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पति की सताई हुई भावना माली की चुदाई Pati ki sataayi huyi Bhavna Mali ki chudai
पति की सताई हुई भावना माली की चुदाई Pati ki sataayi huyi Bhavna Mali ki chudai , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं रोज सुबह सुबह करीब 7:25 पर अपनी कोचिंग पर जाता हूँ, रेलवे स्टेशन के नजदीक होने के कारण बाहर शहर के स्टूडेंट सुबह से ही आना सुरु हो जाते हैं। अक्टूबर 2014 की बात है एक दिन एक महिला सिर पर पल्लू डाले कालोनी के रोड से जा रही थी। उसने अपने वदन में साड़ी इस तरह लपेट रखी थी की उसका कोई अंग नहीं दिखाई दे रहा था। उसकी चाल इतनी मादक थी की मैं बाइक धीरे धीरे करके उसके पीछे पीछे चलने लगा जब पास पहुँचता तो बाइक को रोक लेता और उसकी चाल को देखता। क्या मस्त सेक्सी गदराया हुआ वदन है। न तो मोटी न ही दुबली पतली,जब वो चलती तो उसके मस्त मस्त चूतड़ बहुत ही सेक्सी लगते।
मैं रोज सुबह सुबह करीब 7:25 पर अपनी कोचिंग पर जाता हूँ, रेलवे स्टेशन के नजदीक होने के कारण बाहर शहर के स्टूडेंट सुबह से ही आना सुरु हो जाते हैं। अक्टूबर 2014 की बात है एक दिन एक महिला सिर पर पल्लू डाले कालोनी के रोड से जा रही थी। उसने अपने वदन में साड़ी इस तरह लपेट रखी थी की उसका कोई अंग नहीं दिखाई दे रहा था। उसकी चाल इतनी मादक थी की मैं बाइक धीरे धीरे करके उसके पीछे पीछे चलने लगा जब पास पहुँचता तो बाइक को रोक लेता और उसकी चाल को देखता। क्या मस्त सेक्सी गदराया हुआ वदन है। न तो मोटी न ही दुबली पतली,जब वो चलती तो उसके मस्त मस्त चूतड़ बहुत ही सेक्सी लगते।
करीब 10 मिनट तक उसकी चाल देखने के बाद सोचा इसका चेहरा देखा जाए। ये सोच बाइक को आगे बढ़ाया और मेन रोड पर मंदिर के पास खड़ा हो गया। और उसके आने का इन्तजार करने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। करीब 5 मिनट बाद वो आई। वो खूब सावली सी किन्तु चेहरे की बनावट बहुत ही खूबसूरत लगती है। उसकी उम्र बमुश्किल 22-24 साल के आसपास होगी। मांग में सिंदूर से लगता था की शादी सुदा है। उसकी हाइट लगभग 5 फिट 4 इंच के आसपास होगी। मैं एकदम उसके पास से बाइक को निकाला और देखते हुए चला गया। दिन भर उसीका चेहरा घूमता रहा। उसी के बारे में सोचता रहा। सांवली तो है पर है गजब की खूबसूरत। जिस्म तो ऐसा गदराया हुआ है जैसे ''गदराया अमरुद'' देखते ही खाने की इच्छा पड़ जाए। उसको चोदने का ख्याल मन में कई बार आया पर मन डगमगा गया क्योकि मैं करीब 48 साल का अधेड़ और वो 22-24 साल की जवानी से भरपूर हसीना। हालांकि मैं 48 साल के बाद भी 38-40 का लगता हूँ।
मैं 5 फिट 11 इंच का अच्छा हट्टा-कट्टा राजपूत हूँ । बहुत गोरा हूँ,बिलकुल अंग्रेज की तरह रंग साफ़ है। बार बार अपना चेहरा सीसे में देखता और उसे पटाने की तरकीब सोचता रहा दिन भर। अगले दिन फिर उसी समय सुबह मैं निकला और उसे पीछे से देखते हुए निकल गया और आगे ओलट खड़ा होकर उसका इन्ताजर करता और बाद में उसके पास से उसे देखते हुए निकल जाता। अब यही क्रम रोज का हो गया। इस तरह उसे देखते हुए पूरा अक्टूबर,नवम्बर,आधा दिसंबर भी निकल गया। पर वो मेरी तरफ बिलकुल भी नहीं देखती ज़रा सा भी हिंट उसने नहीं दिया। पर मैं हार मानने वाला नहीं था उसे बेसब्री से देखने के लिए रोज रोड पर खड़ा हो जाता और उसे देखकर निकल जाता।
सायद दिसंबर 2014 का आखिरी सप्ताह चल रहा था। एक दिन मैं घर से लेट निकला तो कालोनी के चौराहे पर वो जल्दी जल्दी चलते हुए मिल गई वो बार बार पीछे मुड मुड़ कर देख रही और मुझे देखते ही हाथ से इसारा किया और बोली ''सर मुझे रोड तक छोड़ दीजिये प्लीज़ आज मैं लेट हो गई मेरी मैजिक छूट जाएगी'' तो मैं बाइक रोक दिया तो वो बाइक में उछल कर बैठ गई। वो जैसे ही बाइक में बैठी उसके मस्त मस्त चूचियाँ मेरे कंधे से ज़रा सी छू गई,मेरे पुरे वदन में करेंट सा लगा। उसके बैठते ही मैंने पूछा ''आज लेट क्यों हो गई'' तो बोली ''आज नींद ही लेट खुली'' और ज्यादा बातें नहीं किया और मैं वापस रोड के दुसरी तरफ घूम कर बाइक पेट्रोल भराने चला गया और पेट्रोल भरा कर लौटा तो देखा वो रोड किनारे ठण्ड में खड़ी थी उसने इस ठंडी में भी स्वेटर नहीं पहन रखा था। मैं यही देख कर उसके पास बाइक रोका और पूछा ''आपको ठण्ड नहीं लगती '' वो हलके से मुस्कुराई और बोली ''लगती है न'' तब मैंने फिर से कहा ''फिर स्वेटर पहन कर क्यों नहीं आई '' तो बोली ''जल्दी जल्दी भूल गई'' तब मैं उसे स्वेटर पहन कर आने हिदायत दिया और चला आया अपने कोचिंग। उस दिन पहली बार उससे बात किया ,मैं बहुत खुस था।
