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भांजे की पत्नी की बाथरूम में गांड मारी Bhanje ki Biwi ki bathroom me gand mari
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मैंने अब किसी को बुरी नज़रों से नहीं देखा है। मेरी शादी को अभी 7 साल हुए है और मेरी बड़ी बहन की शादी को 22 साल हो गए है। उसका एक ही बेटा है जिसकी उम्र 19 साल है पिछले साल ही उसकी शादी हुई है और उसकी बीवी देखने में बहुत खूबसूरत है और उम्र में मेरे भांजे से 6 साल बड़ी है उसका नाम रोजी है। वो मुझे कभी कभी अज़ीब निगाहों से देखती है। राखी के दिन मैं और मेरी बीवी राखी बंधवाने के लिए मेरी बहन के गाँव चले गए. मेरी बहन मेरी बीवी को अपने साथ शहर से कुछ सामान लेने के लिए ले गई. मेरा भांजा और मेरे जीजाजी खेत में गए हुए थे. दोपहर के खाने के समय रोजी मेरे पास आई और बोली मामाजी मैं आपके लिए क्या बनाऊ. मैंने उससे कहा कि मेरे लिए कुछ खाश बनाने के जरूरत नहीं है घर के अन्य लोगों के लिए जो बनेगा वो मेरे लिए भी सही है. उसने कहा कि आप हमारे मेहमान है और मेहमान को खुश करना हमारा कर्तव्य है.
मैंने अब किसी को बुरी नज़रों से नहीं देखा है। मेरी शादी को अभी 7 साल हुए है और मेरी बड़ी बहन की शादी को 22 साल हो गए है। उसका एक ही बेटा है जिसकी उम्र 19 साल है पिछले साल ही उसकी शादी हुई है और उसकी बीवी देखने में बहुत खूबसूरत है और उम्र में मेरे भांजे से 6 साल बड़ी है उसका नाम रोजी है। वो मुझे कभी कभी अज़ीब निगाहों से देखती है। राखी के दिन मैं और मेरी बीवी राखी बंधवाने के लिए मेरी बहन के गाँव चले गए. मेरी बहन मेरी बीवी को अपने साथ शहर से कुछ सामान लेने के लिए ले गई. मेरा भांजा और मेरे जीजाजी खेत में गए हुए थे. दोपहर के खाने के समय रोजी मेरे पास आई और बोली मामाजी मैं आपके लिए क्या बनाऊ. मैंने उससे कहा कि मेरे लिए कुछ खाश बनाने के जरूरत नहीं है घर के अन्य लोगों के लिए जो बनेगा वो मेरे लिए भी सही है. उसने कहा कि आप हमारे मेहमान है और मेहमान को खुश करना हमारा कर्तव्य है.
मेरे मुंह से अचानक ही निकल गया कि किसी की भी इच्छा को पूरा नहीं किया जा सकता है तो उसने कहा कि आप आदेश तो करो मैं तन और मन से आपकी सेवा में अर्पित हूँ. यह कहकर वो मुस्कुराने लगी. मैं भी उसकी आँखों में आँखें डालकर देखता रहा. वो शरमा गई और निचे गर्दन करके खड़ी रही. मुझे लगा अब कुछ बात बन रही है। मैंने अपनी बातों का दौर जारी रखा- देख रोजी ! यह बात अगर मेरी बहन को पता चल गई कि जब वो घर पर नहीं होती है तो तू मुझसे बातें करती है तो हम दोनों को डाँट पड़ेगी। यह कह कर मैंने उसको थोड़ा डराया।तो वो झट से बोली- नहीं नहीं ! उनको मत बताना ! नहीं तो मुझे मार ही डालेगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने कहा- तुम चिन्ता मत करो, मैं नहीं बताऊंगा कि उसकी गैर-मौज़ूदगी में तुम मुझसे बातें करती हो।
यह सुनते ही उसने राहत की साँस ली।
मैंने पूछा- तुम ऐसा क्यों करती हो?
तो वो शरमा कए बोली- बस ऐसे ही !
मैंने कहा- ऐसे ही कोई किसी का ख्याल नहीं रखा जाता। काश तुम मुझे 7 साल पहले मिली होती !
यह सुनते ही वो शरमाई और बोली- तो क्या होता! मैं अब भी आपका ख्याल तो रखती हूँ।
मैंने सोचा कि अब लोहा गरम है, बात कर देनी चाहिए, मैंने कहा- बताओ ना ! जब कोई नहीं होता तो मेरा इतना ख्याल क्यों रखती हो?
