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मेरी चूत आसानी से ढीली नहीं होती - Meri chut aasani se dhili nahi hoti
मेरी चूत आसानी से ढीली नहीं होती - Meri chut aasani se dhili nahi hoti , चुदाई की मजेदार रोचक स्वादिष्ट कामुक उत्तेजित करने वाली तड़पाने वाली रसीली मनमोहक चुदास और चुदक्कड बनाने वाली शानदार कहानियां , सबके मन को भाने वाली , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरी सास भी अपने आप को अपनी बेटी और बहू की उम्र की ही समझ कर खूब भकाभक चुदवाती है। उतनी ही रफ़्तार से और उतने ही धक्के लगवाती है जितने धक्के उसकी बहू बेटियां लगवातीं हैं। उसी तरह लण्ड भी पीती है और झड़ता हुआ लण्ड चाटती है जिस तरह उसकी बहू बेटियां लण्ड चाटतीं हैं। चुदवाने में अपने आप को किसी से कम नहीं समझती है मेरी बुर चोदी सास ?
अब मेरी नन्द की बात भी सुन लो। उसकी उम्र २३ साल की है और उसकी शादी अभी ३ महीने पहले ही हुई है। वह भोसड़ी की अपने आप को घर की महारानी समझती है। वह समझती है की मुझे अच्छी तरह लण्ड पीने वाली लड़की आजतक पैदा नहीं हुई। मैं लण्ड पकड़ते ही उसका वीर्य एक मिनट में ही निकाल लेती हूँ। मुझसे ज्यादा रफ़्तार से चुदवाने वाली लड़की भी कोई नहीं है। मैं सालों साल से चुदवाने वाली औरतों से मुकाबला कर सकती हूँ। मैं तो एक साथ कई लौंड़ों से चुदवा सकती हूँ। मेरी चूत आसानी से ढीली नहीं होती। मुझे खलास करने में मर्दों की गांड़ फट जाती है, बहन चोद । तो देखा आपने दोस्तों, कितना ग़ुरूर है मेरी नन्द को अपनी चूत पर ?
एक दिन मेरी सास अपनी पड़ोसन के कह रही थी की अरी सबरीना मेरी बहू भी भोसड़ी वाली बिलकुल हम लोगों की ही तरह है। बड़ी मस्त बड़ी हंसमुख और बड़ी मजाकियां है यार। यह बात मुझे उसकी शादी के पहले ही मालूम हो गयी थी। मैंने तो यहाँ तक सुना है की वह कुल आम लड़कों के लण्ड पीती है, गालियां भी बड़े प्यार से अपने मुंह से निकलती है और सबसे बड़ी बात यह की वह बुर चोदी अपनी माँ चुदवाती है। मुझे ऐसी ही बहू की जरुरत थी जो अपनी माँ चुदवाये क्योंकि जब वह अपनी माँ चुदवायेगी तो अपनी सास भी चुदवायेगी। मैं तो ऐसी बहू चाहती थी जो मेरे भोसड़ा में लण्ड पेले, मेरी गांड़ में लण्ड ठोंके और मेरी बिटिया की बुर चुदवाये। ये सारे गुण मेरी बहू में हैं इसलिए मैं सच में बड़ी नसीब वाली हूँ।
एक दिन मैं जब बाहर से आई तो देखा की मेरी नन्द हया बैठी हुई किसी से बातें कर रही है। मैंने जब उसकी लड़की की शक्ल देखी तो मन में कहा अरे यार ये तो मेरी सहेली निदा है। मैं कुछ बोली नहीं बल्कि चुपचाप उनकी बातें सुनने लगी।
मैं तो उसकी बातें सुनकर हैरान रह गयी। मैं समझ गयी की मेरी ससुराल में चुदाई खूब जम कर होती है और खुल्लम खुल्ला होती है। मुझे यह भी मालूम हो गया की निदा बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। उसे तो मुझसे भी ज्यादा चुदाने का शौक है।
मैंने कहा - निदा तू बुर चोदी इस घराने में सारे लण्ड पीती है तो मेरी नन्द भी तेरे घराने के सबके लण्ड पीती होगी ? देखने में तुम दोनों बड़ी भोली भाली लड़कियां लगती हो पर हो तुम लोग बहुत बड़ी मादर चोद ?
