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मैं तो अब ठोकूंगी तेरी गांड़ में लण्ड - Main to ab thokungi teri gand me land
मैं तो अब ठोकूंगी तेरी गांड़ में लण्ड - Main to ab thokungi teri gand me land , चूत की खूबसूरती , मुझे लंड चाहिए , मैं लंड की प्यासी हूँ , मैं खुद भी चुदुंगी और सबको चुदवा दूंगी , अन्तर्वासना कामवासना की स्टोरी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैंने मुस्कराते हुए बड़े प्यार से कहा - तेरा तो भोसड़ा चोदूँगी मैं, बुर चोदी अम्मी जान ? मोटे मोटे लण्ड पेलूँगी तेरे भोसड़ा में खुले आम। फाड़ डालूंगी तेरा ये ज़ालिम हरामजादा भोसड़ा। जानती हो क्यों ? क्योंकि मेरी शादी के बाद तू मेरी फुफिया सास हो गयी है, अम्मी जान और सास का भोसड़ा चोदना बहू का काम है। मैं तो अब ठोकूंगी तेरी गांड़ में लण्ड।
अम्मी ने जबाब दिया - हां हां रिश्ते में मैं तेरी फुफिया सास हो गयी हूँ बुर चोदी रेशमा ? अब तू मेरी बहू बन गयी है। अब तो मैं तेरी बुर में एक नहीं २/३ लण्ड इकठ्ठा पेलूँगी। फट जाएगी तेरी बुर, बहन चोद ? तेरी का माँ का भोसड़ा बहू रानी ? तेरी नन्द की माँ की चूत ? एक बात कान खोल कर सुन ले, तू अगर मेरे भोसड़ा में ज्यादा छेड़ छाड़ करेगी तो मैं तेरी चूत में आग लगा दूँगी।
पूरी कहानी नीचे पढ़ें :-
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मैंने मस्ती में कहा - माशा अल्लाह, बड़ा मस्त भोसड़ा है तेरा अम्मी जान ! देखो न कितना टाइट और खूबसूरत लग रहा है तेरा ये बिना झांट का भोसड़ा बहन चोद ! इसमें लण्ड पेलने में मुझे कितना मज़ा आएगा इसका अंदाज़ा भी तुम नहीं लगा सकती अम्मी जान ? आज तो मुझे ज़न्नत का मज़ा मिलेगा तेरा भोसड़ा चोदने में। जानती हो क्यों ? क्योंकि मेरे निकाह के बाद हमारे तुम्हारे रिश्तों में जबरदस्त तबदीली आ गई है।
मैं पहले ही बता चुकी हूँ दोस्तों, की हमारे मुसलमानो में शादियां बड़ी नजदीकी रिश्तों में हो जाती है और इसिलए हमारे रिश्ते एकदम से बदल जातें हैं। अगर चचा जान के लड़के से हो जाती है शादी तो जो कल तक मेरा भाई जान था वह आज मेरा शौहर बन जाता है, मेरा देवर बन जाता है, मेरा जेठ बन जाता है । कभी जीजू तो कभी फूफा तो कभी नंदोई बन जाता है। कभी अम्मी जान मेरी बुर चोदी नन्द बन जाती है और कभी वह मेरी भाभी। कभी जेठानी हो जाती है और कभी बुर चोदी फूफी जान ? ये सब हमारे समाज में होता रहता है। चुदाई के रिश्ते अपने आप बन जाते हैं। इसीलिए हमारे समाज में चुदाई खुल्लम खुल्ला होती है। चुदाई में कोई खास रोक टोक नहीं होती। कोई किसी को भी चोद लेता है और कोई किसी से भी चुदवा लेती है। बेटी अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लेती है। अपने चचा जान से चुदवा लेती है, अपने मामू जान से, अपने फूफा जान अपने जीजू से अपने जेठ से या फिर अपने ससुर से भी चुदवा लेती है। अम्मी अपने बेटी के शौहर से चुदवा लेती हैं। कुनबे की सभी बहू, बेटियां, बीवियां सबके लण्ड पीती हैं। सबकी सब बुर चोदी रंडी की तरह लण्ड पीती हैं और भकाभक चुदवाती हैं। हमारे कुनबे में रात में कपड़े पहनने का रिवाज़ नहीं है। सब बहू बेटियां बीवियां नंगी नंगी ही घूमा करती हैं और सारे मरद भी बहन चोद नंगे नंगे ही पड़े रहतें हैं। पता नहीं किसकी बुर सामने आ जाए और उसी में लण्ड पेल दें।
हमारे यहाँ ये सब जायज़ है। माँ बेटी की बुर चोदती है बेटी माँ का भोसड़ा चोदती है। नन्द भाभी एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलती हैं. देवरानी जेठानी भी आपस में चोदा चोदी करती है। बहू सास का भोसड़ा चोदती है सास बहू की बुर ? कहाँ न की ये सब हमारे समाज में जायज़ है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। किसकी माँ, बहन, बेटी, बहू किससे चुद रही है ये किसी को पता नहीं होता ? पता करने की कोई जरुरत भी नहीं होती। इसकी कोई परवाह भी नहीं करता ?
