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मेरा दोस्त साला है ही बड़ी किस्मत वाला Mera dost sala hai hi badi kismat vala
लड़की की चूत की चुदाई , मेरा दोस्त साला है ही बड़ी किस्मत वाला Mera dost sala hai hi badi kismat vala , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
यार सबकी किश्मत एक जैसी नहीं होती है. कुछ लोग तो दिनभर चूत और गांड के दर्शन करने के लिए भटकते रहते है और कुछ ऐसे भी होते है जिनका हर मोड़ पर चूत और गांड इंतजार कर रही होती है. मेरी भी किस्मत कुछ ऐसी ही है मैं चाहकर भी किसी लड़की को पटा नहीं पाता हूँ आज तक मैंने जितनी भी चूत और गांड मारी है उन सब में मेरे दोस्त का हाथ है. मुझे जब भी सेक्स करने के लिए कोई लड़की चाहिए होती है तो मैं अपने दोस्त से बोल देता हूँ और वो दो घंटे के अंदर मेरे सामने चूतों की लाइन लगा देता है. यह मैं ट्राई भी करके देख चूका हूँ. यदि मैं उसका सहारा ना लूँ तो लड़की तो क्या कुत्ती भी मुझे देखकर भाग जाती है इसलिए मैं अपने दोस्त को ही मेरी जिन्दगी में मुझे जितनी चूत मिली है इसका श्रेय मेरे दोस्त को ही देता हूँ. मेरे दोस्त का नाम देबू है. उसका शरीर ही कुछ ऐसा है कि हर औरत और लड़की उसे देखते ही पागल हो जाती है.
जो लड़की एक बार उससे चुद लेती है वह कभी भी उसे इंकार नहीं करती है. आइये मैं आज आपको कुछ ऐसी घटनाएँ बताता हूँ जो ये साबित करती है कि मेरा दोस्त है ही बड़ी किस्मत वाला. एक बार हम दोनों सुबह के समय सैर के लिए जा रहे थे, हम सुबह उठकर सैर के लिए नहर की तरफ जाते है. कुछ लड़कियां भी उधर सैर के लिए जाती है. तभी उसकी नजर एक लड़की पर पड़ी और वह मुझसे बोला कि अरे यार चूत लेगा क्या? मैंने सोचा मजाक कर रहा है इसलिए मैं बोला - नहीं यार सुबह के टाइम मैं ऐसा नहीं करता मगर हाँ यदि तूं मुझपे कृपा करवा दे तो मैं दो चार पप्पियाँ जरुर ले लूँगा. जब तक हमारी बातें पूरी हुई वह लड़की हमारे नजदीक आ चुकी थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
देबू उस लड़की से बोला - हाय डिअर. मैं घबरा गया था कि मरवाएं गा साला, क्योंकि वह लड़की मैंने पहले कभी वहां नहीं देखी थी. परन्तु ये क्या वो साली तो हँसते हुए हमारे पास आई और देबू से बोली - हाय जानू. फिर उन्होंने आपस में हाथ मिलाया और देबू ने उससे मेरा भी परिचय करवाया तो उस लड़की ने मुझसे भी हाथ मिलाया. देबू ने उससे कहा कि वह मेरे दोस्त को चूत दे दे और इसकी प्यास बुझा दें. साली ने झट से हाँ कर दी. मैंने कहा नहीं यार मैं तो बस चार पप्पियाँ लूँगा. तभी उस लड़की ने बीच सड़क अपना मुंह मेरी तरफ बढ़ा दिया और मैंने झट से साली की चार पप्पियाँ ले ली. फिर हम उसे बाय - बाय करते हुए आगे बढ़ गए. और नहर पर पहुँच गए.
