Home
» Hindi Short Stories For Adults बहाने बनाकर चुदाई करवाने वाली कहानियां Chudne ke bahane stories
» अब्बू कभी हमारी भी चूत में लण्ड पेलो - Abbu kabhi mujhe bhi chod diya karo
अब्बू कभी हमारी भी चूत में लण्ड पेलो - Abbu kabhi mujhe bhi chod diya karo
अब्बू कभी हमारी भी चूत में लण्ड पेलो - Abbu kabhi mujhe bhi chod diya karo , बाहर की औरतों की गांड मारते हो , दूसरों की बेटियों को चोदते हो , कभी अपनी बेटी की चूत बुर गांड भी मार लिया करो , अन्तर्वासना कामवासना की स्टोरी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
आपको यह जानकार बड़ी हैरानी होगी की मैं अब्बू को हर तरह की गालियां देती हूँ, मादर चोद, बहन चोद, तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बिटिया की बुर, तेरी बहू की चूत, कुत्ते, कमीने मैं किसी दिन तेरी झांटें उखाड़ लूंगी वगैरह वगैरह। जानते हो क्यों ? क्योंकि मेरा अब्बू साला है बहुत हरामी ? उससे ज्यादा हरामी उसका लण्ड है बहन चोद। वह नए नए कपल्स के बीच में झगड़ा करवा देता है। मियां बीवी के बीच में झगड़ा करवाता है। मियां को अलग उकसाता है और बीवी को अलग। फिर मियां से कहता है की तुम अपनी बीवी को तलाक दे दो। तलाक देने का बाद वह दोनों की सुलह करवाने की कोशीश करता है। जब दोनों आपस में मान जाते हैं तो कहता की अब तुम अपनी बीवी का हलाला करवाओ। फिर उससे तलाक दिलवाकर दुबारा अपनी बीवी के निकाह कर लो। सबसे बड़ी बात तो यह है की वह खुद ही हलाला करता है। हलाला करने का मतलब है की वह उसकी बीवी कई दिनों तक चोदता रहता है फिर एक दिन उसे तलाक देकर उसका निकाह अपने पुराने शौहर से करवा देता है।
दिन में मियां बीवी के बीच झगड़ा करवाता है और फिर रात में हलाला करवाने की सलाह देता है। इस तरह का गन्दा खेल मेरा अब्बू खेला करता है। नतीजा यह होता है की हर दूसरे दिन एक नयी बीवी का हलाला करता है। मतलब यह की हर दूसरे दिन एक नयी बीवी चोदता है। उसका लण्ड साला इतना लंबा चौड़ा है की हलाला करवाने वाली बीवियों की लाइन लग जाती है। बेशरम इतना है की चोदते समय खिड़की दरवाजा सब खुला रखता है ताकि घर के सब लोग उसकी चुदाई देख सकें और मज़ा ले सकें। घर की सभी बहू बेटियां बीवियां उसका यह कारनामा देखती रहतीं हैं। हलाला के नाम मेरा अब्बू मादर चोद रंडी बाज़ी करता है। एक से एक खूबसूरत बीवियां हलाला के नाम पर चोदता है। हम सब लोगों की झांटें सुलग जाती है उसका यह कारनामा देख कर। इसकी बहन का भोसड़ा ? इसका लण्ड भोसड़ी का लण्ड ९" लम्बा और ६" मोटा है। लण्ड साला बड़ा खूबसूरत है बस इसी के दम पर वह हमारे सामने ही दूसरों की बीवियां हलाला के नाम पर बड़ी बेशर्मी से चोदा करता है।
इतने बढ़िया लण्ड का मज़ा ये बुर चोदी बाहर वाली बीवियां लूट ले जातीं हैं और यहाँ हम सब लोग ऐसे लण्ड के लिए तरसती रहतीं हैं। मन करता है की इसकी गांड के घुसेड़ दूं किसी गधे का लण्ड ? तब इस भोसड़ी वाले को पता चलेगा ? मैं इसीलिए अब्बू को खूब गालियां देती हूँ और कहती हूँ की कभी हमारी भी चूत में लण्ड पेलो। कभी हमें भी चोदो। हमारी भी माँ चोदो, बहन चोदो, खाला का भोसड़ा चोदो, उसकी बिटिया की बुर चोदो, अपनी बहू की बुर चोदो अब्बू, फूफी की बुर ले लो उसकी बेटी बहू की चूत में लौड़ा पेलो, मेरी नन्द की बुर चोदो, मेरी सास के भोसड़ा में लौड़ा पेलो पर तू मादर चोद हमारी सुनता ही नहीं ?
एक दिन रूहानी नाम की एक बीवी हलाला करवाने आयी। वह सच में बेहड़ खूबसूरत थी, उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी थी और सुडौल थी, उसके चूतड़ भी बड़े बड़े थे और गांड भी मस्त थी। वह गोरी चिट्टी थी और मस्त चुदवाने वाली थी। वह अब्बू से जिस तरह चुदवा रही थी वह वाकई देखने वाला था। अब्बू को भी उसे चोदने में मज़ा आया. उसे तो इतना मज़ा आया की उसने उसे तलाक देने से मना कर दिया। वह अपने पहले वाले शौहर के पास नहीं जा सकी. अब्बू ने साफ साफ़ कहा की अब मैं इसे अपनी बीवी ही बना कर रखूंगा और खूब चोदूंगा। रूहानी बिचारी अपने शौहर के पास नहीं जा सकी जब की वह अपने शौहर से दिलो जान से मोहब्बत करती थी। रूहानी को अब्बू का यह फैसला अच्छा नहीं लगा । वह मन ही मन अब्बू से नाराज़ हो गयी और उसी तरह से बर्ताव करने लगी। दूसरे दिन जब अब्बू ने उसे चोदा तो उसने ठीक से नहीं चुदवाया।
अब रूहानी मेरी नई अम्मी हो गईं। मैंने उससे दोस्ती बना ली। उससे खुल कर बातें करने लगी। हंसी मजाक और गन्दी गन्दी बातें भी करने लगी।
एक दिन वह बोली - बेटी रिया, तेरी माँ की चूत, तेरी माँ का भोसड़ा। मैं अब चुप नहीं रहने वाली। मैं तेरे अब्बू को सबक सिखाऊंगी।
इसी बीच एक दिन जब अब्बू घर आया तो उसने देखा की उसकी बीवी रूहानी एकदम नंगी नंगी किसी आदमी का लण्ड पी रही है और मैं उसका साथ दे रही हूँ। मैं भी मादर चोद उस समय नंगी थी और उस आदमी के पेल्हड़ चाट रही थी।
अब्बू बोला - रूहानी बेगम, तुम मेरी बीवी हो ? तुम किसी और का लण्ड कैसे पी सकती हो ?
