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किसी को मेरी बुर का ख्याल ही नहीं - KIsi ko meri chut ka khyal hi nahi hai
किसी को मेरी बुर का ख्याल ही नहीं - KIsi ko meri chut ka khyal hi nahi hai , घर की चुदाई कहानी , Group sex at home , अन्तर्वासना कामवासना की स्टोरी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
गर्मी के दिन थे। दोपहर के ३ बजे थे। मैं अपने कमरे में बैठी हुई लैपटॉप पर पोर्न देख रही थी और एन्जॉय कर रही थी। मेरे बगल के कमरे में मेरी सास और नन्द बैठी हुई थीं। दोनों ही A / C कमरे थे इसलिए हम लोग बहुत कम कपड़े पहने हुए थे। मैंने ऐसे में आवाज़ देकर पूछा सासू जी तुम क्या कर रही हो ? वह बोली मैं तेरी नन्द की बुर चोद रही हूँ। मुझे सास का जबाब बड़ा अच्छा लगा। सुनकर बदन में गुद गुदी होने लगी । फिर मैंने नन्द से पूंछा - नन्द रानी, तुम क्या कर रही हो ? वह बोली - मैं तेरी सास का भोसड़ा चोद रही हूँ, भाभी जान ? यह सुनकर मेरी झांटें सुलगने लगी। मैं सोंचने लगी की ये दोनों एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल रही है और एन्जॉय कर रही हैं। इन बुर चोदियों ने मुझे बिलकुल पूंछा ही नहीं ? अरे बुर मेरे पास भी है। मेरी बुर में भी आग है। ये दोनों भोसड़ी वाली चुदवा रही है और किसी को मेरी बुर का ख्याल ही नहीं है।
बस मैंने अपने पड़ोस के एक लड़के को फोन किया। मैंने कहा नदीम तुम क्या कर रहे हो ? वह बोला भाभी जान मैं अपने दोस्त के साथ चाय पी रहा हूँ। मैंने कहा मादर चोद नदीम, चाय पीना छोड़ो और यहाँ आकर मेरी चूँची पियो। अपने दोस्त को भी लेते आना। वह भी मेरी चूँची पियेगा। फिर तुम लोग मेरी बुर चाटना और मैं तुम लोगों के लण्ड चाटूँगी। मेरी बात सुनकर वो दोनों बड़े उत्तेजित हो गए और मेरे पास ५ मिनट में ही आ गए। मैंने अपनी साल उतार दी और इनके आगे एकदम नंगी हो गयी। फिर मैंने दोनों को नंगा किया और दोनों लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड बहन चोद टन टना कर खड़े हो गए। मैं सोफा पर बैठ गयी और वो दोनों अगल बगल बैठ गए। नदीम मेरी एक चूँची पीने लगा और करीम दूसरी चूँची। मैं दोनों के लण्ड अपने हाथ में पकड़े हुए बारी बारी से चाटने चूसने लगी।
थोड़ी देर में मैं चित लेट गयी। करीम ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और वह मेरी बुर चोदने लगा। मैं उधर नदीम का लण्ड चूसते हुए एक रंडी की तरफ भकर भकर चुदवाने लगी।
मेरा नाम नूर है मैं इस घर की बहू हूँ। मेरी सास हैं बसीमा बेगम और नन्द हैं निगार। मैं २४ साल की हूँ निहायत खूबसूरत और हॉट हूँ। मेरी नन्द भी बुर चोदी मेरी ही तरह खूबसरत है और सेक्सी है। उसकी भी शादी हो चुकी है। मेरी सास तो 44 की मद मस्त जवान औरत है। उसकी कद काठी से वह ३० / ३२ की ही लगती है। स्वाभाव से बहुत अच्छी है। हंसमुख है, खूब गहरी गहरी मजाक करती है, प्यार से गालियां भी देती है और लण्ड बुर चूत भोसड़ा की बातें खुल कर सबसे करती है। उसे मर्दों के सामने नंगी होने का बड़ा शौक है। यही शौक उसकी बेटी यानी मेरी नन्द को भी है। मुझे भी मर्दों होने में मज़ा आता है और मर्दों को नंगा करने में ज्यादा। मुझे नये नये लण्ड पकड़ने का बेहद शौक है।
