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बसस्टेंड पर आंटी की सूखी चूत की चुदाई Bus stand par aunty ki sukhi chut ki chudai
बसस्टेंड पर आंटी की सूखी चूत की चुदाई Bus stand par aunty ki sukhi chut ki chudai , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनय शर्मा है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ. दोस्तों मैं एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ. यह दिसम्बर की बात है, जब उस समय मुझे अपने ऑफिस के किसी जरूरी काम से अहमदाबाद जाना था मैं बस पकड़ने के लिए शहर के बस स्टेंड पर गया, लेकिन वहां पर उस समय कोई भी बस अहमदाबाद जाने के लिए तैयार नहीं थी फिर मैंने पास ही के पूछताछ काउंटर से अहमदाबाद की बस के बारे में पूछा तो उस खिड़की पर बैठे हुए अंकल ने मुझे बताया कि करीब ½ घंटे के बाद बस आ जाएगी और फिर तब तक मैं बस का इंतजार करने लगा उस समय वहां पर बहुत भीड़ थी और वहाँ अधिकतर लोग भी अहमदाबाद की बस का इंतजार कर रहे थे.
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनय शर्मा है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ. दोस्तों मैं एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ. यह दिसम्बर की बात है, जब उस समय मुझे अपने ऑफिस के किसी जरूरी काम से अहमदाबाद जाना था मैं बस पकड़ने के लिए शहर के बस स्टेंड पर गया, लेकिन वहां पर उस समय कोई भी बस अहमदाबाद जाने के लिए तैयार नहीं थी फिर मैंने पास ही के पूछताछ काउंटर से अहमदाबाद की बस के बारे में पूछा तो उस खिड़की पर बैठे हुए अंकल ने मुझे बताया कि करीब ½ घंटे के बाद बस आ जाएगी और फिर तब तक मैं बस का इंतजार करने लगा उस समय वहां पर बहुत भीड़ थी और वहाँ अधिकतर लोग भी अहमदाबाद की बस का इंतजार कर रहे थे.
तभी कुछ देर खड़े रहने के बाद मेरी नज़र वहाँ पर एक मस्त आंटी पर गई, वो मुझे बार बार चोर नज़रो से देख रही थी वो दिखने में एकदम हॉट सेक्सी आंटी थी, उनकी उम्र करीब 38 साल के आस पास थी, लेकिन मैं उनको नज़रअंदाज करके अपनी बस का इंतजार करने लगा और करीब 35 मिनट के इंतजार के बाद एक बस अहमदाबाद जाने के लिए अपने प्लेटफार्म पर लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
सभी बस को पकड़ने के लिए बस की तरफ भागे, लेकिन वहाँ सबसे पहले औरतों को बस के अंदर जाने दिया जा रहा था वहां पर कुछ गिनती की ही औरतें थे और वो सब अंदर जा चुकी थी, फिर कुछ देर बाद मेरा नंबर आया और बहुत मुश्किल से मैं भी बस के अंदर चला गया, लेकिन तब तक सभी सीट फुल हो चुकी थी और तभी मैंने एक प्यारी सी आवाज़ सुनी और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो आवाज़ उसी आंटी की थी, जो मुझे बार-बार बस स्टैंड पर देख रही थी और वो मुझे आवाज़ लगा रही थी, क्योंकि उन्होंने मेरे लिए एक सीट रोकी हुई थी फिर मैं उनके पास गया और उनकी बगल में बैठ गया और फिर मैंने उनको मेरे लिए सीट रोकने के लिए धन्यवाद कहा फिर उन्होंने मुझे वेलकम कहा और उसके कुछ समय बाद बस वहाँ से रवाना हो गई और फिर हमारी इधर उधर की बातें शुरू हो गई, जैसे कि मैं कहाँ पर जा रहा हूँ और मेरे पूछने पर उन्होंने मुझे बताया कि वो भी अहमदाबाद में अपने किसी रिश्तेदार के घर पर जा रही थी.
