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» मुझे भी ग़ैर मर्दों के लण्ड मिलते रहेंगें - Mujhe bhi gair mardon ke lund milte rahenge
मुझे भी ग़ैर मर्दों के लण्ड मिलते रहेंगें - Mujhe bhi gair mardon ke lund milte rahenge
दुसरे आदमी से होगी चूत की चुदाई , मुझे भी ग़ैर मर्दों के लण्ड मिलते रहेंगें - Mujhe bhi gair mardon ke lund milte rahenge , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस दिन मेरे लिए ख़ुशी का दिन था। मेरा निकाह होने वाला था। बात चीत चल रही थी। उम्मीद यही थी की आज ही बात पक्की हो जाएगी। मेरी उम्र उस समय २२ साल की हो गयी थी और मैं भी जल्दी से जल्दी शादी करने के मूड में आ गयी थी। इसका एक सबसे बड़ा कारण था। अभी तक मैं चोरी छिपे लोगों के लण्ड पकड़ती हूँ , लण्ड चाटती चूसती हूँ, लण्ड मुंह में लेकर पीती हूँ और चुदवाती भी हूँ । मुझे लण्ड का सड़का मारना बड़ा अच्छा लगता है और जब मेरी शादी हो जाएगी तो मैं खुले आम लोगों के लण्ड का सड़का मारा करूंगी उनसे चुदवाया करूंगी, उनके लण्ड पकड़ पकड़ कर चूसा करूंगी, ग़ैर मर्दों के लण्ड अपनी बुर में पेला करूंगी जैसा मेरी अम्मी करतीं हैं। मेरी अम्मी मेरे अब्बू से नहीं बल्कि गैर मर्दों से ही चुदवाती हैं। उनके लण्ड पीती हैं और सड़का मारती हैं। मैं भी वही करूंगी और खुल्लम खुल्ला करूंगी। सड़का मारूंगी, लण्ड पियूँगी, बुर चुदवाऊंगी तब आएगा ज़िन्दगी का असली मज़ा। मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी। तभी मेरी अम्मी आ गयी और मुझे खुश खबरी सुनाने लगीं।
वह बोली - मुबारक हो हसीना तेरा निकाह तय हो गया है। तेरा होने वाला शौहर मेरा सबसे छोटा भाई है ?
मैंने कहा - हाय अल्ला, तब तो तू मेरी नन्द हो गयी अम्मी जान ?
अम्मी के मुंह से मस्ती में निकला - तेरी नन्द की बिटिया की बुर ? तेरी माँ की बेटी की चूत ? तू हो गयी है मेरी भाभी ? अब तो मैं रोज़ ही चोदूँगी भाभी की बुर ?
मैंने भी मस्ती में जबाब दिया - तेरी भाभी की माँ का भोसड़ा ? तेरी बेटी की माँ की चूत अम्मी जान ? अब तो तू हो गयी है मेरी नन्द ? अब तो मैं रोज़ ही चोदूँगी नन्द की बुर ?
अम्मी ने कहा - तू तो मादर चोद बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है हसीना ?
मैंने कहा - तू तो बहन चोद मुझसे भी ज्यादा बुर चोदी है मेरी हरामजादी अम्मी जान, समीना बेगम ? मैं एक बात तो भूल ही गयी अम्मी जान। तू अगर मेरी नन्द है तो अब्बू जान मेरे नंदोई हुए। उसका लण्ड पकड़ना तो मेरा हक़ है अम्मी ?
अम्मी ने कहा - हां हां तो पकड़ो न उसका लण्ड ? किस भोसड़ी वाली ने तुम्हे मना किया है। पकड़ो ही नहीं बल्कि लौड़ा अपनी चूत में भी घुसा लो तो भी कोई गलत नहीं है मेरी बुर चोदी हसीना भाभी साहिबा ?
मैंने कहा - तूने तो मेरी चूत में आग लगा दी है अम्मी। अब लौड़ा कौन पलेगा मेरी चूत में ?
पीछे से आवाज़ आयी - मैं पेलूँगा लौड़ा तेरी चूत में, हसीना ? हमने पीछे मुड़ कर देखा तो पहचान नहीं पाई ये कौन है ? पर अम्मी बोली अरे आदिल अंकल तुम कब आ गए ? मैं अम्मी के मुंह अंकल सुनकर हैरान हो गयी। ये आदमी तो अम्मी से बहुत छोटा है फिर अम्मी उसे अंकल कह रही हैं। मैंने पूंछा अम्मी ये कौन हैं ? अम्मी ने बताया ये आदिल हैं मेरे अब्बू के दूर के भाई जान लगतें हैं। तेरे तो यह होने वाला ससुर लगता है, हसीना ?
