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श्रीवास्तव भाभी को हॉस्पिटल में चोदा Shreevastav bhabhi ko hospital me choda
हस्पताल में भाभी की चूत चुदाई , श्रीवास्तव भाभी को हॉस्पिटल में चोदा Shreevastav bhabhi ko hospital me choda , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरे घर के टीक सामने एक 40-42 वर्षीय बिधवा तृष्णा श्रीवास्तव भाभी रहती है। इनके पति और मैं एक साथ ही एक फैक्ट्री में नौकरी करते थे। अगस्त 2005 में श्रीवास्तव जी का स्वर्गवास हो गया तो भाभी अकेले रह गई। श्रीवास्तव के ज़िंदा रहते घर आना जाना था बाद में मुझे देखकर कर ही श्रीवास्तव जी ने मेरे सामने मकान ले लिया और रहने लगे। भाभी को एक बेटी और एक बेटा है। बेटी की शादी कर दिया और अभी माँ बेटे साथ में रहते है। श्रीवास्तव जी से मैं 7 वर्ष छोटा हूँ। इस लिए बड़े हक़ से उनकी पत्नी को भाभी कहता हूँ। भाभी को कोई भी काम पड़ता तो मेरे से ही करवाती है।
मेरे घर के टीक सामने एक 40-42 वर्षीय बिधवा तृष्णा श्रीवास्तव भाभी रहती है। इनके पति और मैं एक साथ ही एक फैक्ट्री में नौकरी करते थे। अगस्त 2005 में श्रीवास्तव जी का स्वर्गवास हो गया तो भाभी अकेले रह गई। श्रीवास्तव के ज़िंदा रहते घर आना जाना था बाद में मुझे देखकर कर ही श्रीवास्तव जी ने मेरे सामने मकान ले लिया और रहने लगे। भाभी को एक बेटी और एक बेटा है। बेटी की शादी कर दिया और अभी माँ बेटे साथ में रहते है। श्रीवास्तव जी से मैं 7 वर्ष छोटा हूँ। इस लिए बड़े हक़ से उनकी पत्नी को भाभी कहता हूँ। भाभी को कोई भी काम पड़ता तो मेरे से ही करवाती है।
श्रीवास्तव जी के मरने के बाद बीमा के क्लेम लेने में खूब मदद किया और कई बार भाभी को अपनी बाइक में बैठकर LIC ऑफिस के चक्कर काटा था। तब भाभी की चूचियाँ कई बार मेरे पीठ से टकराई थी तभी से भाभी को चोदने का ख्याल मन में आया। मेरी पत्नी का भी श्रीवास्तव भाभी इसी तरह से लगती है श्रीवासत्व भाभी से खूब जमती है। भाभी का मेरे साथ जाने में मेरी पत्नी ने कभी आपत्ति नहीं उठाया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। भाभी बिधवा होने के बाद करीब 2-3 साल तक तो उदास रही बाद में वापस पुराणी वाली बिंदास लाइफ जीने लगी। भाभी बहुत ही हसमुख और खुले आधुनिक बिचारों की महिला है जो अपने स्वास्थ का बहुत ध्यान रखती है। और टॉप-जींस पहनकर स्कूटी से बाजार जाती है तो ऐसा लगता है जैसे कोई 30 साल की अनमैरिड लड़की जाती हो। सुबह सुबह ट्रेक सूट पहनकर मॉर्निंग वाक् जाती है। मैं भी पति पत्नी मॉर्निंक वाक् में जाते है। कभी कभी पत्नी नहीं जाती तो श्रीवास्ताव भाभी के साथ मॉर्निंग वाक् का मजा लेने को मिलता।