रूहानी अम्मी बोली - तू भोसड़ी का मेरा शौहर है तू किसी और की बीवी कैसे चोद सकता है ? यहाँ हर दूसरे दिन किसी और की बीवी लाकर उसकी बुर में लण्ड पेलता है तू । रोज़ रोज़ बीवियां बदल बदल कर चोदता है तू ? तो मैं भी अब अदल बदल कर कई मर्दों से चुदवाऊंगी और तू मेरी एक झांट भी टेढ़ी नहीं कर सकता ?
तब तक अब्बू के मुँह से निकला - रिया तू भी अपनी नई अम्मी का साथ दे रही है, माँ की लौड़ी ?
मैंने कहा - तेरी बहन का भोसड़ा, अब्बू ? तेरी बहन की बिटिया की बुर ? तू क्या समझता है की तेरे पास ही ९" लण्ड है ? तुझे अपने लण्ड पर इतना घमंड है तो मैं किसी दिन तेरा लण्ड चोदूँगी अब्बू जान और देखूंगी की तेरे इस मादर चोद लण्ड में कितना दम है ? तुझे मालूम नहीं है की जाने कितने मर्दों के पास ९" का लण्ड है ? अब केवल मैं ही नहीं बाकी घर की सभी बहू बेटियां बीवियां ऐसे ही मर्दों से चुदवाया करेंगीं जिनके लण्ड ९" + के हों और मोटे भी हों ? ऐसे लण्ड बहुत हैं और हमें आसानी से मिलने लगे हैं। तू भोसड़ी का अपना लण्ड सिर्फ हलाला करने के लिए रख ले ?
रूहानी अम्मी ने कहा - हां हां मुझे भी अब तेरे लण्ड की जरुरत नहीं है। मेरी चूत को तो तू अब छू भीं नहीं पायेगा। अगर जुर्रत की तो मैं किसी दिन गधे का लण्ड तेरी गांड में घुसा दूँगी।
अब्बू जान की गांड फटने लगी।
रूहानी अम्मी फिर बोली - अब तू बैठ मेरे सामने और अपनी चुदती हुई बीवी की बुर देख, साले कुत्ते, कमीने ? तूने अभी तक घर की चूत की कोई क़द्र नहीं की ? किसी भी चूत में लण्ड नहीं पेला। किसी की बुर नहीं चोदी ? अब किसी को भी तेरे लण्ड की जरुरत नहीं है। अपनी गांड में डाल ले अपना लण्ड ?
ऐसा कह कर रूहानी अम्मी ने उस आदमी का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया और चुदवाने लगी. मैं भी उसके पेल्हड़ सहलाने लगी और बीच बीच में लण्ड चूत से निकाल कर चाटने लगी , मेरी खाला, उसकी बेटी और मेरी फूफी जान मेरे सामने बैठी हुई चुदाई बड़े मजे से देखने लगीं। थोड़ी देर में रूहानी अम्मी ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मैं भी चिल्ला उठी हाय अम्मी जान फट गयी तेरी बिटिया की बुर। इस मादर चोद ने एक ही बार में पेल दिया पूरा लण्ड। मेरी छोटी सी चूत में इतना बड़ा लण्ड ? अब मैं आगे कैसे चुदवाऊंगी ? मर गयी मैं। इसी बीच उस आदमी ने १०/१२ बार लण्ड अंदर बाहर किया तो रास्ता साफ़ हो गया और चिकना भी हो गया तो मुझे मज़ा आने लगा। मैंने कहा हां अब ठीक है अंकल अब धकाधक चोदो मेरी बुर। अपनी बीवी समझ कर चोदो मेरी बुर, अपनी भाभी की बुर की तरह चोदो मेरी बुर , जैसे अभी मेरी रूहानी अम्मी की बुर चोद रहे थे वैसे ही चोदो मेरी बुर। मैं भी अपनी गांड उठा उठा के एक मस्त रंडी की तरह चुदवाने लगी ,
खाला जान बोली - वाओ, रिया बुर चोदी अभी से इतनी अच्छी तरह चुदवा लेती है।
फूफी ने कहा - अरे ये भोसड़ी की जाने कब से लड़कों के लण्ड पी रही है। लण्ड पीते पीते इसने चुदवाना भी अच्छी तरह सीख लिया।
तब तक फूफी के बेटी बोली - अरे अम्मी जान ये तो मेरे अब्बू से भी चुदवाती है। लण्ड पीती है मेरे अब्बू का ?
तब तक मैं अंकल के लण्ड पर बैठ गयी और मस्ती से लण्ड चोदने लगी। मेरा अब्बू सच में सामने बैठा हुआ अपनी बेटी और बीवी की चुदाई देख रहा था। इतने में मैंने लण्ड अपनी चूत से निकाल कर रूहानी अम्मी की बुर में घुसेड़ दिया। वह फिर मस्ती से चुदवाने लगी। हम दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी। लण्ड जब झड़ने लगा तो फूफी की बेटी से रहा न गया। वह दौड़ कर आ गयी और मेरे साथ झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। हम दोनों ने लण्ड खूब चाटा और सारा वीर्य पी गयी। फूफी की बेटी भी लण्ड पीने में अव्वल है।
दो दिन बाद रूहानी अम्मी ने शाम को ३ हट्टे कट्टे मरद बुला लिया। घर में खाला रहीमा, खालू असरफ और उसकी बिटिया रूही और रूही का मियां रौनक था, फूफी फरीदा उसकी बेटी नज़मा और नज़मा का मियां शाहरुख़ था । उन ३ मर्दों के नाम थे अली, रज्जाक और फ़राज़। तीनो साले बड़े हैंडसम और खूबसूरत थे। मजे की बात यह थी की देखने में मुसलमान नहीं लग रहे थे। न तो दाढ़ी थी और न ही मूंछ। मुझे क्लीन सेव वाले आदमी अच्छे लगते हैं। रूहानी अम्मी ने उन्हें हम सबसे मिलवाया। एक का नाम था अली दूसरे का रज्जाक और तीसरे का फ़राज़। उनकी उम्र भी २५ से ३५ साल तक ही होगी। मैं मन में सोंचने लगी की अगर इन लम्बे चौड़े आदमियों के लण्ड भी लम्बे चौड़े हों तो मज़ा आ जाये ?
