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» पत्नी दुसरे मर्द से चुदवा रही थी ऊपर से आया पति - Pati ne patni ko chudai karwate pakda
पत्नी दुसरे मर्द से चुदवा रही थी ऊपर से आया पति - Pati ne patni ko chudai karwate pakda
पत्नी दुसरे मर्द से चुदवा रही थी ऊपर से आया पति - Pati ne patni ko chudai karwate pakda , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
एक दिन जब मैं क्लब में घुसी तो देखा की लोग हाथ में शराब का गिलास लिए शराब पी रहे हैं। उनके साथ में लड़कियां भी शराब पी रही हैं. लोग बहुत कम कपड़े पहने हुए हैं। लड़कियां तो आधे से अधिक नंगी ही हैं। कोई ऊपर से बिलकुल नंगी है तो कोई नीचे से बिलकुल नंगी है। चूँचियाँ तो लगभग सबकी दिख रहीं हैं. लोग भी छोटी छोटी और ढीली ढीली नेकर पहने हुए हैं। लड़कियां एक हाथ से शराब का गिलास थामे हुए हैं और दूसरे हाथ से लण्ड सहलाते हुए बातें कर रही हैं। इतना सेक्सी माहौल देख कर मैं भी उत्तेजित हो गयी। मेरे भी टॉप के बटन खुल गए। मेरी बड़ी बड़ी मस्त मस्त चूँचियाँ भी बाहर निकल आयीं। मैंने भी शराब का गिलास थाम लिया। मैंने एक सिप ही लिया होगा की मेरे बगल में एक हैंडसम लड़का आ गया। उसका खड़ा लण्ड मेरे बदन से टकरा गया तो मैंने उसे देखा और फिर मजे से पकड़ लिया उसका लण्ड। मुझे भी अच्छा लगने लगा और मैं लण्ड बड़े प्यार से हिलाने लगी। मैं थोड़ा आगे बढ़ी तो देखा की एक लड़का सोफा पर नंगी नंगी लेटी हुई एक लड़की की बुर ले रहा है। मुझे लगा की मैं इस लड़के को पहचानती हूँ।
तब तक लोग किसी न किसी की बीवी चोदने लगे थे। मैं ऋचा को ढूंढने के बहाने सबके लण्ड सबकी चूत और सबकी चूँचियाँ देख रही थी। मुझे आज बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि मुझे चारों तरफ चुदाई ही चुदाई नज़र आ रही थी। न कोई शर्मा रहा था और न कोई चुदवाने से डर रही थी। मैंने गौर से देखा की बीवियां तो आगे बढ़ बढ़ कर सबके लण्ड पकड़ पकड़ कर अपनी चूत में पेल रहीं हैं। तब मेरे मन में आया की इसका नाम "husband swapping" होना चाहिए न की "wife swapping" ? ख़ैर मुझे ढूंढते ढूंढते ऋचा मिल ही गई। मैंने देखा की वह एक कोने में दो लड़कों से भकाभक चुदवा रही है। एक लड़का उसकी बुर चोद रहा है और दूसरा उसके मुंह में अपना लण्ड पेले हुए है। ऋचा मस्ती से दोनों लण्ड का मज़ा लूट रही है। मैं यह देख कर दंग रह गई की जो बीवी घर में बिलकुल सीधी सादी बनी रहती है , बाहर निकलती नहीं है। अधिक तर घूंघट में रहती है और शर्माती बहुत है आज वह यहाँ पर बड़ी बेशर्मी से धकाधक सबके सामने खुल्लम खुल्ला दो दो लड़के से धकाधक चुदवा रही है।
वह बोल भी रही थी - हाय मेरे राजा मुझे खूब कस कस के चोदो, पूरा लौड़ा घुसा के चोदो, फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर, चीथड़े उड़ा दो मेरी चूत के, बड़ा मज़ा आ रहा है यार, तेरा लौड़ा बड़ा जबरदस्त है बहन चोद, मेरी गांड भी मार लो, मेरी चूँचियाँ भी चोद डालो, मेरी माँ चोद लो, मेरी बहन की बुर में लौड़ा घुसेड़ दो, हाय दईया बहुत दिनों के बाद आज मुझे चुदाने का असली मज़ा आ रहा है, मुझे अपनी बीवी समझ के चोदो, मैं बुर चोदी भोसड़ी वाली तेरी रंडी हूँ, तेरी रखैल हूँ, मैं सबसे चुदवाती हूँ, सबके लण्ड पीती हूँ, सबके पेल्हड़ चाटती हूँ, मुझे चोदो, मेरी चूँचियाँ चोदो, मेरी बुर चोदो, मेरी चूत चोदो, चूत को चोद चोद के बना दो भोसड़ा, दोनों लण्ड एक साथ पेल दो मेरी चूत में ? मैं उसकी बातों से बड़ी प्रभावित हुई। इतनी मस्ती से चुदवाने वाली बीवियां बहुत कम होतीं हैं। मैंने उससे यह सीख ली की जब पराये मरद से चुदवाओ तो फिर बिंदास होकर चुदवाओ ? बाकी दुनिया की माँ की चूत ?