मेरा ससुर मेरी अम्मी को एक रिश्ते से दीदी कहता है। मेरी शादी हो जाने के बाद मेरी अम्मी मेरे मियां की फूफी हुई। मेरे मियां की फूफी हुई तो वह मेरी फूफी सास हो गई। अब फूफी सास की बुर चोदना तो मेरा हक़ है दोस्तों ? अब तो मैं अपनी फूफी सास की बुर में लण्ड जरूर पेलूँगी। मैं तो आज चोदूँगी तेरा भोसड़ा मेरी बुर चोदी अम्मी जान उर्फ़ मेरी फूफी सास ? अब मैं आपको वह बात बता रही हूँ जब मैं जवान हुई थी और तभी से मैं लण्ड की दीवानी हो गई थी, बुर चोदी हो गई थी, मादर चोद हो गई थी मैं । मेरी चूँचियाँ हर रोज़ बढ़ने लगीं थी मेरी चूत ससुरी मुझे चैन से बैठने नहीं देती थी। मेरी काली काली झांटें मेरी चूत की खूबसूरती बढ़ा रही थीं और मेरी जाँघे भोसड़ी वाली मोटी होती जा रही थीं। मेरे मुंह से गालियां अपने आप निकलने लगीं थी और मेरी गांड़ थिरकने लगी थी।
मैं जब १८ + की हुई थी तो अम्मी जान मुझसे खुलकर बातें करने लगीं थीं। हंसी मजाक करने लगीं और गन्दी गन्दी बातें भी करने लगीं थीं. नॉन वेज चुटकुले भी मजे ले ले के सुनने सुनाने लगीं। सच में बड़ा मज़ा आता था ।
एक दिन मैं किचेन में बैठ हुई चावल बिन रही थी। अम्मी कुछ नास्ता बना रही थी। तभी अचानक मेरी पड़ोसन रहीमा आंटी आ गयी।
आते ही वह बोली - अरी शबाना यार कल तो हद ही हो गयी। कल रात में मेरी बेटी ने अपने ही शौहर का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और बोली लो अम्मी जान मेरे मियां का लण्ड चोदो ? यह सुनकर मैं शर्म के मारे उठ कर जाने लगी तो आंटी ने कहा अरी माँ की लौड़ी रेशमा तू कहाँ अपनी माँ चुदाने जा रही है ? या फिर किसी का लण्ड हिलाने जा रही है ? अब तू जवान हो गयी है। अब तुझे भी ये सब बातें करनी चाहिए। शर्माना वर्माना छोड़ो और पकड़ो लण्ड ? लण्ड के बिना जवानी नहीं कटेगी। अम्मी भी बोल पड़ी हां रेशमा अब तू भी लण्ड पकड़ा कर। शर्माने की कोई जरुरत नहीं है, रेशमा ? तेरी माँ की चूत ? तेरी माँ की बिटिया की बुर। लण्ड नहीं पकड़ेगी तो क्या तू अपनी झांटें उखाड़ेगी इस भद्दर जवानी में ?