रात हो गयी थी। रूहानी तो अपनी चूँचियाँ खोले हुए घूम रही थी। खाला जान और फूफी ने भी अपनी अपनी चूँचियाँ खोल दीं। ये दोनों भी मस्त जवान थीं। लगभग 44 / 45 की बस। इनकी बेटियां भी अपने कपड़े उतारने लगी और मैं भी नंगी होने लगी। मुझे तो वैसे भी मर्दों से आगे नंगी होने में बड़ा मज़ा आता है। वो तीनो मरद भोसड़ी वाले हमारी चूँचियाँ टक टकी लगा कर देख रहे थे। मैं अली की तरफ बढ़ी और उससे लिपट गयी। उसका लौड़ा ऊपर से ही टटोलने लगी। रूहानी अम्मी ने खालू की तरफ हाथ बढ़ा दिया और उसे अपनी तरफ खींच लिया। खाला का दिल रज्जाक पर आ गया। वह रज्जाक के पैजामे में हाथ घुसेड़ने लगीं। उसकी बेटी रूही शाहरुख़ की सामने आ गयी और उसका हाथ पकड़ कर अपनी चूँचियों पर रख दिया। शाहरुख़ नज़मा ( फूफी की बेटी ) का मियां था। नज़मा इतने में रूही के मियां का लौड़ा पजामा के ऊपर से ही दबाने लगी। इस तरह सबने गैर मरद से चुदवाने का इरादा बना लिया।
मैंने सबसे पहले अपना घाघरा उतारा और मेरी चूत सबके आगे नंगी हो गयी। फिर एक एक करके अम्मी जान खाला जान और फूफी जान भी नंगी हो गयीं। आखिर में उनकी बेटियां भी। हम सब को नंगी नंगी देख कर मर्दों के लण्ड टन टना उठे और तब हम सब उन्हें नंगा करने लगीं । सबसे पहले अम्मी ने खालू को नंगा किया और उसका लण्ड हिला हिला कर सबको दिखाया। फिर खाला ने रज्जाक का लौड़ा नंगा कर दिया और फूफी ने फ़राज़ का लौड़ा ? रूही शाहरुख़ का लण्ड निकाल कर चाटने लगी और नज़मा रौनक का लण्ड हिला हिला कर चूमने चाटने लगी। हम एक दूसरे के हाथ का लण्ड भी देखने लगी और अपने हाथ के लण्ड का मज़ा लेने लगीं। मजे की बात यह थी की किसी लण्ड पर कोई झांट नहीं थीं। चिकने लण्ड खूबसूरत भी लगतें हैं और बड़े बड़े भी।
इतने में मेरा अब्बू भी आ गया। वह सामने बैठ कर हमारी चुदाई देखने लगा। उसको किसी ने भी कोई घास नहीं डाली। मैंने कहा रूहानी अम्मी अली का लौड़ा तो सच में बहुत बड़ा है। ये अगर मेरी चूत में घुसेगा तो चूत तो बहन चोद फट जाएगी। वह बोली बेटी रिया लौड़ा तो घुसेगा अब तेरी चूत फटे चाहे तेरी माँ का भोसड़ा ? अब तो अली तेरी बुर चोद कर ही जायेगा। और ये देखो तेरे खालू का लौड़ा भी तो बड़ा मस्त है। इसने कभी तेरी बुर चोदी रिया ? मैंने कहा हां अम्मी जान चोदी है। ये तो बहन चोद बड़ा चोदू आदमी है। अपनी बिटिया की बुर भी चोद डालता है। उधर खाला रज्जा का लौड़ा पेल कर अपना भोसड़ा चुदवाने लगी. उसकी बेटी रूही ने नज़मा के मियां का लौड़ा अपनी चूत में घुसा धकाधक चुदवाने लगी। नज़मा भी रूही के मियां का लण्ड अपनी बुर में पेले हुए सबके सामने चुदवाने लगी।
फूफी जान तो फ़राज़ के लण्ड पर मर मिटी। वह बोली हाय रिया फ़राज़ का लौड़ा बिलकुल तो बिलकुल तेरे अब्बू के लौड़े की तरह है। देखो न कैसे घोड़े के लण्ड की तरह हिनहिना रहा है। फूफी ने उसे अपने भोसड़ा में घुसाया और अपनी बेटी के सामने ही भकाभक चुदवाने लगी। अब पूरे हाल में चुदाई की आवाज़ें आने लगीं और उन आवाज़ों को सुन लोगों को जोश आने लगा।
मैंने जब गौर से देखा तो मुझे लगा की रूहानी अम्मी के लाये हुए मर्दों के लण्ड सबसे ज्यादा बड़े और मोटे हैं। अली का लौड़ा तो मेरे हाथ में ही था। रज्जाक का लौड़ा खाला का भोसड़ा चोद रहा था और खाला की जान निकली जा रही थी। फ़राज़ के लण्ड ने तो फूफी के भोसड़ा में चीथड़े उड़ा रहा था। फूफी की तो चुदवाते चुदवाते गांड फटी जा रही थी।