फिर उन्होंने मुझसे मेरा नाम पूछा और फिर पूछा कि तुम क्या करते हो फिर मैंने भी उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे अपना नाम सुमन बताया और मैंने भी मजाकी अंदाज में कहा कि वाह बहुत मीठा नाम है फिर उन्होंने मुझे एक स्माईल दी और उसके बाद उन्होंने मुझसे मेरे परिवार और मेरी शादी के बारे पूछा और फिर मैंने उनको बताया कि मैं अभी तक कुंवारा हूँ और फिर उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे पूछा मैंने कहा कि मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है फिर मेरे मुहं से मेरा जवाब सुनकर बहुत चकित होकर कहा कि ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि तुम्हारे जैसे अच्छे दिखने वाले लड़के की कोई गर्लफ्रेंड नहीं हो? फिर मैंने उनको बहुत देर तक समझाकर विश्वास दिलवाया कि हाँ मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है और फिर हमारे बीच में बहुत देर तक बातें होती रही फिर मैंने उनसे उनके पति के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे बताया कि उनके पति एक गोदाम में नौकरी करते है.
फिर उसके बाद मैंने उनसे उनके बच्चों के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे बताया कि उनके अभी तक कोई भी बच्चा नहीं है और वो यह बात मुझको बताते समय बहुत उदास लग रही थी और इसके बाद मैंने उनके परिवार के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे बताया कि वो अपने घर पर सिर्फ अपने पति के साथ रहती है और उनके सास-ससुर गावं में रहते है फिर कुछ देर के बाद बस एक स्टॉप पर रुकी तो वहां से मैंने कुछ पानी के पाउच और स्नेक्स लिए और मैंने आंटी से पानी के लिए पूछा तो उन्होंने मुझसे एक पानी का पाउच ले लिया और मुझे धन्यवाद कहा और उसके बाद बस फिर से रवाना हो गई और मैंने एक स्नेक्स का पाउच खोलकर उनकी तरफ बड़ाया तो उन्होंने उस पैकिट में से कुछ स्नेक्स ले लिए और फिर ऐसे ही एक स्नेक्स के पाउच में से हम दोनों स्नेक्स खा रहे थे तो उसी दौरान मेरा हाथ बार-बार उनको स्नेक्स देते समय उनके एकदम मुलायम बूब्स से छू रहा था, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और हर बार स्माईल दे रही थी और अब तो मैं भी कुछ कुछ गरम हो गया था.
फिर मैं उनको आजमाने के लिए अपना एक हाथ उनकी कमर की तरफ़ ले जाकर मैंने उनकी कमर को छुआ तो उन्होंने मेरी तरफ देखकर एक स्माईल दी और अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और धीरे धीरे हाथ को आगे बढ़ाकर मेरे लंड को सहलाने लगी, मुझे उनका यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था फिर मैं भी अपने हाथ से उनके बूब्स को छूने लगा और वो भी तेज़ी से मेरा लंड सहलाने लगी, लेकिन इस दौरान हमारी कोई बात नहीं हो रही थी, बस हम दोनों अपनी नज़रे झुकाकर यह सब कर रहे थे और कुछ टाईम बाद उन्होंने अपना हाथ मुझसे अलग कर लिया, क्योकि अब हमारी बस अहमदाबाद शहर के अंदर पहुंच गई थी और उसके बाद उन्होंने मुझसे मेरा मोबाईल नंबर माँगा फिर मैंने उनको अपना मोबाईल नंबर दे दिया और मैंने उनसे उनका मोबाईल नंबर ले लिया और कुछ ही मिनट में हमारी बस गीता मंदिर स्टेंड पहुँच गयी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
हम एक दूसरे को बाय कहकर अलग-अलग दिशा में चले गये. फिर हम दोनों की फोन पर खूब बातें होने लगी. मुझे अहमदाबाद में चार दिन लग गए और मैंने उसे फोन पर बताया कि हम आज रात 8 बजे वाली बस से वापिस चलेंगे तो उसने भी हाँ कर दी. और हमने 8 बजे वाली बस पकड़ कर अपनी यात्रा शुरू कर दी और बस में खूब मस्ती करते हुए वापिस अपने शहर आ गए. हम दोनों बस से उतर कर वेटिंग सीट पर बैठ गए और बातें करने लगे. थोड़ी देर में ही बस स्टेंड बिलकुल खाली हो गया. मैंने आंटी को कहा कि तुम थोड़ी देर यहीं बैठो मैं अभी आता हूँ. मैंने देखा कि वहीँ पर एक कमरा बिलकुल खाली है और उसका दरवाजा भी ठीक है. मैं आंटी को उस कमरे में ले गया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. मैंने अपने मोबाइल की लाईट जलाई और आंटी ने अपने बैग में से एक चादर निकाल कर निचे बिछा दी.
