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ऊँगली डालकर चूत को शांत करने का सिलसिला Ungli dalkar chut ko shant karne ka silsila
ऊँगली डालकर चूत को शांत करने का सिलसिला Ungli dalkar chut ko shant karne ka silsila , उँगलियों से चूत बुर गांड की चुदाई , ऊँगली देकर लिया मजा , तड़प को मिटाने के लिए ऊँगली डाली , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं जूली हूँ. मैं उस समय 14 साल की थी और क्लास 9 मे थी. मैं यहाँ बता दूं कि मेरा बेडरूम और मेरे पेरेंट्स का बेडरूम साथ साथ है. दोनो के बेडरूम के बीच मे एक कामन बाथरूम है जो दोनो तरफ से यूज़ हो सकता है. अगर मुझे बाथरूम जाना हो तो मैं अपने पेरेंट्स के रूम मे खुलने वाले डोर को अंदर से लॉक करती हूँ और यही मेरे पेरेंट्स करते है, मेरे रूम की तरफ खुलने वाले दरवाजे को अंदर से लॉक करते है. यह बाथरूम हमारे दोनो बेडरूम के बीच आने जाने का एक अंदर के दरवाजे का काम भी करता था. अब तक मैं सेक्स और चुदाई के बारे में पूरी तरह नही जानती थी. बस, केवल आधा अधूरा ही नालेज था.
मैं जूली हूँ. मैं उस समय 14 साल की थी और क्लास 9 मे थी. मैं यहाँ बता दूं कि मेरा बेडरूम और मेरे पेरेंट्स का बेडरूम साथ साथ है. दोनो के बेडरूम के बीच मे एक कामन बाथरूम है जो दोनो तरफ से यूज़ हो सकता है. अगर मुझे बाथरूम जाना हो तो मैं अपने पेरेंट्स के रूम मे खुलने वाले डोर को अंदर से लॉक करती हूँ और यही मेरे पेरेंट्स करते है, मेरे रूम की तरफ खुलने वाले दरवाजे को अंदर से लॉक करते है. यह बाथरूम हमारे दोनो बेडरूम के बीच आने जाने का एक अंदर के दरवाजे का काम भी करता था. अब तक मैं सेक्स और चुदाई के बारे में पूरी तरह नही जानती थी. बस, केवल आधा अधूरा ही नालेज था.
एक दिन मैं स्कूल से आने के बाद घर मे अकेली ही थी. मेरे पेरेंट्स और मेरे चाचा हमारे फार्म हाउस पर हमारे एक वर्कर की बेटी की मैरिज मे गये थे. मुझे स्कूल जाना था इसलिए मैं शादी में नही गयी थी. सब लोग शाम को ही वापस आने वाले थे. आप यह पोस्ट हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरी माँ ने मेरा खाना बना कर किचन मे रखा था और हम रात का खाना साथ मे ही खाने वाले थे.
मैं दोपहर को करीब 12 बजे स्कूल से आई और खाना खा लिया. मैं टाइम पास के लिए VC आर पर मूवी देख रही थी. ( उस समय VCD और DVD नही थे) कुछ समय बाद मैं उस मूवी से बोर हो गई और कोई दूसरी मूवी की कॅसेट तलाश करने लगी. अचानक, मेरी मा की अलमारी मे मैने एक बिना लेबल की कॅसेट देखी. मैने सोचा देखते हैं ये कौन सी मूवी है, शायद कोई अच्छी मूवी होगी. मैने कॅसेट लगाई तो देखा कि वो तो एक ब्लू फिल्म थी. घर मे कोई नही था और मैं वो ब्लू फिल्म देखने लगी. थोड़ी ही देर मे मैं गरम हो गयी और मैने देखा कि मेरी पॅंटी गीली हो गयी है. मुझे समझ मे नही आया कि ये कैसे हो गया. मैं देख रही थी कि एक गोरा आदमी अपने बड़े और मोटे लंड से एक काली लड़की को अलग अलग पोज़िशन मे चोद रहा था. मैं और गरम होने लगी और अंजाने मे मेरी उंगली मेरी चूत पर पैंटी के उपर पहुँच गयी. मैने देखा कि मेरी पॅंटी काफ़ी गीली हो गयी है.