मैं मस्त होकर चुदवा ही रही थी तभी मेरी सास हाथ में एक लण्ड पकड़े हुए नंगी नंगी मेरे कमरे गयीं। उसके पीछे मेरी नन्द भी नंगी नंगी एक लण्ड पकड़े हुए कड़ी थी। सास ने मुझे चुदवाते हुए देखा तो बोली हाय दईया तू भोसड़ी के पहले से चुदवा रही है और इन दोनों पड़ोस लड़कों से। तुमने इन्हे कबसे फंसा लिया ? मैं तो तेरी बुर में लण्ड पेलने आयी थी लेकिन तेरी बुर में तो पहले से ही लण्ड पिला हुआ है, भोसड़ी की बहू रानी । तब तक नन्द बोली हां भाभी जान मैं तो तेरी बुर चोदने आयी थी। तेरी तो बुर पहले से ही चुद रही है। और मैं इन दोनों मादर चोदों को जानती हूँ। ये दोनों एक दूसरे की माँ चोदते हैं। एक दूसरे की बहन की बुर लेते हैं। एक दूसरे की बीवी तो खुले आम चोदते हैं। मैंने कहा तो फिर आज ये मेरी नन्द की बुर भी चोदेंगें और मेरी सास का भोसड़ा भी चोदेंगें।
मैंने नदीम का लण्ड अपनी सास को पकड़ा दिया और करीम का लण्ड नन्द को पकड़ा दिया। नन्द ने अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और सास ने अपना लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया। मेरी सास नदीमा का लण्ड पीने लगी और नन्द करीम का लण्ड पीने लगी. मैं एक लण्ड पीने लगी और दूसरे लण्ड से चुदवाने लगी। लण्ड तो दोनों की मजेदार थे। पर यह नहीं मालूम था की ये लण्ड हैं किसके ? एक तो मेरे बाप के उम्र का लण्ड था और दूसरा मेरे शौहर के उम्र लण्ड था। मैंने पूंछा - मुझे यह तो बताओ की किस किस का लण्ड तूने पेल दिया अपनी बुर चोदी बहू की बुर में, सासू जी ? वह बोली जो तेरी चूत में घुसा है वो मेरे देवर का लण्ड है और जो तेरे मुंह में घुसा है वह तेरी नन्द के देवर का लण्ड है। मैंने कहा अच्छा तो तुम दोनों भोसड़ी वालियां मिलकर इन दोनों से झमाझम चुदवा रहीं थीं क्या ?
सास ने कहा हां तुम सही कर रही हो बहू रानी। तेरी नन्द का देवर मेरी बुर चोद रहा था और मेरा देवर तेरी नन्द की बुर चोद रहा था। चुदाई के बाद मैंने सोंचा की क्यों न ये दोनों लण्ड बहू की बुर में पेला जाए। वह तो बिचारी अकेली बैठी हुई अपनी झांटें उखाड़ रही होगी ? इसीलिए हम दोनों एक एक लण्ड हाथ में पकड़े हुए तेरे पास आ गई पर यहाँ तो नज़ारा ही दूसरा था। तू दो दो लण्ड का मज़ा एक साथ लूट रही थी। मुझे लगा की मैं तेरी सास नहीं हूँ तू मादर चोद मेरी सास है । तू तो मुझसे दो कदम आगे ही निकली।
नन्द बोली - तेरी बुर चोदी नन्द की माँ का भोसड़ा, भाभी जान ? आज तो चुदाई में आएगा ज़न्नत का मज़ा ?
सास बोली - तेरी बुर चोदी सास की बिटिया की बुर, बहू रानी ? आज तो मैं एक साथ चोदूँगी बेटी बहू की बुर ? मैंने कहा - नन्द रानी तेरी माँ की बुर चोदी बहू की बुर ? और सासू जी तेरी बेटी की बुर चोदी भाभी की चूत ? आज मैं भी चोदूँगी नन्द की बुर और सास का भोसड़ा ?