देबू ने कहा कि आज उसका ठंडे पानी में नहाने का मन कर रहा है क्यों ना नहर में ही नहाया जाएँ. हम दोनों नहाने लगे, जब हम नहाने लगे तब वहां कोई नहीं था लेकिन थोड़ी ही देर बाद वहां एक लड़की आ गई. मैं नहाने में मगन था लेकिन देबू उस लड़की की तरफ देख रहा था. वह लड़की भी उसे देखकर मुस्कुराई और देबू के पास आ गई. वो दोनों आपस में बातें करने लगे, मैं नहा रहा था, थोड़ी ही देर में मैंने जो देखा उसे देखकर मेरी आँखे फटी की फटी रह गई. वो साली देबू का लंड चूस रही थी और देबू आँख बंद करके पूरा मजा ले रहा था. मैंने इधर उधर देखा कि कहीं कोई आ न जाएँ. लगभग 15 मिनट तक वो देबू का लंड चुसती रही और अंत में देबू उसके मुंह में ही झड़ गया. उस लड़की ने सारा माल पी लिया और देबू का लंड चाटकर साफ़ किया. देबू मुझे बुलाने लगा, मैंने तो साफ़ इनकार कर दिया, यार खुले में इतना बड़ा रिस्क मैं तो नहीं ले सकता. फिर वो लड़की वहां से चली गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
हम दोनों भी नहाकर और कपड़े पहन कर अपने घर आ गए. फिर देबू ने मुझसे फोन किया कि आज हम दोनों को शहर जाना है उसे शहर में कुछ काम है. हम दोनों खाना खाकर शहर के लिए चल दिए और 9:00 बजे वाली बस पकड़ ली. बस में बहुत भीड़ थी, हम पीछे वाली खिड़की से चढ़े थे, तभी मैंने देखा कि चार लड़कियां हमसे थोडा आगे ही खड़ी है. उन लड़कियों ने भी देबू को देख लिया और चारों आपस में कुछ फुसफुसाई और धीरे - धीरे पीछे सरकती हुई देबू के पास आ गई और एक लड़की ने तो हद ही कर दी वो साली तो देबू के आगे बिलकुल सट कर खड़ी हो गई और देबू के लंड पर अपनी गांड रगड़ने लगी. और दो लड़कियों ने देबू के एक - एक हाथ को पकड़ कर अपनी चूत का रास्ता दिखा दिया और देबू धीरे - धीरे उनकी चूत में ऊँगली करने लगा. अब एक लड़की बच गई उसकी तरफ इशारा करके उसको देबू ने मेरे पास भेज दिया और वो लड़की मेरे आगे खड़ी हो गई और अपनी गांड मेरे लंड पर घिसाने लगी. और मेरे हाथ को पकड़ कर आगे की तरफ से अपनी चूत पर टिका लिया जिससे मैं उसकी चूत को सहलाने लगा. हम सबसे पीछे खड़े थे इसलिए हम किसी को ऐसा करते हुए दिखाई भी नहीं दिए लेकिन फिर भी मैं तो बहुत डरा हुआ था. तभी शहर आ गया और हम दोनों उन चारों लड़कियों को बाय करते हुए बस से नीचे ऊतर गए.
देबू मुझे लेकर अब एक बैंक में गया. उसने बैंक में अपना काम निपटाया और जैसे ही हम चलने को तैयार हुए एक लड़की वहां आई, उसके हाथ में कुछ कागज थे, वो देबू की तरफ देखकर बोली - हाय हैंडसम. देबू ने भी उसे हाय किया. वो बोली कि मुझे बैंक में खाता खुलवाना है आप मेरी थोड़ी मदद कर दो. देबू ने उसकी मदद की फॉर्म आदि भरें और केवल 10 मिनट में ही उसका खाता खुलवा दिया. फिर हम चलने लगे तो वो लड़की बोली - अरे हैंडसम आपने मेरी मदद की है इसके लिए आपका धन्यवाद लेकिन मेरे रूम यहीं नजदीक ही है एक - एक कप चाय तो लेनी ही पड़ेगी. वो लड़की बहुत सुंदर थी इसलिए मैंने देबू के बोलने से पहले ही कह दिया - जी जरुर आप इतने प्रेम से कह रही है तो भला हम कैसे इंकार कर सकते है. फिर हम उसके साथ उसके रूम पर चले गए.