मैने अपनी पॅंटी उतार दी और धीरे धीरे अपनी उंगली अपनी छोटी सी चूत पर फिराने लगी. उस समय मेरी चूत गीली होती जा रही थी. उस समय मैं ये नही समझ पाई कि ऐसा क्यों हो रहा है? क्यों मेरी चूत गीली हो गयी है? क्या मेरा पेशाब निकल गया है? मैं थोड़ा डर गयी थी और मैने अपनी चूत पर से अपनी उंगली हटा ली. मैने VCR से कॅसेट निकाल कर वापस मेरी माँ की अलमारी मे उसी जगह रख दी. मैं डर रही थी कि अचानक मेरी चूत से पानी कैसे निकलने लगा, जो रुक ही नही रहा था. जैसे मैं अपने पेशाब को कंट्रोल कर सकती थी, वैसे वो पानी कंट्रोल ही नही हो रहा था और लगातार निकलता ही जा रहा था. मैं जल्दी से बाथरूम गयी और अपनी गीली पॅंटी धोने लगी क्यों कि मैं अपने पेरेंट्स के आने से पहले वोही पॅंटी सूखा कर वापस पहनना चाहती थी ताकि उनको पता ना चले. मैने पेशाब किया और अपनी नन्ही सी चूत को साबुन से धोया. चूत धोने के बाद उसको तावल से पोंछा. मुझे ये देख कर संतोष हुआ कि अब और पानी नही निकल रहा है मेरी चूत से.
दूसरे दिन जब मैं स्कूल गई और मेरी सबसे अच्छी फ्रेंड आंजेलीना को बताया कि कल मेरे साथ क्या हुआ था तो वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी. आप यह पोस्ट हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उसने मुझे बताया कि ये तो नॉर्मल चीज़ है और सब कुछ ठीक है. मैं जानती थी कि आंजेलीना को सेक्स का ज्ञान मेरे से ज़्यादा है क्योंकि वो मेरे से एक साल बड़ी है. मैने उसको पूछा कि उसको ये सब कैसे पता है तो उसने बताया कि उसने इसके बारे मे किताबो मे पढ़ा है. मैने उसको पूछा कि क्या उसने किसी के साथ चुदाई की है तो उसने बताया कि चुदाई तो उसने नही की है पर वो जानती है कि चुदाई कैसे होती है और एक लड़की अपने आप को कैसे सॅटिस्फाइ कर सकती है. मेरे कहने पर वो मुझे सिखाने को तैयार हो गई.
स्कूल के बाद अपने घर पर बता कर वो मेरे साथ मेरे घर आई. लंच के बाद हम दोनो मेरे बेडरूम मे आ गई. उसने बेडरूम का दरवाजा अंदर से बंद किया और मैने बाथरूम का दरवाजा बंद किया ताकि मेरी मा मेरे बेडरूम मे बाथरूम के दरवाजे से ना आ सके क्योंकि लंच के बाद वो अपने बेडरूम मे आराम करने गयी थी. आंजेलीना ने अपने सभी कपड़े उतार दिए और पूरी नंगी हो गयी मेरे सामने. उसने मुझे भी सभी कपड़े उतार कर नगी होने को कहा. मुझे शरम तो आई मगर उसको नंगी देख कर मैं भी अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी. आंजेलीना का बदन बहुत सेक्सी था. उसकी चुचियाँ मेरे से थोड़ी बड़ी थी. उसकी चूत भी मुझसे ज़्यादा उभरी हुई थी. उसकी गंद मेरी तरह गोल और कड़क थी. उसने मेरा चेहरा अपने हाथों के बीच ले कर मेरे होटो पर किस किया. हे भगवान...... ये मेरा पहला किस था. ऐसे लगा जैसे कोई बिजली सी दौड़ गई हो मेरे अंदर. मैने भी उसका पूरा साथ दिया किस करने मे.