मैं सास के देवर से चुदवाने लगी. नन्द करीम से चुदवाने लगी और सासू नदीम से चुदवाने लगी। मैं बीच में लेटी थी। मेरी गांड़ की तरफ एक तरफ नन्द लेटी थी और दूसरी तरफ सास। वे दोनों मेरी चूत में आता जाता लण्ड देख रही थी और चोदने वाले पेल्हड़ सहला रहीं थी। इधर मैं सास और नन्द दोनों की चुदती हुई बुर देख रही थी। एक हाथ से करीम के पेल्हड़ सहला रही थी और दूसरे हाथ से नदीम के पेल्हड़। पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ गूंज रही थी। मुझे इस तरह की आवाज़ बहुत अच्छी लगती है। सास बोली है मेरी बहू रानी मैं हर दिन ऐसी आवाज़ सुनना चाहती हूँ। नन्द बोली भाभी जान मुझे भी ये चुदाई की आवाज़ माध होश कर देती है। मैं हर रोज़ इसी तरह चुदवाना चाहती हूँ।
सास ने कहा - देखो बहू रानी मैं भोसड़ी की बहुत चुदक्कड़ औरत हूँ। मैंने अपनी बेटी को भी चुदक्कड़ बना दिया। वह तो बुर चोदी इतनी चुदक्कड़ हो गयी की हर रोज़ अपनी माँ के भोसड़ा में २/३ लण्ड पेलती है और २/३ लण्ड अपनी बुर में भी पेलवाती है। मैं ऐसी बहू चाहती थी जो हमारी ही तरह चुदक्कड़ हो ? खुदा ने मेरी सुन ली और आज मैं देख रही हूँ की मेरी बहू बहन की लौड़ी हम दोनों से ज्यादा चुदक्कड़ है। मैंने कहा - तेरी बहू की माँ का भोसड़ा सासू जी। तेरी बहू भोसड़ी वाली अपने बाप का भी लण्ड पीती है। अपने बाप से भी चुदवा लेती है मादर चोद। मेरी बात सुनकर नन्द बोली हाय अल्ला, तब तो भाभी जान तुम अपने बाप का लण्ड मेरी चूत में पेल दो। मेरी माँ के भोसड़ा में ठोंक दो ? तेरे बाप के दोस्त भी होंगें उनके भी लण्ड पेलो हम दोनों की चूत में। मैं नसीब वाली हूँ जो तेरी जैसी भाभी मिली मुझे। सास बोली मैं भी बड़ी नसीब वाली जो तेरी जैसी बहू मिली मुझे।
चुदाई में जब मज़ा आने लगता है तो फिर मुंह से कुछ न कुछ अपने आप निकलने लगता है। सास बोलने लगी - हाय रे नदीम तू भोसड़ी का जैसे करीम की माँ चोदता है वैसे ही मेरा भोसड़ा चोदो ? जैसे तू करीम की बहन की बुर लेता है वैसे ही मेरी भी बुर ले ले। तेरा लौड़ा बड़ा मस्त है, हक्कानी है चोद । मेरे भोसड़ा की गांड़ फटी जा रही है। ऐसे ही चोदो मेरे राजा। और अंदर तक पेल दो लण्ड। अभी तुझे तो मेरी बिटिया की बुर भी चोदना है। तू मादर चोद बड़ा लकी है। आया था तू मेरी बहू की बुर चोदने और चोद रहा है बहू की सास का भोसड़ा ? तू अभी चोदेगा सास की बिटिया की बुर । हाय दईया कितना मज़ा आ रहा है। मुझे रंडी तरह की चोदो। फाड़ डालो मेरा भोसड़ा। चीथड़े उड़ा दो निगार की माँ की चूत के, बेटा ?
उधर मेरी नन्द निगार बोल रही थी - वाओ, करीम तू तो बड़ा चोदू है यार। तूने मुझे पहले नहीं बताया नहीं तो मैं तुमसे बहुत पहले चुदवा लेती। हाय पूरा लौड़ा पेल दो यार। अंदर तक घुसा दो अपना ये मस्ताना लण्ड । चोद डालो मेरी बुर, फाड़ डालो मेरी चूत। मैं तेरी बीवी हूँ यार। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो। जैसे तुम नदीम की बीवी चोदते हो वैसे ही मुझे भी चोदो। क्या लौड़ा है तेरा ? एकदम मस्त मलंग ? मुझे आज खूब मज़ा आ रहा है। अभी मैं अपने देवर से चुदवा कर आ रही हूँ। अभी मैं अपनी अम्मी के देवर यानी चचा जान से चुदवाकर आ रही हूँ। लेकिन तुझसे चुदवाने में कुछ अलग तरह का मज़ा आ रहा है। चोदे जाओ मेरी बुर मेरी चूत ? आज ही बना दो मेरी चूत का भोसड़ा बहन चोद ? तेरी माँ की चूत मादर चोद ? तू साला नदीम की माँ भी चोदता है बहन भी चोदता है। तेरी बहन का लण्ड ?
मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैं भी कुछ न कुछ बोलने लगी। मेरे पास तो दो दो लण्ड थे। एक सास के देवर का लण्ड और दूसरा नन्द के देवर का लण्ड। एक बहन चोद चूत में घुसा और दूसरा मुंह में घुसा। हाय अल्ला कितना अच्छा लग रहा है। चोद डालो मुझे। मेरी बुर में दो चार लण्ड पेल दो। मेरी गांड़ में भी घुसा दो लण्ड ? मेरी चूँचियाँ चोद लो। तुम तो मेरे बाप के बराबर हो साले हरामजादे अपनी बिटिया की बुर समझ कर चोदो। और तू मेरी नन्द के देवर हो। भाभी की बुर चोदी है। आज तू अपनी भाभी की भाभी की बुर चोदो। हाय दईया।आज तो मेरी चूत जरूर फट जाएगी। वाओ, मुझे आज नये नये लण्ड का मज़ा का मज़ा मिल रहा है। मुझे अच्छी तरह चोदो मेरे राजा। मेरी माँ चोदो। मेरी बहन चोदो। मेरी नन्द मेरी सास की बुर चोदो। मेरी जेठानी की गांड में पेलो लण्ड।
शादी के बाद आज पहली बार मुझे चुदाई का असली मज़ा मिला रहा था। थोड़ी देर में नन्द के देवर का लण्ड झड़ने लगा। झड़ तो मैं भी गयी थी। चूत मेरी भी ढीली हो गयी थी। मैंने घूम कर उसका लण्ड मुठ्ठी में लिया और सड़का मारने लगी। उसका सारा वीर्य मैंने मुंह में ले लिया और पी गयी। उसके बाद सास के देवर ने भी झड़ता हुआ लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। उधर मेरे सामने मेरी सास और नन्द दोनों भोसड़ी वाली झड़ता हुआ लण्ड चाट रहीं थीं और सुपाड़ा बार बार मुंह से निकाल कर मज़ा ले रहीं थीं।
एक दिन मेरी नन्द का ससुर आ गया। मैं उससे पहली बार मिली। मैंने आदाब काह और उसका खैरमकदम किया। मैं उससे बात करने लगी।
गर्मी के दिन थे। दोपहर के ३ बजे थे। मैं अपने कमरे में बैठी हुई लैपटॉप पर पोर्न देख रही थी और एन्जॉय कर रही थी। मेरे बगल के कमरे में मेरी सास और नन्द बैठी हुई थीं। दोनों ही A / C कमरे थे इसलिए हम लोग बहुत कम कपड़े पहने हुए थे। मैंने ऐसे में आवाज़ देकर पूछा सासू जी तुम क्या कर रही हो ? वह बोली मैं तेरी नन्द की बुर चोद रही हूँ। मुझे सास का जबाब बड़ा अच्छा लगा। सुनकर बदन में गुद गुदी होने लगी । फिर मैंने नन्द से पूंछा - नन्द रानी, तुम क्या कर रही हो ? वह बोली - मैं तेरी सास का भोसड़ा चोद रही हूँ, भाभी जान ? यह सुनकर मेरी झांटें सुलगने लगी। मैं सोंचने लगी की ये दोनों एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल रही है और एन्जॉय कर रही हैं। इन बुर चोदियों ने मुझे बिलकुल पूंछा ही नहीं ? अरे बुर मेरे पास भी है। मेरी बुर में भी आग है। ये दोनों भोसड़ी वाली चुदवा रही है और किसी को मेरी बुर का ख्याल ही नहीं है।
बस मैंने अपने पड़ोस के एक लड़के को फोन किया। मैंने कहा नदीम तुम क्या कर रहे हो ? वह बोला भाभी जान मैं अपने दोस्त के साथ चाय पी रहा हूँ। मैंने कहा मादर चोद नदीम, चाय पीना छोड़ो और यहाँ आकर मेरी चूँची पियो। अपने दोस्त को भी लेते आना। वह भी मेरी चूँची पियेगा। फिर तुम लोग मेरी बुर चाटना और मैं तुम लोगों के लण्ड चाटूँगी। मेरी बात सुनकर वो दोनों बड़े उत्तेजित हो गए और मेरे पास ५ मिनट में ही आ गए। मैंने अपनी साल उतार दी और इनके आगे एकदम नंगी हो गयी। फिर मैंने दोनों को नंगा किया और दोनों लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड बहन चोद टन टना कर खड़े हो गए। मैं सोफा पर बैठ गयी और वो दोनों अगल बगल बैठ गए। नदीम मेरी एक चूँची पीने लगा और करीम दूसरी चूँची। मैं दोनों के लण्ड अपने हाथ में पकड़े हुए बारी बारी से चाटने चूसने लगी।
थोड़ी देर में मैं चित लेट गयी। करीम ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और वह मेरी बुर चोदने लगा। मैं उधर नदीम का लण्ड चूसते हुए एक रंडी की तरफ भकर भकर चुदवाने लगी।