वह अपनी बेटी से बोली - बेटी नज़मा तू बुर चोदी बड़ी मस्ती से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही है ? तुझे शर्म नहीं आती ? देखो न कैसे गचर गचर चोद रहा है ये मादर चोद फ़राज़ तेरी माँ का भोसड़ा ? उसकी बेटी नज़मा बोली - तू भोसड़ी की अम्मी जान तेरी बिटिया की बुर भी तो चुद रही है। तुझे अपने बेटी चुदवाने मे बड़ा मज़ा आता है न। कल तूने उसकी बुर में अपने देवर का लण्ड पेल दिया था और आज इस बहन चोद रूही के मियां से अपनी बिटिया की बुर चुदवा रही है तू ? तेरी बिटिया की माँ की चूत, अम्मी ? इसी तरह की प्यार भरी गाली गलौज करती हुई हम सब धकाधक चुदवाने में जुटी हुई थीं और हमारे सामने ही मेरा अब्बू बैठे बैठे हमारी चुदाई देखा रहा था। वह ललचा भी रहा था। उसका लौड़ा भी खड़ा था पर उसे पकड़ने वाला कोई नहीं था। उसे अपनी गलतियों का अहसास होने लगा था। पहले सब इससे चुदवाने को तैयार थीं तब ये साला किसी को चोदता नहीं था बस अपनी नई नई हलाला करवाने वाली बीवियों को ही चोदता था और आज जब ये सबको चोदने के लिए तैयार तो इससे कोई चुदवाने को राज़ी नहीं है।
अब्बू तो बस सबको नंगी नंगी देख कर सब्र करना पड़ रहा है। उसके पास सिर्फ सड़का मारने के अलावा कुछ और बचा नहीं है। वह सोंचने लगा की अगर मैं रुहाना को तलाक देता हूँ तो उसे फिर कभी नंगी भी नहीं देख पाऊंगा। और अगर तलाक नहीं देता हूँ तो वह मुझसे कभी चुदवायेगी नहीं ? इसी पशोपेश में वह बैठा हुआ अपना लण्ड हिला रहा था।
इतने में इधर मैंने रुहाना अम्मी से खालू का लण्ड ले लिया। अम्मी ने खाला के भोसड़ा से रज्जाक का लौड़ा लेकर अपनी चूत में घुसा लिया। खाला ने अपनी बेटी की बुर से शाहरुख़ का लौड़ा निकाल कर अपनी बुर में पेल लिया। उसकी बेटी ने फूफी के भोसड़ा से फ़राज़ का लौड़ा निकाल कर अपनी चूत में घुसा लिया। फूफी ने भी अपनी बेटी की बुर से रौनक का लौड़ा निकाला और उसे अपनी चूत में पेला। वह मस्ती से सटासट चुदवाने लगी। फूफी की बेटी ने मेरे हाथ से अली का लौड़ा छीन लिया और उसे अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी। कितना मजेदार और मस्त था इस सामूहिक चुदाई का नज़ारा ?
कुछ दिन बाद अब्बू के पास हलाला की बीवियों का आना कम हो गया। वह भी मायूस रहने लगा। न घर की उसे कोई चूत मिलती और न बाहर की ? एक दिन मैंने रूहानी अम्मी से कहा यार क्यों न अब्बू का लण्ड चोदें क्यों की अब उसे पछतावा हो की मैंने घर की चूत को तबज्जो क्यों नहीं दी। अम्मी का भी दिल पसीज गया. वह बोली हां रिया चलो आज रात को उसका लौड़ा चोद लेती हूँ। मैंने जब उससे कहा की आज मैं तेरा लौड़ा चोदूँगी अब्बू जान तो उसका चेहरा खिल उठा। उसने चेहरे पर रौनक आ गयी।
शाम को ही ज़मीन पर गद्दा चादर बिछा दी गयी। मसनद तकिया वगैरह लगा दी गयी और तौलिया भी रख दी गयी. चुदाई का सारा इंतज़ाम कर दिया गया। रात को करीब १० बजे मैं अब्बू को लेकर वहां आ गयी। मेरी रुहाना अम्मी भी आ गयी. मैंने अपने कपड़े खोलना शुरू किया। रुहाना अम्मी अब्बू के कपड़े उतारने लगी। जब वह पूरा नंगा हो गया तो उसका लौड़ा खड़ा हो गया। अम्मी उसे हिलाने लगी और मस्ती करने लगी। तब तक मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मैंने अम्मी को एकदम नंगी कर दिया। उसे नंगी देख कर अब्बू का लौड़ा और तन कर खड़ा हो गया। अम्मी जान ने अब्बू को ज़मीं पर चित लिटा दिया और अपनी चूत अब्बू के मुंह पर रख दी। अब्बू ख़ुशी ख़ुशी बुर चाटने लगा। इधर मैं भी उसका लौड़ा चाट रही थी। लौड़े का सुपाड़ा चाट रही थी और पेल्हड़ भी चूम रही थी।
बस थोड़ी देर में मैं उसके खड़े लण्ड पर बैठ गयी। लण्ड बहन चोद चूत में पूरा घुस गया और मैं मस्ती से अपनी गांड उसके ऊपर चारों तरफ से घुमाने लगी। मैं थोड़ा आगे झुकी और अपनी गांड उठा उठा कर लण्ड पर पटकने लगी। मैं मादर चोद दनादन लण्ड चोदने लगी। अब्बू भी अपनी गांड से जोर लगा लगा कर अपना लण्ड चुदवाने लगा। कुछ टाइम के बाद अम्मी लण्ड पर बैठ कर लण्ड चोदने लगीं और मैं उसके मुंह पर बैठ कर अपनी बुर चटवाने लगी। रात में हम दोनों ने मिलकर उसके लण्ड की धज्जियां उड़ा दीं.