मैं तो आज बस आंटी को देखे ही जा रहा था, क्योंकि आज वो हल्के गुलाबी कलर के गाऊन में सेक्स की देवी लग रही थी फिर उन्होंने मुझसे बोला कि क्या तुम मुझे देखते ही रहोगे या बैठोगे भी? फिर मैंने कहा कि आंटी प्लीज आज आप मेरी बात का बिल्कुल भी बुरा मत मानना, क्योंकि आज आप इस ड्रेस में बहुत सेक्सी लग रही हो, आंटी अगर आपकी शादी नहीं हुई होती तो आज ही मैं आपसे शादी कर लेता. फिर मैंने आंटी को पकड़ लिया और उनको स्मूच करने लगा फिर वो भी मुझे स्मूच कर रही थी और साथ में मेरा लंड पेंट के ऊपर से दबा रही थी और फिर मैंने उनको स्मूच करते करते उनका गाऊन ऊपर कर दिया और उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, उनका फिगर करीब 32-34-36 साईज का था फिर स्मूच करने के बाद मैंने उनके गाऊन को ऊपर से निकाल दिया और ब्रा के हुक खोल दिए और उनके बूब्स को सक करने लगा उनका एक हाथ मेरी कमर को सहला रहा था और दूसरा मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था और वो ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्हह्ह्ह्ह वाह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से सक करो, हाँ खा जाओ इन्हें उह्ह्ह्ह
फिर उनकी बात सुनकर मैं और भी उत्तेजित होकर उनको और तेज़ी से सक करने लगा और उनके बूब्स को काटने लगा और इसी दौरान उन्होंने मेरी पेंट की जीप खोलकर अपना हाथ मेरी अंडरवियर में डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया फिर उन्होंने मुझे अचानक अपने से अलग किया और मेरी पेंट और अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे लंड को देखकर कहने लगी कि वाह क्या मस्त लंड है? फिर मैंने कहा कि क्या आंटी आपने कभी अंकल का लंड नहीं देखा? फिर वो बोली कि यह तो बहुत मोटा और लंबा है, उनका लंड तो तुम्हारे लंड का 1/4 हिस्सा भी नहीं है.
कहने लगी कि मैं आज तक ऐसे लंड के लिए प्यास की आग में जलती रही फिर मैंने उनको समझाया कि अब आज से यह लंड आपका ही है फिर वो कुछ देर चुप हुई और लंड को सहलाने लगी मेरा लंड तो पहले से कड़क था और उनके कोमल हाथों का स्पर्श पाकर और भी कड़क हो गया फिर आंटी ने मुहं में लेकर मेरे लंड को आईस्क्रीम की तरह चूसने लगी और वो मेरे लंड को ऐसे पागलों की तरह चूस रही थी कि जैसे उनको बहुत सालों के बाद आज भगवान मिल गया हो और मैं भी उनके बूब्स को सक कर रहा था और करीब 10 मिनट के बाद मैंने उनको अलग किया और उनकी पेंटी को उतार दिया.
दोस्तों आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि उनकी चूत थी या गुलाब का फूल, एकदम साफ शेव की हुई और डबल रोटी की तरह फूली हुई, उनकी चूत को देखकर मेरे मुहं में पानी आ गया और फिर मैं उनकी चूत को सक करने लगा और अपनी जीभ को उनकी चूत के अंदर डालकर सक करने लगा (हाँ दोस्तों मुझे चूत सक करना बहुत ही अच्छा लगता है) और वो लंबी लंबी सांसो के साथ सिसकियाँ ले रही थी और अब वो बहुत अलग तरह की आवाजें निकाल रही थी, हाँ और ज़ोर से वाहूऊऊओ चूसो अह्ह्ह्हह्ह हाँ आज इसे खा जाओ मेरी उफ्फ्फफ्फ्फ़ इस प्यासी चूत को उईईईईई आज बुझा दो इसकी प्यास और मेरे मुहं को अपनी चूत के मुहं पर अपने दोनों हाथ से दबा रही थी और मैंने करीब 5 मिनट तक उनकी चूत को सक किया और उसके बाद वो मुझसे बोली कि विनय अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज मुझे आज जमकर जबरदस्त चोदो और मेरी चूत को एकदम शांत कर दो, इसकी तुम आज भूख मिटा दो.
