Home
» Desi Chut Gand Chudai Ki Kahaniyan देसी चूत गांड चुदाई की कहानियां Hindi Short Stories For Adults
» मेरा पति दुसरे मर्दों के लण्ड चूसता है - Mera pati dusre mardon ke lund chusta hai
मेरा पति दुसरे मर्दों के लण्ड चूसता है - Mera pati dusre mardon ke lund chusta hai
मेरा पति दुसरे मर्दों के लण्ड चूसता है - Mera pati dusre mardon ke lund chusta hai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं जब ससुराल से आयी तो मेरी भाभी ने पूंछा रेशमा कैसी रही तेरी सुहागरात ? मज़ा आया न तुझे ? कितने लोग थे तेरी सुहागरात में ? सब मुझे खुल कर बता। छुपाना बिलकुल नहीं मुझसे नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैंने कहा - अरे भाभी तुम क्या चोदोगी मेरी माँ ? मेरी माँ तो मेरी सुहागरात में ही चुद गयी है ? मेरे नसीब में बहन चोद क्या यही लिखा था ? मैं तो कभी सोंच भी नहीं सकती थी की मेरे नसीब में इस तरह का शौहर लिखा है। इससे अच्छा होता की मैं बिन ब्याही रह जाती ?
- मेरी बात अम्मी ने सुन ली तो वह बोली - अरी रेशमा खुल कर बता न ? क्या हुआ तेरी ससुराल में ? मैंने तो सब कुछ देख कर शादी की है तेरी बेटी ?
- मैंने कहा - क्या ख़ाक देख कर शादी की है तूने मेरी अम्मी जान ?
- अम्मी ने कहा - अच्छा पहेलियाँ न बुझा अब साफ साफ़ बता दे, बात क्या है ?
- मैंने कहा - लण्ड चूसता है मेरा शौहर ,अम्मी जान। अब तुम ही बताओ लण्ड चूसना कोई मर्दों का काम है क्या ? लण्ड चूसना तो हम लड़कियों का काम है ? बीवियों का काम है। वह साला लड़कियों का काम करता है तो फिर मैं क्या करूंगी ?
- अम्मी बोली - हाय दईया यह बात तो मुझे मालूम नहीं थी। पर एक बात बता रेशमा। उसका लण्ड कैसा है ? उसके लण्ड का साइज क्या है ?
- मैंने कहा - मैंने तो देखा नहीं उसका लण्ड ? हां मालूम जरूर हुआ है की उसके लण्ड का साइज 8" x 5.5" है। सख्त भी है पर उससे क्या फायदा जब वह मेरे काम न आये ?
- तो फिर तेरी सुहागरात में तुम्हे किसने चोदा, बेटी रेशमा ?
- मुझे मेरे नंदोई ने चोदा ? मेरी नन्द ने ही मेरे शौहर के बारे में और उसके लण्ड के बारे में बताया। तब मुझे मालूम हुआ ?
- अम्मी ने कहा - अच्छा बेटी तू चिंता न कर मैं कोई न कोई हल निकालती हूँ।
फिर हम दोनों हंसने लगी और उसने मुझे गले लगा लिया।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। आज ही ससुराल से वापस आयी हूँ तो मैंने अपना दुखड़ा अपनी भाभी को सुनाया और फिर अपनी अम्मी को भी की मेरा शौहर लण्ड चूसता है। भला कौन ऐसी बीवी होगी जो अपने मरद को किसी और मरद का लण्ड चूसते हुए देखे ? उस भोसड़ी वाले को मेरी चूत, मेरी चूँचियाँ चूसना चाहिए लेकिन वह मादर चोद लण्ड चूसता है। मुझे तो लगता है की मेरा शौहर गांडू है, बहन चोद ? अभी तो मालूम हुआ है की वह लड़कों के लण्ड पीता है। कहीं ऐसा न हो की वह लड़कों से अपनी गांड भी मराता हो ? अगर ऐसा हुआ तो मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी। मैं यही सब सोंच सोंच कर पागल हुई जा रही थी। तभी अम्मी ने कहा बेटी रेशमा मैं तेरी ससुराल जा रही हूँ घर का ख्याल रखना। अम्मी चली गयीं और मैं अपनी भाभी के साथ घर में ही रह गयी। अब आगे की कहानी आप मेरी अम्मी से सुनिए :-
आप मेरा नाम जान ही चुके हैं। मेरा नाम है सायरा बेगम। मुझे मालूम हुआ है की मेरी बीटा का शौहर लण्ड चूसता है। लड़का होकर लड़कियों का काम करता है। मुझे यकीन नहीं हो रहा था इसलिए मैं बेटी के ससुराल चली आयी। मैं बेटी रेशमा की सास ससुर से मिली, उसकी नन्द रिदा से मिली और नंदोई हलीम से मिली। थोड़ी देर में मेरी बेटी का शौहर तारिक़ भी आ गया मैं उससे भी मिली। देखने में यह बिलकुल नहीं लग रहा था की मेरा दामाद लण्ड पीता है। मैं सबसे बातें करने लगी और फिर शाम को शॉपिंग के लिए बाहर भी गयी। शाम को घर में फिर महफ़िल जम गयी। रात को जब मैं बिस्तर पर जाने लगी तो रेशमा की नन्द को बुला आकर पूंछा बेटी रिदा क्या तेरा भाई लड़कों के लण्ड पीता है। वह बोली हां आंटी पीता है यह बात उसने मुझे खुद बताई तभी मैंने रेशमा भाभी को बता दिया था।
मैंने कहा - तो फिर तेरी भाई जान के सुहागरात में उसकी बीवी किसने चोदी ?
