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सास बीवी और साली को एक साथ चोदा Saas Biwi Aur Saali Ko Ek Sath Choda
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दोस्तों, मैं आज जो माँ बेटियों की चुदाई कहानी बताने जा रहा हू वो मेरी सास, मेरी बीवी और मेरी साली की चुदाई की हैं. ठण्ड के दिनों में मेरी संडे को कोचिंग से छुट्टी रहती थी, मैं छत पे धुप सेक रहा था वही बगल के घर के छत पे भी दो बहने होती थी, वो मुझे देखती रहती थी, बड़ी तो ज्यादा देखती थी, मुझे धीरे धीरे मजा आने लगा अब तो वो जैसे ही छत पे चढ़ती थी मैं भी छत पे चढ़ जाता था और बस नजर की प्यास बुझाता रहता था. रात में या कभी कभी दिन में भी उनकी याद में मूठ मार लिया करता था. मूठ मारने का कारण ये होता था कि उसका सेक्सी अंदाज़, उसके शरीर की बनावट, उसकी उभरी हुई बड़ी बड़ी चूचियाँ. मुझे बड़ी बड़ी चूची बहुत पसंद है, उसके चूतड़, हाय क्या बताऊँ दोस्तों जब भी मैं उसके चूतड़ की उभर और चलते हुए दोनों चूतड़ ऊपर निचे ऊपर निचे होते हुए देखता तो मैं तो फटा फट लंड को अपने हाथ में ले लेता था.
दोस्तों, मैं आज जो माँ बेटियों की चुदाई कहानी बताने जा रहा हू वो मेरी सास, मेरी बीवी और मेरी साली की चुदाई की हैं. ठण्ड के दिनों में मेरी संडे को कोचिंग से छुट्टी रहती थी, मैं छत पे धुप सेक रहा था वही बगल के घर के छत पे भी दो बहने होती थी, वो मुझे देखती रहती थी, बड़ी तो ज्यादा देखती थी, मुझे धीरे धीरे मजा आने लगा अब तो वो जैसे ही छत पे चढ़ती थी मैं भी छत पे चढ़ जाता था और बस नजर की प्यास बुझाता रहता था. रात में या कभी कभी दिन में भी उनकी याद में मूठ मार लिया करता था. मूठ मारने का कारण ये होता था कि उसका सेक्सी अंदाज़, उसके शरीर की बनावट, उसकी उभरी हुई बड़ी बड़ी चूचियाँ. मुझे बड़ी बड़ी चूची बहुत पसंद है, उसके चूतड़, हाय क्या बताऊँ दोस्तों जब भी मैं उसके चूतड़ की उभर और चलते हुए दोनों चूतड़ ऊपर निचे ऊपर निचे होते हुए देखता तो मैं तो फटा फट लंड को अपने हाथ में ले लेता था.
जब वो हिलती तो बड़ी बड़ी चूची, कमर और पेट की बनावट ओह्ह्ह मजा आ जाता था उसे देख के, फिर बात थोड़ी और बढ़ी, दिवाली का दिन था, मैं काफी पटाखे लाया छोड़ने के लिए निचे गया तो वो तीनो भी थे, उसके पापा मुम्बई के एक होटल में मैनेजर है, वो यहाँ कम आते है, तो दिल्ली में दोनों बेटियां और माँ ही रहती है, मैंने उन लोगो को दिवाली विश किया, और थोड़ी बात की तो उसकी मम्मी ने मुझे उसी समय चाय पिने के लिए बुला लिया और मैं भी उनके साथ उनके घर गया, मुझे मिठाई दी, क्या बताऊँ दोस्तों मुझे पहली बार थोड़े नज़दीक से दीदार करने का मौक़ा मिला उस बड़ी वाली लड़की सपना को, छोटी का नाम छोटी ही था, और उसकी माँ दोनों से कम नहीं थी यानी तीनो एक से बढ़कर एक, फिर क्या था वो लोग मेरी बातों से काफी आकर्षित हुए जैसा की अक्सर कोई लड़का किसी लड़की को देखकर अच्छी अच्छी बाते करता है, आपका क्या ख्याल है आपने भी जरूर की होगी……. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
धीरे धीरे आना जाना सुरु हो गया, और मैं और सपना करीब आ गए, एक बस दो महीने बाद नया साल आ गया था, फर्स्ट जनवरी को मैंने नए साल की शुभकामनाएँ दी और पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने अपनी बाहे फैला दी और वो भी मेरी बाहों में आ गई, मुझे पहली बार किसी लड़की की चूची का दवाब महसूस हुआ, मैंने उसके पीठ पे हाथ रखा तो ब्रा को टटोल सका, ओह्ह्ह उसके बदन की खुसबू मजा आ गया था. तभी मुझे वो कहावत याद आई कि भगवान जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है. अब तो बस सपना का ख्याल मेरे मन में था, और हम दोनों का प्यार परवान चढ़ा और इजहार होके शादी तक हो गई.
