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अपनी अम्मी को अपने पति से चुदवाया - Apni maa ki chudai karva di apne pati se
अपनी अम्मी को अपने पति से चुदवाया - Apni maa ki chudai karva di apne pati se , बेटी के पति से चुद गई , बेटी ने अपनी माँ को चुदवा दिया अपने पति के लंड से , माँ की चूत बुर गांड में पति का लंड , अन्तर्वासना कामवासना की स्टोरी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हमारे घर में लण्ड पीने का, लण्ड चोदने का और चोदा चोदी का माहौल हमेशा गरम ही रहता है। हां इतना जरूर है की दिन में थोड़ा कम होता है और रात को तो घमाशान होता है। हमारे घर में रात को कपड़े पहनने का रिवाज़ ही नहीं है । आदमी हो चाहे औरत सब के सब नंगे ही रहतें हैं। कौन कब किसी की बुर में लौड़ा पेल देगा और कौन किसका लौड़ा अपनी चूत में, अपने मुंह में ले लेगी इसका कुछ पता ही नहीं चलता हैं। आगे पूरी कहानी का मज़ा लीजिये...
उस रात को हम सबने लण्ड चोदने का प्लान बनाया था और उसी प्लान के मुताबिक चुदाई शुरू भी हो गयी थी।
मेरा खाला अपने देवर का लण्ड चोद रहीं थी। उसी के बगल में लेटी हुई उसकी बेटी अपने ससुर का लण्ड चोद रही थी। सामने फूफी जान अपने नंदोई के लण्ड पर चढ़ी हुई थी और धकाधक लण्ड चोद रही थी। फूफी जान की बेटी मेरे अब्बू का लण्ड चोद रही थी, मेरी दीदी चचा जान का लण्ड चोद रही थी और मैं दीदी के ससुर का लण्ड चोदने जा रही थी।
तभी मैंने देखा की मेरी अम्मी के पास तो कोई लण्ड नहीं है। उसे चोदने के लिए कोई लण्ड दिखाई भी नहीं पड़ रहा था। इतने में मेरा शौहर आ गया। मैंने उसे सबके सामने नंगा किया और उसका लण्ड पकड़ कर अम्मी के पास गयी।
मैंने कहा - लो अम्मी तुम मेरे मियां का लण्ड चोदो, मैं दीदी के ससुर का लण्ड चोदने जा रही हूँ।
अम्मी ने फ़ौरन लण्ड मेरे हाथ से ले लिया और उसे प्यार से चाटने लगीं। इतने में मैं बगल के कमरे में गयी। वहां मैंने देखा की खाला जान फूफी जान के बेटे का लण्ड पी रहीं हैं और फूफी जान खाला जान के बेटे का लण्ड पी रही हैं। यहाँ दोनों औरतें एक दूसरे के बेटे का लण्ड पी रही हैं। दोनों ही बेटे लगभग २१/२२ साल के थे। लण्ड भी उनके बड़े मस्त और मोटे तगड़े थे। उसी कमरे में दूसरी तरफ मेरी मामी मेरी चची जान के बेटे से चुदवा रहीं थीं और चची जान मामू जान के बेटे से चुदवा रहीं थीं । यहाँ भी दोनों लड़के एक दूसरे की माँ चोद रहें थे । यानी अपनी माँ के सामने दूसरे की माँ चोद रहे हे। न माँ को शर्म और न बेटे को शर्म ?
मैंने ऐसे ही पूंछ लिया - खाला जान माँ बेटे के सामने किसी और से चुदवा रही हैं और बेटा माँ के सामने किसी और को चोद रहा है और किसी को कोई शर्म नहीं ? ऐसा क्यों ?
वह बोली - बेटी, हमारे समाज में इस तरह की चुदाई जायज़ मानी जाती है इसलिए शर्म का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता ? बेटा जब जवान हो जाता है तो वह और मर्दों की तरह एक मर्द बन जाता है। तो फिर उससे कैसी शर्म ? जब मैं और मर्दों के लण्ड पकड़ सकती हूँ तो फिर उसका क्यों नहीं ? इसी तरह जब बेटी जवान हो जाती है तो वह दूसरी औरतों की तरह एक औरत बन जाती है। जब मैं किसी और औरत को चोद सकती हूँ तो उसको क्यों नहीं। इसीलिए मैं अपनी बेटी की बुर चोदती हूँ वह मेरी बुर चोदती है क्योंकि वह भी एक औरत है और मैं भी एक औरत हूँ। फिर शर्म कहाँ से आ गयी बहन चोद ?