वह बोली - मेरे शौहर ने मेरी रेशमा भाभी को चोदा नहीं तो वह बिचारी बिना चुदे ही रह जाती क्योंकि मेरा भाई जान तो किसी का लण्ड पीने बाहर चल गया था।
मैंने पूंछा - तो फिर तुमको किसने चोदा रिदा ?
वह बोली - मुझे मेरे देवर ने चोदा और रात भर चोदा।
मैंने पूंछा - तेरे देवर का लण्ड बड़ा है की तेरे शौहर का लण्ड ?
वह बोली - दोनों लण्ड लगभग बराबर ही हैं, आंटी।
मैंने पूंछा - तेरे शौहर ने कभी तेरी माँ चोदी है, रिदा ?
वह बोली - हां आंटी चोदी है. उसने मेरे सामने ही चोदी है मेरी माँ ? सच तो यह है की मेरी अम्मी ने ही उसका लण्ड पकड़ लिया था। मैं वहीँ बैठी थी। मैंने उसे लण्ड पकड़ते हुए देखा।
मैंने पूंछा - तेरी अम्मी और किस किस से चुदवाती है ?
वह बोली - मेरी अम्मी किसी से भी चुदवा लेती है। उसे ग़ैर मरदों से चुदवाने का बड़ा शौक है।
मैंने कहा - अच्छा, तू अपने भाई जान को भेज दे मेरा पास ?
वह बोली - मेरा भाई जान अभी अपने दोस्त के घर में है। मैं उसे बुला लेती हूँ।
मैंने कहा - तुम उसे उसके दोस्त के साथ ही बुला लो और दोनों को मेरे कमरे में भेज दो।
रात को करीब ११ बजे मेरा दामाद तारिक़ अपनी दोस्त अजमल के साथ आ गया और मैं उससे बातें करने लगी। फिर मैंने कहा बेटा आज रात को तू यहीं मेरे कमरे में अपने दोस्त के साथ सो जा ? वह बोला नहीं सासू जी मैं दोस्त के साथ कैसे सो जाऊं ? मैंने कहा अरे तुम्हे तो रात में उसका लण्ड पीना है। लण्ड पीकर सो जाना। तब तक मैं देख लूंगी की तू लड़कों के लण्ड कैसे पीता है ?
वह बोला - ये आप क्या कह रहीं हैं, सासू जी ? आपको किसने बता दिया की मैं लड़कों के लण्ड पीता हूँ ? मैं तो किसी का लण्ड नहीं पीता ? मैं एक मरद हूँ। हट्टा कट्टा मरद हूँ। मैं क्यों किसी का लण्ड पियूँगा ? लण्ड पीना तो लड़कियों का काम है सासू जी मरदों का नहीं ? मैं उसकी बात सुनकर खुश तो हुई पर मुझे कुछ और भी मालूम करना था।
मैंने पूंछा - तो फिर तूने अपनी सुहागरात में अपनी बीवी क्यों नहीं चोदी ? अपनी किसी और से क्यों चुदवाई अपनी बीवी, बेटा तारिक़ ?
मेरी बात सुनकर वह बड़ी जोर से हंसने लगा और बोला सासू जी इसके दो कारण हैं। पहला यह की मेरे बहनोई का दिल मेरी बीवी पर आ गया था। वह बोला यार तारिक़ मैं तेरी बीवी तेरी सुहागरात में ही चोदना चाहता हूँ। तू अपनी सुहागरात में अपनी बीवी मुझसे चुदवा ले, बाद में तो तू उसे चोदा ही करेगा ? तो मैंने उसकी बात मान ली और उससे अपनी बीवी चुदवा ली। दूसरा कारण यह हैं की उसी दिन मेरे दोस्त की भी सुहागरात थी। उसने दूसरी शादी की थी। उसने मुझसे कहा था की यार तारिक़ मेरी सुहागरात में तू मेरी बीवी चोदेगा क्योंकि मैं उसे ठीक से चोद नहीं पाऊंगा। मैं जल्दी झड़ जाता हूँ और मेरी बीवी चुदासी रह जाती है। मैं अपनी पहली ही बीवी ठीक से नहीं चोद पाता ? मैं दूसरी शादी अपने दोस्तों के लिए ही कर रहा हूँ। मेरे दोस्त मेरे सामने मेरी बीवी चोदेंगें तो मुझे बड़ा अच्छा लगेगा ? मैं अपनी पहली बीवी भी अपने दोस्तों से चुदवाने लगा हूँ। मैंने उसकी बात मान ली और तब मैंने अपनी बहन से बहाना बनाकर कहा की तुम अपनी नयी भाभी के कह देना की मेरा भाई जान तो लड़कों के लण्ड पीता है। इसलिए उसने कह दिया। अब एक और बात सासू जी। मैं जिस दोस्त की बात कर रहा हूँ वह मेरा यही दोस्त है जो आपके सामने खड़ा है, अजमल ?