मजे की बात यह थी की मैं भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी नंगी घूम रही थी। मैं क्या वहां सभी बीवियां नंगीं थीं और सभी मियां भी नंगे । किसी के भी बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। वहां का यह नियम है की इस हाल में लोग नंगे नंगे ही प्रवेश कर सकतें हैं। इतने में मेरी नज़र एक लड़के के लण्ड पर पड़ी। लण्ड देख कर मेरी आँखें चौधियां गयीं। मेरे बदन में करंट लग गया। मैं यह सोंचने लगी की यह लण्ड किसी आदमी का है की किसी घोड़े का ? इतना लम्बा, इतना मोटा लण्ड आज मैं पहली बार यहाँ देख रही थी। वह भी मेरे पास आया और मेरी चूँचियाँ दीं। वह बोला निशा भाभी तुम्हारी मस्त मस्त तनी हुई बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर मेरा लण्ड काबू से बाहर हो गया है। इतनी खूबसूरत और मस्तानी चूँचियाँ यहाँ किसी की नहीं हैं। उसकी बातें ने चूत में भयानक और मैंने हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ लिया। वह मेरी चूँचियाँ चाटने लगा और निपल्स मुंह में भर कर चूसने लगा। मैंने भी झुक कर उसका लण्ड कई बार चूमा।
उसने मुझे चिपका लिया और बोला निशा भाभी आज तुम मुझे बड़ी हॉट लग रही हो। मैंने पूंछा क्या तुम मुझे जानते हो ? तूने मुझे कहीं देखा है। वह बोला हां भाभी मैं तुम्हे जानता हूँ। तुम्हे पहले देखा भी है लेकिन कपड़ों में। तब भी तुम मुझे बहुत अच्छी लग रहीं थीं और आज तो मैं तुम्हे बिना कपड़ों के देख रहा हूँ. मैं तुम्हे तहे दिल से प्यार करने लगा हूँ, निशा भाभी। मैं तो अभी किसी और की बीवी चोद रहा था। तुम्हे देखा तो मैं उसे छोड़ कर तुम्हारे पास आ गया भाभी। मैंने कहा अरे यार उसे चुदासी छोड़ कर आ गए तुम ? उसने कहा अरे भाभी कोई बात नहीं। मैं आ गया तो क्या ? कोई और लौड़ा पेल देगा अपना उसकी चूत में।
यहाँ तो सबकी बीवियां पराये मरदों से चुदवाने ही आयीं हैं। और मरद बहन चोद परायी बीवियां चोदने आएं हैं। यहाँ तो कोई भी अपना लण्ड किसी की भी बीवी की बुर में घुसा सकता है। कोई मना नहीं करती। बीविया भी किसी का भी लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लेतीं हैं। कोई भी चोदने से मना नहीं करता। यहाँ सबके लिए बीवियां अपरिचित हैं और बीवियों के लिए मरद अपरिचित हैं। यहाँ तो अनजान मरद अनजान बीवियां चोदने आतें हैं और अनजान बीवियां अनजान मरदों से चुदवाने आतीं हैं। यही तो खूबसूरती है इस क्लब की, भाभी।
मैंने कहा यार तुमने अभी तक अपना नाम तो बताया नहीं ? वह बोला मैं शेखर हूँ भाभी जी। बस मैं उसे लेकर लेट गई। मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दिया। वह मेरी चूत चाटने लगा और मैं लण्ड चाटने लगी। मेरे बगल में एक और बीवी किसी और का लण्ड चाट रही थी। मुझे उसे देख देख कर जोश आ रहा था। मेरे हाथ का लण्ड उसके हाथ के लण्ड से बेहतर था। मैंने बार बार लण्ड का सुपाड़ा मुंह में घुसेड़ घुसेड़ कर बार निकाल रही थी। सुपाड़ा से लेकर पेल्हड़ तक और पेल्हड़ से लेकर सुपाड़ा तक लण्ड चाट रही थी। शेखर का लण्ड सच में मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था। अच्छी बात यह थी की न मेरी चूत में कोई झांट थी और न उसके लण्ड में कोई झांट। चिकना लण्ड और चिकनी चूत का ताल मेल बड़ा अच्छा लग रहा था हम दोनों को ? हम दोनों 69 की पोजीशन पर थे और जवानी के पूरा मज़ा ले रहे थे। मुझे इतने बड़े लण्ड का चूसना चाटना और उसे अपनी चूँचियों पर रगड़ना बड़ा अच्छा लग रहा था।
फिर उसने मुझे सोफा - कम - बेड पर लिटा दिया। मेरी गांड के नीचे एक कुशन रख दिया तो मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ गयी। वह नीचे खड़ा हो गया और मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लिया। उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और एक जोर का धक्का मारा तो लण्ड गच्च से अंदर घुस गया। मेरी चीख जरूर निकली पर फिर मज़ा आने लगा। वह स्पीड बढ़ाता गया और मैं भी अपनी गांड उठाती गयी। वह मेरी चूत का मज़ा लेने लगा और मैं उसके लण्ड का मज़ा ? मेरी चूँचियाँ चुदाई के धक्कों के साथ नाचने लगीं जिन्हे शेखर बड़े गौर से देख रहा था। मेरे दाहिनी तरफ भी एक बीवी चुद रही थी और बायीं तरफ भी एक बीवी चुद रही थी। यह सामूहिक चुदाई वास्तव में बड़ी मजेदार निकली। मैंने सोंच लिया की अब मैं यहाँ अक्सर चुदवाने आया करूंगी। चुदाई का इससे बढ़िया मौक़ा और क्या मिलेगा ?
