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मेले में मंदिर के पीछे बेरहमी से चोदा Mele me mandir ke pichhe berahmi se choda
मेले में मंदिर के पीछे बेरहमी से चोदा Mele me mandir ke pichhe berahmi se choda , मेले में चुदाई , मंदिर के पास चुदी , सहेली के साथ मेले में चुदवा ली , चुदास चुद्क्कड़ बनी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हाय फ्रेंड्स आज मैं अपनी आप बीती सुनाने जा रही हूँ मैं 22 साल की लड़की हूँ मेरा नाम है मीता. मेरा साइज़ है 34, 30,36. मैं सुंदर बहुत हूँ और सेक्सी भी ऐसा सभी कहते है मुझसे. एक दिन मैं मेरी सहेली के साथ मेले मे चली गई। बहुत बड़ा मेला था. उस दिन मैं एक नेट वाली साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज मे थी, वो ब्लाउज कम ब्रा जैसा ज़्यादा था, पीछे से पूरा खुला था. मेले मे एक लड़का मिला नाम अभी तक नही जानती उसका. वो मुझे घूर रहा था, मैने भी उसे देख कर स्माइल कर दिया. बस वो मेरे पीछे पीछे चलने लगा. वो बार बार भीड़ का फायदा ले कर मेंरी गांड पर हाथ घूमाता था, मैं भी कुछ रियेएक्ट नही करती थी जब भी उससे नज़र मिलती बस मुस्कुरा देती थी.
हाय फ्रेंड्स आज मैं अपनी आप बीती सुनाने जा रही हूँ मैं 22 साल की लड़की हूँ मेरा नाम है मीता. मेरा साइज़ है 34, 30,36. मैं सुंदर बहुत हूँ और सेक्सी भी ऐसा सभी कहते है मुझसे. एक दिन मैं मेरी सहेली के साथ मेले मे चली गई। बहुत बड़ा मेला था. उस दिन मैं एक नेट वाली साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज मे थी, वो ब्लाउज कम ब्रा जैसा ज़्यादा था, पीछे से पूरा खुला था. मेले मे एक लड़का मिला नाम अभी तक नही जानती उसका. वो मुझे घूर रहा था, मैने भी उसे देख कर स्माइल कर दिया. बस वो मेरे पीछे पीछे चलने लगा. वो बार बार भीड़ का फायदा ले कर मेंरी गांड पर हाथ घूमाता था, मैं भी कुछ रियेएक्ट नही करती थी जब भी उससे नज़र मिलती बस मुस्कुरा देती थी.
मैने बाल खुले रखे थे और जब उसे देखती तो बालो को आगे कर लेती. अब मेले मे सारे लड़के ऑलमोस्ट मुझे ही देखने लगे. लेकिन वो हमेशा मेरे साथ ही रहता था. शायद मेरी सहेली को ये सब पता नही चल रहा था. फिर मैं उपर वाले झूले पर बैठने गयी, मेरी सहेली ने मना कर दिया तो मैं अकेली ही गयी. फिर लाइन मे वो लड़का मेरे पीछे ही खड़ा हो गया. वो मुझसे पूरा चिपक कर खड़ा हो गया. वो मेरी गांड में अपना खड़ा लंड चुभाने लगा. मैं थोड़ा आगे बड़ी तो उसने कमर पर बँधी साड़ी मे उंगली डाल कर पीछे खीच लिया.
फिर मैं भी चिपक गयी उससे. इतने मे मेरी सहेली आई तो मैं थोड़ा घूम कर खड़ी हो गयी. मेरी सहेली मुझसे बोली कि तुम झूले में झूलो मैं थोड़ी देर मे आती हूँ. वो चली गई. फिर वो लड़का कभी मेरी नंगी कमर पर हाथ घूमाता तो कभी मेरी नंगी पीठ पर हाथ फेरता था. मेरे आगे के लड़के भी घूम कर मुझे देख रहे थे क्योकी मेरी आधी चुचियां तो नेट की साड़ी में साफ दिख रही थी. जब झूले पर बैठे तो वो भी मेरे साथ ही बैठ गया. जैसे ही थोड़ा उपर गये उसने मेरी कमर मे हाथ डाल दिया और ज़ोर से दबाने लगा, मैं सिर्फ़ चारो ओर देख कर हंस रही थी और देख रही थी कही ये सब मेरी सहेली देख तो नही रही है. थोड़ी देर मे वो मेरी जाँघो पर हाथ घूमाने लगा.