मैंने कहा - हाय दईया, मेरा होने वाला ससुर भोसड़ी का ऐसी बातें कह रहा है " मैं पेलूँगा लौड़ा तेरी चूत में हसीना"
आदिल अंकल ने कहा - मैं तो तेरी निकाह की मुबारकबाद देने आया था हसीना लेकिन जब मैंने आते ही तुम लोगों की गरमागरम बातें सुनी, प्यार भरी गालियां सुनी, एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलने की बातें सुनी तो मैं भी अपने आपको रोक न सका। मेरा भी लण्ड साला खड़ा हो गया। मैं भी जोश में आ गया। मेरा भी मन हुआ की मैं ही लण्ड घुसेड़ दूँ इसलिए मैंने कह दिया। अब मर्जी तुम्हारी है जो चाहो करो ?
मैंने कहा - नहीं अंकल मेरे होने वाले बहन चोद ससुर, मैं अपनी शादी के पहले तेरा लौड़ा पकड़ कर जरूर देखूँगी। और सुनो मेरी बुर में ही नहीं तुम मेरी माँ की बुर में भी लण्ड पेलोगे आज ही अभी मेरे सामने ?
ऐसा कह कर मैंने उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला। पैजामा नीचे गिर गया, अंकल नंगा हो गया और उसका लण्ड तन कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ लिया। लण्ड एकदम तन कर आसमान ताकने लगा। मेरा मुंह खुला और लण्ड मुंह के अंदर ? उधर अम्मी मेरे कपड़े उतार पर मेरी चूत सहलाने लगी। चूत में दो उंगलियां भी घुसेड़ दीं। और दूसरे हाथ से आदिल के पेल्हड़ भी सहलाने लगीं। मैं समझ गयी की आज ये मादर चोद अपनी होने वाली बहू की बुर लेगा। उधर मेरी नन्द भी मेरी बुर चोदने को तैयार बैठी है। इतने में अचानक मेरा खालू भी आ गया। आते ही बोला अरी हसीना मुबारक हो मैं तो रिश्ते में तेरा नंदोई हो गया। तब मेरे मुंह से निकला तो फिर आज न अपना लौड़ा खोल कर मेरे सामने ? मैं भी देखूं मेरे नंदोई का लौड़ा कितना बड़ा है बहन चोद ?
ऐसा कह कर मैंने उसकी लुंगी खींच ली तो वह नंगा हो गया। मैंने लपक कर उसका लण्ड पकड़ लिया। लण्ड हिलाया तो साला खड़ा हो गया। अम्मी ने कहा अब तो मैं ये भी लौड़ा घुसा दूँगी अपनी भौजई की बुर में ? मैंने कहा तो मैं क्या नन्द की बुर चाटती ही रहूंगी ? मैं भी पेलूँगी नन्द की बुर में लण्ड। तब तक आदिल ने लण्ड मे चूत में घुसा चोदने लगा। अम्मी खालू का लौड़ा चूसने लगीं। अम्मी ने थोड़ी देर में लण्ड मेरे मुंह में डाल दिया। मैं दो दो लण्ड का मज़ा लेने लगी। एक लण्ड मुंह में एक लण्ड बुर में। मैं मन ही मन कह रही थी की अभी मेरी शादी हुई नहीं है और मैं दो दो लण्ड से खेल रही हूँ। यह मेरे नसीब की बात है। जब शादी हो जाएगी तो जाने कितने लण्ड से एक साथ खेलूंगी। थोड़ी देर में खालू मुझे चोदने आदिल ने लण्ड अम्मी की बुर में घुसेड़ दिया। अम्मी भी मेरे साथ ही चुदवाने लगी। मैंने कहा वाओ, यह हुई कोई बात ? भाभी की बुर चुदेगी तो फिर नन्द की भी बुर चुदेगी।