मुझे पूरी कहानी मालूम हो गयी लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी था। इन सब बातों से मेरी नियत तारिक़ और उसके दोस्त पर ख़राब हो गयी। मेरी चूत कुलबुलाने लगी और कहने लगी की यार सायरा यही मौक़ा है जब तू इन दोनों से झमाझम चुदवा ले। ले ले दोनों लण्ड का एक साथ मज़ा ? इसलिए मैं यह चाह रही थी की आज की रात ये दोनों मेरे ही कमरे में सोयें।
मैंने कहा - तारिक़ बेटा कुछ भी ही आज की रात तुम लोग यहीं मेरे कमरे में ही सो जाओ।
वह मान गया। गर्मी के दिन थे। ज्यादा कपड़े बदन पर बर्दास्त नहीं हो रहे थे। मैंने भी एक पैजामा पहन लिया और ऊपर से एक कुर्ती। ब्रा मैंने पहनी ही नहीं। तारिक़ ने अपने कपड़े उतारे और एक नेकर में ही लेट गया। उसका नंगा बदन मुझे अपनी तरफ खींचने लगा। यही हाल अजमल का भी था। वह भी मस्त जवान लड़का था।मैं दोनों के लण्ड के सपने देखने लगी। मुझसे रहा न गया। मैंने फिर बातें शुरू कर दीं।
मैंने कहा - तारिक़ बेटा तुमने अभी तक अपनी बीवी तो चोदी नहीं ?
वह बोला - हां सासू जी, अभी तक तो नहीं चोदी ? लेकिन उसे कभी भी चोद लूंगा।
मैंने कहा - अगर तूने अपनी बीवी नहीं चोदी है तो आज मौका है अपनी बीवी की माँ चोद लो न बेटा तारिक़।
ऐसा कह कर मैंने उसके लण्ड पर हाथ रख दिया। मैं यह देखना चाहती हूँ बेटा की तेरे लण्ड में कहीं कोई कमी तो नहीं है ? मैं आज तेरे दोस्त अजमल का लण्ड देखूँगी। मैंने फिर अजमल के लण्ड पर भी हाथ रख दिया। वह बोला - सासू जी, रेशमा बुरा तो नहीं मानेगी।
मैंने कहा - रेशमा की माँ का भोसड़ा ? रेशमा की माँ की चूत ? वह बुर चोदी क्या कहेगी ? वह जब अपनी सुहागरात में ही ग़ैर मरद से चुदवा चुकी है तो अब किस मुंह से वह कुछ कहेगी ? वह तो मान चुकी है की तुम अब उसे नहीं चोदोगे क्योंकि तुम्हे गांड मारने की और गांड मराने की आदत है और बुर चोदने में कोई इंटरेस्ट नहीं है। वह बोला - पर हमने तो कभी ऐसा नहीं कहा है सासू जी ?
मैंने कहा - हां तुमने खुल कर यह बात नहीं कही पर जब तुम लण्ड चूसते हो तो गांडू होंगे ही, ऐसा तेरी बीवी मान कर बैठी है। अब मैं यह देखना चाहती हूँ की तुम्हे बुर चोदने में कितना इंटरेस्ट है ? मेरी बुर चोद कर दिखाओ, बेटा ? मेरी बातों से उसका लण्ड पहले से खड़ा था। मैंने फिर उसकी नेकर खींच कर फेंक दी वह एकदम नंगा हो गया. उसका लण्ड मैंने हाथ में ले लिया।
मैंने कहा - हाय अल्ला, कितना मोटा और लम्बा चौड़ा है तेरा लौड़ा ? रेशमा भोसड़ी की बिना मतलब ही परेशान है ? ये लण्ड तो उसकी माँ का भोसड़ा फाड़ डालेगा। फिर मैंने अजमल को भी नंगा कर दिया और उसका भी लण्ड हिलाने लगी।
मैंने कहा - अजमल तुम अपने दोस्त तारिक़ की बीवी चोदोगे ?
वह बोला - हां आंटी जरूर चोदूंगा। मैं अपनी बीवी इसीलिए अपने दोस्तों से चुदवाता हूँ की मैं उनकी बीवियां चोद सकूं।
मैंने कहा - तारिक़ की बीवी बाद में चोदना अजमल पहले तारिक़ की बीवी की माँ चोदो।
मैं ऐसा कह कर अपने सारे कपड़े उतार कर उसके आगे नंगी नंगी खड़ी हो गयी। वह मेरी चूँचियाँ मसलने लगा और तारिक़ मेरी चूत सहलाने लगा। फिर मैंने तारिक़ का लौड़ा अपनी चूत में पेला और चुदवाने लगी। अजमल का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर में अजमल ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ा और मुझे चोदने लगा मैं तारिक़ का लण्ड चूसने लगी। अजमल बड़ी देर तक चोदता रहा। वह रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। मैंने कहा बीटा अजमल तुम तो जल्दी झड़ जाते हो पर तुम तो चोदे चले जा रहे हो। मैं बहन चोद खलास हो गयी और तुम अभी धक्के पे धक्के लगा रहे हो ? क्या बात है ? वह बोला आंटी जी मैं जल्दी झड़ता नहीं हूँ। ये सब दूसरों की बीवियां चोदने का और अपनी बीवी चुदवाने के बहाने हैं। दोनों लड़के मुझे बड़ी देर तक चोदते रहे और मैंने फिर दोनों का सड़का मारा तब लण्ड ने वीर्य उगला। मैंने इन दोनों लड़कों से रात भर चुदवाया। मैं दूसरे दिन इन दोनों को लेकर अपने घर आ गयी।
रेशमा अपने मियां को देख कर बोली - अम्मी जान, इसे क्यों ले कर आयी हो। ये क्या यहाँ अपनी गांड मराने आया है ?
मैंने कहा - पहले तू मुझे यह बता रेशमा की कल रात तूने किससे चुदवाया ?
