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लण्ड मैं पहले मुँह में लूंगी बाद में चूत में पेलूँगी - Mujhe land chudna achchha lagta hai
लण्ड मैं पहले मुँह में लूंगी बाद में चूत में पेलूँगी - Mujhe land chudna achchha lagta hai , लड़ चूसने का स्वाद अलग ही नजारा , लंड है या कुल्फी मजेदार है , ससुर का लंड चूसने वाली चुदास चुक्कड़ बहु , ससुर ने बहु को चोदा , अपने ही ससुर से बहु ने चूत गांड चुदवाई , अन्तर्वासना कामवासना की स्टोरी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
ससुर जी ने जैसे ही लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ना चाहा वैसे ही मैं बोल पड़ी अरे भोसड़ी के ससुर जी लण्ड मैं पहले मुँह में लूंगी बाद में चूत में पेलूँगी। तुझे मादर चोद इतनी जल्दी क्यों हैं मेरी बुर चोदने की ? जब तक मैं तेरे लण्ड का पूरा मज़ा ले नहीं लेती तब तक मैं चुदवाऊंगी नहीं ? मैं कोई पुराने ज़माने की लड़की नहीं हूँ ? मैं आज की लड़की हूँ. और आज की लड़कियां सबसे पहले लण्ड अपने मुंह में लेतीं हैं। लण्ड खूब चूसती हैं, लण्ड चाटती हैं, चूमती हैं और लण्ड के साथ खूब खेलतीं हैं , मज़ा लेतीं हैं और आखिर में लण्ड अपनी चूत में पेल कर चुदवाती हैं. अभी तो तूने मेरी बुर भी नहीं चाटी और अभी से चला है तू लौड़ा घुसाने मेरी चूत में ? चोदने का एक सलीका होता है वह भी तुझे नहीं मालूम ? तेरी बिटिया की बुर ,बहन चोद, ससुर जी ? पहले सीखो बहू बेटियों की बुर चोदना, फिर चोदो। वह मेरी बात मान गया और लौड़ा चुप चाप मेरे मुंह में घुसेड़ दिया।
मैं अपने ससुर को बहुत चाहती हूँ। उसके लण्ड से मोहब्बत करती हूँ क्योंकि उसका लण्ड बहन चोद बड़ा लम्बा चौड़ा है। मैं इसीलिए उससे बड़े मजे से चुदवाती हूँ लेकिन जब वह सीधे सीधे मेरी चूत में लण्ड पेल देता है तो मेरी झांटें सुलगने लगती हैं।
सबको मालूम है की एक औरत के लिए अगर दुनियां में सबसे अच्छी चीज है तो वह है 'लण्ड'। बिना 'लण्ड' के कोई भी औरत सुखी नहीं रह सकती ? यह भी सच है उसका मन एक लण्ड से नहीं भरता। उसे तो चाहिए लण्ड पे लण्ड ? एक के बाद एक लण्ड ? इसीलिए वह किसी का भी लण्ड पकड़ लेती है चाहे वह आदमी घर का हो या बाहर का ? मेरे ससुर का लण्ड जिस दिन मेरे हाथ में आया उस दिन मैं बहुत खुश हुई थी। 9" का मोटा तगड़ा सांवला लण्ड मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था। मैं मस्त होने लगी थी ऐसा लण्ड पाकर ? मैं बड़ी देर तक उसी लण्ड से खेलती रही, लण्ड हिलाती रही, लण्ड चूमती चाटती रही, लण्ड चूसती रही और लण्ड बार बार मुंह में भर कर पीती रही। सबसे आखिर में मैंने लण्ड अपनी चूत में पेला और फिर मजे से चुदवाया। मेरा ससुर साला जब मेरी बुर चोदने के लिए उतावला घूमता रहता है।
मेरा नाम है फरीन। मैं २४ साल की हूँ मद मस्त हूँ, खूबसूरत हूँ और हॉट हूँ. मुझे अगर सबसे ज्यादा कोई खेल पसंद है तो वह है चोदा चोदी का खेल। और इस खेल में मैं सबसे ज्यादा लण्ड को पसंद करती हूँ। लण्ड मेरी सबसे ज्यादा कमजोरी भी है और सबसे ज्यादा मजबूती भी है। मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ और १७ साल से चुदवा रही हूँ। मेरी शादी अभी ३ महीने ही हुई है। मैं ससुराल आते ही मैंने सबसे पहले अपनी नन्द सूफ़िया से मिली। अपनी सास नगीना से मिली। मेरे मन यह जानने का हो रहा था की मेरी ससुराल में कितने लण्ड हैं ? किसका लण्ड कैसा है और कौन किस तरह से चोदता है। मैंने कुछ दिन तो खुल कर बात नहीं की लेकिन कुछ दिन बाद मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और इन सवालों का जबाब ढूंढने हाथ धो कर पीछे पड़ गयी।
दूसरे दिन ही मेरी जेठानी आ गईं। उसका का नाम है नफीसा बेगम। वह भी मेरी ही तरह अच्छे कद काठी वाली है और गोरी चिट्टी है, खूबसूरत है। उससे बातें होने लगीं और फिर खुल कर बातें होने लगी। धीरे धीरे चोदा चोदी की बातें सामने आने लगीं। मैं भी खुल कर पूंछने लगी और वह खुल कर बताने लगीं। वह खुल कर पूछने लगी और मैं खुल कर बताने लगी।
मैंने कहा हाय दईया क्या तू अपने अब्बू के दोस्तों के चुदवाती है ? वह बोली अरे भाभी जान लण्ड अगर अच्छा हो तो फिर चुदवाने में क्या हर्ज़ है ?