दिन भर उसके बारे मैं सोचता ही रहा। अगले दिन फिर मैं समय निकला तो वो रास्ते में मिल गई तो बाइक धीमी किया और पूछा ''चलोगी क्या'' तो वो मुस्कुराई और हां में गर्दन हिलाया तो मैंने बाइक रोक दिया तो वो तुरंत ही बाइक में बैठ गई। इस बार बाइक में बैठते ही उसकी चूचियाँ मेरे पीठ से पूरी तरह से घिसा गई। OMG मुझे तो जोर का करेंट लगा। बाइक जैसे ही चला कर कुछ ही दूर गया होगा की अचानक एक सुवर सामने आई तो जोर से ब्रेक मारा तो वो मेरे पीठ से लगभग चिपक गई। उसकी मस्त मस्त चूचियाँ मेरे पीठ में फिर से चिपक गई। तो वो सरमाई और सॉरी बोलकर पीछे खिसका गई। मैंने कुछ नहीं कहा और उसे मुख्य रोड तक छोड़ कर जाने लगा तो देखा की वो आज भी स्वेटर नहीं पहन रखी थी तो फिर से टोक दिया तो बोली ''कल से पक्का पहन कर आउंगी'' और हलके से मुस्कुराई तो मैं उसके पास से चला आया। अगले दिन फिर वो मिली तो बाइक रोका और पूछा ''चल रही हो क्या'' तो बोली '' नहीं अभी समय है चली जाउंगी'' तो मैं बाइक बढ़ाया और चला गया। आज उसने स्वेटर पहन रखा था।
मैं 5 फिट 11 इंच का अच्छा हट्टा-कट्टा राजपूत हूँ । बहुत गोरा हूँ,बिलकुल अंग्रेज की तरह रंग साफ़ है। बार बार अपना चेहरा सीसे में देखता और उसे पटाने की तरकीब सोचता रहा दिन भर। अगले दिन फिर उसी समय सुबह मैं निकला और उसे पीछे से देखते हुए निकल गया और आगे ओलट खड़ा होकर उसका इन्ताजर करता और बाद में उसके पास से उसे देखते हुए निकल जाता। अब यही क्रम रोज का हो गया। इस तरह उसे देखते हुए पूरा अक्टूबर,नवम्बर,आधा दिसंबर भी निकल गया। पर वो मेरी तरफ बिलकुल भी नहीं देखती ज़रा सा भी हिंट उसने नहीं दिया। पर मैं हार मानने वाला नहीं था उसे बेसब्री से देखने के लिए रोज रोड पर खड़ा हो जाता और उसे देखकर निकल जाता।
सायद दिसंबर 2014 का आखिरी सप्ताह चल रहा था। एक दिन मैं घर से लेट निकला तो कालोनी के चौराहे पर वो जल्दी जल्दी चलते हुए मिल गई वो बार बार पीछे मुड मुड़ कर देख रही और मुझे देखते ही हाथ से इसारा किया और बोली ''सर मुझे रोड तक छोड़ दीजिये प्लीज़ आज मैं लेट हो गई मेरी मैजिक छूट जाएगी'' तो मैं बाइक रोक दिया तो वो बाइक में उछल कर बैठ गई। वो जैसे ही बाइक में बैठी उसके मस्त मस्त चूचियाँ मेरे कंधे से ज़रा सी छू गई,मेरे पुरे वदन में करेंट सा लगा। उसके बैठते ही मैंने पूछा ''आज लेट क्यों हो गई'' तो बोली ''आज नींद ही लेट खुली'' और ज्यादा बातें नहीं किया और मैं वापस रोड के दुसरी तरफ घूम कर बाइक पेट्रोल भराने चला गया और पेट्रोल भरा कर लौटा तो देखा वो रोड किनारे ठण्ड में खड़ी थी उसने इस ठंडी में भी स्वेटर नहीं पहन रखा था। मैं यही देख कर उसके पास बाइक रोका और पूछा ''आपको ठण्ड नहीं लगती '' वो हलके से मुस्कुराई और बोली ''लगती है न'' तब मैंने फिर से कहा ''फिर स्वेटर पहन कर क्यों नहीं आई '' तो बोली ''जल्दी जल्दी भूल गई'' तब मैं उसे स्वेटर पहन कर आने हिदायत दिया और चला आया अपने कोचिंग। उस दिन पहली बार उससे बात किया ,मैं बहुत खुस था।
दिन भर उसके बारे मैं सोचता ही रहा। अगले दिन फिर मैं समय निकला तो वो रास्ते में मिल गई तो बाइक धीमी किया और पूछा ''चलोगी क्या'' तो वो मुस्कुराई और हां में गर्दन हिलाया तो मैंने बाइक रोक दिया तो वो तुरंत ही बाइक में बैठ गई। इस बार बाइक में बैठते ही उसकी चूचियाँ मेरे पीठ से पूरी तरह से घिसा गई। OMG मुझे तो जोर का करेंट लगा। बाइक जैसे ही चला कर कुछ ही दूर गया होगा की अचानक एक सुवर सामने आई तो जोर से ब्रेक मारा तो वो मेरे पीठ से लगभग चिपक गई। उसकी मस्त मस्त चूचियाँ मेरे पीठ में फिर से चिपक गई। तो वो सरमाई और सॉरी बोलकर पीछे खिसका गई। मैंने कुछ नहीं कहा और उसे मुख्य रोड तक छोड़ कर जाने लगा तो देखा की वो आज भी स्वेटर नहीं पहन रखी थी तो फिर से टोक दिया तो बोली ''कल से पक्का पहन कर आउंगी'' और हलके से मुस्कुराई तो मैं उसके पास से चला आया। अगले दिन फिर वो मिली तो बाइक रोका और पूछा ''चल रही हो क्या'' तो बोली '' नहीं अभी समय है चली जाउंगी'' तो मैं बाइक बढ़ाया और चला गया। आज उसने स्वेटर पहन रखा था।
उस दिन के बाद से वो मुझे लगातार 10 दिन तक दिखाई नहीं दी , मैं रोज देखता पर वो दिखती नहीं। नया साल 2015 भी करीब एक सप्ताह निकल गया। सायद 9 जनवरी को शुक्रवार को वो रोड में दिखी तो बाइक पास लेजाकर पूछा ''कहाँ चली गई थी'' तो बोली ''तबियत खराब हो गई थी'' और इतना कहकर मैंने बाइक रोकी तो बाइक में बैठ गई। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। बाइक में बैठते फिर से उसने अपनी चूचियों को पीठ में घिसा मैं फिर से रोमांचित हो गया। पर देखा की इस भयंकर ठण्ड में भी एक साधारण से साल ओढ़ रखी थी।
