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भाई की शादी में बहन की चूत की चुदाई - Bhai ki shadi mein Bahan ki chut chudai
भाई की शादी में बहन की चूत की चुदाई - Bhai ki shadi mein Bahan ki chut chudai , सभी ने ख़ुशी के अवसर पर दुल्हे की दीदी को चोद दिया , शादी के दिन चुदवाई , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
फूफी जान यह बात कितनी अजीब हैं की शादी मेरे भाई जान की हो रही है और बुर मेरी चुद रही है। चोदने वाला कोई एक हो तो मान भी लूं। यहाँ तो जिसको देखो वही पेल देता है लण्ड मेरी चूत में। जब से ये बहन चोद शादी का जश्न शुरू हुआ है तबसे मेरी बुर हर रोज़ चुद रही है। दिन में एक बार नहीं कई बार चुदती है मेरी बुर ? रात में तो कुछ ज्यादा ही चुदती है। जबसे जश्न शुरू हुआ है तबसे जिसको देखो वही ठोंक देता है लण्ड मेरी चूत में। एक चोद कर जाता है तो थोड़ी देर में दूसरा आकर पेल देता है लण्ड। मैं कभी कभी समझ ही नहीं पाती की कौन मुझे चोद रहा है, कौन चोद कर चला गया और कौन चोदने के लिए मेरी तरफ आ रहा है ? हालांकि मज़ा मुझे भी आता है पर ये क्या की शादी किसी और की और चुद रही है मेरी बुर ?
फूफी ने जबाब दिया - अरी मेरी बिटिया रानी, ऐसा हो हर जश्न में होता है। सिर्फ तेरी ही नहीं यहाँ तो हम सबकी बुर चुद रही है आजकल। ये शादी का जश्न है बेटी, ख़ुशी का जश्न है और ख़ुशी के मौके पर बुर न चुदे, ऐसा तो हो नहीं सकता ? ऐसे मौके पर मर्दों के लण्ड बहन चोद दिन भर टन टनाते रहतें हैं। और किसका लौड़ा किसी बुर में घुस जायेगा यह बात तो उस लौड़े को भी नहीं मालूम होती। कोई भी किसी की भी बुर चोद ले और कोई भी किसी का भी लौड़ा अपने बुर में पेल ले इसकी पूरी आज़ादी होती है।तुम्हारा शायद यह पहला मौक़ा है वरना तो हम लोग जाने कितनी बार ऐसे जश्नों में चुद चुकी हैं। चाहे तेरी माँ का भोसड़ा हो, चाहे तेरी फूफी की बुर, चाहे तेरी भाभी की चूत हो, चाहे तेरी खाला का भोसड़ा ? चाहे तेरी दीदी की चूत हो, चाहे तेरी फूफी की बिटिया की बुर, ऐसे मौके पर सबकी बुर चोदी जाती है और जिसकी बुर जितनी ज्यादा चोदी जाती है उसे उतना ही ज्यादा अच्छा माना जाता है। इसलिए शादी के मौके पर बुर का चुदना और बुर चुदाना बड़ा अच्छा होता है, बेटी।
रात के १२ बजे थे। उस समय मैं लगभग नंगी थी और फूफी जान तो पूरी तरह नंगी थीं। हम दोनों मजे से बतला रहीं थीं। तभी फूफी की बेटी का शौहर एकदम एकदम नंगा नंगा अपना लण्ड खड़ा किये हुए हमारे सामने आ गया। फूफी ने उसका लण्ड देखा मैंने भी उसके लन्ड पर नज़र डाली तो मेरी चूत खलभला उठी। फूफी ने लण्ड पकड़ कर उसे चूमते हुए कहा नज़मा ये लण्ड तू मेरी बुर में पेलेगी की मैं तेरी बुर में पेलूं ? मैंने कहा नहीं फूफी जान इसे मैं तेरी बुर में पेलूँगी। मैंने लण्ड उसके हाथ से ले लिया और उसे घुमा घुमा कर चारों तरफ से देखा, उसका सुपाड़ा चाटा और फूफी की चूत पर टिका दिया। फूफी तब तक अपनी चूत खोले हुए नीचे लेट गयी थी। मैंने फिर उसके चूतड़ दबा कर कहा ले भोसड़ी के चोद ले अपनी सास का भोसड़ा ? वह तो चोदने के मूड में आया ही था। उसने गचागच शुरू कर दिया चोदना।
