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चूँचियाँ तनी हुईं थीं और चूत बुरी तरह गर्म थी - Chuchiyan tani huyi thi aur chut garm thi
चूँचियाँ तनी हुईं थीं और चूत बुरी तरह गर्म थी - Chuchiyan tani huyi thi aur chut garm thi , घर में सामूहिक चुदाई , माँ बहन बेटी भाभी बुआ सब चुदवाती है , चुदास है चुदक्कड है , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हमारे कुनबे की कुछ बेटियों की हो गई शादी। वे सब बन गईं बीवियां और अपनीअपनी ससुराल चली गईं। ससुराल जाते ही मौक़ा पाकर गैर मर्दों से चुदवाने लगीं। अपने शौहर के साथ बीवियों की अदला बदली में जा जा कर चुदवाने लगीं। आजकल हर घर में बीवियों की अदला बदली होने लगी हैं। हमारे मुस्लिम समाज में एक दूसरे की बीवियां चोदना तो आदि काल से चला रहा है। यहां रात में कोई भी मरद किसी की भी बीवी के ऊपर चढ़ बैठता है और चोद लेता है उसकी बुर। न कोई बुरा मानता है और न कोई बुरा मानती है। चोदने वाला और चुदाने वाली दोनों मज़ा लेते हैं। आजकल नॉन मुस्लिम समाज के भी लड़के अपने दोस्तों की बीवियां ज्यादा चोदते हैं। इसी तरह लड़कियां भी अपने मियां के दोस्तों से ज्यादा चुदवाती हैं इसलिए अदला बदली बड़ी आसानी से हो जाती हैं।
एक दिन इत्तिफाक से ये सभी बेटियां अपने माईके आ गईं तो यहाँ भी रात में लण्ड की अदला बदली करने लगीं। लण्ड अदल बदल कर एक साथ एक ही कमरे में चुदवाने लगीं। लण्ड किसके थे ? किस किस ने किस किस का लण्ड बदला ? किसने किसके लण्ड से चुदवाया और कितनी बार चुदवाया ? किस किस ने किसकी बुर चोदी, माँ चोदी, बहन चोदी, बीवी चोदी ? किस किस की बेटियों ने किस किस की बुर में लण्ड पेला ? किसने किसकी गांड में लण्ड पेला ? किसने अपनी माँ चुदवाई किसने अपनी बेटी ? किसने अपनी बहू चुदवाई किसने अपनी सास का भोसड़ा ? किसने अपनी नन्द चुदवाई, किसने अपनी भाभी ? यह सब जानने के लिए कहानी पढ़िए >
मेरा नाम नसीम बानो है मैं २५ साल की हूँ, खूबसूरत हूँ और बहुत हंसमुख हूँ। मुझे हंसी मजाक करना, नॉन वेज चुटकुले सुनाना, गन्दी गन्दी बातें करना, गाली गलौज करना खूब आता है। मैं गुस्से में भी गालियां देती हूँ और प्यार से भी गालियां देती हूँ। मेरी अम्मी जान आमिरा बेगम बिलकुल मेरी ही तरह की हैं। जब तक मैं नाबालिग थी तब तक अम्मी जान मुझसे बहुत सख्ती से पेश आतीं थी और जैसे ही मैं बालिग हुई, जवान हुई और पूरी तरह सायानी हो गई वैसे ही वह मुझसे बड़ी नरमी से पेश आने लगीं और बोली बेटी नसीम बानो अब तुम मेरी बेटी नहीं बल्कि दोस्त हो गई हो। मुझे यह बात सुनकर बहुत अच्छा लगा। फिर मैं भी उससे खुल कर बातें करने लगी, एक दिन पड़ोस की रहीमा आंटी अम्मी से बातें करने लगीं। मैं भी किचेन में कुछ कर रही थी। वह बोली अरी आमिरा अब तो तेरी बेटी जवान हो गई है बहन चोद। अब तो तेरे मजे ही मजे हैं। लण्ड पकड़ाया तूने अपनी बेटी को की नहीं ?