फिर जांघो के बीच हाथ डाल कर ज़ोर से मेरी जाँघ भी दबाने लगा, अब मुझे थोड़ा दर्द भी हो रहा था. एक बार तो उसने इतना ज़ोर से दबाया की मेरी आँख मे पानी आ गया. जब तक हम बहुत उपर चले गये थे उसने जल्दी से मेरा हाथ ले कर अपनी पेन्ट मे घुसा दिया, उसका लंड पूरा लोहे की तरह टाइट था. और आगे से गीला हो गया था. मैं अंदर ही उसका लंड हिलाती रही, एक बार उसने मेरे बाल पकड़ कर अपनी गोद मे खीचा तो मैने इशारे से मना कर दिया और पूरे झूले मे उसका लंड हिलाती रही. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर जब हम नीचे उतरे तो मेरी सहेली को देखा तो वो नही मिली.
वो लड़का भी मेरे पीछे ही था. उसने मेरी कमर मे हाथ डाला और खीच कर एक साइड मे ले गया. मेले के पास मे एक मंदिर था लेकिन वहा पर कोई नही था. वो मुझे उस मंदिर के पीछे ले गया, मैं जाने लिये तैयार नही थी पर वो खीच रहा था इसलिये मैं जाती रही, जाते ही उसने मुझे दबा कर नीचे बिठा दिया और अपना लंड मेरे मुँह मे डाल दिया. मैं भी उसका लंड मज़े लेकर चूसने लगी. वो अपना लंड ज़ोर ज़ोर से मेरे मुँह मे मारने लगा, मुझे उल्टी आने लगी और ख़ासी भी पर वो इन सब की परवा किये बिना मेरे मुँह मे लंड डाले जा रहा था. अचानक उसके एक झटके से मेरी जीभ कट गयी, जब उसने थोड़ा खून देखा तो छोड़ दिया और मुझे उठा कर घुमा दिया. और पीछे से पकड़ कर मेरी चुचियो को दबाने लगा. वो अपनी पूरी ताक़त से मेरी चुचियां दबा रहा था, मैं थोड़ी आवाज़ निकालने लगी, फिर उसने मुझे आगे को झुकाया और मेरी गांड को पीछे खीचा.
मैं मंदिर के चबूतरे के सहारे झुकी हुई थी और वो मेरी गांड को साड़ी के उपर से ही लंड चुभा रहा था. तभी उसने ज़ोर ज़ोर से मेरी गांड पर मारना शुरू किया अपने बड़े बड़े हाथो से. अब मुझे सच मे बहुत दर्द हो रहा था, मै चाहती थी की वो अलग अलग जगह पर मारे पर वो मेरी सीधे चूतड़ पर एक ही जगह मारने लगा. फिर एक बार जब उसने बहुत ज़ोर से मारा तो मैं गिर गयी. उसने फिर वैसा ही किया मुझे और अपने पैर को मेरे दोनो पैरो के बीच में डाल कर उन्हे खोलने लगा, वो तब तक मेरे पैर फैलाता रहा जब तक मैने इशारे मे ना नही बोल दिया फिर उसने मेरी साड़ी पीछे से पूरी उठा दी अब मेरी गांड उसके सामने पूरी नंगी थी. फिर वो उसी जगह पर हाथ घूमाने लगा जहाँ मारा था मुझे जलन हो रही थी.
अब उसने मेरी चूत पर थूका और अपना मोटा लंड एक ही झटके मे पूरा डाल दिया मैं आगे से लड़खड़ा गयी दर्द इतना हुआ की मेरे हाथ कापने लगे. मेरी आँखों से आसूं निकल आये. अब वो ज़ोर ज़ोर से झटका मारने लगा. मैने वहा से भागने की कोशिश की तो उसने मेरी कमर को पकड लिया और ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा. फिर उसने मेरे बाल पकड़ लिये और मुझे कुतिया जैसे चोदने लगा उसने आख़री तक मेरे बाल नही छोड़े और उन्हे खीचता रहा. एक बार मैं पीछे से उठ गयी तो उसने अपनी कोहनी से मेरी कमर दबा दी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। करीब 35 मिनिट लगातार चोदने के बाद उसने अपना पानी मेरी चूत मे पूरा अंदर तक छोड़ दिया, और फिर वही मुझे धक्का दे कर निकल गया और मैं उसका नाम भी नही पूछ पाई,उसने मुझे एकदम रंडी की तरह स्टाइल में चोदा था.
अब मैं परेशान थी, कपड़े खुल गये थे वहा पूरा अंधेरा था, मेरे बाल उलझ गये थे, और मेरी चूत मे से ढेर सारा पानी मेरी जाँघो पर आने लगा था. मैने जल्दी से अपने कपड़े और बाल ठीक किये और वहा से निकल कर मेले मे चली आई. वहा झूले के पास मेरी सहेली इधर उधर देख रही थी. मैं उसके पास गयी लेकिन कुछ बात नही कर पाई वहा शोर बहुत था. अब हम घर की ओर चल दिये, मैं धीरे चल रही थी क्योकि मेरी चूत मे से पानी निकलना अब तेज़ हो गया था और मुझे अज़ीब सा फील हो रहा था.
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