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साली की बेटी की चुदाई कुवारी चुत की Sali ki beti ki kuwari chut ki seel tod chudai
sali ki beti ki chudai , साली की बेटी की कुवारी चुत की चुदाई Sali ki beti ki kuwari chut ki seel tod chudai, साली की बेटी संग मज़े किए, साली की बेटी की चुदाई, साली की बेटी को चोदा, साली की बेटी चोद दिया, साली की बेटी को बेटे का तोहफा दिया, मेरी साली की बेटी की कामुकता, मजे ले-ले कर चोदा सामूहिक चुदाई का आनंद.
प्रिय मित्रो, राखी के अवसर पर, मैं अपनी पत्नी और बेटे के साथ अपनी ससुराल गया हुआ था. मेरी साली भी अपने भाई को राखी बांधने के लिए आई हुई थी और उसके साथ उसकी बेटी शीतल भी थी. उस समय शीतल की उम्र 18 साल थी, रंग गोरा और उसका फिगर तो बहुत ही गजब था. जब वो मेरे सामने से अपने कुहलो को मटकाते हुए निकलती थी तो मेरा दिल उसके चूतडो मे ही फँस के रह जाता था. मेरा दिल उसके नरम और नाज़ुक बदन से खेलना चाहता था. राखी का फेस्टिवल होने के बाद, हम सब घूमने चले गये. मौसम बड़ा बढ़िया था. बादल छाए हुए थे मगर लोटते वक्त भारी बरसात होने लगी और हम सब पूरी तरह से भीग गये. घर आकर हम सब ने कपड़े बदले और मौसम का आनंद लेने लगे. अगले दिन उठे, तो पता चला की शीतल को बुखार हो गया है.
प्रिय मित्रो, राखी के अवसर पर, मैं अपनी पत्नी और बेटे के साथ अपनी ससुराल गया हुआ था. मेरी साली भी अपने भाई को राखी बांधने के लिए आई हुई थी और उसके साथ उसकी बेटी शीतल भी थी. उस समय शीतल की उम्र 18 साल थी, रंग गोरा और उसका फिगर तो बहुत ही गजब था. जब वो मेरे सामने से अपने कुहलो को मटकाते हुए निकलती थी तो मेरा दिल उसके चूतडो मे ही फँस के रह जाता था. मेरा दिल उसके नरम और नाज़ुक बदन से खेलना चाहता था. राखी का फेस्टिवल होने के बाद, हम सब घूमने चले गये. मौसम बड़ा बढ़िया था. बादल छाए हुए थे मगर लोटते वक्त भारी बरसात होने लगी और हम सब पूरी तरह से भीग गये. घर आकर हम सब ने कपड़े बदले और मौसम का आनंद लेने लगे. अगले दिन उठे, तो पता चला की शीतल को बुखार हो गया है.