अम्मी ने कहा - हां रहीमा तो तुम क्या बता रही थीं ? वह बोली मैं कह रही थी की कल रात को मेरी बेटी ने अपने मियां का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और कहा इसे चोदो। मैंने कहा अरे बुर चोदी सना मैं तेरी माँ हूँ ? वह बोली तू मेरी माँ है तो तेरे पास मेरी माँ का भोसड़ा भी है ? अब तेरा भोसड़ा लण्ड नहीं चोदेगा तो क्या चोदेगा ? मैंने कहा तो फिर तू भोसड़ी की क्या करेगी ? वह बोली मैं अपने नंदोई का लण्ड यहीं तेरे सामने चोदूँगी अम्मी जान। मैं भी मूड में थी तो मैंने लण्ड पकड़ लिया। फिर मैंने अपनी बेटी के मियां का लण्ड चोदा और उसने मेरे सामने ही अपने नंदोई का लण्ड चोदा। दूसरी पारी में मैंने भी उसके नंदोई लण्ड चोदा।
उस दिन से मैं अम्मी जान से प्यार भरी गाली गलौज करने लगी। उसी रात को अम्मी ने मुझे लैपटॉप पर कई ब्लू फिल्म दिखाई और कहा बेटी जवानी में लण्ड से मोहब्बत करो, लण्ड पियो, लण्ड पेलो, लण्ड से खेलो और लण्ड अपनी चूत, अपने मुंह में और चूँचियों में ले लो ? जवानी का सबसे बड़ा और भरोसे मंद साथी लण्ड ही होता है बेटी रेशमा। अम्मी जान की बात मेरे मन में बैठ गयी। लेकिन ब्लू फिल्म देखने से मेरी चूत में आग लग गयी। मैंने कहा - मेरी तो चूत में आग लग गई है, अम्मी जान ?
वह बोली - आग तो मेरे भोसड़ा में भी लग गयी है, बेटी।
इतने में रहीमा आंटी का फोन आ गया। वह अम्मी से बोली - शबाना यार मेरे घर में मेरी बेटी का ससुर आया है और उसके साथ दो और दोस्त भी हैं. मेरी बेटी सना घर पर नहीं है। वह दो दिन बाद आएगी। अब ये साले तीनो बिना चोदे सोयेंगें नहीं। मैं तीन तीन लण्ड से कैसे चुदवाऊंगी। तुम कहो तो मैं दो लण्ड तेरे पास भेज देती हूँ। अम्मी ने कहा हां हां भेज दो। सना का ससुर और उसका एक दोस्त मेरे पास भेज दो। अम्मी ने ये बात मुझे बताई तो मेरी चूत की आग और बलबला उठी। लण्ड का इंतज़ाम हो गया तो हमारी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
थोड़ी देर में दो आदमी घर में आ गए। एक ने कहा मैं अतीक अहमद हूँ सना का ससुर और ये है मेरा दोस्त आरिफ। मैं तो दोनों को देख कर हैरान हो गयी। मैं समझती थी की कोई सफ़ेद दाढ़ी वाला आदमी होगा। पर ऐसा नहीं था। दोनों मस्त जवान आदमी थे जो ३०/ ३५ की उम्र के ही लग रहे थे जब की वे ४५/४६ साल की उम्र के थे। वो और अम्मी से मिले। अतीक बोला माशा अल्ला शबाना भाभी जान आप तो बहुत ही हसीन हैं खूबसूरत है और हॉट है। और आपकी बेटी तो ज़न्नत की हूर है। फिर हमने ड्रिंक्स का सेट लगाया और बातें होने लगी।
मैं अतीक का लण्ड पीने लगी और अम्मी आरिफ का लण्ड। हम दोनों एक दूसरे को मस्ती से देख भी रही थीं। इससे हमारी ख़तम हो गयी और हमें मस्ती भी ज्यादा आने लगी। अम्मी ने कहा बुर चोदी रेशमा अपनी अम्मी को लण्ड पीते हुए देखने में तुझे मज़ा आ रहा है न ? मैने कहा हां अम्मी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अम्मी बोली तेरी माँ की चूत को भी बहुत अच्छा लग रहा है बेटी रेशमा। मैंने कहा और तेरी बिटिया की बुर भी काफी एन्जॉय कर रही है, अम्मी जान। अम्मी ने आँख मारती हुई बोली तेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने भी आंख दबायी और बोली तेरी बुर चोदी बेटी की बुर ? तब आरिफ ने लण्ड पेल दिया अम्मी के भोसड़ा में। इधर अतीक भी मेरी बुर चोदने लगा। हम दोनों मजे से एक दूसरे के सामने चुदवाने लगीं। मेरा मन हुआ की मैं जल्दी से दोनों लण्ड पकड़ लूं। मेरी चूत पल पल गरम होती जा रही थी। अम्मी जान का भोसड़ा भी जल रहा था। मुझसे रहा न गया और मैंने सना के ससुर के लण्ड पर हाथ मार ही दिया। मैंने कहा अंकल अब मुझे इसका दीदार कराओ न प्लीज।