आंटी की यह बात सुनकर मैं थोड़ा शर्मा गई तो बाहर जाने लगी. अम्मी बोली तू जा कहाँ रही है बुर चोदी नसीम ? अब तू बालिग हो गई है तुझे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। आंटी बोली नसीम बेटी तेरी माँ की चूत ? तेरी माँ की बहन का लण्ड। अब वह तेरी दोस्त हो गयी है और दोस्त से क्या शर्माना ? तूने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ाया अपनी दोस्त को बेटी नसीम बानो की नहीं ? मेरी बेटी तेरी उम्र की है, रोज़ एक लण्ड मेरी मुंह में घुसेड़ देती है भोसड़ी वाली। फिर मैं भी बदले में एक लण्ड उसके मुंह में पेल देती हूँ। यह होता है दोस्ती का प्यार ? अब तू भी यही करना शुरू कर दे। तभी आएगा तुझे जवानी का असली मज़ा। आंटी ने आगे कहा देखो बेटी नसीम बानो अगर तुमने बड़ी बेशर्मी से लण्ड पेलना पेलवाना नहीं शुरू किया तो किसी दिन रात को कोई मरद तेरी चूत में बिना तुमसे पूंछे अपना लण्ड पेल देगा। तब तुझे परेशानी होगी और तू एन्जॉय भी नहीं कर पायेगी। अगर पहले से तैयार रहोगी तो उसका लण्ड भी एन्जॉय करोगी। ये मरद भोसड़ी के सब के अब रात में जानवर हो जातें हैं और किसी की भी बुर चोद लेते हैं। इन्हे मना करने वाला कोई है बेटी। इसलिए अपनी माँ के भोसड़ा में पेलो लण्ड, अपनी खाला की चोदो बुर , अपनी फूफी की चोद डालो चूत और चोद डालो अपनी आंटी की बुर।
मैंने कहा - सबसे पहले मैं रहीमा आंटी की बूर चोदूँगी। वो दोनों हंसने लगी।
आंटी की यह बात मेरे दिल में बैठ गयी। दूसरे दिन आंटी ने मुझे बुलाया और एक आदमी का लण्ड पकड़ा दिया। मैंने पकड़ भी लिया लण्ड। फिर आंटी ने अपने चाहदार गिरा अदि। वह अंदर से बिलकुल नंगी थीं, उसे नंगी देख कर मेरी चूत की आग भड़क गई। मैं लण्ड चूमने चाटने लगी। आंटी मेरे साथ उसके पेल्हड़ चाटने लगीं। इतने में वह बोली नसीम बानो बेटी पीछे देखो। मैंने पीछे देखा तो दंग रह गयी। मेरी अम्मी जान नंगी नंगी किसी का खड़ा लण्ड सहला रहीं थीं। मैंने लण्ड देखा तो ललचा गई। मेरे मुंह से निकला - तेरी बिटिया की माँ का भोसड़ा अम्मी जान। ला लौड़ा मुझे दे दे। वह सच मे बहुत खुश हुई। मुझे लण्ड पकड़ाते हुए कहा - तेरी माँ की बिटिया की बुर भोसड़ी की नसीम बानो। ले ठोंक दे लण्ड अपनी माँ की चूत में ? फिर क्या मैंने माँ की चूत भी चोदी और आंटी का भोसड़ा भी। उस दिन से मैं अम्मी से पूरी तरह खुल गयी।
एक दिन ऐसे ही मैं रहीमा आंटी के घर चली गयी तो उसने मुझे रात में रोक लिया। तब तक उसकी बेटी की शादी हो चुकी थी। वह भी थी और उसका शौहर भी। मैं उससे मिली तो अच्छा लगा। वह भी बहुत हैंडसम था।रात को करीब ११ बजे आंटी मुझे अंदर कमरे में ले गईं। वहीँ उसका दामाद भी आ गया। आंटी ने मेरे सामने ही उसका पैजामा का नाड़ा खोला और हाथ अंदर घुसेड़ कर उसका लौड़ा सहलाने लगीं। मैंने कहा अरे आंटी तुम तो अपने बेटी के मियां का लण्ड पकड़ रही हो। वह बोली तो क्या हुआ ? रात में न कोई सास और न कोई दामाद ? अगर कुछ है तो वह है दामाद की सास का भोसड़ा और सास के दामाद का लण्ड ? । तब तक उसकी बेटी आ गयी। उसके हाथ में भी एक लण्ड था। वह नंगी थी और वह लड़का भी नंगा था। वह बोली हां नसीम बानो रात में न कोई माँ न कोई बेटी। अगर है तो बस बेटी की माँ का भोसड़ा और माँ की बिटिया की बुर ? फिर मैंने भी खुल कर बड़ी बेशर्मी से दोनों से खूब चुदवाया।
