Home
» Chut chudai kahaniyan चूत गांड की चुदाई कहानी Chodan in india लंड चूसने के खेल
» नौकर ने की जवान छोटी बहन की चुदाई Nokar Ne ki Jawan chhoti Behen ki chudai
नौकर ने की जवान छोटी बहन की चुदाई Nokar Ne ki Jawan chhoti Behen ki chudai
नौकर ने की जवान छोटी बहन की चुदाई Nokar Ne ki Jawan chhoti Behen ki chudai , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आरसु है और मेरी उम्र 22 साल है. मेरी छोटी बहन जिसका नाम रीमा है और उम्र 18 साल है. मुझे पिछले एक हफ्ते से हमारे घर के नौकर बल्लू पर शक था की वो मेरी छोटी बहन के साथ सबंध रख रहा हैं. इसलिए मैं घर से निकलने का ढोंग कर के पिछले दरवाजे से वापस घर में घुस गया. मेन हॉल में बैठी मेरी छोटी बहन रीमा को पता नहीं था की मैं पीछे से चोरो की तरह घर में घुस चूका हूँ. आज मैं रीमा और बब्लू को रंगे हाथों पकड़ना चाहता था. आज मैंने घर मे ही छिप के उन्हें पकड़ने का फैसला किया था. मैं बाथरूम के पास स्टोररूम में जाने के रस्ते में छिप गया जहाँ अभी कोई आने वाला नहीं था. तभी मैंने देखा की बल्लू किचन से बाहर आया. रीमा हॉल में ही बैठी अखबार पढ़ रही थी. बल्लू ने हॉल में घुसते हुए पूछा, साहब गए क्या मेमसाब? रीमा बोली - हां तेरे साहब गए इसलिए अब मेमसाब कहना बंध कर दे. यह कहकर दोनों ही ठहाका लगा के हंस पड़े.
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आरसु है और मेरी उम्र 22 साल है. मेरी छोटी बहन जिसका नाम रीमा है और उम्र 18 साल है. मुझे पिछले एक हफ्ते से हमारे घर के नौकर बल्लू पर शक था की वो मेरी छोटी बहन के साथ सबंध रख रहा हैं. इसलिए मैं घर से निकलने का ढोंग कर के पिछले दरवाजे से वापस घर में घुस गया. मेन हॉल में बैठी मेरी छोटी बहन रीमा को पता नहीं था की मैं पीछे से चोरो की तरह घर में घुस चूका हूँ. आज मैं रीमा और बब्लू को रंगे हाथों पकड़ना चाहता था. आज मैंने घर मे ही छिप के उन्हें पकड़ने का फैसला किया था. मैं बाथरूम के पास स्टोररूम में जाने के रस्ते में छिप गया जहाँ अभी कोई आने वाला नहीं था. तभी मैंने देखा की बल्लू किचन से बाहर आया. रीमा हॉल में ही बैठी अखबार पढ़ रही थी. बल्लू ने हॉल में घुसते हुए पूछा, साहब गए क्या मेमसाब? रीमा बोली - हां तेरे साहब गए इसलिए अब मेमसाब कहना बंध कर दे. यह कहकर दोनों ही ठहाका लगा के हंस पड़े.