भाभी जब जल्दी जल्दी चलती तो उनकी मस्त मस्त चूचियाँ ऊपर नीचे होती तो मैं उन्हें ललचाई निगाहों से देखता। मेरी इस चोरी को भाभी ने कई बार देखा और मुस्कुरा कर रह गई। भाभी इस तरह से सिर्फ ब्रा पहने सोफे में बैठी थी सायद सितम्बर 2015 की बात थी श्रीवास्तव भाभी ने अपने घर के अंदर से मेरी पत्नी को आवाज दिया और बोली ''निधि के पापा को भेज दो मेरे से सिलेंडर में रेगुलेटर फिट नहीं हो रहा है'' तब पत्नी ने मुझे बोला ''जाइए श्रीवास्तव दीदी के यहां टंकी में रेगुलेटर लगा दीजिये'' तब मैं भाभी के घर गया तो देखा की भाभी आगे के रूम में सोफे में बैठी थी। लगता है ओ उस समय नहा कर निकली थी साडी तो पहन लिया था पर ब्लाउज नहीं पहनी हुई थी क्योकि साडी के नीचे से उनकी ब्रा दिखाई दे रही थी। मस्त चिकनी चिकनी गोरी गोरी बाहें दिख रही थी साडी इतनी पतली थी की चूचियों की घाटी स्पष्ट दिखाई दे रही थी। मैंने जाते ही पूछा ''भाभी जी राहुल नहीं है क्या'' तो बोली ''ओ आज फर्स्ट ड्यूटी में गया है''।
भाभी का 22 साल का लड़का राहुल है जो फैक्ट्री में नौकरी करता है। जैसे ही मैं गया भाभी उठकर खड़ी हो गई और किचेन में घुस गई , मैं भी पीछे पीछे चला गया तो भाभी झुककर रेगुलेटर लगाने लगी तो उनकी साडी का पल्लू गिर गया तो उनकी बड़ी बड़ी चूचियाँ दिखाई देने लगी। जब उनसे फिर से रेगुलेटर नहीं लगा तो मैंने कहा '' लाइए मैं लगा देता हूँ'' तब भाभी बगल में खड़ी हो गई। जब ओ खड़ी होने लगी तो उनका पल्लू खिसक कर बाहर गिर गया और उनका पूरा पेट,और बड़ी बड़ी चूची दिखी। ओह क्या मस्त मस्त बड़ी बड़ी गोलाई लिए हुए उनकी चूचियाँ है। मैं अवाक होकर उनको ही देखता रह गया तो भाभी मुस्कुराई और पल्लू को सम्हाल कर चूचियों को ढ़ाक लिया। तब मैं झेपते हुए रेगुलेटर को लगा कर रूम के बाहर आने लगा तो बोली ''बैठिये चाय पीकर 'जाइए' तब मैंने मुस्कुराते हुए बोला '' अभी मेडम (मेरी पत्नी) का ऑफिस का टाइम हो गया उन्हें जल्दी है'' तब बोली ''ठीक है जब ओ चली जाए तब आ जाना चाय पीने'' तो मैंने ओके कहा कहा और बाहर आ गया।
मेरी पत्नी एक बैंक में जॉब करती है और रोज सुबह 9:30 तक घर से चली जाती है तो साम को 6 बजे के पहले नहीं आती। जैसे ही मेरी पत्नी घर से गई मेरे मोबाइल में फोन आया तो उठाया तो उधर से श्रीवास्ताव भाभी का फोन था उन्होंने बुलाया चाय पीने के लिए तो मैं चला गया तो भाभी उन्ही कपड़ों में थी ओ चाय लाईं तो चाय पिया और आने लगा तो बोली ''मेरा नंबर सेव कर लेना''। जब तक बैठा रहा भाभी खूब हस हँस कर बाते कर रही थी। बिधवा होने के बाद भाभी पहली बार इतनी खुलकर हँसी और बात करी। इस तरह से भाभी से खूब बाते बाते करते अक्टूबर,नवम्बर और आधा दिसंबर निकल गया। भाभी जब भी मौका पाती मुझे फोन करती और बहुत देर तक बातें करती।
24 दिसंबर गुरूवार 2015 को रात में करीब 11 बजे मेरी पत्नी के मोबाइल में श्रीवास्तव भाभी का फोन आया तो बोली ''मेरी तबियत बहुत खराब है, भैया को भेज दो दवाई ला दे मेरे लिए, राहुल नाइट ड्यूटी में गया है '' तब मेरी पत्नी खुद ही उठकर उनके पास गई और वापस आकर मेडिसिन वाले डिब्बे में गैस- उलटी - बुखार की दवाई ढूढने लगी और उन्हें ले जाकर दिया मैं भी साथ में गया पर भाभी को 12 बजे तक आराम नहीं मिला