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मैं मेरी चूत गांड चुदवाकर ही दम लूंगी - Main meri chut gand chudwakar hi dam lungi
मैं मेरी चूत गांड चुदवाकर ही दम लूंगी - Main meri chut gand chudwakar hi dam lungi , I will burn my pussy ass , मुझे चुदना है , मैं चुदवाना चाहती हूँ , मुझे चोदो , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
जी हां मौसी जी, मैं हर रोज़ लण्ड पीती भी हूँ और लण्ड चोदती भी हूँ। लण्ड मेरे लिए एक टॉनिक है । लण्ड पीने से मुझे बहुत फायदा हुआ है। मैं 15 साल की उम्र से लण्ड पी रही हूँ और 16 साल की उम्र से लण्ड चोद रही हूँ। लण्ड पीने के 6 महीने के अंदर ही मेरी चूँचियाँ दुगुनी हो गयीं थीं। अब तो ससुरी चौगुन हो गईं हैं। मेरे चेहरे पर निखार आ गया था। मेरी जांघें मोटी मोटी हो गईं थी और मेरी काली काली झांटें बहुत घनी हो गयीं थीं। मेरे चूतड़ों का साइज बढ़ने लगा था।मैं बुर चोदी थोड़े ही दिनों में बेहद गोरी चिट्टी और खूबसूरत हो गई थी फिर धीरे धीरे बोल्ड हो गई, खुल कर बातें करने लगी, प्यार से गालियां भी देने लगी थी और सबकी माँ बहन चोदने लगी। मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती थी।
एक दिन तो मैंने मम्मी से कह दिया था - मम्मी, मैं तेरी गांड में किसी दिन लण्ड घुसा दूँगी। वह कुछ बोली नहीं बल्कि मुस्कराकर रह गईं थीं। मेरी बुआ की चूँचियाँ छोटी छोटी थीं तो ऐसे ही एक दिन मैंने कह दिया - अगर तुझे अपनी चूँचियां दूनी करनी हैं तो लण्ड पीना और लण्ड चोदना शुरू कर दे ? वह तो सच में लण्ड पीने भी लगीं और चोदने भी लगीं । बस ६ महीने में ही उसकी भी चूँचियाँ दूँगी हो गयी हैं।
एक दिन तो मैंने मम्मी से कह दिया था - मम्मी, मैं तेरी गांड में किसी दिन लण्ड घुसा दूँगी। वह कुछ बोली नहीं बल्कि मुस्कराकर रह गईं थीं। मेरी बुआ की चूँचियाँ छोटी छोटी थीं तो ऐसे ही एक दिन मैंने कह दिया - अगर तुझे अपनी चूँचियां दूनी करनी हैं तो लण्ड पीना और लण्ड चोदना शुरू कर दे ? वह तो सच में लण्ड पीने भी लगीं और चोदने भी लगीं । बस ६ महीने में ही उसकी भी चूँचियाँ दूँगी हो गयी हैं।
मौसी ने कहा - कविता, मैंने भी लण्ड पी पी कर अपनी चूँचियाँ बड़ी की हैं और अब तो इतनी बड़ी हो गयीं है बहन चोद की संभाले नहीं संभलती ?
मैंने कहा - तेरी बहन की बिटिया की बुर, मौसी जी। तूने मुझे पहले कोई लौड़ा क्यों नहीं पिलाया ? मैंने अपनी ही चूत का बखान किया अपनी गाली में।
वह बोली - तो अब पिला दूँगी तुझे लौड़ा, मेरी भोसड़ी की कविता तेरी माँ की बहन की चूत ? मौसी ने भी अपनी ही चूत का बखान किया।
इस तरह हम दोनों आपस में खूब एन्जॉय करने लगीं। मेरा नाम कविता है और मैं २४ साल की हूँ। मेरी मौसी का नाम है सपना। वह मुझसे केवल दो साल ही बढ़ीं हैं। उसकी शादी हो चुकी है और मेरी नहीं । उसका पति फौज में है। मौसी और मैं दोनों एक साथ मुंबई में ही रहतीं हैं। वह भी एक कॉलेज में टीचर है और मैं भी। मैं भी खूबसूरत हूँ, गोरी चिट्टी हूँ, हॉट हूँ और वह भी। मैं भी मादर चोद बहुत गन्दी गन्दी बातें करती हूँ और वह भी। मैं भी लण्ड पकड़ती हूँ और वह भी। मैं भी लण्ड पीती हूँ और वह भी। मैं भी चुदवाती हूँ और वह भी भोसड़ी वाली खूब चुदवाती है। मैं भी बहुत बड़ी मादर चोद हूँ और वह भी। मैंने उसे बुर चोदी सपना मौसी कहती हूँ और वह मुझे बुर चोदी कविता कहती है।
उस दिन मैं बाथ रूम से नहाकर निकली थी। नहाने में थोड़ा देर लग गई थी क्योंकि मैंने अपने झांटें भी ट्रिम कर लीं थी। मैं चूत के ऊपर के हिस्से में जिसे में जिसे मैं प्यार से चूत का चबूतरा कहती हूँ उस पर छोटी छोटी झांटें रखती हूँ और जहाँ से चूत शुरू होती है वहां से नीचे तक झांटें बिलकुल साफ़ रखती हूँ। जिससे लड़कों को मेरी चूत चाटने में कोई तकलीफ न होने पाए। मैंने अपनी तौलिया चूँचियाँ तक लपेट लिया और बाहर निकल आयी। मेरे बालों से पानी टपक रहा था। मैं जैसे ही निकली वैसे ही किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक मस्त जवान लड़का खड़ा था। वह बोला मैं सपना मैडम से मिलने आया हूँ। मैंने उसे अंदर बैठा लिया और मैं भी उसके सामने बैठ गयी।
वह भी जोश में था और उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया , मैं समझ गयी की अब यह मेरी बुर चोदेगा। मई चुदाने के लिए तैयार भी थी। तभी उसने गच्चा से पेल दिया लण्ड। मैं चिल्ला पड़ी बाप रे बाप तीन तो एक ही बार में इतना मोटा लण्ड घुसे दिया यार। ये मेरी चूत है कोई भोसड़ा नहीं है। फट गयी तो मैं अपने होने वाले मियां को क्या मुंह दिखाऊंगी। वह धीरे धीरे रफ़्तार बढ़ाने लगा और मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी।
मैंने पूंछा - क्या तुम इसी तरह अपने दोस्त की बीवी चोदते हो ?