उसका रूम थोड़ी ही दुरी पर था. हमें रूम में बैठाकर वो हमारे लिए चाय बनाने लगी. उसकी रसोई उसके कमरे के सामने थी और वो हमें रसोई में चाय बनाती हुई दिख रही थी. वह चाय बनाते हुए अपनी गांड पर हाथ फेरने लगी. शायद वो यह सब देबू को दिखाना चाहती थी. देबू उसे देख रहा था फिर उसने पीछे मुड़कर देखा और मुस्कुराने लगी. चाय बनने के बाद वो हमारे पास रूम में आ गई. मैं और देबू दोनों ही बेड पर बैठे थे और मेरी तरफ जगह भी ज्यादा थी लेकिन फिर भी वो हम दोनों को चाय देकर और स्वयं के लिए एक कप हाथ में लेकर देबू के पास जाकर और देबू से बिलकुल सट कर बैठ गई. दोनों चाय पीते हुए एक दुसरे को टकटकी लगाए देख रहे थे, थोड़ी देर में ही दोनों एक दुसरे की जांघ पर हाथ फेरने लगे. तभी देबू को ध्यान आया कि मैं भी वहीँ हूँ तो उसे हम दोनों के बीच में बैठने को कहा और वह हम दोनों के बीच में आकर बैठ गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
अब उसने एक हाथ से मेरी जांघ और दुसरे हाथ से देबू की जांघ सहलाने लगी. हमने चाय खत्म कर दी और अपने कप साइड में रख दिए और कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और तीनों ने आपस में कपड़े उतारे. उसका हाहाकारी बदन, बड़े बड़े बूब्स, 3.5 इंच लंबी चूत एकदम फूली हुई थी. उसकी चुत के दोनो होंठ आपस मे चिपके हुए थे और उसकी चुत पर हल्के हल्के भूरे रोए बहुत ही अच्छे लग रहे थे. पहले तो हमने उसके बूब्स दबाएं, बूब्स एक - एक करके चुसे, फिर हम दोनों ने उसको एक साथ आगे से और एक पीछे से लगकर चोदना शुरू कर दिया. वो अपनी आँखे बंद करके चुदवाने लगी, कभी मेरा लंड उसके मुंह में और देबू का लंड उसकी चूत में तो कभी देबू का लंड मुंह में और मेरा लंड उसकी चूत में हम इस तरह बारी बदल - बदल कर उसे चोदने लगे और गांड भी मारी. इस दौरान कमरा आहाह्हहाह ऊहोहोहोहूह्हो ईईईईईइयय्ययय्य म्र्मर्म्र्मम्र्म्म हहह्हयाय्हह्य्य्य उइउइउइउइउइउइ की आवाजों से गूंज उठा. उसकी चुदाई को देखकर लग रहा था कि वह बहुत बड़ी चुदक्कड है. दो घंटे तक यह प्रोग्राम चलता रहा और फिर हम अपने गाँव वापिस आ गए.
यार सबकी किश्मत एक जैसी नहीं होती है. कुछ लोग तो दिनभर चूत और गांड के दर्शन करने के लिए भटकते रहते है और कुछ ऐसे भी होते है जिनका हर मोड़ पर चूत और गांड इंतजार कर रही होती है. मेरी भी किस्मत कुछ ऐसी ही है मैं चाहकर भी किसी लड़की को पटा नहीं पाता हूँ आज तक मैंने जितनी भी चूत और गांड मारी है उन सब में मेरे दोस्त का हाथ है. मुझे जब भी सेक्स करने के लिए कोई लड़की चाहिए होती है तो मैं अपने दोस्त से बोल देता हूँ और वो दो घंटे के अंदर मेरे सामने चूतों की लाइन लगा देता है. यह मैं ट्राई भी करके देख चूका हूँ. यदि मैं उसका सहारा ना लूँ तो लड़की तो क्या कुत्ती भी मुझे देखकर भाग जाती है इसलिए मैं अपने दोस्त को ही मेरी जिन्दगी में मुझे जितनी चूत मिली है इसका श्रेय मेरे दोस्त को ही देता हूँ. मेरे दोस्त का नाम देबू है. उसका शरीर ही कुछ ऐसा है कि हर औरत और लड़की उसे देखते ही पागल हो जाती है.