मैंने देखा की अम्मी जान बड़ी मस्ती से मेरे मियां का लण्ड चोद रहीं हैं। यह देख कर मुझे ख़ुशी हुई। मैं तो दीदी के ससुर के लण्ड में बिजी थी। उसका लौड़ा भी बड़ा मस्त और मोटा था। आजकल के ससुर भी मादर चोद इतने हरामी है जो अपनी बहू की बुर चोदते हैं. दूसरी तरफ आजकल की बहुएं भी पीछे नहीं है। वो भी भोसड़ी वाली लपक कर अपने ही ससुर का लण्ड पकड़ लेतीं हैं उस पर नंगी नंगी बैठ जाती हैं। अब चलो शायद उधर कुछ अदला बदली हो गई है। इन बुर चोदियों ने शायद लण्ड बदल लिया है।
मैंने देखा की मेरी खाला जो अपन देवर का लण्ड चोद रही थी अब अपनी बेटी के ससुर का लण्ड चोदने लगी है. खाला की बेटी जो अपने ससुर का लण्ड चोद रही थी अब फूफी के नंदोई के लण्ड पे बैठ गयी है और फूफी बुर चोदी खाला के देवर का लण्ड चोदने लगी है। फूफी की बेटी मेरे चचा जान के लण्ड पर बैठ गयी। मेरी दीदी जो अभी तक चाचा जान का लण्ड चोद रही थी वह अब अपने ससुर का लण्ड चोदने लगी है। मैं पहले दीदी के ससुर के लण्ड पे बैठी थी लेकिन अब फूफा के लण्ड पर बैठ गयी हूँ। फूफा मादर चोद जो अभी अपनी बेटी की बुर चोद रहा था वह अब मेरी बुर चोदने लगा है। सामूहिक चुदाई के जब लण्ड की अदला बदली होती है तो चुदाई का मज़ा दूना हो जाता है।
अब चलो मैं तुम्हे माँ बेटों का खेल दिखाती हूँ। अभी तक खाला का बेटा फूफी की बुर चोद रहा था अब वह मेरी चची जान की बुर चोदने लगा है। फूफी का बेटा जो खाला का भोसड़ा चोद रहा था वह अब मामी की चूत चोदने लगा है। चची जान का बेटा खाला का भोसड़ा चोदने लगा और मामी का बेटा फूफी की बुर चोदने लगा। यहाँ भी लण्ड की अदला बदली हुई तो मज़ा दूना हो गया। हमारे कुनबे के लोग सारे लोग यही करते रहते हैं। एक बुर से लण्ड निकालते हैं और दूसरी बुर में पेल देते हैं। औरतें भी मादर चोद एक लण्ड से उतर कर दूसरे लण्ड पर बैठ जातीं हैं। इस तरह की चुदाई रात भर हुई और सवेरे १० बजे तक चली।
एक दिन मैं खाला के घर गयी और पूंछा की आपको अपने बेटे के सामने किसी और से चुदवाने में कोई परेशानी नहीं हुई ? तुमने भी उसे किसी और की बुर चोदते हुए देखा था। इसका मतलब तुम अपने बेटे का लण्ड पकड़ती हो ? उसका लण्ड पीती हो ? वह बोली मैं लण्ड पीती ही नहीं हूँ बल्कि उससे चुदवाती भी हूँ। हुआ यह की एक दिन वह मेरी नन्द की बेटी की बुर चोद रहा है। अचानक मैं पहुँच गयी। मैंने उसका चेहरा नहीं देखा उसका लण्ड देखा। लण्ड देख कर मेरी चूत की आग धधक उठी। मैंने बड़ी बेशर्मी से हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया और उसे मुंहे में भी ले लिया। वह समझा की कोई और लड़की होगी। वह धक्के भी लगाने लगा। अचानक उसने मुझे देखा और मैंने उसे। वह बोला अम्मी जान आप यहाँ ,,,,,,,,,,,? मैं एक सेकंड रुकी तो पर बोली हां बेटा मुझे तेरा लण्ड यहाँ घसीट लाया। आज मुझे मालूम हो गया की तू पूरा मर्द हो गया है। और देखो बेटा रात में हर औरत एक रंडी हो जाती है। उसे किसी मर्द का लण्ड चाहिए चाहे वह लण्ड अपने ही बेटे का क्यों न हो ? तब तक नन्द की बेटी ने उसका लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और मैं मस्ती से चुदवाने लगी।