उधर अम्मी ने तो आरिफ के पजामा में हाथ ही घुसेड़ दिया। वह अंदर ही अंदर लण्ड सहलाने लगी और अपनी चूँचियाँ खोल कर मज़ा करने लगी। अतीक भी मेरी नंगी चूँचियाँ दबाने लगा और फिर मैंने उसके पजामा का नाड़ा खोल कर लौड़ा बाहर निकाल लिया। मैंने लण्ड की चुम्मी ली, उसका सुपाड़ा चूमा उसके पेल्हड़ चूमें और उसकी छोटी छोटी झाटों पर ऊँगली फिराई। वह भी मेरी चूत तक अपना हाथ ले गया। तब मैंने अपनी सलवार उतार दी। मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी। उधर अम्मी का भी भोसड़ा खुल चुका था। थोड़ी देर में अतीक भी नंगा हुआ और उसका दोस्त आरिफ भी। मेरी आँखों के सामने दो दो खड़े लण्ड टन टनाने लगे।
कुछ दिन बाद मेरा निकाह ज़फर नाम के लड़के से हो गया और मैं ससुराल चली गई। मुझे मालूम हो गया था की मेरी अम्मी जान मेरी फुफिया सास बन गयी हैं। उधर मेरी सास भी उसकी चर्चा करने लगी और बोली हां बहू मैं तेरी अम्मी शबाना को अच्छी तरह जानती हूँ। उसकी चूत भी जानती हूँ और उसकी गांड़ भी ? तेरी माँ चूत में मैंने अपने हाथों से लण्ड पेला है बहू क्योंकि वह मेरी नन्द है। मैंने कहा मैं भी उसकी बुर में लौड़ा पेलूँगी सासू जी। वह बोली हां जरूर पेलना उसकी बुर में लण्ड लेकिन पहले मेरे भोसड़ा में लण्ड पेल दे माँ की लौड़ी ? उसी रात को मैंने एक लण्ड अपनी सास के भोसड़ा में पेला पर मुझे मालूम नहीं था की लण्ड किसका था ? बाद में मेरी नन्द ने बताया अरे भाभी जान वह लण्ड मेरे ससुर का था। सास ने फिर वही लण्ड मेरी भी चूत में घुसेड़ दिया।
अच्छी बात यह थी की मैं एक महीने में ही अपनी ससुराल में खूब चुदी। फिर मैं अपने शौहर के साथ माईके आ गयी। अम्मी मुझे देख कर खुश हुई और अपने दामाद से भी दिल खोल कर मिली। थोड़ी देर में एक और लड़का आ गया। मेरे मियां ने बताया की वह मेरी नन्द का देवर है। माशा अल्ला वह भी बड़ा मद मस्त जवान लड़का था। नाम था नफीस। शाम को हम सब बैठ कर थोड़ी मस्ती करने लगे। मैं, मेरी अम्मी, मेरा शौहर और नन्द का देवर नफीस। बातें होने लगीं।
एक दिन मेरे मियां का फोन आया। वह बोला - रेशमा देखो आज शाम को दो लड़के आयेगें सूफी और गूफी। ये दोनों मेरे दोस्त हैं और दुबई से आएं हैं। तुम दोनों से खूब अच्छी तरह चुदवा लेना। मैं जब दुबई जाता हूँ तो इन दोनों की बीवियां चोदता हूँ। मैंने कहा - जी अच्छा मैं अच्छी तरह चुदवा लूंगी। तुम्हे कोई शिकायत नहीं मिलेगी। शाम को गए। मैं दोनों को देख कर खुश हुई क्योंकि दोनों ही मस्त जान और २५/२६ साल की उम्र के लड़के थे। मैंने उन्हें अम्मी से मिलवाया तो वह भी मस्त हो गयीं। मैं दारू का सेट लगा फिर बातें करने लगी।
सूफी बोला - भाभी जान आप तो बहुत खूबसूरत हैं। आपकी अम्मी भी माशा बहुत जवान हैं।
गूफी ने कहा - भाभी जान आप तो बड़ी प्यारी प्यारी बातें भी करती हैं।
मैंने चिढ़ाते हुए कहा। मैं गालियां भी देती हूँ।
सूफी बोला - तब तो मज़ा ही आ जायेगा। मेरा एक दोस्त है उसकी बीवी भी खूब गालियां देती है तो हमारे दोस्त सब उसी को चोदने जातें हैं। सबको गालियां सुनने में मज़ा है न ?