धीरे धीरे आना जाना सुरु हो गया, और मैं और सपना करीब आ गए, एक बस दो महीने बाद नया साल आ गया था, फर्स्ट जनवरी को मैंने नए साल की शुभकामनाएँ दी और पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने अपनी बाहे फैला दी और वो भी मेरी बाहों में आ गई, मुझे पहली बार किसी लड़की की चूची का दवाब महसूस हुआ, मैंने उसके पीठ पे हाथ रखा तो ब्रा को टटोल सका, ओह्ह्ह उसके बदन की खुसबू मजा आ गया था. तभी मुझे वो कहावत याद आई कि भगवान जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है. अब तो बस सपना का ख्याल मेरे मन में था, और हम दोनों का प्यार परवान चढ़ा और इजहार होके शादी तक हो गई.
पहली रात को मैंने देशी स्टाइल में चुदाई की, जैसे कि आप लोग सुहागरात की सीन किसी बी ग्रेड सिनेमा में देखते है, खूब मजे किए, सील टूटी, बूर चाटा, दूध पिया, आत्मा पूरी शांत हो गई, करीब 10 दिन तक दिन में पांच - पांच बार चुदाई होती थी, ज़िंदगी मजे में थी, पर मैंने सपना को पा लिया था अब मुझे साली की चूत चाहिए थी, इस वजह से मैंने छोटी को भी फ़्लर्ट करना शुरू किया, छोटी भी मेरे नजदीक आने लगी. मैं उसे आँख मारता तो वो हसने लगती थी. मौका मिलते ही मैं उसकी चूची दबा देता था. किस भी कर लेता था और कपड़ों के उपर से हो उसकी छुट और गांड भी सहला देता था. वो भी पेंट में ही मेरे लंड को पकड़ लेती थी. मैं समझ गया था कि जब भी कभी हम दोनों को अच्छा समय मिलेगा तो मैं इसे छोड़ सकता हूँ, यह इंकार नहीं करेगी.
फिर एक दिन सपना और मेरी सास मंदिर गई हुई थी, वो मंदिर घर से काफी दूर था तीन चार घंटे लगते थे आने - जाने में, तभी मैंने साली को अपने कमरे में बुलाया और उसकी चूचियां दबाकर और किस करके उसे उत्तेजित करके चोद दिया, उसकी चूत काफी टाइट थी, दूध भी बड़ा बड़ा था, बूर को चाटा, बूर की पानी भी पिया, और फिर से एक कुंवारी लड़की की सील तोड़ी यानि की 10 दिन के अंदर दोनों को मैंने चोद दिया, अब तो दिन मैं एक बार सपना को चोदता, सपना को चोदने के लिए तो कभी भी कुण्डी लगा लेता पर छोटी को चोदने के लिए मुझे अकेले के जरुरत होती थी, तो कभी सपना नहाने जाती और माँ जी इधर उधर होती तभी मैं छोटी को भी चोद देता. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
ऐसा ही चलता रहा, फरवरी का महीना था सपना और छोटी एक बेड पे रजाई ओढ कर टीवी देख रही थी और मैं और मेरी सासु जी एक बेड पे बैठे थे, मेरी सासु जी मेरे पैर के तलवे को दबा रही थी क्योंकि उस दिन उसमें दर्द हो रहा था, अचानक मेरा पैर उनके चूची को टच किया, मुझे यह गलत लगा और मैं डर गया कि कहीं सासू जी मुझे कुछ कह ना दे. लेकिन वो कुछ नहीं बोली और फिर मैं धीरे धीरे उनकी चूची को अपने पैर से टच करता रहा. तभी सपना और छोटी किसी काम से नीचे गई, तभी सासु जी बोली - क्यों दोनों से जी नहीं भरा क्या तुम्हारा, मैं सहम गया और चुप रह गया, फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए कहा - क्या कह रहे हो सासु जी, वह बोली - हा मुझे पागल मत समझो मैं देख रही हूँ कि आजकल छोटी भी तुमसे चुद रही है. मैं सब जानती हूँ और मैं जानबूझकर घर से बाहर जाती हूँ और कई बार तो सपना को भी अपने साथ ले जाती हूँ.
तो मुझे लगा कि जब बात यहाँ तक पहुँच ही चुकी है तो इसे आगे भी बढ़ा देता हूँ और मैंने कह दिया - तो फिर आपका क्या ख्याल है. वो बोली - ठीक है मुझे भी तो चाहिए, कब दे रहे हो. मैंने कहा - आज रात को ही. वो बोली - नहीं नहीं, एक काम करते है, कल सुबह छोटी और सपना को किसी बहाने से उनकी मौसी के घर भेजती हूँ, वो शाम तक आएगी, तब तक हम दोनों रास लीला करेंगे. मैं समझ गया ये साली भी बड़ी कुत्ती चीज़ है, वही हुआ सुबह उन्होंने दोनों को अपनी बहन के यहाँ भेज दिया. फिर मैं शुरु हो गए सास के साथ खेलने, सासु जी की चौड़ी गांड, बड़ी बड़ी चूचियां, चौड़ा पेट, मोटे चूतड़, पूरा भरा बदन जिसने मुझे कायल कर दिया और उस दिन मुझसे दिन भर चुदवाती ही रही, वो काफी एक्सपीरियंस थी, इस वजह से उसने कामसूत्र की सारी पोजीशन आजमाई.