मैंने खाला के बेटे से पूंछा तुम भोसड़ी के कब से फूफी की बुर चोदने लगा। वह बोला अरे दीदी एक दिन मैं तौलिए लपेटे खड़ा है। बस फूफी ने मेरी तौलिया खींच ली तो मैं नंगा हो गया। उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और प्यार से सहलाने लगी। उसने अपनी चूँचियाँ खोल दीं तो मुझे भी जोश आ गया। लण्ड फूफी ने मुंह में ले लिया। मैं जोश में था जल्दी ही उसके मुंह में ही झड़ गया। दूसरे दिन उसने मुझे फिर बुलाया और मुझे नंगा करके मेरा लण्ड पीने लगी। फिर उसने अपनी बेटी को बुलाया और लण्ड उसे पकड़ा दिया। थोड़ी देर में उसने लण्ड अपनी बेटी की बुर में पेल दिया और कहा तुम पहले मेरी बेटी चोदो फिर मुझे भी चोदना। मेरी बेटी तेरी उम्र की है जवान है। अच्छी तरह चुदवायेगी। फिर क्या मैंने दोनों को चोदा।
मैंने मन में कहा की ऐसा ही कुछ फूफी के साथ. चची जान के साथ और मामी साथ भी हुआ होगा। पर असली बात यह है की ये जो चूत है वह कोई रिस्ता नहीं देखती सिर्फ लण्ड देखती हैं। ये सब बहाना है रात को हर चूत लण्ड पेलवाती है . कोई भी औरत चाहे वह बेटी हो, बहू हो, बीवी हो, माँ हो, बहन हो बिना चुदवाये सोती नहीं है। खाला जान, फूफी जान, चची जान किसी को भी अपने बेटे से चुदवाने में कोई शर्म नहीं है।
मैं फिर अपने मियां के साथ अपनी ससुराल चली गयी। मेरे मियां ने यहाँ मेरी माँ चोदी। उसके भोसड़ा में अपना लण्ड पेला और खूब एन्जॉय किया। जब तक वह यहाँ रहा तब तक हर दिन एक नई बुर चोदता रहा। खाला का भोसड़ा चोदा उसकी बिटिया की बुर चोदी। फूफी का भोसड़ा चोदा उसकी बेटी की चूत में लण्ड पेला। मामू जान की बीवी चोदी और फिर उसके सामने ही उसकी बेटी की बुर में लौड़ा पेला और मजा किया। अब मैं ससुराल गयी तो इस ख्याल से गयी की मुझे यहाँ कई लोगों के लण्ड चोदने का मौक़ा मिलेगा। पहली रात को मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी जान तुम्हे किस तरह का लण्ड पसंद है ? मैंने कहा मुझे लण्ड पसंद है। देखो एक बात है की हर लण्ड अपने आप में निराला होता है। मुझे हर तरह के लण्ड पसंद हैं बशर्ते की वे खूब कड़क हों सख्त हों और बड़ी देर तक बुर चोदने वाले हों। उसने फिर सवाल किया किस उम्र के लण्ड पसंद है तुम्हे ? मैंने कहा लण्ड किसी भी उम्र का हो उससे कोई फरक नहीं पड़ता। बस लण्ड मोटा तगड़ा हो सख्त हो और जम कर चोदने वाला हो बस। वह बोली ठीक है भाभी जान मैं तेरी बुर का ख्याल रखूंगी।
रात का समय था। इतने में मेरी सास आ गयी।
