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पड़ोसन को गुड़ खिलाकर पड़छत्ती में चोदा Gud khilakar padchhatti me chudai kar di
पड़ोसन को गुड़ खिलाकर पड़छत्ती में चोदा Gud khilakar padchhatti me chudai kar di , गुड़ खाने के लिए चुदी , पड़छत्ती में चुदाई , आस पड़ोस की लड़की महिला औरत की चुदाई , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हाय फ्रेंड्स! मेरा नाम दक्षाई है और मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ, आज मैं आपको एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो की मेरे पड़ोस वाली लड़की के साथ है. उस लड़की का नाम सोनिया है और अब उसकी उम्र 32 साल है उसका फिगर 32-34-37 है, क्या बूब्स है उसके… और क्या मोटी गांड है उसकी देखते ही लेने का मन करता था. उसका हर दिन हमारे घर पर आना जाना लगा रहता था. मेरे घर में मेरे मम्मी और पापा ही रहते थे. यह बात 13 साल पहले ही है, उस समय गांवों में अक्सर गुड़ को पड़छत्ती में ही रखा जाता था, इसलिए हमारे घर भी एक पड़छत्ती थी और उसमें हर साल नया गुड़ भर दिया जाता था. सोनिया गुड़ खाने की बहुत शौक़ीन थी इसलिए वो हमेशा मेरी माँ के पास आती थी और गुड़ खाया करती थी.
हाय फ्रेंड्स! मेरा नाम दक्षाई है और मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ, आज मैं आपको एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो की मेरे पड़ोस वाली लड़की के साथ है. उस लड़की का नाम सोनिया है और अब उसकी उम्र 32 साल है उसका फिगर 32-34-37 है, क्या बूब्स है उसके… और क्या मोटी गांड है उसकी देखते ही लेने का मन करता था. उसका हर दिन हमारे घर पर आना जाना लगा रहता था. मेरे घर में मेरे मम्मी और पापा ही रहते थे. यह बात 13 साल पहले ही है, उस समय गांवों में अक्सर गुड़ को पड़छत्ती में ही रखा जाता था, इसलिए हमारे घर भी एक पड़छत्ती थी और उसमें हर साल नया गुड़ भर दिया जाता था. सोनिया गुड़ खाने की बहुत शौक़ीन थी इसलिए वो हमेशा मेरी माँ के पास आती थी और गुड़ खाया करती थी.
मैं उसको चोदना चाहता था लेकिन डरता था कि कहीं घर वालों को यह सब पता चल गया तो खूब पिटाई होगी. एक दिन मेरे मम्मी - पापा किसी काम से शहर चले गए और मुझसे शाम तक घर पर ही रहने के लिए कहा. घर में अकेला होने के कारण मैं बोर हो रहा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अचानक तभी सोनिया मेरे घर आई और मुझसे पूछा कि ताई कहां है, मैंने कहा कि ताऊ और ताई दोनों शहर गए हुए है और शाम तक वापिस आएंगें.
वो वापिस जाने लगी तो मैंने कहा कि आज मेरा मन नहीं लग रहा है तुम आज यहाँ रहो ताकि मेरा मन बहल जाएँ.
वो बोली - नहीं मैं ऐसे नहीं रहूंगी, मैं तुम्हारा मन बहलाने के लिए नहीं आई हूँ, मैं तो ताई के पास आई थी.
मैं बोला - पडोसी होने का कुछ तो फर्ज बनता ही होगा तुम्हारा भी.
वो बोली - मैं तुम्हारी नियत को समझ चुकी हूँ, तुम मुझसे पहले तो कभी ऐसे बात नहीं करते थे.
मैं - आज से पहले कभी जरूरत ही महशुश नहीं हुई थी इसलिए.
वो - अच्छा तो आप अपनी जरूरत को ही ज्यादा महत्त्व देते हो क्या?
मैं - नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है, आज से पहले मैं कभी घर पर अकेला नहीं रहा था, शायद इसलिए.
वो - अच्छा तो आज आप घर पर अकेले है इसलिए मुझसे ऐसे बोल रहे है.
मैं - नहीं यार ऐसा नहीं है.
वो - अच्छा अब मुझे यार भी कहने लग गए. शाम तक तो पता नहीं क्या - क्या कहोगे.
मैं - Sorry, गलती हो गई.
वो - तो आपको इस गलती की सजा तो मिलनी ही चाहिए.
मैं - तुम जो चाहो मुझे सजा दे सकती हो.
वो - ठीक है जाओ तुम्हे माफ़ किया.
यह कहकर वो जाने लगी तो मैंने उससे कहा - आपने आने का कारण तो बताया ही नहीं.
वो - मैं बता तो चुकी हूँ कि मैं ताई के पास आई थी.
मैं - यदि ताई से कुछ निजी काम ना हो तो मुझे भी बता सकती हो कि ताई के पास किस काम से आई थी.