वैसे मैं लण्ड मुंह में लेती हूँ उसके बाद बुर में लेती हूँ। मुंह में लेने से पता चल जाता है कि लण्ड बुर में जाकर क्या करेगा ?
मैंने कहा तब तो मेरी सास भी बड़ी मस्ती करती होगी ? वह बोली तेरी सास तो चुदवाने में अव्वल है, भाभी जान । मैंने कहा अरे नन्द रानी वो तो तेरी अम्मी जान हैं ? वह छूटते ही बोली अम्मी जान की बिटिया की बुर ? वह तो बुर चोदी सबके लण्ड पेल लेती है अपनी चूत में। सबके सामने धकाधक चुदवाती है। यह बात सास ने सुन ली।
आते ही सासू जी बोली अरे बहू रानी तेरी भोसड़ी की नन्द मादर चोद तो सबसे ज्यादा बेशर्म और बेहाया है। जो लड़की अपने अब्बू का लण्ड सबकी चूत में घुसेड़ती हो वह कितनी बेहरम होगी यह तुम समझ सकती हो ?
मैं मन में कहने लगी की मेरे ससुर के लण्ड की चर्चा बार बार हो रही है इसलिये मुझे सबसे पहले ससुर का लण्ड पकड़ना पड़ेगा। एक दिन ऐसा हुआ की रात में मैंने देखा की ससुर के कमरे से धीमी धीमी लाइट आ रही है। मैं झांककर अंदर देखने लगी। मैंने देखा की ससुर का पजामा खुला हुआ है और उसका लौड़ा बाहर निकला हुआ है। लौड़े का टोपा बिलकुल साफ़ दिखाई पड़ रहा था जिसे दख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। मैं रुकी नहीं और थोड़ा आगे बढ़ी तो लौड़ा पूरा दिखाई पड़ा। मुझे यह भी मालूम हो गया की उसकी झांटें बिलकुल साफ़ हैं। इसलिए लण्ड बड़ा खूबसूरत लग रहा था। लण्ड का रंग सांवला था मगर लण्ड सच में बड़ा हॉट था। मैंने अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ खोल लीं। मैं उसके पलंग के पास पहुँच गई तो उसने मुझे देख लिया। वह लण्ड छिपाते हुए बोला अरे बहू रानी तुम यहाँ ? मैंने कहा हां ससुर जी मुझे लगा की तुम्हे कोई परेशानी है ? इसलिए मैं आ गई। वह बोला अरे बहू रानी अब आ ही गई हो तो ,,,,,,,,,,,,,,?
इतने में मैंने हाथ बढ़कर लण्ड पकड़ ही लिया और उसका पजामा निकाल कर बाहर फेंक दिया। वह मेरे सामने बिलकुल नंगा हो गया। मैंने भी अपने खोल डाला और नंगी हो गईं। उसने मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ देखीं और चिकनी चूत देखि तो उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। उधर उसका लण्ड एकदम तन कर घोड़े के लण्ड की तरह मेरे सामने हिनहिनाने लगा। उसने जब मेरी चूत देखी तो अपनी टाँगे उठा कर लण्ड उसमे पेलना चाहा तो मैंने कहा नहीं ससुर जी अभी नहीं। मैं लण्ड पहले मुँह में लेती हूँ फिर बुर में ? उसके बाद आपने ऊपर पढ़ा।
मैंने नन्द से कहा तू सच कह रही थी तेरे बाप का लौड़ा तो बड़ा मस्त और जबरदस्त निकला , मुझे भी मज़ा आया और मेरी चूत ने भी खूब मज़ा लूटा। वह बोली अरे भाभी जान आज मैं तुम्हे अपने बाप के दोस्त के पास ले चलूंगी। तुम उसका लौड़ा देखना तो तुझे और मज़ा आएगा ? फिर शाम को वह मुझे अपने अब्बू के दोस्त के घर ले गयी। उसका नाम अजमल खान था। मैं जब अजमल खान से मिली तो मेरी चूत की आग और भड़क गयी। वह बहन चोद हैंडसम, लंबा चौड़ा और हट्टा कट्टा था। नन्द बोली ये अंकल मेरे अब्बू का ख़ास दोस्त है। मैंने उसे बड़े अदब से आदाब कहा तो उसने भी ललचायी नज़रों से आदाब का जबाब दिया . नन्द ने फिर कहा अंकल ये मेरी नई भाभी जान है फरीन . उसने कहा माशा अल्लाह तेरी नई नयी भाभी बहुत हसीन हैं , खूबसूरत है और हॉट है। तब तक नन्द ने मजाक करते हुए कहा अच्छा तो भोसड़ी के अजमल अंकल तेरी लार टपक रही है मेरी नई भाभी को देख कर ? वह बोला नहीं ऐसा नहीं है सूफ़िया ? तेरी नई भाभी के साथ तेरी भी खूबसूरती बढ़ गई है। तू भी बड़ी मस्त चीज लग रही है आज ?