मुझे फूफी की चुदती हुई बुर देखने में बड़ा अच्छा लग रहा था। मैं बैठ कर उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। वह मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। मैंने ऐसे ही पूंछ लिया यार सरवर तुम फूफी की बेटी की बुर दिन में कितनी बार लेते हो ? वह तो तेरी बीवी है। वह बोला मैं तो एक बार भी नहीं लेता उसकी बुर ? उसकी बुर लेने वाले बहुत लोग है। उसकी बुर हमेशा बिजी रहती है। मैंने कहा अच्छा तभी तुम दूसरों की बीवियों की बुर में लौड़ा पेला करते हो ? उसने कहा ये सब हमारे कुनबे में चला करता है। और फिर जश्न के माहौल में तो खूब चलता है और दिन रात चलता है। अभी मेरी बीवी किसी से धकाधक चुदवा रही होगी। तब तक एक आवाज़ आयी मैं अभी तेरी बीवी की चोद आ रहा हूँ, सरवर। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी खाला जान का लड़का अली था। वह नंगा जरूर था पर उसका लण्ड खड़ा नहीं था। मैंने मजाक किया और कहा हां तभी तेरा लण्ड पिचका हुआ है बहन चोद। फूफी की बेटी की बुर ने तेरे लण्ड को भून डाला है अली। अब जब तक ये खड़ा नहीं होता तब तक ये भोसड़ी का किसी काम का नहीं। इसी बीच फूफी ने कहा अच्छा ला मुझे दे मैं इसका लौड़ा खड़ा कर देती हूँ। फूफी ने उसका लौड़ा मुंह में घुसेड़ लिया। लण्ड सच में खड़ा हो गया तो उसने मुझे पकड़ा दिया। मैं अली का लौड़ा पचर पचर पीने लगी।
कुछ देर बाद उसने पेल दिया लण्ड मेरी चूत में और चोदने लगा। उसने कहा अरे यार नज़मा तेरी बुर तो एकदम तेरी फूफी की बिटिया की बुर की तरह है। एकदम मक्खन मलाई। मुझे ऐसी बुर चोदने में खूब मज़ा आ रहा है। कुछ देर में और फूफी लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगी। अली का लण्ड और सरवर का लण्ड दोनों एक जैसे लग रहे थे। फरक सिर्फ तना था की अली का सुपाड़ा अंडाकार था और सर्वर का सुपाड़ा गोल। मुझे दोनों से चुदवाने में मज़ा आ रहा था और फूफी को भी दोनों से चुदवाने में। मैं मन में सोंचने लगी की ये शादी का माहौल तो वाकई बड़ा बढ़िया है। यहाँ किसी का लौड़ा पकड़ने में और पीने में कोई पाबन्दी है ही नहीं। मैंने पूंछा फूफी जान क्या कोई ऐसा लौड़ा है जिसे मैं पकड़ नहीं सकती ? उसने बताया नहीं नज़मा ऐसा कोई लौड़ा नहीं है जिसे तू पकड़ नहीं सकती। यहाँ तो लड़कियां अपने अब्बू का लौड़ा पकड़ लेती हैं। मेरी बेटी अपने अब्बू का लण्ड चूसती है, तेरी खाला की बेटी अपने अब्बू का लण्ड पीती है, मेरी नन्द अपने अब्बू का लण्ड चोदती है। और इस जश्न में तो बेटियां बड़ी मस्ती से अपने बड़े मौलाना का लण्ड हिलातीं हैं और उससे भी चुदवाती हैं। जश्न के माहौल में ये घर रात में बिलकुल रंडी खाना हो जाता है बुर चोदी नज़मा ?
