाने लगती है ? यह सब तेरे अब्बू का नहीं तेरे अब्बू के लण्ड का कमाल है भाभी जान ?
मेरा नाम सरारा बेगम है। मैं २५ साल की हूँ शादी शुदा हूँ। बेहद खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। खूबसूरत होने की वज़ह से मैं १५ साल की उम्र से ही लण्ड पकड़ने लगी थी क्योंकि कुनबे का हर लड़का, नाते रिश्ते दारों का हर एक लड़का गली मोहल्ले का हर एक लड़का मुझे अपना लण्ड पकड़ाना चाहता था। इसलिए मुझे लण्ड पकड़ने में कोई दिक्कत कभी नहीं हुई। मैं खुद लण्ड पकड़ने के लिए एक चल चलने लगी। मुझे जिसका लण्ड पकड़ना होता था उसके दोनों टांगों के बीच एक सेक्सी मुस्कान देती हुई हाथ मार देती थी। बस वह समझ जाता था की मैं उसका लण्ड पकड़ना चाहती हूँ। साथ ही साथ मैं अपनी चूँचियाँ भी मसलवाने लगी। इसका नतीजा यह हुआ की मेरी चूँचियाँ १६/१७ साल की उम्र में ही बड़ी बड़ी हो गयी। सब कहने लगीं की सरारा की चूँचियाँ तो उसकी खाला और फूफी की चूँचियाँ के बराबर हो गयीं हैं। मेरे चूतड़ भी बहन चोद बड़े बड़े हो गये और मेरी जाँघे भी मोटी मोटी ?
मैं १७/१८ की उम्र में आते आते चुदवाने लगी। मेरी अम्मी को यह नहीं मालूम हुआ की मैं इतनी दूर तक आ गयी हूँ। एक दिन मैं कॉलेज से जल्दी आ गयी। अम्मी को इसकी उम्मीद नहीं थी। इत्तिफाक से उस दिन अम्मी घर में अकेली थीं। मैं ताला खोल कर अंदर घुसी क्योंकि घर की एक चाभी मेरे पास रहती है। मैं अपने कमरे में गई और कपड़े बदल लिया। फिर मैं बाहर आयी तभी मुझे अम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ आयी। मुझे ऐसा मालूम हुआ की शायद कोई अम्मी के साथ है। बस मैं खिड़की से अंदर झाँकने लगी। मैंने देखा की अम्मी किसी लड़के का लण्ड हिला रहीं हैं। लण्ड बार बार चुम भी रहीं हैं। न अम्मी के बदन पर कोई कपड़ा है और न उस लड़के के बदन पर। मतलब यह की दोनों नंगे हैं। मैंने पहली बार अम्मी को नंगी देखा। उसकी चूँचियाँ सच में बहुत बड़ी बड़ी और सख्त थीं। उसके चूतड़ बड़े बड़े थे और गांड भी बड़ी मस्त थी। बाद में मुझे उसका भोसड़ा भी दिखाई पड़ा। मुझे लगा की अगर मैं लड़का होती तो अभी लौड़ा इसके भोसड़ा में पेल देती। फिर मैंने उस लड़के का लण्ड देखा। मेरी तो नियत उसके लण्ड पर ख़राब हो गयी। मेरे मुंह से लण्ड चूसने के लिए लार टपकने लगी। इतना मोटा तगड़ा लण्ड मुझे बहुत ही पसंद आया।
- इतने में वह बोला - ताहिरा (अम्मी का नाम) आंटी अब तो तेरी बेटी भी जवान हो गई है ?
- अम्मी ने कहा - हां जवान तो हो गयी है। वह भी बुर चोदी लण्ड पकड़ने लगी होगी ? हालांकि मुझे मालूम नहीं है।
- उसे भी मेरा लण्ड पकड़ा दो न आंटी।
- हां हां जरूर पकड़ा दूँगी। मुझे मालूम है की तुम मेरी बेटी की बुर लेना चाहते हो लेकिन तुम पहले उसकी माँ का भोसड़ा तो चोद लो। जब तक माँ का भोसड़ा नहीं चोदोगे तब तक तुम उसकी बुर नहीं चोद पाओगे। एक बार मुझे चोदो उसके बाद मैं खुद तेरा लण्ड उसकी चूत में घुसेड़ दूँगी।
- तो क्या वह ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लेगी मुझसे, आंटी जी ?