वह बोला - हां इसी तरह चोदता हूँ वह भी खूब मजे से चुदवाती है।
मैंने कहा - कभी तेरी बीवी ने तेरे सामने तेरे दोस्त से चुदवाया है।
वह बोला - वह अक्सर मेरे सामने खूब उछल उछल कर दूसरों से चुदवाती है। वह बहुत बड़ी चुदक्कड़ है भोसड़ी वाली।
मैंने पूंछा - तुम्हे अपने सामने अपनी बीवी को किसी और से चुदवाते हुए देखने में ख़राब नहीं लगता ?
वह बोला - इसमें ख़राब लगने की कोई बात नहीं है। मैं जब किसी और की बीवी चोदूंगा तो वह भी मेरी बीवी चोदेगा ? मुझे इसमें ख़राब लगने का कोई कारण नज़र नहीं आता। मैंने कहा वाओ और चोदो मुझे। पूरा लौड़ा पेल दो यार। मेरी बुर का हलवा बना दो। चीथड़े उड़ा दो मेरी बुर चोदी बुर के। तेरा लण्ड बड़ा ताकतवर है यार ? मैं तेरी बीवी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरे दोस्त की बीवी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी भाभी हूँ मुझे चोदो। मैं एक रंडी हूँ यार मुझे चोदो। मैं तेरी प्रेमिका हूँ मुझे चोदो। ऐसा ही सब बोल बोल कर मैं उछल उछल कर चुदवा रही थी। मुझे सच में ज़न्नत का मज़ा आ रहा था। उसका लण्ड जब झड़ने लगा तो में उसे मुंह में लेकर खूब पिया और लण्ड का सुपाड़ा चाटा। जब वह जाने लगा तो मैंने कहा - यार मानक तुम अपने किसी दोस्त को भेजना मुझे चोदने के लिए जिसका लण्ड तेरे लण्ड की ही तरह हो और तुम तो मुझे चोदने आते ही रहना। वह वादा करके चला गया। और मैं किसी नये लण्ड का इंतज़ार करने लगी।
अगले दिन जब मौसी आईं तो मैंने उसे सारा किस्सा सुना दिया। वह बोली तू तो बड़ी सयानी निकली कविता। चोदने आया था मुझे और चुदवा लिया तूने। तेरी माँ की चूत मैं इसका बदला जरूर लूंगी। अगर कोई नहीं मिला तो मैं तेरे पति से तेरे सामने ही चुदवाऊंगी। मैंने कहा हां हां मौसी जी चुदवा लेना। मैं खुद तेरी बुर में उसका लौड़ा घुसा दूँगी। मौसी ने कहा वैसे मैं भी अपनी सहेली के हसबैंड से चुदवा कर आ रही हूँ। मैंने पूंछा तो क्या वो तुम्हे अकेला ही मिल गया था ? मौसी ने जबाब दिया नहीं ऐसा नहीं है। रात में उसने मुझे अपने बिस्तर पर ही लिटाया और फिर अपने पति का लण्ड मुझे पकड़ा दिया। लण्ड हाथ में आते ही मैं तो उछल पड़ी। मैंने कहा - यार शिल्पा अब तू क्या करेगी ? वह बड़ी मस्ती से बोली - मैं तेरी बुर चुदवाऊंगी और क्या ? मैं तो रोज़ ही ये लण्ड अपनी बुर में पेलती हूँ आज मैं इसे तेरी बुर में पेल दूँगी।
मैं यह सुनकर बहुत खुश हुई और फिर मैंने भी खूब झमाझम चुदवाया। चोदने के बाद वह बोला सपना भाभी अब तो मैं अक्सर तुम्हे चोदना चाहूंगा। मैंने कहा तो फिर चोदते रहना ? न मैं कहीं भागी जा रही हूँ और न मेरी चूत ? एक दिन मेरे घर आना तो मेरी बहन की बिटिया की बुर भी चोद लेना। वह भी बुर चोदी मेरी ही तरह चुदवाती है। मैंने मौसी को गले लगा लिया और कहा वाओ, मौसी जी तुम मुझे इतना चाहती हो।
वह बोली - मैं तुझे नहीं तेरी बुर को चाहती हूँ। पर यार आजतक मैंने तेरी बुर नहीं देखी। तेरी गांड नहीं देखी।
मैंने कहा - तो लो अभी देख लो न मेरी बुर ? मैं अपने कपड़े उतारने लगी तो
वह बोली - नहीं कविता। मैं तेरी बुर तभी देखूँगी जब मेरे हाथ में कोई लण्ड होगा। मैं खुद तेरी बुर चोदूँगी।
मैंने कहा - मौसी जी, यही तो मैं भी चाहती हूँ। मैं भी तेरी बुर चोदूँगी।