मेरे जोर देने पर वो बोली- तुम्हारा ख्याल रखना मुझे अच्छा लगता है।
मैंने कहा- ऐसा ख्याल तो पत्नी अपने पति का रखती है।
वो सुनते ही शरमाई और कहने लगी- आप भी ना बस….
फ़िर मैंने पूछा- क्या आगे भी तुम मेरा ख्याल रखोगी या यहीं रुक जाओगी?
तो वो बोली- आप चाहोगे तो आगे भी ख्याल रखूंगी।
मैंने उससे पूछ ही लिया- क्या तुम मुझे पसन्द करती हो?
सुन कर वो शरमा गई।
फ़िर मैंने कहा- देख रोजी। शादी से पहले मैंने किसी से प्यार नहीं किया था, मेरी भी इच्छा है कि मैं किसी से दिल से प्यार करूँ। मैं तुम से प्यार करने लगा हूँ, तुम चाहो तो मना कर सकती हो, मुझे बुरा नहीं लगेगा !
यह सुन कर वो शरमा कर मुस्कुराने लगी और बोली- किसी को पता चल गया तो?
मेरा दिल खुशी से उछल पड़ा, मैं बोला- किसी को पता भी नहीं लगेगा, यह बात तेरे और मेरे बीच ही रहेगी।
उसने झट से हाँ कह दी।
अब खाना लगाऊँ क्या?
मैंने कहा- तुम्हारी हाँ ने मेरा पेट ही भर दिया, थोड़ी देर बाद खाना खाएंगे।
वो अपना काम खत्म करके अन्दर के कमरे में जाने लगी तो मैं भी झट से उठ के उसके पीछे गया और उसको पीछे से बाहों में जकड़ लिया। वो मुझसे छुटने की कोशिश करने लगी और बोली- कोई आ जाएगा तो क्या होगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने कहा- अभी आता हूँ ! और जाकर बाहर का दरवाज़ा बंद कर दिया और अन्दर आते ही देखा तो वो अलमारी खोल कर कुछ निकाल रही थी। मैंने पीछे से उसे पकड़ लिया और घुमा के अपने आगे कर लिया। वो कुछ बोले, इससे पहले ही मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसको चूमने लगा। करीब पाँच मिनट तक मैं उसको चूमता रहा, वो छटपटाने लगी। फ़िर मैंने उसके स्तनों को छुआ और धीरे से मसलने लगा तो सीऽऽआऽऽसऽऽ अई करने लगी और मुझे छोड़ने को कहने लगी।
मैंने कहा- ऐसा मौका फ़िर कब मिलेगा, मुझे प्यार करने दे।
मैं फ़िर धीरे से उसे चूमने लगा। मेरा एक हाथ उसके स्तन पर और दूसरा उसकी पीठ पर रख कर उसे अपनी ओर दबा रहा था। वो भी काफ़ी गर्म हो गई थी। फ़िर मैंने उसको उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और मैं भी साथ लेट कर उसके होंठों को चूमने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी। फ़िर मैंने उसकी साड़ी निकाल दी। और उसके ब्लाऊज़ के हुक खोलते ही उसके बड़े बड़े स्तन बाहर आ गए। मैंने उसके चुचूक को मुंह में ले लिया और चूसने लगा। उन पर मेरी जीभ फ़िरने लगी। वो भी काफ़ी गर्म हो गई थी और शऽऽ आऽऽहऽऽ करने लगी और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी। फ़िर अचानक मेरे कमीज़ के बटन खोलने लगी। मैंने अपना कमीज़ निकाल दिया और उसको आहिस्ते से नीचे से ऊपर तक चूमते हुए उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी। मैं पागलों की तरह उसको चूमता रहा।
फ़िर उसका हाथ मेरी पैन्ट की ज़िप पर आया। उसने मेरी ज़िप खोल कर मेरे लण्ड को पकड़ लिया। मैं समझ गया कि वो एकदम गर्म हो गई है। फ़िर मैंने उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल कर उसे अलग कर दिया और अपनी पैन्ट और अन्डरवीयर भी निकाल दी। उसने पैन्टी नहीं पहनी थी, हम दोनों पूरे नंगे हो गए तो मैंने उसे अपना लण्ड मुंह में लेने को कहा और हम 69 की पोजीशन में आ गए। वो मेरा लण्ड मुंह में लेकर जोर से चूसने लगी और अन्दर बाहर करने लगी। मैं भी अपनी जीभ उसकी फ़ुद्दी में डाल कर अन्दर बाहर करने लगा।