तो बोली ''मुझे किसी डाक्टर को दिखा दो'' तो पत्नी बोली ''दीदी को डाक्टर के पास ले जाओ'' तब मैंने पहले दिखावटी आना-कानी किया और ठंडी का बहाना करके ले जाने से मना किया तो पत्नी ने आग्रह से बोला ''ले जाइए उन्हें दिखा दीजिये,किस दिन काम आयेगे हम पडोसी '' तब मैंने उन्हें कार में बिठाया और करीब 5 किलो- मीटर दूर एक हॉस्पिटल में लेजाकर डाक्टर को दिखाया तो डाक्टर ने भर्ती कर लिया। ठंडी बहुत थी इस लिए भाभी की इच्छा के अनुसार उन्हें हॉस्पिटल के एक प्राइवेट रूम में भर्ती किया जिसमे सिर्फ एक ही मरीज रह सकता है और एक बेड अटेंडर के लिए रहती है।
जब भाभी को थोड़ा आराम मिल गया तो मैंने रात में 1 बजे पत्नी को फोन किया बताया की भाभी को भर्ती कर दिया है तो बोली ''ठीक है आप हॉस्पिटल में ही रुके जब तक उन्हें आराम नहीं मिले और राहुल (श्रीवास्ताव भाभी का लड़का) को फोन कर दीजिये तो ओ आ जाएगा'' मैंने पत्नी को ओके बोला।करीब डेढ़ 1:30 बजे नर्स आई तो भाभी सो रही थी तो नर्स बोली '' इन्हे सोने दीजिये आराम मिल जाएगा'' और नर्स चली गई। मैं भी नर्स के साथ बाहर आ गया और कुछ दूर स्थित मेडिकल स्टोर से कंडोम और ''बिगोरा फ़ोर्स और विगोरा 100'' की टेबलेट लेकर आया तो भाभी सो रही रही। मैंने चुपचाप एक बिगोरा फ़ोर्स व् विगोरा 100 की एक-एक गोली खा लिया क्योकि मुझे पूरा विश्वास था की भाभी आज रात में चुदवा सकती है। विगोरा फ़ोर्स बहुत देर तक वीर्य स्खलन को रोकती है और बिगोरा 100 लण्ड को खूब कठोर करती है। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैं बगल के बेड में लेट गया। हॉस्पिटल के रजिस्टर में मैंने भाभी का पति दर्ज़ कराया इस लिए नर्स या डाक्टर को कोई संका नहीं थी।
श्रीवास्तव भाभी अपने घर में इस तरह से नंगी होकर मेरे लण्ड का इन्तजार करने लगी रात के करीब 2 बजे भाभी की नींद खुली तो बोली ''मुझे बहुत ठंडी लग रही है'' तब मैंने भाभी को अपना भी कम्बल डाल दिया और अपनी बेड में भाभी से बातें करते हुए बैठ गया। मुस्किल से 15 मिनट में ही मैं कांपने लगा और नींद भी आने लगी तो भाभी बोली ''कब तक जागोगे,आओ इसी बिस्तर में सो जाओ'' तो मैं पहले सकुचा कर मना कर दिया तो भाभी फिर से बोली ''आ जाओ सर्माओ नहीं, नहीं तो सुबह तक बीमार हो जाओेगे '' तब मैं भाभी के बगल में जाकर भाभी की तरफ पीठ करके लेट गया। ''आग और पेट्रोल साथ रहे और जलें नहीं'' ये कैसे होता। मैं ज्यादा देर तक एक ही करवट में नहीं लेट पाता। करीब 10 मिनट बाद मैंने करवट बदला और भाभी की तरफ मुँह करके लेट गया। भाभी की गर्म गर्म खुसबू लिए साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही थी पर मैं सोने का बहाना किये लेटा रहा पर मेरा लण्ड पेंट के नीचे खड़ा हो चुका था।