शेखर का लण्ड मेरी चूत में चिपक कर घुस रहा था, आ जा रहा था। वहीँ मेरी चूत भी उसके लण्ड को चारों तरफ से जकड़े हुए थी। मैं मस्ती से बोलने लगी - शेखर तेरा लौड़ा साला बड़ा ताकतवर है यार ? मेरी चूत की गांड फटी जा रही है। मेरी चूत का हलवा बना रहा है तेरा बहन चोद लण्ड ? फिर भी मुझे और हचक हचक के चोदो, फाड़ डालो मेरीबुर चोदी बुर, जैसे तुम अपनी बीवी चोदते हो वैसे ही चोदो मुझे । आज तो मैं तेरी बीवी हूँ, तेरी रंडी हूँ, तेरी प्रेमिका हूँ. तेरी रखैल हूँ. मेरी बुर ले लो, मेरी गांड में लो, मेरी चोंचियाँ चोद डालो, मेरे मुंह में घुसेड़ दो लौड़ा यार कुछ भी करो मगर मुझसे अपना लौड़ा मत छीनो। मैं तेरे लण्ड से प्यार करती हूँ। मैं इसे दिलोजान से मोहब्बत करती हूँ। चोदो मुझे और चोदो, खुल्लम खुल्ला चोदो, सबके सामने चोदो, सड़क पे चोदो मुझे, अपनी बीवी के सामने चोदो मुझे। मैं मादर चोद बहुत चुदासी हूँ।
जोश इतना बढ़ा की मेरी चूत भोसड़ी की ढीली हो गयी। उधर शेखर का लण्ड भी पिचकारी छोड़ने वाला ही था। मैं घूम गयी और अपना मुंह फैलाकर लण्ड हाथ में ले लिया। बस इतने में ही लण्ड ने पिच्च से ३/४ पिचकारी मेरे मुंह में दाल दिन और मैं मजे से लण्ड पीने लगी। फिर सुपाड़ा भी चाटने लगी। चुदवाने के बाद मैं आगे बढ़ी तो मेरी नज़र नेहा पर पड़ी। नेहा शेखर की बीवी है. मैंने देखा की वह दो दो लड़कों से एक साथ चुदवा रही है। एक ने लौड़ा चूत में घुसेड़ दिया है और दूसरे ने मुँह में।
मैंने कहा :- वाओ, नेहा तू यहाँ दो दो लड़कों से चुदवा रही है। तेरा भोसड़ी का मियां कहाँ है ?
वह बोली :- निशा भाभी जो तुम्हे अभी चोद रहा था वही मेरा मियां है।
मैंने कहा :- O' MY GOD मैं तेरे मियां से चुदवा रही थी ? यानी जो मुझे चोद रहा था वह तेरा मियां है, नेहा ? तेरे मियां के जैसा लण्ड तो यहाँ किसी का नहीं है फिर भी तू ग़ैर मर्दों से चुदवा रही है ?