- चुदवायेगी क्यों नहीं भोसड़ी वाली ? उसकी माँ का चूत ? वह अब जवान है उसकी चूत में मेरी चूत से ज्यादा आग है। वह तो बुर चोदी दौड़ कर चुदवायेगी तुमसे ? मैं तो चाहती हूँ की वह मेरे सामने ही तुमसे चुदवाये ? वह अपनी माँ भी चुदवाये। मेरी एक सहेली की बेटी इसी उम्र की है। वह पिछले ६ महीने से अपनी माँ चुदा रही है। तो फिर मेरी बेटी क्यों नहीं चुदवा सकती अपनी माँ ?
- हां आंटी बात तो सही है। अब उसे समझाओ न ? मैंने जब से उसे देखा है तबसे मैं उसे लण्ड पकड़ाने के लिए बेताब हो रहा हूँ।
- अरे बेटा तू चिंता न कर ? मैं उसके हाथ में तेरा लण्ड रख दूँगी।
मैं १९ साल की हो चुकी थी। मुझे भी खुले आम अम्मी की तरह लण्ड चूसने की इच्छा हो गयी। मैंने एक दिन अपने बॉय फ्रेंड को घर बुलाया और मौक़ा पाकर चुपके से उसका लण्ड चाटने लगी। उस समय मैं भी नंगी थी और वह नंगा था। घर में मेरे अलावा और कोई यही था। अचानक मेरी अम्मी आ गयीं। उसने मुझे लण्ड चूसते हुए देख लिया पर मैं उसे नहीं देख पायी। उसके मुंह से अचानक निकला यार सरारा कहीं तेरी माँ ने देख लिया तो ? मैंने कहा तू अम्मी की परवाह न कर ? उसकी बहन का भोसड़ा ? वह तो खुद बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। मैंने उसे गैर मर्दों से चुदवाते हुए देखा है। वह मुझे देख भी लेगी तो क्या उखाड़ लेगी ? ज्यादा बोलेगी तो मैं यही लण्ड उसके भोसड़ा में घुसेड़ दूँगी। तब तक अम्मी बोली अरे वाह यही तो मैं चाहती हूँ सरारा ? मैंने यह सुनकर सकपका गयी। मैंने कहा अम्मी तुम कब आ गईं ? वह बोली तेरी माँ का भोसड़ा सरारा। तेरी बुर चोदी माँ की चूत ? अब तू ये लण्ड अपनी माँ की चूत में पेल दे बेटी।
ऐसा कह कर अम्मी ने मेरे हाथ से लण्ड छीन लिया और उसे हिलाने लगी। उसने कहा देखो सरारा बेटी जब जवान हो जाती है तो अम्मी की सहेली बन जाती है। और सहेलियों के आपस में कोई शर्म नहीं होती ? सहेलियां एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलतीं हैं। साथ साथ लण्ड पीतीं हैं। अब तू सच में यही लण्ड घुसा दे अपनी माँ की चूत में ? आज से चुदाना शुरू कर अपनी माँ का भोसड़ा बुर चोदी सरारा ? ऐसा कह कर उसने अपने भी कपड़े उतार दिया। वह भी एकदम नंगी हो गई क्योंकि वह मेरे बॉय फ्रेंड का लण्ड देख कर ललचा गयी थी और बिना चुदवाये रह नहीं सकती थी। उस दिन से मैं अपनी माँ चुदवाने लग
एक दिन मुझे पड़ोस की आंटी ने बताया की सरारा तुझे मालूम है की तेरे अब्बू का लण्ड कितना बड़ा है ? मैंने कहा नहीं आंटी मुझे तो बिलकुल नहीं मालूम ? मैंने तो कभी देखा ही नहीं उसका लण्ड । वह बोली बाप रे बाप उसके लण्ड के मुकाबले यहाँ पूरे मोहल्ले में, मेरे पूरे कुनबे में किसी का लण्ड नहीं है। इतने में उसकी बेटी आ गयी वह भी बोली हां यार सरारा तेरे अब्बू का लौड़ा तो बहन चोद सबसे ज्यादा मोटा और तगड़ा है। मैं तो सच में बड़ी दीवानी हूँ तेरे अब्बू के लण्ड की। मैं सोंचने लगी की मेरे घर में इतना बड़ा लण्ड और मुझे ही नहीं मालूम ? जबकि मैं भी लण्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन हूँ। ये बुर चोदी आंटी की बेटी मेरे अब्बू के लण्ड का मज़ा ले रही है और मैं मादर चोद चूतिया बनी बैठी हूँ। बस मैं अब्बू के लण्ड का दीदार करने की कोशिश करने लगी। बाथ रूम में झाँकने लगी, रात में उठ उठ कर इधर उधर देखने लगी और उसे कपड़े बदलते हुए देखने लगी पर अफ़सोस की मुझे कामयाबी नहीं मिली।