करीब २ बजे रात को खाला की बेटी रूही आ गयी। उसने हमें अब्बू का लण्ड चोदते हुए देख लिया। फिर दूसरी पारी ने रूही ने भी अब्बू के लण्ड पर बैठ कर उसका लण्ड चोदा। उसके साथ उसका मियां रौनक भी था। हम दोनों ने मिलकर रूही की सामने ही उसके मियां का लण्ड चोदा।
मैंने कहा - तेरा भोसड़ी का लण्ड क्या हलाला करवाने वाली बीवियों के लिए ही है, अब्बू जान ? क्या हलाला की बीवियों के अलावा किसी और की बुर चोदने में तेरी गांड फटती है ? या फिर तेरा ये मादर चोद लण्ड किसी और की बुर चोदने के लिए खड़ा ही नहीं होता ? हलाला करवाने वाली बीवियों को चोदने में ठेका ले रखा है तूने ? तुझे दुनियां में किसी और की बुर दिखाई नहीं पड़ती ? किसी और की बहू बेटियां बीवियां चोदने का तेरा मन ही नहीं करता ? तू साला मादर चोद इतना ज्यादा हरामजादा हो गया है। जिस लण्ड पर तू इतना इतरा रहा है न अब्बू, वही लण्ड किसी दिन मैं चोदूँगी।
आपको यह जानकार बड़ी हैरानी होगी की मैं अब्बू को हर तरह की गालियां देती हूँ, मादर चोद, बहन चोद, तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बिटिया की बुर, तेरी बहू की चूत, कुत्ते, कमीने मैं किसी दिन तेरी झांटें उखाड़ लूंगी वगैरह वगैरह। जानते हो क्यों ? क्योंकि मेरा अब्बू साला है बहुत हरामी ? उससे ज्यादा हरामी उसका लण्ड है बहन चोद। वह नए नए कपल्स के बीच में झगड़ा करवा देता है। मियां बीवी के बीच में झगड़ा करवाता है। मियां को अलग उकसाता है और बीवी को अलग। फिर मियां से कहता है की तुम अपनी बीवी को तलाक दे दो। तलाक देने का बाद वह दोनों की सुलह करवाने की कोशीश करता है। जब दोनों आपस में मान जाते हैं तो कहता की अब तुम अपनी बीवी का हलाला करवाओ। फिर उससे तलाक दिलवाकर दुबारा अपनी बीवी के निकाह कर लो। सबसे बड़ी बात तो यह है की वह खुद ही हलाला करता है। हलाला करने का मतलब है की वह उसकी बीवी कई दिनों तक चोदता रहता है फिर एक दिन उसे तलाक देकर उसका निकाह अपने पुराने शौहर से करवा देता है।
दिन में मियां बीवी के बीच झगड़ा करवाता है और फिर रात में हलाला करवाने की सलाह देता है। इस तरह का गन्दा खेल मेरा अब्बू खेला करता है। नतीजा यह होता है की हर दूसरे दिन एक नयी बीवी का हलाला करता है। मतलब यह की हर दूसरे दिन एक नयी बीवी चोदता है। उसका लण्ड साला इतना लंबा चौड़ा है की हलाला करवाने वाली बीवियों की लाइन लग जाती है। बेशरम इतना है की चोदते समय खिड़की दरवाजा सब खुला रखता है ताकि घर के सब लोग उसकी चुदाई देख सकें और मज़ा ले सकें। घर की सभी बहू बेटियां बीवियां उसका यह कारनामा देखती रहतीं हैं। हलाला के नाम मेरा अब्बू मादर चोद रंडी बाज़ी करता है। एक से एक खूबसूरत बीवियां हलाला के नाम पर चोदता है। हम सब लोगों की झांटें सुलग जाती है उसका यह कारनामा देख कर। इसकी बहन का भोसड़ा ? इसका लण्ड भोसड़ी का लण्ड ९" लम्बा और ६" मोटा है। लण्ड साला बड़ा खूबसूरत है बस इसी के दम पर वह हमारे सामने ही दूसरों की बीवियां हलाला के नाम पर बड़ी बेशर्मी से चोदा करता है।
इतने बढ़िया लण्ड का मज़ा ये बुर चोदी बाहर वाली बीवियां लूट ले जातीं हैं और यहाँ हम सब लोग ऐसे लण्ड के लिए तरसती रहतीं हैं। मन करता है की इसकी गांड के घुसेड़ दूं किसी गधे का लण्ड ? तब इस भोसड़ी वाले को पता चलेगा ? मैं इसीलिए अब्बू को खूब गालियां देती हूँ और कहती हूँ की कभी हमारी भी चूत में लण्ड पेलो। कभी हमें भी चोदो। हमारी भी माँ चोदो, बहन चोदो, खाला का भोसड़ा चोदो, उसकी बिटिया की बुर चोदो, अपनी बहू की बुर चोदो अब्बू, फूफी की बुर ले लो उसकी बेटी बहू की चूत में लौड़ा पेलो, मेरी नन्द की बुर चोदो, मेरी सास के भोसड़ा में लौड़ा पेलो पर तू मादर चोद हमारी सुनता ही नहीं ?
एक दिन रूहानी नाम की एक बीवी हलाला करवाने आयी। वह सच में बेहड़ खूबसूरत थी, उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी थी और सुडौल थी, उसके चूतड़ भी बड़े बड़े थे और गांड भी मस्त थी। वह गोरी चिट्टी थी और मस्त चुदवाने वाली थी। वह अब्बू से जिस तरह चुदवा रही थी वह वाकई देखने वाला था। अब्बू को भी उसे चोदने में मज़ा आया. उसे तो इतना मज़ा आया की उसने उसे तलाक देने से मना कर दिया। वह अपने पहले वाले शौहर के पास नहीं जा सकी. अब्बू ने साफ साफ़ कहा की अब मैं इसे अपनी बीवी ही बना कर रखूंगा और खूब चोदूंगा। रूहानी बिचारी अपने शौहर के पास नहीं जा सकी जब की वह अपने शौहर से दिलो जान से मोहब्बत करती थी। रूहानी को अब्बू का यह फैसला अच्छा नहीं लगा । वह मन ही मन अब्बू से नाराज़ हो गयी और उसी तरह से बर्ताव करने लगी। दूसरे दिन जब अब्बू ने उसे चोदा तो उसने ठीक से नहीं चुदवाया।
अब रूहानी मेरी नई अम्मी हो गईं। मैंने उससे दोस्ती बना ली। उससे खुल कर बातें करने लगी। हंसी मजाक और गन्दी गन्दी बातें भी करने लगी।
एक दिन वह बोली - बेटी रिया, तेरी माँ की चूत, तेरी माँ का भोसड़ा। मैं अब चुप नहीं रहने वाली। मैं तेरे अब्बू को सबक सिखाऊंगी।
इसी बीच एक दिन जब अब्बू घर आया तो उसने देखा की उसकी बीवी रूहानी एकदम नंगी नंगी किसी आदमी का लण्ड पी रही है और मैं उसका साथ दे रही हूँ। मैं भी मादर चोद उस समय नंगी थी और उस आदमी के पेल्हड़ चाट रही थी।
अब्बू बोला - रूहानी बेगम, तुम मेरी बीवी हो ? तुम किसी और का लण्ड कैसे पी सकती हो ?