जो लड़की एक बार उससे चुद लेती है वह कभी भी उसे इंकार नहीं करती है. आइये मैं आज आपको कुछ ऐसी घटनाएँ बताता हूँ जो ये साबित करती है कि मेरा दोस्त है ही बड़ी किस्मत वाला. एक बार हम दोनों सुबह के समय सैर के लिए जा रहे थे, हम सुबह उठकर सैर के लिए नहर की तरफ जाते है. कुछ लड़कियां भी उधर सैर के लिए जाती है. तभी उसकी नजर एक लड़की पर पड़ी और वह मुझसे बोला कि अरे यार चूत लेगा क्या? मैंने सोचा मजाक कर रहा है इसलिए मैं बोला - नहीं यार सुबह के टाइम मैं ऐसा नहीं करता मगर हाँ यदि तूं मुझपे कृपा करवा दे तो मैं दो चार पप्पियाँ जरुर ले लूँगा. जब तक हमारी बातें पूरी हुई वह लड़की हमारे नजदीक आ चुकी थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
देबू उस लड़की से बोला - हाय डिअर. मैं घबरा गया था कि मरवाएं गा साला, क्योंकि वह लड़की मैंने पहले कभी वहां नहीं देखी थी. परन्तु ये क्या वो साली तो हँसते हुए हमारे पास आई और देबू से बोली - हाय जानू. फिर उन्होंने आपस में हाथ मिलाया और देबू ने उससे मेरा भी परिचय करवाया तो उस लड़की ने मुझसे भी हाथ मिलाया. देबू ने उससे कहा कि वह मेरे दोस्त को चूत दे दे और इसकी प्यास बुझा दें. साली ने झट से हाँ कर दी. मैंने कहा नहीं यार मैं तो बस चार पप्पियाँ लूँगा. तभी उस लड़की ने बीच सड़क अपना मुंह मेरी तरफ बढ़ा दिया और मैंने झट से साली की चार पप्पियाँ ले ली. फिर हम उसे बाय - बाय करते हुए आगे बढ़ गए. और नहर पर पहुँच गए.
देबू ने कहा कि आज उसका ठंडे पानी में नहाने का मन कर रहा है क्यों ना नहर में ही नहाया जाएँ. हम दोनों नहाने लगे, जब हम नहाने लगे तब वहां कोई नहीं था लेकिन थोड़ी ही देर बाद वहां एक लड़की आ गई. मैं नहाने में मगन था लेकिन देबू उस लड़की की तरफ देख रहा था. वह लड़की भी उसे देखकर मुस्कुराई और देबू के पास आ गई. वो दोनों आपस में बातें करने लगे, मैं नहा रहा था, थोड़ी ही देर में मैंने जो देखा उसे देखकर मेरी आँखे फटी की फटी रह गई. वो साली देबू का लंड चूस रही थी और देबू आँख बंद करके पूरा मजा ले रहा था. मैंने इधर उधर देखा कि कहीं कोई आ न जाएँ. लगभग 15 मिनट तक वो देबू का लंड चुसती रही और अंत में देबू उसके मुंह में ही झड़ गया. उस लड़की ने सारा माल पी लिया और देबू का लंड चाटकर साफ़ किया. देबू मुझे बुलाने लगा, मैंने तो साफ़ इनकार कर दिया, यार खुले में इतना बड़ा रिस्क मैं तो नहीं ले सकता. फिर वो लड़की वहां से चली गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
हम दोनों भी नहाकर और कपड़े पहन कर अपने घर आ गए. फिर देबू ने मुझसे फोन किया कि आज हम दोनों को शहर जाना है उसे शहर में कुछ काम है. हम दोनों खाना खाकर शहर के लिए चल दिए और 9:00 बजे वाली बस पकड़ ली. बस में बहुत भीड़ थी, हम पीछे वाली खिड़की से चढ़े थे, तभी मैंने देखा कि चार लड़कियां हमसे थोडा आगे ही खड़ी है. उन लड़कियों ने भी देबू को देख लिया और चारों आपस में कुछ फुसफुसाई और धीरे - धीरे पीछे सरकती हुई देबू के पास आ गई और एक लड़की ने तो हद ही कर दी वो साली तो देबू के आगे बिलकुल सट कर खड़ी हो गई और देबू के लंड पर अपनी गांड रगड़ने लगी. और दो लड़कियों ने देबू के एक - एक हाथ को पकड़ कर अपनी चूत का रास्ता दिखा दिया और देबू धीरे - धीरे उनकी चूत में ऊँगली करने लगा. अब एक लड़की बच गई उसकी तरफ इशारा करके उसको देबू ने मेरे पास भेज दिया और वो लड़की मेरे आगे खड़ी हो गई और अपनी गांड मेरे लंड पर घिसाने लगी. और मेरे हाथ को पकड़ कर आगे की तरफ से अपनी चूत पर टिका लिया जिससे मैं उसकी चूत को सहलाने लगा. हम सबसे पीछे खड़े थे इसलिए हम किसी को ऐसा करते हुए दिखाई भी नहीं दिए लेकिन फिर भी मैं तो बहुत डरा हुआ था. तभी शहर आ गया और हम दोनों उन चारों लड़कियों को बाय करते हुए बस से नीचे ऊतर गए.