हम दोनों एक दूसरे की गांड की तरफ मुंह किये हुए चुदवा रहीं थीं। मैंने मजाक में कहा मेरी बुर चोदी नन्द तू तो मेरे ससुर से चुदवा रही है यानी अपने बाप का लौड़ा पेले हुए है तू भोसड़ी वाली अपनी चूत में ? वह बोली तो क्या हुआ। चूत ससुरी कोई रिस्ता नहीं मानती। उसे तो लण्ड चाहिए बस लण्ड ? बाप हुआ तो क्या हुआ ? लण्ड साले मादर चोद सब बुर चोदने के लिए ही बने हैं। और तू तो अपने नंदोई का लण्ड सरे आम पेले हुए है अपनी चूत में। कितनी बेशर्म है तू और तेरी बुर चोदी बुर ? हम दोनों की इस तरह की गन्दी गन्दी बातें सुनकर उन दोनों के लण्ड साले और टन टना गए जिससे चुदाई का मज़ा दूना हो गया। मेरे मन में आया की मैं शादी के बाद सब लोगों से इसी तरह धकाधक चुदवाऊंगी। सबके लण्ड बहन चोद पेलूँगी अपनी बुर में ? थोड़ी देर बाद दोनों झड़ते हुए लण्ड पीने का मज़ा अपने आप में बड़ा मजेदार था। हम दोनों मिलकर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगीं। हम सब कपड़े पहन भी नहीं पाए थे की हमारी खाला अपनी बेटी के साथ आ गयीं।
खाला बोली - अरी हसीना, हम सब बहने तो तेरी नन्द हो गयीं यार ? तू बुर चोदी मेरी भाभी हो गयी।
खाला की बेटी सारा ने कहा - अरे हसीना तू मेरी बहन लगती है रिश्ते में ? तो इसका मतलब मेरी अम्मी भी मेरी नन्द हो गयी। अगर ऐसा है तो नन्द की बिटिया की बुर बहन चोद ?
खाला बोली - हां है तो ऐसा ही ? सारा, तू मेरी भाभी हुई और भाभी की माँ का भोसड़ा ? अब तो सारा मैं तेरी बुर चोदूँगी भाभी जान ?
सारा बोली - मैं भी तेरी बुर नहीं छोडूंगी। घुसेड़ दूँगी हाथ भर का लण्ड तेरी चूत में नन्द रानी ? अभी तक तो माँ का भोसड़ा चुदवाया करती थी अब आज से अपनी नन्द की बुर चुदवाया करूंगी।
खाला ने कहा - मैं भी अभी तक बेटी की बुर चुदवाती थी अब आज से भाभी की बुर में लौड़ा घुसेड़ा करूंगी। इससे पहले की मैं कहानी आगे बढ़ाऊं मैं आपको बनाता चाहूंगी की मैं अम्मी जान से कैसे खुल गयी ? मैं उस समय १९ साल की थी। मुझे लण्ड पीने की जबरदस्त आदत पड़ गयी थी। एक दिन मैंने समझा की मैं अकेली हूँ अम्मी जान घर पर नहीं है तो मैंने अपने एक दोस्त को बुरका पहनाकर बुला लिया। वह जब आया तो मैंने उसके सामने एकदम नंगी हो गयी और उसे भी नंगा कर दिया। मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी और लण्ड जब पूरा खड़ा हो गया तो मैंने उसे मुँह में डाल कर चूसने लगी। थोड़ी देर में मैं बाथ रूम जाने के लिए उठी तो लौटते समय मुझे अम्मी के कमरे की आवाज़ सुनाई पड़ी तो मैं झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की अम्मी जान तो खुद ही नंगी नंगी किसी आदमी का लण्ड पी रही हैं। मैंने अम्मी को डिस्टर्ब नहीं किया और कुछ बोली भी नहीं। मैं चुपचाप वापस आकर लण्ड पीने लगी। लेकिन मेरी लण्ड पीने की हिम्मत बढ़ गई।
थोड़ी देर में अम्मी मेरे कमरे में आ गयी और बोली अरी हसीना तेरे पास इतना बढ़िया लण्ड है। मुझे पहले बताया होता तो मैं इसे अपने मुंह में डाल कर पी लेती। मज़ा ले लेती तेरे दोस्त के लण्ड का ?
मैंने कहा - अम्मी जान अगर तुमने मुझे बताया होता तो मैं भी तेरे दोस्त का लण्ड पीकर मज़ा लूट लेती ?
वह बोली - तो फिर माँ की लौड़ी आ जा न और पी ले मेरे दोस्त का लण्ड बहन चोद ? अब छुपाने से क्या होता है ? तेरी माँ की चूत, मुझे क्या मालूम था की तू भोसड़ी वाली लण्ड की इतनी दीवानी हो गई है।
मैंने कहा - तेरी बिटिया की बुर अम्मी जान ? मुझे क्या मालूम था की तू अकेले अकेले ही लण्ड का मज़ा लूटेगी। मैं तो १५ साल की उम्र से लण्ड पी रही हूँ, अम्मी ?