रूहानी अम्मी बोली - तू भोसड़ी का मेरा शौहर है तू किसी और की बीवी कैसे चोद सकता है ? यहाँ हर दूसरे दिन किसी और की बीवी लाकर उसकी बुर में लण्ड पेलता है तू । रोज़ रोज़ बीवियां बदल बदल कर चोदता है तू ? तो मैं भी अब अदल बदल कर कई मर्दों से चुदवाऊंगी और तू मेरी एक झांट भी टेढ़ी नहीं कर सकता ?
तब तक अब्बू के मुँह से निकला - रिया तू भी अपनी नई अम्मी का साथ दे रही है, माँ की लौड़ी ?
मैंने कहा - तेरी बहन का भोसड़ा, अब्बू ? तेरी बहन की बिटिया की बुर ? तू क्या समझता है की तेरे पास ही ९" लण्ड है ? तुझे अपने लण्ड पर इतना घमंड है तो मैं किसी दिन तेरा लण्ड चोदूँगी अब्बू जान और देखूंगी की तेरे इस मादर चोद लण्ड में कितना दम है ? तुझे मालूम नहीं है की जाने कितने मर्दों के पास ९" का लण्ड है ? अब केवल मैं ही नहीं बाकी घर की सभी बहू बेटियां बीवियां ऐसे ही मर्दों से चुदवाया करेंगीं जिनके लण्ड ९" + के हों और मोटे भी हों ? ऐसे लण्ड बहुत हैं और हमें आसानी से मिलने लगे हैं। तू भोसड़ी का अपना लण्ड सिर्फ हलाला करने के लिए रख ले ?
रूहानी अम्मी ने कहा - हां हां मुझे भी अब तेरे लण्ड की जरुरत नहीं है। मेरी चूत को तो तू अब छू भीं नहीं पायेगा। अगर जुर्रत की तो मैं किसी दिन गधे का लण्ड तेरी गांड में घुसा दूँगी।
अब्बू जान की गांड फटने लगी।
रूहानी अम्मी फिर बोली - अब तू बैठ मेरे सामने और अपनी चुदती हुई बीवी की बुर देख, साले कुत्ते, कमीने ? तूने अभी तक घर की चूत की कोई क़द्र नहीं की ? किसी भी चूत में लण्ड नहीं पेला। किसी की बुर नहीं चोदी ? अब किसी को भी तेरे लण्ड की जरुरत नहीं है। अपनी गांड में डाल ले अपना लण्ड ?
ऐसा कह कर रूहानी अम्मी ने उस आदमी का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया और चुदवाने लगी. मैं भी उसके पेल्हड़ सहलाने लगी और बीच बीच में लण्ड चूत से निकाल कर चाटने लगी , मेरी खाला, उसकी बेटी और मेरी फूफी जान मेरे सामने बैठी हुई चुदाई बड़े मजे से देखने लगीं। थोड़ी देर में रूहानी अम्मी ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मैं भी चिल्ला उठी हाय अम्मी जान फट गयी तेरी बिटिया की बुर। इस मादर चोद ने एक ही बार में पेल दिया पूरा लण्ड। मेरी छोटी सी चूत में इतना बड़ा लण्ड ? अब मैं आगे कैसे चुदवाऊंगी ? मर गयी मैं। इसी बीच उस आदमी ने १०/१२ बार लण्ड अंदर बाहर किया तो रास्ता साफ़ हो गया और चिकना भी हो गया तो मुझे मज़ा आने लगा। मैंने कहा हां अब ठीक है अंकल अब धकाधक चोदो मेरी बुर। अपनी बीवी समझ कर चोदो मेरी बुर, अपनी भाभी की बुर की तरह चोदो मेरी बुर , जैसे अभी मेरी रूहानी अम्मी की बुर चोद रहे थे वैसे ही चोदो मेरी बुर। मैं भी अपनी गांड उठा उठा के एक मस्त रंडी की तरह चुदवाने लगी ,
खाला जान बोली - वाओ, रिया बुर चोदी अभी से इतनी अच्छी तरह चुदवा लेती है।
फूफी ने कहा - अरे ये भोसड़ी की जाने कब से लड़कों के लण्ड पी रही है। लण्ड पीते पीते इसने चुदवाना भी अच्छी तरह सीख लिया।
तब तक फूफी के बेटी बोली - अरे अम्मी जान ये तो मेरे अब्बू से भी चुदवाती है। लण्ड पीती है मेरे अब्बू का ?
तब तक मैं अंकल के लण्ड पर बैठ गयी और मस्ती से लण्ड चोदने लगी। मेरा अब्बू सच में सामने बैठा हुआ अपनी बेटी और बीवी की चुदाई देख रहा था। इतने में मैंने लण्ड अपनी चूत से निकाल कर रूहानी अम्मी की बुर में घुसेड़ दिया। वह फिर मस्ती से चुदवाने लगी। हम दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी। लण्ड जब झड़ने लगा तो फूफी की बेटी से रहा न गया। वह दौड़ कर आ गयी और मेरे साथ झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। हम दोनों ने लण्ड खूब चाटा और सारा वीर्य पी गयी। फूफी की बेटी भी लण्ड पीने में अव्वल है।
दो दिन बाद रूहानी अम्मी ने शाम को ३ हट्टे कट्टे मरद बुला लिया। घर में खाला रहीमा, खालू असरफ और उसकी बिटिया रूही और रूही का मियां रौनक था, फूफी फरीदा उसकी बेटी नज़मा और नज़मा का मियां शाहरुख़ था । उन ३ मर्दों के नाम थे अली, रज्जाक और फ़राज़। तीनो साले बड़े हैंडसम और खूबसूरत थे। मजे की बात यह थी की देखने में मुसलमान नहीं लग रहे थे। न तो दाढ़ी थी और न ही मूंछ। मुझे क्लीन सेव वाले आदमी अच्छे लगते हैं। रूहानी अम्मी ने उन्हें हम सबसे मिलवाया। एक का नाम था अली दूसरे का रज्जाक और तीसरे का फ़राज़। उनकी उम्र भी २५ से ३५ साल तक ही होगी। मैं मन में सोंचने लगी की अगर इन लम्बे चौड़े आदमियों के लण्ड भी लम्बे चौड़े हों तो मज़ा आ जाये ?