सच यह है दोस्तों की मैं अभी कुछ दिन पहले अपने कॉलेज से हॉस्टल से आयी हूँ। मैं पिछले ५ साल से हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रही थी। मेरी पढाई पूरी हुई तो मैं अपने घर आ गयी। मेरी ज़िन्दगी में यह पहली शादी हो रही है। इसका मज़ा मुझे मिल रहा है। मैं 22 साल की हूँ, खूबसूरत हूँ, सेक्सी और हॉट हूँ। ऐसा नहीं की मैंने लण्ड कभी पकड़ा नहीं। मैं कॉलेज के लड़कों के लण्ड खूब पकड़ती थी , लण्ड चूमती चाटती थी, चूसती थी और मुठ्ठ मार कर पीती भी थी लण्ड। मैं अपनी बुर भी लड़कों से चटवाती थी। मैंने कई लड़कों से चुदवाया भी है और कई बार चुदवाया है पर यह बात किसी को मालूम नहीं है।
आने के दो दिन बाद मैंने देखा की अम्मी और फूफी कुछ बातें कर रही हैं। बातें कुछ मजेदार थी तो मैं कान लगाकर चुप चाप सुनने लगी।
- फूफी ने कहा - अरे भाभी जान अब तो तेरी बेटी जवान हो गई है।
- अम्मी ने कहा - हां जवान तो हो गयी है पर जवान होने के कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहें हैं उसमें ?
- फूफी - क्या मतलब ? अच्छी खासी मस्त जवानी उस पर सवार हो गई है, भाभी जान। बड़ी बड़ी चूँचियाँ, बड़े बड़े चूतड़, बड़ी बड़ी आँखें गोल गोल गाल और गुन्दाज़ बाहें सब कुछ तो है उसमे ?
- अम्मी - इससे जवानी ज़ाहिर नहीं होती, नन्द रानी ? जवानी ज़ाहिर होती है तेरी नटखट हरकतों से। लण्ड पकड़ने की ललक से, बुर चुदाने की हसरत से, गन्दी गन्दी बातें करने और अश्लील बातें करने से, अपने मुंह से प्यार भरी गालियां निकालने से और सबसे बड़ी बात अपनी माँ चुदाने से। ये तो कुछ भी नहीं है उस बुर चोदी नज़मा में ?
- फूफी बड़ी अदा से तिरछीं निगाहों से बोली तो फिर मैं सिखा दूँ उसे माँ चुदाना। उसके हाथों से तेरे भोसड़ा में लण्ड पेलवा दूँ।
- नेकी और पूंछ पूँछ,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
- हाय दईया, बड़ा उतावला हो रहा है तेरा भोसड़ा भाभी जान ?
- क्यों न हो मैं अभी मस्त जवान हूँ। मेरे अंदर भी आग है। और तब मैं उसके सामने पेलूँगी तेरी चूत में लण्ड, नन्द रानी।
फिर वो दोनों हंसने लगीं। मैं दोनों के मन की बात समझ गई।
घर मेहमानों से खचाखच भरा हुआ था। खुश हाली ही खुश हाली चारों तरफ बिखरी हुई थी। हर सख्स के चेहरा
पर मुस्कान थी। मर्दों की और औरतों की छोटी छोटी टोलियां बनी हुई थीं। लड़कियों की और लड़कों की टोलियां अलग बनी हुई थी। सब अपनी अपनी टोली में एन्जॉय कर रहे थे। जवान लड़कियों की खिलखिलाहट पूरे माहौल में गूंज रही थी। जवान लड़के सब ठहाके लगा लगा के मस्ती कर रहे थे। यह सब इसलिए हो रहा था क्योंकि मेरे भाई जान की शादी होने वाली थी। हर दिन शादी का कोई न कोई जश्न मनाया जा रहा था।
रात का 12.30 बजे थे। जश्न हो ही रहा था। मर्द हो या औरत किसी के बदन पर कोई कपड़ा दिख नहीं रहा था। तब तक मेरी खाला की बेटी नगमा आ गयी। नगमा मुझसे बड़ी है और उसकी शादी हो चुकी है। वह बोली अरे नज़मा चलो मैं तुम्हे यहाँ का नज़ारा दिखाती हूँ। मैंने कहा अरे दीदी मैं नंगी हूँ कुछ तो पहन लेने दो। वह बोली यहाँ कौन भोसड़ी वाली कुछ पहने हुए है ? सबकी सब बुर चोदी नंगी हैं। मैं उसके साथ चल पड़ी। उसने जो सीन दिखाया उसे देख कर मैं हैरान भी हुई, मस्त भी हुई और गज़ब की चुदासी भी हो गयी.