अम्मी ने कहा - अच्छा बुर चोदी हसीना तू जा मेरे कमरे में और मेरे दोस्त का लण्ड पकड़, मैं तेरे दोस्त का लण्ड पकड़ कर आती हूँ।
हम दोनों जब एक ही कमरे में आ गयी तो अम्मी ने कहा ले ठोंक दे अपने दोस्त का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में हसीना ? मैंने भी कहा, तू भी ठोंक दे अपने दोस्त का लण्ड अपनी बिटिया की बुर में ? हुआ भी यही और फिर हम दोनों एक दूसरे की बुर चोदने लगीं।
मैंने कहा - अम्मी तेरी बेटी की माँ की चूत ? तू सच में बहुत बड़ी बुर चोदी है, समीना ।
वह बोली - बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं अगर बुर चोदी हूँ तो तू महा बुर चोदी है, हसीना ?
उस दिन हम दोनों एक दूसरे से बुरी तरह खुल गयीं। दोस्तों, मेरी शादी तय हो जाने के बाद जो रिश्ते बने वो बड़े नाज़े दार हो गए। मेरी अम्मी मेरी नन्द बन गयी और मैं उसकी भाभी। मैंने अभी अभी दूर के रिश्ते से होने वाले ससुर से चुदवाया और अपने खालू से भी चुदवाया जो अब मेरा नंदोई होने वाला है।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गई और हमारे नए रिश्ते कायम हो गए। मेरी अम्मी मेरी नन्द हो गई और मैं उसकी भाभी। इसी तरह सारे रिश्ते नए बन गए और मेरा अब्बू भी मेरा नंदोई बन गया।
शादी के बाद मेरी सुहागरात घर पर ही हुई। मैंने अपने शौहर का लण्ड पकड़ा, लण्ड चूमा , लण्ड चाटा फिर उसे मुंह में लेकर चूसा। उसने पूंछा की तुम शादी के पहले लण्ड पी चुकी हो ? चुदवा चुकी हो ? मैंने कुछ सोंचा नहीं बल्कि सच सच बता दिया की हां मैंने कई लण्ड पकड़े हैं, चूसे हैं, और कई लोगों से चुदवाया भी है। वह नाराज़ नहीं हुआ बल्कि मेरी सच्चाई पर खुश हुआ और बोला की मैं भी कई लड़कियां चोद चुका हूँ, कई लड़कियों की माँ चोद चुका हूँ। और हां देखो अब अगर तुम्हे कोई मेरा दोस्त चोदे तो चुदवा लेना ? क्योंकि मैं भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ। मैं इस बात से बहुत खुश हुई की मुझे भी ग़ैर मर्दों के लण्ड मिलते रहेंगें। रात को वह मुझे चोद कर चला गया।
उसके एक घंटे के बाद मेरी नन्द आ गयी। मैं उसे देख कर हैरान हो गई। वह लगभग एकदम नंगी ही थी।
मैंने कहा - तू तो बिलकुल मेरी ही तरह चुदवाती है मेरी बुर चोदी, नन्द रानी ?
वह बोली - हां भाभी जान तू भी बिलकुल मेरी तरह ही लण्ड पेलवाती है अपनी चूत में ?
तब तक किसी ने कहा - तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा बहू रानी, अब तू मेरी तरह चुदवा ?
मैंने देखा की वह मेरी सास थी।
तभी मेरी नन्द बोली - भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर ? तू अपनी सास की तरह नहीं अपनी नन्द की तरह चुदवा ?
इस तरह हम सब मिलकर चुदवाने लगी।
उस दिन मेरे लिए ख़ुशी का दिन था। मेरा निकाह होने वाला था। बात चीत चल रही थी। उम्मीद यही थी की आज ही बात पक्की हो जाएगी। मेरी उम्र उस समय २२ साल की हो गयी थी और मैं भी जल्दी से जल्दी शादी करने के मूड में आ गयी थी। इसका एक सबसे बड़ा कारण था। अभी तक मैं चोरी छिपे लोगों के लण्ड पकड़ती हूँ , लण्ड चाटती चूसती हूँ, लण्ड मुंह में लेकर पीती हूँ और चुदवाती भी हूँ । मुझे लण्ड का सड़का मारना बड़ा अच्छा लगता है और जब मेरी शादी हो जाएगी तो मैं खुले आम लोगों के लण्ड का सड़का मारा करूंगी उनसे चुदवाया करूंगी, उनके लण्ड पकड़ पकड़ कर चूसा करूंगी, ग़ैर मर्दों के लण्ड अपनी बुर में पेला करूंगी जैसा मेरी अम्मी करतीं हैं। मेरी अम्मी मेरे अब्बू से नहीं बल्कि गैर मर्दों से ही चुदवाती हैं। उनके लण्ड पीती हैं और सड़का मारती हैं। मैं भी वही करूंगी और खुल्लम खुल्ला करूंगी। सड़का मारूंगी, लण्ड पियूँगी, बुर चुदवाऊंगी तब आएगा ज़िन्दगी का असली मज़ा। मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी। तभी मेरी अम्मी आ गयी और मुझे खुश खबरी सुनाने लगीं।
वह बोली - मुबारक हो हसीना तेरा निकाह तय हो गया है। तेरा होने वाला शौहर मेरा सबसे छोटा भाई है ?