चलती हुई बाइक में ही उससे पूछा की ''आज फिर से स्वेटर नहीं पहना'' तो बोली ''स्वेटर गन्दी थी इस लिए नहीं पहना'' तो मैंने फिर से पूछा ''एक ही स्वेटर है क्या'' तो कुछ नहीं बोली तो फिर से पूछा तो बोली ''हाँ'' बात करते करते आगे ध्यान नहीं रहा और एक कुत्ते का पिल्ला सामने आ गया उसे बचाने के लिए जोर से ब्रेक मारा तो वो गिरने से बचने के लिए जोर से मेरे कंधे को पकड़ी और पीठ से चिपक गई। इस बार उसकी पूरी की पूरी चूचियाँ मेरे पीठ पर चिपक गई। ओह क्या मस्त टाइट चूचियाँ लगी उसकी। फिर वो उसी तरह से चिपकी हुई रोड तक आई, मैं डर रहा था कोई जान पहचान वाला न मिल जाए पर कोई नहीं मिला। उसे रोड पर उतारा और पर्स निकालकर 1000 की नोट देने लगा और बोला '' ये लो एक नया स्वेटर ले लेना'' तो उसने रूपये लेने से इंकार कर दिया तो उसे जबरजस्ती उसके हाथ में पकड़ाकर चला आया अपने ऑफिस।
अगले दिन सुबह वो फिर मिली पर एक पुरुष के साथ थी जिससे बाते करते हुए पैदल ही जाती दिखी । पुरुष साँवला सा करीब करीब उसी की लम्बाई का सामान्य कद काठी का था ओ। मैं उसे देखकर चुपचाप बगल से तिरक्षि नजर से देखते हुए बाइक से निकल गया। उसने नया स्वेटर पहन रखी थी। जब मैं निकला तब उसने भी मेरी तरफ तिरक्षी नजर से देखि और आँखों से कुछ इसारा किया जो मैं समझ नहीं पाया।और आगे निकल गया और कुछ दूर ओलत में खड़ा होकर देखने लगा। दोनों मेन रोड पर पहुंचे और खड़े हो गए। कुछ देर में एक लोकल बस आई और वो आदमी उस बस में बैठकर चला गया तो मैं उसके पास आया और खुस होते हुए 'बोला ''अच्छा लग रहा है ये स्वेटर आपके ऊपर'' तो कुछ नहीं बोली सिर्फ मुस्कुरा कर रह गई। मैं कुछ और बात करता इतने में उसने मुझे जाने का इसारा किया तो मैं चला आया।
अगले दिन वो सुबह मिली तो बाइक रोका तो वो तुरंत ही बैठ गई। तो मैंने उससे नाम पूछा तो बताया ''भावना माली'' और बात बात में पता चला की वो आदमी उसका पति था। मैंने उसे अपना बिजटिंग कार्ड दिया और फोन करने को बोला और रोड में उतार कर चला आया। पर उसका फोन नहीं आया तो अगले दिन मिली तो पूछा फोन क्यों नहीं क्या तो बोली ''आपका कार्ड गिर गया था'' तो उसे फिर से अपना विजटिंग कार्ड दिया। तो करीब 9 बजे उसका फोन आया। तो उससे बहुत देर तक बात किया। वो मेरी कोचिंग से करीब 1 किलोमीटर पर एक ट्रेवल एजेंसी की ऑफिस में काम करती है। सुबह 8 बजे से रात के 8 बजे रहती है।और उसका पाति थोक और फुटकर दुकानों पर हार-फूल बेचता है। कालोनियों में भी घर घर जाकर हार फूल देता है। उसके गाँव में 2 बीघे जमीन है उसी में फूल की खेती करता है। गाँव शहर के पास ही करीब 15 किलोमीटर पर है। घर से फूल की माला बनाकर रोज बाइक से लाता है और शहर में सप्लाई करता है। और गाँव वापस चला जाता है। और साम को वापस आकर भावना के साथ रहता है सुबह फिर गाँव चला जाता है। भावना 12 तक पढ़ी है और शहर में नौकरी के कारन रहती है। भावना ने मेरे बारे में पूछा तो सब सही सही बता दिया तो वो भी खुस हुई की दोनों की ऑफिस/दूकान पास पास ही है
अगले दिन वो सुबह मिली तो बाइक रोका तो वो तुरंत ही बैठ गई। तो मैंने उससे नाम पूछा तो बताया ''भावना माली'' और बात बात में पता चला की वो आदमी उसका पति था। मैंने उसे अपना बिजटिंग कार्ड दिया और फोन करने को बोला और रोड में उतार कर चला आया। पर उसका फोन नहीं आया तो अगले दिन मिली तो पूछा फोन क्यों नहीं क्या तो बोली ''आपका कार्ड गिर गया था'' तो उसे फिर से अपना विजटिंग कार्ड दिया। तो करीब 9 बजे उसका फोन आया। तो उससे बहुत देर तक बात किया। वो मेरी कोचिंग से करीब 1 किलोमीटर पर एक ट्रेवल एजेंसी की ऑफिस में काम करती है। सुबह 8 बजे से रात के 8 बजे रहती है।और उसका पाति थोक और फुटकर दुकानों पर हार-फूल बेचता है। कालोनियों में भी घर घर जाकर हार फूल देता है। उसके गाँव में 2 बीघे जमीन है उसी में फूल की खेती करता है। गाँव शहर के पास ही करीब 15 किलोमीटर पर है। घर से फूल की माला बनाकर रोज बाइक से लाता है और शहर में सप्लाई करता है। और गाँव वापस चला जाता है। और साम को वापस आकर भावना के साथ रहता है सुबह फिर गाँव चला जाता है। भावना 12 तक पढ़ी है और शहर में नौकरी के कारन रहती है। भावना ने मेरे बारे में पूछा तो सब सही सही बता दिया तो वो भी खुस हुई की दोनों की ऑफिस/दूकान पास पास ही है