एक दिन अचानक मेरे कॉलेज से एक लड़का आ गया। उसने बताया की मेरा नाम अभय है मैं एम् बी ए फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट हूँ। मुझे आपसे कुछ पूंछना है। मैंने कहा अभी आये हो ज़रा बैठ जाओ। थोड़ी देर आराम कर लो फिर जो पूंछना हो पूंछ लेना। मैंने उसे बियर का गिलास पकड़ा दिया। वह थोड़ा झिझका मैंने कहा अभय ये कॉलेज नहीं है मेरा घर है। वह बोला मेम मैं आपके सामने ,,,,,,,? मैंने कहा मैं घर पर मेम नहीं हूँ यार। मेरा नाम कविता है। वह मेरे साथ बियर पीने लगा। फिर मेरी मौसी आ गयी मैंने उसे मौसी से मिलवाया तो खुश हुआ।मैंने कहा अभय अब तुम फ्री हो बोलो क्या पूंछना है तुम्हे ? वह फिर बोला मेम ,,,,, मैंने कहा यार मेम की माँ की चूत भोसड़ी के अभय। तू पहले यह बता की तू मरद है की नहीं ? उसने कहा हां मैं मरद हूँ और पूरा मरद हूँ। मुझ में कोई कमी नहीं है।
तब तक मौसी बोली अगर तू पूरा मरद है तो बता की लड़कियों की झांटें क्यों नहीं होती ? वह बोला इसका जबाब तो मुझे नहीं मालूम। मौसी बोली - तूने कभी किसी लड़की को नंगी देखा है। अपने क्लास की किसी लड़की को नंगी देखा है। वह बोला - नहीं अभी तक तो नहीं देखा। मौसी ने फिर कहा - अच्छा तेरी झांटें हैं की नहीं अभय ? अगर हैं तो तू हमें अपनी झांटें दिखा। तब मैं मानूंगी की सच में तू पूरा मरद है। मैं मौसी की बात चीत सुनकर मुस्करा रही थी और मज़ा ले रही थी। वह थोड़ा झिझका तो मौसी ने कहा इसका मतलब तू मरद नहीं है। वह बोला नहीं ऐसी बात नहीं है मुझे शर्म आ रही है। मौसी ने कहा - अच्छा तुम्हे शर्म आ रही है तो मैं खुद खोल कर देख लेती हूँ । मौसी उठी और उसके पैंट की बेल्ट खोल डाली उसकी जिप खोली और हाथ अंदर घुसेड़ दिया। उसके लण्ड में थोड़ी सुरसुराहट होने लगी। मौसी का हाथ लण्ड से टकरा गया तो मौसी ने उसे बाहर निकाल लिया। वह बोली बाप रे बाप मैं तो झांटें देखने गई थी निकल आया लण्ड ? हाय रे ये तो बड़ा प्यारा लण्ड कविता ? इसकी ज़रा पैंट खोल कर देखो। मैंने उसे नंगा कर दिया। मौसी बोली अरे यार तेरी तो झांटें छोटी छोटी हैं पर तेरा लौड़ा बहुत बड़ा है अभय ? क्या करोगे इतने बड़े लौड़े का ?
तब मैंने उसकी तरफ से कहा तेरी चूत में घुसेड़ दूंगा लण्ड सपना मौसी ? तेरी बुर पटक पटक के चोद डालूँगा। फिर हम दोनों उसका लण्ड चाटने लगी और वह भी मस्त होने लगा।
इतने में किसी ने डोर बेल बजा दी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने दो लड़के खड़े थे। मैंने कहा अरे मानक तुम ? वह बोला हां भाभी जी मैं अपने दोस्त सलभ के साथ आया हूँ। आपने कहा था की कोई दोस्त लेते आना तो मैं ले आया। मैंने उन दोनों को कमरे में बैठा दिया। मैं अंदर मौसी के पास गई और कहा मौसी यार वह मानक अपने दोस्त के साथ आया है। मौसी बोली तब तो बहुत अच्छा हुआ। आज राज़ भी खुल जायेगा और मुझे उसके लण्ड का मज़ा भी मिल जायेगा। मैं मौसी को लेकर उसके सामने पहुँच गयी। वह बोला सपना मौसी आप के साथ ये कौन हैं ? मैंने मुस्कराते हुए कहा - यार मानक यही असली सपना हैं। मैं तो कविता हूँ। ये मेरी मौसी हैं। उस दिन तुम्हे देख कर मेरा मन तुमसे चुदवाने का हो गया था तो मैं मौसी बन गयी थी। वह भी बड़ी जोर से हंसा और कहा पर एक बात है मेरी नकली सपना जी तेरी असली सपना तो बहुत खूबसूरत और हॉट हैं।
मैंने कहा - अच्छा तो तेरी लार टपकने लगी है, भोसड़ी के मानक ?