२५ साल की उम्र में मेरी शादी हो गई और मैं ससुराल चली गई। जाने के बाद मेरी सुहागरात हुई। मेरा शौहर हनीफ एक मस्त जवान और हैंडसम आदमी है। वह आया औअर बड़े प्यार से मेरा घूंघट उठाया मेरी खूबसूरती की तरीफ की। मैं भी खुश हुई। फिर उसने मुझे अपने गले लगा लिया और मेरे बदन पर हाथ फेरने लगा। थोड़ी देर में मेरे कपड़े उतारने लगा और मैं भी उसके कपड़े उतारने लगी। मेरी जब चूँचियाँ खुलीं तो उसकी ख़ुशी देखने लायक थी। उसने मेरे बूब्स चूमे और निपल्स मुंह में भर कर चूसे। मैंने भी उसे नंगा किया कर उसका लण्ड मुठ्ठी में लेकर हिलाने लगी। लण्ड साला खड़ा हो गया। मेरे लण्ड कोई नई चीज नहीं थी पर मैंने उसे यही ज़ाहिर होने दिया की मैं आज पहली बार लण्ड देख रही हूँ लण्ड पकड़ रही हूँ। उसने लण्ड मुंह में घुसेड़ा तो मैंने कहा हाय अल्ला क्या इसे मुंह में भी लेते हैं ? वह बोला हां लेते हैं। तुम भी लेकर देखो न ? मैंने फिर लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी।
उसके बाद उसने मुझे खूब जम कर चोदा और मैंने भी जम कर चुदवाया। चोदने के बाद वह चला गया। मैं भी बात रूम से आकर बैठ गयी , इतने में मेरी नन्द आ गईं।
शाम को मेरी खाला आतिफा और उसकी बेटी नाज़ आ गयी। उधर से फूफी रामिया और उसकी बेटी नाजिया आ गयी। खाला और फूफी मेरी अम्मी से बातें करने लगी। मैं नाज़ और नाजिया से बातें करने लगी।
नाज़ बोली - यार नसीम तेरे मियां का लौड़ा कैसा है बताओ न प्लीज ?
नाज़िया बोली - हां यार मैं भी जानना चाहती हूँ तेरे मियां के लण्ड के बारे में। बताओ न ?
मैंने कहा - तुम भी तो बताओ अपने मियां के लण्ड के बारे में ?
नाज़ बोली - यार नसीम तुम खुद पकड़ कर देख लो मेरे मियां का लण्ड। आजकल यहाँ आया है।
नाज़िया ने कहा - हां ठीक है। तो फिर तुम भी हमारे मियां का लण्ड पकड़ो।
मैंने कहा - यार ऐसा क्यों न किया जाए। आज रात को हम लोग अपने अपने मियां का लण्ड बदल लें।
नाज़ और नाज़िया दोनों तैयार हो गयीं।
नाज़िया बोली - पर क्या तुम लोगों के मियां तेरा हो जायेंगें।
नाज़ ने कहा - हां बिलकुल तैयार हो जायेंगें। ये मरद भोसड़ी के दूसरे की बीवी चोदने के लिए हमेशा तैयार रहतें हैं। दूसरे की बीवियों की चूँचियाँ चूस लेतें हैं, चूत चाट लेते हैं, लौड़ा मुंह में घुसेड़ देतें हैं, खूब धकाधक बुर चोद लेते हैं। अपनी बीवी की बुर उन्हें अच्छी नहीं लगती पर दूसरे की बीवी की बुर इन्हे बिलकुल पेड़ा बर्फी जैसी लगती है। मैं जब कहूँगी की जाओ नसीम बानो की बुर चोदो और नाज़िया की बुर चोदो तो साले कुत्ते की तरह ऊपर चढ़ कर चोदने लगेंगे।
