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पति नामर्द बिजली मिस्त्री से करवाई चुदाई Pati namard Bijli mistri se karvayi chudai
पति नामर्द बिजली मिस्त्री से करवाई चूत की चुदाई Pati namard Bijli mistri se karvayi chudai, जोशीली औरत और नामर्द पति, नामर्द पति बोला देवर के साथ रात बिताओ, सुहागरात में पति निकला नामर्द, हनीमून पर पता चला पति नामर्द है तो पत्नि ने उठाया यह कदम, सुहागरात के बाद पति को नामर्द बताया, पति का लंड खड़ा नहीं होता है सेक्स कहानी, बिजली मिस्त्री ने मोटे और बड़े लम्बे लंड से चोदा.
मेरा पति मादरचोद ऐसा इंसान है जो सिर्फ ऊँगली से ही काम चला लेता है, उसका लंड खड़ा नहीं होता है लेकिन मुझे शादी से पहले यह पता नहीं था. बेहनचोद को कुछ भी कर दो उसका लण्ड खड़ा ही नहीं होता, मैंने तो उसके लण्ड पे, गांड रगड़ी, बूर रगड़ी, उसके लण्ड को मैंने घंटो तक मुंह में लिया, गन्दी गन्दी बातें बोली, कामुक कहानियां सुनाई और गन्दी फ़िल्में भी दिखाई पर हरामजादा किसी काम का नहीं हुआ, आप ही बताओ दोस्तों मैं क्या करती. मेरे साथ तो वो बात हो गई कि "मेरी जवानी जोरम जोर और मेरा पिया कमजोर". मैं क्या करती? मैं पूरी रात अपनी बेड पर पड़ी तड़पती रहती थी.
मेरा पति मादरचोद ऐसा इंसान है जो सिर्फ ऊँगली से ही काम चला लेता है, उसका लंड खड़ा नहीं होता है लेकिन मुझे शादी से पहले यह पता नहीं था. बेहनचोद को कुछ भी कर दो उसका लण्ड खड़ा ही नहीं होता, मैंने तो उसके लण्ड पे, गांड रगड़ी, बूर रगड़ी, उसके लण्ड को मैंने घंटो तक मुंह में लिया, गन्दी गन्दी बातें बोली, कामुक कहानियां सुनाई और गन्दी फ़िल्में भी दिखाई पर हरामजादा किसी काम का नहीं हुआ, आप ही बताओ दोस्तों मैं क्या करती. मेरे साथ तो वो बात हो गई कि "मेरी जवानी जोरम जोर और मेरा पिया कमजोर". मैं क्या करती? मैं पूरी रात अपनी बेड पर पड़ी तड़पती रहती थी.
मैं आपको अपने बारे बता दू, मेरी उम्र अभी चौबीस साल की है, बड़ी ही खूबसूरत हूँ, शरीर की बनावट काफी अच्छी है, चौतीस साइज की ब्रा पहनती हूँ, पांच फुट कद की हूँ, वजन मेरा 50 किलो है, गोरी हूँ, मैं अपने कॉलेज टाइम में कॉलेज सुंदरी रह चुकी हूँ, मैं काफी मॉडर्न हूँ, नए ख़यालात की औरत हूँ, मुझे डिस्को में जाना, बाहर घूमना काफी पसंद था, पर अब…. क्या बताऊ आप खुद ही समझ लो. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मेरा तन बदन में आग लगी रहती थी, जब भी किसी लड़के को देखती हूँ तो मैं उसी के बारे में सोचती रहती हूँ और मेरी चूत गीली हो जाती, रात को तकिये के सहारे सोती हूँ, पति तो बगल में सोता था पर मैं अब उसे छूने नहीं देती थी, आग तो लग जाती थी पर होता कुछ भी नहीं था उससे. दिनों दिन मेरी चूचियाँ टाइट होने लगी, अब बर्दास्त के बाहर था सबकुछ तो मैंने एक प्लान बनाया. हमारे घर के सामने एक लड़का रहता है वह बिजली मिस्त्री है. वह काफी आकर्षक है, बहुत ही खूबसूरत है, मैं कई बार उसके बारे में सोच के अपनी चूत गीली कर चुकी थी.