मौसी बड़ी मौज़ में आ गईं वह बोली कविता अब तो दारू चलेगी बहन चोद। दारू पियो और लण्ड पियो कविता और ये लोग भी दारू पियें और चूँची पियें, दारू पियें और चूत पियें। आज होगी यहाँ घमाशान चोदा चोदी। आज चोदी जाएगी कविता की बुर चोदी मौसी की बुर ? मैंने भी कहा आज चोदी जाएगी सपना की बहन की बिटिया की बुर ? हमने सबको दारू का गिलास थमा दिया। वो लोग भी हमारी गालियों का और हमारी खुली खुली बातों का मज़ा लेने लगे। उनके लण्ड भी मादर चोद उचक उचक कर हमें देखने लगे। अचानक मौसी अपने कपड़े खोल कर एकदम नंगी हो गयी। उसे देख कर मैं भी नंगी हो गई। हम दोनों म्यूजिक पर नशीला डांस करने लगीं। डांस करते करते मैंने सलभ और अभय को उठा लिया। मौसी ने मानक को उठा लिया। मैं उन दोनों के कपड़े खोल कर नंगा करने लगी और मौसी मानक को नंगा करने लगीं। देखते ही देखते सलभ नंगा हो गया। अभय तो थोड़ा पहले से ही नंगा था। मैंने सलभ का लौड़ा पकड़ कर हिलाया तो लौड़ा बढ़ने लगा। बढ़ते बढ़ते वह लगभग 8 "+ हो गया।
मेरे मुंह से निकला लो मौसी आज तो तेरी चूत फट के भोसड़ा हो जाएगी बुर चोदी। वह भी मानक का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी और बोली तेरी भी चूत मैं फाड़ दूँगी कविता। तेरी चूत का बना दूँगी भोसड़ा। मैं सलभ का लण्ड मुंह में लेकर पीने लगी और अभय का लौड़ा हाथ से सहलाने लगी। मौसी तो मानक का लण्ड आम की गुठली की तरह चूसने लगीं। आज मैं पहली बार मौसी को नंगी देख रही थी और उसको लण्ड चूसते हुए देख रही थी। उसकी चूँचियाँ मेरी चूँचियों से थोड़ा बड़ी थीं और उसकी गांड भी थोड़ा ज्यादा मोटी थी। उसने कहा कविता तू बुर चोदी नंगी नंगी ज्यादा खूबसूरत लगती है। मैं अगर लड़का होती तो दिन रात तेरी बुर चोदा करती।
मैंने कहा मौसी जी मैं लड़की होकर तेरी बुर चोदा करूंगी। किसी न किसी का लण्ड तेरी चूत में पेला करूंगी। तेरी बहन का भोसड़ा तू सच में बहुत बड़ी छिनार है। वह बोली छिनार तो तू भी है भोसड़ी की कविता तेरी माँ की चूत। तेरी माँ की बिटिया की बुर ?
हम दोनों इसी तरह गन्दी गन्दी बातें करती हुई लण्ड चूसने और चाटने लगीं। एक दूसरे के हाथ से लण्ड छीन छीन कर चूसने लगीं. और लण्ड अदल बदल कर पीने लगी। थोड़ी देर के बाद सलभ ने पेल दिया लण्ड मेरी चूत में और मैं रंडी की तरह चुदवाने लगी। मौसी भी मानक से चुदवाने लगी। मैं दूसरे हाथ से अभय का लण्ड पकड़ कर चूसने लगी। मौसी भी बीच बीच में मेरे हाथ से अभय का लण्ड लेकर चूसने लगी। मानक ने पूरा लौड़ा घुसेड़ दिया था मौसी की चूत में। वह बोला उस दिन मैं सपना की बुर के धोखे कविता की बुर चोदता रहा। आज असली सपना की बुर चोद रहा हूँ। मुझे सच में बड़ा मज़ा आ रहा है। सलभ बोला हां यार तूने सही कहा था की नकली सपना की बुर बहुत मस्त है हॉट है और टाइट है। मुझे कविता की बुर लेने में अपार आनंद आ रहा है।
हम दोनों ने लण्ड की अदला बदली करती हुई रात भर इन तीनो लोगों से खूब मजे से चुदवाया। एक एक करके जब लण्ड झड़ने लगे तो हमने मिलकर इन तीनो के लण्ड पिये और सुपाड़ा बड़ी मस्ती से चाटा। उसके बाद तो हर दिन मैं अपने बॉय फ्रेंड्स को बुलाती रही और मौसी भी अपने कॉलेज के लड़कों को बुलाती रहीं। हम दोनों हर दिन नये नये लण्ड से खूब धकाधक चुदवाती रहीं।