श्रीवास्तव भाभी अपने घर में इस तरह से नंगी होकर मेरे लण्ड का इन्तजार करने लगी रात के करीब 2 बजे भाभी की नींद खुली तो बोली ''मुझे बहुत ठंडी लग रही है'' तब मैंने भाभी को अपना भी कम्बल डाल दिया और अपनी बेड में भाभी से बातें करते हुए बैठ गया। मुस्किल से 15 मिनट में ही मैं कांपने लगा और नींद भी आने लगी तो भाभी बोली ''कब तक जागोगे,आओ इसी बिस्तर में सो जाओ'' तो मैं पहले सकुचा कर मना कर दिया तो भाभी फिर से बोली ''आ जाओ सर्माओ नहीं, नहीं तो सुबह तक बीमार हो जाओेगे '' तब मैं भाभी के बगल में जाकर भाभी की तरफ पीठ करके लेट गया। ''आग और पेट्रोल साथ रहे और जलें नहीं'' ये कैसे होता। मैं ज्यादा देर तक एक ही करवट में नहीं लेट पाता। करीब 10 मिनट बाद मैंने करवट बदला और भाभी की तरफ मुँह करके लेट गया। भाभी की गर्म गर्म खुसबू लिए साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही थी पर मैं सोने का बहाना किये लेटा रहा पर मेरा लण्ड पेंट के नीचे खड़ा हो चुका था।
करीब 15 मिनट बाद मैंने भाभी के कमर पर हाथ रखा तो कुछ देर में भाभी ने भी मेरे कमर पर हाँथ रख दिया तो मैंने भाभी को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और चूमते हुए चूची को दबा दिया और भाभी के सीने से चिपका रहा व् कुछ देर बाद साड़ी के ऊपर से ही जांघो को सहलाने लगा फिर कुछ देर बाद धीरे धीरे साड़ी को कमर तक खिसकाया और चिकिनी चिकिनी जांघों को सहलाने लगा तो भाभी श्रीवास्तव भाभी का जिस्म बिलकुल ऐसा ही है मुझे चूमने लगी, ओ धीरे धीर गर्म हो रही थी । तब मैंने भाभी से पूछा ''कैसी है आपकी तबियत'' तो बोली ''अब मेरी तबियत अब बिलकुल टीक है''। इतना सुनते ही मैंने भाभी के स्तनों पर हाथ रख दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही स्तनों को सहलाने लगा। भाभी को खीच कर सीने से लगा लिया और हाथ पीठ की तरफ ले गया और ब्रा हुक खोल दिया और ब्लाउज के एक एक हुक को खोलने लगा पर नीचे के दो हुक बहुत टाइट थे खुल नहीं रहे थे तो मैंने जोर लगाया तो एक हुक टूट गया तो बचा हुआ एक हुक भाभी ने स्वेम ही खोल दिया और ब्लाउज को साइड से करने लगी तो मैंने कहा ''उतार दीजिये न'' तो बोली ''बाहर मत निकालवाइये कही नर्स या डाक्टर आ गए तो'' तो मैंने कहा ''ठीक है''। ब्रा को चूचियों से अलग कर गले की तरफ खिसकाया और चूची को सहलाता तो स्तनों की निप्पल तो टाइट हो गई थी,मतलब तवा गर्म है ,बस रोटी सेकने की जरुरत है।
श्रीवास्तव भाभी की चूची 100% ऐसी ही लगती है। फिर मैंने चूचियों को चूसना सुरु किया क्या मस्त मस्त टाइट चूची है भाभी की। जैसे जैसे चूचियों को चूसता जाता वैसे वैसे भाभी मेरे मस्त मजबूत कठोर वदन पर हाथ घुमाने लगी। कुछ मिनट की चूची चुसाई के बाद मैं उठा और भाभी के पाँव की तरफ बैठ गया,और पेंटी को बाहर निकालने लगा तो भाभी अपने चूतड़ों को ऊपर उठा लिया तो पेंटी बाहर निकल दिया और फिर टांगो को फैलाया और चूत हाथ को घुमाया , चूत पर छोटे छोटे बाल है जैसे एक महीने पहले ही सेविंग की गई हो। श्रीवास्तव भाभी की चूत में इस तरह से बाल है चूत चाटने के लिए झुका तो भाभी ने मना किया व बोली ''पेसाब करने के बाद धो तक नहीं पाई मुँह मत लगाइये''..