निदा बोली - कुछ भी हो रेशमा अब तो तू मेरी भी भाभी जान हो गयी। अब तो मैं तेरी बुर चोदा करूंगी।
मैंने कहा - एक बार और सोंच ले निदा। अगर तू मेरी दोस्त बनी रहेगी तो अच्छा है। अगर तू मेरी नन्द बन गयी तो मैं तेरी चोदा करूंगी बुर । जानती हो मैं यहाँ क्यों आई हूँ ? मैं यहाँ नन्द की बुर चोदने आयी हूँ और सास का भोसड़ा ?
निदा ने जबाब दिया - मैं तेरी दोस्त भी हूँ और तेरी नन्द भी। तुझे जब मेरी बुर चोदना हो तब चोद लेना मैं उफ़ नहीं करूंगी। चाहे दोस्त की बुर चोदना और चाहे अपनी नन्द की बुर ? मैं तो दोनों ही रिश्तों में खुश रहूंगी। पर एक बात सोंच ले की तू मेरी भाभी जान बनी रहेगी तो मैं तेरी बुर में लण्ड पेलती रहूंगी। मैं भी मादर चोद बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत हूँ। अपने ससुर का लण्ड चोदती हूँ मैं और सास का चोदती हूँ भोसड़ा, नन्द की लेती बुर और जेठानी की मारती हूँ गांड़।
मैंने कहा - तो फिर भोसड़ी की किसी दिन अपने ससुर का लण्ड मेरी भी चूत में घुसा दे। मैं भी उसके लण्ड का मज़ा ले लूं।
निदा बोली - हां जरूर घुसा दूँगी तेरी बुर में लण्ड और तेरी माँ के भोसड़ा में भी पेल दूँगी मैं अपने ससुर का लण्ड। उसका लण्ड बहन चोद लंबा भी है और मोटा भी।
हम लोग ये सब बातें कर ही रहीं थीं की तभी एकदम से काले काले बदल आ गये। चारों तरफ अंधेरा छा गया। बरसात का मौसम था ही। ऐसा लगा की अब बहु जोरदारी से बरसात होगी। बस थोड़ी देर में पानी बरसने भी लगा और साथ साथ बादल गरजने भी लगे। निदा तो जैसे तैसे अपनी घर निकल गयी। हम लोग भी अंदर आकर बैठ गयी और बरसात का मज़ा लेने लगीं। रात बढ़ती जा रही थी। लगभग १० बज चुके थे। तभी मेरी नन्द हया बोली चलो भाभी जान आज थोड़ी थोड़ी दारू पी ली जाए। मैंने कहा भोसड़ी की हया अगर दारू पिलाओगी तो फिर लण्ड पीने में मन करेगा। तब तक सासू जी बोली तो खुदा कोई न कोई लण्ड तेरे लिए भेज देगा उसकी को पी लेना मेरी बुर चोदी बहू रानी।
हम तीनो मस्ती से शराब पीने लगीं।अचानक पानी और जोर से बरसने लगा। ऐसा लगने लगा की आज पूरा शहर ही बह जायेगा। बरसात में ये बहन चोद चूत बहुत परेशान करती है। ऐसे सुहावने मौसम में तो बस लण्ड ही याद आता है। ऐसा लगता है की बस हमारे सामने कई मरद नंगे खड़े हो और उनके लण्ड खड़े हों। जैसे जैसे दारू का नशा बढ़ता जा रहा था वैसे वैसे लण्ड की बहुत याद आ रही थीं। रात में ११ बजने वाले थे। मैं सोंच रही थी की आज बिना लण्ड के रात कैसे कटेगी ? करीब एक बजे किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। मैं उठी और दरवाजा खोलने चली गयी। मैंने जैसे ही दरवाजा होला वैसे ही देखा की मेरे सामने तीन मस्त जवान लड़के खड़े हैं। लेकिन वे सब बुरी तरह भीगे हुए थे। एक बोला मैडम हम लोग यहाँ थोड़ी देर खड़े रह सकतें हैं। मैंने कहा नहीं वहां यहाँ अंदर आ जाओ और थोड़ी देर बैठ जाओ। जब पानी बंद हो जाए तो चले जाना। मैंने अपनी सास और नन्द दोनों को बुला लिया।