मेरा पति कंपनी के काम के सिलसिले से मुम्बई चला गया. अब मुझे लगा कि इससे अच्छा मौका कभी नहीं मिल सकता है. वह हर रोज रात के 9 बजे दुकान से घर आता था. उस दिन मैं मेरे घर की बिजली का मेन स्विच काटकर गली में उसका इंतजार करने लगी. हर दिन की तरह वह 9 बजे घर आया. मैंने उसे अपने पास बुलाया और उससे कहा कि आज अचानक हमारे घर की लाईट चली गई है यदि हो सके तो फ्यूज आदि चेक करके देख लो. हालाकि वो बिजली मिस्त्री है इसलिए उसने चेक करने की हामी भर ली और मेरे पीछे - पीछे चलने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
घर में पूरा अँधेरा था और मैं आगे चल रही थी. मैं जानबूझ कर रुक गई, अँधेरा होने के कारण वह मुझसे टकरा गया. वो मेरे पीछे था इसलिए उसका लंड मेरी गांड से टकरा गया. उसने सॉरी बोला. मैंने उससे कहा की इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है. अँधेरा है इसलिए कुछ दिख नहीं रहा है. उसने कहा कि बिना रोशनी के फ्यूज भी चेक नहीं हो सकते है. मैंने उससे कहा कि हमारे पास एक टोर्च है मैं लेकर आती हूँ. मैं अंदर गई और मुझे पता था की टोर्च कहाँ रखी है इसलिए जल्दी ही लेकर आ गई.
मैं उसे फ्यूज वाले बोर्ड के पास ले गई वो फ्यूज निकलने लगा. मैं उसके बदन को निहार रही थी. उसने सभी फ्यूज चेक किए और बोला कि ये तो सब ठीक है लगता है कुछ और ही गड़बड़ है. मुझे लगा कि अच्छा मौका है इसे गवाना नहीं चाहिए और मैं उसके लंड को पेंट के ऊपर से ही छूने लगी. वह कुछ नहीं बोला तो मैंने उसे कहा कुछ समझ में आया क्या कि गड़बड़ कहा है. वो बोला कि समझ में तो आ गया लेकिन डरता हूँ कहीं करंट ना लग जाएँ. मैंने उसे बताया कि मेरा पति कंपनी के काम के सिलसिले से मुम्बई चला गया है. मेरे यह कहते ही वो मेरी तरफ घूम गया और मुझे सिर से पकड़ कर मेरे होंठो पर टूट पड़ा. मैं भी उसके होंठ चूसने लगी. अब मुझे चैन आने लगा था क्योंकि मैं अपने मिशन में कामयाब हो रही थी.
दस मिनट होंठ चूसने के बाद मैं उसे अपने बेडरूम में ले गई. उसने वहां जाते ही अपने सारे कपड़े उतार दिए और एक - एक करके मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए. उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और चूचियाँ दबाने लगा, वो मेरी चूची को मुह में लेके चूसने लगा, आज मुझे लगा कि मेरे बदन को किसी मर्द का हाथ लगा मैं सिहर गयी, रोम रोम काँप गए, मैं चुदने के लिए तैयार थी पर तुरंत नहीं करना चाह रही थी, मैंने पहले अपना बूर चटवाया, गांड चटवाया, कांख के बाल, चूत के बाल, जांघ, पुरे शरीर को उसने मुझे चाटा रोम रोम मेरे खड़े हो गए, चूत गीली हो गयी, निप्पल पिंक पिंक और टाइट हो गए, मैं अपनी वासना कि आग में तड़पने लगी, उसने मेरे पैर को ऊपर उठा दिया, चूत पे लण्ड को रखा और एक ही धक्के में पूरा लण्ड अंदर कर दिया.