उसने बताया - देख नज़मा, तेरा अब्बू मेरी नन्द की बुर ले रहा है, मेरा नंदोई मेरी भाभी जान की चूत में लण्ड पेले हुए है, मेरी अम्मी मेरे देवर से चुदवा रहीं हैं और तेरी अम्मी जान मेरे मियां से चुदवाने में जुटी हैं। मेरी फूफी तेरे खालू का लण्ड पी रही है, तेरी फूफी मेरे जीजू का लौड़ा अपनी चूँचियाँ पर फिरा रही है। मेरा अब्बू जान तेरी फूफी की बेटी चोद रहा है, फूफी का दामाद मेरी सास का भोसड़ा चोद रहा है, मेरा ससुर तेरी चची की बेटी चोदने में लगा है और उसका मियां अपनी ही सास का बुर में लौड़ा पेले हुए है। मैं यह सब देख कर दंग रह गई। मुझे हर जगह बड़ी बेशर्मी और बड़ी मस्ती दिखाई पड़ी। इस सामूहिक चुदाई में सब कुछ न कुछ बोल भी रहीं थीं। आप भी सुनिए और मज़ा लीजिये :-
हाय रे रे कितना मोटा है ये तेरा भोसड़ी का लण्ड ? ये तो मेरी चूत फाड़ डालेगा ,,,,,,,,, ? वाओ, पूरा पेल दे न लौड़ा मैं सब झेल लूंगी ,,,,,,,,,,? हाय नज़मा तेरी माँ का भोसड़ा , जब से तू आई है तबसे यहाँ और ज्यादा अय्यासी होने लगी है ,,,,,? तेरी बिटिया बुर भी मैं इसी तरह चोदता हूँ भाभी जान ,,,,,,, ? हाय कितना मज़ा आ रहा है सबके साथ चुदवाने में ,,,,, ,,,,,? आज मैं पहली बार इतने ज्यादा लण्ड एक साथ देख रही हूँ ,,,,,,,,, ? मुझे चोद लो, मेरी माँ चोद लो, मेरी बहन की बुर ले लो ,,,,,,,, ? तू मुझे चोद रहा है तो तेरी बीवी कोई और चोद रहा है देवर जी ,,,,,,,? मुझे पीछे से भी चोदो यार ,,,,,,,,,,? तेरे मियां का लौड़ा मेरी चूत फाड़ डालेगा बेटी ,,,,,,,,,, ? वाह क्या लौड़ा है तेरा यार ? बिलकुल घोड़े का लौड़ा लग रहा है ,,,,,, ? अब मेरी चूँचियाँ चोदो ,,,,,,,,,,,? खाला जान तू तो अपनी बेटी के सामने ही चुदवा रही है तुझे शर्म नहीं आती ,,,,,, ? शर्म की बिटिया की बूर ? शर्माऊँगी तो फिर मज़ा कैसे ले पाऊंगी और फिर मेरी बेटी भी तो बुर चोदी अपनी माँ चुदा रही है ,,,,,, ?