मेरी सास बोली अरे रेशमा तुम अंदर से तीन तौलिया ले आओ और इन्हे दे दो। मैं तौलिया लेकर आ गयी। सास बोली लो तुम लोग अपने कपड़े उतार कर तौलिया लपेट लो। थोड़ी देर में कपड़े सूख जायेंगें अगर नहीं तो हम प्रेस करके सुखा देंगीं। लकिन अगर गीले कपड़े पहने रहोगे तो बुखार आ जायेगा। हमारे बार बार कहने पर वे तीनो मान गए और अपने अपने कपड़े उतारने लगे। मैंने जब उन तीनो को नंगे बदन देखा तो देखती ही रह गयी। उनकी चौड़ी चौड़ी छाती, छाती पर घने घने बाल देखे तो मैं मस्त हो गयी, मेरी सास और नन्द दोनों भी एकटक उनके बदन देखतीं रहीं। वे तीनो अपनी अपनी टाँगें सिकोड़ कर कुर्शी पर बैठ गए। सास उन्हें एक एक शराब का गिलास पकड़ा दिया।
नंगी हुई। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर तीनो लण्ड उछलने लगे। उसके बाद हया ने अपने कपड़े उतार दिया और उसकी माँ भी भोसड़ी वाली अपना भोसड़ा खोल कर खड़ी हो गयी। हम तीनो को नंगी देख कर उनके लण्ड लोहे की तरह सख्त हो गये। मैं तो लौड़ा पूरा मुंह में भर कर चूसने लगी. हया लण्ड अपने पूरे बदन पर घुमाने लगी और अपने निपल्स पर लण्ड रगड़ने लगी। उधर मेरी सास ने लण्ड अपनी चूँचियों में घुसेड़ लिया। उसे चूँचियाँ चुदवाने में बड़ा मज़ा आता है। मैंने कहा सासू जी इसके लण्ड की खाल तो ऊपर तक चली जाती है जब की लण्ड का सुपाड़ा पूरा का पूरा खुला हुआ है। वह बोली अरी बेटी ये मुस्लिम लण्ड नहीं है। यह कटा लण्ड नहीं है। समूचा लण्ड है। ऐसा ही टोनी का भी लण्ड है। ऐसे लौंड़ों का सड़का मारने में बड़ा मज़ा आता है। जबकि चोदने में दोनों लण्ड एक ही जैसे होते हैं बहू रानी। मैंने फिर लण्ड अपनी चूत में टिकाया उसे कई बार पर चूत पर रगड़ा तब तक चंदू ने लण्ड गप्प से घुसेड़ दिया अंदर, सच में मुझे बड़ा मज़ा आया और मैं भी गांड़ उचका के भकर भकर चुदवाने लगी। आज पहली बार मेरी सास मुझे चुदवाते हुए देख रही थी। यही हाल नन्द का भी था। वह भी भोसड़ी वाली गचागच चुदवाने लगी। उधर मेरी सास कहाँ पीछे रहने वाली थी। वह जुट गयी अपना भोसड़ा चुदवाने में। आसिफ बोला आंटी तुम्हारी चूत तो बिलकुल मेरी खाला की चूत की तरह है। वह भी इसी तरह मज़ा देती है। तब तक चंदू बोला और मुझे तेरी बहू की बुर अपनी भाभी की बुर की तरह लगती है। टोनी बोला आंटी मुझे तेरी बिटिया की बुर लेने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा है।
सासू ने कहा - बेटी हया, मैं तेरी भाभी की सास का भोसड़ा चोद रही हूँ ?
नन्द बोली - अम्मी जान, मैं तेरी बहू की नन्द की बुर चोद रही हूँ।
मैंने कहा - नन्द रानी - मैं तेरी माँ की बहू की बुर चोद रही हूँ।
इन गालियों ने आग में घी का काम किया। अब वो तीनो और जोर जोर से चोदने लगे।
सास फिर बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा
नन्द बोली - भाभी तेरी सास की बिटिया की बुर ?
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ?
हम तीनो इसी तरह प्यार की गालियां निकला निकाल कर खूब मस्ती से आगे से, पीछे से , अगल से और बगल से चुदवाया। थोड़ी देर में आसिफ मेरी बुर चोदने लगा, चंदू मेरी मेरी नन्द की बुर लेने लगा और टोनी मेरी सास का भोसड़ा चोदने लगा। लण्ड की अदला बदली हुई तो चुदाई का मज़ा भी दूना हो गया।
उस रात की चुदाई हम सबको आज भी याद है दोस्तों.