मैंने कहा - हां जो गालियां देगी वो बुर चोदी ज्यादा चुदेगी। थोड़ा नशा चढ़ गया था और थोड़ा हम सब खुल भी गयीं थीं तो मैंने सूफी का पजामा खोल डाला। अम्मी जान ने गूफी का पजामा खोला डाला। दोनों भोसड़ी के नंगे हो गए। मैंने भी अपने कपड़े उतारे तो मेरी चूँचियाँ नंगी हो गयी। मेरी चूत सबके सामने नाचने लगी। मेरी अम्मी भी सब कुछ खोल कर खड़ी हो गयीं।
सूफी बोला - भाभी जान एक बात कहूं। तेरी अम्मी तो तेरी बड़ी बहन लगती हैं न की अम्मी जान।
मैंने कहा - तो फिर तू पहले मेरी अम्मी का भोसड़ा चोद ले ? मैं तुमसे बाद में चुदवाऊंगी। तब तक मैं गूफी से चुदवा लेती हूँ।
मैं गुफी का लण्ड पीने लगी। अम्मी जान सूफी का लण्ड पीने लगीं। उसके बाद रात भर हम दोनों ने लण्ड अदल बदल कर खूब झमाझम चुदवाया।
वह बोली - आग तो मेरे भोसड़ा में भी लग गयी है, बेटी।
इतने में रहीमा आंटी का फोन आ गया। वह अम्मी से बोली - शबाना यार मेरे घर में मेरी बेटी का ससुर आया है और उसके साथ दो और दोस्त भी हैं. मेरी बेटी सना घर पर नहीं है। वह दो दिन बाद आएगी। अब ये साले तीनो बिना चोदे सोयेंगें नहीं। मैं तीन तीन लण्ड से कैसे चुदवाऊंगी। तुम कहो तो मैं दो लण्ड तेरे पास भेज देती हूँ। अम्मी ने कहा हां हां भेज दो। सना का ससुर और उसका एक दोस्त मेरे पास भेज दो। अम्मी ने ये बात मुझे बताई तो मेरी चूत की आग और बलबला उठी। लण्ड का इंतज़ाम हो गया तो हमारी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
थोड़ी देर में दो आदमी घर में आ गए। एक ने कहा मैं अतीक अहमद हूँ सना का ससुर और ये है मेरा दोस्त आरिफ। मैं तो दोनों को देख कर हैरान हो गयी। मैं समझती थी की कोई सफ़ेद दाढ़ी वाला आदमी होगा। पर ऐसा नहीं था। दोनों मस्त जवान आदमी थे जो ३०/ ३५ की उम्र के ही लग रहे थे जब की वे ४५/४६ साल की उम्र के थे। वो और अम्मी से मिले। अतीक बोला माशा अल्ला शबाना भाभी जान आप तो बहुत ही हसीन हैं खूबसूरत है और हॉट है। और आपकी बेटी तो ज़न्नत की हूर है। फिर हमने ड्रिंक्स का सेट लगाया और बातें होने लगी।
मैं अतीक का लण्ड पीने लगी और अम्मी आरिफ का लण्ड। हम दोनों एक दूसरे को मस्ती से देख भी रही थीं। इससे हमारी ख़तम हो गयी और हमें मस्ती भी ज्यादा आने लगी। अम्मी ने कहा बुर चोदी रेशमा अपनी अम्मी को लण्ड पीते हुए देखने में तुझे मज़ा आ रहा है न ? मैने कहा हां अम्मी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अम्मी बोली तेरी माँ की चूत को भी बहुत अच्छा लग रहा है बेटी रेशमा। मैंने कहा और तेरी बिटिया की बुर भी काफी एन्जॉय कर रही है, अम्मी जान। अम्मी ने आँख मारती हुई बोली तेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने भी आंख दबायी और बोली तेरी बुर चोदी बेटी की बुर ? तब आरिफ ने लण्ड पेल दिया अम्मी के भोसड़ा में। इधर अतीक भी मेरी बुर चोदने लगा। हम दोनों मजे से एक दूसरे के सामने चुदवाने लगीं। मेरा मन हुआ की मैं जल्दी से दोनों लण्ड पकड़ लूं। मेरी चूत पल पल गरम होती जा रही थी। अम्मी जान का भोसड़ा भी जल रहा था। मुझसे रहा न गया और मैंने सना के ससुर के लण्ड पर हाथ मार ही दिया। मैंने कहा अंकल अब मुझे इसका दीदार कराओ न प्लीज।
उधर अम्मी ने तो आरिफ के पजामा में हाथ ही घुसेड़ दिया। वह अंदर ही अंदर लण्ड सहलाने लगी और अपनी चूँचियाँ खोल कर मज़ा करने लगी। अतीक भी मेरी नंगी चूँचियाँ दबाने लगा और फिर मैंने उसके पजामा का नाड़ा खोल कर लौड़ा बाहर निकाल लिया। मैंने लण्ड की चुम्मी ली, उसका सुपाड़ा चूमा उसके पेल्हड़ चूमें और उसकी छोटी छोटी झाटों पर ऊँगली फिराई। वह भी मेरी चूत तक अपना हाथ ले गया। तब मैंने अपनी सलवार उतार दी। मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी। उधर अम्मी का भी भोसड़ा खुल चुका था। थोड़ी देर में अतीक भी नंगा हुआ और उसका दोस्त आरिफ भी। मेरी आँखों के सामने दो दो खड़े लण्ड टन टनाने लगे।
कुछ दिन बाद मेरा निकाह ज़फर नाम के लड़के से हो गया और मैं ससुराल चली गई। मुझे मालूम हो गया था की मेरी अम्मी जान मेरी फुफिया सास बन गयी हैं। उधर मेरी सास भी उसकी चर्चा करने लगी और बोली हां बहू मैं तेरी अम्मी शबाना को अच्छी तरह जानती हूँ। उसकी चूत भी जानती हूँ और उसकी गांड़ भी ? तेरी माँ चूत में मैंने अपने हाथों से लण्ड पेला है बहू क्योंकि वह मेरी नन्द है। मैंने कहा मैं भी उसकी बुर में लौड़ा पेलूँगी सासू जी। वह बोली हां जरूर पेलना उसकी बुर में लण्ड लेकिन पहले मेरे भोसड़ा में लण्ड पेल दे माँ की लौड़ी ? उसी रात को मैंने एक लण्ड अपनी सास के भोसड़ा में पेला पर मुझे मालूम नहीं था की लण्ड किसका था ? बाद में मेरी नन्द ने बताया अरे भाभी जान वह लण्ड मेरे ससुर का था। सास ने फिर वही लण्ड मेरी भी चूत में घुसेड़ दिया।
अच्छी बात यह थी की मैं एक महीने में ही अपनी ससुराल में खूब चुदी। फिर मैं अपने शौहर के साथ माईके आ गयी। अम्मी मुझे देख कर खुश हुई और अपने दामाद से भी दिल खोल कर मिली। थोड़ी देर में एक और लड़का आ गया। मेरे मियां ने बताया की वह मेरी नन्द का देवर है। माशा अल्ला वह भी बड़ा मद मस्त जवान लड़का था। नाम था नफीस। शाम को हम सब बैठ कर थोड़ी मस्ती करने लगे। मैं, मेरी अम्मी, मेरा शौहर और नन्द का देवर नफीस। बातें होने लगीं।
- अम्मी ने कहा - बेटा ज़फर तुझे मेरी बेटी कैसी लगी ? तुम्हे प्यार करती है की नहीं ?