इस तरह से हम दोनों के बीच करीब एक घंटे तक बात हुई। अगले दिन सुबह भावना जैसे ही मिली मैंने बाइक रोका तो तुरंत ही उछलकर ऐसी बैठी जैसे अपने पति के साथ बैठी हो। पर मैं डर रहा था किसी ने देख लिया तो जबाब देना मुस्किल हो जाएगा। मैं भावना से बोला की कन्धे से हाँथ हटा लो कोई देख लेगा। तो भावना सॉरी बोला कंधे से हाथ हटा कर बैठ गई। मैं अच्छी तरह से समझ गया की भावना बहुत खुले विचार की और फ्रैंक है। मैं रोड तक आया तो भावना को बोला ''चलो ऑफिस तक छोड़ दूंगा'' तो बड़े आराम से तैयार हो गई। मैं भावना को साथ लेकर आया और करीब 5 किलोमीटर तक दोनों बातें करते करते आये। भावना की ऑफिस के सामने उतार कर आने लगा तो उससे पूछा '' ऑफिस तो खुला नहीं अभी'' तो बोली ''ऑफिस तो मैं ही खोलती हूँ'' तब मैंने उससे पूछा ''सटर उठ जाता है क्या'' तो बोली ''हां'' और इतना कहकर सटर का ताला खोली और आसानी से सटर को उठा दिया और अंदर चली गई और अपना बेग रखकर बाहर आई और बोली ''आइये मेरी ऑफिस देख लीजिये'' तब मैं बाइक से उतरा और भावना की ऑफिस के अंदर चला गया।
जहां आगे के रूम (10 बाय 10 फिट ) में एक कंप्यूटर रखा था और रूम बहुत अच्छी तरह सा सजाया हुआ था और पीछे के रूम (20 बाय 10 फिट) अल्मुनियम सेक्सन से अलग किया हुआ था उस रूम में बहुत सारा सामान ढंग से रखा हुआ था। साइड में एक बड़ा सा सोफ़ा और उसके सामने एक टेबल रखी थी मुझे जल्दी थी इस लिए मैं मेरी ऑफिस आ गया। और करीब 11 बजे फोन किया तो बोली ''सर आ गए है अभी बात नहीं करुँगी'' तो मैंने फोन रख दिया। और दिन भर फोन नहीं किया तो साम के 8:10 पर भावना का फोन आया तो बोली ''आप मुझे लेने आ जाइए,आपकी ऑफिस देखनी है'' तो मैं तुरंत उठा और भवना के पास जाकर उसे बाइक में बैठकर अपनी ऑफिस लाया , वो मेरी कोचिंग सेण्टर देखकर खूब खुस हुई और बोली ''आप अपने यहां मुझे नौकरी में रख लीजिएं'' तो मैं मुस्कुराते हुए कहा ''टीक है रख लूंगा'' मेरे यहाँ भी 8 बजे बैच बंद हो जाती है। भावना को बोला ''चलो साथ ही चलते है'' तो बोली ''ठीक है मैं सब्जी लेकर आती हूँ'' और भावना पास ही सब्जी मंडी चली गई और 15 मिनट बाद सब्जी लेकर आई। और ऑफिस में बैठकर पर्स मोबाइल निकाला और वाट्सअप व फेसबुक देखने लगी तब पता लगा की भावना सोसल मीडिया में भी सक्रिय है। तब मैंने उससे उसका वाट्सअप नंबर लिया और फेसबुक में भी जोड़ लिया।
करीब 8:45 पर कोचिंग मंगल करके भावना को बाइक में बिठा कर घर आ गया, भावना को उसके घर से कुछ दूर ही छोड़ दिया। अगले दिन फिर सुबह भावना को बाइक में बैठाया और उसकी ऑफिस सटर उठाया और अपनी कोचिंग आ गया। ऑफिस आते ही भावना को फोन किया और 20 मिनट तक खूब बाते किया इस तरह दोनों पास आते गए। सायद 20 फरवरी 2015 की बात थी भावना सुबह सुबह मिली तो बाइक रोका तो बोली ''आप जाइए'' तो मैंने कारण पूछा तो बोली ''फोन करके बताउंगी'' मैं चलने लगा तो भावना के चेहरे की तरफ देखा तो उसकी आँखे फूली हुई थी और आँख के नीचे काला सा निसान बना हुआ था जब इसके बारे में पूछा तो बोली ''प्लीज़ अभी जाइए ''ओ'' देख लेगा तो मुसीबत हो जाएगी'' तब मैं चला आया। और आते ही करीब 8:30 पर फोन किया तो भावना रोने लगी तो मैं घबरा गया और उसे फोन पर ही दिलासा देकर सांत कराया। तब उसने बताया की उसका पति उसे रात में बुरी तरह से पीटा।
तब मैंने कारण पूछा तो बोली ''लम्बी कहानी है मिलूंगी तो बताउंगी'' तब मैंने पूछा ''मैं आ जाऊँ अभी आपकी ऑफिस'' तो बोली '' आ जाईये'' तब मैं 5 मिनट में भावना के पास पहुँच गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। भावना ने अपनी पूरी आप बीती बताया। भावना के पति का उसकी बिधवा भाभी से अबैध संबध है। भावना जब गाँव में रहती थी तब अपने पति और उसकी भाभी को रात में एक साथ सोते हुए पकड़ लिया था। तबसे भावना शहर में रहने की जिद करने लगी इस बात पर भावना को कई बार उसके पति ने पिटाई किया पर भावना जिद करके शहर आ ही गई। पर इसके बाद भी उसका पति भाभी से संबध बनाने के लिए अधिकांसतः रात में गाँव में ही रुक जाता है। भावना के सास ससुर बृद्ध है। घर में भावना की जेठानी की ही तूती बोलती है। भावना को गाँव में छोटी छोटी जरूरतों के लिए लिए अपनी जेठानी हाथ फैलाना पड़ता है। इसी लिए भावना शहर में नौकरी करने लगी। भावना ने बताया की उसकी जेठानी मेरे से गोरी है और सुन्दर। जेठ के मरने के बाद उसने भावना के पति को फसा लिया। भावना की जेठानी को एक 4 साल की लड़की है।
भावना अपने पति को रात में गाँव में नहीं रहने देना चाहती है पर उसका पति भावना की बात नहीं मानता। ये सब बताते बताते भावना रोने लगी तो मैंने भावना के आसु पोछा,आसूं पोछते पोछते गाल को थपथपाया तो भावना मेरे हाथ को पकड़ गाल से अलग कर लिया और खड़ी होकर अपनी पीठ,और पाँव में पिटाई के निसान दिखाने लगी। भावना का पति बुरी तरह से भावना को पीटा है। डंडे और गाल पर थप्पड़ के निसान खूब थे। मैंने भावना की पीठ, कमर,और पाँव की पिंडलियों को सहलाया, भावना अपने चोट के निसान दिखाते दिखाते रोनी लगी तो मैंने उसके सिर पर हाथ घुमाया और उसके आसुओं को पोछा और प्यार से समझाया। भावना जब झुक कर अपने पाँव की पिंडलियों की चोट दिखाने लगी तो उसकी चूचियों की घाटियाँ देखकर मन विचलिता हुआ पर मैंने अपने आपको कंट्रोल किया। भावना के पास करीब एक घंटे तक प्यार भरी बातें करते हुए बैठा रहा। जब भावना नार्मल हो गई तो मैं आ गया। आते आते भावना से हाँथ मिलाया और हाथ को किस कर के आ गया। मैं जैसे ही अपनी ऑफिस आया भावना का फोन आ गया तो मैंने भावना को बोला वाटसप में बात करो तब भावना वाट्सअप में चेटिंग करने लगी।
