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फटी निक्कर से मिला चोदने का मौका Fati nikkar se mila chodne ka mauka
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यारों मुझे बताते हुए भी शर्म आ रही है लेकिन जब सभी लोग अपनी - अपनी बातें बता रहें है तो मैं भी अपने आप को रोक नहीं पा रहा हूँ. यह मेरे साथ हुई एक सच्ची कहानी है. मेरी उम्र 23 साल है. गर्मियों के दिन थे और मैं गर्मियों में गर्मी के कारण केवल निक्कर और टी शर्ट ही पहनता हूँ. एक बार मैं शाम के समय मेरे एक पड़ोसी के घर गया हुआ था. उस समय वहां पर रोंकी अकेली ही थी. उसके घर के सभी सदस्य अब तक खेत से नहीं आए थे. रोंकी ने मुझसे चाय के लिए पूछा तो मैंने इंकार कर दिया. रोंकी ने कहा कि वह चाय पीना चाहती है लेकिन वह केवल स्वयं के लिए चाय नहीं बनाएगी लेकिन यदि मैं भी चाय ले लूँ तो इससे उसकी भी चाय की इच्छा पूरी हो जाएगी इसलिए मैंने भी चाय पिने के लिए हाँ कर दी. रोंकी ने मुझे बैठने के लिए कहा और स्वयं चाय बनाने लगी.
यारों मुझे बताते हुए भी शर्म आ रही है लेकिन जब सभी लोग अपनी - अपनी बातें बता रहें है तो मैं भी अपने आप को रोक नहीं पा रहा हूँ. यह मेरे साथ हुई एक सच्ची कहानी है. मेरी उम्र 23 साल है. गर्मियों के दिन थे और मैं गर्मियों में गर्मी के कारण केवल निक्कर और टी शर्ट ही पहनता हूँ. एक बार मैं शाम के समय मेरे एक पड़ोसी के घर गया हुआ था. उस समय वहां पर रोंकी अकेली ही थी. उसके घर के सभी सदस्य अब तक खेत से नहीं आए थे. रोंकी ने मुझसे चाय के लिए पूछा तो मैंने इंकार कर दिया. रोंकी ने कहा कि वह चाय पीना चाहती है लेकिन वह केवल स्वयं के लिए चाय नहीं बनाएगी लेकिन यदि मैं भी चाय ले लूँ तो इससे उसकी भी चाय की इच्छा पूरी हो जाएगी इसलिए मैंने भी चाय पिने के लिए हाँ कर दी. रोंकी ने मुझे बैठने के लिए कहा और स्वयं चाय बनाने लगी.
चाय बनने के बाद जब वह चाय लेकर आई तो वह मेरी तरफ देखकर हंसने लगी. मैंने उससे पूछा कि आज उसे मुझ में ऐसा क्या नजर आया जो इस तरह हंस रही है. उसने कुछ भी नहीं बोला और मुझे चाय देकर मेरे सामने वाली चारपाई पर बैठ गई और मेरी तरफ देख - देख कर हंसती रही. मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि मामला क्या है. हम दोनों ने चाय पी ली. अब भी वो हंस रही थी. मैंने उसे कहा कि प्लीज बताओ तो बात क्या है. उसने कहा कि अपनी निक्कर के नीचे देखों. मैंने जब अपनी निक्कर के नीचे देखा तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गई. मेरी निक्कर नीचे से फटी हुई थी और मेरा पूरा लंड बाहर निकल कर लटक रहा था. मैं एकदम से खड़ा हो गया और उससे कहा कि मुझे इस बारे में पता ही नहीं था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
वो एक बार फिर हंसी और बोली - मैं जानती हूँ तुम ये सब जानबूझकर कर रहें थे. मैं अभी तुम्हारे घर जाकर यह सब बताउंगी.
यह सुनकर मेरे तो होश ही उड़ गए और मैंने उससे कहा - नहीं ऐसा मत करना, मैं कसम खाकर कहता हूँ कि इसके बारे में मुझे बिलकुल भी पता नहीं था.
वो बोली - एक शर्त पर मैं तुम्हें छोड़ सकती हूँ.