देबू मुझे लेकर अब एक बैंक में गया. उसने बैंक में अपना काम निपटाया और जैसे ही हम चलने को तैयार हुए एक लड़की वहां आई, उसके हाथ में कुछ कागज थे, वो देबू की तरफ देखकर बोली - हाय हैंडसम. देबू ने भी उसे हाय किया. वो बोली कि मुझे बैंक में खाता खुलवाना है आप मेरी थोड़ी मदद कर दो. देबू ने उसकी मदद की फॉर्म आदि भरें और केवल 10 मिनट में ही उसका खाता खुलवा दिया. फिर हम चलने लगे तो वो लड़की बोली - अरे हैंडसम आपने मेरी मदद की है इसके लिए आपका धन्यवाद लेकिन मेरे रूम यहीं नजदीक ही है एक - एक कप चाय तो लेनी ही पड़ेगी. वो लड़की बहुत सुंदर थी इसलिए मैंने देबू के बोलने से पहले ही कह दिया - जी जरुर आप इतने प्रेम से कह रही है तो भला हम कैसे इंकार कर सकते है. फिर हम उसके साथ उसके रूम पर चले गए.
उसका रूम थोड़ी ही दुरी पर था. हमें रूम में बैठाकर वो हमारे लिए चाय बनाने लगी. उसकी रसोई उसके कमरे के सामने थी और वो हमें रसोई में चाय बनाती हुई दिख रही थी. वह चाय बनाते हुए अपनी गांड पर हाथ फेरने लगी. शायद वो यह सब देबू को दिखाना चाहती थी. देबू उसे देख रहा था फिर उसने पीछे मुड़कर देखा और मुस्कुराने लगी. चाय बनने के बाद वो हमारे पास रूम में आ गई. मैं और देबू दोनों ही बेड पर बैठे थे और मेरी तरफ जगह भी ज्यादा थी लेकिन फिर भी वो हम दोनों को चाय देकर और स्वयं के लिए एक कप हाथ में लेकर देबू के पास जाकर और देबू से बिलकुल सट कर बैठ गई. दोनों चाय पीते हुए एक दुसरे को टकटकी लगाए देख रहे थे, थोड़ी देर में ही दोनों एक दुसरे की जांघ पर हाथ फेरने लगे. तभी देबू को ध्यान आया कि मैं भी वहीँ हूँ तो उसे हम दोनों के बीच में बैठने को कहा और वह हम दोनों के बीच में आकर बैठ गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
अब उसने एक हाथ से मेरी जांघ और दुसरे हाथ से देबू की जांघ सहलाने लगी. हमने चाय खत्म कर दी और अपने कप साइड में रख दिए और कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और तीनों ने आपस में कपड़े उतारे. उसका हाहाकारी बदन, बड़े बड़े बूब्स, 3.5 इंच लंबी चूत एकदम फूली हुई थी. उसकी चुत के दोनो होंठ आपस मे चिपके हुए थे और उसकी चुत पर हल्के हल्के भूरे रोए बहुत ही अच्छे लग रहे थे. पहले तो हमने उसके बूब्स दबाएं, बूब्स एक - एक करके चुसे, फिर हम दोनों ने उसको एक साथ आगे से और एक पीछे से लगकर चोदना शुरू कर दिया. वो अपनी आँखे बंद करके चुदवाने लगी, कभी मेरा लंड उसके मुंह में और देबू का लंड उसकी चूत में तो कभी देबू का लंड मुंह में और मेरा लंड उसकी चूत में हम इस तरह बारी बदल - बदल कर उसे चोदने लगे और गांड भी मारी. इस दौरान कमरा आहाह्हहाह ऊहोहोहोहूह्हो ईईईईईइयय्ययय्य म्र्मर्म्र्मम्र्म्म हहह्हयाय्हह्य्य्य उइउइउइउइउइउइ की आवाजों से गूंज उठा. उसकी चुदाई को देखकर लग रहा था कि वह बहुत बड़ी चुदक्कड है. दो घंटे तक यह प्रोग्राम चलता रहा और फिर हम अपने गाँव वापिस आ गए.
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