वह बोली - कल रात मैंने रहमान अंकल से चुदवाया। फिर उसने मेरी भाभी की भी बुर चोदी।
मैंने कहा - उसका लौड़ा तो तेरे मियां के लौड़े से छोटा भी है और पतला भी ? बेटी तेरे मियां का लण्ड बहुत बड़ा है और मोटा भी ?
वह बोली - पर उससे मुझे क्या अम्मी जान। लौड़ा चाहे जितना लम्बा मोटा हो जब वह मेरी चूत में नहीं घुसेगा तो फिर वह मेरे किस काम का ? माँ चुदाये अपनी ऐसा लौड़ा बहन चोद ? मैंने कहा - जानती हो बेटी रेशमा ? तेरी माँ का भोसड़ा चोद कर आया है तेरे मियां का लण्ड ? भोसड़ा साला खलास हो गया पर उसका लौड़ा नहीं ? बाद में मुझे उसका सड़का मारना पड़ा बेटी।
वह बोली - क्या कह रही हो अम्मी जान ? इतना ताकतवर है मेरे मियां का लण्ड ? तो फिर वह दूसरों के लण्ड पीता क्यों है अम्मी ?
मैंने कहा - वह लण्ड नहीं पीता बेटी रेशमा ? लण्ड पिलाता है दूसरों की बीवियों को ? उस दिन वह अपने दोस्त अजमल की बीवी चोदने गया था। तेरी नन्द ने तुझसे झूंठ बोला था। आज वही दोस्त तेरे मियां की बीवी चोदने आया है बेटी रेशमा ?
वह बोली - हाय दईया मैं जाने क्या क्या सोंचें बैठी थी ?
मैंने कहा - रेशमा आज तो वह सबके सामने तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदेगा ? उसका दोस्त भी उसकी बीवी की बुर लेगा। यानी तेरी बुर लेगा। फिर ये लोग तेरी भाभी की बुर चोदेंगें। बाद में दोनों मिलकर फिर तेरी माँ का भोसड़ा चोदेंगें, बेटी। आज रात भर यही होगा तब तुझे मालूम होगा की तेरे मियां का लण्ड बुर चोदने में कितना बेरहम और ज़ालिम है। है ? उसका लण्ड फाड़ डालेगा तुम सबकी बुर ? कई बीवियों की तो गांड फट जाती है बेटी तेरे मियां का खड़ा लण्ड देख कर ?
अब आगे की कहानी फिर मेरी बेटी से सुनिए :- अम्मी की बातें सुनकर मैं बहुत खुश हुई और अल्ला से दुआ करने लग की यह सब सही हो ? मैं बड़ी बेक़रारी से रात होने का इंतज़ार करने लगी। तभी अचानक मेरी भाभी का खालू आ गया। उसका नाम है सफीक। भाभी ने ख़ुशी ज़ाहिर की. उसकी उम्र भी लगभग ३५ साल की होगी। ख़ैर किसी तरह शाम हुई और हम लोगों की महफ़िल जम गयी। महफ़िल में मैं थीं रेशमा, मेरी अम्मी सायरा, मेरी भाभी रिया उधर मर्दों में मेरा मियां तारिक़, उसका दोस्त अजमल और भाभी का खालू सफीक। अम्मी ने कहा बेटी रेशमा आज तुम अपनी सुहागरात मनाओ और देखो की मैंने जो कहा है वह सही है की नहीं ? मैंने कहा मैं यहीं सबके सामने अपनी सुहागरात मनाऊंगी और सबके साथ मनाऊंगी। ऐसा कह कर मैंने अपने मियां के लण्ड पर हाथ रख दिया। मुझे एहसास हुआ की लण्ड अंदर से खड़ा है। उसकी नज़र मेरी भाभी पर भी थी। उधर अजमल मेरी भाभी की चूँचियाँ ही देखे जा रहा था।
मैंने भाभी को इशारा तो वह अजमल की तरफ बढ़ी और अपनी बाहें उसके गले में डाल दीं। अम्मी जान ने भी मौके के फायदा उठाना चाहा और भाभी के खालू सफीक के पैजामे का नाड़ा मुस्कराते हुए खोलने लगी। तब तक मैं आगे बढ़ चुकी थी। मैं अपने मियां के कपड़े उतारने लगी और देखते ही देखते हुए सब सामने नंगा कर दया। उसका फनफनाता हुआ लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने कहा अम्मी जान तुम ठीक कह रहीं थीं। लण्ड तो बहन चोद बड़ा शानदार है और जबतदस्त भी ? आज तेरी बिटिया की बुर की ख़ैर नहीं अम्मी जान ? अम्मी ने कहा तेरे मियां का लण्ड शानदार होने के साथ साथ दमदार भी है बेटी रेशमा ? तेरी माँ का भोसड़ा चोदा है इसने ? अब ये तेरी माँ की बिटिया की बुर सबके सामने लेगा और मनाएगा अपनी सुहागरात ? तब तक अम्मी ने भी सफीक का लौड़ा खोल लिया। वह बोली अरी रिया बहू तेरे खालू का लण्ड तो बड़ा मोटा है बहन चोद ? इसने तेरी माँ का भोसड़ा चोदा की नहीं ?