फ़िर अचानक उसने मुझे घूमने को कहा और बोली- अब नहीं रहा जा रहा है, मेरे ऊपर आ जाओ नहीं तो मैं झड़ जाऊँगी।
मैंने कहा- डार्लिंग ! मैं भी नहीं रह सकता। और मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख कर एक जोरदार धक्का दिया तो उसकी चीख निकल गई- आऽऽऽ उई मांऽऽ थोड़ा धीरे से ऽऽ ! मैं रुक गया, पूछा- क्या हुआ? वो बोली- तुम्हारा लण्ड बड़ा है, झेल नहीं पाई, थोड़ी देर रुक के करना ! इसी बीच मैं उसके होंठों को चूमता रहा। फ़िर धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी- सऽऽस आऽऽह आह उइमा ऽऽ चोदो मेरे राज़ा जोर से चोदो ! मैं कब से तुम्हारे लण्ड के लिए तरस रही हूँ, मुझे मालूम है कि तुम कई दिनों से मुझ पर लाईन मार रहे हो। मैं भी तुमको चाहती थी और तुम्हारा लण्ड अपनी रानी में घुसवाना चाहती थी। और जोर से चोदो ! फ़ाड़ दो मेरी चूत को ! ऊ ई माऽऽ आ स्स्स आह ! मैं गई ! आऽऽह ! और वो झड़ गई।
फ़िर मैं उसको दस मिनट तक चोदता रहा। वो भी उछल उछल कर मेरा साथ दे रही थी और स्स आह करती रही। मैं भी झड़ने की तैयारी में था- आह ! मैं झड़ रहा हूँ ! कहाँ निकालूँ? तो वो बोली- मेरी रानी में निकाल दो। मैंने उसको कस के पकड़ा, अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और जोर जोर से धक्के मारने लगा। मैं उसकी फ़ुद्दी में ही झड़ गया। फ़िर वो मुस्कुराई और कहने लगी कि, नहीं, मैने कहा- एक दौर और हो जाए? तो कहने लगी- नहीं ! अभी मेरे पति और ससुर जी आने वाले हैं, फ़िर कभी ! फ़िर मुझे होंठों पर चुम्मा दे कर खड़ी हो गई और कपड़े पहन कर मेरे लिए खाना परोसने लगी।
मैंने बाथरूम में जाकर अपने औज़ार को साफ़ किया और आकर खाना खाने लगा। इस बीच मैं उसको आँख मारता रहा और बात करता रहा। वो मुझसे बोली- हम अकेले में पति-पत्नी की तरह रहेंगे। मैंने उसकी गाण्ड मारने की इच्छा जाहिर की तो बोली- अब मौका मिलेगा तो तुम मुझे जैसे चाहोगे वैसे चोदना ! मैं अब तुम्हारी हो गई हूँ। शाम को सभी लोग जो बाहर गए हुए थे घर वापिस आ गए, सबने एक साथ डिन्नर किया और कुछ देर बातें करने के बाद सभी अपने - अपने कमरों में जाकर सो गए. अगले दिन दोपहर में जब मेरी बहन और मेरी बीवी कमरे में बैठी बातें कर रही थी और मैं नहाने के लिए बाथरूम जा रहा था तो मैंने रोजी को बाथरूम में आने का इशारा किया और वो सबसे छिपकर मेरे पीछे - पीछे बाथरूम में आ गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
हम दोनों जल्दी से कपड़े उतारकर पुरे नंगे हो गए. मैंने कुछ देर रोजी को लंड चुसाया और फिर उसे दीवार के सहारे लगाकर पीछे से लंड उसकी चूत में डाल दिया. 10 मिनट चूत को चोदने के बाद मैंने लंड उसकी गांड में डाल दिया और जोर - जोर से धक्के लगाने लगा लगभग 15 मिनट की गांड चुदाई के बाद जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने अपना लंड गांड में से निकाल कर सारा वीर्य उसकी पीठ और कूल्हों पर डाल दिया और हाथ से उसके शरीर पर मसल दिया. फिर हम दोनों नहाएं और चुपके से अकेले - अकेले बाथरूम से निकलकर अपने - अपने कमरों में चले गए. शाम वाली बस पकड़ कर मैं और मेरी बीवी अपने गाँव आ गए।
मैंने कहा- तुम चिन्ता मत करो, मैं नहीं बताऊंगा कि उसकी गैर-मौज़ूदगी में तुम मुझसे बातें करती हो।
यह सुनते ही उसने राहत की साँस ली।
मैंने पूछा- तुम ऐसा क्यों करती हो?
तो वो शरमा कए बोली- बस ऐसे ही !
मैंने कहा- ऐसे ही कोई किसी का ख्याल नहीं रखा जाता। काश तुम मुझे 7 साल पहले मिली होती !