वह नन्द से बोली - तू भोसड़ी की यहाँ क्या अपनी माँ चुदा रही है ? तू अपने जीजा का खड़ा लण्ड छोड़ कर आयी है अब उसे कौन चोदेगा ? मैं अपने जीजा का लण्ड चोद कर आ रही हूँ और तेरा जीजा चूत के लिए तरस रहा है जा पहले उसका लौड़ा चोद, फिर आ यहाँ अपनी माँ चुदाने ? तब तक मैं अपनी बहू से बात करती हूँ। मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई की यहाँ भी चोदा चोदी का वैसा ही माहौल है जैसा मेरे माईके में होता है। सास बोली हिबा बहू तू अपनी माँ चुदवाती है की नहीं ? मैंने कहा हां सासू जी खूब चुदवाती हूँ। तब वह बोली - तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? अब आएगा असली मज़ा। तब तक नन्द वापस आ गयी वह बोली। भाभी जान तेरी नन्द की माँ की चूत ? तेरी सास का हरामजादा भोसड़ा ? इतने में दो मस्त जवान लड़के आ गए। सास बोली बहू ये है मेरी बहन का लड़का और है मेरी नन्द का लड़का। ये दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं और एक दूसरे की माँ का भोसड़ा भी चोदते हैं।
मैं इन दोनों से खूब धकाधक चुदवाती हूँ। मेरी बेटी बुर चोदी इन दोनों के लण्ड खूब मजे से पीती है। आज ये दोनों मिलकर तेरी बुर चोदेंगें बहू। इतने में सास ने दोनों को नंगा किया और दोनों लण्ड पकड़ कर मेरे सामने ही हिलाने लगीं। फिर दोनों लण्ड मुझे पकड़ा दिया और मुझे भी नंगा कर दिया। मेरी नन्द मेरी बुर चाटने लगी। उसने एक लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और दूसरा लण्ड मेरे मुंह में। इतने में एक और आदमी आ गया। सास ने कहा ये मेरा देवर है। ये मेरी बेटी की बुर तेरे सामने चोदेगा बहू। तुम भी चुदाओ और तेरी नन्द भी चुदाये ? मैं जाती हूँ।
तब तक पीछे से आवाज़ आई जाती कहाँ हो भाभी जान ? ये मेरा लण्ड कौन चोदेगा ? सास ने बताया की ये मेरा नंदोई है। सास ने कहा वाओ, तू भोसड़ी का यहां भी आ गया मेरी बुर चोदने ? अभी तो तू अपनी बहन का भोसड़ा चोद रहा था और तेरी बीवी तेरे सामने ही मेरे भाई जान से चुदवा रही थी। वह बोला हां भाभी जान पर अब तो वह चुदाई ख़तम हो गई न। अब मैं तुम्हे चोदूंगा। सास अपना भोसड़ा खोल कर बोली तो फिर ले मादर चोद, चोद ले मेरा भोसड़ा मेरी बेटी बहू के आगे ?
फिर क्या हम तीनो एक ही कमरे में एक दूसरे के सामने भकाभक रंडियों की तरह चुदवाने लगीं।
हमारे घर में लण्ड पीने का, लण्ड चोदने का और चोदा चोदी का माहौल हमेशा गरम ही रहता है। हां इतना जरूर है की दिन में थोड़ा कम होता है और रात को तो घमाशान होता है। हमारे घर में रात को कपड़े पहनने का रिवाज़ ही नहीं है । आदमी हो चाहे औरत सब के सब नंगे ही रहतें हैं। कौन कब किसी की बुर में लौड़ा पेल देगा और कौन किसका लौड़ा अपनी चूत में, अपने मुंह में ले लेगी इसका कुछ पता ही नहीं चलता हैं। आगे पूरी कहानी का मज़ा लीजिये...