रीमा ने अखबार फेंका और वो उठ के बल्लू के पास आई. बल्लू ने अपने हाथ में रखा हुआ गमछा सोफे पर फेंका और रीमा को अपनी बाहों में भर लिया. कसम से ऐसा लगा की दिल में किसी ने खंजर चुभो दिया हो. मैं अपनी इस बहन के लिए अच्छे रिश्तो में से भी सब से अच्छे रिश्ते को छांटने की कोशिश में था और वो नौकर के साथ लगी हुई थी. मन तो किया की निकल के दोनों की गांड फोड़ दूँ लेकिन फिर मैंने सोचा की चलो देखता हूँ किस हद तक जाते हैं यह दोनों. बल्लू की बाँहों में जाते ही रीमा ने अपने होंठो से उसके गालो को चूमना चालू कर दिया. मुझे कितनी ग्लानी हुई वो मैं शब्दों में नहीं बता सकता. बल्लू ने रीमा के बूब्स दबाते हुए कहा, आरसु के सामने तो बड़ी शरीफ बनती हो और उसके जाते ही वापस मुझे ढूंढने लगती हो तुम. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
रीमा ने बल्लू के लंड को उसके पेंट में ही दबाते हुए कहा, अरे वो मेरा भाई हैं और मेरी देखभाल करता हैं मुझे इतनी तो सीमा रखनी पड़ेंगी ना.मुझे सुन के अच्छा लगा की वो मेरी कदर तो करती थी लेकिन फिर भी नौकर की बाँहों में और उसके लंड से खेल रही बहन किस को अच्छी लगेंगी.लेकिन उसके बाद जो हुआ वो तो अब तक जो हुआ उस से भी बुरा था! बल्लू ने रीमा को साइड में हटा के अपना लंड बाहर निकाला. बाप रे उसका लंड तो एकदम काला और मोटा था. उसके सुपाडा नाग की तरह था जो खड़े हुए लंड की वजह से फुल के किसी गिरगिट की माफक अपनी गरदन को ऊपर किये हुए था. बल्लू के लंड को रीमा ने अपने हाथ में लिया और उसे मुठ्ठी में दबाने लगी. बल्लू ने रीमा की छाती पर दोनों हाथ रख दिए और वो मेरी जवान बहन की छोटी छोटी चुन्चियों से खेलने लगा.
मैं खड़े खड़े अपनी बहन की चुदाई देख रहा था. बल्लू ने अब रीमा के होंठो पर अपने होंठो को लगा दिया और किस करने लगा. बल्लू ने उसके होंठो को अपने होंठो से लगा के रखा था और वो एक हाथ से अभी भी उसके लौड़े का मसाज कर रही थी. और वो काला लंड तो आकर में बढ़ता ही जा रहा था. मैंने सोचा की बाहर निकल के दोनों को झाड दूँ, लेकिन तभी मुझे रीमा के वो वाक्य याद आ गए. अब मैं नहीं चाहता था की मैं उसे अपने सामने बगावत करने पर मजबूर कर दूँ, वो मेरे से डर रही थी और मैं उसे ऐसे ही रखना चाहता था. मैं नहीं चाहता था की वो मेरे हाथो सेक्स करते पकड़ी जाएँ और फिर उसे मेरा कोई डर ही ना रहे. आप मेरी मनोस्थिति समझ सकते हो दोस्तों, मेरी मज़बूरी जिसने मुझे बहन का सेक्स दिखाया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
बल्लू ने अब अपने लंड को हाथ में पकड़ा और बोला, तुम्हारें मुह को ढूँढ रहा हैं ये तो! रीमा ने अपने हाथ से बल्लू को छाती पर मस्ती से मारा और वो अपने घुटनों के ऊपर बैठ गई. बल्लू उसके करीब आया और रीमा ने अपना मुह खोला. बल्लू ने फट से अपना लंड रीमा मुह में धर दिया. मेरे आश्चर्य के बिच मेरी बहन काले लंड को चूसने लगी. वही मुंह जिसे मैं चोकलेट खिलाता था अभी वो एक काला मोटा लंड चूस रहा था. रीमा ने बल्लू के टट्टे पकडे हुए थे और वो लंड को जोर जोर से अपने मुह में चला रही थी. बल्लू ने रीमा के बालों को पकड़ा हुआ था और वो उसके मुह में लंड से झटके दे रहा था. कसम से शर्मिंदा करने वाला द्रश्य था. अब मेरी मुश्किल यह थी की वो लोग मेरी साइड में खड़े हुए ही सेक्स कर रहे थे. जब मैं यहाँ छीपा तो रीमा की पीठ मेरी और थी और अब बब्लू का मुहं.
