Home
» Chut chudai kahaniyan चूत गांड की चुदाई कहानी Chodan in india लंड चूसने के खेल
» लेडी डाक्टर की उसके दवाखाने में चुदाई Lady doctor ki uske davakhane me chudai
लेडी डाक्टर की उसके दवाखाने में चुदाई Lady doctor ki uske davakhane me chudai
लेडी डाक्टर की उसके दवाखाने में चुदाई Lady doctor ki uske davakhane me chudai , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं एक 19 साल का रिक्शा वाला हूँ और कानपुर में रहता हूँ। मैं काफी तगडा और हट्टा कट्टा हूँ। यह सब रिक्शा चलाने की वजह से हुआ है। वैसे तो मेरी शादी नहीँ हुई है लेकिन सेक्स की चाह मुझे अक्सर घेरे रहती है। ऐसा लगता है जैसे मेरे लंड को किसी जगह रगड़ दूँ। आज तक मैंने किसी लडकी को छूआ तक नहीँ है। मुझे मूठ मारना भी नहीँ आता था। बात कुछ दिन पहले की है। मेरे लंड ने अचानक रात को पिचकारी छोड दी। मेरी नींद टूट गयी और मैं घबरा गया। काफी सोच विचार करके मैने डॉक्टर के पास जाने का फैसला लिया। हमारे मोहल्ले के डॉक्टर साहब काफी मशहूर है। सुबह सुबह मैं पहुंच गया उनके दवाखाने पर। लेकिन वहाँ डॉक्टर साहब नहीँ थे बल्कि एक 25 साल की गोरी सी बहुत चिकनी लडकी थी। उसकी चूची बडी बडी और काफी गोल थी। उसकी गांड भी मांसल थी। उसने बताया कि वो भी डॉक्टर है और बड़े डॉक्टर साहब किसी काम से दूसरे शहर गये हैँ और अब उनके आने तक वो ही ईलाज करेगी।
मैं एक 19 साल का रिक्शा वाला हूँ और कानपुर में रहता हूँ। मैं काफी तगडा और हट्टा कट्टा हूँ। यह सब रिक्शा चलाने की वजह से हुआ है। वैसे तो मेरी शादी नहीँ हुई है लेकिन सेक्स की चाह मुझे अक्सर घेरे रहती है। ऐसा लगता है जैसे मेरे लंड को किसी जगह रगड़ दूँ। आज तक मैंने किसी लडकी को छूआ तक नहीँ है। मुझे मूठ मारना भी नहीँ आता था। बात कुछ दिन पहले की है। मेरे लंड ने अचानक रात को पिचकारी छोड दी। मेरी नींद टूट गयी और मैं घबरा गया। काफी सोच विचार करके मैने डॉक्टर के पास जाने का फैसला लिया। हमारे मोहल्ले के डॉक्टर साहब काफी मशहूर है। सुबह सुबह मैं पहुंच गया उनके दवाखाने पर। लेकिन वहाँ डॉक्टर साहब नहीँ थे बल्कि एक 25 साल की गोरी सी बहुत चिकनी लडकी थी। उसकी चूची बडी बडी और काफी गोल थी। उसकी गांड भी मांसल थी। उसने बताया कि वो भी डॉक्टर है और बड़े डॉक्टर साहब किसी काम से दूसरे शहर गये हैँ और अब उनके आने तक वो ही ईलाज करेगी।
मेरी तो रुह कांप गई। उसने पूछा क्या बात है तो मैँने कहा कि मैं उसे नहीँ बता सकता मेरी परेशानी क्या है। उसने मेरे हाथ को पकड कर मुझे एक बेड पर लेटने को कहा और बोली कि घबराओ मत। मैंने सोचा अब क्या करूँ और फिर सोचा चलो बता ही देता हूँ। मैंने उसे बताया कि मेरा लंड रात को तन गया और उसमें से कुछ निकलने लगा। वो मुझे देखते हुए कुछ सोची और बोली अच्छा चलो ज़रा दिखाओ तो। मैं हक्का बक्का रह गया। फिर वो खुद आगे बढ कर मेरी पैंट को खोलने लगी और मेरे हाथ के पास उसकी चूची छूने लगी। मेरा लंड कड़ा होने लगा। वो मुझे अजीब निगाहों से देखने लगी और फिर वो बाहर गयी और दरवाजा बन्द कर आई। मैंने पूछा तो बोली कि यह काम अकेले में करना होता है इसलिये। फिर वो आगे बढी और मेरे पैंट और कच्छे को पूरा निकाल दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