यह सब सुनकर मैं बड़ी मस्त होती जा रही थी। मैं सोंचने लगी की ऐसा हर रोज़ हुआ करे तो मज़ा आ जाए। मुझे इतने लण्ड और रोज़ देखने को मिलें पकड़ने और चोदने को मिलें तो कितना अच्छा हो ? ,हर रोज़ कुछ नये नये लण्ड मिल जाया करें तो और अच्छा हो ?
इतने में किसी ने मेरी चूँचियाँ पकड़ लीं। मैं कुछ बोली नहीं चुपचाप चूँचियाँ मसलवाने लगी। तभी किसी ने लण्ड मेरे कंधे पर रख दिया। मैंने कनखियों से देखा तो लण्ड का सुपाड़ा पूरा का पूरा दिख गया। मैंने जबान निकाली और उससे सुपाड़ा छुआ तो उसे भी मज़ा आया। फिर मैंने लण्ड पकड़ लिया और बोली भोसड़ी के चुपके चुपके क्यों आते हो ? मरद हो तो सामने से आओ और पकड़ाओ लण्ड ? मैंने जब उसका मुंह देखा तो वह मेरी भाभी का अब्बू निकला। उसका लण्ड मुझे बहुत ही पसंद आया और मैं उसका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। नगमा मुझे देख कर मुस्कराने लगी और बोली अरे यार नज़मा लौड़ा तो बड़ा शानदार है तेरी भाभी के अब्बू का ? अब तो तेरी बुर अच्छी तरह चुदेगी। तब तक नगमा का देवर नंगा नंगा आ गया। उसका लौड़ा टन टना रहा था। वह बोला नगमा भाभी बुर तो तुम्हारी भी चुदेगी। उसने लौड़ा नगमा के मुंह के आगे कर दिया। नगमा ने मुंह खोल कर लौड़ा गप्प से घुसेड़ लिया और चूसने लगी।
इतने में किसी ने मेरी चूँचियाँ पकड़ लीं। मैं कुछ बोली नहीं चुपचाप चूँचियाँ मसलवाने लगी। तभी किसी ने लण्ड मेरे कंधे पर रख दिया। मैंने कनखियों से देखा तो लण्ड का सुपाड़ा पूरा का पूरा दिख गया। मैंने जबान निकाली और उससे सुपाड़ा छुआ तो उसे भी मज़ा आया। फिर मैंने लण्ड पकड़ लिया और बोली भोसड़ी के चुपके चुपके क्यों आते हो ? मरद हो तो सामने से आओ और पकड़ाओ लण्ड ? मैंने जब उसका मुंह देखा तो वह मेरी भाभी का अब्बू निकला। उसका लण्ड मुझे बहुत ही पसंद आया और मैं उसका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। नगमा मुझे देख कर मुस्कराने लगी और बोली अरे यार नज़मा लौड़ा तो बड़ा शानदार है तेरी भाभी के अब्बू का ? अब तो तेरी बुर अच्छी तरह चुदेगी। तब तक नगमा का देवर नंगा नंगा आ गया। उसका लौड़ा टन टना रहा था। वह बोला नगमा भाभी बुर तो तुम्हारी भी चुदेगी। उसने लौड़ा नगमा के मुंह के आगे कर दिया। नगमा ने मुंह खोल कर लौड़ा गप्प से घुसेड़ लिया और चूसने लगी।
इसी बीच भाभी के अब्बू ने लण्ड मेरी चूत घुसेड़ दिया। मैं चिल्ला पड़ी उई माँ मर गई मैं भोसड़ी वाले ने पूरा लौड़ा एक ही बार में पेल दिया। मेरी तो बुर फट गई बहन चोद। 81 /2 " का लण्ड अंदर तक घुस गया मज़ा तो आया पर माँ चुद गयी यार। मैंने कहा अंकल ऐसे ही तुम सबकी बेटियां चोदते हो ? वह बोला हां तभी तो सब बेटियां मुझे ज्यादा चुदवाती हैं। उधर नगमा का देवर भी गचागच चोदने लगा नगमा की बुर ? नगमा को देख कर ऐसा लग रहा था की वह चुदवाने में अव्वल है। आज पहली बार मैं सबके साथ ग्रुप में चुदवा रही थी। सबको चुद ता हुआ देख कर मेरी चुदाने की मस्ती बढ़ती ही रही थी। थोड़ी देर में ससुर अपना लण्ड खड़ा किये हुए मेरे सामने आकर खड़ा हो गया। उसका हक्कानी लण्ड देख कर मैं ललचा गई और लण्ड हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया।