उस रात को हम सबने लण्ड चोदने का प्लान बनाया था और उसी प्लान के मुताबिक चुदाई शुरू भी हो गयी थी।
मेरा खाला अपने देवर का लण्ड चोद रहीं थी। उसी के बगल में लेटी हुई उसकी बेटी अपने ससुर का लण्ड चोद रही थी। सामने फूफी जान अपने नंदोई के लण्ड पर चढ़ी हुई थी और धकाधक लण्ड चोद रही थी। फूफी जान की बेटी मेरे अब्बू का लण्ड चोद रही थी, मेरी दीदी चचा जान का लण्ड चोद रही थी और मैं दीदी के ससुर का लण्ड चोदने जा रही थी।
तभी मैंने देखा की मेरी अम्मी के पास तो कोई लण्ड नहीं है। उसे चोदने के लिए कोई लण्ड दिखाई भी नहीं पड़ रहा था। इतने में मेरा शौहर आ गया। मैंने उसे सबके सामने नंगा किया और उसका लण्ड पकड़ कर अम्मी के पास गयी।
मैंने कहा - लो अम्मी तुम मेरे मियां का लण्ड चोदो, मैं दीदी के ससुर का लण्ड चोदने जा रही हूँ।
अम्मी ने फ़ौरन लण्ड मेरे हाथ से ले लिया और उसे प्यार से चाटने लगीं। इतने में मैं बगल के कमरे में गयी। वहां मैंने देखा की खाला जान फूफी जान के बेटे का लण्ड पी रहीं हैं और फूफी जान खाला जान के बेटे का लण्ड पी रही हैं। यहाँ दोनों औरतें एक दूसरे के बेटे का लण्ड पी रही हैं। दोनों ही बेटे लगभग २१/२२ साल के थे। लण्ड भी उनके बड़े मस्त और मोटे तगड़े थे। उसी कमरे में दूसरी तरफ मेरी मामी मेरी चची जान के बेटे से चुदवा रहीं थीं और चची जान मामू जान के बेटे से चुदवा रहीं थीं । यहाँ भी दोनों लड़के एक दूसरे की माँ चोद रहें थे । यानी अपनी माँ के सामने दूसरे की माँ चोद रहे हे। न माँ को शर्म और न बेटे को शर्म ?
मैंने ऐसे ही पूंछ लिया - खाला जान माँ बेटे के सामने किसी और से चुदवा रही हैं और बेटा माँ के सामने किसी और को चोद रहा है और किसी को कोई शर्म नहीं ? ऐसा क्यों ?
वह बोली - बेटी, हमारे समाज में इस तरह की चुदाई जायज़ मानी जाती है इसलिए शर्म का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता ? बेटा जब जवान हो जाता है तो वह और मर्दों की तरह एक मर्द बन जाता है। तो फिर उससे कैसी शर्म ? जब मैं और मर्दों के लण्ड पकड़ सकती हूँ तो फिर उसका क्यों नहीं ? इसी तरह जब बेटी जवान हो जाती है तो वह दूसरी औरतों की तरह एक औरत बन जाती है। जब मैं किसी और औरत को चोद सकती हूँ तो उसको क्यों नहीं। इसीलिए मैं अपनी बेटी की बुर चोदती हूँ वह मेरी बुर चोदती है क्योंकि वह भी एक औरत है और मैं भी एक औरत हूँ। फिर शर्म कहाँ से आ गयी बहन चोद ?
मैंने देखा की अम्मी जान बड़ी मस्ती से मेरे मियां का लण्ड चोद रहीं हैं। यह देख कर मुझे ख़ुशी हुई। मैं तो दीदी के ससुर के लण्ड में बिजी थी। उसका लौड़ा भी बड़ा मस्त और मोटा था। आजकल के ससुर भी मादर चोद इतने हरामी है जो अपनी बहू की बुर चोदते हैं. दूसरी तरफ आजकल की बहुएं भी पीछे नहीं है। वो भी भोसड़ी वाली लपक कर अपने ही ससुर का लण्ड पकड़ लेतीं हैं उस पर नंगी नंगी बैठ जाती हैं। अब चलो शायद उधर कुछ अदला बदली हो गई है। इन बुर चोदियों ने शायद लण्ड बदल लिया है।
