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हमारे यहाँ चुदाई की बड़ी आज़ादी होती है - Hamaare yahan chudai ki aajadi hoti hai
उस दिन मैं बड़े मूड में थी। मैं रात को "सेक्स" की कहानियां पढ़ रही थी। कहानियां बहन चोद इतनी गरम थीं की मेरे सारे कपड़े खुल चुके थे। मैं लगभग नंगी ही थी। मेरी चूँचियाँ खुली थीं और मेरी चूत भी दिखने लगी थी उसकी छोटी छोटी झांटें भी। तभी अम्मी जान में पीछे से आईं और बोली तू भोसड़ी की यहाँ क्या अकेली बैठी बैठी अपनी माँ चुदा रही है ? मैने कहा अरे अम्मी जान इन मादर चोद कहानियों ने मेरी माँ पहले से ही चोद रखी है ? इतनी गन्दी गन्दी और अश्लील कहानियां मैंने पहले कहीं और नहीं पढ़ीं ? वह बोली हां मैं जानती हूँ। पहले तो कहानियां लिखने वाले की माँ का भोसड़ा ? दूसरे कहानियां पढ़ने वाली की भी माँ का भोसड़ा ? तू कहानियां पढ़ रही है न ? तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा ? तो मैंने भी कहा - अम्मी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर। अम्मी ने जबाब दिया - अब और ज्यादा बोलेगी तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी सना ? हम दोनों के बीच में इस तरह की प्यार भरी गाली गलौज होती ही रहती है. मेरी शादी के बाद हमारे रिश्ते बदल गए. अम्मी बुर चोदी हो गयी मेरी भाभी जान और मैं बुर चोदी हो गयी उसकी नन्द। अब हमारे बीच चोदा चोदी का रिस्ता और पक्का हो गया.
आपको कहानी का टाइटल पढ़ कर बड़ा अजीब लग रहा होगा ? पर यह सच है की मैं अम्मी को बुर चोदी अम्मी कह कह कर बुलाती हूँ। आप मुसलमानो में शादियां बड़ी नजदीकी रिश्तों में हो जातीं हैं. शादी के बाद नए रिश्ते तैयार हो जातें हैं और पुराने रिश्तों में बदलाव आ जाता है. अब तुम ही बताओ चचा जान के बेटे से शादी हो जाती है। चाचा जो कल चाचा था वह आज ससुर हो जाता है। उसका बेटा जो कल तक मेरा भाई जान था वह मेरा देवर हो जाता है। उसकी बहन जो मेरी भी कल तक बहन थी वह मेरी नन्द हो जाती है.
मुसलमानो में शादी का मतलब है चोदना, चुदवाना और बच्चे पैदा करना। हमारे यहाँ चुदाई की बड़ी आज़ादी होती है। चोदने चुदाने में कोई प्रतिबंध नहीं होता। यहाँ एक ही लण्ड के सहारे ज़िन्दगी गुज़ारने का रिवाज़ नहीं है. यहाँ एक का लण्ड सबका लण्ड माना जाता है उसे कोई भी इस्तेमाल कर सकती है. इसी तरह एक ही बुर को सबकी बुर मानी जाती है उसे कोई भी चोद सकता है। इसलिए रात को बहू बेटियां बीवियां सबकी बुर रंडियों की तरह चोदी जाती है। और सब की सब रंडियों की तरह चुदवाती भी हैं। इस तरह की चुदाई का मज़ा भी अपने आप निराला होता है जिसका मज़ा सबको मिलता है.
हमारे यहाँ मरद चार चार बीवियां रख सकता है. मतलब यह की वह चार शादियां कर सकता है जब की हकीकत यह है की वह भोसड़ी का एक बीवी को भी अच्छी तरह चोद नहीं पाता। ऐसे में बीवियां खुले आम गैर मर्दों से चुदवाना शुरू कर देतीं हैं। अपने मरद के आगे ही गैर मर्दों से चुदवाती है और वह मरद अपनी बीवी एक झांट भी उखाड़ नहीं पाता। बस अपनी बीवी को चुदते हुए देखा करता है।
मैं अपनी शादी के बाद अम्मी की नन्द हो गयी हूँ और अम्मी मेरी भाभी जान ? इसलिए हमारे बीच चोदा चोदी का रिस्ता कायम हो गया है। अब मैं अम्मी की बुर चोदूँगी और वह मेरी चूत। ऐसे में अम्मी को मेरा बुर चोदी कहना जायज़ है और अम्मी का मुझे बुर चोदी कहना जायज़ है।
भाभी की बुर में लण्ड पेलना नन्द का हक़ है और नन्द की बुर में लण्ड पेलना भाभी का हक़ है., हम दोनों इस हक़ का पूरा इस्ते माल करती हैं. इस रिश्ते से हम दोनों के बीच में प्यार मोहब्बत और ज्यादा बढ़ गयी है। मेरा नाम है सना और मेरी अम्मी का नाम है सायरा बेगम।
अम्मी जान से मैं वैसे भी खुली हुई थी। अब तो मेरी शादी हो गयी है, मैं आपको उस समय की बात बता रही हूँ जब मैं नई ताज़ी जवान हुई थी। मतलब की मैं 18+ की हो गयी थी। अम्मी जान इसी ताक में थी की मैं किसी तरह 18 साल की हो जाऊं। मैं जैसे ही हुई तो अम्मी ने मुझसे गाली गलौज से बातें करना शुरू कर दिया।
अम्मी जान से मैं वैसे भी खुली हुई थी। अब तो मेरी शादी हो गयी है, मैं आपको उस समय की बात बता रही हूँ जब मैं नई ताज़ी जवान हुई थी। मतलब की मैं 18+ की हो गयी थी। अम्मी जान इसी ताक में थी की मैं किसी तरह 18 साल की हो जाऊं। मैं जैसे ही हुई तो अम्मी ने मुझसे गाली गलौज से बातें करना शुरू कर दिया।
- एक दिन मुझे थोड़ी देर हो गयी तो अम्मी मुस्करा कर बोली - अरी सना, तू बहन चोद कहाँ अपनी माँ चुदा रही थी ? मैं कुछ बोली नहीं तो वह कहने लगी की अब तू सायानी हो गयी है., जवान हो गयी है। कानून की नज़र में भी तू बालिग हो गयी है। अभी तक तूने अपनी माँ नहीं चुदवाई तो अब चुदवाना शुरू कर दे। बता कहाँ देर हो गयी ?