मेरा नाम नूर है मैं इस घर की बहू हूँ। मेरी सास हैं बसीमा बेगम और नन्द हैं निगार। मैं २४ साल की हूँ निहायत खूबसूरत और हॉट हूँ। मेरी नन्द भी बुर चोदी मेरी ही तरह खूबसरत है और सेक्सी है। उसकी भी शादी हो चुकी है। मेरी सास तो 44 की मद मस्त जवान औरत है। उसकी कद काठी से वह ३० / ३२ की ही लगती है। स्वाभाव से बहुत अच्छी है। हंसमुख है, खूब गहरी गहरी मजाक करती है, प्यार से गालियां भी देती है और लण्ड बुर चूत भोसड़ा की बातें खुल कर सबसे करती है। उसे मर्दों के सामने नंगी होने का बड़ा शौक है। यही शौक उसकी बेटी यानी मेरी नन्द को भी है। मुझे भी मर्दों होने में मज़ा आता है और मर्दों को नंगा करने में ज्यादा। मुझे नये नये लण्ड पकड़ने का बेहद शौक है।
मैं मस्त होकर चुदवा ही रही थी तभी मेरी सास हाथ में एक लण्ड पकड़े हुए नंगी नंगी मेरे कमरे गयीं। उसके पीछे मेरी नन्द भी नंगी नंगी एक लण्ड पकड़े हुए कड़ी थी। सास ने मुझे चुदवाते हुए देखा तो बोली हाय दईया तू भोसड़ी के पहले से चुदवा रही है और इन दोनों पड़ोस लड़कों से। तुमने इन्हे कबसे फंसा लिया ? मैं तो तेरी बुर में लण्ड पेलने आयी थी लेकिन तेरी बुर में तो पहले से ही लण्ड पिला हुआ है, भोसड़ी की बहू रानी । तब तक नन्द बोली हां भाभी जान मैं तो तेरी बुर चोदने आयी थी। तेरी तो बुर पहले से ही चुद रही है। और मैं इन दोनों मादर चोदों को जानती हूँ। ये दोनों एक दूसरे की माँ चोदते हैं। एक दूसरे की बहन की बुर लेते हैं। एक दूसरे की बीवी तो खुले आम चोदते हैं। मैंने कहा तो फिर आज ये मेरी नन्द की बुर भी चोदेंगें और मेरी सास का भोसड़ा भी चोदेंगें।
मैंने नदीम का लण्ड अपनी सास को पकड़ा दिया और करीम का लण्ड नन्द को पकड़ा दिया। नन्द ने अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और सास ने अपना लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया। मेरी सास नदीमा का लण्ड पीने लगी और नन्द करीम का लण्ड पीने लगी. मैं एक लण्ड पीने लगी और दूसरे लण्ड से चुदवाने लगी। लण्ड तो दोनों की मजेदार थे। पर यह नहीं मालूम था की ये लण्ड हैं किसके ? एक तो मेरे बाप के उम्र का लण्ड था और दूसरा मेरे शौहर के उम्र लण्ड था। मैंने पूंछा - मुझे यह तो बताओ की किस किस का लण्ड तूने पेल दिया अपनी बुर चोदी बहू की बुर में, सासू जी ? वह बोली जो तेरी चूत में घुसा है वो मेरे देवर का लण्ड है और जो तेरे मुंह में घुसा है वह तेरी नन्द के देवर का लण्ड है। मैंने कहा अच्छा तो तुम दोनों भोसड़ी वालियां मिलकर इन दोनों से झमाझम चुदवा रहीं थीं क्या ?
सास ने कहा हां तुम सही कर रही हो बहू रानी। तेरी नन्द का देवर मेरी बुर चोद रहा था और मेरा देवर तेरी नन्द की बुर चोद रहा था। चुदाई के बाद मैंने सोंचा की क्यों न ये दोनों लण्ड बहू की बुर में पेला जाए। वह तो बिचारी अकेली बैठी हुई अपनी झांटें उखाड़ रही होगी ? इसीलिए हम दोनों एक एक लण्ड हाथ में पकड़े हुए तेरे पास आ गई पर यहाँ तो नज़ारा ही दूसरा था। तू दो दो लण्ड का मज़ा एक साथ लूट रही थी। मुझे लगा की मैं तेरी सास नहीं हूँ तू मादर चोद मेरी सास है । तू तो मुझसे दो कदम आगे ही निकली।
नन्द बोली - तेरी बुर चोदी नन्द की माँ का भोसड़ा, भाभी जान ? आज तो चुदाई में आएगा ज़न्नत का मज़ा ?
सास बोली - तेरी बुर चोदी सास की बिटिया की बुर, बहू रानी ? आज तो मैं एक साथ चोदूँगी बेटी बहू की बुर ? मैंने कहा - नन्द रानी तेरी माँ की बुर चोदी बहू की बुर ? और सासू जी तेरी बेटी की बुर चोदी भाभी की चूत ? आज मैं भी चोदूँगी नन्द की बुर और सास का भोसड़ा ?