वह बोली :- अपने मियां का लण्ड चाहे जितना बड़ा हो ? चाहे उसका लण्ड घोड़े के लण्ड की तरह हो पर मज़ा तो गैर मर्दों के लण्ड से चुदवाने में ही आता है, निशा भाभी। मेरी न मानो तो यहाँ आयी हुई सभी बीवियों से पूंछ लो। ये सब बुर चोदी गैर मर्दों के लण्ड से चुदवाने ही आयीं हैं।
मैं बाथ रूम गयी और वहां से फ्रेश होकर लौटी तो पूरे हाल का चक्कर लगाने लगी। थोड़ी देर में मेरी चूत फिर से कुलबुलाने लगी। मुझे २/३ लण्ड और पसंद आ गये और मैं अपने आपको रोक नहीं सकी। मैंने हाथ बढाकर एक लौड़ा पकड़ लिया। एक हाथ से उसके पेल्हड़ थाम कर दूसरे हाथ से लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। तब तक किसी ने मेरे कंधे पर एक लण्ड रख दिया। मैंने कनखियों से देखा तो मुझे उसका सुपाड़ा ही दिखाई दिया। सुपाड़ा बिलकुल गोल था लाल लाल टमाटर जैसा ? मैं मन ही मन खुश हुई और अपनी जबान घुमा कर उसका सुपाड़ा छूने लगी। उसने भी लण्ड आगे बढ़ा दिया तो मैं दो दो लण्ड एक साथ चाटने लगी। वह बोला निशा भाभी मैं बड़ी देर से आपको चुदवाते हुए देख रहा था और इंतज़ार कर रहा था की कब वह झड़े और चोदना बंद हो तो मैं निशा भाभी की बुर में अपना लौड़ा पेल दूँ। मैं तो तुम्हारी चूँचियों के बीच भी लौड़ा पेलूँगा भाभी। मुझे तुम्हारी बड़ी बड़ी चूँचियाँ चोदने में बड़ा मज़ा आएगा। मैंने पूंछा तो तुम्हारी बीवी कौन चोद रहा है ? वह बोला
भाभी वो सामने देखो मेरी बीवी की बुर एक अंकल अपना लण्ड घुसेड़े हुए ले रहा है। मेरी बीवी को बड़ी उम्र
वाले मर्दों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। मैंने कहा अच्छा तुम अपना नाम तो बताओ। वह बोलै मैं गोलू हूँ भाभी। लोग मुझे गोलू के नाम से ही जातें हैं। पहले वाला बोलै मैं वीरू भी भाभी। मुझे दोनों लण्ड पसंद आ गये और मैं उन्हें बारी बारी से चाटने चूसने लगी। डपंप के पेल्हड़ भी चाटने लगी, वो दोनों मेरी चूँचियाँ मसलने लगे। मेरी गांड पर हाथ फिराने लगे और मेरे गाल चूमने लगे। मेरे होंठ भी चूमने लगे। मैं इससे और मस्त होने लगी। मैं इतने सारे नंगे नंगे लण्ड देख रही थी और इतनी सारी नंगी नंगी बीवियां देख रही थी इससे मैं बार बार उत्तेजित होने लगी। मैं फिर चित लेट गयी और गोलू का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। उधर वीरू ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और मैं भकाभक चुदवाने लगी। एक लण्ड चूत में हो और दूसरा लण्ड मुंह में हो तो मज़ा अपने आप में दुगुना हो जाता है। मेरी तरह और भी बीवियां दो दो लण्ड से खेल रहीं थीं। मैं तो एक तरफ बीवियों की सामूहिक चुदाई की लाइव ब्लू फिल्म देख रही थी और दूसरी तरफ इसी ब्लू फिल्म की हीरोइन भी बनी हुई थी। मैं इसका पूरा मज़ा लेना चाहती थी और ले भी रही थी। मुझे वीरू से चुदवाने में अच्छा लग रहा था वहीं गोलू का लण्ड पीने में। यार कुछ भी हो यह बात सच हैं की पराये मरद के लण्ड में मज़ा ही मज़ा है। वीरू थोड़ी देर तक मुझे चोदने के बाद अपना लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और गोलू उधर से आकर मेरी बुर चोदने लगा। उसका लौड़ा भी मोटा था और वह चिपक कर मेरी चूत में घुस रहा था।
वह बोला - भाभी मुझे आज तेरी बुर चोदने में सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा है। मैं अभी तक ३ बुर चोद चुका हूँ। आपकी बुर मेरी चौथी बुर है। इतनी टाइट बुर तो किसी और बीवी की नहीं थी।
अचानक एक और लड़का अपना खड़ा किये हुए मेरे सामने आ गया और बोला निशा भाभी मेरा भी लण्ड पी लो न प्लीज ? उसने इतने प्यार से कहा की मैं मना नहीं कर सकी। मैं उसका भी लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। तब मैं ब्लू फिल्म की एक मंजी हुई हीरोइन की तरह तीनो लण्ड से एक साथ चुदवाने लगी।
एक दिन जब मैं क्लब में घुसी तो देखा की लोग हाथ में शराब का गिलास लिए शराब पी रहे हैं। उनके साथ में लड़कियां भी शराब पी रही हैं. लोग बहुत कम कपड़े पहने हुए हैं। लड़कियां तो आधे से अधिक नंगी ही हैं। कोई ऊपर से बिलकुल नंगी है तो कोई नीचे से बिलकुल नंगी है। चूँचियाँ तो लगभग सबकी दिख रहीं हैं. लोग भी छोटी छोटी और ढीली ढीली नेकर पहने हुए हैं। लड़कियां एक हाथ से शराब का गिलास थामे हुए हैं और दूसरे हाथ से लण्ड सहलाते हुए बातें कर रही हैं। इतना सेक्सी माहौल देख कर मैं भी उत्तेजित हो गयी। मेरे भी टॉप के बटन खुल गए। मेरी बड़ी बड़ी मस्त मस्त चूँचियाँ भी बाहर निकल आयीं। मैंने भी शराब का गिलास थाम लिया। मैंने एक सिप ही लिया होगा की मेरे बगल में एक हैंडसम लड़का आ गया। उसका खड़ा लण्ड मेरे बदन से टकरा गया तो मैंने उसे देखा और फिर मजे से पकड़ लिया उसका लण्ड। मुझे भी अच्छा लगने लगा और मैं लण्ड बड़े प्यार से हिलाने लगी। मैं थोड़ा आगे बढ़ी तो देखा की एक लड़का सोफा पर नंगी नंगी लेटी हुई एक लड़की की बुर ले रहा है। मुझे लगा की मैं इस लड़के को पहचानती हूँ।
- मैंने याद किया तो बोल पड़ी अरे संजय तुम ? तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?