मैंने झट से कहा - कौनसी शर्त?
वो बोली - मैं जो कहूँगी वो करना पड़ेगा.
मैंने कुछ भी सोचने में समय ना गवाते हुए कहा - आप जो कहेंगी मैं वो करने के लिए तैयार हूँ.
वो मुझे अंदर ले गई और खड़े - खड़े उसने मेरी फटी हुई निक्कर में हाथ देकर मेरे लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया और अपनी सलवार निकाल कर मेरा हाथ अपनी चूत पर लगा कर सहलाने के लिए कहा. मैं एक गुलाम की तरह उसकी चूत को अपने हाथ से मसलने लगा और वो मेरे लंड को बाहर निकाल कर मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी. अब मेरा लंड उसके नर्म हाथ की रगड़ के कारण पूरा तन गया था और उसकी चूत भी मेरे हाथ की रगड़ के कारण गीली होने लगी थी. अब वो पागल सी हो गई और एकदम मेरे शरीर से चिपक है और अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
उसने कहा कि अब वह और इन्तजार नहीं कर सकती इसलिए लंड को मेरी चूत में डाल दो. यह कह कर उसने खुद ही मेरी निक्कर निकाल दी, मैंने उसे झट से घोड़ी बनाया और पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा. आआअह्हह्हह्ह यायायाय्यायाय जूऊऊऊओर सेएएएए क्क्कक्क्करररओ म्म्म्मरररर गगईईईइ आआआअ हाएएएए कि आवाजे करने लगी. उसने और तेजी से धक्के मारने के लिए कहा तो मैं और तेज धक्के मारने लगा और 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया. उसकी चूत भी इस दौरान कई बार गीली हो चुकी थी.
मैंने उसकी चूत से अपना लंड बाहर निकाल लिया. वो खड़ी हुई और मुझसे चिपक गई और मेरे होठों को चूमने और चूसने लगी मैं भी इसमें उसका पूरा साथ देने लगा. 7 - 8 मिनट तक हम दोनों एक दुसरे को चुमते रहे और होंठ चूसते रहे. इसके बाद मैंने उसका जम्फर निकाल दिया और मैं उसकी चुच्चियों को चूसने लगा वो आँखे बंद करके खड़ी रही. मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में घुसा कर आगे पीछे करनी शुरू कर दी. मैंने उसकी चुच्चियां चूसते हुए मेरा लंड उसके हाथ में दे दिया. वो मेरे लंड पर अपना हाथ फेरने लगी. कुछ ही मिनटों में मेरा लंड फिर से तन गया.
अब वो एक बार फिर से चुदने को तैयार थी और मैं उसे चोदने को. मैं पास में पड़े बेड पर लेट गया और उसे मेरे उपर बैठ कर मेरा लंड अपनी चूत में डालने को कहा. उसने वैसा ही किया. उसने मेरे उपर बैठ कर मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया और मेरे लंड पर उछल - उछल कर मुझे चोदना शुरू कर दिया. 10 मिनट में ही वो झड़ गई और मेरे ऊपर लेट गई लेकिन मैं अब तक झड़ा नहीं था, मैंने उसे लंड निकाले बिना ही पलट दिया और उसके ऊपर आ गया और लंड उसकी चूत में पेलने लगा. लगभग 15 मिनट तक फास्ट चुदाई करने के बाद मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
उसने मुझसे कहा कि वह तो बहुत पहले से कि मुझे चाहती थी लेकिन कह नहीं पा रही थी और आज मौका देखकर उससे रहा नहीं गया. इस चुदाई के बाद हमें जब भी मौका मिलता है हम अपना पानी निकाल लेते है. वह गाँव की सीधी भोली लड़की है इसलिए लंड चूसने, चूत, लंड और गांड चाटने - चटवाने और गांड मरवाने में दिलचस्पी नहीं रखती है उसे बस होठ चुसना - चुसवाना, लंड पर हाथ फेरना और चूत पर हाथ फिरवाना और चूत में लंड लेना ही अच्छा लगता है. उसकी यही अदाएं मुझे भी बहुत भाती है.
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