मैंने कहा - हाय अल्ला, तब तो तू मेरी नन्द हो गयी अम्मी जान ?
अम्मी के मुंह से मस्ती में निकला - तेरी नन्द की बिटिया की बुर ? तेरी माँ की बेटी की चूत ? तू हो गयी है मेरी भाभी ? अब तो मैं रोज़ ही चोदूँगी भाभी की बुर ?
मैंने भी मस्ती में जबाब दिया - तेरी भाभी की माँ का भोसड़ा ? तेरी बेटी की माँ की चूत अम्मी जान ? अब तो तू हो गयी है मेरी नन्द ? अब तो मैं रोज़ ही चोदूँगी नन्द की बुर ?
अम्मी ने कहा - तू तो मादर चोद बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है हसीना ?
मैंने कहा - तू तो बहन चोद मुझसे भी ज्यादा बुर चोदी है मेरी हरामजादी अम्मी जान, समीना बेगम ? मैं एक बात तो भूल ही गयी अम्मी जान। तू अगर मेरी नन्द है तो अब्बू जान मेरे नंदोई हुए। उसका लण्ड पकड़ना तो मेरा हक़ है अम्मी ?
अम्मी ने कहा - हां हां तो पकड़ो न उसका लण्ड ? किस भोसड़ी वाली ने तुम्हे मना किया है। पकड़ो ही नहीं बल्कि लौड़ा अपनी चूत में भी घुसा लो तो भी कोई गलत नहीं है मेरी बुर चोदी हसीना भाभी साहिबा ?
मैंने कहा - तूने तो मेरी चूत में आग लगा दी है अम्मी। अब लौड़ा कौन पलेगा मेरी चूत में ?
पीछे से आवाज़ आयी - मैं पेलूँगा लौड़ा तेरी चूत में, हसीना ? हमने पीछे मुड़ कर देखा तो पहचान नहीं पाई ये कौन है ? पर अम्मी बोली अरे आदिल अंकल तुम कब आ गए ? मैं अम्मी के मुंह अंकल सुनकर हैरान हो गयी। ये आदमी तो अम्मी से बहुत छोटा है फिर अम्मी उसे अंकल कह रही हैं। मैंने पूंछा अम्मी ये कौन हैं ? अम्मी ने बताया ये आदिल हैं मेरे अब्बू के दूर के भाई जान लगतें हैं। तेरे तो यह होने वाला ससुर लगता है, हसीना ?
मैंने कहा - हाय दईया, मेरा होने वाला ससुर भोसड़ी का ऐसी बातें कह रहा है " मैं पेलूँगा लौड़ा तेरी चूत में हसीना"
आदिल अंकल ने कहा - मैं तो तेरी निकाह की मुबारकबाद देने आया था हसीना लेकिन जब मैंने आते ही तुम लोगों की गरमागरम बातें सुनी, प्यार भरी गालियां सुनी, एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलने की बातें सुनी तो मैं भी अपने आपको रोक न सका। मेरा भी लण्ड साला खड़ा हो गया। मैं भी जोश में आ गया। मेरा भी मन हुआ की मैं ही लण्ड घुसेड़ दूँ इसलिए मैंने कह दिया। अब मर्जी तुम्हारी है जो चाहो करो ?
मैंने कहा - नहीं अंकल मेरे होने वाले बहन चोद ससुर, मैं अपनी शादी के पहले तेरा लौड़ा पकड़ कर जरूर देखूँगी। और सुनो मेरी बुर में ही नहीं तुम मेरी माँ की बुर में भी लण्ड पेलोगे आज ही अभी मेरे सामने ?