एक दिन मेरी खाला जान आ गईं। वह बोली सरारा सुना है की तू अपनी माँ चुदवाने लगी है ? मैं मुस्कराकर बोली हां चुदवाने तो लगी हूँ खाला जान ? उसने कहा तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। मुझे नहीं मालूम था की तू इतनी जल्दी माँ चुदाना सीख जाएगी। मेरी बेटी भी तेरी ही उम्र की है। वह भोसड़ी की अभी तक अपनी माँ चुदाना नहीं सीख पाई ? पता नहीं कब चुदवायेगी वो बहन चोद अपनी माँ का भोसड़ा ? मैंने कहा अरे खाला जान चिंता न करो मैं बस दो दिन में ही सिखा दूँगी तेरी बेटी को अपनी माँ चुदाना। बस यह बात आयी गयी हो गयी। दो दिन बाद मेरी खाला की देवरानी समीना बेगम अपने शौहर वसीम के साथ आ गयी। मैं उसे छोटी खाला कहती हूँ। वह बहुत ही हंसमुख हैं और खूब हंसी मजाक करती हैं। मेरे अब्बू को वह जीजा कहती हैं और उसके साथ खूब मजाक करतीं हैं। साली जीजा के रिश्ते का पूरा फायदा उठाती है।
रात को जब मैं १.०० बजे उठी तो देखा की समीना खाला के कमरे की धीमी धीमी लाइट जल रही है। बस मैं कमरे में झांकने लगी। मैंने देखा की छोटी खाला ऊपर से एकदम नंगी हैं और उसका एक हाथ किसी मरद के पैजामे में घुस है। वह अंदर ही अंदर किसी का लण्ड हिला रही है। उस आदमी का चेहरा ढका हुआ था और मैं उसे देख नहीं पाई। लेकिन मेरी चूत की आग भड़क उठी। खाला ने मुझे देख लिया और ऊँगली से मुझे चुप रहने का इशारा किया। साथ ही साथ उसने मुझे अंदर बुलाने का भी इशारा किया। मैं अंदर चली गई। जैसे ही मैं अंदर गयी वैसे ही खाला ने अंदर से एक बड़ा खड़ा लण्ड निकाल कर मुझे पकड़ा दिया। मैंने लण्ड बड़े प्यार से पकड़ लिया और उसे हौले हौले ऊपर नीचे करने लगी। खाला ने मुझे चुप रहने का फिर संकेत दिया और मैं चुप चाप लण्ड देखे जा रही थी। लण्ड साला बड़ा भी था और मोटा भी था। मेरा दिल लण्ड पर आ गया। मैं लण्ड की चुम्मी लेने लगी। मैंने देखा की लण्ड सांवला है और उसकी झांटें बिलकुल साफ़ हैं। मैं तो सच लण्ड पर फ़िदा हो गई। मेरे साथ खाला भी लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी।
मैंने बड़े प्यार से लण्ड का सुपाड़ा मुंह में भर लिया। मैं मन ही मन खालू के लण्ड की तारीफ कर रही थी। मुझे लगा की यह लण्ड खाला के शौहर का है। इतने में खाला ने मुझे नंगी कर दिया। मैं लण्ड का टोपा अपनी चूँचियों पर भी रगड़ने लगी। मुझे यह सब करते हुए बड़ा अच्छा लग रहा था। खाला जान भी लण्ड अपनी चूँचियों पर रगड़ रहीं थीं। फिर खाला ने अपना सलवार खोल दिया। उसकी चूत मेरे सामने आ गई। फिर खाला जान लण्ड पर बैठ गयीं। वह लण्ड पर धीरे धीरे कूदने लगीं। मेरी नज़र सिर्फ लण्ड पर थीं। मैं लण्ड के पेल्हड़ सहलाने भी लगी और चूमने भी लगी। अचानक उस आदमी ने मुझे देख लिया तो बोला अरे सरारा तुम यहाँ ? मैंने उसका चेहरा देखा तो अवाक रह गयी और बोली हाय अल्ला, अब्बू तुम ? मेरे हाथ से लण्ड झूट गया। मैं अपनी चूँचियाँ हाथों से छिपा कर एक कोने में दुबक गयी। तब खाला जान बोली अरे सरारा शर्माती क्यों हो ? अरे बेटी लण्ड तो लण्ड है। उस पर किसी का नाम थोड़े ही लिखा होता है ? और फिर रात में एक जवान लड़की किसी का भी लण्ड पकड़ सकती है। यह उसका हक़ है। तूने कोई गुनाह नहीं किया है। हर जवान लड़की रात में रंडी हो जाती है। वह किसी से भी चुदवा सकती हो। चोदने वाला कोई भी हो, बाप हो, भाई हो, चचा हो, जीजा हो, खालू हो, मामू हो या फिर कोई अनजान आदमी ? ऐसे में उसे चुदवाने से कोई रोक नहीं सकता ? एक बार लण्ड हाथ में आ गया तो वह चूत में जरूर घुसेगा बेटी सरारा। मुझे देखो मैं कहीं शर्माती हूँ ? न मैं शर्माती हूँ, ने मेरी जेठानी और न तेरी बुर चोदी माँ ?