रात हो गयी थी। रूहानी तो अपनी चूँचियाँ खोले हुए घूम रही थी। खाला जान और फूफी ने भी अपनी अपनी चूँचियाँ खोल दीं। ये दोनों भी मस्त जवान थीं। लगभग 44 / 45 की बस। इनकी बेटियां भी अपने कपड़े उतारने लगी और मैं भी नंगी होने लगी। मुझे तो वैसे भी मर्दों से आगे नंगी होने में बड़ा मज़ा आता है। वो तीनो मरद भोसड़ी वाले हमारी चूँचियाँ टक टकी लगा कर देख रहे थे। मैं अली की तरफ बढ़ी और उससे लिपट गयी। उसका लौड़ा ऊपर से ही टटोलने लगी। रूहानी अम्मी ने खालू की तरफ हाथ बढ़ा दिया और उसे अपनी तरफ खींच लिया। खाला का दिल रज्जाक पर आ गया। वह रज्जाक के पैजामे में हाथ घुसेड़ने लगीं। उसकी बेटी रूही शाहरुख़ की सामने आ गयी और उसका हाथ पकड़ कर अपनी चूँचियों पर रख दिया। शाहरुख़ नज़मा ( फूफी की बेटी ) का मियां था। नज़मा इतने में रूही के मियां का लौड़ा पजामा के ऊपर से ही दबाने लगी। इस तरह सबने गैर मरद से चुदवाने का इरादा बना लिया।
मैंने सबसे पहले अपना घाघरा उतारा और मेरी चूत सबके आगे नंगी हो गयी। फिर एक एक करके अम्मी जान खाला जान और फूफी जान भी नंगी हो गयीं। आखिर में उनकी बेटियां भी। हम सब को नंगी नंगी देख कर मर्दों के लण्ड टन टना उठे और तब हम सब उन्हें नंगा करने लगीं । सबसे पहले अम्मी ने खालू को नंगा किया और उसका लण्ड हिला हिला कर सबको दिखाया। फिर खाला ने रज्जाक का लौड़ा नंगा कर दिया और फूफी ने फ़राज़ का लौड़ा ? रूही शाहरुख़ का लण्ड निकाल कर चाटने लगी और नज़मा रौनक का लण्ड हिला हिला कर चूमने चाटने लगी। हम एक दूसरे के हाथ का लण्ड भी देखने लगी और अपने हाथ के लण्ड का मज़ा लेने लगीं। मजे की बात यह थी की किसी लण्ड पर कोई झांट नहीं थीं। चिकने लण्ड खूबसूरत भी लगतें हैं और बड़े बड़े भी।
इतने में मेरा अब्बू भी आ गया। वह सामने बैठ कर हमारी चुदाई देखने लगा। उसको किसी ने भी कोई घास नहीं डाली। मैंने कहा रूहानी अम्मी अली का लौड़ा तो सच में बहुत बड़ा है। ये अगर मेरी चूत में घुसेगा तो चूत तो बहन चोद फट जाएगी। वह बोली बेटी रिया लौड़ा तो घुसेगा अब तेरी चूत फटे चाहे तेरी माँ का भोसड़ा ? अब तो अली तेरी बुर चोद कर ही जायेगा। और ये देखो तेरे खालू का लौड़ा भी तो बड़ा मस्त है। इसने कभी तेरी बुर चोदी रिया ? मैंने कहा हां अम्मी जान चोदी है। ये तो बहन चोद बड़ा चोदू आदमी है। अपनी बिटिया की बुर भी चोद डालता है। उधर खाला रज्जा का लौड़ा पेल कर अपना भोसड़ा चुदवाने लगी. उसकी बेटी रूही ने नज़मा के मियां का लौड़ा अपनी चूत में घुसा धकाधक चुदवाने लगी। नज़मा भी रूही के मियां का लण्ड अपनी बुर में पेले हुए सबके सामने चुदवाने लगी।
फूफी जान तो फ़राज़ के लण्ड पर मर मिटी। वह बोली हाय रिया फ़राज़ का लौड़ा बिलकुल तो बिलकुल तेरे अब्बू के लौड़े की तरह है। देखो न कैसे घोड़े के लण्ड की तरह हिनहिना रहा है। फूफी ने उसे अपने भोसड़ा में घुसाया और अपनी बेटी के सामने ही भकाभक चुदवाने लगी। अब पूरे हाल में चुदाई की आवाज़ें आने लगीं और उन आवाज़ों को सुन लोगों को जोश आने लगा।
मैंने जब गौर से देखा तो मुझे लगा की रूहानी अम्मी के लाये हुए मर्दों के लण्ड सबसे ज्यादा बड़े और मोटे हैं। अली का लौड़ा तो मेरे हाथ में ही था। रज्जाक का लौड़ा खाला का भोसड़ा चोद रहा था और खाला की जान निकली जा रही थी। फ़राज़ के लण्ड ने तो फूफी के भोसड़ा में चीथड़े उड़ा रहा था। फूफी की तो चुदवाते चुदवाते गांड फटी जा रही थी।