मैंने पूंछा भोसड़ी के अंकल मुझे चोदने आये हो की अपनी बहू की बुर ? वह बोला मैं तो दोनों को चोदूंगा लेकिन पहले तेरी बुर लूंगा नज़मा। अपनी बहू की बुर तो मैं पहले भी चोद चुका हूँ। मैं उसका लण्ड चपर चपर चाटने लगी। थोड़ी देर भाभी के अब्बू ने लण्ड मेरी बुर से निकाल कर नगमा की चूत में घुसा दिया। इधर उसके ससुर ने लण्ड मेरी बुर में ठोंक दिया। तब तक नगमा का जीजू आ गया। उसने लण्ड मेरे मुंह में पेल दिया। मैं लण्ड चाटते हुए नगमा के ससुर से चुदवाने लगी। चुदवाते समय अगर लण्ड की अदला बदली होती रहती है तो चुदवाने का मज़ा दूना हो जाता है। तब मैंने देखा की मेरी अम्मी मेरे सामने खाला के दामाद से चुदवा रहीं हैं और खाला का भोसड़ा मेरा फूफा धकाधक चोद रहा है। मैं मन में सोंचने लगी की शादी तो मेरे भाई जान की है पर बुर सबकी चुद रही है।
खाला को मजाक सूझा तो वह बोली - नज़मा तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? खाला ने घुमा फिरा के अपने ही भोसड़ा के बारे में कह दिया।
मैंने कहा - खाला जान, तेरी बहन की बिटिया की बुर ? मैंने भी उसी तरह का जबाब दिया।
अम्मी ने कहा - तेरी माँ की चूत नज़मा जब से तू आयी है तबसे सामूहिक चुदाई में ज्यादा मज़ा आने लगा है। इतने में अम्मी ने भाभी को धकाधक चुदवाते हुए देखा तो बोली - बहू रानी, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? भाभी ने भी तुरंत जबाब दिया - सासू जी तेरी बेटी की भाभी की बुर ? तेरी बहू की नन्द की चूत ?
इसी तरह से गाली गलौज होने लगी तो चुदाई में चार चाँद लग गए। सबको मज़ा आने लगा और मर्दों के लण्ड बहन चोद और तन गये तो चोदने में ज्यादा मज़ा आने लगा। फिर अंकल ने कहा नज़मा अब मैं निकलने वाला हूँ। मैंने कहा अंकल मेरे मुंह में गिरा दो ? मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और खचाखच सड़का मारने लगी। मुझे सड़का मारना बड़ा अच्छा लगता है। बस थोड़ी देर में वह झड़ने लगा और मैंने उसका सारा वीर्य चाट लिया। मैंने लण्ड का सुपाड़ा चाट चाट कर लाल कर दिया। उधर मेरे सामने नगमा भी झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। उसके बाद सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और आपस में खूब गन्दी गन्दी बातें भी की। एक दूसरे को प्यार से गालियां दीं और सबके लण्ड पर थप्पड़ मार मार कर लण्ड से बातें की। एक जवान लड़की को एक साथ इतने सारे लण्ड मिल जाएँ तो सकीय तो जैसे लॉटरी खल गई हो ? वही हाल मेरा था। मैं तो इतने सारे लण्ड देख कर पकड़ कर हिला कर और लण्ड चोद चोद कर ज़न्नाट का मज़ा ले रही थी। खाना खाने के एक घंटे बाद फिर चुदाई शुरू हो गयी। इस बार भी मैंने बड़ी बेशर्मी से खूब धकाधक चुदवाया।
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