यह सुनते ही वो शरमाई और बोली- तो क्या होता! मैं अब भी आपका ख्याल तो रखती हूँ।
मैंने सोचा कि अब लोहा गरम है, बात कर देनी चाहिए, मैंने कहा- बताओ ना ! जब कोई नहीं होता तो मेरा इतना ख्याल क्यों रखती हो?
मेरे जोर देने पर वो बोली- तुम्हारा ख्याल रखना मुझे अच्छा लगता है।
मैंने कहा- ऐसा ख्याल तो पत्नी अपने पति का रखती है।
वो सुनते ही शरमाई और कहने लगी- आप भी ना बस….
फ़िर मैंने पूछा- क्या आगे भी तुम मेरा ख्याल रखोगी या यहीं रुक जाओगी?
तो वो बोली- आप चाहोगे तो आगे भी ख्याल रखूंगी।
मैंने उससे पूछ ही लिया- क्या तुम मुझे पसन्द करती हो?
सुन कर वो शरमा गई।
फ़िर मैंने कहा- देख रोजी। शादी से पहले मैंने किसी से प्यार नहीं किया था, मेरी भी इच्छा है कि मैं किसी से दिल से प्यार करूँ। मैं तुम से प्यार करने लगा हूँ, तुम चाहो तो मना कर सकती हो, मुझे बुरा नहीं लगेगा !
यह सुन कर वो शरमा कर मुस्कुराने लगी और बोली- किसी को पता चल गया तो?
मेरा दिल खुशी से उछल पड़ा, मैं बोला- किसी को पता भी नहीं लगेगा, यह बात तेरे और मेरे बीच ही रहेगी।
उसने झट से हाँ कह दी।
अब खाना लगाऊँ क्या?
मैंने कहा- तुम्हारी हाँ ने मेरा पेट ही भर दिया, थोड़ी देर बाद खाना खाएंगे।
वो अपना काम खत्म करके अन्दर के कमरे में जाने लगी तो मैं भी झट से उठ के उसके पीछे गया और उसको पीछे से बाहों में जकड़ लिया। वो मुझसे छुटने की कोशिश करने लगी और बोली- कोई आ जाएगा तो क्या होगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने कहा- अभी आता हूँ ! और जाकर बाहर का दरवाज़ा बंद कर दिया और अन्दर आते ही देखा तो वो अलमारी खोल कर कुछ निकाल रही थी। मैंने पीछे से उसे पकड़ लिया और घुमा के अपने आगे कर लिया। वो कुछ बोले, इससे पहले ही मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसको चूमने लगा। करीब पाँच मिनट तक मैं उसको चूमता रहा, वो छटपटाने लगी। फ़िर मैंने उसके स्तनों को छुआ और धीरे से मसलने लगा तो सीऽऽआऽऽसऽऽ अई करने लगी और मुझे छोड़ने को कहने लगी।
मैंने कहा- ऐसा मौका फ़िर कब मिलेगा, मुझे प्यार करने दे।
मैं फ़िर धीरे से उसे चूमने लगा। मेरा एक हाथ उसके स्तन पर और दूसरा उसकी पीठ पर रख कर उसे अपनी ओर दबा रहा था। वो भी काफ़ी गर्म हो गई थी। फ़िर मैंने उसको उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और मैं भी साथ लेट कर उसके होंठों को चूमने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी। फ़िर मैंने उसकी साड़ी निकाल दी। और उसके ब्लाऊज़ के हुक खोलते ही उसके बड़े बड़े स्तन बाहर आ गए। मैंने उसके चुचूक को मुंह में ले लिया और चूसने लगा। उन पर मेरी जीभ फ़िरने लगी। वो भी काफ़ी गर्म हो गई थी और शऽऽ आऽऽहऽऽ करने लगी और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी। फ़िर अचानक मेरे कमीज़ के बटन खोलने लगी। मैंने अपना कमीज़ निकाल दिया और उसको आहिस्ते से नीचे से ऊपर तक चूमते हुए उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी। मैं पागलों की तरह उसको चूमता रहा।
फ़िर उसका हाथ मेरी पैन्ट की ज़िप पर आया। उसने मेरी ज़िप खोल कर मेरे लण्ड को पकड़ लिया। मैं समझ गया कि वो एकदम गर्म हो गई है। फ़िर मैंने उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल कर उसे अलग कर दिया और अपनी पैन्ट और अन्डरवीयर भी निकाल दी। उसने पैन्टी नहीं पहनी थी, हम दोनों पूरे नंगे हो गए तो मैंने उसे अपना लण्ड मुंह में लेने को कहा और हम 69 की पोजीशन में आ गए। वो मेरा लण्ड मुंह में लेकर जोर से चूसने लगी और अन्दर बाहर करने लगी। मैं भी अपनी जीभ उसकी फ़ुद्दी में डाल कर अन्दर बाहर करने लगा।