मैंने कहा - हां नाज़िया, नाज़ बिलकुल सही कह रही है।
रात जब हुई तो हम तीनो ने अपने अपने पलंग एक ही कमरे में लगा लिया और अपने शौहर के साथ लेट गयीं। बाहर की लाइट जल रही थी। उसकी धीमी धीमी रौशनी कमरे में आ रही थी। मैं अपने शौहर के कपड़े उतारने लगी। उसे नंगा कर दिया। उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसने मुझे नंगी किया और मेरे बूब्स मसलने लगा। इतने में नाज़ और नाज़िया भी अपने अपने मियां का लण्ड पकड़ कर चूमने चाटने लगीं। हालांकि मुझे उनके लण्ड अच्छी तरह दिख नहीं रहे थे पर मालूम हो रहा था की वे दोनों भी नंगी नंगी लण्ड चूम चाट रहीं हैं। हम तीनो के मियां दूसरे की नंगी बीवियां देख कर बड़े उत्तेजित हो रहे थे। लण्ड बढ़ता भी जा रहा था और सख्त होता जा रहा था। हमारी चूँचियाँ तनी हुईं थीं और चूत बुरी तरह गरमा उठी थी। मन में बस यही चल रहा था की किसी और का मरद जल्दी से पेल दे अपना लण्ड मेरी चूत में ?
मेरा मियां हनीफ बोला - यार यार समी, मुझे तेरी बीवी की चूँचियाँ बड़ी मस्त लग रहीं हैं।
मैंने कहा - यार नाज़िया मुझे तेरे मियां का लण्ड बड़ा अच्छा लग रहा है। आज पहली बार इसे पकड़ कर देख रही हूँ। बड़ा मज़ा आ रहा है।
नाज़िया बोली - हां यार मुझे भी नाज़ के मियां का लण्ड पीने में बड़ा मज़ा आ रहा है।
नाज़िया के मियां से गचागच चुदवाने लगी, नाज़िया भोसड़ी की नाज़ के मियां से चुदवाने लगी और नाज़ मेरे मियां से ? पराये मरद के लण्ड से चुदवाने का मज़ा कुछ और ही है। चुदाई बड़ी जोरों पर चल रही थी। पूरे कमरे में चुदाई के आवाज़ें आ रहीं थाई और इन्ही आवाज़ों को सुनकर मेरी खाला जान कमरे में आ गई। उसने कमरे में चुदाई का नज़ारा देखा। उसके आने पर भी किसी ने चुदाई रोकी नहीं बल्कि और जोर से चुदाई होने लगी। तभी खाला जान अपनी बेटी से बोली - अरी बुर चोदी नाज़, तुम लोग यहाँ एक दूसरे के मियां का लण्ड अदल बदल कर चुदवा रही हो। तेरी माँ की चूत तुझे शर्म नहीं आती ? नाज़ बोली अरे अम्मी जान शर्म तो तुझे भी नहीं आती जब तू मेरे खालू से भकाभक चुदवाती है। तेरी बिटिया की बुर बहन चोद कुछ कम नहीं है अम्मी जान ? खाला बोली अगर ऐसा ही है तो फिर पेल दे न इन लोगों के लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में ? वह बोली हां जरूर पेलूँगी। पहले इन बेटियों की बुर चुदवा लूं।
ऐसी ही गन्दी गन्दी बातें करती हुई हम तीनो धकाधक चुदवाये चली जा रहीं थीं। न चोदने वाला रुक रहा था और न चुदवाने वाली। थोड़ी देर में खाला जान के साथ अम्मी जान और फूफी जान भी आ गई। मजे की बात यह थी की किसी के बदन पर कोई भी कपड़ा नहीं था। सब की सब नंगी थीं। मैंने कहा अरे फूफी जान तुम लोग भी हमारी तरह एकदम नंगी हो ? वह बोली अरे नसीम बानो तुझे तो मालूम ही है की हम सब बीवियां रात को रंडियां हो जातीं हैं और रंडियां बुर चोदी रात को पकड़े नहीं पहनती ? मैंने अपने फिर नाज़िया के मियां मिराज का लण्ड फूफी की चूत में पेल दिया और कहा लो फूफी जान अब तुम अपनी ही बेटी के मियां से चुदवा लो। तब तक नाज़िया ने समी का लण्ड खाला की चूत में घुसेड़ दिया और बोली तो तुम अपने दामाद से चुदवा लो। खाला वास्तव से गचर गचर चुदवाने लगीं। उधर नाज़ ने मेरा मियां का लण्ड मेरी अम्मी की बुर में घुसा दिया। अम्मी बोली हाय नसीम बानो तेरे मियां का लण्ड बड़ा मोटा है। अब तो ये तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ डालेगा।
अचानक उधर मेरा अब्बू, खालू और फूफा जान भी आ गए। फूफा ने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और मुझे चोदने लगा, मेरा अब्बू नाज़ की बुर चोदने लगा और खालू नाज़िया की बुर चोदने में मस्त होने लगा। यहाँ भी होने लगी लण्ड की अदला बदली।
आंटी की यह बात सुनकर मैं थोड़ा शर्मा गई तो बाहर जाने लगी. अम्मी बोली तू जा कहाँ रही है बुर चोदी नसीम ? अब तू बालिग हो गई है तुझे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। आंटी बोली नसीम बेटी तेरी माँ की चूत ? तेरी माँ की बहन का लण्ड। अब वह तेरी दोस्त हो गयी है और दोस्त से क्या शर्माना ? तूने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ाया अपनी दोस्त को बेटी नसीम बानो की नहीं ? मेरी बेटी तेरी उम्र की है, रोज़ एक लण्ड मेरी मुंह में घुसेड़ देती है भोसड़ी वाली। फिर मैं भी बदले में एक लण्ड उसके मुंह में पेल देती हूँ। यह होता है दोस्ती का प्यार ? अब तू भी यही करना शुरू कर दे। तभी आएगा तुझे जवानी का असली मज़ा। आंटी ने आगे कहा देखो बेटी नसीम बानो अगर तुमने बड़ी बेशर्मी से लण्ड पेलना पेलवाना नहीं शुरू किया तो किसी दिन रात को कोई मरद तेरी चूत में बिना तुमसे पूंछे अपना लण्ड पेल देगा। तब तुझे परेशानी होगी और तू एन्जॉय भी नहीं कर पायेगी। अगर पहले से तैयार रहोगी तो उसका लण्ड भी एन्जॉय करोगी। ये मरद भोसड़ी के सब के अब रात में जानवर हो जातें हैं और किसी की भी बुर चोद लेते हैं। इन्हे मना करने वाला कोई है बेटी। इसलिए अपनी माँ के भोसड़ा में पेलो लण्ड, अपनी खाला की चोदो बुर , अपनी फूफी की चोद डालो चूत और चोद डालो अपनी आंटी की बुर।
मैंने कहा - सबसे पहले मैं रहीमा आंटी की बूर चोदूँगी। वो दोनों हंसने लगी।
आंटी की यह बात मेरे दिल में बैठ गयी। दूसरे दिन आंटी ने मुझे बुलाया और एक आदमी का लण्ड पकड़ा दिया। मैंने पकड़ भी लिया लण्ड। फिर आंटी ने अपने चाहदार गिरा अदि। वह अंदर से बिलकुल नंगी थीं, उसे नंगी देख कर मेरी चूत की आग भड़क गई। मैं लण्ड चूमने चाटने लगी। आंटी मेरे साथ उसके पेल्हड़ चाटने लगीं। इतने में वह बोली नसीम बानो बेटी पीछे देखो। मैंने पीछे देखा तो दंग रह गयी। मेरी अम्मी जान नंगी नंगी किसी का खड़ा लण्ड सहला रहीं थीं। मैंने लण्ड देखा तो ललचा गई। मेरे मुंह से निकला - तेरी बिटिया की माँ का भोसड़ा अम्मी जान। ला लौड़ा मुझे दे दे। वह सच मे बहुत खुश हुई। मुझे लण्ड पकड़ाते हुए कहा - तेरी माँ की बिटिया की बुर भोसड़ी की नसीम बानो। ले ठोंक दे लण्ड अपनी माँ की चूत में ? फिर क्या मैंने माँ की चूत भी चोदी और आंटी का भोसड़ा भी। उस दिन से मैं अम्मी से पूरी तरह खुल गयी।