मैं सास के देवर से चुदवाने लगी. नन्द करीम से चुदवाने लगी और सासू नदीम से चुदवाने लगी। मैं बीच में लेटी थी। मेरी गांड़ की तरफ एक तरफ नन्द लेटी थी और दूसरी तरफ सास। वे दोनों मेरी चूत में आता जाता लण्ड देख रही थी और चोदने वाले पेल्हड़ सहला रहीं थी। इधर मैं सास और नन्द दोनों की चुदती हुई बुर देख रही थी। एक हाथ से करीम के पेल्हड़ सहला रही थी और दूसरे हाथ से नदीम के पेल्हड़। पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ गूंज रही थी। मुझे इस तरह की आवाज़ बहुत अच्छी लगती है। सास बोली है मेरी बहू रानी मैं हर दिन ऐसी आवाज़ सुनना चाहती हूँ। नन्द बोली भाभी जान मुझे भी ये चुदाई की आवाज़ माध होश कर देती है। मैं हर रोज़ इसी तरह चुदवाना चाहती हूँ।
सास ने कहा - देखो बहू रानी मैं भोसड़ी की बहुत चुदक्कड़ औरत हूँ। मैंने अपनी बेटी को भी चुदक्कड़ बना दिया। वह तो बुर चोदी इतनी चुदक्कड़ हो गयी की हर रोज़ अपनी माँ के भोसड़ा में २/३ लण्ड पेलती है और २/३ लण्ड अपनी बुर में भी पेलवाती है। मैं ऐसी बहू चाहती थी जो हमारी ही तरह चुदक्कड़ हो ? खुदा ने मेरी सुन ली और आज मैं देख रही हूँ की मेरी बहू बहन की लौड़ी हम दोनों से ज्यादा चुदक्कड़ है। मैंने कहा - तेरी बहू की माँ का भोसड़ा सासू जी। तेरी बहू भोसड़ी वाली अपने बाप का भी लण्ड पीती है। अपने बाप से भी चुदवा लेती है मादर चोद। मेरी बात सुनकर नन्द बोली हाय अल्ला, तब तो भाभी जान तुम अपने बाप का लण्ड मेरी चूत में पेल दो। मेरी माँ के भोसड़ा में ठोंक दो ? तेरे बाप के दोस्त भी होंगें उनके भी लण्ड पेलो हम दोनों की चूत में। मैं नसीब वाली हूँ जो तेरी जैसी भाभी मिली मुझे। सास बोली मैं भी बड़ी नसीब वाली जो तेरी जैसी बहू मिली मुझे।
चुदाई में जब मज़ा आने लगता है तो फिर मुंह से कुछ न कुछ अपने आप निकलने लगता है। सास बोलने लगी - हाय रे नदीम तू भोसड़ी का जैसे करीम की माँ चोदता है वैसे ही मेरा भोसड़ा चोदो ? जैसे तू करीम की बहन की बुर लेता है वैसे ही मेरी भी बुर ले ले। तेरा लौड़ा बड़ा मस्त है, हक्कानी है चोद । मेरे भोसड़ा की गांड़ फटी जा रही है। ऐसे ही चोदो मेरे राजा। और अंदर तक पेल दो लण्ड। अभी तुझे तो मेरी बिटिया की बुर भी चोदना है। तू मादर चोद बड़ा लकी है। आया था तू मेरी बहू की बुर चोदने और चोद रहा है बहू की सास का भोसड़ा ? तू अभी चोदेगा सास की बिटिया की बुर । हाय दईया कितना मज़ा आ रहा है। मुझे रंडी तरह की चोदो। फाड़ डालो मेरा भोसड़ा। चीथड़े उड़ा दो निगार की माँ की चूत के, बेटा ?
उधर मेरी नन्द निगार बोल रही थी - वाओ, करीम तू तो बड़ा चोदू है यार। तूने मुझे पहले नहीं बताया नहीं तो मैं तुमसे बहुत पहले चुदवा लेती। हाय पूरा लौड़ा पेल दो यार। अंदर तक घुसा दो अपना ये मस्ताना लण्ड । चोद डालो मेरी बुर, फाड़ डालो मेरी चूत। मैं तेरी बीवी हूँ यार। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो। जैसे तुम नदीम की बीवी चोदते हो वैसे ही मुझे भी चोदो। क्या लौड़ा है तेरा ? एकदम मस्त मलंग ? मुझे आज खूब मज़ा आ रहा है। अभी मैं अपने देवर से चुदवा कर आ रही हूँ। अभी मैं अपनी अम्मी के देवर यानी चचा जान से चुदवाकर आ रही हूँ। लेकिन तुझसे चुदवाने में कुछ अलग तरह का मज़ा आ रहा है। चोदे जाओ मेरी बुर मेरी चूत ? आज ही बना दो मेरी चूत का भोसड़ा बहन चोद ? तेरी माँ की चूत मादर चोद ? तू साला नदीम की माँ भी चोदता है बहन भी चोदता है। तेरी बहन का लण्ड ?