एक दिन मौसी का हसबैंड यानी मेरा मौसा आ गया। वह भी बड़ा हैंडसम आदमी था। मेरा दिल उस पर आ गया। मैं ललचा गयी। मेरी चूत उसे देख कर गरम हो गयी। मैंने मौसी से कहा - आज मैं तेरे मिया का लण्ड चोदूँगी। वह बोली हां कविता तू पहले मेरे पति का लण्ड चोद ले मैं बाद में चोद लूंगी। सच बात तो यह है की वह खुद तेरी बुर लेना चाहता है। जब से उसने तुझे देखा है तब से उसका लण्ड खड़ा ही है बहन चोद। फिर तो रात में मौसी ने अपने पति का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ती रहीं और झड़ता हुआ लण्ड भी मेरे मुंह में पेलती रहीं।
उस दिन मैं बाथ रूम से नहाकर निकली थी। नहाने में थोड़ा देर लग गई थी क्योंकि मैंने अपने झांटें भी ट्रिम कर लीं थी। मैं चूत के ऊपर के हिस्से में जिसे में जिसे मैं प्यार से चूत का चबूतरा कहती हूँ उस पर छोटी छोटी झांटें रखती हूँ और जहाँ से चूत शुरू होती है वहां से नीचे तक झांटें बिलकुल साफ़ रखती हूँ। जिससे लड़कों को मेरी चूत चाटने में कोई तकलीफ न होने पाए। मैंने अपनी तौलिया चूँचियाँ तक लपेट लिया और बाहर निकल आयी। मेरे बालों से पानी टपक रहा था। मैं जैसे ही निकली वैसे ही किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक मस्त जवान लड़का खड़ा था। वह बोला मैं सपना मैडम से मिलने आया हूँ। मैंने उसे अंदर बैठा लिया और मैं भी उसके सामने बैठ गयी।
- मैंने कहा - तुम्हारा नाम क्या है और क्या काम है सपना मैडम से ?
- वह बोला - मैं मानक हूँ। मुझे मेरे दोस्त ने सपना मैडम के पास भेजा है। अब काम तो सपना मैडम ही बतायेंगीं।
- अरे यह कैसे हो सकता है की उसने तुम्हे कुछ बताया नहीं।
- उसने मुझे कहा था की मानक तुम सपना मैडम के पास चले जाओ बाकी मैंने उसे ईमेल कर दिया है।
- अच्छा ऐसी बात है तो मैं ईमेल देख लेती हूँ। मेरे पास मौसी का ईमेल था। मैंने उसे खोला क्योंकि मुझे उसका पास वर्ड मालूम था। उसमे लिखा था - " मेरी प्यारी सपना तुमने कहा था न की अपने किसी दोस्त को मेरे पास भेजना जिसका लौड़ा मोटा हो और देर तक चोदने वाला हो। तो मैं आज मानक को भेज रहा हूँ। इसका लण्ड देख कर बताना मुझे की तुम्हे पसंद आया की नहीं। मानक मेरी बीवी चोदता है और मेरी बीवी को इसका लण्ड बहुत पसंद है। जब ये तेरे पास आएगा तो मैं इसकी बीवी चोद रहा हूँगा। इसकी बीवी मुझे बड़े प्यार से बुर देती है।" यह पढ़कर मेरी चूत में आग लग गयी। मैंने ठान लिया अब तो मैं इससे चुदवाकर ही दम लूंगी। बस मैं बन गयी सपना।
- हां हां मानक उसने लिख कर भेज दिया है। तुम कुछ ड्रिंक्स लेते हो की नहीं।
- हां लेता हूँ।
- मैंने ड्रिंक बनाया और हम दोनों दारू पीने लगे। तब तक मैं तौलिया ही पहने बैठी रही। मैंने दूसरे पैग का गिलास उठाया और जैसे ही उसे मानक की तरफ बढ़ाया वैसे ही मेरी तौलिया खुल गयी तो मेरी दोनों चूँचियाँ उसे दिख गयीं। मैंने कहा लगता है की ये तौलिया भी बुर चोदी नशे ने हो गयी है। मेरी गाली सुनकर वह मस्त हो गया।
- मैंने पूंछा - तुम सपना से कभी मिले हो।
- नहीं मैं तो कहा नहीं मिला। पर क्या सपना मैडम भी आप की ही तरह खूबसूरत हैं ?
- अरे भोसड़ी के मानक मैं ही सपना मैडम हूँ। मैं तो तुमसे मजाक कर रही थी। अब बताओ तुम जानते हो की काम क्या है ?
- वह बोला नहीं मुझे तो नहीं मालूम।
- अच्छा तुम अपने दोस्त की बीवी चोदते हो न ?