एक दिन ऐसे ही मैं रहीमा आंटी के घर चली गयी तो उसने मुझे रात में रोक लिया। तब तक उसकी बेटी की शादी हो चुकी थी। वह भी थी और उसका शौहर भी। मैं उससे मिली तो अच्छा लगा। वह भी बहुत हैंडसम था।रात को करीब ११ बजे आंटी मुझे अंदर कमरे में ले गईं। वहीँ उसका दामाद भी आ गया। आंटी ने मेरे सामने ही उसका पैजामा का नाड़ा खोला और हाथ अंदर घुसेड़ कर उसका लौड़ा सहलाने लगीं। मैंने कहा अरे आंटी तुम तो अपने बेटी के मियां का लण्ड पकड़ रही हो। वह बोली तो क्या हुआ ? रात में न कोई सास और न कोई दामाद ? अगर कुछ है तो वह है दामाद की सास का भोसड़ा और सास के दामाद का लण्ड ? । तब तक उसकी बेटी आ गयी। उसके हाथ में भी एक लण्ड था। वह नंगी थी और वह लड़का भी नंगा था। वह बोली हां नसीम बानो रात में न कोई माँ न कोई बेटी। अगर है तो बस बेटी की माँ का भोसड़ा और माँ की बिटिया की बुर ? फिर मैंने भी खुल कर बड़ी बेशर्मी से दोनों से खूब चुदवाया।
२५ साल की उम्र में मेरी शादी हो गई और मैं ससुराल चली गई। जाने के बाद मेरी सुहागरात हुई। मेरा शौहर हनीफ एक मस्त जवान और हैंडसम आदमी है। वह आया औअर बड़े प्यार से मेरा घूंघट उठाया मेरी खूबसूरती की तरीफ की। मैं भी खुश हुई। फिर उसने मुझे अपने गले लगा लिया और मेरे बदन पर हाथ फेरने लगा। थोड़ी देर में मेरे कपड़े उतारने लगा और मैं भी उसके कपड़े उतारने लगी। मेरी जब चूँचियाँ खुलीं तो उसकी ख़ुशी देखने लायक थी। उसने मेरे बूब्स चूमे और निपल्स मुंह में भर कर चूसे। मैंने भी उसे नंगा किया कर उसका लण्ड मुठ्ठी में लेकर हिलाने लगी। लण्ड साला खड़ा हो गया। मेरे लण्ड कोई नई चीज नहीं थी पर मैंने उसे यही ज़ाहिर होने दिया की मैं आज पहली बार लण्ड देख रही हूँ लण्ड पकड़ रही हूँ। उसने लण्ड मुंह में घुसेड़ा तो मैंने कहा हाय अल्ला क्या इसे मुंह में भी लेते हैं ? वह बोला हां लेते हैं। तुम भी लेकर देखो न ? मैंने फिर लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी।
उसके बाद उसने मुझे खूब जम कर चोदा और मैंने भी जम कर चुदवाया। चोदने के बाद वह चला गया। मैं भी बात रूम से आकर बैठ गयी , इतने में मेरी नन्द आ गईं।
- वह बोली - भाभी जान तुम्हे भाई जान का लण्ड पसंद आया ?
- मैंने कहा - हां आया तो ?
- तो फिर एक और लण्ड पकड़ कर देख लो प्लीज। उसने मुझे एक लड़के का लण्ड पकड़ा दिया।
- ये कौन है नन्द रानी ?
- ये मेरा नंदोई है। तुम्हे चोदने के लिए शाम से इंतज़ार कर रहा है बिचारा।
- अरे यार आज मेरी सुहागरात है आज तो मैं अपने शौहर से ही चुदवाऊंगी।
- अरे चुदवा तो लिया तुमने अपने शौहर से भाभी जान ? अब क्या अब तो कोई भी चोद सकता है तुम्हे ?