करीब 10 बजे मेडिकल स्टोर से एक क्रीम ले जा कर भावना को दिया और बोला इसे लगा लो। उस दिन के बाद से भावना से वाटसप पर खूब चेटिंग होने लगी।। धीरे धीरे भावना अपने बारे बातें खुलकर बताने लगी। अपनी कई फोटो मुझे भेजा और मेरी फोटो मँगवाया। रोज अपनी सेल्फ़ी भेजती और मेरी सेल्फ़ी मंगवाती। जिस दिन मैं उसकी सेल्फ़ी नहीं मागता उस दिन नाराज पड़ जाती। मैं मेरे मोबाइल की स्क्रीन में भावना की फोटो लगाकर उससे मिलने जाता वाट्सअप के बैक ग्राउंड उसकी फोटो लगा लिया । हम दोनों के बीच प्यार का अंकुर फूटने लगा। बीच बीच में भावना की ऑफिस में जाता और बहुत देर तक बैठता और बातें करता। पर भावना के शरीर को छुआ तक नहीं। मैं खुद चाहता तो भावना को चोद सकता था पर मैं चाहता था की चुदाने की पहल भावना ही करे। बीच बीच में भावना को सुबह उसकी ऑफिस तक छोड़ देता, हम दोनों ने आपस में बात किया की रोज रोज कालोनी में नहीं मिलेंगे ऑफिस भी नहीं आयेगे बल्कि वाट्सअप पर और मोबाइल पर बाते करते रहेंगे जिससे किसी को संका नहीं हो।
एक दिन भावना को ऑफिस में बुलाया और किस किया और चूची दबाया, क्या मस्त टाइट चूची है । भावना ने कोई बिरोध नहीं किया और दोनों एक साथ बाइक से घर गए। भावना से अब खूब ओपन्ली बातें होने लगी। भावना ने वाट्सअप में बताया की उसकी शादी मई 2014 में हुई है। तब से अभी दिसंबर 2014 तक उसके पति ने सिर्फ 5 बार शारीरिक संबध बनाया है। भावना एक दिन वाट्सअप में लिखी ''मेरा पति तो अपनी भाभी की चूत चाटने में ही मस्त है''। भावना ने पहली बार इतनी बेसर्मी से बात किया। उसका पति तो अपनी भाभी के पीछे पागल है इसी लिए भावना की चुदाई नहीं करता।
नया साल आने वाला था, भावना को बोला नए साल की क्या गिफ्ट लगी तो भावना पहले तो कुछ नहीं बोली जब जब बार आग्रह किया तो बोली ''आने दीजिये नया साल ले लुंगी गिफ्ट''। मैं सोच में पड़ गया कही कोई महगा गिफ्ट न मांग ले। नया साल आ गया रात के ठीक 12 बजकर 1 मिनट पर नए साल की शुभ कामनाये भेजा। उधर से भावना ने एक नवजात शिशु की पिक भेजी और शुभ कामनाये दिया। मैं नन्हे शिशु का मतलब नहीं समझा। तो पूछने लगा तो बोली आप अंदाजा लगाए पर मैं नहीं समझा तो पूछा तो उसने नहीं बताया और बोली समय आने पर बता दूंगी। अगले दिन 1 जनवरी को सुबह वो नहीं मिली। तो वाट्सअप में मैसेज भेजा तो बताया की गाँव आ गई हूँ और 5 तारिख को आऊँगी । तब मैंने पूछा इतने दिन की छुट्टी मिल गई तो बोली हां।भावना नए साल में पहली बार लेगी और सूट में मिली तब मैंने पूछा तुम्हारा वाट्सअप मैसेज तुम्हारा पति तो नहीं पढता, तो बोली वाट्सअप लाक है खोल भी लिया तो वो अनपढ़ है नहीं पढ़ पायेगा। पहली बार पता लगा की भावना का पति अनपढ़ है।
नया साल आने वाला था, भावना को बोला नए साल की क्या गिफ्ट लगी तो भावना पहले तो कुछ नहीं बोली जब जब बार आग्रह किया तो बोली ''आने दीजिये नया साल ले लुंगी गिफ्ट''। मैं सोच में पड़ गया कही कोई महगा गिफ्ट न मांग ले। नया साल आ गया रात के ठीक 12 बजकर 1 मिनट पर नए साल की शुभ कामनाये भेजा। उधर से भावना ने एक नवजात शिशु की पिक भेजी और शुभ कामनाये दिया। मैं नन्हे शिशु का मतलब नहीं समझा। तो पूछने लगा तो बोली आप अंदाजा लगाए पर मैं नहीं समझा तो पूछा तो उसने नहीं बताया और बोली समय आने पर बता दूंगी। अगले दिन 1 जनवरी को सुबह वो नहीं मिली। तो वाट्सअप में मैसेज भेजा तो बताया की गाँव आ गई हूँ और 5 तारिख को आऊँगी । तब मैंने पूछा इतने दिन की छुट्टी मिल गई तो बोली हां।भावना नए साल में पहली बार लेगी और सूट में मिली तब मैंने पूछा तुम्हारा वाट्सअप मैसेज तुम्हारा पति तो नहीं पढता, तो बोली वाट्सअप लाक है खोल भी लिया तो वो अनपढ़ है नहीं पढ़ पायेगा। पहली बार पता लगा की भावना का पति अनपढ़ है।