- वह पहले तो थोड़ा रुका बोली बोला हां चोदता तो हूँ।
- तो फिर मुझे भी चोदो मानक मैं भी किसी की बीवी हूँ। तुम्हे तेरे दोस्त ने मेरी चूत में लण्ड पेलने के लिए भेजा है। तुम मुझे अपने दोस्त की बीवी समझ लो और चोदो। तेरे दोस्त ने तुझे मुझे चोदने के लिए ही भेजा है।
- ऐसा कह कर मैंने तौलिया खोल कर फेंक दी। मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी उसके आगे।
- वह बोला वाओ, इतनी खूबसूरत तो मेरे दोस्त की बीवी भी नहीं है सपना मैडम।
- मैंने कहा - मैडम की माँ की चूत। मैडम की माँ का भोसड़ा। मैं हूँ सपना यार तुम मुझे बुर चोदी सपना कहो। तो मैं और एन्जॉय करूंगी।
वह भी जोश में था और उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया , मैं समझ गयी की अब यह मेरी बुर चोदेगा। मई चुदाने के लिए तैयार भी थी। तभी उसने गच्चा से पेल दिया लण्ड। मैं चिल्ला पड़ी बाप रे बाप तीन तो एक ही बार में इतना मोटा लण्ड घुसे दिया यार। ये मेरी चूत है कोई भोसड़ा नहीं है। फट गयी तो मैं अपने होने वाले मियां को क्या मुंह दिखाऊंगी। वह धीरे धीरे रफ़्तार बढ़ाने लगा और मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी।
मैंने पूंछा - क्या तुम इसी तरह अपने दोस्त की बीवी चोदते हो ?
वह बोला - हां इसी तरह चोदता हूँ वह भी खूब मजे से चुदवाती है।
मैंने कहा - कभी तेरी बीवी ने तेरे सामने तेरे दोस्त से चुदवाया है।
वह बोला - वह अक्सर मेरे सामने खूब उछल उछल कर दूसरों से चुदवाती है। वह बहुत बड़ी चुदक्कड़ है भोसड़ी वाली।
मैंने पूंछा - तुम्हे अपने सामने अपनी बीवी को किसी और से चुदवाते हुए देखने में ख़राब नहीं लगता ?
वह बोला - इसमें ख़राब लगने की कोई बात नहीं है। मैं जब किसी और की बीवी चोदूंगा तो वह भी मेरी बीवी चोदेगा ? मुझे इसमें ख़राब लगने का कोई कारण नज़र नहीं आता। मैंने कहा वाओ और चोदो मुझे। पूरा लौड़ा पेल दो यार। मेरी बुर का हलवा बना दो। चीथड़े उड़ा दो मेरी बुर चोदी बुर के। तेरा लण्ड बड़ा ताकतवर है यार ? मैं तेरी बीवी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरे दोस्त की बीवी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी भाभी हूँ मुझे चोदो। मैं एक रंडी हूँ यार मुझे चोदो। मैं तेरी प्रेमिका हूँ मुझे चोदो। ऐसा ही सब बोल बोल कर मैं उछल उछल कर चुदवा रही थी। मुझे सच में ज़न्नत का मज़ा आ रहा था। उसका लण्ड जब झड़ने लगा तो में उसे मुंह में लेकर खूब पिया और लण्ड का सुपाड़ा चाटा। जब वह जाने लगा तो मैंने कहा - यार मानक तुम अपने किसी दोस्त को भेजना मुझे चोदने के लिए जिसका लण्ड तेरे लण्ड की ही तरह हो और तुम तो मुझे चोदने आते ही रहना। वह वादा करके चला गया। और मैं किसी नये लण्ड का इंतज़ार करने लगी।
अगले दिन जब मौसी आईं तो मैंने उसे सारा किस्सा सुना दिया। वह बोली तू तो बड़ी सयानी निकली कविता। चोदने आया था मुझे और चुदवा लिया तूने। तेरी माँ की चूत मैं इसका बदला जरूर लूंगी। अगर कोई नहीं मिला तो मैं तेरे पति से तेरे सामने ही चुदवाऊंगी। मैंने कहा हां हां मौसी जी चुदवा लेना। मैं खुद तेरी बुर में उसका लौड़ा घुसा दूँगी। मौसी ने कहा वैसे मैं भी अपनी सहेली के हसबैंड से चुदवा कर आ रही हूँ। मैंने पूंछा तो क्या वो तुम्हे अकेला ही मिल गया था ? मौसी ने जबाब दिया नहीं ऐसा नहीं है। रात में उसने मुझे अपने बिस्तर पर ही लिटाया और फिर अपने पति का लण्ड मुझे पकड़ा दिया। लण्ड हाथ में आते ही मैं तो उछल पड़ी। मैंने कहा - यार शिल्पा अब तू क्या करेगी ? वह बड़ी मस्ती से बोली - मैं तेरी बुर चुदवाऊंगी और क्या ? मैं तो रोज़ ही ये लण्ड अपनी बुर में पेलती हूँ आज मैं इसे तेरी बुर में पेल दूँगी।
मैं यह सुनकर बहुत खुश हुई और फिर मैंने भी खूब झमाझम चुदवाया। चोदने के बाद वह बोला सपना भाभी अब तो मैं अक्सर तुम्हे चोदना चाहूंगा। मैंने कहा तो फिर चोदते रहना ? न मैं कहीं भागी जा रही हूँ और न मेरी चूत ? एक दिन मेरे घर आना तो मेरी बहन की बिटिया की बुर भी चोद लेना। वह भी बुर चोदी मेरी ही तरह चुदवाती है। मैंने मौसी को गले लगा लिया और कहा वाओ, मौसी जी तुम मुझे इतना चाहती हो।