ससुर जी ने जैसे ही लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ना चाहा वैसे ही मैं बोल पड़ी अरे भोसड़ी के ससुर जी लण्ड मैं पहले मुँह में लूंगी बाद में चूत में पेलूँगी। तुझे मादर चोद इतनी जल्दी क्यों हैं मेरी बुर चोदने की ? जब तक मैं तेरे लण्ड का पूरा मज़ा ले नहीं लेती तब तक मैं चुदवाऊंगी नहीं ? मैं कोई पुराने ज़माने की लड़की नहीं हूँ ? मैं आज की लड़की हूँ. और आज की लड़कियां सबसे पहले लण्ड अपने मुंह में लेतीं हैं। लण्ड खूब चूसती हैं, लण्ड चाटती हैं, चूमती हैं और लण्ड के साथ खूब खेलतीं हैं , मज़ा लेतीं हैं और आखिर में लण्ड अपनी चूत में पेल कर चुदवाती हैं. अभी तो तूने मेरी बुर भी नहीं चाटी और अभी से चला है तू लौड़ा घुसाने मेरी चूत में ? चोदने का एक सलीका होता है वह भी तुझे नहीं मालूम ? तेरी बिटिया की बुर ,बहन चोद, ससुर जी ? पहले सीखो बहू बेटियों की बुर चोदना, फिर चोदो। वह मेरी बात मान गया और लौड़ा चुप चाप मेरे मुंह में घुसेड़ दिया।
मैं अपने ससुर को बहुत चाहती हूँ। उसके लण्ड से मोहब्बत करती हूँ क्योंकि उसका लण्ड बहन चोद बड़ा लम्बा चौड़ा है। मैं इसीलिए उससे बड़े मजे से चुदवाती हूँ लेकिन जब वह सीधे सीधे मेरी चूत में लण्ड पेल देता है तो मेरी झांटें सुलगने लगती हैं।
सबको मालूम है की एक औरत के लिए अगर दुनियां में सबसे अच्छी चीज है तो वह है 'लण्ड'। बिना 'लण्ड' के कोई भी औरत सुखी नहीं रह सकती ? यह भी सच है उसका मन एक लण्ड से नहीं भरता। उसे तो चाहिए लण्ड पे लण्ड ? एक के बाद एक लण्ड ? इसीलिए वह किसी का भी लण्ड पकड़ लेती है चाहे वह आदमी घर का हो या बाहर का ? मेरे ससुर का लण्ड जिस दिन मेरे हाथ में आया उस दिन मैं बहुत खुश हुई थी। 9" का मोटा तगड़ा सांवला लण्ड मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था। मैं मस्त होने लगी थी ऐसा लण्ड पाकर ? मैं बड़ी देर तक उसी लण्ड से खेलती रही, लण्ड हिलाती रही, लण्ड चूमती चाटती रही, लण्ड चूसती रही और लण्ड बार बार मुंह में भर कर पीती रही। सबसे आखिर में मैंने लण्ड अपनी चूत में पेला और फिर मजे से चुदवाया। मेरा ससुर साला जब मेरी बुर चोदने के लिए उतावला घूमता रहता है।
मेरा नाम है फरीन। मैं २४ साल की हूँ मद मस्त हूँ, खूबसूरत हूँ और हॉट हूँ. मुझे अगर सबसे ज्यादा कोई खेल पसंद है तो वह है चोदा चोदी का खेल। और इस खेल में मैं सबसे ज्यादा लण्ड को पसंद करती हूँ। लण्ड मेरी सबसे ज्यादा कमजोरी भी है और सबसे ज्यादा मजबूती भी है। मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ और १७ साल से चुदवा रही हूँ। मेरी शादी अभी ३ महीने ही हुई है। मैं ससुराल आते ही मैंने सबसे पहले अपनी नन्द सूफ़िया से मिली। अपनी सास नगीना से मिली। मेरे मन यह जानने का हो रहा था की मेरी ससुराल में कितने लण्ड हैं ? किसका लण्ड कैसा है और कौन किस तरह से चोदता है। मैंने कुछ दिन तो खुल कर बात नहीं की लेकिन कुछ दिन बाद मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और इन सवालों का जबाब ढूंढने हाथ धो कर पीछे पड़ गयी।
दूसरे दिन ही मेरी जेठानी आ गईं। उसका का नाम है नफीसा बेगम। वह भी मेरी ही तरह अच्छे कद काठी वाली है और गोरी चिट्टी है, खूबसूरत है। उससे बातें होने लगीं और फिर खुल कर बातें होने लगी। धीरे धीरे चोदा चोदी की बातें सामने आने लगीं। मैं भी खुल कर पूंछने लगी और वह खुल कर बताने लगीं। वह खुल कर पूछने लगी और मैं खुल कर बताने लगी।
- मैंने कहा - जेठानी जी आपकी शादी कब हुई थी ?
- वह बोली - मेरी शादी २ साल पहले हुई थी।
- आपको इस कुनबे में सबसे अच्छा क्या लगता है।
- उसने मुस्कराते हुए कहा मुझे इस घर में सबसे अच्छे 'लण्ड' लगते हैं।
- हाय अल्लाह ! क्या इतने बढ़िया लण्ड हैं इस कुनबे में ? और क्या आसानी से मिल जातें हैं यहाँ के लण्ड ? क्या सभी के लण्ड बढ़िया हैं ?
- नहीं नहीं ऐसा नहीं है देवरानी जी। किसी का लण्ड बहुत बढ़िया है ? किसी का लण्ड उतना बढ़िया नहीं है पर हां ख़राब भी नहीं है। मज़ा तो सभी देते है ये लण्ड ?