5 जनवरी 2015 को सुबह मैं कार से निकला और रस्ते में भावना का इन्तजार करने लगा पर वो नहीं दिखी। पर करीब 7:40 पर एक लड़की सूट और लेगी पहने कर जाते हुए दिखी जिसकी चाल बिलकुल भावना जैसी लगी मुझे तो मैंने कार को उसके बगल से निकाला तो वो भवना ही थी उस दिन पहली बाद भावना को लेगी और सूट में दिखी बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी। कसी कसी जाँघे और बड़े बड़े स्तन में भावना बहुत ही गजब ढा रही थी। पास जाकर कार को धीमी किया और भावना की तरफ देखा पर उसने कार की तरफ नजर भी नहीं उठाई तो कार आगे ले जाकर रोका और फोन किया तो पूछी ''कहाँ है आप'' तो उसे बताया की सफ़ेद रंग की मारुती स्विफ्ट कार में हूँ तो उसने अचानक विश्वास ही नहीं किया जब पास आई तो कार देखकर खुस हो गई तो गेट खोला और बैठने के लिए कहा तो भावना तुरंत ही आगे की सीट में आकर बैठ गई और दोनों बातें करते करते भावना की ऑफिस आ गया।
भावना को आज तक नहीं पता था की मेरे पास इतनी महगी कार भी है मेरा लण्ड ऐसा ही मोटा और लंबा है। भावना की ऑफिस के सटर का ताला खोला,सटर उठाया तो भावना खुस हो गई। ऑफिस के पीछे वाले कमरे के अंदर जाकर भावना ने झाडू उठाया और झाड़ू लगाने लगी तो मैं जाकर भावना को पकड़ लिया और चूची को दबाकर किस कर लिया तो भावना झाड़ू को नीचे रखकर मेरे से लिपट गई और मेरे गोरे गोरे गालो को किस करने लगी तब मैंने भावना के सूट के गले के पास से हाथ अंदर डाला और भावना की चूचियों को पकड़कर खिलाने लगा, चूचियों की निप्पल खूब टाइट हो गई
मैं भावना के रसीले होठो को चूसने लगा,जीभ को अपने जीभ से चाटने लगा, भावना अपने दोनों हाथो को मेरी कमर में डालकर जोर से लिपट गई। कुछ मिनट बाद मैंने भावना को सोफे में बिठा दिया और खुद नीचे बैठकर भावना की जांघो को सहलाने लगा। जांघो को सहलाते सहलाते लेगी को कमर से पकड़ कर नीचे को खीचने लगा तो भावना ने मना कर दिया और बोली ''आज रहने दीजिये,कल साड़ी-ब्लाउज पहन कर आऊँगी तो अच्छा रहेगा'' तब मैंने अपने आपको कंट्रोल किया और खड़ा हो गया, मेरा लण्ड तन कर खड़ा हो चुका था। पेंट के नीचे तना हुआ लण्ड को देखकर भावना पेंट के भावना के शरीर की बनावट नंगा करने के बाद १००% ऐसी ही लगता है ऊपर से ही लण्ड के ऊपर हाथ घुमाने लगी और लण्ड को पेंट के ऊपर से ही पकड़ लिया और बोली ''बाहर निकालिये देखू तो सही'' तब मैं सोफ़ा में बैठ गया और पेंट की जीप खोला और लण्ड को बड़ी मुस्किल से बाहर निकाला जिसे देखते ही आस्चर्य चकित होकर भावना अपने मुह में हाथ रख लिया और मेरी तरफ देखते हुए धीरे से बोली बोली ''अच्छा तगड़ा है'' और फिर बुदबुदाते हुए कुछ बोली जो मैं समझ नहीं पाया। पूछा तो कुछ नहीं बताई और सरमा गई। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर भावना बोली ''अंदर कर लीजिये'' तब मैं उठा और लण्ड पेंट की जिप लगाया और भावना को पकड़ कर अपनी तरफ खीच कर चूमने लगा।
भावना बोली ''अब आप जाइए नहीं तो मैं बहक जाउंगी'' और मेरा हाँथ पकड़ कर उठाया तो उठकर चला आया। करीब 9 बजे भावना का फोन आया और बहुत देर तक बात किया। भावना की बातो लगा की भावना बहुत ही ज्यादा बेताब है लण्ड लेने के लिए। फोन पर अगले दिन सुबह 7 बजे आने की बात हुई। वाट्सअप में उसने ढेर सारे गुलाब के फूल भेजा तो इधर से मैंने एक सेक्सी क्लिप भेज दिया। भावना उसे देखकर और उत्तेजित हो गई।
अगले दिन 6 जनवरी 2015 मंगलवार को सुबह 7 बजे ही मैं घर से निकल लिया,भावना हल्का क्रीम कलर का सलवार सूट पहने पहले ही रोड में खड़ी मिली,जबकि उसने तो साड़ी-ब्लाउज पहन कर आने की बात किया थी। भावना के पास पहुंच कर उसे बाइक में बिठाया और चल दिए और मुस्किल से 10 मिनट भावना की ऑफिस पहुंच गया तो भावना बोली ''बाइक थोड़ी दूर रख कर आइये,जिससे किसी को संका नहीं हो'' तब मैंने भावना की ऑफिस से करीब आधा किलोमीटर दूरी पर एक दूकान के सामने बाइक रखकर आ गया। वापस आया तो भावना ने आधा सटर गिरा रखा था। जैसे ही अंदर घुसा तो भावना ने ऑफिस में अंदर से लाक लगा लिया और आगे के रूम की लाइट बंद कर दिया और पीछे रूम की लाल रंग की लाइट जला कर सेक्सन में लगे कांच के परदे को लगा दिया। बाहर लाइट जाना बंद हो गई। मैंने भावना को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और उसकी चूचियों को दबाते हुए किस करने लगा, भावना भी मेरे से लिपट गई और मुझे चूमने लगी मैंने भावना को गले लगा लिया और उसकी पीठ पर हाथ से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा से आज़ाद चूचियों पर हाँथ घुमाने लगा और धीरे से बोला ''साड़ी पहन कर क्यों नहीं आई'' तो धीरे से फुसफुसाते हुए बोली ''साड़ी पहनने में ज्यादा टाइम लगता है'' इतना सुनते ही मैं समझ गया भावना नंगी होकर चुदाने के मूड में आई है।