वह बोली - मैं तुझे नहीं तेरी बुर को चाहती हूँ। पर यार आजतक मैंने तेरी बुर नहीं देखी। तेरी गांड नहीं देखी।
मैंने कहा - तो लो अभी देख लो न मेरी बुर ? मैं अपने कपड़े उतारने लगी तो
वह बोली - नहीं कविता। मैं तेरी बुर तभी देखूँगी जब मेरे हाथ में कोई लण्ड होगा। मैं खुद तेरी बुर चोदूँगी।
मैंने कहा - मौसी जी, यही तो मैं भी चाहती हूँ। मैं भी तेरी बुर चोदूँगी।
एक दिन अचानक मेरे कॉलेज से एक लड़का आ गया। उसने बताया की मेरा नाम अभय है मैं एम् बी ए फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट हूँ। मुझे आपसे कुछ पूंछना है। मैंने कहा अभी आये हो ज़रा बैठ जाओ। थोड़ी देर आराम कर लो फिर जो पूंछना हो पूंछ लेना। मैंने उसे बियर का गिलास पकड़ा दिया। वह थोड़ा झिझका मैंने कहा अभय ये कॉलेज नहीं है मेरा घर है। वह बोला मेम मैं आपके सामने ,,,,,,,? मैंने कहा मैं घर पर मेम नहीं हूँ यार। मेरा नाम कविता है। वह मेरे साथ बियर पीने लगा। फिर मेरी मौसी आ गयी मैंने उसे मौसी से मिलवाया तो खुश हुआ।मैंने कहा अभय अब तुम फ्री हो बोलो क्या पूंछना है तुम्हे ? वह फिर बोला मेम ,,,,, मैंने कहा यार मेम की माँ की चूत भोसड़ी के अभय। तू पहले यह बता की तू मरद है की नहीं ? उसने कहा हां मैं मरद हूँ और पूरा मरद हूँ। मुझ में कोई कमी नहीं है।
तब तक मौसी बोली अगर तू पूरा मरद है तो बता की लड़कियों की झांटें क्यों नहीं होती ? वह बोला इसका जबाब तो मुझे नहीं मालूम। मौसी बोली - तूने कभी किसी लड़की को नंगी देखा है। अपने क्लास की किसी लड़की को नंगी देखा है। वह बोला - नहीं अभी तक तो नहीं देखा। मौसी ने फिर कहा - अच्छा तेरी झांटें हैं की नहीं अभय ? अगर हैं तो तू हमें अपनी झांटें दिखा। तब मैं मानूंगी की सच में तू पूरा मरद है। मैं मौसी की बात चीत सुनकर मुस्करा रही थी और मज़ा ले रही थी। वह थोड़ा झिझका तो मौसी ने कहा इसका मतलब तू मरद नहीं है। वह बोला नहीं ऐसी बात नहीं है मुझे शर्म आ रही है। मौसी ने कहा - अच्छा तुम्हे शर्म आ रही है तो मैं खुद खोल कर देख लेती हूँ । मौसी उठी और उसके पैंट की बेल्ट खोल डाली उसकी जिप खोली और हाथ अंदर घुसेड़ दिया। उसके लण्ड में थोड़ी सुरसुराहट होने लगी। मौसी का हाथ लण्ड से टकरा गया तो मौसी ने उसे बाहर निकाल लिया। वह बोली बाप रे बाप मैं तो झांटें देखने गई थी निकल आया लण्ड ? हाय रे ये तो बड़ा प्यारा लण्ड कविता ? इसकी ज़रा पैंट खोल कर देखो। मैंने उसे नंगा कर दिया। मौसी बोली अरे यार तेरी तो झांटें छोटी छोटी हैं पर तेरा लौड़ा बहुत बड़ा है अभय ? क्या करोगे इतने बड़े लौड़े का ?
तब मैंने उसकी तरफ से कहा तेरी चूत में घुसेड़ दूंगा लण्ड सपना मौसी ? तेरी बुर पटक पटक के चोद डालूँगा। फिर हम दोनों उसका लण्ड चाटने लगी और वह भी मस्त होने लगा।
इतने में किसी ने डोर बेल बजा दी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने दो लड़के खड़े थे। मैंने कहा अरे मानक तुम ? वह बोला हां भाभी जी मैं अपने दोस्त सलभ के साथ आया हूँ। आपने कहा था की कोई दोस्त लेते आना तो मैं ले आया। मैंने उन दोनों को कमरे में बैठा दिया। मैं अंदर मौसी के पास गई और कहा मौसी यार वह मानक अपने दोस्त के साथ आया है। मौसी बोली तब तो बहुत अच्छा हुआ। आज राज़ भी खुल जायेगा और मुझे उसके लण्ड का मज़ा भी मिल जायेगा। मैं मौसी को लेकर उसके सामने पहुँच गयी। वह बोला सपना मौसी आप के साथ ये कौन हैं ? मैंने मुस्कराते हुए कहा - यार मानक यही असली सपना हैं। मैं तो कविता हूँ। ये मेरी मौसी हैं। उस दिन तुम्हे देख कर मेरा मन तुमसे चुदवाने का हो गया था तो मैं मौसी बन गयी थी। वह भी बड़ी जोर से हंसा और कहा पर एक बात है मेरी नकली सपना जी तेरी असली सपना तो बहुत खूबसूरत और हॉट हैं।
मैंने कहा - अच्छा तो तेरी लार टपकने लगी है, भोसड़ी के मानक ?