- मैंने कहा अंकल ने थोड़ी देर के लिए रोक लिया था।
- अच्छा यह बात है तो फिर तूने अंकल का लण्ड पकड़ कर हिलाया की नहीं ?
- हिलाना तो चाहती थी पर हिला नहीं पाई।
- क्यों ? तेरी गांड फटती थी क्या ? लण्ड हिलाती तो पता चलता की उसका कितना बड़ा है लण्ड ? और बड़ा लण्ड है तो फिर उसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेल देती ? ऐसे मौके बार बार नहीं आते मेरी बुर चोदी सना ?
- अम्मी जान मुझे गाली बकने के लिए बार बार उसका रहीं थी। तब मैंने कहा अगर लण्ड पकड़ लेती तो पहले तेरी बिटिया की बुर में पेल देती मेरी हरामजादी अम्मी जान ।
- अम्मी मेरी बात सुनकर बहुत खुश हुई और कहा हां मैं यही चाहती थी की तू भी मेरी तरह गाली देना शुरू कर दे। लड़की जब गाली देने लगती है तो समझो की अब वह बोल्ड हो रही है। मैं चाहती हूँ तू बोल्ड हो जा और बेशरम भी तभी असली मज़ा आएगा जवानी का। उस दिन से मैं अम्मी से गालियों बात करने लगी और खुल कर बात भी करने लगी। लण्ड बुर चूत भोसड़ा गांड झांट सब अपने आप मुंह से निकलने। लगा हम लोग एन्जॉय करने लगीं।
तब तक उसने मेरे कपड़े उतार कर मुझे भी नंगी कर दिया। फिर मे मुंह खुला और मैं लण्ड चूसने लगी। अम्मी बोली अरे वाह तू तो बड़ी अच्छी तरह लण्ड चूस लेती है। कहाँ से सीखा तूने लण्ड चूसना सना। मैंने कहा मैंने पोर्न फिल्मों से सीखा अम्मी जान। रात को मैं लैपटॉप पर ब्लू फिल्मे खूब देखती हूँ और देखते देखते ही सीख गयी। जो कुछ बचा था वह "सेक्स" की कहानियॉं से सिखा दिया। वह बोली तू भोसड़ी की बड़ी चालू है। मुझे भी किस दिन कोई असली लण्ड दिखाओ तो जानू की तू अब सायानी हो गयी है। उधर अंकल मेरे नंगे बदल पर अपना हाथ फिराने लगे।
अम्मी मेरे साथ लण्ड चाटने लगी और पेल्हड़ भी सहलाने लगीं. मैं हर पल बेशरम होती जा रही थी। इतने में अम्मी ने कहा सना पहले तू लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेल दे और मन लगा कर देख की कैसे बुर चुदवाई जाती है ? उसके बाद मैं तेरी बुर में घुसा दूँगी लण्ड। मुझे अम्मी की बातों में बेशर्मी की हद दिखाई दी। मैं वैसा ही करने लगी। लौड़ा जब अम्मी के भोसड़ा में घुसा तो वह उचक उचक कर बड़ी मस्ती से चुदवाने लगीं। मैं उसकी मस्ती देख रही थी। थोड़ी देर में अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत पर रख दिया और बोली देवर जी अब तुम धीरे धीरे पेलो लण्ड मेरी बिटिया की बुर में। लण्ड जब घुसने लगा तो मुझे दर्द होने लगा पर साथ ही साथ मज़ा भी आने लगी। मैं पेलवाती गयी लण्ड और चुदवाती गयी अपनी बुर।
इतने में अम्मी का फोन आ गया वह पीछे कमरे में जाकर बात करने लगी।
मैंने कहा - अंकल, तू कबसे मेरी माँ चोद रहा है ?
