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लस्सी लेने आई थी चूत चुदवाकर गई Lassi lene aayi thi chut chudwakar gayi
लस्सी के लिए चूत की चुदाई , लस्सी लेने आई थी चूत चुदवाकर गई Lassi lene aayi thi chut chudwakar gayi , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हैल्लो दोस्तों, ये बात आज से करीब 2 साल पहले की है. हमारे घर पर गाँव की ही एक औरत सुबह के समय लस्सी लेने आ जाया करती थी. मैं उसके साथ काफी मजाक कर लिया करता था क्योंकि वह रिश्ते में मेरी भाभी ही लगती थी, वैसे उन्हें सिर्फ़ भाभी कहना ग़लत होगा, क्योंकि वो तो परी जैसी थी. उनका रंग एकदम गोरा था और उन्हें जहाँ से पकड़ लो तो टमाटर की तरह लाल पड़ जाती थी. उनकी हाईट लगभग 5 फुट, बिल्कुल स्मूद और सिल्की बाल जो नागिन की तरह ल़हराते थे. जब मैंने पहली बार उन्हें देखा तो मुझे ऐसा लगा कि ये बहुत भारी माल है और ये मेरे हाथ नहीं आने वाली, लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंज़ूर था. उसका फिगर बहुत मस्त था और वो पूरी मारवाड़ी थी. एक दिन मेरे घर के सभी लोग माता के मंदिर में गए. उनके जाते ही वह आ गई.
हैल्लो दोस्तों, ये बात आज से करीब 2 साल पहले की है. हमारे घर पर गाँव की ही एक औरत सुबह के समय लस्सी लेने आ जाया करती थी. मैं उसके साथ काफी मजाक कर लिया करता था क्योंकि वह रिश्ते में मेरी भाभी ही लगती थी, वैसे उन्हें सिर्फ़ भाभी कहना ग़लत होगा, क्योंकि वो तो परी जैसी थी. उनका रंग एकदम गोरा था और उन्हें जहाँ से पकड़ लो तो टमाटर की तरह लाल पड़ जाती थी. उनकी हाईट लगभग 5 फुट, बिल्कुल स्मूद और सिल्की बाल जो नागिन की तरह ल़हराते थे. जब मैंने पहली बार उन्हें देखा तो मुझे ऐसा लगा कि ये बहुत भारी माल है और ये मेरे हाथ नहीं आने वाली, लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंज़ूर था. उसका फिगर बहुत मस्त था और वो पूरी मारवाड़ी थी. एक दिन मेरे घर के सभी लोग माता के मंदिर में गए. उनके जाते ही वह आ गई.
हमारा पूरा परिवार दूसरी मंजिल पर रहता है क्योंकि हमने नीचे वाली पूरी जगह पशुओं के लिए छोड़ रखी है. वह आज बिना आवाज लगाएं ही दूसरी मंझिल पर आ गई, उसे आती देखकर मैं छिप गया वो मेरी माँ को आवाज देने लगी और अंदर कमरे में चली गई तभी पीछे से मैं भी कमरे में चला गया. उसने एकदम पीछे मुड़कर देखा तो उसे मैं पीछे से आता हुआ दिखाई दिया. उसने मुझसे मेरी माँ के बारे में पूछा तो मैंने उसे कहा कि मेरे घर के सभी लोग माता के मंदिर में गए है और उन्हें वापिस आने में कम से कम 2 घंटे जरुर लगेंगें. वह बोली कि मैं बाद में आ जाउंगी. यह कहकर वो जाने लगी तो मैंने उसे रोक दिया और और कहा कि हर दिन मुझे बहुत कुछ कह कर मुझे पागल बनाती थी और आज मौका मिला है तो भाग रही है. यह कहकर मैं उसे पकड़ कर अंदर ले गया और उसे चूमने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
उसके होंठ थरथराने लगे, मैंने धीरे से उसकी कमर पर हाथ रखते हुए उसको अपनी तरफ दबा लिया और प्यार से उसके होंठो पर अपने होंठो को रख दिया. अब होंठ रखते ही वो मेरे बिलकुल पास आ गई और मेरे होंठो को एक भूखी शेरनी की तरह चूसने लगी, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे ये उसकी जिंदगी का आखरी किस है. अब होंठ चूसते-चूसते मैंने उसको कसकर पकड़ लिया था और किस करते हुए ही उसको बेडरूम में ले गया और वहाँ जाकर बेड पर लेटा दिया और प्यार से उसकी साड़ी का पल्लू हटाते ही उसके बूब्स पर अपनी उंगलियां फैरने लगा और प्यार से बीच में किस भी किया. अब उसकी साँसे किसी ट्रेन के इंजन से भी तेज़ चल रही थी और उसका बदन किसी भट्टी की तरह तप रहा था. इतने में उसने मुझे मेरी शर्ट से पकड़कर मुझे वापस अपनी तरफ खींचा और किस करने लगी.