ऐसा ही चलता रहा, फरवरी का महीना था सपना और छोटी एक बेड पे रजाई ओढ कर टीवी देख रही थी और मैं और मेरी सासु जी एक बेड पे बैठे थे, मेरी सासु जी मेरे पैर के तलवे को दबा रही थी क्योंकि उस दिन उसमें दर्द हो रहा था, अचानक मेरा पैर उनके चूची को टच किया, मुझे यह गलत लगा और मैं डर गया कि कहीं सासू जी मुझे कुछ कह ना दे. लेकिन वो कुछ नहीं बोली और फिर मैं धीरे धीरे उनकी चूची को अपने पैर से टच करता रहा. तभी सपना और छोटी किसी काम से नीचे गई, तभी सासु जी बोली - क्यों दोनों से जी नहीं भरा क्या तुम्हारा, मैं सहम गया और चुप रह गया, फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए कहा - क्या कह रहे हो सासु जी, वह बोली - हा मुझे पागल मत समझो मैं देख रही हूँ कि आजकल छोटी भी तुमसे चुद रही है. मैं सब जानती हूँ और मैं जानबूझकर घर से बाहर जाती हूँ और कई बार तो सपना को भी अपने साथ ले जाती हूँ.
तो मुझे लगा कि जब बात यहाँ तक पहुँच ही चुकी है तो इसे आगे भी बढ़ा देता हूँ और मैंने कह दिया - तो फिर आपका क्या ख्याल है. वो बोली - ठीक है मुझे भी तो चाहिए, कब दे रहे हो. मैंने कहा - आज रात को ही. वो बोली - नहीं नहीं, एक काम करते है, कल सुबह छोटी और सपना को किसी बहाने से उनकी मौसी के घर भेजती हूँ, वो शाम तक आएगी, तब तक हम दोनों रास लीला करेंगे. मैं समझ गया ये साली भी बड़ी कुत्ती चीज़ है, वही हुआ सुबह उन्होंने दोनों को अपनी बहन के यहाँ भेज दिया. फिर मैं शुरु हो गए सास के साथ खेलने, सासु जी की चौड़ी गांड, बड़ी बड़ी चूचियां, चौड़ा पेट, मोटे चूतड़, पूरा भरा बदन जिसने मुझे कायल कर दिया और उस दिन मुझसे दिन भर चुदवाती ही रही, वो काफी एक्सपीरियंस थी, इस वजह से उसने कामसूत्र की सारी पोजीशन आजमाई.
अब तो घर की मालकिन ही चुद गई और उन्हें पता भी था की मैं छोटी को भी आजकल चोद रहा हूँ, तो डर जो था हट गया, अब तो सिर्फ सपना नहाने जाती तो कुण्डी लगा देता छोटी को चोदने के लिए. अब सपना को भी कुछ शक होने लगा था क्योंकि जब वो नहाकर बाहर आने के लिए दरवाजा खोलती थी तो उसे दरवाजा बाहर से बंद मिलता था. उसे लगा कि कुछ गड़बड़ तो जरुर है. फिर एक दिन हम सब कमरे में थे और सपना ने बाथरूम का दरवाजा ऐसे बंद किया जिससे मुझे लगा कि सपना बाथरूम में जा चुकी है उसने पानी के नल को भी ऐसे खुला छोड़ दिया ताकि ऐसा लगे कि वो नहा रही है और स्वयं दुसरे कमरे में छिप गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने हर रोज की तरह बाथरूम की बाहर वाली कुण्डी लगाई और कमरे में जाकर मेरी साली के सामने ही उसकी माँ को चोदने लगा. तभी सपना दबे पांव कमरे में आई उसे देखते ही छोटी एकदम से चोंक गई और मैंने और मेरी सासु जी ने भी उसे देख लिया. सपना यह देखकर बहुत गुस्सा हुई लेकिन कुछ नहीं बोली और नाराज होकर दुसरे कमरे में चली गई. हम सब उसे मनाने गए. पहले तो वो बहुत गुस्सा हुई लेकिन हम सब के रिक्वेस्ट करने से वो मान गई और बोली कि अब एक बार हम सबको एक साथ ही चोदना पड़ेगा. मैंने हाँ कर दी और तीनों को बारी - बारी से चोदने लगा. मैं जब एक को चोद रहा होता तो दूसरी मुझसे अपनी चूत और गांड चटवाती और तीसरी मेरी गांड को चाटती थी. कभी - कभी वो मेरी गांड में ऊँगली भी करने लगती थी. मैं मजे से तीनों को चोदता रहता था. और वो बारी - बारी मुझे अपनी छुट और गांड चोदने का मौका देती रहती थी. हम सब घर का दरवाजा अंदर से बंद करके सभी एक कमरे में नंगे ही पड़े रहते है.
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