मैं बैचेन हो गई, आज तक कभी ऐसे नहीं चुदी थी, आज मेरे बूर में सही मर्द का लण्ड गया था, गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, वो भी पुरे स्पीड में चोद रहा था, अब तो बस आह आह आह अहा अहा अहा उफ्फ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ मेरे मुह से आवाज निकल रही थी, फिर करीब 30 मिनट तक चोदने के बाद मैं झड़ गयी, फिर पंद्रह मिनट बाद उसने भी अपना सारा वीर्य मेरे बूर में डाल दिया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
चुदाई के बाद अचानक मुझे याद आया कि ये तो अपने घर भी नहीं गया था इसलिए भूखा ही होगा और मैंने भी अब तक खाना नहीं खाया था. मैंने झट से दोनों के लिए खाना परोसा और हम दोनों ने एक साथ खाना खाया. फिर उसने अपने घर फोन कर दिया कि वह आज किसी दोस्त के पास पार्टी में है इसलिए पूरी रात घर नहीं आएगा. उसके बाद तो रात भर कभी चूत कभी गांड यही चलता रहा, बीच बीच में हम दोनों एक एक पेग व्हिस्की का भी लेते रहे थे और चुदाई को अंजाम देते रहे. अब जब भी मेरे पति बाहर जाते है तो बिजली मिस्त्री मेरी सर्विस कर देता है और मैं अब बहुत खुश हूँ.......
दस मिनट होंठ चूसने के बाद मैं उसे अपने बेडरूम में ले गई. उसने वहां जाते ही अपने सारे कपड़े उतार दिए और एक - एक करके मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए. उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और चूचियाँ दबाने लगा, वो मेरी चूची को मुह में लेके चूसने लगा, आज मुझे लगा कि मेरे बदन को किसी मर्द का हाथ लगा मैं सिहर गयी, रोम रोम काँप गए, मैं चुदने के लिए तैयार थी पर तुरंत नहीं करना चाह रही थी, मैंने पहले अपना बूर चटवाया, गांड चटवाया, कांख के बाल, चूत के बाल, जांघ, पुरे शरीर को उसने मुझे चाटा रोम रोम मेरे खड़े हो गए, चूत गीली हो गयी, निप्पल पिंक पिंक और टाइट हो गए, मैं अपनी वासना कि आग में तड़पने लगी, उसने मेरे पैर को ऊपर उठा दिया, चूत पे लण्ड को रखा और एक ही धक्के में पूरा लण्ड अंदर कर दिया.
मैं बैचेन हो गई, आज तक कभी ऐसे नहीं चुदी थी, आज मेरे बूर में सही मर्द का लण्ड गया था, गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, वो भी पुरे स्पीड में चोद रहा था, अब तो बस आह आह आह अहा अहा अहा उफ्फ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ मेरे मुह से आवाज निकल रही थी, फिर करीब 30 मिनट तक चोदने के बाद मैं झड़ गयी, फिर पंद्रह मिनट बाद उसने भी अपना सारा वीर्य मेरे बूर में डाल दिया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
चुदाई के बाद अचानक मुझे याद आया कि ये तो अपने घर भी नहीं गया था इसलिए भूखा ही होगा और मैंने भी अब तक खाना नहीं खाया था. मैंने झट से दोनों के लिए खाना परोसा और हम दोनों ने एक साथ खाना खाया. फिर उसने अपने घर फोन कर दिया कि वह आज किसी दोस्त के पास पार्टी में है इसलिए पूरी रात घर नहीं आएगा. उसके बाद तो रात भर कभी चूत कभी गांड यही चलता रहा, बीच बीच में हम दोनों एक एक पेग व्हिस्की का भी लेते रहे थे और चुदाई को अंजाम देते रहे. अब जब भी मेरे पति बाहर जाते है तो बिजली मिस्त्री मेरी सर्विस कर देता है और मैं अब बहुत खुश हूँ.......
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