- वह बोला अरे आप निशा भाभी ? आप यहाँ क्या कर रही हैं ?
- मैंने कहा मैं तो यहाँ अक्सर आती हूँ। पर मैं आज तुमको पहली बार यहाँ देख रही हूँ।
- जी हां भाभी जी, मैं आज पहली बार ही आया हूँ।
- तो तुम पहली बार में ही यहाँ किसी को चोदने लगे ?
- मुझे बताया गया भाभी की यहाँ तो लोग चोदने ही आतें हैं।
- तो तुम किसकी बीवी चोद रहे हो संजय ?
- मैं रोहित की बीवी चोद रहा हूँ।
- तो फिर रोहित कहाँ हैं ?
- मैं किसी रोहित को नहीं जानता भाभी ? मुझे बताया गया की यह रोहित की बीवी है। बस मैं इसे चोदने लगा। क्योंकि यहाँ तो लोग दूसरों की बीवियां चोदने ही आतें हैं।
- तो फिर तेरी बीवी कहाँ है ?
- मेरी बीवी कोई और चोद रहा है ?
- कौन चोद रहा है तेरी बीवी, संजय ?
- मुझे कुछ नहीं मालूम भाभी की मेरी बीवी कौन चोद रहा है पर हां कोई न कोई तो उसे चोद ही रहा है।
तब तक लोग किसी न किसी की बीवी चोदने लगे थे। मैं ऋचा को ढूंढने के बहाने सबके लण्ड सबकी चूत और सबकी चूँचियाँ देख रही थी। मुझे आज बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि मुझे चारों तरफ चुदाई ही चुदाई नज़र आ रही थी। न कोई शर्मा रहा था और न कोई चुदवाने से डर रही थी। मैंने गौर से देखा की बीवियां तो आगे बढ़ बढ़ कर सबके लण्ड पकड़ पकड़ कर अपनी चूत में पेल रहीं हैं। तब मेरे मन में आया की इसका नाम "husband swapping" होना चाहिए न की "wife swapping" ? ख़ैर मुझे ढूंढते ढूंढते ऋचा मिल ही गई। मैंने देखा की वह एक कोने में दो लड़कों से भकाभक चुदवा रही है। एक लड़का उसकी बुर चोद रहा है और दूसरा उसके मुंह में अपना लण्ड पेले हुए है। ऋचा मस्ती से दोनों लण्ड का मज़ा लूट रही है। मैं यह देख कर दंग रह गई की जो बीवी घर में बिलकुल सीधी सादी बनी रहती है , बाहर निकलती नहीं है। अधिक तर घूंघट में रहती है और शर्माती बहुत है आज वह यहाँ पर बड़ी बेशर्मी से धकाधक सबके सामने खुल्लम खुल्ला दो दो लड़के से धकाधक चुदवा रही है।
वह बोल भी रही थी - हाय मेरे राजा मुझे खूब कस कस के चोदो, पूरा लौड़ा घुसा के चोदो, फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर, चीथड़े उड़ा दो मेरी चूत के, बड़ा मज़ा आ रहा है यार, तेरा लौड़ा बड़ा जबरदस्त है बहन चोद, मेरी गांड भी मार लो, मेरी चूँचियाँ भी चोद डालो, मेरी माँ चोद लो, मेरी बहन की बुर में लौड़ा घुसेड़ दो, हाय दईया बहुत दिनों के बाद आज मुझे चुदाने का असली मज़ा आ रहा है, मुझे अपनी बीवी समझ के चोदो, मैं बुर चोदी भोसड़ी वाली तेरी रंडी हूँ, तेरी रखैल हूँ, मैं सबसे चुदवाती हूँ, सबके लण्ड पीती हूँ, सबके पेल्हड़ चाटती हूँ, मुझे चोदो, मेरी चूँचियाँ चोदो, मेरी बुर चोदो, मेरी चूत चोदो, चूत को चोद चोद के बना दो भोसड़ा, दोनों लण्ड एक साथ पेल दो मेरी चूत में ? मैं उसकी बातों से बड़ी प्रभावित हुई। इतनी मस्ती से चुदवाने वाली बीवियां बहुत कम होतीं हैं। मैंने उससे यह सीख ली की जब पराये मरद से चुदवाओ तो फिर बिंदास होकर चुदवाओ ? बाकी दुनिया की माँ की चूत ?