उसने मुझे अपनी चुचि चूसने को कहा. मैने उसकी एक निपल अपने मुँह मे लेकर चूसना चालू किया तो मुझे लगा कि उसकी निपल टाइट हो गई है. वो अपने मुँह से सिसकारियाँ निकालने लगी थी. उसने मुझे और ज़ोर से चूसने को कहा और मैं भी मज़े लेती हुई उसकी चुचि ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. उसको मज़ा आने लगा और वो अपने मुँह से आनंद भरी आवाज़े निकालने लगी. तब उसने कहा मैं उसकी चूत पर हाथ लगाऊ. मैने देखा कि उसकी चूत भी गीली हो रही थी जैसे कल मेरी हुई थी. फिर मैने अपनी चूत को चेक किया पर मेरी चूत तो गीली नही हुई थी. मैने उस से पूछा तो उसने कहा कि अभी हो जाएगी गीली मेरी चूत भी. उसने मुझे पकड़ा और मेरे नींबू जैसे एक चुचि को मसलने लगी और दूसरी चुचि को अपने मुँह मे लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. आप यह पोस्ट हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरी चुचि मसलते मसल्ते उसके हाथ मेरे पूरे नंगे बदन पर रेंगने लगे. मैने महसूस किया कि मेरी निपल्स भी हार्ड हो गयी है और मुझे बहुत मज़ा आने लगा.
अन्जाने में ही मेरे मुँह से आवाज़ें निकलने लगी थी. मैने महसूस किया कि मेरी चूत भी गीली होनी सुरू हो गई है और उस मे से कल की तरह पानी निकलना सुरू हो गया है. उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूत पर रखा. उसने कहा कि मैं उसकी चूत पर हाथ फिराऊ और उसके दाने को मसलूं. वो पहली बार था जब मैने फीमेल क्लिट की इंपॉर्टेन्स को जाना. मैने उसके क्लिट को मसलना चालू किया और उसने मेरी क्लिट को मसलना चालू कर दिया. मेरा बदन गरम होने लगा था. फिर उस ने अपने होठ मेरी चूत पर रख दिए और वहाँ से निकलने वाले रस को चाटने लगी. मैने उसको कहा कि ये गंदी बात है, ऐसा मत करो. नीचे से निकलने वाला पानी मुँह मे मत लो, तो उसने बताया कि ये गंदी चीज़ नही है. ये कोई पेशाब नही है. ये तो जवानी का रस है जो कि स्वाद भरा और सेफ है. उसने मेरी क्लिट को अपने मुँह मे दबाया और हे भगवान, कितना मज़ा आया मुझे लिख नही सकती. मैं जान गई कि वो एक बहुत ही उस्ताद चूसने वाली है.
मेरी चुचियाँ और बदन कड़क हो गये और मैने उस से कहा ज़रा जल्दी जल्दी चूसो मेरी चूत. पता नही क्यों, मेरी गंद अपने आप उपर उठने लगी और मन ने चाहा कि वो मेरी चूत चबा जाए. मेरे बदन मे कुछ अजीब सा होने लगा और अचानक ही मैं झड़ गई. मैने उसके सिर को अपनी टाँगो के बीच दबा लिया और वो समझ गई कि मेरा हो गया है. मुझे ऐसा मज़ा पहली बार मालूम हुआ. आप यह पोस्ट हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उसने धीरे धीरे मेरी चूत का सारा रस चाट लिया. मैं तो अपने आनंद और मस्ती मे आँखें बंद कर के पड़ी थी और मज़ा ले रही थी. चुदाई से ये मेरी पहली पहचान थी और क्या शानदार परिचय हुआ मेरा चुदाई से.
हम दोनो ही नंगी बेड पर सोई थी और मैने उससे पूछा कि क्या मैं अभी भी वर्जिन हूँ? उस ने मुझे समझाया कि हम दोनो ही अभी तक कुवारी है. जब तक किसी मर्द का लंड हमारी चूत मे नही जाता है, हम वर्जिन रहेंगी. उसने मुझे आगे समझाया कि जब भी मैं गरम होने लगु, अपनी खुद की उंगली अपनी चूत मे डाल कर मज़ा ले सकती हूँ. ये बिल्कुल सेफ है. फिर हम बातें करते हुए सो गई. इसके बाद ऊँगली डालकर चूत को शांत करने का सिलसिला शुरू हो गया मैं आज तक यह कर रही हूँ....
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