वह बोला - यही कोई ४/५ साल से तेरी माँ चोद रहा हूँ।
मैंने फिर पूंछा - तेरी बीवी को मालूम है की तू मेरी माँ चोदता है ?
वह बोला - हां मालूम है और मेरी बेटी को भी मालूम है की मैं सना की माँ चोदता हूँ।
मैंने कहा - तो तेरी बीवी ने कभी ऐतराज़ नहीं जताया ?
वह बोली - नहीं कभी जताया ? क्योंकि वह भी तेरे अब्बू से चुदवाती है। तेरा अब्बू जब जब दुबई से है तो मेरी बीवी चोदता है और मेरी बेटी भी उसका लण्ड पीती है .
मैंने कहा - वाओ, तो असली बात है ? तुम लोग बीवियों की अदला बदली करते हो और अब बेटियों की भी अदला बदली करने लगे हो ? तुम सब मादर चोद बड़े अय्यास लोग हो। जहाँ बुर देखते हो वही तुम लोगों की लार टपकने लगती है। तब तक अम्मी जान वापस आ गयीं।
अचानक मेरी खाला की बेटी निगार आ गयी। उसने हम दोनों को चुदाई करते हुए देख लिया। उसने लण्ड मेरी बुर से निकाला और चाटने लगी। बोली वाओ लण्ड तो बड़ा मस्त है सना ? तू तो बड़ा मज़ा कर रही है भोसड़ी वाली ? तब तक मैंने उसके कपड़े उतार दिया और उसे नंगी करते हुए बोली मज़ा तो तू भी करने लगी है बुर चोदी निगार ? उसने लण्ड फिर अम्मी की बुर में घुसा दिया और कहा सना मैं भी तेरी माँ की बहन का भोसड़ा चुदा कर आ रही हूँ। मैंने कहा किसका लण्ड पेल कर आयी है तू अपनी माँ की चूत में ? वह बोली अपने ही मियां का लौड़ा पेल कर आयी हूँ उसकी चूत में ? उसे मेरे मियां का लण्ड पसंद आ गया है। मैं तो यहाँ यह कहने आयी थी की सना तू भी मेरे मियां से अपनी माँ चुदवा ले पर तू तो पहले ही किसी और चुदवा रही है। मैंने कहा तो क्या हुआ ? मैं इसके बाद तेरे मियां से चुदवा लूंगी। अब तो मैं एकदम चुदवाने लगी हूँ। तब तक अम्मी बोली हां बेटी निगार अब तो सना भी अपनी माँ चुदाने लगी है। तब तक लण्ड ने उगल दिया वीर्य जिसे हम तीनो ने मस्ती से पिया और एन्जॉय किया।
कुछ दिन बाद मेरा निकाह हो गया।
एक दिन निगार में कहा - सना तू तो अपनी की अम्मी की नन्द हो गयी है और वह तेरी भाभी जान ?
मैंने कहा - हां यार, निकाह के बाद रिश्ते नए बन गए।
वह बोली - अभी तक तू मेरी बहन थी, मेरी खाला की बेटी थी और अब तू मेरी फूफी जान बन गयी है यार।
मैंने कहा - मैं तेरी बहन भी हूँ और तेरी फूफी जान भी ? जब चाहो तब, जैसे चाहो वैसे इस्तेमाल कर लो मुझे। वह बोली। - मैं तुझे नहीं तेरी बुर इस्ते माल करुँगी। तेरी गांड तेरी चूँचियाँ इस्तेमाल करुँगी। तेरी माँ का भोसड़ा और तेरी माँ की बहन का भोसड़ा भी इस्तेमाल करुँगी।
मैंने कहा - हाय अल्लाह, इतने लण्ड तू कहाँ से लाएगी बुर चोदी निगार ?