तब मैंने भाभी को बोला ''अरे भाभी असली जन्नत तो यही है'' तो मुस्कुराने लगी और मैं झुककर चूत चाटने के लिए जीभ बाहर निकाला और लगाया तो बहुत बदबू आई क्योकि भाभी ने दवाई खाया था जिस कारन पेसाब में ज्यादा बदबू थी फिर हिम्मत नहीं पड़ी चूत चाटने की तो चूत पर ऊँगली घुमाने लगा तो भाभी बोली ''क्या हुआ जन्नत का मजा नहीं लिया'' तो मैंने कहा ''जन्नत में बदबू है'' और मुस्कुराया तो भाभी बोली ''रुकिए'' और भाभी उठकर कमरे से अटेच बाथरूम में गई और चूत को धोकर वापस आई और बेड में लेटने लगी तो मैंने कहा ''साड़ी उतार दीजिये'' तो भाभी ने साड़ी उतार कर सामने वाली पलंग पर रख दिया और पलंग पर लेटने लगी तो मैंने पेटीकोट का नाड़ा खीच लिया तो पेटीकोट नीचे गिर गई और भाभी एकदम से नंगी हो गई।भाभी की चूत एकदम से सिकुड़ कर सकरी हो चुकी है ओह क्या मस्त जांघे है भाभी की, बिलकुल चिकनी चिकिनी तब मैंने भाभी की ब्लाउज और ब्रा भी उतार दिया अब भाभी के वदन कपड़ा नहीं बचा। भाभी जल्दी से सरमा कर बिस्तर पर लेट गई और कम्बल ओढ़ लिया।
मैंने भी जल्दी से अपने सभी कपड़े उतारकर पूर्ण रूप से नंगा होकर भाभी के कंबल में घुस गया और घुसते ही टांगो को फैलाया चाटने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। धुलने के बाद चूत की गंध लगभग ख़त्म हो गई। करीब 3 मिनट तक चूत चाटने के बाद भाभी गर्म आग हो गई और अपने चूतड़ों को बार बार उठाने लगी और मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खीचने लगी तो मैंने लण्ड में कंडोम चढ़ाया और चूत पर सुपाड़े को टिका दिया और हल्का सा पुस किया तो थोड़ा सा लण्ड का सुपाड़ा घुसा तो मैं समझ गया भाभी की चूत सिकुड़ कर टाइट हो चुकी है। (भाभी छिनाल नहीं है, क्योकि उनके यहां कभी भी किसी भी पराये मर्द को आते जाते नहीं देखा,इससे लगता है की भाभी ने 10 साल से चूत नहीं चुदवाया) तब मैंने चूत और लण्ड बीच थूक कर चिकनाई दिया और लण्ड को पुस किया तो सुपाड़ा सट्ट से घुस गया। सुपाड़ा घुसते ही भाभी ने ''स्स्स्स स्स्स्स्स आअह'' की हलकी से आवाज निकली तो मैंने भाभी से पूछा ''दर्द हो रहा है'' तो भाभी ने हां में गर्दन हिलाया। तब मैं भाभी के ऊपर झुक गया और होठों को चूसते हुए धीरे धीरे लण्ड को पुस करता गया और पूरा 7 इंची लंबा लण्ड भाभी की चूत में पेल दिया।
भाभी भी मेरे होठों को जीभ को चूसने लगी और अपने हाथों को मेरी पीठ पर घुमाने लगी और मैं धीरे धीरे लण्ड को आगे पीछे करने लगा पर लन्ड पूरी गहराई तक अंदर नहीं जा रहा था मैंने भाभी सिर से तकिया लिया और भाभी के चूतड़ को हल्का से उठाया तो भाभी अपने आप ही ऊपर उठा लिया तो तकिया नीचे रखा और फिर अपने घुटनों को मोड़कर जोरदार तरीके से लण्ड को चूत में पेल दिया और धीरे धीर आगे पीछे करने लगा! जब लण्ड को अंदर करने लगता तो भाभी चूत को इत्ती जोर से सिकोड़ती जैसे लण्ड को अंदर जाने से रोक रही हो और जब लण्ड अंदर चला जाता और लण्ड को धीरे धीर बाहर करने लगता तब भी भाभी चूत को पूरी ताकत से सिकोड़ती जैसे लण्ड को बाहर नहीं जाने देना चाहती हो।