एक दिन मेरी सास अपनी पड़ोसन के कह रही थी की अरी सबरीना मेरी बहू भी भोसड़ी वाली बिलकुल हम लोगों की ही तरह है। बड़ी मस्त बड़ी हंसमुख और बड़ी मजाकियां है यार। यह बात मुझे उसकी शादी के पहले ही मालूम हो गयी थी। मैंने तो यहाँ तक सुना है की वह कुल आम लड़कों के लण्ड पीती है, गालियां भी बड़े प्यार से अपने मुंह से निकलती है और सबसे बड़ी बात यह की वह बुर चोदी अपनी माँ चुदवाती है। मुझे ऐसी ही बहू की जरुरत थी जो अपनी माँ चुदवाये क्योंकि जब वह अपनी माँ चुदवायेगी तो अपनी सास भी चुदवायेगी। मैं तो ऐसी बहू चाहती थी जो मेरे भोसड़ा में लण्ड पेले, मेरी गांड़ में लण्ड ठोंके और मेरी बिटिया की बुर चुदवाये। ये सारे गुण मेरी बहू में हैं इसलिए मैं सच में बड़ी नसीब वाली हूँ।
एक दिन मैं जब बाहर से आई तो देखा की मेरी नन्द हया बैठी हुई किसी से बातें कर रही है। मैंने जब उसकी लड़की की शक्ल देखी तो मन में कहा अरे यार ये तो मेरी सहेली निदा है। मैं कुछ बोली नहीं बल्कि चुपचाप उनकी बातें सुनने लगी।
- हया बोली - यार आजकल मेरे घर में बड़ी चहल पहल है जानती हो क्यों ? क्योंकि मेरे घर में मेरी भाभी जान आई हैं।
- निदा बोली - वाओ, तब तो बड़े मजे हो रहे होंगें ? कैसी है तेरी नई नवेली भाभी जान हया।
- अभी तो बड़ी मस्त लग रही हैं पर अभी उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं मालूम हुआ है।
- अच्छा तो उसका नाम क्या है ? उसका हुलिया कैसा है ?
- अरे यार वह बहुत गोरी है खूबसूरत है बड़ी बड़ी चूँचियों वाली है और खूब मजाकिया भी है। नाम है उसका रेशमा ?
- अरे वाह ! वह रेशमा तो नहीं जिसका अब्बू शब्बीर है जिसका बहुत बड़ा कारोबार है। उसकी अम्मी का नाम आबिदा बेगम है।
- हां हां वही रेशमा । वही मेरी भाभी जान हैं।
- वह बुर चोदी तेरी भाभी हो गयी ? मुझे नहीं मालूम था की उसकी शादी तेरे भाई जान से हुई है। मैं तो उस समय विदेश में थी।
- तुम कैसे उसे जानती हो निदा ?
- वह माँ की लौड़ी मेरी माँ का भोसड़ा चोदती है यार और मैं उसकी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलती हूँ। उसने पहला लण्ड मेरी माँ की चूत में ही पेला था। बाद में वह अपनी माँ चुदाने लगी। एक बात है हया तेरी भाभी लण्ड चूसने में बड़ी एक्सपर्ट है। मुंह से बड़ी प्यारी प्यारी गालियां निकालती है जिन्हे सुनकर लड़कों के लण्ड अपने आप खड़े हो जातें हैं। यार तुम मुझे उससे मिलवाओ मैं उसकी मारूंगी गांड ? उस भोसड़ी वाली ने मुझे अपनी शादी के बारे में और अपनी सुहागरात के बारे में कुछ बताया ही नहीं उसकी माँ का भोसड़ा ? उसकी बहन का लण्ड उसके बाप का लौड़ा बहन चोद ? वह तो मेरी पक्की दोस्त है।
- अरे हां यार थोड़ा रुको ? वह जैसे ही आएगी मैं तुम्हे उससे मिलवा दूँगी।
मैं तो उसकी बातें सुनकर हैरान रह गयी। मैं समझ गयी की मेरी ससुराल में चुदाई खूब जम कर होती है और खुल्लम खुल्ला होती है। मुझे यह भी मालूम हो गया की निदा बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। उसे तो मुझसे भी ज्यादा चुदाने का शौक है।
मैंने कहा - निदा तू बुर चोदी इस घराने में सारे लण्ड पीती है तो मेरी नन्द भी तेरे घराने के सबके लण्ड पीती होगी ? देखने में तुम दोनों बड़ी भोली भाली लड़कियां लगती हो पर हो तुम लोग बहुत बड़ी मादर चोद ?