ऐसा कह कर मैंने उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला। पैजामा नीचे गिर गया, अंकल नंगा हो गया और उसका लण्ड तन कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ लिया। लण्ड एकदम तन कर आसमान ताकने लगा। मेरा मुंह खुला और लण्ड मुंह के अंदर ? उधर अम्मी मेरे कपड़े उतार पर मेरी चूत सहलाने लगी। चूत में दो उंगलियां भी घुसेड़ दीं। और दूसरे हाथ से आदिल के पेल्हड़ भी सहलाने लगीं। मैं समझ गयी की आज ये मादर चोद अपनी होने वाली बहू की बुर लेगा। उधर मेरी नन्द भी मेरी बुर चोदने को तैयार बैठी है। इतने में अचानक मेरा खालू भी आ गया। आते ही बोला अरी हसीना मुबारक हो मैं तो रिश्ते में तेरा नंदोई हो गया। तब मेरे मुंह से निकला तो फिर आज न अपना लौड़ा खोल कर मेरे सामने ? मैं भी देखूं मेरे नंदोई का लौड़ा कितना बड़ा है बहन चोद ?
ऐसा कह कर मैंने उसकी लुंगी खींच ली तो वह नंगा हो गया। मैंने लपक कर उसका लण्ड पकड़ लिया। लण्ड हिलाया तो साला खड़ा हो गया। अम्मी ने कहा अब तो मैं ये भी लौड़ा घुसा दूँगी अपनी भौजई की बुर में ? मैंने कहा तो मैं क्या नन्द की बुर चाटती ही रहूंगी ? मैं भी पेलूँगी नन्द की बुर में लण्ड। तब तक आदिल ने लण्ड मे चूत में घुसा चोदने लगा। अम्मी खालू का लौड़ा चूसने लगीं। अम्मी ने थोड़ी देर में लण्ड मेरे मुंह में डाल दिया। मैं दो दो लण्ड का मज़ा लेने लगी। एक लण्ड मुंह में एक लण्ड बुर में। मैं मन ही मन कह रही थी की अभी मेरी शादी हुई नहीं है और मैं दो दो लण्ड से खेल रही हूँ। यह मेरे नसीब की बात है। जब शादी हो जाएगी तो जाने कितने लण्ड से एक साथ खेलूंगी। थोड़ी देर में खालू मुझे चोदने आदिल ने लण्ड अम्मी की बुर में घुसेड़ दिया। अम्मी भी मेरे साथ ही चुदवाने लगी। मैंने कहा वाओ, यह हुई कोई बात ? भाभी की बुर चुदेगी तो फिर नन्द की भी बुर चुदेगी।
हम दोनों एक दूसरे की गांड की तरफ मुंह किये हुए चुदवा रहीं थीं। मैंने मजाक में कहा मेरी बुर चोदी नन्द तू तो मेरे ससुर से चुदवा रही है यानी अपने बाप का लौड़ा पेले हुए है तू भोसड़ी वाली अपनी चूत में ? वह बोली तो क्या हुआ। चूत ससुरी कोई रिस्ता नहीं मानती। उसे तो लण्ड चाहिए बस लण्ड ? बाप हुआ तो क्या हुआ ? लण्ड साले मादर चोद सब बुर चोदने के लिए ही बने हैं। और तू तो अपने नंदोई का लण्ड सरे आम पेले हुए है अपनी चूत में। कितनी बेशर्म है तू और तेरी बुर चोदी बुर ? हम दोनों की इस तरह की गन्दी गन्दी बातें सुनकर उन दोनों के लण्ड साले और टन टना गए जिससे चुदाई का मज़ा दूना हो गया। मेरे मन में आया की मैं शादी के बाद सब लोगों से इसी तरह धकाधक चुदवाऊंगी। सबके लण्ड बहन चोद पेलूँगी अपनी बुर में ? थोड़ी देर बाद दोनों झड़ते हुए लण्ड पीने का मज़ा अपने आप में बड़ा मजेदार था। हम दोनों मिलकर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगीं। हम सब कपड़े पहन भी नहीं पाए थे की हमारी खाला अपनी बेटी के साथ आ गयीं।
खाला बोली - अरी हसीना, हम सब बहने तो तेरी नन्द हो गयीं यार ? तू बुर चोदी मेरी भाभी हो गयी।
खाला की बेटी सारा ने कहा - अरे हसीना तू मेरी बहन लगती है रिश्ते में ? तो इसका मतलब मेरी अम्मी भी मेरी नन्द हो गयी। अगर ऐसा है तो नन्द की बिटिया की बुर बहन चोद ?