भाभी ने जबाब दिया - अरे सासू जी, इसने तो मेरी माँ का भोसड़ा कई बार चोदा है। इसे लड़कियां चोदने का बड़ा शौक है। इसका लौड़ा सबको पसंद है। बस अम्मी उसका लण्ड चूसने लगीं। उधर भाभी ने अजमल का लौड़ा मुंह में डाल लिया। फिर हम तीनो सास, बहू नन्द नंगी हो गयीं। अम्मी ने सफीक का लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लिया, भाभी अजमल से चुदवाने लगीं और मैं अपने शौहर तारिक़ से चुदवाने लगी।
अम्मी ने पूंछा - रेशमा कैसा काग रहा है तुझी अपने मियां से चुदवाने में ?
मैंने कहा - बहुत अच्छा लग रहा है अम्मी जान। आपने बिलकुल सही कहा था। इतना मोटा और इतना लम्बा लण्ड मैंने आजतक पकड़ा ही नहीं था। आज मुझे फक्र हो रहा है की मैं किसी मर्द की बीवी हूँ। ऐसा मरद जो मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डाले ?
अम्मी इसी बात पर हंसने लगीं। हम तीनो बड़ी रफ़्तार से चुदवाने लगीं। अपनी गांड से जोर लगा लगा कर चुदवाने लगीं। थोड़ी देर तक मुझे चोदने के बाद मेरे मियां ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मेरी भाभी की चूत में घुसेड़ दिया। वह बोला अब मैं अपनी बीवी की भाभी की बुर लूंगा। भाभी की उत्तेजित होकर चुदवाने लगीं। इतने में अजमल ने अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मैं इस तरह अपने मियां के दोस्त से चुदवाने लगी। अम्मी जान तो सफीक से ही बड़ी देर तक चुदवाने में जुटीं थीं। मैंने सोंचा की आज मैं अपने मियां के सामने उसके दोस्त से चुदवा रही हूँ कल को मैं उसके सामने किसी और मरद से भी चुदवा सकती हूँ। मेरा मियां भी शायद यही सोंच रहा था की आज मैं अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोद रहा हूँ तो कल उसके सामने दूसरों की बीवियां भी चोदा करूंगा।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। आज ही ससुराल से वापस आयी हूँ तो मैंने अपना दुखड़ा अपनी भाभी को सुनाया और फिर अपनी अम्मी को भी की मेरा शौहर लण्ड चूसता है। भला कौन ऐसी बीवी होगी जो अपने मरद को किसी और मरद का लण्ड चूसते हुए देखे ? उस भोसड़ी वाले को मेरी चूत, मेरी चूँचियाँ चूसना चाहिए लेकिन वह मादर चोद लण्ड चूसता है। मुझे तो लगता है की मेरा शौहर गांडू है, बहन चोद ? अभी तो मालूम हुआ है की वह लड़कों के लण्ड पीता है। कहीं ऐसा न हो की वह लड़कों से अपनी गांड भी मराता हो ? अगर ऐसा हुआ तो मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी। मैं यही सब सोंच सोंच कर पागल हुई जा रही थी। तभी अम्मी ने कहा बेटी रेशमा मैं तेरी ससुराल जा रही हूँ घर का ख्याल रखना। अम्मी चली गयीं और मैं अपनी भाभी के साथ घर में ही रह गयी। अब आगे की कहानी आप मेरी अम्मी से सुनिए :-
आप मेरा नाम जान ही चुके हैं। मेरा नाम है सायरा बेगम। मुझे मालूम हुआ है की मेरी बीटा का शौहर लण्ड चूसता है। लड़का होकर लड़कियों का काम करता है। मुझे यकीन नहीं हो रहा था इसलिए मैं बेटी के ससुराल चली आयी। मैं बेटी रेशमा की सास ससुर से मिली, उसकी नन्द रिदा से मिली और नंदोई हलीम से मिली। थोड़ी देर में मेरी बेटी का शौहर तारिक़ भी आ गया मैं उससे भी मिली। देखने में यह बिलकुल नहीं लग रहा था की मेरा दामाद लण्ड पीता है। मैं सबसे बातें करने लगी और फिर शाम को शॉपिंग के लिए बाहर भी गयी। शाम को घर में फिर महफ़िल जम गयी। रात को जब मैं बिस्तर पर जाने लगी तो रेशमा की नन्द को बुला आकर पूंछा बेटी रिदा क्या तेरा भाई लड़कों के लण्ड पीता है। वह बोली हां आंटी पीता है यह बात उसने मुझे खुद बताई तभी मैंने रेशमा भाभी को बता दिया था।
मैंने कहा - तो फिर तेरी भाई जान के सुहागरात में उसकी बीवी किसने चोदी ?
वह बोली - मेरे शौहर ने मेरी रेशमा भाभी को चोदा नहीं तो वह बिचारी बिना चुदे ही रह जाती क्योंकि मेरा भाई जान तो किसी का लण्ड पीने बाहर चल गया था।
मैंने पूंछा - तो फिर तुमको किसने चोदा रिदा ?
वह बोली - मुझे मेरे देवर ने चोदा और रात भर चोदा।
मैंने पूंछा - तेरे देवर का लण्ड बड़ा है की तेरे शौहर का लण्ड ?
वह बोली - दोनों लण्ड लगभग बराबर ही हैं, आंटी।
मैंने पूंछा - तेरे शौहर ने कभी तेरी माँ चोदी है, रिदा ?
वह बोली - हां आंटी चोदी है. उसने मेरे सामने ही चोदी है मेरी माँ ? सच तो यह है की मेरी अम्मी ने ही उसका लण्ड पकड़ लिया था। मैं वहीँ बैठी थी। मैंने उसे लण्ड पकड़ते हुए देखा।
मैंने पूंछा - तेरी अम्मी और किस किस से चुदवाती है ?