निदा बोली - कुछ भी हो रेशमा अब तो तू मेरी भी भाभी जान हो गयी। अब तो मैं तेरी बुर चोदा करूंगी।
मैंने कहा - एक बार और सोंच ले निदा। अगर तू मेरी दोस्त बनी रहेगी तो अच्छा है। अगर तू मेरी नन्द बन गयी तो मैं तेरी चोदा करूंगी बुर । जानती हो मैं यहाँ क्यों आई हूँ ? मैं यहाँ नन्द की बुर चोदने आयी हूँ और सास का भोसड़ा ?
निदा ने जबाब दिया - मैं तेरी दोस्त भी हूँ और तेरी नन्द भी। तुझे जब मेरी बुर चोदना हो तब चोद लेना मैं उफ़ नहीं करूंगी। चाहे दोस्त की बुर चोदना और चाहे अपनी नन्द की बुर ? मैं तो दोनों ही रिश्तों में खुश रहूंगी। पर एक बात सोंच ले की तू मेरी भाभी जान बनी रहेगी तो मैं तेरी बुर में लण्ड पेलती रहूंगी। मैं भी मादर चोद बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत हूँ। अपने ससुर का लण्ड चोदती हूँ मैं और सास का चोदती हूँ भोसड़ा, नन्द की लेती बुर और जेठानी की मारती हूँ गांड़।
मैंने कहा - तो फिर भोसड़ी की किसी दिन अपने ससुर का लण्ड मेरी भी चूत में घुसा दे। मैं भी उसके लण्ड का मज़ा ले लूं।
निदा बोली - हां जरूर घुसा दूँगी तेरी बुर में लण्ड और तेरी माँ के भोसड़ा में भी पेल दूँगी मैं अपने ससुर का लण्ड। उसका लण्ड बहन चोद लंबा भी है और मोटा भी।
हम लोग ये सब बातें कर ही रहीं थीं की तभी एकदम से काले काले बदल आ गये। चारों तरफ अंधेरा छा गया। बरसात का मौसम था ही। ऐसा लगा की अब बहु जोरदारी से बरसात होगी। बस थोड़ी देर में पानी बरसने भी लगा और साथ साथ बादल गरजने भी लगे। निदा तो जैसे तैसे अपनी घर निकल गयी। हम लोग भी अंदर आकर बैठ गयी और बरसात का मज़ा लेने लगीं। रात बढ़ती जा रही थी। लगभग १० बज चुके थे। तभी मेरी नन्द हया बोली चलो भाभी जान आज थोड़ी थोड़ी दारू पी ली जाए। मैंने कहा भोसड़ी की हया अगर दारू पिलाओगी तो फिर लण्ड पीने में मन करेगा। तब तक सासू जी बोली तो खुदा कोई न कोई लण्ड तेरे लिए भेज देगा उसकी को पी लेना मेरी बुर चोदी बहू रानी।
हम तीनो मस्ती से शराब पीने लगीं।अचानक पानी और जोर से बरसने लगा। ऐसा लगने लगा की आज पूरा शहर ही बह जायेगा। बरसात में ये बहन चोद चूत बहुत परेशान करती है। ऐसे सुहावने मौसम में तो बस लण्ड ही याद आता है। ऐसा लगता है की बस हमारे सामने कई मरद नंगे खड़े हो और उनके लण्ड खड़े हों। जैसे जैसे दारू का नशा बढ़ता जा रहा था वैसे वैसे लण्ड की बहुत याद आ रही थीं। रात में ११ बजने वाले थे। मैं सोंच रही थी की आज बिना लण्ड के रात कैसे कटेगी ? करीब एक बजे किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। मैं उठी और दरवाजा खोलने चली गयी। मैंने जैसे ही दरवाजा होला वैसे ही देखा की मेरे सामने तीन मस्त जवान लड़के खड़े हैं। लेकिन वे सब बुरी तरह भीगे हुए थे। एक बोला मैडम हम लोग यहाँ थोड़ी देर खड़े रह सकतें हैं। मैंने कहा नहीं वहां यहाँ अंदर आ जाओ और थोड़ी देर बैठ जाओ। जब पानी बंद हो जाए तो चले जाना। मैंने अपनी सास और नन्द दोनों को बुला लिया।
मेरी सास बोली अरे रेशमा तुम अंदर से तीन तौलिया ले आओ और इन्हे दे दो। मैं तौलिया लेकर आ गयी। सास बोली लो तुम लोग अपने कपड़े उतार कर तौलिया लपेट लो। थोड़ी देर में कपड़े सूख जायेंगें अगर नहीं तो हम प्रेस करके सुखा देंगीं। लकिन अगर गीले कपड़े पहने रहोगे तो बुखार आ जायेगा। हमारे बार बार कहने पर वे तीनो मान गए और अपने अपने कपड़े उतारने लगे। मैंने जब उन तीनो को नंगे बदन देखा तो देखती ही रह गयी। उनकी चौड़ी चौड़ी छाती, छाती पर घने घने बाल देखे तो मैं मस्त हो गयी, मेरी सास और नन्द दोनों भी एकटक उनके बदन देखतीं रहीं। वे तीनो अपनी अपनी टाँगें सिकोड़ कर कुर्शी पर बैठ गए। सास उन्हें एक एक शराब का गिलास पकड़ा दिया।
- सास ने पूंछा - अब अपने बारे में बताओ बेटा।
- एक बोला मेरा नाम आसिफ है, ये दोनों मेरे दोस्त हैं चंदू और टोनी। हम लोग एक पार्टी से आ रहें हैं।
- सास ने पूंछा - पार्टी किस बात की थी।
- वह बोला - बस ऐसे ही एक पार्टी हम लोग कर रहे थे और जब वहां से चले तो पानी बरसने लगा।
- नन्द ने सवाल किया - क्या पार्टी में लड़कियां भी थीं ?