वो - मैं अक्सर ही ताई के पास आती हूँ और आज मेरा गुड़ खाने का मन कर रहा था, घर पे गुड़ था नहीं इसलिए ताई के पास आ गई, आपके यहाँ तो काफी सारा गुड़ रखा रहता है.
मैं - हाँ, हमारे यहाँ तो बहुत सारा गुड़ है लेकिन....
वो - लेकिन क्या...
मैं - गुड़ तो पड़छत्ती में रखा है, उसे उतारने के लिए पड़छत्ती में चढ़ना पड़ेगा.
वो - ठीक है तो इसमें क्या है, आप चढ़ जाओ.
मैं - नहीं, बिना सीढ़ियों के मैं कभी चढ़ा ही नहीं, लेकिन हाँ यदि तुम चढ़ो तो मैं निचे से तुम्हे सहारा जरुर दे सकता हूँ.
वो - ठीक है, लेकिन तुम कोई ऐसी - वैसी हरकत नहीं करना. समझे क्या?
मैं - ठीक है.
वो पड़छत्ती पर चढ़ने लगी, मैंने उसे उसकी गांड के पास से पकड़ा और ऊपर उठा दिया. उसने झट से लपक कर पड़छत्ती के दरवाजे को खोल दिया और पड़छत्ती में चढ़ गई.
वो - यहाँ तो बहुत अँधेरा है, मुझे दर लग रहा है, मुझे निचे उतार दो.
मैं - रुको, मैं भी ऊपर आने की कोशिश करता हूँ.
यह कहकर मैं भी झट से पड़छत्ती में चढ़ गया.
वो - तुमने तो कहा था कि तुम चढ़ नहीं सकते हो.
मैं - हाँ लेकिन तुम्हारी बहादुरी देखकर मुझे भी जोश आ गया.
फिर मैंने उससे कहा - लो अब आप गुड़ के मिल में पहुँच चुकी हो, जितना चाहो खा लो.
वो गुड़ खाने लगी और बोली - यहाँ तो बहुत अँधेरा है, यदि तुम्हारी नियत खराब हो गई तो तुम तो मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो, अब मैं क्या करूँ.
फिर क्या था मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी और खिंचा और उसे किस करने लगा वो कुछ नहीं बोली क्योंकि शायद उसके नीचे भी आग लग रही थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर मैंने उसके होंठ बाईट करना शुरू कर दिए, फिर मैंने उसका कुरता उतारा और उसके बूब्स को अपने हाथ में पकड़ कर चूसने लगा, यार क्या सिल्की बूब्स थे उसके फिर फिर मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया.. क्या लग रही थी वो यार.
उसकी मोटी गांड देख कर मेरा लंड आसमान छू रहा था, फिर मैं उसकी टाइट गांड को पकड़ कर दबाने लगा और उसकी चूत चाटने लगा, वो भी काफी उत्तेजित हो रही थी, क्योंकि उसकी चूत से सफ़ेद पानी आ रहा था, वो काफी गरम हो रही थी.
फिर उसने मुझसे भी नंगा होने को कहा तो मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए. उसने अपने हाथ से मेरा अंडरवियर उतारा और झट से मेरे लंड को अपने मुह में ले लिया और उसे चूसने लगी फिर मुझ से रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड पकड़ा और उसके चूत पर रख दिया और फिर धीरे से अपना लंड अन्दर डाला और डालते ही वो चिल्ला उठी और उसकी चूत से खून आने लगा और बोली की धीरे से करो फिर मैं उसका मुह बंद कर के अचानक से अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
वो दर्द के मारे चिल्ला उठी और उसकी चूत से खून आ रहा था फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो फिर मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर - बाहर करने लगा, फिर उसे भी मजा आने लगा. कुछ देर बाद जब मेरा निकलने वाला हुआ तो फिर मैंने अपना लंड बाहर निकल कर उसके मुह में डाल दिया और फिर अन्दर बाहर करने लगा और फिर अपना सारा माल उसके मुह में छोड़ दिया और मैं वहीँ पर लेट गया वो भी मेरे पास ही थी.
फिर उसकी मोटी गांड देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने कहा - सोनिया अब तेरी गांड मारूँगा और फिर उसे नीचे झुका दिया और उसकी मोटी गांड पर किस किया और उसकी गांड के बीच में अपना लंड रखा, उसकी गांड बहुत टाइट थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाला और अन्दर बाहर करने लगा वो भी आह्ह्ह्ह… उह्ह्ह्ह… चोदो मुझे कह रही थी फिर कुछ देर बाद मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया और फिर कुछ देर बाद हम दोनों पड़छत्ती से नीचे उतरे और वो मुझे किस करके अपने घर चली गई.
उस दिन के बाद मेरे दिमाग में बस उस का ख्याल आता था कि अब उसे कब चोदा जाएँ उसके बूब्स और मोटी गांड को देख कर मैं आज भी मुठ मारता हूँ. और जब भी उसे मौका मिलता है मैं उसे चोदकर काफी मजे करता हूँ.
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