मौसी बड़ी मौज़ में आ गईं वह बोली कविता अब तो दारू चलेगी बहन चोद। दारू पियो और लण्ड पियो कविता और ये लोग भी दारू पियें और चूँची पियें, दारू पियें और चूत पियें। आज होगी यहाँ घमाशान चोदा चोदी। आज चोदी जाएगी कविता की बुर चोदी मौसी की बुर ? मैंने भी कहा आज चोदी जाएगी सपना की बहन की बिटिया की बुर ? हमने सबको दारू का गिलास थमा दिया। वो लोग भी हमारी गालियों का और हमारी खुली खुली बातों का मज़ा लेने लगे। उनके लण्ड भी मादर चोद उचक उचक कर हमें देखने लगे। अचानक मौसी अपने कपड़े खोल कर एकदम नंगी हो गयी। उसे देख कर मैं भी नंगी हो गई। हम दोनों म्यूजिक पर नशीला डांस करने लगीं। डांस करते करते मैंने सलभ और अभय को उठा लिया। मौसी ने मानक को उठा लिया। मैं उन दोनों के कपड़े खोल कर नंगा करने लगी और मौसी मानक को नंगा करने लगीं। देखते ही देखते सलभ नंगा हो गया। अभय तो थोड़ा पहले से ही नंगा था। मैंने सलभ का लौड़ा पकड़ कर हिलाया तो लौड़ा बढ़ने लगा। बढ़ते बढ़ते वह लगभग 8 "+ हो गया।
मेरे मुंह से निकला लो मौसी आज तो तेरी चूत फट के भोसड़ा हो जाएगी बुर चोदी। वह भी मानक का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी और बोली तेरी भी चूत मैं फाड़ दूँगी कविता। तेरी चूत का बना दूँगी भोसड़ा। मैं सलभ का लण्ड मुंह में लेकर पीने लगी और अभय का लौड़ा हाथ से सहलाने लगी। मौसी तो मानक का लण्ड आम की गुठली की तरह चूसने लगीं। आज मैं पहली बार मौसी को नंगी देख रही थी और उसको लण्ड चूसते हुए देख रही थी। उसकी चूँचियाँ मेरी चूँचियों से थोड़ा बड़ी थीं और उसकी गांड भी थोड़ा ज्यादा मोटी थी। उसने कहा कविता तू बुर चोदी नंगी नंगी ज्यादा खूबसूरत लगती है। मैं अगर लड़का होती तो दिन रात तेरी बुर चोदा करती।
हम दोनों इसी तरह गन्दी गन्दी बातें करती हुई लण्ड चूसने और चाटने लगीं। एक दूसरे के हाथ से लण्ड छीन छीन कर चूसने लगीं. और लण्ड अदल बदल कर पीने लगी। थोड़ी देर के बाद सलभ ने पेल दिया लण्ड मेरी चूत में और मैं रंडी की तरह चुदवाने लगी। मौसी भी मानक से चुदवाने लगी। मैं दूसरे हाथ से अभय का लण्ड पकड़ कर चूसने लगी। मौसी भी बीच बीच में मेरे हाथ से अभय का लण्ड लेकर चूसने लगी। मानक ने पूरा लौड़ा घुसेड़ दिया था मौसी की चूत में। वह बोला उस दिन मैं सपना की बुर के धोखे कविता की बुर चोदता रहा। आज असली सपना की बुर चोद रहा हूँ। मुझे सच में बड़ा मज़ा आ रहा है। सलभ बोला हां यार तूने सही कहा था की नकली सपना की बुर बहुत मस्त है हॉट है और टाइट है। मुझे कविता की बुर लेने में अपार आनंद आ रहा है।
हम दोनों ने लण्ड की अदला बदली करती हुई रात भर इन तीनो लोगों से खूब मजे से चुदवाया। एक एक करके जब लण्ड झड़ने लगे तो हमने मिलकर इन तीनो के लण्ड पिये और सुपाड़ा बड़ी मस्ती से चाटा। उसके बाद तो हर दिन मैं अपने बॉय फ्रेंड्स को बुलाती रही और मौसी भी अपने कॉलेज के लड़कों को बुलाती रहीं। हम दोनों हर दिन नये नये लण्ड से खूब धकाधक चुदवाती रहीं।
एक दिन मौसी का हसबैंड यानी मेरा मौसा आ गया। वह भी बड़ा हैंडसम आदमी था। मेरा दिल उस पर आ गया। मैं ललचा गयी। मेरी चूत उसे देख कर गरम हो गयी। मैंने मौसी से कहा - आज मैं तेरे मिया का लण्ड चोदूँगी। वह बोली हां कविता तू पहले मेरे पति का लण्ड चोद ले मैं बाद में चोद लूंगी। सच बात तो यह है की वह खुद तेरी बुर लेना चाहता है। जब से उसने तुझे देखा है तब से उसका लण्ड खड़ा ही है बहन चोद। फिर तो रात में मौसी ने अपने पति का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ती रहीं और झड़ता हुआ लण्ड भी मेरे मुंह में पेलती रहीं।
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