- टोनी बोला - आजकल बिना लड़कियों के पार्टी होती ही कहाँ हैं ?
- सास ने कहा - तो फिर लड़कियों ने भी खूब शराब पी होगी।
- हां आजकल तो लड़कियां लड़कों से ज्यादा शराब पीती हैं।
- मैंने पूंछा - शराब के साथ कुछ और भी पी रहीं थी लड़कियां ?
- वे तीनों एक दूसरे को देखने लगे। कोई जबाब देते नहीं बन रहा था।
- तब सास बोली - बोलो बेटा साफ़ साफ़ बोलो न ? यहाँ हमारे अलावा कोई और नहीं है। हम सब जवान है। देखो बेटा अब मैं तुम्हे अपना परिचय देती हूँ। ये है मेरी बेटी बुर चोदी हया। जितनी खुल कर बात करती है उतनी ही खुल कर चुदवाती भी है। ये है भोसड़ी की मेरी बहू रेशमा। इसे लण्ड पीने का बड़ा शौक है। बड़े मजे से और प्यार से सबके लण्ड पीती है। और ये मैं हूँ मादर चोद इसकी सास। मुझे अपना भोसड़ा चुदवाने मे उतना ही मज़ा आता है जितना मज़ा मुझे चोदने वालों को आता है। अब तुम हमारे सवाल का जबाब दो की लड़कियां वहां शराब के अलावा क्या पी रहीं थीं।
- चंदू बोला - आप बुरा तो नहीं मानेगी आंटी जी।
- मैं तो साफ़ साफ़ कह रही हूँ। तुम्हे सब बता भी दिया। मैं बुरा क्यों मानूंगी।
- आसिफ बोला - लड़कियां शराब के साथ लण्ड पी रही थीं।
- मैंने पूंछा - कितने लड़के थे वहां ? यही करीब ८/१० लड़के थे।
- नन्द बोली - तो क्या सबने सबका लण्ड पिया ?
- जी हां लण्ड पीनी का अलावा सबने सबसे ,,,,,,,,,,,,, भी।
- सास बोली - अच्छा तो इसका मतलब तुम लोग लड़कियां चोद कर आ रहे हो।
सासू ने कहा - बेटी हया, मैं तेरी भाभी की सास का भोसड़ा चोद रही हूँ ?
नन्द बोली - अम्मी जान, मैं तेरी बहू की नन्द की बुर चोद रही हूँ।
मैंने कहा - नन्द रानी - मैं तेरी माँ की बहू की बुर चोद रही हूँ।
इन गालियों ने आग में घी का काम किया। अब वो तीनो और जोर जोर से चोदने लगे।
सास फिर बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा
नन्द बोली - भाभी तेरी सास की बिटिया की बुर ?
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ?
हम तीनो इसी तरह प्यार की गालियां निकला निकाल कर खूब मस्ती से आगे से, पीछे से , अगल से और बगल से चुदवाया। थोड़ी देर में आसिफ मेरी बुर चोदने लगा, चंदू मेरी मेरी नन्द की बुर लेने लगा और टोनी मेरी सास का भोसड़ा चोदने लगा। लण्ड की अदला बदली हुई तो चुदाई का मज़ा भी दूना हो गया।
उस रात की चुदाई हम सबको आज भी याद है दोस्तों.
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