- तो क्या तुम सबके लण्ड का मज़ा ले चुकी हो जेठानी जी ?
- जी हां मैं सबके लण्ड ले चुकी हूँ अपने मुंह में भी और अपनी बुर में भी।
- हाय दईया तुमने तो मेरी चूत में आग लगा दी है, जेठानी जी।
- आग तो मेरी चूत में भी उसी दिन लग चुकी थी जब मैंने ससुर के लण्ड के बारे में सुना था। लण्ड के साइज के बारे में सुना में था और उसकी चोदने की स्टाइल के बारे में सुना था ?
- तो यह बात तुम्हे किसने सुनाई जेठानी जी ?
- मेरी खाला जान से सुनाई थी मुझे। मेरा ससुर मेरी खाला का देवर लगता है। वह खाला की बुर चोदा करता था। मेरी शादी तय हो जाने के बाद खाला ने मेरे ससुर के लण्ड के बारे में सब कुछ बता दिया था।
- तो फिर तुमने ससुर जी का लण्ड कब पकड़ा ? तेरा ससुर और मेरा ससुर तो एक ही है न जेठानी जी ?
- हां एक ही है मेरा और तेरा ससुर ? उसका लण्ड 9" का है बाकी तुम खुद देख लेना ?
- हाय अल्लाह इतना बड़ा लण्ड ? मैं तो मर ही जाउंगी जेठानी जी ?
- मरोगी नहीं देवरानी जी मज़ा करोगी ? तेरी बुर चोदी बुर भी बड़ा मज़ा करेगी ?
मैंने कहा हाय दईया क्या तू अपने अब्बू के दोस्तों के चुदवाती है ? वह बोली अरे भाभी जान लण्ड अगर अच्छा हो तो फिर चुदवाने में क्या हर्ज़ है ?
वैसे मैं लण्ड मुंह में लेती हूँ उसके बाद बुर में लेती हूँ। मुंह में लेने से पता चल जाता है कि लण्ड बुर में जाकर क्या करेगा ?
मैंने कहा तब तो मेरी सास भी बड़ी मस्ती करती होगी ? वह बोली तेरी सास तो चुदवाने में अव्वल है, भाभी जान । मैंने कहा अरे नन्द रानी वो तो तेरी अम्मी जान हैं ? वह छूटते ही बोली अम्मी जान की बिटिया की बुर ? वह तो बुर चोदी सबके लण्ड पेल लेती है अपनी चूत में। सबके सामने धकाधक चुदवाती है। यह बात सास ने सुन ली।
आते ही सासू जी बोली अरे बहू रानी तेरी भोसड़ी की नन्द मादर चोद तो सबसे ज्यादा बेशर्म और बेहाया है। जो लड़की अपने अब्बू का लण्ड सबकी चूत में घुसेड़ती हो वह कितनी बेहरम होगी यह तुम समझ सकती हो ?
मैं मन में कहने लगी की मेरे ससुर के लण्ड की चर्चा बार बार हो रही है इसलिये मुझे सबसे पहले ससुर का लण्ड पकड़ना पड़ेगा। एक दिन ऐसा हुआ की रात में मैंने देखा की ससुर के कमरे से धीमी धीमी लाइट आ रही है। मैं झांककर अंदर देखने लगी। मैंने देखा की ससुर का पजामा खुला हुआ है और उसका लौड़ा बाहर निकला हुआ है। लौड़े का टोपा बिलकुल साफ़ दिखाई पड़ रहा था जिसे दख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। मैं रुकी नहीं और थोड़ा आगे बढ़ी तो लौड़ा पूरा दिखाई पड़ा। मुझे यह भी मालूम हो गया की उसकी झांटें बिलकुल साफ़ हैं। इसलिए लण्ड बड़ा खूबसूरत लग रहा था। लण्ड का रंग सांवला था मगर लण्ड सच में बड़ा हॉट था। मैंने अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ खोल लीं। मैं उसके पलंग के पास पहुँच गई तो उसने मुझे देख लिया। वह लण्ड छिपाते हुए बोला अरे बहू रानी तुम यहाँ ? मैंने कहा हां ससुर जी मुझे लगा की तुम्हे कोई परेशानी है ? इसलिए मैं आ गई। वह बोला अरे बहू रानी अब आ ही गई हो तो ,,,,,,,,,,,,,,?