वह बोली - मेरी अम्मी किसी से भी चुदवा लेती है। उसे ग़ैर मरदों से चुदवाने का बड़ा शौक है।
मैंने कहा - अच्छा, तू अपने भाई जान को भेज दे मेरा पास ?
वह बोली - मेरा भाई जान अभी अपने दोस्त के घर में है। मैं उसे बुला लेती हूँ।
मैंने कहा - तुम उसे उसके दोस्त के साथ ही बुला लो और दोनों को मेरे कमरे में भेज दो।
रात को करीब ११ बजे मेरा दामाद तारिक़ अपनी दोस्त अजमल के साथ आ गया और मैं उससे बातें करने लगी। फिर मैंने कहा बेटा आज रात को तू यहीं मेरे कमरे में अपने दोस्त के साथ सो जा ? वह बोला नहीं सासू जी मैं दोस्त के साथ कैसे सो जाऊं ? मैंने कहा अरे तुम्हे तो रात में उसका लण्ड पीना है। लण्ड पीकर सो जाना। तब तक मैं देख लूंगी की तू लड़कों के लण्ड कैसे पीता है ?
वह बोला - ये आप क्या कह रहीं हैं, सासू जी ? आपको किसने बता दिया की मैं लड़कों के लण्ड पीता हूँ ? मैं तो किसी का लण्ड नहीं पीता ? मैं एक मरद हूँ। हट्टा कट्टा मरद हूँ। मैं क्यों किसी का लण्ड पियूँगा ? लण्ड पीना तो लड़कियों का काम है सासू जी मरदों का नहीं ? मैं उसकी बात सुनकर खुश तो हुई पर मुझे कुछ और भी मालूम करना था।
मैंने पूंछा - तो फिर तूने अपनी सुहागरात में अपनी बीवी क्यों नहीं चोदी ? अपनी किसी और से क्यों चुदवाई अपनी बीवी, बेटा तारिक़ ?
मेरी बात सुनकर वह बड़ी जोर से हंसने लगा और बोला सासू जी इसके दो कारण हैं। पहला यह की मेरे बहनोई का दिल मेरी बीवी पर आ गया था। वह बोला यार तारिक़ मैं तेरी बीवी तेरी सुहागरात में ही चोदना चाहता हूँ। तू अपनी सुहागरात में अपनी बीवी मुझसे चुदवा ले, बाद में तो तू उसे चोदा ही करेगा ? तो मैंने उसकी बात मान ली और उससे अपनी बीवी चुदवा ली। दूसरा कारण यह हैं की उसी दिन मेरे दोस्त की भी सुहागरात थी। उसने दूसरी शादी की थी। उसने मुझसे कहा था की यार तारिक़ मेरी सुहागरात में तू मेरी बीवी चोदेगा क्योंकि मैं उसे ठीक से चोद नहीं पाऊंगा। मैं जल्दी झड़ जाता हूँ और मेरी बीवी चुदासी रह जाती है। मैं अपनी पहली ही बीवी ठीक से नहीं चोद पाता ? मैं दूसरी शादी अपने दोस्तों के लिए ही कर रहा हूँ। मेरे दोस्त मेरे सामने मेरी बीवी चोदेंगें तो मुझे बड़ा अच्छा लगेगा ? मैं अपनी पहली बीवी भी अपने दोस्तों से चुदवाने लगा हूँ। मैंने उसकी बात मान ली और तब मैंने अपनी बहन से बहाना बनाकर कहा की तुम अपनी नयी भाभी के कह देना की मेरा भाई जान तो लड़कों के लण्ड पीता है। इसलिए उसने कह दिया। अब एक और बात सासू जी। मैं जिस दोस्त की बात कर रहा हूँ वह मेरा यही दोस्त है जो आपके सामने खड़ा है, अजमल ?
मुझे पूरी कहानी मालूम हो गयी लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी था। इन सब बातों से मेरी नियत तारिक़ और उसके दोस्त पर ख़राब हो गयी। मेरी चूत कुलबुलाने लगी और कहने लगी की यार सायरा यही मौक़ा है जब तू इन दोनों से झमाझम चुदवा ले। ले ले दोनों लण्ड का एक साथ मज़ा ? इसलिए मैं यह चाह रही थी की आज की रात ये दोनों मेरे ही कमरे में सोयें।
मैंने कहा - तारिक़ बेटा कुछ भी ही आज की रात तुम लोग यहीं मेरे कमरे में ही सो जाओ।
वह मान गया। गर्मी के दिन थे। ज्यादा कपड़े बदन पर बर्दास्त नहीं हो रहे थे। मैंने भी एक पैजामा पहन लिया और ऊपर से एक कुर्ती। ब्रा मैंने पहनी ही नहीं। तारिक़ ने अपने कपड़े उतारे और एक नेकर में ही लेट गया। उसका नंगा बदन मुझे अपनी तरफ खींचने लगा। यही हाल अजमल का भी था। वह भी मस्त जवान लड़का था।मैं दोनों के लण्ड के सपने देखने लगी। मुझसे रहा न गया। मैंने फिर बातें शुरू कर दीं।
मैंने कहा - तारिक़ बेटा तुमने अभी तक अपनी बीवी तो चोदी नहीं ?