मैंने देखा की मेरी खाला जो अपन देवर का लण्ड चोद रही थी अब अपनी बेटी के ससुर का लण्ड चोदने लगी है. खाला की बेटी जो अपने ससुर का लण्ड चोद रही थी अब फूफी के नंदोई के लण्ड पे बैठ गयी है और फूफी बुर चोदी खाला के देवर का लण्ड चोदने लगी है। फूफी की बेटी मेरे चचा जान के लण्ड पर बैठ गयी। मेरी दीदी जो अभी तक चाचा जान का लण्ड चोद रही थी वह अब अपने ससुर का लण्ड चोदने लगी है। मैं पहले दीदी के ससुर के लण्ड पे बैठी थी लेकिन अब फूफा के लण्ड पर बैठ गयी हूँ। फूफा मादर चोद जो अभी अपनी बेटी की बुर चोद रहा था वह अब मेरी बुर चोदने लगा है। सामूहिक चुदाई के जब लण्ड की अदला बदली होती है तो चुदाई का मज़ा दूना हो जाता है।
अब चलो मैं तुम्हे माँ बेटों का खेल दिखाती हूँ। अभी तक खाला का बेटा फूफी की बुर चोद रहा था अब वह मेरी चची जान की बुर चोदने लगा है। फूफी का बेटा जो खाला का भोसड़ा चोद रहा था वह अब मामी की चूत चोदने लगा है। चची जान का बेटा खाला का भोसड़ा चोदने लगा और मामी का बेटा फूफी की बुर चोदने लगा। यहाँ भी लण्ड की अदला बदली हुई तो मज़ा दूना हो गया। हमारे कुनबे के लोग सारे लोग यही करते रहते हैं। एक बुर से लण्ड निकालते हैं और दूसरी बुर में पेल देते हैं। औरतें भी मादर चोद एक लण्ड से उतर कर दूसरे लण्ड पर बैठ जातीं हैं। इस तरह की चुदाई रात भर हुई और सवेरे १० बजे तक चली।
एक दिन मैं खाला के घर गयी और पूंछा की आपको अपने बेटे के सामने किसी और से चुदवाने में कोई परेशानी नहीं हुई ? तुमने भी उसे किसी और की बुर चोदते हुए देखा था। इसका मतलब तुम अपने बेटे का लण्ड पकड़ती हो ? उसका लण्ड पीती हो ? वह बोली मैं लण्ड पीती ही नहीं हूँ बल्कि उससे चुदवाती भी हूँ। हुआ यह की एक दिन वह मेरी नन्द की बेटी की बुर चोद रहा है। अचानक मैं पहुँच गयी। मैंने उसका चेहरा नहीं देखा उसका लण्ड देखा। लण्ड देख कर मेरी चूत की आग धधक उठी। मैंने बड़ी बेशर्मी से हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया और उसे मुंहे में भी ले लिया। वह समझा की कोई और लड़की होगी। वह धक्के भी लगाने लगा। अचानक उसने मुझे देखा और मैंने उसे। वह बोला अम्मी जान आप यहाँ ,,,,,,,,,,,? मैं एक सेकंड रुकी तो पर बोली हां बेटा मुझे तेरा लण्ड यहाँ घसीट लाया। आज मुझे मालूम हो गया की तू पूरा मर्द हो गया है। और देखो बेटा रात में हर औरत एक रंडी हो जाती है। उसे किसी मर्द का लण्ड चाहिए चाहे वह लण्ड अपने ही बेटे का क्यों न हो ? तब तक नन्द की बेटी ने उसका लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और मैं मस्ती से चुदवाने लगी।
मैंने खाला के बेटे से पूंछा तुम भोसड़ी के कब से फूफी की बुर चोदने लगा। वह बोला अरे दीदी एक दिन मैं तौलिए लपेटे खड़ा है। बस फूफी ने मेरी तौलिया खींच ली तो मैं नंगा हो गया। उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और प्यार से सहलाने लगी। उसने अपनी चूँचियाँ खोल दीं तो मुझे भी जोश आ गया। लण्ड फूफी ने मुंह में ले लिया। मैं जोश में था जल्दी ही उसके मुंह में ही झड़ गया। दूसरे दिन उसने मुझे फिर बुलाया और मुझे नंगा करके मेरा लण्ड पीने लगी। फिर उसने अपनी बेटी को बुलाया और लण्ड उसे पकड़ा दिया। थोड़ी देर में उसने लण्ड अपनी बेटी की बुर में पेल दिया और कहा तुम पहले मेरी बेटी चोदो फिर मुझे भी चोदना। मेरी बेटी तेरी उम्र की है जवान है। अच्छी तरह चुदवायेगी। फिर क्या मैंने दोनों को चोदा।
मैंने मन में कहा की ऐसा ही कुछ फूफी के साथ. चची जान के साथ और मामी साथ भी हुआ होगा। पर असली बात यह है की ये जो चूत है वह कोई रिस्ता नहीं देखती सिर्फ लण्ड देखती हैं। ये सब बहाना है रात को हर चूत लण्ड पेलवाती है . कोई भी औरत चाहे वह बेटी हो, बहू हो, बीवी हो, माँ हो, बहन हो बिना चुदवाये सोती नहीं है। खाला जान, फूफी जान, चची जान किसी को भी अपने बेटे से चुदवाने में कोई शर्म नहीं है।