इतने में मैंने हाथ बढ़कर लण्ड पकड़ ही लिया और उसका पजामा निकाल कर बाहर फेंक दिया। वह मेरे सामने बिलकुल नंगा हो गया। मैंने भी अपने खोल डाला और नंगी हो गईं। उसने मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ देखीं और चिकनी चूत देखि तो उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। उधर उसका लण्ड एकदम तन कर घोड़े के लण्ड की तरह मेरे सामने हिनहिनाने लगा। उसने जब मेरी चूत देखी तो अपनी टाँगे उठा कर लण्ड उसमे पेलना चाहा तो मैंने कहा नहीं ससुर जी अभी नहीं। मैं लण्ड पहले मुँह में लेती हूँ फिर बुर में ? उसके बाद आपने ऊपर पढ़ा।
मैंने नन्द से कहा तू सच कह रही थी तेरे बाप का लौड़ा तो बड़ा मस्त और जबरदस्त निकला , मुझे भी मज़ा आया और मेरी चूत ने भी खूब मज़ा लूटा। वह बोली अरे भाभी जान आज मैं तुम्हे अपने बाप के दोस्त के पास ले चलूंगी। तुम उसका लौड़ा देखना तो तुझे और मज़ा आएगा ? फिर शाम को वह मुझे अपने अब्बू के दोस्त के घर ले गयी। उसका नाम अजमल खान था। मैं जब अजमल खान से मिली तो मेरी चूत की आग और भड़क गयी। वह बहन चोद हैंडसम, लंबा चौड़ा और हट्टा कट्टा था। नन्द बोली ये अंकल मेरे अब्बू का ख़ास दोस्त है। मैंने उसे बड़े अदब से आदाब कहा तो उसने भी ललचायी नज़रों से आदाब का जबाब दिया . नन्द ने फिर कहा अंकल ये मेरी नई भाभी जान है फरीन . उसने कहा माशा अल्लाह तेरी नई नयी भाभी बहुत हसीन हैं , खूबसूरत है और हॉट है। तब तक नन्द ने मजाक करते हुए कहा अच्छा तो भोसड़ी के अजमल अंकल तेरी लार टपक रही है मेरी नई भाभी को देख कर ? वह बोला नहीं ऐसा नहीं है सूफ़िया ? तेरी नई भाभी के साथ तेरी भी खूबसूरती बढ़ गई है। तू भी बड़ी मस्त चीज लग रही है आज ?
इतने में अजमल का कोई दोस्त आ गया। अजमल ने उसे अंदर बुलाया और मेरी नन्द से कहा सूफ़िया लो इससे मिलो ये है मेरा दोस्त अहमद अली। नन्द उसे देख कर बोली हायअल्लाह तेरा दोस्त भी बड़ा हैंडसम है। मैंने उसे बह देखा तो मस्त हो गई। लेकिन मैंने सोंचा की अब क्या होगा। क्या अजमल अपने दोस्त के सामने चुदाई करेगा ? कहीं ऐसा न हो की वह चुदाई न करे और मुझे बिना चुदे यहाँ से जाना पड़े ? नन्द ने मुंह बना कर - अंकल, अच्छा तो हम लोग चलते हैं तुम अपने दोस्त के साथ समय गुज़ारो ? वह बोला अरे नहीं सूफ़िया, ये मादर चोद मेरा दोस्त मेरी बीवी चोदने आया है क्योंकि कल मैं इसकी बीवी चोद कर आया था। इसकी बीवी चोदने के साथ साथ कल मैंने इसकी बेटी भी चोदी। मैं जब इसकी बीवी चोद रहा था तब इसकी जवान बेटी कमरे में घुस आई. उसने खुद अपनी अम्मी की बुर से निकाल कर मेरा लण्ड चाट लिया। फिर क्या मैं उसके ऊपर भी चढ़ बैठा। मैंने उसकी अम्मी के सामने उसकी बेटी की बुर बड़े मजे से चोदी।
नन्द ने कहा तब तो इसने भी तेरी बेटी चोदी होगी, अंकल ? अंकल ने जबाब दिया ये तो पहले ही मेरी बेटी चोद चुका है। अब ये आज तेरी बुर चोदेगा और तेरी भाभी की भी बुर चोदेगा ? मैं यह सुनकर मन ही मन बड़ी खुश हुई। नन्द ने अजमल अंकल के पैजामे का नाड़ा खोला और हाथ घुसेड़ दिया। उसने अपनी चूँचियाँ भी खोल दीं। फिर अपनी सलवार उतार कर अपनी चूत भी सबको दिखा दी । वह भोसड़ी की बिलकुल नंगी हो गयी। वह तो कई बार उससे चुदवा चुकी है। वह अंकल का लण्ड अच्छी तरह पहचानती है। इसलिए उसने लण्ड अंदर ही अंदर सहलाया और फिर उसे बाहर निकाल कर मुझे दिखाते हुए कहा लो भाभी जान अब आँखें खोल कर देखो अंकल का लौड़ा ? यही लौड़ा तेरी नन्द की बुर लेता है। मैंने मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ लिया। मेरे लण्ड पकड़ते ही वह मेरे भी कपड़े खोलने लगी और मुझे भी नंगी कर दिया। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और मस्तानी चिकनी चूत देख कर दोनों मरद बहन चोद पागल हो गये. फिर नन्द ने अहमद अंकल के लण्ड पर हाथ डाला। उसे नंगा किया और उसका लण्ड हिलाने लगी।