वह बोली - मेरे पास लण्ड का पेंड़ है। एक डाल हिलाऊँगी तो ४ लण्ड गिर पड़ेंगें।
हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
निगार ने कहा यार सना अब मजाक की बातें छोड़ो। मैं सच में आज कुछ मज़ा करना चाहती हूँ। देखो मेरा अब्बू तेरी माँ की बुर लेता है और तेरा अब्बू मेरी माँ बुर लेता है। जिसे हम लोगों से देखा है। मैं तेरे अब्बू का लण्ड पीती हूँ, तुम मेरे अब्बू का लण्ड पीती हो। लेकिन न मैंने तेरे मियां का लण्ड देखा और न तूने मेरे मियां का लण्ड ? तो आज तुम मेरे मियां का लण्ड पियो मैं तेरे मियां का लण्ड पियूं। मैंने बात तो तेरी बहुत अच्छी है। मैं अपने मियां को बुला लेती हूँ। अगर इसमें एक कपल और शामिल हो जाये तो मज़ा आ जाये। वह बोली फूफी की बेटी बुर चोदी कब काम आएगी ? उसकी शादी भी अभी ही हुई है उसके मियां का लण्ड हमारे लिए नया होगा, उसे शामिल किया जाये ? बस उससे बात की और वह तैयार हो गयी। हमारे घर की बीवियां सब की सब हमेशा नए नए लण्ड की खोज में रहतीं हैं। दूसरे दिन हम तीनो बेटियां आने अपने मियां के साथ इकठ्ठा हो गयीं। मैं सना मेरा मियां साजन, निगार उसका मियां साहिर, हुमा उसका मियां हनीफ।
अम्मी मेरे साथ लण्ड चाटने लगी और पेल्हड़ भी सहलाने लगीं. मैं हर पल बेशरम होती जा रही थी। इतने में अम्मी ने कहा सना पहले तू लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेल दे और मन लगा कर देख की कैसे बुर चुदवाई जाती है ? उसके बाद मैं तेरी बुर में घुसा दूँगी लण्ड। मुझे अम्मी की बातों में बेशर्मी की हद दिखाई दी। मैं वैसा ही करने लगी। लौड़ा जब अम्मी के भोसड़ा में घुसा तो वह उचक उचक कर बड़ी मस्ती से चुदवाने लगीं। मैं उसकी मस्ती देख रही थी। थोड़ी देर में अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत पर रख दिया और बोली देवर जी अब तुम धीरे धीरे पेलो लण्ड मेरी बिटिया की बुर में। लण्ड जब घुसने लगा तो मुझे दर्द होने लगा पर साथ ही साथ मज़ा भी आने लगी। मैं पेलवाती गयी लण्ड और चुदवाती गयी अपनी बुर।
इतने में अम्मी का फोन आ गया वह पीछे कमरे में जाकर बात करने लगी।
मैंने कहा - अंकल, तू कबसे मेरी माँ चोद रहा है ?
वह बोला - यही कोई ४/५ साल से तेरी माँ चोद रहा हूँ।
मैंने फिर पूंछा - तेरी बीवी को मालूम है की तू मेरी माँ चोदता है ?
वह बोला - हां मालूम है और मेरी बेटी को भी मालूम है की मैं सना की माँ चोदता हूँ।
मैंने कहा - तो तेरी बीवी ने कभी ऐतराज़ नहीं जताया ?
वह बोली - नहीं कभी जताया ? क्योंकि वह भी तेरे अब्बू से चुदवाती है। तेरा अब्बू जब जब दुबई से है तो मेरी बीवी चोदता है और मेरी बेटी भी उसका लण्ड पीती है .
मैंने कहा - वाओ, तो असली बात है ? तुम लोग बीवियों की अदला बदली करते हो और अब बेटियों की भी अदला बदली करने लगे हो ? तुम सब मादर चोद बड़े अय्यास लोग हो। जहाँ बुर देखते हो वही तुम लोगों की लार टपकने लगती है। तब तक अम्मी जान वापस आ गयीं।
अचानक मेरी खाला की बेटी निगार आ गयी। उसने हम दोनों को चुदाई करते हुए देख लिया। उसने लण्ड मेरी बुर से निकाला और चाटने लगी। बोली वाओ लण्ड तो बड़ा मस्त है सना ? तू तो बड़ा मज़ा कर रही है भोसड़ी वाली ? तब तक मैंने उसके कपड़े उतार दिया और उसे नंगी करते हुए बोली मज़ा तो तू भी करने लगी है बुर चोदी निगार ? उसने लण्ड फिर अम्मी की बुर में घुसा दिया और कहा सना मैं भी तेरी माँ की बहन का भोसड़ा चुदा कर आ रही हूँ। मैंने कहा किसका लण्ड पेल कर आयी है तू अपनी माँ की चूत में ? वह बोली अपने ही मियां का लौड़ा पेल कर आयी हूँ उसकी चूत में ? उसे मेरे मियां का लण्ड पसंद आ गया है। मैं तो यहाँ यह कहने आयी थी की सना तू भी मेरे मियां से अपनी माँ चुदवा ले पर तू तो पहले ही किसी और चुदवा रही है। मैंने कहा तो क्या हुआ ? मैं इसके बाद तेरे मियां से चुदवा लूंगी। अब तो मैं एकदम चुदवाने लगी हूँ। तब तक अम्मी बोली हां बेटी निगार अब तो सना भी अपनी माँ चुदाने लगी है। तब तक लण्ड ने उगल दिया वीर्य जिसे हम तीनो ने मस्ती से पिया और एन्जॉय किया।
कुछ दिन बाद मेरा निकाह हो गया।
एक दिन निगार में कहा - सना तू तो अपनी की अम्मी की नन्द हो गयी है और वह तेरी भाभी जान ?