अगले दिन 6 जनवरी 2015 मंगलवार को सुबह 7 बजे ही मैं घर से निकल लिया,भावना हल्का क्रीम कलर का सलवार सूट पहने पहले ही रोड में खड़ी मिली,जबकि उसने तो साड़ी-ब्लाउज पहन कर आने की बात किया थी। भावना के पास पहुंच कर उसे बाइक में बिठाया और चल दिए और मुस्किल से 10 मिनट भावना की ऑफिस पहुंच गया तो भावना बोली ''बाइक थोड़ी दूर रख कर आइये,जिससे किसी को संका नहीं हो'' तब मैंने भावना की ऑफिस से करीब आधा किलोमीटर दूरी पर एक दूकान के सामने बाइक रखकर आ गया। वापस आया तो भावना ने आधा सटर गिरा रखा था। जैसे ही अंदर घुसा तो भावना ने ऑफिस में अंदर से लाक लगा लिया और आगे के रूम की लाइट बंद कर दिया और पीछे रूम की लाल रंग की लाइट जला कर सेक्सन में लगे कांच के परदे को लगा दिया। बाहर लाइट जाना बंद हो गई। मैंने भावना को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और उसकी चूचियों को दबाते हुए किस करने लगा, भावना भी मेरे से लिपट गई और मुझे चूमने लगी मैंने भावना को गले लगा लिया और उसकी पीठ पर हाथ से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा से आज़ाद चूचियों पर हाँथ घुमाने लगा और धीरे से बोला ''साड़ी पहन कर क्यों नहीं आई'' तो धीरे से फुसफुसाते हुए बोली ''साड़ी पहनने में ज्यादा टाइम लगता है'' इतना सुनते ही मैं समझ गया भावना नंगी होकर चुदाने के मूड में आई है।
इतना सुनते ही मैंने भावना के सूट को नीचे से पकड़ कर उतारने लगा तो भावना अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा दिया तो आराम से सुट को उतार दिया साथ में ब्रा भी खिसक कर नीचे गिर गई। ''ओह माई गाड' क्या मस्त मस्त चूची है भावना की ज़रा से भी नहीं लटकी हुई है ऐसा लग रहा है जैसे चूचियों को इसके पति ने दबाया तक नहीं है। मैं झुक कर भावना की चूची को नीचे से ऊपर की तरफ चाटने लगा, निप्पल एकदम से ताजे अंगूर की तरह टाइट पड़ चुकी थी। भावना के सलवार का नाड़ा खीच लिया तो सलवार नीचे गिर गई और भावना की काली काली चिकनी चिकनी जांघे काली पेंटी के बीच दिखने लगी। मैं मेरे घुटनो को मोड़कर नीचे बैठ गया और भावना की जांघो को सहलाते सहलाते धीरे से पेंटी को नीचे खीच लिया और एकदम से नंगी कर दिया और क्लीन सेव चिकनी चूत के ऊपर हाथ घुमाते घुमाते बीच की मोटी वाली ऊँगली को उसकी चूत में पहले सहलाया फिर ऊँगली को थूंक से गीला किया और धीरे से चूत के अंदर डालकर ऊँगली घुमाने लगा कुछ ही मिनट में भावना ने मेरे सिर पर हाथ घुमाते हुए मेरे कंधे को पकड़ कर मुझे उठाया और मेरे सर्ट की बटन खोलने लगी तो मैं जल्दी से फटाफट मेरे सभी कपडे उतार कर नंगा हो गया।
वो मेरे तनटनाए हुए लण्ड को पकड़ कर खिलाने लगी और फिर धीरे धीरे कुछ बुदबुदाने लगी तो मैंने पूछा ''क्या बोल रही हो'' तो वो सर्माते हुए अपने घुटने मोड़कर आधी खड़ी और मेरे लण्ड को बार बार चूमने लगी और चूमते चूमते लण्ड का सुपाड़ा नंगा किया और कड़क लाल रंग के सुपाड़े पर जीभ घुमाने लगी (भावना की मस्त चुदाई के लिए सुबह 6 बजे ही वियाग्रा की गोली खाने से लण्ड कुछ ज्यादा ही कड़क और मोटा हो गया है) और फिर सुपाड़े को मुह के इस तरह से भावना की चूत को चाटा अंदर लेकर लालीपाप की तरह चूसने लगी तो लण्ड एकदम से नाग की तरह फनफनाते हुए डसने को तैयार हो गया तो मैंने बिना देरी किये भावना को पकड़ कर उठाया और धम्म से सोफे में पटक दिया और फर्स पर बैठकर भावना की सोफ़ा में इस तरह से भावना को लिटाया और चोदा चाटने लगा थोड़ी ही देर में ही भावना गर्म पड़ गई तो मेरा हाथ पकड़कर अपने ऊपर खीचने लगी तो मैं भावना को सोफ़ा में लंबा लंबा लिटा दिया और चूत फैलाकर लण्ड पेलने ही वाला था की कंडोम याद आ गया तो उठकर पेंट की जेब से कंडोम निकाला और लगाने लगा तो भावना की चूत इसी तरह से सकरी है।
भावना ने कंडोम लगाने के लिए मना किया और बोली ''कंडोम रहने दीजिये बिना कंडोम के ज्यादा मजा आता है'' तब मैंने कहा ''गड़बड़ हो जाएगी तो'' भावना बोली ''हो जाने दीजिये गड़बड़,लाइसेंस है मेरे पास'' मैं लाइसेंस का मतलब समझ मतलब गया। तब मैंने मेरी नाक के स्वास सुर देखा तो बायाँ स्वर चल रहा था , समझ गया की ऐसे चुदाई करूंगा तो भावना को लड़की होगी। तब भावना को नाक स्वर के बारे में बताया तो भावना बोली ''मुझे तो लड़का ही चाहिए'' तब मैंने कहा ''ठीक है जब लड़का ही होगा तब बिना कंडोम लगाएधीरे धीर थोड़ा थोड़ा करके पूरा लण्ड भावना की चूत में घुसेड़ दिया करूंगा'' तब भावना राजी हो गई तब मैंने कंडोम लगा लिया और फिर भावना की टांगो को फैला कर ऊपर की तरफ कर दिया,भावना की चूत कुँवारी लड़की की तरह से है ज़रा सी भी फैली हुई नहीं है। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने धीरे से चूत के मुह लण्ड घुसते ही भावना ने इस तरह मुँह बनाया में लण्ड सुपाड़ा टिकाया और थूक से चूत + लण्ड को चिकना किया और धीरे धीरे बड़े प्यार से लण्ड को घुसेड़ने लगा और धीरे धीरे करके लण्ड पेल दिया। जैसे ही लण्ड अंदर चला गया भावना ने अपनी आँखे बंद करते हुए बुरा सा मुँह बनाया तब मैंने भावना से पूछा ''क्यों दर्द हो रहा है क्या'' तो बोली ''आपका बहुत मोटा और लंबा है,दर्द तो होगा ही'' इसके बाद धीरे धीरे लण्ड को आगे पीछे करने लगा। भावना की चूत कुँवारी लड़की की तरह टाइट थी। जैसे जैसे मैं लण्ड को आगे पीछे करने लगा वैसे वैसे भावना और मेरी ओरिजनल फोटो। होटल में चुदाई का वीडिओ बना लिया है