मैंने कनखियों से उसका लौड़ा देखा तो मज़ा आ गया। लौड़ा बहन चोद 9" का था और मोटा भी गज़ब का था। मेरी तो बांछे खिल गयी। इतने में अजमल मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा और मेरी चुम्मी लेने लगा। मेरा बदन चूमने लगा। मेरी चूँची, चूत मेरे गाल, मेरी नाक, मेरी गर्दन, मेरे चूतड़, मेरी गांड, मेरी जाँघे सब जगह की चुम्मी लेने लगा। मैं समझ गई की आज ये मुझे अच्छी तरह चोद डालेगा। मैं तन और मन से अजमल अंकल का लण्ड चाटने और चूसने में गयी। बीच बीच में मैं पेल्हड़ भी चाटने लगती चाटने लगती जो मुझे बहुत लगते हैं। गोरा चिट्टा लण्ड जिसका सुपाड़ा ही 3" का था बहुत सुन्दर लग रह था। मैं पेल्हड़ थामे हुए अपनी जबान सुपाड़े के चारों तरफ घुमाने लगी। फिर मैंने लण्ड पूरा मुंह में भर कर मजे से लण्ड पीने लगी। मेरे सामने ही मेरी नन्द अहमद का लण्ड पी रही थी। हम दोनों एक दूसरे को लण्ड चूसती हुई देखती रहीं। मुझे मालूम हो गया की वह किस तरह लण्ड पीती है और उसे भी मालूम हो गया की मैं किस तरह लण्ड पीती हूँ। थोड़ी देर तक हम दोनों लण्ड मस्ती से पीती रहीं।
अजमल अंकल में फिर लण्ड चूत पर रख दिया और जोर का धक्का मारा तो लण्ड सट्ट से अंदर घुस गया। वह मस्ती से चोदने लगा मेरी बुर। मैं भी मजे से चुदवाने लगी। अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मुझे मालूम हुआ की मैंने ऐसे तो अपनी सुहागरात में भी अपने मियां से नहीं चुदवाया था। लौड़ा अच्छा हो, मन का हो और चोदने वाला भी बढ़िया हो तो चुदवाने में खूब मज़ा आता है। मैं देख रही थी की मेरी नन्द भी कितनी मस्ती से एक रंडी की तरह अहमद अंकल से चुदवा रही है। उसकी भी चूत में लण्ड पूरा घुसता था और मेरी भी चूत में ? हम दोनों नन्द भौजाई एक साथ पहली बार चुदवा रहीं थीं।
वह बोली - अरी मेरी अम्मी की बुर चोदी बहू तुझे अंकल से चुदवाने में मा आ रहा है न ?
मैंने जबाब दिया - हां सच में बड़ा मज़ा आ रहा है।
वह फिर गाली देती हुई बोली - भाभी जान तेरी बुर चोदी सास की बिटिया की बुर ?
मैंने भी गाली देते हुए कहा - तेरी बुर चोदी माँ की बहू की चूत ?
उसने कहा - तेरी बुर चोदी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
मैंने जबाब दिया - तेरी बुर चोदी भाभी की नन्द की चूत ?
हम दोनों इसी तरह एक दूसरे को गालियां सुनाती हुई चुदवाने का मज़ा लूटने लगीं। इतने में अंकल मुझे पीछे से चोदने लगा और नन्द भी पीछे से चुदवाने लगी। फिर जाने क्या दोनों मर्दों में इशारा हुआ की अहमद ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और अजमल ने लण्ड मेरी नन्द की बुर में घुसेड़ दिया। लण्ड बदला तो मज़ा भी अलग तरह का आने लगा। फिर उसने मुझे लण्ड पर बैठा लिया। मैं लण्ड पर कूद कूद कर चुदवाने लगी। मुझे इस तरह चुदवाने का पहला मौक़ा था , मुझे अच्छा लगने लगा। तभी मुझे मालूम हुआ की मैं खलास हो चुकी हूँ। मेरी चूत ढीली हो गयी है। उसका लौड़ा भी किनारे आ चुका था। वह बोला बहू अब मैं निकलने वाला हूँ तो मैं लण्ड से उतरी और सड़का मारने लगी। बस थोड़ी देर में लण्ड ने उगल दिया वीर्य जिसे मैंने अपने मुंह में ले लिया। मैं उसका वीर्य पी गयी और झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैंने देखा की मेरी नन्द भी लण्ड चाट रही है।मुझे सच में बड़ा मज़ा आया। मैंने कहा हां नन्द रानी इन दोनों के लण्ड तेरे अब्बू के लण्ड से थोड़े मोटे हैं। उसके बाद हम लोग घर आ गयीं।
घर में जैसे ही घुसी मैंने देखा की सासू के कमरे में कुछ हो रहा है। नन्द तो एकदम से घुस गयी और मैं भी पीछे पीछे घुस गयी। हमने देखा की सासू जी अपनी बहन की बेटी की बुर में लण्ड पेल रहीं हैं। अब लण्ड किसका का था यह मुझे नहीं मालूम ? वह भी सासू की बुर में लौड़ा घुसड़ रही थी। वह लौड़ा किसका था मुझे मालूम नहीं नहीं ?
मेरी नन्द बोली - तुम किसका लण्ड अपनी बहन की बेटी की बुर में पेल रही हो अम्मी ?
वह बोली - अम्मी की बिटिया की बुर ? तू पहले बता की तू किससे अपनी बुर फड़वा के आ रही है मादर चोद सूफ़िया ?
वह बोली - मैं तो अजमल और अहमद अंकल से फड़वा के आ रही हूँ। आज मैंने अपनी भाभी जान की भी बुर फड़वा दी। तू बता भोसड़ी वाली किसके लण्ड से इसकी बुर फाड़ रही है ?