वह बोला - हां सासू जी, अभी तक तो नहीं चोदी ? लेकिन उसे कभी भी चोद लूंगा।
मैंने कहा - अगर तूने अपनी बीवी नहीं चोदी है तो आज मौका है अपनी बीवी की माँ चोद लो न बेटा तारिक़।
ऐसा कह कर मैंने उसके लण्ड पर हाथ रख दिया। मैं यह देखना चाहती हूँ बेटा की तेरे लण्ड में कहीं कोई कमी तो नहीं है ? मैं आज तेरे दोस्त अजमल का लण्ड देखूँगी। मैंने फिर अजमल के लण्ड पर भी हाथ रख दिया। वह बोला - सासू जी, रेशमा बुरा तो नहीं मानेगी।
मैंने कहा - रेशमा की माँ का भोसड़ा ? रेशमा की माँ की चूत ? वह बुर चोदी क्या कहेगी ? वह जब अपनी सुहागरात में ही ग़ैर मरद से चुदवा चुकी है तो अब किस मुंह से वह कुछ कहेगी ? वह तो मान चुकी है की तुम अब उसे नहीं चोदोगे क्योंकि तुम्हे गांड मारने की और गांड मराने की आदत है और बुर चोदने में कोई इंटरेस्ट नहीं है। वह बोला - पर हमने तो कभी ऐसा नहीं कहा है सासू जी ?
मैंने कहा - हां तुमने खुल कर यह बात नहीं कही पर जब तुम लण्ड चूसते हो तो गांडू होंगे ही, ऐसा तेरी बीवी मान कर बैठी है। अब मैं यह देखना चाहती हूँ की तुम्हे बुर चोदने में कितना इंटरेस्ट है ? मेरी बुर चोद कर दिखाओ, बेटा ? मेरी बातों से उसका लण्ड पहले से खड़ा था। मैंने फिर उसकी नेकर खींच कर फेंक दी वह एकदम नंगा हो गया. उसका लण्ड मैंने हाथ में ले लिया।
मैंने कहा - हाय अल्ला, कितना मोटा और लम्बा चौड़ा है तेरा लौड़ा ? रेशमा भोसड़ी की बिना मतलब ही परेशान है ? ये लण्ड तो उसकी माँ का भोसड़ा फाड़ डालेगा। फिर मैंने अजमल को भी नंगा कर दिया और उसका भी लण्ड हिलाने लगी।
मैंने कहा - अजमल तुम अपने दोस्त तारिक़ की बीवी चोदोगे ?
वह बोला - हां आंटी जरूर चोदूंगा। मैं अपनी बीवी इसीलिए अपने दोस्तों से चुदवाता हूँ की मैं उनकी बीवियां चोद सकूं।
मैंने कहा - तारिक़ की बीवी बाद में चोदना अजमल पहले तारिक़ की बीवी की माँ चोदो।
मैं ऐसा कह कर अपने सारे कपड़े उतार कर उसके आगे नंगी नंगी खड़ी हो गयी। वह मेरी चूँचियाँ मसलने लगा और तारिक़ मेरी चूत सहलाने लगा। फिर मैंने तारिक़ का लौड़ा अपनी चूत में पेला और चुदवाने लगी। अजमल का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर में अजमल ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ा और मुझे चोदने लगा मैं तारिक़ का लण्ड चूसने लगी। अजमल बड़ी देर तक चोदता रहा। वह रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। मैंने कहा बीटा अजमल तुम तो जल्दी झड़ जाते हो पर तुम तो चोदे चले जा रहे हो। मैं बहन चोद खलास हो गयी और तुम अभी धक्के पे धक्के लगा रहे हो ? क्या बात है ? वह बोला आंटी जी मैं जल्दी झड़ता नहीं हूँ। ये सब दूसरों की बीवियां चोदने का और अपनी बीवी चुदवाने के बहाने हैं। दोनों लड़के मुझे बड़ी देर तक चोदते रहे और मैंने फिर दोनों का सड़का मारा तब लण्ड ने वीर्य उगला। मैंने इन दोनों लड़कों से रात भर चुदवाया। मैं दूसरे दिन इन दोनों को लेकर अपने घर आ गयी।
रेशमा अपने मियां को देख कर बोली - अम्मी जान, इसे क्यों ले कर आयी हो। ये क्या यहाँ अपनी गांड मराने आया है ?
मैंने कहा - पहले तू मुझे यह बता रेशमा की कल रात तूने किससे चुदवाया ?
वह बोली - कल रात मैंने रहमान अंकल से चुदवाया। फिर उसने मेरी भाभी की भी बुर चोदी।
मैंने कहा - उसका लौड़ा तो तेरे मियां के लौड़े से छोटा भी है और पतला भी ? बेटी तेरे मियां का लण्ड बहुत बड़ा है और मोटा भी ?
वह बोली - पर उससे मुझे क्या अम्मी जान। लौड़ा चाहे जितना लम्बा मोटा हो जब वह मेरी चूत में नहीं घुसेगा तो फिर वह मेरे किस काम का ? माँ चुदाये अपनी ऐसा लौड़ा बहन चोद ? मैंने कहा - जानती हो बेटी रेशमा ? तेरी माँ का भोसड़ा चोद कर आया है तेरे मियां का लण्ड ? भोसड़ा साला खलास हो गया पर उसका लौड़ा नहीं ? बाद में मुझे उसका सड़का मारना पड़ा बेटी।
मैंने कहा - वह लण्ड नहीं पीता बेटी रेशमा ? लण्ड पिलाता है दूसरों की बीवियों को ? उस दिन वह अपने दोस्त अजमल की बीवी चोदने गया था। तेरी नन्द ने तुझसे झूंठ बोला था। आज वही दोस्त तेरे मियां की बीवी चोदने आया है बेटी रेशमा ?