फिर मैंने उनको डॉगी स्टाईल में खड़े होने को बोला, वो डॉगी स्टाईल में खड़ी हो गयी और मैं उनके पीछे जाकर अपने लंड को उनकी चूत पर सेट करने लगा, लेकिन उनकी चूत का छेद इतना टाईट था कि मुझे ऐसा लग रहा था कि वो शायद आज बहुत दिनों के बाद चुदवा रही हो और मैंने जैसे ही अपने लंड का ऊपरी भाग उनकी चूत में डाला तो वो दर्द से चीखने लगी, हाए मैं उह्ह्ह्हह्ह् प्लीज थोड़ा धीरे मर आईईईइ गयी, मैं इस लंड को उफफ्फ्फ्फ़ सहन नहीं कर सकती. फिर मैंने आंटी से बोला कि आंटी आज थोड़ा सा सब्र रखो, क्योंकि आज पहली बार आपकी चूत मेरे लंड से खुल रही है, आपको थोड़ा दर्द तो होगा ही, लेकिन उसके बाद आपको लाईफ का मज़ा आ जाएगा, जो आज तक आपने कभी भी नहीं लिया फिर मेरी यह बात सुनकर वो कुछ नरम पड़ी और उसके बाद मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और उनकी चूत पर भी तेल की मालिश की और धीरे धीरे अपने लंड को उनकी चूत में डालने लगा और वो दर्द से चीख रही थी और उनकी आँखों में से बड़े बड़े आँसू निकल रहे थे.
मैं अपना आधे से ज़्यादा लंड उनकी चूत में डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था. फिर धीरे धीरे धक्कों के साथ मैंने अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और चुदाई करने लगा फिर कुछ देर बाद आंटी भी कुछ नरम हो गयी थी और अपनी गांड को पीछे की तरफ धकेल रही थी और मुझे उकसा रही थी फिर मैं भी अब धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा और वो तेज सिसकियाँ लेने लगी आह्ह्हह्ह्ह्ह और ज़ोर से चोदो मुझे, ऐसा लंड मैंने पहली बार देखा और अपनी चूत में लिया है अह्ह्ह्हह थोड़ा और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से धक्का देकर मेरी चूत को चोदो. अब मैं भी अपनी फुल स्पीड से उनको धक्के देकर चोद रहा था और इसी बीच वो तीन बार झड़ चुकी थी, लेकिन अब मैं भी बहुत ही जल्द झड़ने वाला था फिर मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज कर दिया और एक ही झटके में अपना सारा वीर्य उनकी चूत में भर दिया और कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए. लेकिन आंटी अभी संतुष्ट नहीं हुई और मेरे लंड को फिर से सहलाने लगी और मेरा लंड फिर से कड़क होकर खड़ा होने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
उसके बाद वो मेरे ऊपर आकर अपने पैरों के सहारे मेरे पेट पर बैठकर मेरे लंड को अपनी चूत के मुहं पर सेट करके लंड के ऊपर नीचे होने लगी और मैं उसकी कमर को पकड़कर उसे सहारा देकर लंड को अंदर तक डालने लगा और ऐसा हमने 10 मिनट तक किया. उसके बाद मैं उसके ऊपर आ गया और उसको 10 मिनट तक चोदा और मैंने अपना सारा स्पर्म उनकी चूत में डाल दिया. तभी बस का हॉर्न बचा हम चोंक गए, हम भूल ही गए थे कि हम बस स्टेंड पर है. हमने अपने कपड़े पहने और एक दुसरे को किस करते हुए बिना कोई आवाज किए बस के जाने का इन्तजार करने लगे. थोड़ी देर में ही बस चली गई मैंने बाहर निकल कर देखा तब वहां कोई नहीं था. हम कमरे से निकले और अपने - अपने घर की तरफ चल दिए...
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