सास बोली - ये लण्ड मेरी दोस्त के शौहर का है जो मैं तेरी खाला की बेटी की बुर में पेल रही हूँ और ये अपने ससुर का लण्ड मेरी बुर में पेल रही है। तब तक फूफी की बेटी भी आ गयी। उसके पास भी एक,लण्ड था। रात का समय था। रात में यहाँ सब की सब बहू बेटियां बीवियां नंगी ही रहती हैं। मरद भी बहन चोद नंगे रहते हैं। फूफी ने कहा ये मेरे देवर का लण्ड है सूफ़िया। मैंने इसे तेरी नई भाभी की बुर मे पलने आयी हूँ। यह सुनकर मेरी बुर एक बार फिर गनगना उठी। फूफी ने मेरी चूत पर हाथ रखा और कहा अरे बहू रानी तेरी तो चूत बिलकुल गीली है। ऐसा बोल कर फूफी लण्ड सीधे मेरी चूत में घुसा दिया और मैं भी चुदवाने में सहयोग देने लगी। ये लौड़ा भी सच में मेरे ससुर के लौड़े की तरह ही था। मुझे चुदाई में मज़ा आने लगा। मेरे सामने मेरी सास भी चुदवा रही थी। मेरी सास की चूत में उसकी बेटी के ससुर का लण्ड घुसा था।
मैंने सासू से पूंछ लिया - सासू जी क्या तुम अपनी बेटी के मियां का भी लण्ड पेलती हो अपनी चूत में ?
वह बोली - हां हां बिलकुल पेलती हूँ। जो भोसड़ी का मेरी बेटी की बुर ले सकता है वो मेरी भी बुर ले सकता है। इसमें गलत क्या है ?
उस दिन के बाद मैं बड़ी बेहरमी से अपनी सास के आगे, नन्द के आगे, ससुर के आगे, फूफी, खाला और उनकी बेटियों के आगे सबसे चुदवाने लगी। मैं घर में ही अपने कुनबे के मर्दों के लिए एकदम रंडी बन गई बुर चोदी।
नन्द ने कहा तब तो इसने भी तेरी बेटी चोदी होगी, अंकल ? अंकल ने जबाब दिया ये तो पहले ही मेरी बेटी चोद चुका है। अब ये आज तेरी बुर चोदेगा और तेरी भाभी की भी बुर चोदेगा ? मैं यह सुनकर मन ही मन बड़ी खुश हुई। नन्द ने अजमल अंकल के पैजामे का नाड़ा खोला और हाथ घुसेड़ दिया। उसने अपनी चूँचियाँ भी खोल दीं। फिर अपनी सलवार उतार कर अपनी चूत भी सबको दिखा दी । वह भोसड़ी की बिलकुल नंगी हो गयी। वह तो कई बार उससे चुदवा चुकी है। वह अंकल का लण्ड अच्छी तरह पहचानती है। इसलिए उसने लण्ड अंदर ही अंदर सहलाया और फिर उसे बाहर निकाल कर मुझे दिखाते हुए कहा लो भाभी जान अब आँखें खोल कर देखो अंकल का लौड़ा ? यही लौड़ा तेरी नन्द की बुर लेता है। मैंने मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ लिया। मेरे लण्ड पकड़ते ही वह मेरे भी कपड़े खोलने लगी और मुझे भी नंगी कर दिया। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और मस्तानी चिकनी चूत देख कर दोनों मरद बहन चोद पागल हो गये. फिर नन्द ने अहमद अंकल के लण्ड पर हाथ डाला। उसे नंगा किया और उसका लण्ड हिलाने लगी।
मैंने कनखियों से उसका लौड़ा देखा तो मज़ा आ गया। लौड़ा बहन चोद 9" का था और मोटा भी गज़ब का था। मेरी तो बांछे खिल गयी। इतने में अजमल मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा और मेरी चुम्मी लेने लगा। मेरा बदन चूमने लगा। मेरी चूँची, चूत मेरे गाल, मेरी नाक, मेरी गर्दन, मेरे चूतड़, मेरी गांड, मेरी जाँघे सब जगह की चुम्मी लेने लगा। मैं समझ गई की आज ये मुझे अच्छी तरह चोद डालेगा। मैं तन और मन से अजमल अंकल का लण्ड चाटने और चूसने में गयी। बीच बीच में मैं पेल्हड़ भी चाटने लगती चाटने लगती जो मुझे बहुत लगते हैं। गोरा चिट्टा लण्ड जिसका सुपाड़ा ही 3" का था बहुत सुन्दर लग रह था। मैं पेल्हड़ थामे हुए अपनी जबान सुपाड़े के चारों तरफ घुमाने लगी। फिर मैंने लण्ड पूरा मुंह में भर कर मजे से लण्ड पीने लगी। मेरे सामने ही मेरी नन्द अहमद का लण्ड पी रही थी। हम दोनों एक दूसरे को लण्ड चूसती हुई देखती रहीं। मुझे मालूम हो गया की वह किस तरह लण्ड पीती है और उसे भी मालूम हो गया की मैं किस तरह लण्ड पीती हूँ। थोड़ी देर तक हम दोनों लण्ड मस्ती से पीती रहीं।
अजमल अंकल में फिर लण्ड चूत पर रख दिया और जोर का धक्का मारा तो लण्ड सट्ट से अंदर घुस गया। वह मस्ती से चोदने लगा मेरी बुर। मैं भी मजे से चुदवाने लगी। अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मुझे मालूम हुआ की मैंने ऐसे तो अपनी सुहागरात में भी अपने मियां से नहीं चुदवाया था। लौड़ा अच्छा हो, मन का हो और चोदने वाला भी बढ़िया हो तो चुदवाने में खूब मज़ा आता है। मैं देख रही थी की मेरी नन्द भी कितनी मस्ती से एक रंडी की तरह अहमद अंकल से चुदवा रही है। उसकी भी चूत में लण्ड पूरा घुसता था और मेरी भी चूत में ? हम दोनों नन्द भौजाई एक साथ पहली बार चुदवा रहीं थीं।
वह बोली - अरी मेरी अम्मी की बुर चोदी बहू तुझे अंकल से चुदवाने में मा आ रहा है न ?