मैं फिर अपने मियां के साथ अपनी ससुराल चली गयी। मेरे मियां ने यहाँ मेरी माँ चोदी। उसके भोसड़ा में अपना लण्ड पेला और खूब एन्जॉय किया। जब तक वह यहाँ रहा तब तक हर दिन एक नई बुर चोदता रहा। खाला का भोसड़ा चोदा उसकी बिटिया की बुर चोदी। फूफी का भोसड़ा चोदा उसकी बेटी की चूत में लण्ड पेला। मामू जान की बीवी चोदी और फिर उसके सामने ही उसकी बेटी की बुर में लौड़ा पेला और मजा किया। अब मैं ससुराल गयी तो इस ख्याल से गयी की मुझे यहाँ कई लोगों के लण्ड चोदने का मौक़ा मिलेगा। पहली रात को मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी जान तुम्हे किस तरह का लण्ड पसंद है ? मैंने कहा मुझे लण्ड पसंद है। देखो एक बात है की हर लण्ड अपने आप में निराला होता है। मुझे हर तरह के लण्ड पसंद हैं बशर्ते की वे खूब कड़क हों सख्त हों और बड़ी देर तक बुर चोदने वाले हों। उसने फिर सवाल किया किस उम्र के लण्ड पसंद है तुम्हे ? मैंने कहा लण्ड किसी भी उम्र का हो उससे कोई फरक नहीं पड़ता। बस लण्ड मोटा तगड़ा हो सख्त हो और जम कर चोदने वाला हो बस। वह बोली ठीक है भाभी जान मैं तेरी बुर का ख्याल रखूंगी।
रात का समय था। इतने में मेरी सास आ गयी।
वह नन्द से बोली - तू भोसड़ी की यहाँ क्या अपनी माँ चुदा रही है ? तू अपने जीजा का खड़ा लण्ड छोड़ कर आयी है अब उसे कौन चोदेगा ? मैं अपने जीजा का लण्ड चोद कर आ रही हूँ और तेरा जीजा चूत के लिए तरस रहा है जा पहले उसका लौड़ा चोद, फिर आ यहाँ अपनी माँ चुदाने ? तब तक मैं अपनी बहू से बात करती हूँ। मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई की यहाँ भी चोदा चोदी का वैसा ही माहौल है जैसा मेरे माईके में होता है। सास बोली हिबा बहू तू अपनी माँ चुदवाती है की नहीं ? मैंने कहा हां सासू जी खूब चुदवाती हूँ। तब वह बोली - तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? अब आएगा असली मज़ा। तब तक नन्द वापस आ गयी वह बोली। भाभी जान तेरी नन्द की माँ की चूत ? तेरी सास का हरामजादा भोसड़ा ? इतने में दो मस्त जवान लड़के आ गए। सास बोली बहू ये है मेरी बहन का लड़का और है मेरी नन्द का लड़का। ये दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं और एक दूसरे की माँ का भोसड़ा भी चोदते हैं।
मैं इन दोनों से खूब धकाधक चुदवाती हूँ। मेरी बेटी बुर चोदी इन दोनों के लण्ड खूब मजे से पीती है। आज ये दोनों मिलकर तेरी बुर चोदेंगें बहू। इतने में सास ने दोनों को नंगा किया और दोनों लण्ड पकड़ कर मेरे सामने ही हिलाने लगीं। फिर दोनों लण्ड मुझे पकड़ा दिया और मुझे भी नंगा कर दिया। मेरी नन्द मेरी बुर चाटने लगी। उसने एक लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और दूसरा लण्ड मेरे मुंह में। इतने में एक और आदमी आ गया। सास ने कहा ये मेरा देवर है। ये मेरी बेटी की बुर तेरे सामने चोदेगा बहू। तुम भी चुदाओ और तेरी नन्द भी चुदाये ? मैं जाती हूँ।
फिर क्या हम तीनो एक ही कमरे में एक दूसरे के सामने भकाभक रंडियों की तरह चुदवाने लगीं।
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