फ़िर अचानक उसने मुझे घूमने को कहा और बोली- अब नहीं रहा जा रहा है, मेरे ऊपर आ जाओ नहीं तो मैं झड़ जाऊँगी।
मैंने कहा- डार्लिंग ! मैं भी नहीं रह सकता। और मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख कर एक जोरदार धक्का दिया तो उसकी चीख निकल गई- आऽऽऽ उई मांऽऽ थोड़ा धीरे से ऽऽ ! मैं रुक गया, पूछा- क्या हुआ? वो बोली- तुम्हारा लण्ड बड़ा है, झेल नहीं पाई, थोड़ी देर रुक के करना ! इसी बीच मैं उसके होंठों को चूमता रहा। फ़िर धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी- सऽऽस आऽऽह आह उइमा ऽऽ चोदो मेरे राज़ा जोर से चोदो ! मैं कब से तुम्हारे लण्ड के लिए तरस रही हूँ, मुझे मालूम है कि तुम कई दिनों से मुझ पर लाईन मार रहे हो। मैं भी तुमको चाहती थी और तुम्हारा लण्ड अपनी रानी में घुसवाना चाहती थी। और जोर से चोदो ! फ़ाड़ दो मेरी चूत को ! ऊ ई माऽऽ आ स्स्स आह ! मैं गई ! आऽऽह ! और वो झड़ गई।
फ़िर मैं उसको दस मिनट तक चोदता रहा। वो भी उछल उछल कर मेरा साथ दे रही थी और स्स आह करती रही। मैं भी झड़ने की तैयारी में था- आह ! मैं झड़ रहा हूँ ! कहाँ निकालूँ? तो वो बोली- मेरी रानी में निकाल दो। मैंने उसको कस के पकड़ा, अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और जोर जोर से धक्के मारने लगा। मैं उसकी फ़ुद्दी में ही झड़ गया। फ़िर वो मुस्कुराई और कहने लगी कि, नहीं, मैने कहा- एक दौर और हो जाए? तो कहने लगी- नहीं ! अभी मेरे पति और ससुर जी आने वाले हैं, फ़िर कभी ! फ़िर मुझे होंठों पर चुम्मा दे कर खड़ी हो गई और कपड़े पहन कर मेरे लिए खाना परोसने लगी।
मैंने बाथरूम में जाकर अपने औज़ार को साफ़ किया और आकर खाना खाने लगा। इस बीच मैं उसको आँख मारता रहा और बात करता रहा। वो मुझसे बोली- हम अकेले में पति-पत्नी की तरह रहेंगे। मैंने उसकी गाण्ड मारने की इच्छा जाहिर की तो बोली- अब मौका मिलेगा तो तुम मुझे जैसे चाहोगे वैसे चोदना ! मैं अब तुम्हारी हो गई हूँ। शाम को सभी लोग जो बाहर गए हुए थे घर वापिस आ गए, सबने एक साथ डिन्नर किया और कुछ देर बातें करने के बाद सभी अपने - अपने कमरों में जाकर सो गए. अगले दिन दोपहर में जब मेरी बहन और मेरी बीवी कमरे में बैठी बातें कर रही थी और मैं नहाने के लिए बाथरूम जा रहा था तो मैंने रोजी को बाथरूम में आने का इशारा किया और वो सबसे छिपकर मेरे पीछे - पीछे बाथरूम में आ गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
हम दोनों जल्दी से कपड़े उतारकर पुरे नंगे हो गए. मैंने कुछ देर रोजी को लंड चुसाया और फिर उसे दीवार के सहारे लगाकर पीछे से लंड उसकी चूत में डाल दिया. 10 मिनट चूत को चोदने के बाद मैंने लंड उसकी गांड में डाल दिया और जोर - जोर से धक्के लगाने लगा लगभग 15 मिनट की गांड चुदाई के बाद जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने अपना लंड गांड में से निकाल कर सारा वीर्य उसकी पीठ और कूल्हों पर डाल दिया और हाथ से उसके शरीर पर मसल दिया. फिर हम दोनों नहाएं और चुपके से अकेले - अकेले बाथरूम से निकलकर अपने - अपने कमरों में चले गए. शाम वाली बस पकड़ कर मैं और मेरी बीवी अपने गाँव आ गए।
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