हाय, अब मेरा 11’’ का मोटा काला लंड जो अब पूरी तरह से तन चुका था उसकी आंखोँ के सामने था। वो मुँह खोलकर उसे देखने लगी। उसकी सांसेँ तेज होने लगी और चूची ऊपर नीचे होने लगी। फिर वो उसे छू कर बोली अरे बाप रे यह तो काफी बड़ा है। फिर उसने उसे कस कर पकड लिया और मेरे लंड की चमड़ी को नीचे करने लगी तो लंड के छेद से थोडा सा पानी निकला। उसने उस पानी को अपनी ऊंगली से छू कर मेरे पूरे लंड के सुपारे पर फैला दिया। फिर वो बोली कि इसके अन्दर कुछ पानी जैसा फंस गया है, शायद पस होगा। मैं डर गया तो वो बोली कि डरो मत मैं इसे अभी चूस कर निकाल देती हूँ। यह कह कर उसने तुरंत मेरे लंड को अपने गुलाबी होठोँ से चूमा और पूरा मुँह खोलकर गप से लंड को मुँह मेँ भर लिया। मेरी तो जैसे जान ही लंड मेँ आ गयी। उसने मेरे लंड को चूसना जारी रखा। मैं तो जैसे बेहोश ही हो गया। मुझे लगा जैसे वो लंड चूसने के बहाने मेरे जिस्म की सारी ताकत चूस रही है। मैं मदहोश हो गया।
अचानक मेरी नज़र उसके हाथ पर गई और देखा कि वो अपनी साड़ी और ब्लाऊज निकाल कर सिर्फ ब्रा और पैंटी मेँ आ चुकी थी। हाय, गजब की चोदू निकली वो तो। मैँने उसकी चूची को ब्रा पर से ही दबाना शुरु कर दिया और वो वह लंड को बेशर्मी और बेरहम हो कर चूसे जा रही थी। मैँने उसकी ब्रा उतार को दिया और फिर उसकी पैंटी भी निकाल दिया। वो भी अब पूरी तरह से नंगी थी। मैने उसके निप्पल को मसलना शुरु कर दिया। वो और तेजी से लंड को चूसने लगी लेकिन मेरे लंड में से कुछ नहीँ निकल रहा था। फिर मैँने उसकी गांड को सहलाना और मसलना शुरु कर दिया। हाय क्या गांड थी उसकी एकदम मखमली और गद्देदार। मैँने उसकी गांड की दरार से होते हुए उसकी चूत मेँ ऊंगली डाल दिया। उसकी चूत बिना बाल वाली नाजुक थी और पनिया गई थी। अचानक से वो मुझ पर चढ गयी और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख कर रगडने लगी। मैँने उसकी चूत को चाटना और चूसना शुरु कर दिया। वो बडे मज़े से चूत को रगडने लगी और मेरे लंड को दम लगाकर चूसने लगी। मुझे लगा आज मेरा लंड इसके सिर को फाड कर बाहर आ जायेगा। मैँने नीचे से धक्के लगाने शुर कर दिए तो वो चिल्लाने लगी, अब मैं उसकी चूत को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा। हम दोनों आअ ए ए ए एक्प को क क्क्काआआआआआ क्क ल्ल्ल्ल्ल्लूओ ई आ आआअ की आवाज निकलने लगे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मुझे लगा कहीँ यह मर तो नहीँ रही है। लेकिन उसने अपनी चूत को और ज़ोर से मेरी जबान पर घिसना शुरु कर दिया। और मेरे लंड को ताकत से चूसने लगी। मुझे लगा कि यह सेक्स की देवी है जो आज