यही क्रिया लगातार 4-5 मिनट तक करता रहा। भाभी ने मेरी भुजाओं को कसकर पकड़ लिया जैसे ओ चाह रही हो की मुझे छोडो मत बस ऐसे ही करते रहो। और बार बार उठकर मेरे होठ को गाल को किस करती अपनी जीभ कोमेरे होठो पर घुमाने लगी तो मैंने होठ खोल दिया तो भाभी अपनी जीभ मेरे मुह के अंदर डाल दिया मेरी जीभ से टकराने लगी तब मैं भी अपनी जीभ को भाभी की जीभ से टकराने लगा, इधर लण्ड बराबर आगे पीछे हो रहा था कुछ देर में भाभी अपने दोनों हाथो को मेरे चूतड़ों पर रख दिया और चूतड़ को आगे पीछे करने में सहयोग करने लगी और अपनी दोनों टांगों को मेरी कमर पर रख लिया और बार बार अपने चूतड़ों को उठने लगी जैसे ओ ज्यादा गहराई तक लण्ड लेना चाह रही हो। कुछ देर झटके खाने के बाद भाभी काँपती हुई आवाज में बोली ''जल्दी जल्दी करो न'' और अपना एक हाथ कमर से हटाकर अपनी चूत के पास रख लिया और चूत के ऊपरी हिस्से पर हाथ घिसने लगी मैं समझ गया भाभी चरम उत्तेजना पाने के लिए बेताब है तब मैं जल्दी जल्दी झटके मारने लगा तो लोहे की पलंग हिलने लगी और धीरे धीरे आवाज करने लगी तब मुझे और जोस चढ़ा और जल्दी जल्दी लण्ड आगे पीछे करने लगा।
भाभी उ आह आह उ आह आह उ आठ उ आहा उ आह उ आह सी सी सी की आवाज निकलने लगी और मेरे से जोस से लिपट गई और फिर अचानक सुस्त होकर ठंढी हो गई मैं समझ गया भाभी स्खलित हो गई। तब मैंने पूछा ''क्या हुआ'' तो हाँफते हुए बोली ''आप रिलेक्स नहीं हुए क्या'' तब मैंने कहा '' नहीं'' तो भाभी बोली बोली ''हो जाइये न'' तब मैंने कहा ''आप घोड़ी बन जाए'' तो ओ उठी और घोड़ी बन गई तब मैंने बोला ''कंडोम निकालकर कर लूँ क्या'' तो बोली ''कर लीजिए कुछ नहीं होगा'' तब मैंने कंडोम निकाला और चोदने लगा। बिगोरा फ़ोर्स के कारण स्खलन बहुत देर तक नहीं होता।
मैं लगातार 5 मिनट तक झटके मारता रहा और स्खलित हो गया। और लंड को बहार निकाल लिया तो भाभी बैठ गई तो ढेर सार वीर्य बिस्तर की सफ़ेद चादर में गिर गया तो जल्दी से उठी और नंगी ही वथरूम में घुस गई और पेशाब कर बाहर आ गई और कपडे पहनने लगी तो मैं भी वथरूम गया और वापस आकर कपडे पहना और भाभी के पास लेट गया और बाते करते करते कब सो गए पता ही नहीं चला। सुबह 7 बजे नर्स ने दरवाजा खटखटाया तो नींद खुली तो जल्दी से अपने बिस्तर पर कम्बल फैलाया और दरवाजा खोल दिया। नर्स ने भाभी का चेकअप किया गई। सुबह 8 बजे राहुल आ गया तो मैं घर आ गया।आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। करीब 11 बजे भाभी घर आ गई।
करीब 2 बजे भाभी को देखने उनके घर गया तो राहुल सोया हुआ था। इसारो इशारों में बात हुई, भाभी रात की चुदाई से खूब संतुष्ट थी और फिर से चुदवाने का आग्रह कर रही थी तो उन्हें समझाया की धैर्य रखे। और फिर दिन में जब भी मौका मिलता भाभी के घर घुस जाता और चुदाई करके आ आ जाता। अभी अभी 15 जून को भाभी को उनके बाथरूम में नहला कर खूब चोदा। दिसंबर से अभी तक 5 बार भाभी की चुदाई कर चुका हूँ।
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