- क्या ऐसा होता है यहाँ ?
- भाभी जान हमारे यहाँ सुहागरात दो तरह की होती है। एक तो वह जिसमे एक कमरे में दूल्हा दुल्हन की बुर चोदता है और दूसरी वह जहाँ बाहर एक ही साथ बाकी लोग एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। दुल्हन अपने शौहर से चुदवाने के बाद बाहर आकर किसी से भी चुदवा सकती है। चलो मैं तुम्हे बाहर का नज़ारा दिखाती हूँ।
शाम को मेरी खाला आतिफा और उसकी बेटी नाज़ आ गयी। उधर से फूफी रामिया और उसकी बेटी नाजिया आ गयी। खाला और फूफी मेरी अम्मी से बातें करने लगी। मैं नाज़ और नाजिया से बातें करने लगी।
नाज़ बोली - यार नसीम तेरे मियां का लौड़ा कैसा है बताओ न प्लीज ?
नाज़िया बोली - हां यार मैं भी जानना चाहती हूँ तेरे मियां के लण्ड के बारे में। बताओ न ?
मैंने कहा - तुम भी तो बताओ अपने मियां के लण्ड के बारे में ?
नाज़ बोली - यार नसीम तुम खुद पकड़ कर देख लो मेरे मियां का लण्ड। आजकल यहाँ आया है।
नाज़िया ने कहा - हां ठीक है। तो फिर तुम भी हमारे मियां का लण्ड पकड़ो।
मैंने कहा - यार ऐसा क्यों न किया जाए। आज रात को हम लोग अपने अपने मियां का लण्ड बदल लें।
नाज़ और नाज़िया दोनों तैयार हो गयीं।
नाज़िया बोली - पर क्या तुम लोगों के मियां तेरा हो जायेंगें।
नाज़ ने कहा - हां बिलकुल तैयार हो जायेंगें। ये मरद भोसड़ी के दूसरे की बीवी चोदने के लिए हमेशा तैयार रहतें हैं। दूसरे की बीवियों की चूँचियाँ चूस लेतें हैं, चूत चाट लेते हैं, लौड़ा मुंह में घुसेड़ देतें हैं, खूब धकाधक बुर चोद लेते हैं। अपनी बीवी की बुर उन्हें अच्छी नहीं लगती पर दूसरे की बीवी की बुर इन्हे बिलकुल पेड़ा बर्फी जैसी लगती है। मैं जब कहूँगी की जाओ नसीम बानो की बुर चोदो और नाज़िया की बुर चोदो तो साले कुत्ते की तरह ऊपर चढ़ कर चोदने लगेंगे।
मैंने कहा - हां नाज़िया, नाज़ बिलकुल सही कह रही है।
रात जब हुई तो हम तीनो ने अपने अपने पलंग एक ही कमरे में लगा लिया और अपने शौहर के साथ लेट गयीं। बाहर की लाइट जल रही थी। उसकी धीमी धीमी रौशनी कमरे में आ रही थी। मैं अपने शौहर के कपड़े उतारने लगी। उसे नंगा कर दिया। उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसने मुझे नंगी किया और मेरे बूब्स मसलने लगा। इतने में नाज़ और नाज़िया भी अपने अपने मियां का लण्ड पकड़ कर चूमने चाटने लगीं। हालांकि मुझे उनके लण्ड अच्छी तरह दिख नहीं रहे थे पर मालूम हो रहा था की वे दोनों भी नंगी नंगी लण्ड चूम चाट रहीं हैं। हम तीनो के मियां दूसरे की नंगी बीवियां देख कर बड़े उत्तेजित हो रहे थे। लण्ड बढ़ता भी जा रहा था और सख्त होता जा रहा था। हमारी चूँचियाँ तनी हुईं थीं और चूत बुरी तरह गरमा उठी थी। मन में बस यही चल रहा था की किसी और का मरद जल्दी से पेल दे अपना लण्ड मेरी चूत में ?
- मैंने अपने मियां से पूंछा - बार बार उधर क्या देख रहे हो।
- वह बोला मैं उन दोनों की नंगी बीवियाँ देख रहा हूँ।
- अपनी नंगी बीवी देखो न दूसरे की नंगी बीवी क्यों देख रहे हो ?