डॉक्टर से दवा दिलवाई, मगर उसके तो सारे बदन मे दर्द हो रहा था और वो तकलीफ़ मे थी. मैने कहा – अगर कोई नींद की गोली है, तो इसे दे दो. नींद आ जाएगी. तो उसे थोड़ा आराम मिल जाएगा. अब नींद की गोली कोई केमिस्ट इसे तो देता नही. जब नींद की गोली नही मिली, तो मैने कहा – मेरे पास एक गोली है. कहो तो दे दूँ. मैने अपनी जेब से कॉंडम की साइड मे रखी एक गोली निकाल कर दे दी. मेरी साली ने वो गोली अपने हाथ मे रखी और नाम वगैरह पढ़कर, शीतल को दे दी. ले बेटा , नींद आ जाएगी. शीतल ने गोली खा ली और लेट गई. उसके बाद, हम सब टीवी पर फिल्म देखने लगे. मेरा मन फिल्म मे नही लग रहा था. मैं सोच रहा था कि गोली खाकर शीतल गहरी नींद मे होंगी, अगर मौका मिल जाए तो मैं शीतल के नरम और नाज़ुक बदन को सहला सकता हूँ. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
थोड़ी देर, फिल्म देखने के बाद, मैने अपनी पत्नी को कहा – मुझे तो नींद आ रही है. मैं तो जाकर सोता हूँ. तुम लोग फिल्म देखो. ये कह कर मैं, शीतल के कमरे मे आ गया और दूसरे बेड पर लेट गया. कमरे मे लाइट जल रही थी, जो मैने बंद कर दी. बाहर बरसात हो रही थी और मेरे दिल मे तूफान उठा हुआ था. सबसे पहले मैने यह देखा कि कोई हमारे कमरे की तरफ़ आ तो नही रहा है. फिर, मैने सारे पर्दे बंद कर दिए जिससे कमरे मे पूरा अंधेरा हो गया. उसके बाद, फिर से एकबार बाहर देखकर, मैं सीधा शीतल के बेड पर उसके बिल्कुल पास जाकर बैठ गया. शीतल बेपरवाह सो रही थी. मैने उसके माथे पर हाथ लगाकर देखा, माता ठंडा था. फिर मैने उसके सिने से चादर हटाई. उसकी टी-शर्ट के नीचे दो गोल- मटोल बूब्स उसके सांस लेने से ऊपर- नीचे हो रहे थे.
मैने बड़े ही आराम से अपना एक हाथ उसके एक स्तन पर रखा. अफ… “क्या अहसास था”. उसने सिर्फ़ शर्ट ही पहनी थी, ब्रा नही पहनी थी. तो बहुत ही नरम और मुलायम सा स्तन मेरे हाथ मे आ गया. एक स्तन पर अपनी पकड़ बनाने के बाद, मैने अब अपने दूसरे हाथ से उसके दूसरे स्तन को पकड़ लिया. अब मेरे दोनो हाथो मे उसके दोनो स्तन आ चुके थे और मैने उसके दोनो स्तनों को कई बार चूमा. फिर, मैने शीतल के गालो को भी चूमा और उसके होंठ अपने होंठों मे लेकर बड़े ही धीरे से चूसे. वो बड़ी ही गहरी नींद मे थी. वो बिल्कुल भी नही हिली. अब मेरी हवस और भी भड़क चुकी थी. मैने उठकर बाहर देखा और फिर वापिस आकर सीधे ही शीतल की टी-शर्ट के बटन खोलकर दोनो बूब्स को बाहर निकाल लिया. और मोबाइल की लाइट से उन्हें देखने लगा. वो क्या मस्त नज़ारा था, वो…. इतने खूबसूरत स्तन तो मैने आज तक नही देखे थे.
मैने उसके दोनो स्तन अपने हाथो मे पकड़े और उसे चूमने के साथ-साथ उसके चुचक भी अपने मूह मे लेकर चूसे. उसके निप्पल के गुलाबी घेरे तो बन गये थे, पर उन पर निप्पल का आगे का भाग ज़्यादा नही उभरा था, जिसको चूसा जा सके. अब ज़्यादा तो चूस भी नही सकता था, इसलिए और क्या करू? मैने फिर से बाहर का ज़्याजा लिया और अब शीतल का लोवर नीचे खिसकाया. उसने नीचे से पेंटी नही पहनी हुई थी. लोवर नीचे होते ही, अब वो मेरे सामने पूरी नंगी हो गयी. उसकी चुत पर हल्के-हल्के बाल थे, जो बहुत ही मुलायम थे.
मैने एक बार शीतल के चहरे की तरफ़ देखा और फिर उसकी चुत पर एक पप्पी ले ली. वो ज़रा भी नही हिल्ली, तो मैने उसकी चुत की दरार मे हल्के से अपनी जीभ लगाई, मगर शीतल ने कोई हरकत नही की. फिर, मैने अपने दोनो हाथो से उसकी चुत की फांके खोली और अपनी जीभ से उसकी चुत को चाटा. शीतल फिर भी शांत सोती रही. अब मुझे यकीन हो चला था, की मैं आराम से इसकी चुत को चाटता रहूँ तो भी ये उठने वाली नही है. अब मैने उसका लोवर खिसकर घुतनो तक नीचे कर दिया और उसकी जाँघो को जी भर के सहलाया और चूमा और चाटा. वो… क्या मज़ा आ रहा था.