वह बोली - हाय दईया मैं जाने क्या क्या सोंचें बैठी थी ?
मैंने कहा - रेशमा आज तो वह सबके सामने तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदेगा ? उसका दोस्त भी उसकी बीवी की बुर लेगा। यानी तेरी बुर लेगा। फिर ये लोग तेरी भाभी की बुर चोदेंगें। बाद में दोनों मिलकर फिर तेरी माँ का भोसड़ा चोदेंगें, बेटी। आज रात भर यही होगा तब तुझे मालूम होगा की तेरे मियां का लण्ड बुर चोदने में कितना बेरहम और ज़ालिम है। है ? उसका लण्ड फाड़ डालेगा तुम सबकी बुर ? कई बीवियों की तो गांड फट जाती है बेटी तेरे मियां का खड़ा लण्ड देख कर ?
अब आगे की कहानी फिर मेरी बेटी से सुनिए :- अम्मी की बातें सुनकर मैं बहुत खुश हुई और अल्ला से दुआ करने लग की यह सब सही हो ? मैं बड़ी बेक़रारी से रात होने का इंतज़ार करने लगी। तभी अचानक मेरी भाभी का खालू आ गया। उसका नाम है सफीक। भाभी ने ख़ुशी ज़ाहिर की. उसकी उम्र भी लगभग ३५ साल की होगी। ख़ैर किसी तरह शाम हुई और हम लोगों की महफ़िल जम गयी। महफ़िल में मैं थीं रेशमा, मेरी अम्मी सायरा, मेरी भाभी रिया उधर मर्दों में मेरा मियां तारिक़, उसका दोस्त अजमल और भाभी का खालू सफीक। अम्मी ने कहा बेटी रेशमा आज तुम अपनी सुहागरात मनाओ और देखो की मैंने जो कहा है वह सही है की नहीं ? मैंने कहा मैं यहीं सबके सामने अपनी सुहागरात मनाऊंगी और सबके साथ मनाऊंगी। ऐसा कह कर मैंने अपने मियां के लण्ड पर हाथ रख दिया। मुझे एहसास हुआ की लण्ड अंदर से खड़ा है। उसकी नज़र मेरी भाभी पर भी थी। उधर अजमल मेरी भाभी की चूँचियाँ ही देखे जा रहा था।
मैंने भाभी को इशारा तो वह अजमल की तरफ बढ़ी और अपनी बाहें उसके गले में डाल दीं। अम्मी जान ने भी मौके के फायदा उठाना चाहा और भाभी के खालू सफीक के पैजामे का नाड़ा मुस्कराते हुए खोलने लगी। तब तक मैं आगे बढ़ चुकी थी। मैं अपने मियां के कपड़े उतारने लगी और देखते ही देखते हुए सब सामने नंगा कर दया। उसका फनफनाता हुआ लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने कहा अम्मी जान तुम ठीक कह रहीं थीं। लण्ड तो बहन चोद बड़ा शानदार है और जबतदस्त भी ? आज तेरी बिटिया की बुर की ख़ैर नहीं अम्मी जान ? अम्मी ने कहा तेरे मियां का लण्ड शानदार होने के साथ साथ दमदार भी है बेटी रेशमा ? तेरी माँ का भोसड़ा चोदा है इसने ? अब ये तेरी माँ की बिटिया की बुर सबके सामने लेगा और मनाएगा अपनी सुहागरात ? तब तक अम्मी ने भी सफीक का लौड़ा खोल लिया। वह बोली अरी रिया बहू तेरे खालू का लण्ड तो बड़ा मोटा है बहन चोद ? इसने तेरी माँ का भोसड़ा चोदा की नहीं ?
भाभी ने जबाब दिया - अरे सासू जी, इसने तो मेरी माँ का भोसड़ा कई बार चोदा है। इसे लड़कियां चोदने का बड़ा शौक है। इसका लौड़ा सबको पसंद है। बस अम्मी उसका लण्ड चूसने लगीं। उधर भाभी ने अजमल का लौड़ा मुंह में डाल लिया। फिर हम तीनो सास, बहू नन्द नंगी हो गयीं। अम्मी ने सफीक का लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लिया, भाभी अजमल से चुदवाने लगीं और मैं अपने शौहर तारिक़ से चुदवाने लगी।
अम्मी ने पूंछा - रेशमा कैसा काग रहा है तुझी अपने मियां से चुदवाने में ?
अम्मी इसी बात पर हंसने लगीं। हम तीनो बड़ी रफ़्तार से चुदवाने लगीं। अपनी गांड से जोर लगा लगा कर चुदवाने लगीं। थोड़ी देर तक मुझे चोदने के बाद मेरे मियां ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मेरी भाभी की चूत में घुसेड़ दिया। वह बोला अब मैं अपनी बीवी की भाभी की बुर लूंगा। भाभी की उत्तेजित होकर चुदवाने लगीं। इतने में अजमल ने अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मैं इस तरह अपने मियां के दोस्त से चुदवाने लगी। अम्मी जान तो सफीक से ही बड़ी देर तक चुदवाने में जुटीं थीं। मैंने सोंचा की आज मैं अपने मियां के सामने उसके दोस्त से चुदवा रही हूँ कल को मैं उसके सामने किसी और मरद से भी चुदवा सकती हूँ। मेरा मियां भी शायद यही सोंच रहा था की आज मैं अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोद रहा हूँ तो कल उसके सामने दूसरों की बीवियां भी चोदा करूंगा।
Click on Search Button to search more posts.