अब मैंने किस करते हुए उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए. अंदर उसने ब्रा नहीं पहनी थी और फिर में बूब्स को नीचे से पकड़कर धीरे-धीरे दबाने लगा. अब उसने मेरे होंठ छोड़ दिए और वो सिसकारियां भरने लगी. अब मैं उसकी गर्दन पर, आँखों पर, सब जगह किस करने लगा. उसके बूब्स पर किस करने लगा और उनको दबाने और चूसने लगा. वो बोली कि आई लव यू, प्लीज ऐसा मत करो, में हमेशा के लिए तुम्हारी हूँ. फिर मैंने कहा अब से तुम मेरी ही हो जाओगी. अब मैंने उसके गोरे-गोरे बूब्स दबाते हुए धीरे से उसकी निप्पल पर चिकोटी काटी तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि इतना धीरे मत करो कि मेरी जान ही निकाल दो. फिर मैंने उसके बूब्स चूसना शुरू किया और बहुत देर तक चूसने के बाद उनको मसलने लगा. फिर उसने उठकर अपनी साड़ी और पेटीकोट उतार दिया और अब वो अपनी काली पेंटी उतारने लगी. मैंने कहा कि इस पर मेरा हक़ है तो फिर वो वापस लेट गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
अब मैंने भी मेरे पूरे कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडरवियर छोड़ दिया और उसके ऊपर आकर उसके पेट को चाटने लगा और धीरे-धीरे नीचे की तरफ आते हुए उसकी नाभि पर आकर रुक गया और उसको चूसने लगा. फिर मैंने मेरा हाथ नीचे लगाया, तो मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत में से इतना पानी आ रहा था कि बेडशीट गीली हुये जा रही थी. फिर मैं नीचे की तरफ आया तो मुझे शरारत सूझी और मैंने उसकी पेंटी के ऊपर से चूत को किस करते हुए, उसकी जाँघो पर किस किया. इससे वो और तड़प गई और कहने लगी कि तुम बहुत गंदे हो और मुझे तड़पाते हो. फिर मैंने उसकी पेंटी के ऊपर से किस किया तो उसकी एक लंबी सिसकारी छूट पड़ी. फिर वो बोली कि बहुत ठंड लग रही है, अब तो कुछ करो.
फिर मैंने उसकी पेंटी को अपने दांतों से उतार दिया और मैंने देखा कि उसकी चूत में से अमृत की धारा बह रही थी जो कि बहुत ही मस्त थी. अब वो बिना स्पर्श के ही निकल रही थी. फिर मैंने उसकी चूत पर किस करते हुए अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाली और प्यार से चूसने लगा, और खूब जबरदस्त चूसने के बाद चुदाई का मौसम आया. फिर मैंने अपना 7 इंच लंबा लंड निकाला और उसके हाथों में थमा दिया. वो बोली मेरे पति का तो काला नाग है, लेकिन तुम्हारा तो प्यारा पोपट पूरा गुलाबी है, मेरा मन कर रहा है कि अभी इसे खा जाऊं. तो मैंने कहा क्यों नहीं? आज अपनी हर इच्छा पूरी कर लो. अब इतना कहते ही उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
अब मैंने भी मेरे पूरे कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडरवियर छोड़ दिया और उसके ऊपर आकर उसके पेट को चाटने लगा और धीरे-धीरे नीचे की तरफ आते हुए उसकी नाभि पर आकर रुक गया और उसको चूसने लगा. फिर मैंने मेरा हाथ नीचे लगाया, तो मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत में से इतना पानी आ रहा था कि बेडशीट गीली हुये जा रही थी. फिर मैं नीचे की तरफ आया तो मुझे शरारत सूझी और मैंने उसकी पेंटी के ऊपर से चूत को किस करते हुए, उसकी जाँघो पर किस किया. इससे वो और तड़प गई और कहने लगी कि तुम बहुत गंदे हो और मुझे तड़पाते हो. फिर मैंने उसकी पेंटी के ऊपर से किस किया तो उसकी एक लंबी सिसकारी छूट पड़ी. फिर वो बोली कि बहुत ठंड लग रही है, अब तो कुछ करो.
फिर मैंने उसकी पेंटी को अपने दांतों से उतार दिया और मैंने देखा कि उसकी चूत में से अमृत की धारा बह रही थी जो कि बहुत ही मस्त थी. अब वो बिना स्पर्श के ही निकल रही थी. फिर मैंने उसकी चूत पर किस करते हुए अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाली और प्यार से चूसने लगा, और खूब जबरदस्त चूसने के बाद चुदाई का मौसम आया. फिर मैंने अपना 7 इंच लंबा लंड निकाला और उसके हाथों में थमा दिया. वो बोली मेरे पति का तो काला नाग है, लेकिन तुम्हारा तो प्यारा पोपट पूरा गुलाबी है, मेरा मन कर रहा है कि अभी इसे खा जाऊं. तो मैंने कहा क्यों नहीं? आज अपनी हर इच्छा पूरी कर लो. अब इतना कहते ही उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
अब वो चूसते-चूसते बोली कि बस अब डाल दो, नहीं तो मैं मर जाउंगी. फिर मैंने उसकी दोनों जाँघो को अपने कंधो पर रखते हुए धीरे से अपने लंड को उसकी चूत में धकेल दिया और धीरे-धीरे चूत में अन्दर डालता चला गया. अब वो जैसे जैसे अंदर जा रहा था, उसकी साँसे ऊपर चढ़ती जा रही थी और लंड सीधा जाकर उसकी बच्चेदानी से टकराया और उसकी जान ही निकल गई. अब वो बिल्कुल बेहोश सी हो गई थी और फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के मारते हुए उसको खूब चूसा, खूब चूमा. अब 55 मिनट की जबरदस्त चुदाई में वो चार बार डिसचार्ज हुई और मैं 2 बार डिसचार्ज हुआ. उस दिन के बाद उसे जब भी मौका मिलता है मुझे अपने घर बुला लेती है और हम पुरे मजे से सेक्स करते है.
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