तभी मुझे लगा कि शायद बाहर कोई है. मैने झट से शीतल का टॉप नीचे किया और चादर उसके ऊपर ओढाकर खुद भी सोने का नाटक करने लगा, तभी शीतल की मा वहाँ आ गई और उसने शीतल को चेक किया कि कहीं बुखार तो नही है. जब वो चली गई, तो मैं फिर से शीतल के बेड पर आ गया और शीतल का टॉप उठाकर उसकी चुचिया नंगी कर ली. इस बार, मैने अपना मूह उसकी चुत से लगाया और दोनो बूब्स हाथ मे पकड़े और पूरी तमन्ना से अपनी जीभ उसकी चुत मे घुमाई. इस बार शीतल कसमसाई, मगर जागी नही. मैं जी भर के उसके कुवारे बदन का रस पीना चाहता था. कभी मैं उसके बूब्स चूस्ता, कभी उसके होंठ तो कभी उसकी चुत को चाटता मगर अब मैं कुछ और अधिक करना चाहता था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैने अपना लोवर नीचे किया और अपना लंड बाहर निकाला और शीतल की चुत पर रगड़ा. मैने उसकी टांगे ऊपर उठाई और अपने लंड को उसकी चुत पर सेट किया और अंदर घुसने की कोशिश करने लगा. मेरा लंड अभी पूरी तरह से कड़ा नही हुआ था … वह अभी नर्म था... मैने उसके दोनो स्तन अपने हाथ मे पकड़े और उसके दोनो रसीले होंठ अपने होंठों मे पकड़ के चूसे और लंड को उसकी चुत मे पेलने की कोशिश की, मगर एक कुवारी लड़की की चुत मे लंड इतनी आसानी से कहाँ जाता है. मेरा लॅंड टाइट हो चुका था और मुझे ये भी लगा कि मैने अगर लंड इसकी चुत मे घुसा दिया तो ये जाग भी सकती है. मैने यह कोशिश छोड़ दी और अपना लंड शीतल के बूब्स और चहरे पर फिराया. जब मैने अपना लंड शीतल के होंठों पर फिराया तो उसने चेहरा दूसरी तरफ़ घुमा लिया. एक बार तो मेरे टटटे शॉर्ट हो गये कि कहीं ये जाग तो नही गई है. कहीं इसे पता तो नही चल गया है.
मैने सोचा की अगर पता चल रहा होता, तो ये मेरा विरोध करती. मैं वैसे ही उसको चूमता और चाटता रहा, यहाँ तक कि मैने उसको करवट देकर उसके चूतड़ और गान्ड का छेद भी अपनी जीभ से चाटा. मेरी कामुकता बढ़ती जा रही थी. मेरा दिल कर रहा था कि इसे अभी चोद दूँ पर मैं ऐसा कर नही सकता था. फिर मै शीतल के बगल मे ही बैठ गया और अपनी मूठ मारने लगा. लंड तो पहले से ही टाइट था. दो- तीन मिंनट मे झड़ भी गया. मेरे वीर्य के छींटे उसके चहरे, बूब्स, पेट और चुत पर लग गये. मैने अपना सारा वीर्य उसके बदन पर ही मल दिया. अब मेरी तसल्ली हो चुकी थी, तो मैने उसके कपड़े सेट किए और अपने बेड पर जाकर सो गया.
शाम को मैं अकेला ही बैठा हुआ था कि शीतल वहाँ आ गई.
मैने पूछा – अरे शीतल, कैसी हो अब? बुखार उतर गया?
वो बोली – जी अंकल जी, अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ.
“चलो अच्छी बात है… मैने कहा.