मैंने कहा - हां यार, निकाह के बाद रिश्ते नए बन गए।
वह बोली - अभी तक तू मेरी बहन थी, मेरी खाला की बेटी थी और अब तू मेरी फूफी जान बन गयी है यार।
मैंने कहा - मैं तेरी बहन भी हूँ और तेरी फूफी जान भी ? जब चाहो तब, जैसे चाहो वैसे इस्तेमाल कर लो मुझे। वह बोली। - मैं तुझे नहीं तेरी बुर इस्ते माल करुँगी। तेरी गांड तेरी चूँचियाँ इस्तेमाल करुँगी। तेरी माँ का भोसड़ा और तेरी माँ की बहन का भोसड़ा भी इस्तेमाल करुँगी।
मैंने कहा - हाय अल्लाह, इतने लण्ड तू कहाँ से लाएगी बुर चोदी निगार ?
वह बोली - मेरे पास लण्ड का पेंड़ है। एक डाल हिलाऊँगी तो ४ लण्ड गिर पड़ेंगें।
हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
निगार ने कहा यार सना अब मजाक की बातें छोड़ो। मैं सच में आज कुछ मज़ा करना चाहती हूँ। देखो मेरा अब्बू तेरी माँ की बुर लेता है और तेरा अब्बू मेरी माँ बुर लेता है। जिसे हम लोगों से देखा है। मैं तेरे अब्बू का लण्ड पीती हूँ, तुम मेरे अब्बू का लण्ड पीती हो। लेकिन न मैंने तेरे मियां का लण्ड देखा और न तूने मेरे मियां का लण्ड ? तो आज तुम मेरे मियां का लण्ड पियो मैं तेरे मियां का लण्ड पियूं। मैंने बात तो तेरी बहुत अच्छी है। मैं अपने मियां को बुला लेती हूँ। अगर इसमें एक कपल और शामिल हो जाये तो मज़ा आ जाये। वह बोली फूफी की बेटी बुर चोदी कब काम आएगी ? उसकी शादी भी अभी ही हुई है उसके मियां का लण्ड हमारे लिए नया होगा, उसे शामिल किया जाये ? बस उससे बात की और वह तैयार हो गयी। हमारे घर की बीवियां सब की सब हमेशा नए नए लण्ड की खोज में रहतीं हैं। दूसरे दिन हम तीनो बेटियां आने अपने मियां के साथ इकठ्ठा हो गयीं। मैं सना मेरा मियां साजन, निगार उसका मियां साहिर, हुमा उसका मियां हनीफ।
पहले तो हमारा एक दूसरे से परिचय हुआ। मुझे उन दोनों के मियां पसंद आये। उन्हें भी मेरा मियां अच्छा लगा। मरद तीनो एक दूसरे की बीवी बड़ी हसरत भरी निगाहों से देखने लगे। मैंने सबसे पहले ड्रिंक्स चालू कर दी। हम तीनो बेटियां तो शराब पीती ही हैं हैं हमारे मियां भी शराब पीने में हमसे कम नहीं हैं। निगार माहौल को गरम बोली - देखो भई ये बुर चोदी सना है न ये तो मेरी फूफी हो गयी है। यानी अब ये हुमा की खाला लगती है। आज मैं फूफी की बुर का भोसड़ा बनाउंगी। हुमा बोली - अच्छा शादी के बाद इसकी अम्मी इसकी भाभी हो गयी तो फिर इसे अपनी माँ चोदने में बड़ा मज़ा आएगा। निगार बोली नहीं यार इसकी माँ को इसकी बुर चोदने में बड़ा मज़ा आएगा क्यों की अब ये उसकी नन्द है। वह नन्द की बुर में लण्ड पेलेगी। सब लोग हंसने लगे और माहौल में गर्मी छा गयी।
मैंने अपनी बाहें निगार के मियां साहिर के गले में डाल दीं और उसकी चुम्मी ले ली। निगार हुमा के मियां हनीफ से लिपट गयी। और हुमा ने मेरे मियां साजन के पजामा में हाथ घुसेड़ दिया। लण्ड पकड़ने की बड़ी जल्दी थी। मैंने देखा की ये तीनो मरद भी एक दूसरे की बीवी चोदने की जल्दी में थे। तभीतो वे सब हमारे कपडे हमारी चूँचियाँ दबाने लगे। देखते ही देखते हम तीनो बीवियां एकदम नंगी हो गयीं। मैंने देखा की निगार की चूत एकदम चिकनी थी उसने झांटें बना रखीं थीं की छोटी छोटी झांटें थीं जो बहुत सेक्सी लग रहीं थीं। फिर हमने मर्दों को फटाफट नंगा किया। मेरे हाथ में नगमा के मियां का लण्ड फनफनाने लगा, निगार के हाथ में हुमा के मियां का लण्ड कूदने लगा और हुमा के हाथ में मेरे मियां का लण्ड उछलने लगा। मजे की बात यह थी की किसी भी लण्ड पर एक भी झांट नहीं थी। इससे लण्ड बड़े भी लग रहे थे और खूबसूरत भी। हम एक दूसरे के मियां का लण्ड पाकर मस्ती के मूड में आ गयीं।
मैं तो लण्ड का सुपाड़ा मुंह में भर कर चूसने लगी। निगार हनीफ का लण्ड ऊपर से नीचे तक चाटने लगी और उसके पलकड़ भी। हुमा भी बुर चोदी मेरे मियां का लण्ड हिला हिला कर मज़ा लेने लगी और फिर उसे चाटने चूमने लगी और लण्ड से बातें करने लगी। थोड़ी देर में साहिर में लण्ड मेरी बुर में घुसेड़ दिया और चोदने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी। मेरा सामने ही हनीफ साहिर की बीवी निगार की बुर चोदने लगा और मेरा मियां साजन हनीफ की बीवी हुमा की बुर में लण्ड पेल दिया। लण्ड एक ही बार में पूरा घुस गया और वह भी मस्ती से चुदवाने लगी। चुदाई की रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ने लगी। मुझे सामूहिक चुदाई की आवाज़ बहुत अच्छी लगती है। मैंने तो कई बार इस आवाज़ को अपने मोबाईल में भर लिया है और जब कब अकेले में सुना करती हूँ ,
निगार ने कहा - हुमा तेरे मियां का लण्ड साला बड़ा मोटा है यार बड़ा मज़ा दे रहा है। किसी दिन इसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेल कर देखना ?