खाला ने मेरा हाथ पकड़ा और बगल के कमरे में ले गयी। वहां मैंने देखा की मेरी अम्मी खालू का लण्ड अपने भोसड़ा में पेले हुए चुदवा रहीं हैं। वह बोल रहीं थी वसीम अभी तुम मेरी बुर चोद रहे हो। मेरा शौहर तेरी बीवी की बुर चोद रहा है। अब तुम मेरी बेटी को भी चोद कर जाना। वह जवान हो गयी है और लण्ड को पूरा मज़ा देती है। अम्मी की बातों ने मुझे और बेशर्म बना दिया। मैंने कहा खाला जान तेरी बुर चोदी जेठानी की चूत ? तेरी जेठानी की बहन का भोसड़ा ? तेरे जीजा की बहन का बुर ? अब मैं नही शर्माऊँगी। मैं जैसे ही वापस कमरे में वैसे ही खाला ने मुझे अब्बू का लण्ड पकड़ा दिया और वह भी लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगा। फिर मैंने बड़ी बेशर्मी से अब्बू के लण्ड का पूरा मज़ा लिया। मुझे अच्छी तरह मालूम हो गया की अब्बू का लण्ड कैसा है और लण्ड का साइज क्या है ? अब मैं अब्बू और अम्मी दोनों से खुल गयी और बड़ी बेशर्म भी हो गई। इसके साथ साथ मैं बहुत बोल्ड हो गयी और एकदम निडर होकर घूमने लगी।
फिर एक ऐसा समय आया जब की मेरी शादी हो गयी। शादी के बाद मैं अपनी ससुराल चली गयी। मेरी ससुराल इसी शहर में है इसलिए काफी जल्दी जल्दी आना जाना होने लगा। इसी बीच लोगों को मेरे अब्बू के लण्ड के बारे में मालूम होने लगा। एक दिन मेरी नन्द मेरे माईके आयी तो दूसरे ही दिन उसने मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ लिया और उससे चुदवा भी लिया। जाने के पहले उसने अब्बू से कई बार चुदवाया। एक दिन मेरी जेठानी आईं. उसने भी मेरे अब्बू के लण्ड का मज़ा लिया। अब मेरी ससुराल में मेरे अब्बू के लण्ड के चर्चे होने लगे। इसकी भनक मेरी सास को लगी तो उसने भी यहाँ आने का प्लान बना लिया। मैं जान गयी की मेरा अब्बू भोसड़ी का मेरी सास की बुर जरूर लेगा। बिना सास का भोसड़ा चोदे वह मानेगा नहीं। तभी मैंने उससे बात की और अपने मन की कह दी जो आपने ऊपर पढ़ा।
अगले दिन मेरी सास शबाना बेगम और उसकी बेटी यानी मेरी नन्द सना दोनों आ गयीं। यह तो आप जानते ही हैं की हम लोगों में बहुत नजदीकी रिश्तेदारी में शादियां हो जातीं हैं। इसलिए हमारे अपने ही घर में कई रिश्ते हो जातें हैं। अब एक रिश्ते से मेरा ससुर मेरी अम्मी का देवर लगता है। एक और रिश्ते से मेरी अम्मी मेरी नन्द लगतीं हैं। मेरी सास मेरी जेठानी लगतीं हैं और मेरी नन्द मेरी बेटी लगती है। नन्द की ससुराल की तरफ से देखें तो मेरी बुर चोदी नन्द मेरी भाभी लगती है। अब मैं, मेरी सास, मेरी नन्द और मेरी छोटी खाला जान बैठी हुई बातें कर रहीं हैं हंसी मजाक हो रही है और खूब मस्ती हो रही है। इत्तिफाक से उस समय मेरी अम्मी नहीं थीं। वह कहीं बाहर गयी हुई थीं।
- मैंने कहा सासू जी. आपको आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई ?