खाला बोली - हां है तो ऐसा ही ? सारा, तू मेरी भाभी हुई और भाभी की माँ का भोसड़ा ? अब तो सारा मैं तेरी बुर चोदूँगी भाभी जान ?
सारा बोली - मैं भी तेरी बुर नहीं छोडूंगी। घुसेड़ दूँगी हाथ भर का लण्ड तेरी चूत में नन्द रानी ? अभी तक तो माँ का भोसड़ा चुदवाया करती थी अब आज से अपनी नन्द की बुर चुदवाया करूंगी।
खाला ने कहा - मैं भी अभी तक बेटी की बुर चुदवाती थी अब आज से भाभी की बुर में लौड़ा घुसेड़ा करूंगी। इससे पहले की मैं कहानी आगे बढ़ाऊं मैं आपको बनाता चाहूंगी की मैं अम्मी जान से कैसे खुल गयी ? मैं उस समय १९ साल की थी। मुझे लण्ड पीने की जबरदस्त आदत पड़ गयी थी। एक दिन मैंने समझा की मैं अकेली हूँ अम्मी जान घर पर नहीं है तो मैंने अपने एक दोस्त को बुरका पहनाकर बुला लिया। वह जब आया तो मैंने उसके सामने एकदम नंगी हो गयी और उसे भी नंगा कर दिया। मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी और लण्ड जब पूरा खड़ा हो गया तो मैंने उसे मुँह में डाल कर चूसने लगी। थोड़ी देर में मैं बाथ रूम जाने के लिए उठी तो लौटते समय मुझे अम्मी के कमरे की आवाज़ सुनाई पड़ी तो मैं झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की अम्मी जान तो खुद ही नंगी नंगी किसी आदमी का लण्ड पी रही हैं। मैंने अम्मी को डिस्टर्ब नहीं किया और कुछ बोली भी नहीं। मैं चुपचाप वापस आकर लण्ड पीने लगी। लेकिन मेरी लण्ड पीने की हिम्मत बढ़ गई।
थोड़ी देर में अम्मी मेरे कमरे में आ गयी और बोली अरी हसीना तेरे पास इतना बढ़िया लण्ड है। मुझे पहले बताया होता तो मैं इसे अपने मुंह में डाल कर पी लेती। मज़ा ले लेती तेरे दोस्त के लण्ड का ?
मैंने कहा - अम्मी जान अगर तुमने मुझे बताया होता तो मैं भी तेरे दोस्त का लण्ड पीकर मज़ा लूट लेती ?
वह बोली - तो फिर माँ की लौड़ी आ जा न और पी ले मेरे दोस्त का लण्ड बहन चोद ? अब छुपाने से क्या होता है ? तेरी माँ की चूत, मुझे क्या मालूम था की तू भोसड़ी वाली लण्ड की इतनी दीवानी हो गई है।
मैंने कहा - तेरी बिटिया की बुर अम्मी जान ? मुझे क्या मालूम था की तू अकेले अकेले ही लण्ड का मज़ा लूटेगी। मैं तो १५ साल की उम्र से लण्ड पी रही हूँ, अम्मी ?
अम्मी ने कहा - अच्छा बुर चोदी हसीना तू जा मेरे कमरे में और मेरे दोस्त का लण्ड पकड़, मैं तेरे दोस्त का लण्ड पकड़ कर आती हूँ।
हम दोनों जब एक ही कमरे में आ गयी तो अम्मी ने कहा ले ठोंक दे अपने दोस्त का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में हसीना ? मैंने भी कहा, तू भी ठोंक दे अपने दोस्त का लण्ड अपनी बिटिया की बुर में ? हुआ भी यही और फिर हम दोनों एक दूसरे की बुर चोदने लगीं।
मैंने कहा - अम्मी तेरी बेटी की माँ की चूत ? तू सच में बहुत बड़ी बुर चोदी है, समीना ।
वह बोली - बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं अगर बुर चोदी हूँ तो तू महा बुर चोदी है, हसीना ?