हुमा ने कहा - मैं इसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेल चुकी हूँ यार। अब तेरी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। वैसे मुझे सना के मियां का लण्ड पसंद आ गया है। मोटा भी है और लंबा भी। चूत में बड़ी दूर तक घुस जाता है बहन चोद।
मैंने कहा - मैं भी निगार में मियां के लण्ड का मज़ा ले रही हूँ। पर मैंने सोंच लिया है की मैं ये तीनो लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। क्योंकि वह मेरी भाभी है। मैं तो खुल्लम खुल्ला अपनी भाभी की बुर चोदूँगी।
इतने में हनीफ साहिर की बीवी चोदने लगा, साहिर साजन की बीवी यानी मुझे चोदने लगा और मेरा मियां साजन हनीफ की बीवी चोदने लगा. जितना मज़ा इन सबको एक दूसरे की बीवी चोदने में आ रहा था उतना ही मज़ा हम सबको एक दूसरे के शौहर से चुदवाने में आ रहा था.
निगार बोल रही थी - हाय हुमा तेरा मरद मेरी बुर का भरता बना रहा है। कितना मस्त लौड़ा है इसका यार। फिर वह बोली हनीफ यार मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो, मैं तेरी रंडी हूँ, मुझे चोदो। अब तो मैं तेरे लण्ड की दीवानी हो गयी हूँ। हुमा बोलने लगी - हाय मेरे राजा साजन मियां मुझे अपनी रानी बना लो। मेरी बुर ले लो. मेरी गांड मार लो, मेरी चूँचियाँ चोद लो। तेरे लण्ड में बड़ी जान है यार ? चोद डालो मेरी बुर चोदी बुर। मैं भी मूड में आ गयी और बोली - वाओ साहिर, तेरा लौड़ा मेरी चूत में चीथड़े उड़ा रहा है। ऐसे ही मेरी माँ का भोसड़ा चोद डालना। क्या मोटा तगड़ा लौड़ा है तेरा साला ? मुझे ऐसा ही लण्ड पसंद है। मुझे चोदो, खूब चोदो, दिन रात चोदो, मेरी गांड चोदो, मेरे ऊपर चढ़ कर चोदो, पीछे से चोदो, लण्ड पर बैठा के चोदो। हम तीनो भोसड़ी वालियां इसी तरह की बातें कर कर के चुदवाने में मशगूल हो गयीं।
२ बजे रात को मुझे पता चला की मेरी अम्मी जान, मेरी खाला और फूफी जान तीनो मिलकर एक ही कमरे में गैर मर्दों के साथ चोदा चोदी कर रहीं हैं। मेरा शक सही निकला जान ये तीनो नंगी नंगी हमारे कमरे में आ गईं। तीनो के हाथ में एक एक लण्ड था। यहाँ हम सब लोग नंगे नंगे / नंगी नंगी बैठी हुई थीं।
अम्मी बोली - कहाँ है मेरी बुर चोदी नन्द ? मैं उसकी बुर में पेलूँगी लण्ड ?
खाला ने कहा - नगमा बेटी कहाँ है तू मादर चोद ? मैं तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदूँगी।
फूफी ने भी मुस्कराकर कहा - और तू हुमा कहाँ अपनी माँ चुदा रही है। सामने आ मैं आज तेरी गांड में घुसा दूँगी लण्ड ?
ये तीनो बुर चोदी बड़ी चुदाई के मूड में थी।
अम्मी ने लण्ड दिखाते हुए कहा ले देख ले सना मेरे दोस्त अजमल का लण्ड ?
खाला ने कहा - निगार तू ले मेरे यार ज़मीर का हिनहिनाता हुआ लण्ड देख ले ? मज़ा ले ले इसका ?