भावना और मेरी ओरिजनल फोटो। होटल में चुदाई का वीडिओ बना लिया है भावना जन्नत की सैर करने लगी। मेरे एक एक झटके पर भावना मुँह से जन्नत की सीत्कार गुजने लगी। भावना कई दिनों से लण्ड की प्यासी थी वो अपनी प्यास को बड़े मादक अंदाज में बुझाने लगी। उसके मुंह से ऊऊ यू आअह्हह्ह सीसीसी सी सी सी सी की आवाज निकालते हुए बोली ''फटाफट जल्दी जल्दी मारिये कोई आ न जाए'' तब मैंने जल्दी जल्दी लण्ड का ठोकर मारना सुरु कर दिया। करीब 40-50 जोरदार लण्ड की ठोकड़ के बाद भावना और मैं स्खलित हो गए। भावना जल्दी जल्दी सलवार सूट पहनने लगी। ब्रा की हुक मैंने बंद किया।
भावना और मेरी ओरिजनल फोटो। होटल में चुदाई का वीडिओ बना लिया है भावना जन्नत की सैर करने लगी। मेरे एक एक झटके पर भावना मुँह से जन्नत की सीत्कार गुजने लगी। भावना कई दिनों से लण्ड की प्यासी थी वो अपनी प्यास को बड़े मादक अंदाज में बुझाने लगी। उसके मुंह से ऊऊ यू आअह्हह्ह सीसीसी सी सी सी सी की आवाज निकालते हुए बोली ''फटाफट जल्दी जल्दी मारिये कोई आ न जाए'' तब मैंने जल्दी जल्दी लण्ड का ठोकर मारना सुरु कर दिया। करीब 40-50 जोरदार लण्ड की ठोकड़ के बाद भावना और मैं स्खलित हो गए। भावना जल्दी जल्दी सलवार सूट पहनने लगी। ब्रा की हुक मैंने बंद किया।
मैंने भी जल्दी से कपडे पहनकर तैयार हो गया। और बात करने की कोशिस किया तो भावना लम्बी लम्बी सासें लेती हुई बोली ''अभी आप जाइए फोन पर बात करुँगी'' तब मैंने भावना को बोला ''केबिन का लाक खोलो और बाहर जाकर देखो कोई, है तो नहीं'' तब भावना केबिन का लाक खोलकर सटर उठाया और बाहर निकल कर करीब 3 मिनट बाद अंदर आई और बोली ''कोई नहीं है आप निकल जाइए'' तब मैंने जल्दी जल्दी लम्बे लम्बे कदम को बढ़ाया और अपनी बाइक के पास आ गया और बाइक उठाया और अपनी कोचिंग आ गया। करीब 30 मिनट बाद भावना का फोन आया करीब 45 मिनट तक दोनों ने बातें किया। भावना आज की चुदाई से खूब संतुष्ट है। पर वो जैसा खुलकर चुदाना चाहती है वो माहौल नहीं मिला ऑफिस में इस लिए दोनों ने बाहर होटल में जाने का प्लान बनाया।
पर उम्र का इतना अधिक फासला होने के कारण होटल में पति-पत्नी बनकर रुकना मुस्किल था इस लिए मैंने सोचा की मेरी पत्नी के पेन कार्ड में भावना की फोटो लगवा लूँ और भावना की उम्र को सुधार करके 5 साल बढ़ा दूँ तो पति पत्नी बनकर आराम से होटल में रुक सकते है। जिस दिन से भावना को उसकी ऑफिस में चुदाई किया उस दिन से वो चुदाई के लिए बेताब रहने लगी। रात में घर भी बुलाया पर मैं पत्नी डर से नहीं गया पर उसकी ऑफिस में रोज जाता और किस करके चूची दबाकर वापस आ जाता। भावना वाट्सअप में अपनी ब्यथा बताती खूब बातें करती। 7 फरवरी 2015 को शनिवार के दिन बाहर चलने का प्लान बनाया और दोनों पास के ही शहर में सुबह 10 बजे पहुँच गए और एक होटल में पति पत्नी बनकर रुक गए और साम के 5 बजे तक रुके रहे इस दौरान भावना को तीन बार बिना कंडोम लगाए चोदा। भावना पूरी बेसर्मी के साथ चुदवाया। होटल की चुदाई से मदमस्त भावना चुदाई के लिए और अधिक तड़पने लगी तो शहर में ही सुनसान बीराखेड़ी कालोनी में उसकी जान पहचान की एक औरत रहती है जिसे ये भाभी कहती है उसके घर में जाकर कई बार चुदवाया। भावना प्रेग्नेंट हो गई फिर भी 7 माह तक खूब चुदवाया। भावना को 2 बार मेरे घर में दिन में चोदा।
जब जब मेरी पत्नी बाहर गई और मौका मिला तब तब भावना को उसके घर में रात में जाकर चोदा। 23 नवम्बर 2015 सोमवार को सुबह 3 बजकर 55 मिनट पर भावना को एक लड़का हुआ। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। इसकी सुचना भावना ने मुझे 24 तारिख को वाट्सअप में दिया , भावना का लड़का एकदम से दूध की तरह सफ़ेद झक्क था। मैं समझ गया ये बड़ा होकर मेरी तरह गोरा ही होगा। भावना ने मेरे से बात किया,खूब खुस थी , उसके सास-ससुर पति खूब खुस थे। पर उन्हें क्या पता की ये किसकी ओलाद है। भावना ने नौकरी से 6 माह के लिए छुट्टी ले लिया है और अभी घर में ही रहती है। उससे घर जाकर मिल चुका हूँ। भावना फिर से चुदाई के लिए बेताब होने लगी, भावना की चूचियाँ पहले से और अधिक बड़ी बड़ी हो गई है।
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