साला मैं तो यहाँ से सिर छिपा के भाग भी नहीं सकता था.बल्लू के काले लंड को 2 मिनट और चूसने के बाद रीमा ने उसे अपने मुह से निकाला. लंड के ऊपर ढेर सारा थूंक लगा हुआ था. बल्लू ने रीमा को खड़ा किया और दोनों वापस किस करने लगे.अब रीमा सोफे पर लेट गई और उसने अपनी स्कर्ट को खिंचा, अन्दर उसकी काली पेंटी थी जिसे बल्लू अपने हाथ से खींचने लगा. बहन की छोटी सी चूत देख के बल्लू ने अपने लंड को थोडा मर्दन किया. रीमा ने बल्लू के लंड को अपने हाथ में पकड़ा और बोली, आज तुम मेरी नहीं चाटोगे डार्लिंग?
नहीं आज मूड नहीं हैं! दोनों हंस पड़े क्यूंकि शायद बल्लू ने मजाक में वो कहा था. और वो सच में रीमा की चूत में अपना मुह लगा के उसे जोर जोर से चाटने लगा. रीमा आह आह ओह ओह कर रही थी और बल्लू के बालों को नोंच रही थी. बल्लू ने अब अपनी एक ऊँगली रीमा की चूत में डाली और उसे अन्दर बाहर करने लगा. रीमा की सिसकियाँ मेरे कानो में टकरा रही थी.बल्लू ने अब अपनी ऊँगली चूत से निकाल के रीमा के मुहं में डाली. रीमा ने अपनी ही चूत का स्वाद चखा उस ऊँगली को चाट के. अब बल्लू का लंड चूत लेने के लिए फड़क रहा था. उसने रीमा की टांगो को खोला और अपना सुपाडा चूत पर रख दिया. उसका लंड मोटा था इसलिए चूत में जाने में कष्ट होना ही था. रीमा ने अपने हाथ से लंड को पकड के उसे चूत पर सही सेट किया. बल्लू ने एक झटके में आधा लंड अन्दर कर दिया. मुझे तो लगा था की रीमा रो पड़ेंगी लेकिन उसके चहरे पर सिर्फ हल्का सा दुःख का भाव आया और उसने लंड चूत में सही तरह से ले लिया.
इसका मतलब रीमा लंडखोर थी और उसके लिए लोडा चूत में लेना कुछ नया नहीं था. बल्लू निचे झुका और रीमा के बूब्स चूसने लगा.. फिर अपनी कमर को एक झटका और दे के उसने लंड पूरा अन्दर कर दिया. रीमा ने अपने हाथ बल्लू की कमर की और लपेटें और उसे अपने करीब खींचने लगी. बल्लू जोर जोर से अपने लौड़े को चूत में अन्दर बाहर धकेलने लगा. रीमा भी अपनी कमर को हिला के बल्लू का साथ दे रही थी. कुछ देर तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद बल्लू ने रीमा को घोड़ी बना दिया. रीमा ने सोफे की कमर को पकड़ा हुआ था और बल्लू ने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. रीमा आह आह ओह ओह करती गई और बल्लू अपना लंड जोर जोर से उसकी चूत में धकेलता गया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
10 मिनट की पूरी मस्त चुदाई के बाद बल्लू ने लंड जब बाहर निकाला तो उसके अन्दर से फव्वारा निकल के रीमा की कमर पर गिरने लगा. कम से कम 15 एम्एल वीर्य निकल के रीमा के ऊपर आ गिरा था. रीमा ने पलट के बल्लू के लंड को अपनी जबान से चाट के साफ़ कर दिया. बल्लू ने रीमा को खड़ा कर के उसे किस दी और फिर दोनों अपने कपडे पहनने लगे. बल्लू ने कपडे पहनते पहनते भी कई बार रीमा के बदन को छुआ. और एक भाई छिप के बहन की चुदाई देखता रहा. मैंने मन में सोच लिया था की बल्लू के चुंगल से रीमा को कुछ भी कर के छुड़ाना हैं इसलिए मैंने अगले ही दिन सही समय पर काम पर ना आने और ढंग से काम ना करने का बहाना बनाकर बब्लू को हटा दिया और एक काम वाली को रख लिया...
Click on Search Button to search more posts.