मेरी वासना को मेरे लंड से बाहर निकालकर ही मानेगी। मैँने भी ताकत से उसकी चूत के दाने को अपने होंठ मेँ फंसा कर चूसना शुरु कर दिया। वो कसमसाने लगे। हम दोनोँ मेँ से कोई भी हार मानने को तैयार नहीँ था। दोनोँ ही दम लगा कर चुदाई मेँ तत्पर थे। उसने अचानक मेरे लंड के नीचे मेरे टट्टों को पकड लिया और दबाने लगी जैसे कि किसी भैस का दूध निकाल रही हो। मैने महसूस किया कि मेरे लंड में और भी जान आ गयी है। सारे बदन का खून लंड में आकर सिमट गया हो। फिर मैने ज़ोर से उसकी चूत के दाने को काटा और वो सिसिया गयी और उसने भी लंड को दांत से काट लिया।
मुझे लगा कहीँ यह मर तो नहीँ रही है। लेकिन उसने अपनी चूत को और ज़ोर से मेरी जबान पर घिसना शुरु कर दिया। और मेरे लंड को ताकत से चूसने लगी। मुझे लगा कि यह सेक्स की देवी है जो आज मेरी वासना को मेरे लंड से बाहर निकालकर ही मानेगी। मैँने भी ताकत से उसकी चूत के दाने को अपने होंठ मेँ फंसा कर चूसना शुरु कर दिया। वो कसमसाने लगे। हम दोनोँ मेँ से कोई भी हार मानने को तैयार नहीँ था। दोनोँ ही दम लगा कर चुदाई मेँ तत्पर थे। उसने अचानक मेरे लंड के नीचे मेरे टट्टों को पकड लिया और दबाने लगी जैसे कि किसी भैस का दूध निकाल रही हो। मैने महसूस किया कि मेरे लंड में और भी जान आ गयी है। सारे बदन का खून लंड में आकर सिमट गया हो। फिर मैने ज़ोर से उसकी चूत के दाने को काटा और वो सिसिया गयी और उसने भी लंड को दांत से काट लिया।
हम दोनोँ मेँ से ही कोई भी हार मानने को तैयार नहीँ था। दोनोँ ही दम लगा कर लंड और चूत को चूस रहे थे और चाट रहे थे। आखिरकार जब मैने अपनी पूरी जीभ उसकी चूत मे घुसेड दी तो वो लंड को पूरा निगल गयी और कसमसाते हुए मेरे मुँह में ही झड गयी। और जैसे ही वो झडी मैं भी उसके मुँह मेँ झडने लगा। उसने मेरा पूरा पानी पी लिया जैसे दूध पी रही हो। फिर हम दोनोँ 10 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर वो उठी और कुर्सी पर जा कर बैठ गयी। उसकी आंखेँ ऐसे लग रही थी जैसे वो नशा करके बैठी हो। मुझे वो बहुत ही कामुक लग रही थी।
मैं उस छोटे से बिस्तर से उठा और पानी पीने के लिये मटके के पास गया। मैने खुद को आईने में देखा। मेरे पूरे चेहरे पर उसकी चूत का पानी लसलसा कर फैला हुआ था। मैने अपना मुँह पोंछा और फिर पिछे मुड कर पानी पीया। जब मैं वापस बिस्तर के पास आ कर अपने कपडे लेने लगा तो उसने मुझे रोक दिया। और फिर वो बोली, इतनी जल्दी क्या है? अभी तुम्हारा ईलाज चल रहा है। घबराओ मत तुम ठीक हो जाओगे। फिर वो झुकी और मेरे लंड को सहलाने लगी। मैने देखा मेरे लंड ने फिर से हलचल करना शुरु कर दिया। उसने लंड को मुँह मेँ ले लिया और लगी चुभलाने। वो चूसे जा रही थी और मैं कसमसाने लगा। मुझे लगा मैंने कभी भी इतना मज़ा नहीँ लूटा था। मैने उसे खडा किया और उसके रसीले होंठ पर अपने होंठ रख दिये और उसे चूसना शुरु कर दिया। वो भी पागलोँ की तरह मुझे चूमने लगी और काटने लगी।