मैंने जबाब दिया - हां सच में बड़ा मज़ा आ रहा है।
वह फिर गाली देती हुई बोली - भाभी जान तेरी बुर चोदी सास की बिटिया की बुर ?
मैंने भी गाली देते हुए कहा - तेरी बुर चोदी माँ की बहू की चूत ?
उसने कहा - तेरी बुर चोदी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
मैंने जबाब दिया - तेरी बुर चोदी भाभी की नन्द की चूत ?
हम दोनों इसी तरह एक दूसरे को गालियां सुनाती हुई चुदवाने का मज़ा लूटने लगीं। इतने में अंकल मुझे पीछे से चोदने लगा और नन्द भी पीछे से चुदवाने लगी। फिर जाने क्या दोनों मर्दों में इशारा हुआ की अहमद ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और अजमल ने लण्ड मेरी नन्द की बुर में घुसेड़ दिया। लण्ड बदला तो मज़ा भी अलग तरह का आने लगा। फिर उसने मुझे लण्ड पर बैठा लिया। मैं लण्ड पर कूद कूद कर चुदवाने लगी। मुझे इस तरह चुदवाने का पहला मौक़ा था , मुझे अच्छा लगने लगा। तभी मुझे मालूम हुआ की मैं खलास हो चुकी हूँ। मेरी चूत ढीली हो गयी है। उसका लौड़ा भी किनारे आ चुका था। वह बोला बहू अब मैं निकलने वाला हूँ तो मैं लण्ड से उतरी और सड़का मारने लगी। बस थोड़ी देर में लण्ड ने उगल दिया वीर्य जिसे मैंने अपने मुंह में ले लिया। मैं उसका वीर्य पी गयी और झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैंने देखा की मेरी नन्द भी लण्ड चाट रही है।मुझे सच में बड़ा मज़ा आया। मैंने कहा हां नन्द रानी इन दोनों के लण्ड तेरे अब्बू के लण्ड से थोड़े मोटे हैं। उसके बाद हम लोग घर आ गयीं।
घर में जैसे ही घुसी मैंने देखा की सासू के कमरे में कुछ हो रहा है। नन्द तो एकदम से घुस गयी और मैं भी पीछे पीछे घुस गयी। हमने देखा की सासू जी अपनी बहन की बेटी की बुर में लण्ड पेल रहीं हैं। अब लण्ड किसका का था यह मुझे नहीं मालूम ? वह भी सासू की बुर में लौड़ा घुसड़ रही थी। वह लौड़ा किसका था मुझे मालूम नहीं नहीं ?
मेरी नन्द बोली - तुम किसका लण्ड अपनी बहन की बेटी की बुर में पेल रही हो अम्मी ?
वह बोली - मैं तो अजमल और अहमद अंकल से फड़वा के आ रही हूँ। आज मैंने अपनी भाभी जान की भी बुर फड़वा दी। तू बता भोसड़ी वाली किसके लण्ड से इसकी बुर फाड़ रही है ?
सास बोली - ये लण्ड मेरी दोस्त के शौहर का है जो मैं तेरी खाला की बेटी की बुर में पेल रही हूँ और ये अपने ससुर का लण्ड मेरी बुर में पेल रही है। तब तक फूफी की बेटी भी आ गयी। उसके पास भी एक,लण्ड था। रात का समय था। रात में यहाँ सब की सब बहू बेटियां बीवियां नंगी ही रहती हैं। मरद भी बहन चोद नंगे रहते हैं। फूफी ने कहा ये मेरे देवर का लण्ड है सूफ़िया। मैंने इसे तेरी नई भाभी की बुर मे पलने आयी हूँ। यह सुनकर मेरी बुर एक बार फिर गनगना उठी। फूफी ने मेरी चूत पर हाथ रखा और कहा अरे बहू रानी तेरी तो चूत बिलकुल गीली है। ऐसा बोल कर फूफी लण्ड सीधे मेरी चूत में घुसा दिया और मैं भी चुदवाने में सहयोग देने लगी। ये लौड़ा भी सच में मेरे ससुर के लौड़े की तरह ही था। मुझे चुदाई में मज़ा आने लगा। मेरे सामने मेरी सास भी चुदवा रही थी। मेरी सास की चूत में उसकी बेटी के ससुर का लण्ड घुसा था।
मैंने सासू से पूंछ लिया - सासू जी क्या तुम अपनी बेटी के मियां का भी लण्ड पेलती हो अपनी चूत में ?
वह बोली - हां हां बिलकुल पेलती हूँ। जो भोसड़ी का मेरी बेटी की बुर ले सकता है वो मेरी भी बुर ले सकता है। इसमें गलत क्या है ?
उस दिन के बाद मैं बड़ी बेहरमी से अपनी सास के आगे, नन्द के आगे, ससुर के आगे, फूफी, खाला और उनकी बेटियों के आगे सबसे चुदवाने लगी। मैं घर में ही अपने कुनबे के मर्दों के लिए एकदम रंडी बन गई बुर चोदी।
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