वह अपनी बेटी से बोली - बेटी नज़मा तू बुर चोदी बड़ी मस्ती से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही है ? तुझे शर्म नहीं आती ? देखो न कैसे गचर गचर चोद रहा है ये मादर चोद फ़राज़ तेरी माँ का भोसड़ा ? उसकी बेटी नज़मा बोली - तू भोसड़ी की अम्मी जान तेरी बिटिया की बुर भी तो चुद रही है। तुझे अपने बेटी चुदवाने मे बड़ा मज़ा आता है न। कल तूने उसकी बुर में अपने देवर का लण्ड पेल दिया था और आज इस बहन चोद रूही के मियां से अपनी बिटिया की बुर चुदवा रही है तू ? तेरी बिटिया की माँ की चूत, अम्मी ? इसी तरह की प्यार भरी गाली गलौज करती हुई हम सब धकाधक चुदवाने में जुटी हुई थीं और हमारे सामने ही मेरा अब्बू बैठे बैठे हमारी चुदाई देखा रहा था। वह ललचा भी रहा था। उसका लौड़ा भी खड़ा था पर उसे पकड़ने वाला कोई नहीं था। उसे अपनी गलतियों का अहसास होने लगा था। पहले सब इससे चुदवाने को तैयार थीं तब ये साला किसी को चोदता नहीं था बस अपनी नई नई हलाला करवाने वाली बीवियों को ही चोदता था और आज जब ये सबको चोदने के लिए तैयार तो इससे कोई चुदवाने को राज़ी नहीं है।
अब्बू तो बस सबको नंगी नंगी देख कर सब्र करना पड़ रहा है। उसके पास सिर्फ सड़का मारने के अलावा कुछ और बचा नहीं है। वह सोंचने लगा की अगर मैं रुहाना को तलाक देता हूँ तो उसे फिर कभी नंगी भी नहीं देख पाऊंगा। और अगर तलाक नहीं देता हूँ तो वह मुझसे कभी चुदवायेगी नहीं ? इसी पशोपेश में वह बैठा हुआ अपना लण्ड हिला रहा था।
इतने में इधर मैंने रुहाना अम्मी से खालू का लण्ड ले लिया। अम्मी ने खाला के भोसड़ा से रज्जाक का लौड़ा लेकर अपनी चूत में घुसा लिया। खाला ने अपनी बेटी की बुर से शाहरुख़ का लौड़ा निकाल कर अपनी बुर में पेल लिया। उसकी बेटी ने फूफी के भोसड़ा से फ़राज़ का लौड़ा निकाल कर अपनी चूत में घुसा लिया। फूफी ने भी अपनी बेटी की बुर से रौनक का लौड़ा निकाला और उसे अपनी चूत में पेला। वह मस्ती से सटासट चुदवाने लगी। फूफी की बेटी ने मेरे हाथ से अली का लौड़ा छीन लिया और उसे अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी। कितना मजेदार और मस्त था इस सामूहिक चुदाई का नज़ारा ?
कुछ दिन बाद अब्बू के पास हलाला की बीवियों का आना कम हो गया। वह भी मायूस रहने लगा। न घर की उसे कोई चूत मिलती और न बाहर की ? एक दिन मैंने रूहानी अम्मी से कहा यार क्यों न अब्बू का लण्ड चोदें क्यों की अब उसे पछतावा हो की मैंने घर की चूत को तबज्जो क्यों नहीं दी। अम्मी का भी दिल पसीज गया. वह बोली हां रिया चलो आज रात को उसका लौड़ा चोद लेती हूँ। मैंने जब उससे कहा की आज मैं तेरा लौड़ा चोदूँगी अब्बू जान तो उसका चेहरा खिल उठा। उसने चेहरे पर रौनक आ गयी।
शाम को ही ज़मीन पर गद्दा चादर बिछा दी गयी। मसनद तकिया वगैरह लगा दी गयी और तौलिया भी रख दी गयी. चुदाई का सारा इंतज़ाम कर दिया गया। रात को करीब १० बजे मैं अब्बू को लेकर वहां आ गयी। मेरी रुहाना अम्मी भी आ गयी. मैंने अपने कपड़े खोलना शुरू किया। रुहाना अम्मी अब्बू के कपड़े उतारने लगी। जब वह पूरा नंगा हो गया तो उसका लौड़ा खड़ा हो गया। अम्मी उसे हिलाने लगी और मस्ती करने लगी। तब तक मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मैंने अम्मी को एकदम नंगी कर दिया। उसे नंगी देख कर अब्बू का लौड़ा और तन कर खड़ा हो गया। अम्मी जान ने अब्बू को ज़मीं पर चित लिटा दिया और अपनी चूत अब्बू के मुंह पर रख दी। अब्बू ख़ुशी ख़ुशी बुर चाटने लगा। इधर मैं भी उसका लौड़ा चाट रही थी। लौड़े का सुपाड़ा चाट रही थी और पेल्हड़ भी चूम रही थी।
बस थोड़ी देर में मैं उसके खड़े लण्ड पर बैठ गयी। लण्ड बहन चोद चूत में पूरा घुस गया और मैं मस्ती से अपनी गांड उसके ऊपर चारों तरफ से घुमाने लगी। मैं थोड़ा आगे झुकी और अपनी गांड उठा उठा कर लण्ड पर पटकने लगी। मैं मादर चोद दनादन लण्ड चोदने लगी। अब्बू भी अपनी गांड से जोर लगा लगा कर अपना लण्ड चुदवाने लगा। कुछ टाइम के बाद अम्मी लण्ड पर बैठ कर लण्ड चोदने लगीं और मैं उसके मुंह पर बैठ कर अपनी बुर चटवाने लगी। रात में हम दोनों ने मिलकर उसके लण्ड की धज्जियां उड़ा दीं.
करीब २ बजे रात को खाला की बेटी रूही आ गयी। उसने हमें अब्बू का लण्ड चोदते हुए देख लिया। फिर दूसरी पारी ने रूही ने भी अब्बू के लण्ड पर बैठ कर उसका लण्ड चोदा। उसके साथ उसका मियां रौनक भी था। हम दोनों ने मिलकर रूही की सामने ही उसके मियां का लण्ड चोदा।
Click on Search Button to search more posts.