मुझे भी मज़ा आ रहा था। मैं भी कुछ न कुछ बोलने लगी। मेरे पास तो दो दो लण्ड थे। एक सास के देवर का लण्ड और दूसरा नन्द के देवर का लण्ड। एक बहन चोद चूत में घुसा और दूसरा मुंह में घुसा। हाय अल्ला कितना अच्छा लग रहा है। चोद डालो मुझे। मेरी बुर में दो चार लण्ड पेल दो। मेरी गांड़ में भी घुसा दो लण्ड ? मेरी चूँचियाँ चोद लो। तुम तो मेरे बाप के बराबर हो साले हरामजादे अपनी बिटिया की बुर समझ कर चोदो। और तू मेरी नन्द के देवर हो। भाभी की बुर चोदी है। आज तू अपनी भाभी की भाभी की बुर चोदो। हाय दईया।आज तो मेरी चूत जरूर फट जाएगी। वाओ, मुझे आज नये नये लण्ड का मज़ा का मज़ा मिल रहा है। मुझे अच्छी तरह चोदो मेरे राजा। मेरी माँ चोदो। मेरी बहन चोदो। मेरी नन्द मेरी सास की बुर चोदो। मेरी जेठानी की गांड में पेलो लण्ड।
शादी के बाद आज पहली बार मुझे चुदाई का असली मज़ा मिला रहा था। थोड़ी देर में नन्द के देवर का लण्ड झड़ने लगा। झड़ तो मैं भी गयी थी। चूत मेरी भी ढीली हो गयी थी। मैंने घूम कर उसका लण्ड मुठ्ठी में लिया और सड़का मारने लगी। उसका सारा वीर्य मैंने मुंह में ले लिया और पी गयी। उसके बाद सास के देवर ने भी झड़ता हुआ लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। उधर मेरे सामने मेरी सास और नन्द दोनों भोसड़ी वाली झड़ता हुआ लण्ड चाट रहीं थीं और सुपाड़ा बार बार मुंह से निकाल कर मज़ा ले रहीं थीं।
एक दिन मेरी नन्द का ससुर आ गया। मैं उससे पहली बार मिली। मैंने आदाब काह और उसका खैरमकदम किया। मैं उससे बात करने लगी।
- वह बोला - नूर तुम्हारी तारीफ। तुम्हारी खूबसूरती की तारीफ तो मेरी बहू बहुत करती है।
- मैंने कहा - वह भी तो बहुत खूबसूरत है बुर चोदी ? ,,,,,,,,,,,,, माफ़ करना मेरे मुंहे से अचानक गाली निकल गई।
- कोई बात नहीं नूर। मेरी बहू भी तो बहुत गालियां देती हैं। सबके सामने देती है।
- तो क्या वह आपको भी गालियां देती है।
- अब जिसकी चुदेगी तो वह गालियां तो देगी ही ?
- हाय दईया तो वह क्या आपके सामने किसी और से चुदवाती है ?
- किसी और से नहीं नूर। खुद मुझसे ही ?
- हाय अल्ला, तो क्या तुम उसे चोदते हो ? क्या तुम अपनी बहू को चोदते हो अंकल ?
- मैं चोदता नहीं हूँ बल्कि वह मुझसे चुदवाती है। पहली बार उसने खुद मेरा पकड़ लिया था। अब कोई जवान औरत अगर मेरा पकड़ ले तो फिर ,,,,,,,,,,,,,,,,,?
- तो मेरी नन्द माँ की लौड़ी बड़ी बद्तमीज है।
- अच्छा नूर तुम क्या बसीमा बेगम की बेटी हो ?
- जी हां मैं बसीमा बेगम की बेटी हूँ।
- अरे वाह बसीमा बेगम मेरी बहन लगती है.
- तो फिर तुम मेरे मामू जान हो ?
- हां बिलकुल हूँ।
- हाय दईया ये तो नया रिस्ता निकल आया। तुम भोसड़ी के मामू जान तुम अपनी बहू की बुर में लण्ड पेलतेहो ? मेरी नन्द की बुर चोदते हो। आज मैं तेरा लण्ड चोदूँगी। मामू जान का लण्ड चोदना मेरा हक़ है। वैसेभी तू मेरी नन्द का ससुर है तो भी मैं तेरा लण्ड चोदूँगी।
वह बोली - क्या कर रही हो भाभी जान ?
मैंने जबाब दिया - तेरे ससुर का लण्ड चोद रही हूँ, नन्द रानी ?
वह बोली - हाय अल्ला, तू भोसड़ी की बड़ी हरामजादी है। मैं आ रही हूँ तेरी माँ चोदने, भाभी जान ?