मजे की बात यह थी की मैं भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी नंगी घूम रही थी। मैं क्या वहां सभी बीवियां नंगीं थीं और सभी मियां भी नंगे । किसी के भी बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। वहां का यह नियम है की इस हाल में लोग नंगे नंगे ही प्रवेश कर सकतें हैं। इतने में मेरी नज़र एक लड़के के लण्ड पर पड़ी। लण्ड देख कर मेरी आँखें चौधियां गयीं। मेरे बदन में करंट लग गया। मैं यह सोंचने लगी की यह लण्ड किसी आदमी का है की किसी घोड़े का ? इतना लम्बा, इतना मोटा लण्ड आज मैं पहली बार यहाँ देख रही थी। वह भी मेरे पास आया और मेरी चूँचियाँ दीं। वह बोला निशा भाभी तुम्हारी मस्त मस्त तनी हुई बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर मेरा लण्ड काबू से बाहर हो गया है। इतनी खूबसूरत और मस्तानी चूँचियाँ यहाँ किसी की नहीं हैं। उसकी बातें ने चूत में भयानक और मैंने हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ लिया। वह मेरी चूँचियाँ चाटने लगा और निपल्स मुंह में भर कर चूसने लगा। मैंने भी झुक कर उसका लण्ड कई बार चूमा।
उसने मुझे चिपका लिया और बोला निशा भाभी आज तुम मुझे बड़ी हॉट लग रही हो। मैंने पूंछा क्या तुम मुझे जानते हो ? तूने मुझे कहीं देखा है। वह बोला हां भाभी मैं तुम्हे जानता हूँ। तुम्हे पहले देखा भी है लेकिन कपड़ों में। तब भी तुम मुझे बहुत अच्छी लग रहीं थीं और आज तो मैं तुम्हे बिना कपड़ों के देख रहा हूँ. मैं तुम्हे तहे दिल से प्यार करने लगा हूँ, निशा भाभी। मैं तो अभी किसी और की बीवी चोद रहा था। तुम्हे देखा तो मैं उसे छोड़ कर तुम्हारे पास आ गया भाभी। मैंने कहा अरे यार उसे चुदासी छोड़ कर आ गए तुम ? उसने कहा अरे भाभी कोई बात नहीं। मैं आ गया तो क्या ? कोई और लौड़ा पेल देगा अपना उसकी चूत में।
यहाँ तो सबकी बीवियां पराये मरदों से चुदवाने ही आयीं हैं। और मरद बहन चोद परायी बीवियां चोदने आएं हैं। यहाँ तो कोई भी अपना लण्ड किसी की भी बीवी की बुर में घुसा सकता है। कोई मना नहीं करती। बीविया भी किसी का भी लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लेतीं हैं। कोई भी चोदने से मना नहीं करता। यहाँ सबके लिए बीवियां अपरिचित हैं और बीवियों के लिए मरद अपरिचित हैं। यहाँ तो अनजान मरद अनजान बीवियां चोदने आतें हैं और अनजान बीवियां अनजान मरदों से चुदवाने आतीं हैं। यही तो खूबसूरती है इस क्लब की, भाभी।
मैंने कहा यार तुमने अभी तक अपना नाम तो बताया नहीं ? वह बोला मैं शेखर हूँ भाभी जी। बस मैं उसे लेकर लेट गई। मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दिया। वह मेरी चूत चाटने लगा और मैं लण्ड चाटने लगी। मेरे बगल में एक और बीवी किसी और का लण्ड चाट रही थी। मुझे उसे देख देख कर जोश आ रहा था। मेरे हाथ का लण्ड उसके हाथ के लण्ड से बेहतर था। मैंने बार बार लण्ड का सुपाड़ा मुंह में घुसेड़ घुसेड़ कर बार निकाल रही थी। सुपाड़ा से लेकर पेल्हड़ तक और पेल्हड़ से लेकर सुपाड़ा तक लण्ड चाट रही थी। शेखर का लण्ड सच में मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था। अच्छी बात यह थी की न मेरी चूत में कोई झांट थी और न उसके लण्ड में कोई झांट। चिकना लण्ड और चिकनी चूत का ताल मेल बड़ा अच्छा लग रहा था हम दोनों को ? हम दोनों 69 की पोजीशन पर थे और जवानी के पूरा मज़ा ले रहे थे। मुझे इतने बड़े लण्ड का चूसना चाटना और उसे अपनी चूँचियों पर रगड़ना बड़ा अच्छा लग रहा था।