- वह बोला - खूब करती है प्यार सासू जी। मेरी बीवी लाखों में एक है।
- तुम्हे अच्छी तरह देती है की नहीं, बेटा ?
- हां खूब देती है और अच्छी तरह देती है। वैसे वह सबको अच्छी तरह ही देती है।
- वाओ, तो वह बुर चोदी औरों को भी देती है ?
- तो क्या हुआ सासू जी। मुझे भी तो सब देती हैं। मैं भी सबकी लेता हूँ।
- अरे बेटा तो फिर मेरी भी ले लो ? खुदा कसम खुश कर दूँगी तुम्हे ? अच्छा बेटा नफीस तू बता तूने कभी अपनी भाभी की है ?
- नफीस बोला - मैं समझा नहीं आंटी जी।
- अम्मी बोली - अरे कभी अपनी भाभी की बुर ली है तूने भोसड़ी के ? तब तक नशा चढ़ चुका था।
- वह बोला - हां कई बार ली है. भाभी देतीं हैं तो लेता हूँ। बड़ा मज़ा आता है।
एक दिन मेरे मियां का फोन आया। वह बोला - रेशमा देखो आज शाम को दो लड़के आयेगें सूफी और गूफी। ये दोनों मेरे दोस्त हैं और दुबई से आएं हैं। तुम दोनों से खूब अच्छी तरह चुदवा लेना। मैं जब दुबई जाता हूँ तो इन दोनों की बीवियां चोदता हूँ। मैंने कहा - जी अच्छा मैं अच्छी तरह चुदवा लूंगी। तुम्हे कोई शिकायत नहीं मिलेगी। शाम को गए। मैं दोनों को देख कर खुश हुई क्योंकि दोनों ही मस्त जान और २५/२६ साल की उम्र के लड़के थे। मैंने उन्हें अम्मी से मिलवाया तो वह भी मस्त हो गयीं। मैं दारू का सेट लगा फिर बातें करने लगी।
सूफी बोला - भाभी जान आप तो बहुत खूबसूरत हैं। आपकी अम्मी भी माशा बहुत जवान हैं।
गूफी ने कहा - भाभी जान आप तो बड़ी प्यारी प्यारी बातें भी करती हैं।
मैंने चिढ़ाते हुए कहा। मैं गालियां भी देती हूँ।
सूफी बोला - तब तो मज़ा ही आ जायेगा। मेरा एक दोस्त है उसकी बीवी भी खूब गालियां देती है तो हमारे दोस्त सब उसी को चोदने जातें हैं। सबको गालियां सुनने में मज़ा है न ?
मैंने कहा - हां जो गालियां देगी वो बुर चोदी ज्यादा चुदेगी। थोड़ा नशा चढ़ गया था और थोड़ा हम सब खुल भी गयीं थीं तो मैंने सूफी का पजामा खोल डाला। अम्मी जान ने गूफी का पजामा खोला डाला। दोनों भोसड़ी के नंगे हो गए। मैंने भी अपने कपड़े उतारे तो मेरी चूँचियाँ नंगी हो गयी। मेरी चूत सबके सामने नाचने लगी। मेरी अम्मी भी सब कुछ खोल कर खड़ी हो गयीं।
सूफी बोला - भाभी जान एक बात कहूं। तेरी अम्मी तो तेरी बड़ी बहन लगती हैं न की अम्मी जान।
मैंने कहा - तो फिर तू पहले मेरी अम्मी का भोसड़ा चोद ले ? मैं तुमसे बाद में चुदवाऊंगी। तब तक मैं गूफी से चुदवा लेती हूँ।
मैं गुफी का लण्ड पीने लगी। अम्मी जान सूफी का लण्ड पीने लगीं। उसके बाद रात भर हम दोनों ने लण्ड अदल बदल कर खूब झमाझम चुदवाया।
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