मैं उस छोटे से बिस्तर से उठा और पानी पीने के लिये मटके के पास गया। मैने खुद को आईने में देखा। मेरे पूरे चेहरे पर उसकी चूत का पानी लसलसा कर फैला हुआ था। मैने अपना मुँह पोंछा और फिर पिछे मुड कर पानी पीया। जब मैं वापस बिस्तर के पास आ कर अपने कपडे लेने लगा तो उसने मुझे रोक दिया। और फिर वो बोली, इतनी जल्दी क्या है? अभी तुम्हारा ईलाज चल रहा है। घबराओ मत तुम ठीक हो जाओगे। फिर वो झुकी और मेरे लंड को सहलाने लगी। मैने देखा मेरे लंड ने फिर से हलचल करना शुरु कर दिया। उसने लंड को मुँह मेँ ले लिया और लगी चुभलाने। वो चूसे जा रही थी और मैं कसमसाने लगा। मुझे लगा मैंने कभी भी इतना मज़ा नहीँ लूटा था। मैने उसे खडा किया और उसके रसीले होंठ पर अपने होंठ रख दिये और उसे चूसना शुरु कर दिया। वो भी पागलोँ की तरह मुझे चूमने लगी और काटने लगी।
मेरा लंड उसके पेट पर टकराने लगा। तो उसने उसे पकड लिया और सहलाने लगी। मैं भी उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा और वो सिसियाने लगी। दोनों ही फिर से कामुक हो गये थे। फिर वो मुझे पलंग की ओर ले गयी और लेट गयी पलंग पर। मैने उसकी टांगों को फैला दिया और उसकी चूत को चाटने लगा तो वो सिसिया उठी और मेरे मुँह को फिर से चूत पर रगडने लगी। थोडी देर के बाद वो मुझे ऊपर खींच ली और मेरे लंड को अपनी चूत के दरवाजे पर रगडने लगी। हाय क्या मखमली अहसास था वो। स्वर्ग जैसा अनुभव हुआ। मैँने अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर ठेल दिया और वो कसमसा कर मुझसे लिपट गयी। उसने मुझे कहा कि मैं अपना लंड गरागर उसकी चूत में पेल दूँ. मैंने उसके कहने पर ऐसा ही किया और जोर - जोर से उसकी चूत में अपने मुसल को अंदर बाहर करने लगा. हम दोनों के मुंह से आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊह्ह्ह्ह यायायायाय ऊरूरोरूओ आदि आवाजे निकलने लगी और फिर थोडी देर के बाद दोनोँ ही एक साथ झड गये। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने कहा कि अब मैं अपने आप को ठीक - ठाक महशुश कर रहा हूँ तो वो बोली की अंतिम उपचार अभी बाकि है. मेरा लंड अब सिकुड़ कर छोटा हो चूका था इसलिए वह उसे फिर से मुंह में लेकर पपोलने लगी. कुछ ही समय में मेरा लंड फिर से तन गया और उसे सलाम करने लगा. वह झट से गोड़ी बन गई और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी गांड का रास्ता दिखा दिया, मैंने लगातार तीन धक्के लगाए जिससे पूरा लंड उसकी गांड में उतर गया और वह छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन अब मेरे हाथ उसके पेट पर जम चुके थे इसलिए वह चाहकर भी छुड़ा नहीं पाई और फिर उसे गांड चुदाई का मजा आने लगा. 15 - 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया. उसने मुझसे कहा कि अब मैं बिलकुल ठीक हो गया हूँ और मुझे किसी दवा की भी जरूरत नहीं है. मैं अपने घर वापिस आ गया......
Click on Search Button to search more posts.