फूफी ने भी कहा - अरे बुर चोदी हुमा ये है तेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला अब्दुल का लण्ड ? अब ये तेरी बुर में घुसेगा तब तेरी माँ चुदेगी, भोसड़ी की हुमा ? अम्मी जोश में थीं। उसने अजमल का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया तो मैंने भी हनीफ का लण्ड उसके भोसड़ा में ठोंक दिया। मैं उसका भोसड़ा चोदने लगी और वह मेरी बुर चोदने लगी। मेरे सामने ही खाला ने अपनी बेटी निगार की बुर में ज़मीर का लण्ड पेल दिया और चोदने लगी तो निगार में मेरे मियां साजन का लण्ड घुसा दिया अपनी माँ की चूत में। वह भी अपनी माँ की चूत चोदने लगी। फूफी जान आगे बढ़ीं और अब्दुल का लौड़ा अपनी बिटिया की बुर में पेल दिया। उसकी बिटिया हुमा ने ज़मीर का लण्ड अपनी अम्मी की बुर में घुसेड़ दिया। वह भी सबकी तरह अपनी माँ चोदने लगी। इस तरह मेरी अम्मी हुमा के मियां से चुदवाने लगीं। खाला मेरे मियां से चुदवाने लगी और फूफी निगार के मियां से चुदवाने लगीं। की हमारे मुसलमानो में चोदा चोदी किसी के भी साथ में हो सकती है। आपने देखा की यहाँ माँ अपनी बेटी चुदवा रही है और बेटी अपनी माँ चुदवा रही है। माँ अपनी बेटी के मियां का लण्ड अपनी चूत में घुसा लेती है। वहीँ बेटी अपने अब्बू का लण्ड भी अपनी चूत में पेल लेती है। जवानी का मज़ा हमारे समाज में खुल कर लिया जाता है ? यहाँ न किसी शर्म की जगह है और किसी के डर की जगह ? यहाँ तो बस भाभी हो या कोई नन्द चोदो बुर और चोदो लण्ड.
मैंने अपनी बाहें निगार के मियां साहिर के गले में डाल दीं और उसकी चुम्मी ले ली। निगार हुमा के मियां हनीफ से लिपट गयी। और हुमा ने मेरे मियां साजन के पजामा में हाथ घुसेड़ दिया। लण्ड पकड़ने की बड़ी जल्दी थी। मैंने देखा की ये तीनो मरद भी एक दूसरे की बीवी चोदने की जल्दी में थे। तभीतो वे सब हमारे कपडे हमारी चूँचियाँ दबाने लगे। देखते ही देखते हम तीनो बीवियां एकदम नंगी हो गयीं। मैंने देखा की निगार की चूत एकदम चिकनी थी उसने झांटें बना रखीं थीं की छोटी छोटी झांटें थीं जो बहुत सेक्सी लग रहीं थीं। फिर हमने मर्दों को फटाफट नंगा किया। मेरे हाथ में नगमा के मियां का लण्ड फनफनाने लगा, निगार के हाथ में हुमा के मियां का लण्ड कूदने लगा और हुमा के हाथ में मेरे मियां का लण्ड उछलने लगा। मजे की बात यह थी की किसी भी लण्ड पर एक भी झांट नहीं थी। इससे लण्ड बड़े भी लग रहे थे और खूबसूरत भी। हम एक दूसरे के मियां का लण्ड पाकर मस्ती के मूड में आ गयीं।
मैं तो लण्ड का सुपाड़ा मुंह में भर कर चूसने लगी। निगार हनीफ का लण्ड ऊपर से नीचे तक चाटने लगी और उसके पलकड़ भी। हुमा भी बुर चोदी मेरे मियां का लण्ड हिला हिला कर मज़ा लेने लगी और फिर उसे चाटने चूमने लगी और लण्ड से बातें करने लगी। थोड़ी देर में साहिर में लण्ड मेरी बुर में घुसेड़ दिया और चोदने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी। मेरा सामने ही हनीफ साहिर की बीवी निगार की बुर चोदने लगा और मेरा मियां साजन हनीफ की बीवी हुमा की बुर में लण्ड पेल दिया। लण्ड एक ही बार में पूरा घुस गया और वह भी मस्ती से चुदवाने लगी। चुदाई की रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ने लगी। मुझे सामूहिक चुदाई की आवाज़ बहुत अच्छी लगती है। मैंने तो कई बार इस आवाज़ को अपने मोबाईल में भर लिया है और जब कब अकेले में सुना करती हूँ ,
निगार ने कहा - हुमा तेरे मियां का लण्ड साला बड़ा मोटा है यार बड़ा मज़ा दे रहा है। किसी दिन इसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेल कर देखना ?
हुमा ने कहा - मैं इसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेल चुकी हूँ यार। अब तेरी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। वैसे मुझे सना के मियां का लण्ड पसंद आ गया है। मोटा भी है और लंबा भी। चूत में बड़ी दूर तक घुस जाता है बहन चोद।
मैंने कहा - मैं भी निगार में मियां के लण्ड का मज़ा ले रही हूँ। पर मैंने सोंच लिया है की मैं ये तीनो लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। क्योंकि वह मेरी भाभी है। मैं तो खुल्लम खुल्ला अपनी भाभी की बुर चोदूँगी।
इतने में हनीफ साहिर की बीवी चोदने लगा, साहिर साजन की बीवी यानी मुझे चोदने लगा और मेरा मियां साजन हनीफ की बीवी चोदने लगा. जितना मज़ा इन सबको एक दूसरे की बीवी चोदने में आ रहा था उतना ही मज़ा हम सबको एक दूसरे के शौहर से चुदवाने में आ रहा था.