फिर उसने मुझे सोफा - कम - बेड पर लिटा दिया। मेरी गांड के नीचे एक कुशन रख दिया तो मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ गयी। वह नीचे खड़ा हो गया और मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लिया। उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और एक जोर का धक्का मारा तो लण्ड गच्च से अंदर घुस गया। मेरी चीख जरूर निकली पर फिर मज़ा आने लगा। वह स्पीड बढ़ाता गया और मैं भी अपनी गांड उठाती गयी। वह मेरी चूत का मज़ा लेने लगा और मैं उसके लण्ड का मज़ा ? मेरी चूँचियाँ चुदाई के धक्कों के साथ नाचने लगीं जिन्हे शेखर बड़े गौर से देख रहा था। मेरे दाहिनी तरफ भी एक बीवी चुद रही थी और बायीं तरफ भी एक बीवी चुद रही थी। यह सामूहिक चुदाई वास्तव में बड़ी मजेदार निकली। मैंने सोंच लिया की अब मैं यहाँ अक्सर चुदवाने आया करूंगी। चुदाई का इससे बढ़िया मौक़ा और क्या मिलेगा ?
शेखर का लण्ड मेरी चूत में चिपक कर घुस रहा था, आ जा रहा था। वहीँ मेरी चूत भी उसके लण्ड को चारों तरफ से जकड़े हुए थी। मैं मस्ती से बोलने लगी - शेखर तेरा लौड़ा साला बड़ा ताकतवर है यार ? मेरी चूत की गांड फटी जा रही है। मेरी चूत का हलवा बना रहा है तेरा बहन चोद लण्ड ? फिर भी मुझे और हचक हचक के चोदो, फाड़ डालो मेरीबुर चोदी बुर, जैसे तुम अपनी बीवी चोदते हो वैसे ही चोदो मुझे । आज तो मैं तेरी बीवी हूँ, तेरी रंडी हूँ, तेरी प्रेमिका हूँ. तेरी रखैल हूँ. मेरी बुर ले लो, मेरी गांड में लो, मेरी चोंचियाँ चोद डालो, मेरे मुंह में घुसेड़ दो लौड़ा यार कुछ भी करो मगर मुझसे अपना लौड़ा मत छीनो। मैं तेरे लण्ड से प्यार करती हूँ। मैं इसे दिलोजान से मोहब्बत करती हूँ। चोदो मुझे और चोदो, खुल्लम खुल्ला चोदो, सबके सामने चोदो, सड़क पे चोदो मुझे, अपनी बीवी के सामने चोदो मुझे। मैं मादर चोद बहुत चुदासी हूँ।
जोश इतना बढ़ा की मेरी चूत भोसड़ी की ढीली हो गयी। उधर शेखर का लण्ड भी पिचकारी छोड़ने वाला ही था। मैं घूम गयी और अपना मुंह फैलाकर लण्ड हाथ में ले लिया। बस इतने में ही लण्ड ने पिच्च से ३/४ पिचकारी मेरे मुंह में दाल दिन और मैं मजे से लण्ड पीने लगी। फिर सुपाड़ा भी चाटने लगी। चुदवाने के बाद मैं आगे बढ़ी तो मेरी नज़र नेहा पर पड़ी। नेहा शेखर की बीवी है. मैंने देखा की वह दो दो लड़कों से एक साथ चुदवा रही है। एक ने लौड़ा चूत में घुसेड़ दिया है और दूसरे ने मुँह में।
मैंने कहा :- वाओ, नेहा तू यहाँ दो दो लड़कों से चुदवा रही है। तेरा भोसड़ी का मियां कहाँ है ?
वह बोली :- निशा भाभी जो तुम्हे अभी चोद रहा था वही मेरा मियां है।
मैंने कहा :- O' MY GOD मैं तेरे मियां से चुदवा रही थी ? यानी जो मुझे चोद रहा था वह तेरा मियां है, नेहा ? तेरे मियां के जैसा लण्ड तो यहाँ किसी का नहीं है फिर भी तू ग़ैर मर्दों से चुदवा रही है ?