- तुम भी तो दूसरे के मियां का लण्ड देख रही हो।
- अरे वह तो देखने की चीज है इसलिए देख रही हूँ। मुझे पराये मर्दों के लण्ड देखना अच्छा लगता है।
- तो मुझे भी परायी बवियों की चूँचियाँ देखना अच्छा लगता है।
मेरा मियां हनीफ बोला - यार यार समी, मुझे तेरी बीवी की चूँचियाँ बड़ी मस्त लग रहीं हैं।
मैंने कहा - यार नाज़िया मुझे तेरे मियां का लण्ड बड़ा अच्छा लग रहा है। आज पहली बार इसे पकड़ कर देख रही हूँ। बड़ा मज़ा आ रहा है।
नाज़िया बोली - हां यार मुझे भी नाज़ के मियां का लण्ड पीने में बड़ा मज़ा आ रहा है।
नाज़िया के मियां से गचागच चुदवाने लगी, नाज़िया भोसड़ी की नाज़ के मियां से चुदवाने लगी और नाज़ मेरे मियां से ? पराये मरद के लण्ड से चुदवाने का मज़ा कुछ और ही है। चुदाई बड़ी जोरों पर चल रही थी। पूरे कमरे में चुदाई के आवाज़ें आ रहीं थाई और इन्ही आवाज़ों को सुनकर मेरी खाला जान कमरे में आ गई। उसने कमरे में चुदाई का नज़ारा देखा। उसके आने पर भी किसी ने चुदाई रोकी नहीं बल्कि और जोर से चुदाई होने लगी। तभी खाला जान अपनी बेटी से बोली - अरी बुर चोदी नाज़, तुम लोग यहाँ एक दूसरे के मियां का लण्ड अदल बदल कर चुदवा रही हो। तेरी माँ की चूत तुझे शर्म नहीं आती ? नाज़ बोली अरे अम्मी जान शर्म तो तुझे भी नहीं आती जब तू मेरे खालू से भकाभक चुदवाती है। तेरी बिटिया की बुर बहन चोद कुछ कम नहीं है अम्मी जान ? खाला बोली अगर ऐसा ही है तो फिर पेल दे न इन लोगों के लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में ? वह बोली हां जरूर पेलूँगी। पहले इन बेटियों की बुर चुदवा लूं।
ऐसी ही गन्दी गन्दी बातें करती हुई हम तीनो धकाधक चुदवाये चली जा रहीं थीं। न चोदने वाला रुक रहा था और न चुदवाने वाली। थोड़ी देर में खाला जान के साथ अम्मी जान और फूफी जान भी आ गई। मजे की बात यह थी की किसी के बदन पर कोई भी कपड़ा नहीं था। सब की सब नंगी थीं। मैंने कहा अरे फूफी जान तुम लोग भी हमारी तरह एकदम नंगी हो ? वह बोली अरे नसीम बानो तुझे तो मालूम ही है की हम सब बीवियां रात को रंडियां हो जातीं हैं और रंडियां बुर चोदी रात को पकड़े नहीं पहनती ? मैंने अपने फिर नाज़िया के मियां मिराज का लण्ड फूफी की चूत में पेल दिया और कहा लो फूफी जान अब तुम अपनी ही बेटी के मियां से चुदवा लो। तब तक नाज़िया ने समी का लण्ड खाला की चूत में घुसेड़ दिया और बोली तो तुम अपने दामाद से चुदवा लो। खाला वास्तव से गचर गचर चुदवाने लगीं। उधर नाज़ ने मेरा मियां का लण्ड मेरी अम्मी की बुर में घुसा दिया। अम्मी बोली हाय नसीम बानो तेरे मियां का लण्ड बड़ा मोटा है। अब तो ये तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ डालेगा।
अचानक उधर मेरा अब्बू, खालू और फूफा जान भी आ गए। फूफा ने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और मुझे चोदने लगा, मेरा अब्बू नाज़ की बुर चोदने लगा और खालू नाज़िया की बुर चोदने में मस्त होने लगा। यहाँ भी होने लगी लण्ड की अदला बदली।
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