उस दिन हम दोनों एक दूसरे से बुरी तरह खुल गयीं। दोस्तों, मेरी शादी तय हो जाने के बाद जो रिश्ते बने वो बड़े नाज़े दार हो गए। मेरी अम्मी मेरी नन्द बन गयी और मैं उसकी भाभी। मैंने अभी अभी दूर के रिश्ते से होने वाले ससुर से चुदवाया और अपने खालू से भी चुदवाया जो अब मेरा नंदोई होने वाला है।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गई और हमारे नए रिश्ते कायम हो गए। मेरी अम्मी मेरी नन्द हो गई और मैं उसकी भाभी। इसी तरह सारे रिश्ते नए बन गए और मेरा अब्बू भी मेरा नंदोई बन गया।
शादी के बाद मेरी सुहागरात घर पर ही हुई। मैंने अपने शौहर का लण्ड पकड़ा, लण्ड चूमा , लण्ड चाटा फिर उसे मुंह में लेकर चूसा। उसने पूंछा की तुम शादी के पहले लण्ड पी चुकी हो ? चुदवा चुकी हो ? मैंने कुछ सोंचा नहीं बल्कि सच सच बता दिया की हां मैंने कई लण्ड पकड़े हैं, चूसे हैं, और कई लोगों से चुदवाया भी है। वह नाराज़ नहीं हुआ बल्कि मेरी सच्चाई पर खुश हुआ और बोला की मैं भी कई लड़कियां चोद चुका हूँ, कई लड़कियों की माँ चोद चुका हूँ। और हां देखो अब अगर तुम्हे कोई मेरा दोस्त चोदे तो चुदवा लेना ? क्योंकि मैं भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ। मैं इस बात से बहुत खुश हुई की मुझे भी ग़ैर मर्दों के लण्ड मिलते रहेंगें। रात को वह मुझे चोद कर चला गया।
उसके एक घंटे के बाद मेरी नन्द आ गयी। मैं उसे देख कर हैरान हो गई। वह लगभग एकदम नंगी ही थी।
- आते ही बोली - कैसा रहा मेरे भाई जान का लण्ड भाभी जान ? पसंद आया तुम्हे मेरे भाई जान का लण्ड भाभी ?
- मैंने कहा - हां लण्ड तो बहुत बढ़िया है यार , मुझे मज़ा भी आया और लण्ड पसंद भी आया।
- अच्छा भाभी जान अब तुम मेरे देवर का लण्ड पकड़ लो प्लीज। वह तुम्हे चोदने के लिए बड़ा बेताब है ?
- अच्छा, क्या उसने तुम्हे चोदा ? तो कई बार चुदवा चुकी हूँ। अभी तो मैं अपने नंदोई से चुदवा रही थी और यह मेरे सामने मेरी दीदी की बुर चोद रहा था। मेरी दीदी मेरे खालू से चुदवा रहीं थीं और खाला अपने जीजू का लण्ड पी रही थी।
- हाय दईया तो क्या तेरे घर में ऐसा ही होता है ? लोग अपनी नहीं दूसरे की बीवी चोदते हैं।
- हां भाभी जान यहाँ सब चलता है। यहाँ का रिवाज़ है की जब किसी की सुहागरात होती है तो फिर पूरे घर में भी सुहागरात होती है। लोग एक दूसरे की बीवी खुल्लम खुल्ला चोदते हैं। आज रात को यही सब हो रहा था। अब सवेरे होने वाला है प्लीज तुम मेरे देवर से चुदवा लो भाभी ? मैं भी अपने मामू जान का लौड़ा चूसने जा रही हूँ।
- जा क्यों रही हो ? अपने मामू जान को यही बुला लो और मेरे सामने ही पियो उसका लण्ड ? मुझे बहुत अच्छा लगेगा। लेकिन इस बात से कहीं तेरी माँ यानी मेरी सास नाराज़ तो यही हो जायेगीं, नन्द रानी ?
- तेरी बुर चोदी सास का भोसड़ा ? तेरी सास की बेटी की बुर ? वह भोसड़ी वाली कुछ नहीं कह सकती ? वह तो खुद मेरे मियां का लौड़ा अपनी चूत में घुसेड़े हुए चुदवा रही है। उसे किसी से भी चुदवाने से कोई परहेज नहीं है भाभी जान ? वो तो खुद किसी दिन तेरी चूत में लौड़ा पेल देगी।
- अच्छा तो अब बुला ले अपने देवर को मुझे चोदने के लिए।
मैंने कहा - तू तो बिलकुल मेरी ही तरह चुदवाती है मेरी बुर चोदी, नन्द रानी ?
वह बोली - हां भाभी जान तू भी बिलकुल मेरी तरह ही लण्ड पेलवाती है अपनी चूत में ?
तब तक किसी ने कहा - तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा बहू रानी, अब तू मेरी तरह चुदवा ?
मैंने देखा की वह मेरी सास थी।
तभी मेरी नन्द बोली - भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर ? तू अपनी सास की तरह नहीं अपनी नन्द की तरह चुदवा ?
इस तरह हम सब मिलकर चुदवाने लगी।
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