- वह बोली - नहीं बहू बिलकुल नहीं हुई। मैं तो एक रिश्ते से तेरी जेठानी भी हूँ।
- मैंने कहा - हां जेठानी जी, मैं आपका खैरमकदम करती हूँ।
- नन्द बोली - अरे भाभी जान, मेरी अम्मी जिस मकसद से आईं हैं वह कुछ और ही है ?
- सास - अच्छा, और तू किस मकसद से आयी है माँ की लौड़ी / मैं सब जानती हूँ।
- समीना खाला - मकसद कुछ भी हो मैं वादा करती हूँ की आप लोग जिस मकसद से आयीं हैं वह सब पूरा होगा।
- मैं - हां सासू जी मैं पूरा करूंगी आपका मकसद और नन्द का भी मकसद ?
- खाला जान - ठीक है पर अपना मकसद तो बताईये ?
- सास - मैं तेरे जीजा का लण्ड चोदने आयी हूँ और बहू के बाप का लण्ड चोदने आयी हूँ।
- नन्द - और मैं भाभी जान तेरी माँ का भोसड़ा चोदने आयी हूँ।
- खाला - अच्छा यह बात है तो फिर मैं भी तेरी बुर चोदूँगी सरारा की नन्द रानी ?
- नन्द - वाओ, तो फिर बताओ कितने लण्ड पेलोगी तुम मेरी चूत में।
- खाला - मैं जितने लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी उससे ज्यादा लण्ड तेरी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी।
थोड़ी मस्ती चढ़ी तो मेरी नन्द बोली - भाभी, तेरी बुर चोदी सास की बिटिया की बुर ?
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बुर चोदी बेटी की भाभी की बुर ?
तभी मेरी खाला भी बोल पड़ी - सरारा, तेरी बुर चोदी माँ की बहन का भोसड़ा ?
तो यहाँ आपने देखा दोस्तों, की सब गालियां जरूर दे रहीं है पर वो गालियां अपनी ही चूत को दे रहीं है। यही गालियों की खूबसूरती है। सारे मरद ये गालियां सुन सुन कर मज़ा भी ले रहे थे और उनके लण्ड भी साले सख्त होते जा रहे थे। सास बोली - बहू मैंने जैसा सुना था तेरे अब्बू के लण्ड के बारे में वह बिलकुल सही था। बल्कि मेरी उम्मीद से ज्यादा लण्ड लम्बा और मोटा है। देखो न कैसे तेरी सास का भोसड़ा फटा जा रहा है। और उधर तेरी नन्द की चूत के भी चीथड़े उड़ रहे हैं। मैं अभी तेरे अब्बू का लण्ड तेरी नन्द की चूत में पेलूँगी। तब तक नन्द बोली अरे भाभी जान, तू चिंता न कर मैं अभी शब्बीर का लण्ड तेरी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दूँगी।
इस तरह रात भर हम चारों लण्ड अदल बदल कर चुदवाती रहीं।
सास की बुर में लंड है, बहू की बुर में लांड
बेटी बुर चुदवा रही, सभी मराती गांड
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