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बीवियों की अदला बदली - जीवन का परमसुख Biwiyon ki adla badli jivan ka paramsukh
बीवियों की अदला बदली - जीवन का परमसुख Biwiyon ki adla badli jivan ka paramsukh , एक दुसरे से बीवी बदल कर की चुदाई , दूसरों की पत्नी चोदने की चोदा चादी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
जब मेरी शादी रीना के साथ हुवी तो मुझे ऐसा लगता था की रीना से खूबसूरत बीवी कोई और नहीं हो सकती। वो बहुत ही अच्छे सोंच वाली लगती थी मुझे और आज भी वो वैसी ही है जैसी मैंने चाहा था। हमारी शादी के बाद की ज़िन्दगी बड़े ही मजेदार वाली रही। हमने सुहाग रात से ही एक दूसरे की जरुरतो को पूरा किया है। मुझे रीना से कभी भी किसी तरह की कमी नजर नहीं आई। रीना बेहद ख़ूबसूरत लड़की थी और उसके शरीर के हर हिस्से में रास भरा हुवा था जो मुझे वो हर रात पिलाती थी।
जब मेरी शादी रीना के साथ हुवी तो मुझे ऐसा लगता था की रीना से खूबसूरत बीवी कोई और नहीं हो सकती। वो बहुत ही अच्छे सोंच वाली लगती थी मुझे और आज भी वो वैसी ही है जैसी मैंने चाहा था। हमारी शादी के बाद की ज़िन्दगी बड़े ही मजेदार वाली रही। हमने सुहाग रात से ही एक दूसरे की जरुरतो को पूरा किया है। मुझे रीना से कभी भी किसी तरह की कमी नजर नहीं आई। रीना बेहद ख़ूबसूरत लड़की थी और उसके शरीर के हर हिस्से में रास भरा हुवा था जो मुझे वो हर रात पिलाती थी।
मेरे मन में हमेशा ऐसी एक सोंच रहती थी की ऑफिस से घर जाकर रीना को बहुत प्यार करूँगा। पता नहीं मैं ऐसा क्यों सोंचता था पर रात के खाने के बाद हमारे बीच बेहद हशीन कामुक रिस्ता बनता था। मुझे रीना की बांहों के बिना नींद ही नहीं आती थी। जब कभी भी उसका माषिक चक्र आता था तब भी वो मेरा ख्याल रखती थी पर मैं भी इन्शानियत दिखाते हुवे कई बार उसे सुला देता था। उसके गुलाबी होंठ वाकई मुझे विवस करते थे की मैं उन्हें चूमता और चूसता रहूँ और रीना ने आज तक मुझे किसी भी चीज के लिए मना नहीं किया। यह मेरी खुश किस्मत ही थी की मेरी शादी बेहद ख़ूबसूरत लड़की से हुई थी।
मेरे साथ के कई दोस्त थे जिनके साथ मैं काफी ज्यादा घुल मिल गया था और सब के सब बेहद परेशान रहते थे अपनी सेक्स लाइफ से। ज्यादातर की बिविया तो उन्हें भाव ही नहीं देती थी और जिनकी देती थी वो तकलीफ में आधे मन से देती थी। मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं था क्यूंकि रीना ने मुझे कभी निराश नहीं किया था।
हम दोनों हमेशा एक दूसरे का ही ख्याल रखते थे और कोशिश रहती थी कि किसी भी प्रकार का दुःख न आये। ज़िन्दगी के मजे उठाते हमें अब लगभग दो साल हो चुके थे। रीना और मेरे बीच रात को अब रिश्ते भी कम बनने लगे थे। शायद हम अब जवानी का मजा लेकर थक चुके थे पर मेरे मन में अब भी कुछ मस्ती करने की चाहत रीना के मुकाबले ज्यादा थी। एक रात मैं और रीना बैडरूम में सोकर नंगी वाली फिल्म देख रहे थे और उस फिल्म में दो लडके एक ख़ूबसूरत लड़की के साथ सम्भोग करते हुए दिखाई दे रहे थे। देखने में बड़ा ही मजेदार था क्यूंकि वो हमारा मन भी बना गया और हमने भी रात सम्बन्ध बना कर ही गुजारी।