वो मेरे पास आकर बैठ गई और मैं मन ही मन सोच रहा था, कि ये सुन्दर होंठ, ये खूबसूरत स्तन और ये कुवारी चुत, इन सबको मैने चूमा और चाटा है. मैं इन विचारो मे ही खोया था, की शीतल बोली – एक बात कहूँ अंकल?
मैने हाँ मे सिर हिलाया.
मैने आपकी दी हुई गोली नही खाई थी.
मतलब? मैने पूछा.
“मैं जाग रही थी”. जब उसने कहा.
माई गोड… मेरी तो फट गयी. मैने थोड़ा हिम्मत करके पूछा – तो तुम सोई हुई नही थी?
नही… उसने मेरी आँखो मे गहरे देख कर कहा – और मुझे पता है, जो कुछ आपने मेरे साथ किया.
क्या तुम्हे बुरा लगा और तुम बोली क्यू नही? मैने पूछा.
मैने अपनी सहेली के मोबाइल पर एक ऐसी फिल्म देखी थी - वो बोली.
तो क्या ऐसी और फिल्म देखना चाहोगी? मेरे मोबाइल मे तो बहुत सारी है. अब मैने थोड़ा सा आश्वस्त होकर कहा.
आप उन्हे मेरे मोबाइल मे बल्यूटूथ से ट्रान्स्फर कर देंगे - उसने कहा.
हाँ, मगर उसकी फीस लगेगी. अब मै अपने स्टाइल मे आकर बोला.
क्या फीस लगेगी? उसने थोड़ा मुस्कुरकर कहा.
जो कुछ मैने तुम्हारे साथ सोते मे किया था, अब जागते मे करना चाहता हूँ. बोलो करोगी? मैने पूरे विश्वास से उसे कहा. आपने जो मेरे नीचे अपनी जीभ से किया था. वो मुझे बहुत अच्छा लगा था. वैसा फिर से करोगे? - उसने कहा. तो मैने उसे अपनी गोद मे उठा लिया और उसे ऊपर वाले कमरे में ले गया, मैंने उसको वहाँ पड़े एक बड़े से मेज पर बैठा दिया. उसका लोवर नीचे किया और टांगे चौड़ी करके अपना मूह उसकी चुत से लगा दिया. कुवारी चुत को चाटने का जो स्वाद है, उसका कोई मुकाबला नही है. वो सिसकियाँ लेने लगी और उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी और कहने लगी रात तो तुमने इसे अधुरा ही छोड़ दिया था लेकिन अब इसे पूरा अंदर तक जाने दो. मैंने तभी उसकी चूत के छेद पर लंड रखा और एक धक्का लगाया
लंड का सूपाड़ा ही अंदर गया और वो मुझे धक्के मारने लगी ताकि लंड बाहर निकल जाएँ लेकिन मैंने उसे पूरा अच्छे से पकड़ रखा था इसलिए वो नाकामयाब रही. मैंने एक धक्का और लगाया. आधा लंड चूत में समा गयाजैसे ही मुझे लगा कि अब ये चिल्लाएगी तो मैंने उसके मुंह को अपने मुंह से बंद कर दिया और एक और जोरदार धक्का लगाया जिससे पूरा लंड चूत में समां गया और उसकी चूत में से खून निकल आया. वो उछलने लगी मैंने उसे अपनी बाहों में दबोच लिया और बिना कोई धक्का लगाएं उससे चिपका रहा. थोड़ी ही देर में वो भी शांत हो गई. अब शायद उसे भी मजा आने लगा था इसलिए अपनी गांड को हिलाने की कोशिश करने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मुझे बहुत मजा आ रहा था और अब वह भी मेरा साथ देने लगी थी. मैंने उसे लगातार 15 से 20 मिनट तक उसी पोजीशन में रखा और अब उसकी भी गीली होने लगी थी और तभी मैं भी झड़ गया. मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसने मेरे लंड को चुसना शुरू कर दिया. मेरे लंड को चाटकर साफ़ कर दिया. फिर हम दोनों अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गए...
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