वह बोली :- अपने मियां का लण्ड चाहे जितना बड़ा हो ? चाहे उसका लण्ड घोड़े के लण्ड की तरह हो पर मज़ा तो गैर मर्दों के लण्ड से चुदवाने में ही आता है, निशा भाभी। मेरी न मानो तो यहाँ आयी हुई सभी बीवियों से पूंछ लो। ये सब बुर चोदी गैर मर्दों के लण्ड से चुदवाने ही आयीं हैं।
मैं बाथ रूम गयी और वहां से फ्रेश होकर लौटी तो पूरे हाल का चक्कर लगाने लगी। थोड़ी देर में मेरी चूत फिर से कुलबुलाने लगी। मुझे २/३ लण्ड और पसंद आ गये और मैं अपने आपको रोक नहीं सकी। मैंने हाथ बढाकर एक लौड़ा पकड़ लिया। एक हाथ से उसके पेल्हड़ थाम कर दूसरे हाथ से लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। तब तक किसी ने मेरे कंधे पर एक लण्ड रख दिया। मैंने कनखियों से देखा तो मुझे उसका सुपाड़ा ही दिखाई दिया। सुपाड़ा बिलकुल गोल था लाल लाल टमाटर जैसा ? मैं मन ही मन खुश हुई और अपनी जबान घुमा कर उसका सुपाड़ा छूने लगी। उसने भी लण्ड आगे बढ़ा दिया तो मैं दो दो लण्ड एक साथ चाटने लगी। वह बोला निशा भाभी मैं बड़ी देर से आपको चुदवाते हुए देख रहा था और इंतज़ार कर रहा था की कब वह झड़े और चोदना बंद हो तो मैं निशा भाभी की बुर में अपना लौड़ा पेल दूँ। मैं तो तुम्हारी चूँचियों के बीच भी लौड़ा पेलूँगा भाभी। मुझे तुम्हारी बड़ी बड़ी चूँचियाँ चोदने में बड़ा मज़ा आएगा। मैंने पूंछा तो तुम्हारी बीवी कौन चोद रहा है ? वह बोला
वाले मर्दों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। मैंने कहा अच्छा तुम अपना नाम तो बताओ। वह बोलै मैं गोलू हूँ भाभी। लोग मुझे गोलू के नाम से ही जातें हैं। पहले वाला बोलै मैं वीरू भी भाभी। मुझे दोनों लण्ड पसंद आ गये और मैं उन्हें बारी बारी से चाटने चूसने लगी। डपंप के पेल्हड़ भी चाटने लगी, वो दोनों मेरी चूँचियाँ मसलने लगे। मेरी गांड पर हाथ फिराने लगे और मेरे गाल चूमने लगे। मेरे होंठ भी चूमने लगे। मैं इससे और मस्त होने लगी। मैं इतने सारे नंगे नंगे लण्ड देख रही थी और इतनी सारी नंगी नंगी बीवियां देख रही थी इससे मैं बार बार उत्तेजित होने लगी। मैं फिर चित लेट गयी और गोलू का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। उधर वीरू ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और मैं भकाभक चुदवाने लगी। एक लण्ड चूत में हो और दूसरा लण्ड मुंह में हो तो मज़ा अपने आप में दुगुना हो जाता है। मेरी तरह और भी बीवियां दो दो लण्ड से खेल रहीं थीं। मैं तो एक तरफ बीवियों की सामूहिक चुदाई की लाइव ब्लू फिल्म देख रही थी और दूसरी तरफ इसी ब्लू फिल्म की हीरोइन भी बनी हुई थी। मैं इसका पूरा मज़ा लेना चाहती थी और ले भी रही थी। मुझे वीरू से चुदवाने में अच्छा लग रहा था वहीं गोलू का लण्ड पीने में। यार कुछ भी हो यह बात सच हैं की पराये मरद के लण्ड में मज़ा ही मज़ा है। वीरू थोड़ी देर तक मुझे चोदने के बाद अपना लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और गोलू उधर से आकर मेरी बुर चोदने लगा। उसका लौड़ा भी मोटा था और वह चिपक कर मेरी चूत में घुस रहा था।
वह बोला - भाभी मुझे आज तेरी बुर चोदने में सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा है। मैं अभी तक ३ बुर चोद चुका हूँ। आपकी बुर मेरी चौथी बुर है। इतनी टाइट बुर तो किसी और बीवी की नहीं थी।
अचानक एक और लड़का अपना खड़ा किये हुए मेरे सामने आ गया और बोला निशा भाभी मेरा भी लण्ड पी लो न प्लीज ? उसने इतने प्यार से कहा की मैं मना नहीं कर सकी। मैं उसका भी लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। तब मैं ब्लू फिल्म की एक मंजी हुई हीरोइन की तरह तीनो लण्ड से एक साथ चुदवाने लगी।
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