निगार बोल रही थी - हाय हुमा तेरा मरद मेरी बुर का भरता बना रहा है। कितना मस्त लौड़ा है इसका यार। फिर वह बोली हनीफ यार मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो, मैं तेरी रंडी हूँ, मुझे चोदो। अब तो मैं तेरे लण्ड की दीवानी हो गयी हूँ। हुमा बोलने लगी - हाय मेरे राजा साजन मियां मुझे अपनी रानी बना लो। मेरी बुर ले लो. मेरी गांड मार लो, मेरी चूँचियाँ चोद लो। तेरे लण्ड में बड़ी जान है यार ? चोद डालो मेरी बुर चोदी बुर। मैं भी मूड में आ गयी और बोली - वाओ साहिर, तेरा लौड़ा मेरी चूत में चीथड़े उड़ा रहा है। ऐसे ही मेरी माँ का भोसड़ा चोद डालना। क्या मोटा तगड़ा लौड़ा है तेरा साला ? मुझे ऐसा ही लण्ड पसंद है। मुझे चोदो, खूब चोदो, दिन रात चोदो, मेरी गांड चोदो, मेरे ऊपर चढ़ कर चोदो, पीछे से चोदो, लण्ड पर बैठा के चोदो। हम तीनो भोसड़ी वालियां इसी तरह की बातें कर कर के चुदवाने में मशगूल हो गयीं।
२ बजे रात को मुझे पता चला की मेरी अम्मी जान, मेरी खाला और फूफी जान तीनो मिलकर एक ही कमरे में गैर मर्दों के साथ चोदा चोदी कर रहीं हैं। मेरा शक सही निकला जान ये तीनो नंगी नंगी हमारे कमरे में आ गईं। तीनो के हाथ में एक एक लण्ड था। यहाँ हम सब लोग नंगे नंगे / नंगी नंगी बैठी हुई थीं।
अम्मी बोली - कहाँ है मेरी बुर चोदी नन्द ? मैं उसकी बुर में पेलूँगी लण्ड ?
खाला ने कहा - नगमा बेटी कहाँ है तू मादर चोद ? मैं तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदूँगी।
फूफी ने भी मुस्कराकर कहा - और तू हुमा कहाँ अपनी माँ चुदा रही है। सामने आ मैं आज तेरी गांड में घुसा दूँगी लण्ड ?
ये तीनो बुर चोदी बड़ी चुदाई के मूड में थी।
अम्मी ने लण्ड दिखाते हुए कहा ले देख ले सना मेरे दोस्त अजमल का लण्ड ?
खाला ने कहा - निगार तू ले मेरे यार ज़मीर का हिनहिनाता हुआ लण्ड देख ले ? मज़ा ले ले इसका ?
फूफी ने भी कहा - अरे बुर चोदी हुमा ये है तेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला अब्दुल का लण्ड ? अब ये तेरी बुर में घुसेगा तब तेरी माँ चुदेगी, भोसड़ी की हुमा ? अम्मी जोश में थीं। उसने अजमल का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया तो मैंने भी हनीफ का लण्ड उसके भोसड़ा में ठोंक दिया। मैं उसका भोसड़ा चोदने लगी और वह मेरी बुर चोदने लगी। मेरे सामने ही खाला ने अपनी बेटी निगार की बुर में ज़मीर का लण्ड पेल दिया और चोदने लगी तो निगार में मेरे मियां साजन का लण्ड घुसा दिया अपनी माँ की चूत में। वह भी अपनी माँ की चूत चोदने लगी। फूफी जान आगे बढ़ीं और अब्दुल का लौड़ा अपनी बिटिया की बुर में पेल दिया। उसकी बिटिया हुमा ने ज़मीर का लण्ड अपनी अम्मी की बुर में घुसेड़ दिया। वह भी सबकी तरह अपनी माँ चोदने लगी। इस तरह मेरी अम्मी हुमा के मियां से चुदवाने लगीं। खाला मेरे मियां से चुदवाने लगी और फूफी निगार के मियां से चुदवाने लगीं। की हमारे मुसलमानो में चोदा चोदी किसी के भी साथ में हो सकती है। आपने देखा की यहाँ माँ अपनी बेटी चुदवा रही है और बेटी अपनी माँ चुदवा रही है। माँ अपनी बेटी के मियां का लण्ड अपनी चूत में घुसा लेती है। वहीँ बेटी अपने अब्बू का लण्ड भी अपनी चूत में पेल लेती है। जवानी का मज़ा हमारे समाज में खुल कर लिया जाता है ? यहाँ न किसी शर्म की जगह है और किसी के डर की जगह ? यहाँ तो बस भाभी हो या कोई नन्द चोदो बुर और चोदो लण्ड.
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