उसी रात हमने उस गन्दी फिल्म के बारे में बाते की और फिर मैंने देखा की रीना उस फिल्म के लडको से काफी प्रभावित थी। रीना जब रात को सो गयी तो मैंने वो फिल्म बार बार चला कर अकेले में देखी। अपने आप को मैं उन लडको से मिलाने लगा और समझ में आया की शायद उनके शरीर का आकर्षण है जो रीना को प्रभावित कर गया। मैंने जिम जाना शुरू कर दिया और उन लडको को हर बार देखकर अपने आप को मिलाता रहा। कुछ महीनो में मेरा शरीर कुछ वैसे ही आकार में आ गया जैसा मैं चाहता था।
एक रात मैंने खुद को नंगा करके रीना के सामने पेश किया पर रीना में कोई ऊर्जा नहीं दिखी। हालांकि रीना ने मुझे मना नहीं किया सम्बन्ध बनाने से, पर उसके अंदर अब वो पहले वाली जिज्ञासा नहीं थी। मैं जब भी कुछ कमी सी महसूस करता तो वही त्रिकुट वाला फिल्म देख लेता, पर इस बार जब मैंने देखा तो मुझे लगा की शायद एक ही चीज खा खा कर हम दोनों थक चुके हैं।
मैंने एक हिल स्टेशन जाने का प्लान किया और उसके साथ ही मैंने इंटरनेट पर एक खूबसूरत लडके के साथ अपनी दोस्ती बना ली। वो भी मेरी ही उम्र का था और कुछ वैसा ही सोचता था जैसा मैं सोंच रहा था। मैं और रीना वहां पर एक होटल में रूम लेकर रह रहे थे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने अनिल (इंटरनेट वाला दोस्त) को तय समय के मुताबिक उसकी पत्नी के साथ होटल में ही मिलने को बुला लिया।
रीना को मैंने मेरा पुराण डीएसटी बता कर अनिल से मिलवाया और अनिल ने भी ठीक इसी तरह अपनी पत्नी सावित्री से मिलवाया। हम चारो एक दूसरे के साथ काफी समय बिताने लगे। पहले दिन तो हम बस एक दूसरे से मिले ही पर मैंने और अनिल ने अगले दिन की प्लानिंग पहले से ही बना रखी थी। मैंने अनिल और सावित्री की फोटो पहले ही इंटरनेट पर देखी थी तभी ऐसा कार्यक्रम बनाया।
अनिल देखने में काफी सुन्दर था और उसकी पत्नी भी लाजवाब थी। अगले दिन जब वो दोनों होटल रूम पर आए तो मैंने और अनिल ने सेक्स से सम्बंधित बाते शुरु कर दी। हमारी पत्निया हमें रोकती रही पर इसी बीच हमने अपने अपने पत्नियों के बारे में बताना शुरु कर दिया। हमने तो एक दूसरे की बीवियों के पसंदीदा संभोग आसनो के बारे में भी बाते कर डाली।
अब धीरे-धीरे ऐसा लग रहा था की हम कामयाब हो रहे थे क्यूंकि रीना ये सारी बाते सुनकर मेरे पास चुपक कर बैठ गयी और सावित्री भी अनिल से बहस बंद करके हमारी गन्दी बातो को सुनने लगी। इसी बीच अनिल ने बड़ा कदम लिया और उसने सावित्री का टॉप उतारकर उसका स्तन हमें दिखाया। मैंने भी मौका अच्छा देखा और रीना का भी धीरे-धीरे पूरा बदन नंगा कर डाला।
कमरे में इतनी गर्मी बन गयी थी की हम दोनों अपनी बीवियों के साथ प्यार को अंजाम देना शुरु कर चुके थे। इसी बीच मैंने ही बोला की हम सब अपने-अपने पति पत्नियों के साथ तो कई बार करते है क्यों न इस बार एक दूसरे की पत्नियों के साथ करे। हम सभी का मन मदहोशी में था तो बीवियों ने भी हामी भर दी और मैंने सावित्री के साथ और अनिल ने रीना के साथ प्रेम प्रदर्शन सुरु कर दिया।
ये काफी अच्छा रहा क्यूंकि हम सारी रात एक दूसरे की बीवियों के साथ मजे कर रहे थे और अगले दिन हमारा शरीर एक नयी ऊर्जा को महसूस कर रहा था। हम सभी लोग एक तरह की संतुष्टि महसूस कर रहे थे और इसी कारण हम जब तक वहां रहे अनिल और सावित्री हमारे साथ राते बिताते रहे। घर जब वापस आये तो हमने काफी अच्छा अनुभव किया क्यूंकि ऐसा लगा की जैसे हमारी शादी अभी ही हुई हो। अब सब कुछ अच्छा और सही चल रहा हैं।
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