वह थोड़ी देर में आ भी गयी। मैंने शाल ओढ़ा कर दरवाजा खोल दिया। वह अंदर आयी और उसके पीछे एक आदमी भी आया। नन्द ने दरवाजा बंद किया। फिर उसने मेरी शाल खींच ली। मैं पूरी की पूरी नंगी हो गयी। मैंने अपनी चूँचियाँ और चूत छिपाने की नाकाम कोशिश की तो नन्द बोली अरे भाभी जान इससे क्या शर्माना ? ये तो बहन चोद मेरे आगे नंगा ही रहता है। मैं अभी अभी इसका लण्ड पी कर आ रही हूँ। मैंने इससे कहा चलो मेरे घर आज मेरी भाभी जान तेरा लण्ड पियेगी। मैं इसी लिए इसे यहाँ ले आयी। जानती हो ये कौन है ? ये मेरी नन्द का ससुर है। ये भी मादर चोद अपनी बहू की बुर लेता है, बहू की माँ चोदता है । मैंने कहा आज तुम मेरी बुर ले लो और मेरी भाभी की बुर ले लो। इसका लण्ड बड़ा मोटा है भाभी जान। ऐसा कह कर नन्द ने उसे वहीँ पर नंगा कर दिया और उसका लण्ड हिला हिला कर मुझे दिखाया।
मैंने भी लण्ड पकड़ कर देखा तो मज़ा आ गया। फिर नन्द ने पूंछा कहा है बेटी चोद मेरा ससुर , भाभी जान / आज मैं तेरे सामने उसका भी लण्ड चोदूँगी। मैं फिर उसे अंदर कमरे में ले गयी जहाँ उसका ससुर नंगा नंगा लेटा हुआ अपना लण्ड हिला रहा था। नन्द बोली भोसड़ी के अपनी बेटी बहू चोद के तू यहाँ सबकी चोदने आया है। मैं तेरा लण्ड चोद के भरता बना दूँगी। उसके बाद तो मैं नन्द के ससुर का लण्ड पीने लगी और नन्द अपनी नन्द के ससुर का लण्ड पीने लगी।
फिर हम दोनों ने लण्ड अदल बदल कर खूब धकाधक चुदवाया और बारी बारी से दोनों लण्ड पर बैठ बैठ कर लण्ड भी चोदा।
वह थोड़ी देर में आ भी गयी। मैंने शाल ओढ़ा कर दरवाजा खोल दिया। वह अंदर आयी और उसके पीछे एक आदमी भी आया। नन्द ने दरवाजा बंद किया। फिर उसने मेरी शाल खींच ली। मैं पूरी की पूरी नंगी हो गयी। मैंने अपनी चूँचियाँ और चूत छिपाने की नाकाम कोशिश की तो नन्द बोली अरे भाभी जान इससे क्या शर्माना ? ये तो बहन चोद मेरे आगे नंगा ही रहता है। मैं अभी अभी इसका लण्ड पी कर आ रही हूँ। मैंने इससे कहा चलो मेरे घर आज मेरी भाभी जान तेरा लण्ड पियेगी। मैं इसी लिए इसे यहाँ ले आयी। जानती हो ये कौन है ? ये मेरी नन्द का ससुर है। ये भी मादर चोद अपनी बहू की बुर लेता है, बहू की माँ चोदता है । मैंने कहा आज तुम मेरी बुर ले लो और मेरी भाभी की बुर ले लो। इसका लण्ड बड़ा मोटा है भाभी जान। ऐसा कह कर नन्द ने उसे वहीँ पर नंगा कर दिया और उसका लण्ड हिला हिला कर मुझे दिखाया।
मैंने भी लण्ड पकड़ कर देखा तो मज़ा आ गया। फिर नन्द ने पूंछा कहा है बेटी चोद मेरा ससुर , भाभी जान / आज मैं तेरे सामने उसका भी लण्ड चोदूँगी। मैं फिर उसे अंदर कमरे में ले गयी जहाँ उसका ससुर नंगा नंगा लेटा हुआ अपना लण्ड हिला रहा था। नन्द बोली भोसड़ी के अपनी बेटी बहू चोद के तू यहाँ सबकी चोदने आया है। मैं तेरा लण्ड चोद के भरता बना दूँगी। उसके बाद तो मैं नन्द के ससुर का लण्ड पीने लगी और नन्द अपनी नन्द के ससुर का लण्ड पीने लगी।
फिर हम दोनों ने लण्ड अदल बदल कर खूब धकाधक चुदवाया और बारी बारी से दोनों लण्ड पर बैठ बैठ कर लण्ड भी चोदा।
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