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खाला अपने ही बेटे से चुदवा रही थी - Khala apne hi Bete se Chudwa Rahi thi
खाला अपने ही बेटे से चुदवा रही थी - Khala apne hi Bete se Chudwa Rahi thi , माँ को अपने बेटे से चुदाई करवाते हुए देखा , मम्मी अपने पुत्र से चुद रही थी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
खाला जान जिस ढंग से चुदवा रही थी वह वाकई देखने वाला था। उससे मालूम हो रहा था की उसने चुदाई का तज़ुर्बा बहुत हांसिल किया है। कुछ देर बाद उसने अंजुम का लंड अपनी बेटी की बुर में घुसा दिया और सफी का लंड उसके मुंह में। वह अपनी बेटी को दो दो लण्ड देने लगी। फिर वह मेरी तरफ घूमी और अपने बेटे का लण्ड मेरे मुंह से निकाल कर मेरी चूत में घुसेड़ दिया और आसिफ का लण्ड मेरी बुर से निकाल कर मेरे मुंह में पेल दिया। वह मुझे भी दो दो लण्ड का मज़ा देने लगीं।
वह बोली - लाजो मैं अपनी बेटी की बुर चुदवाऊंगी भी और चोदूँगी भी। और साथ साथ तेरी भी बुर चुदवाऊंगी भी और चोदूँगी भी। मुझे अपनी बुर चुदवाने से ज्यादा मज़ा दूसरे की बुर चुदाने में आता है. कल मैंने अपनी जेठानी का भोसड़ा चोदा बिटिया की बुर भी चोदी थी। सच में बड़ा मज़ा आया था। लाजो मैं तेरे बाप का लण्ड कई बार पेला है अपनी चूत में और आज भी पेलती हूँ। मुझे चुदाई का खेल बहुत अच्छा है।
उसकी बेटी नूर बोली - हां यार लाजो ये मेरी अम्मी जान हैं न ? इसे अगर घोड़े का लण्ड मिल जाए तो ये वह भी अपने भोसड़ा में पेल लेगी और हम सबकी चूत में भी घुसेड़ देगी।
खाला बोली - अरी बुर चोदी नूर, तेरी माँ का भोसड़ा ? बड़ी नसीब वालियों को मिलता है घोड़े का लण्ड और घोड़े के लण्ड जैसा लण्ड ? एक बार ऐसे लण्ड से चुदवा लेगी तू तो फिर ज़िन्दगी भर भूलेगी नहीं।
खाला जान रात भर एक दूसरे की चूत में लण्ड लेतीं रहीं।
दूसरे दिन जब मैं गई तो मैंने देखा की वह अपनी बेटी के शौहर का लण्ड अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रहीं हैं और उसके बगल में नंगी नंगी लेटी हुई उसकी बेटी नूर अपने नंदोई से चुदवा रही है। मुझे देख कर वह बोली आ तू भी आ जा बुर चोदी लाजो। मैं आज भी तेरी बुर चोदूँगी।
एक दिन मेरी खाला जान ने मुझे अपने घर आने के लिए कहा। मैं बोली ठीक है खाला जान मैं अभी एक घंटे में आपके पास आ जाऊंगी। उसने कहा ठीक है। मैं बाहर का दरवाजा खुला रखूंगी तुम सीधे मेरे बेड रूम में चली आना। मेरी खाला का नाम है मुमताज़ पर उसे लोग मुम्मू कहतें हैं। मेरी मुम्मू खाला मेरी अम्मी जान से बड़ी हैं। लेकिन हैं यह बड़ी मद मस्त, खूबसूरत और हंसी मजाक करने वाली औरत। खूब खुल कर सबसे गन्दी गन्दी बातें करती हैं, हंसी मजाक करती है, सबको प्यार भरी गालियां सुनातीं हैं और ज़िन्दगी को अच्छी तरह एन्जॉय करतीं हैं।
मैं जब पहंची तो सीधे बेड में घुस गई। सामने जो हो रहा था उसे देख कर मैं दंग रह गयी. मैंने देखा की खाला जान अपने ही बेटे से चुदवा रहीं हैं। उसका बेटा उसके ऊपर चढ़ा हुआ है और उसका लण्ड पूरा का पूरा खाला के भोसड़ा में पिला हुआ है। वह उछल उछल कर धकाधक चोद रहा है अपनी माँ की चूत । मेरे देखने पर भी वह नहीं रुका। खाला ने कहा इधर आओ लाजो।
इससे पहले की वह कुछ कहती मैं बोली - खाला जान, तुम अपने बेटे से ही चुदवा रही हो ? यानी बेटा अपनी माँ चोद रहा है ? ये तो मैं पहली बार देख रही हूँ।
वह बोली - अरे इसमें क्या ? ये तो हमारे समाज में होता ही है। देखो बेटी लाजो, बेटा जब जवान हो जाता है तो वह आदमी के बराबर हो जाता है। उसका लौड़ा भी जवान हो जाता है और बुर क्या भोसड़ा चोदने वाला हो जाता है। ऐसे में वह किसी की भी बुर चोद सकता है। वह किसी की बहन चोद सकता है किसी की माँ किसी की बीवी और किसी की बेटी चोद सकता है। मैं जब ग़ैर मर्दों से चुदवाती हूँ तो फिर अपने घर के मरद से क्यों न चुदवाऊँ ? तेरी फूफी भी बुर चोदी अपने बेटे का लण्ड पेलती है अपनी बुर में ? तेरी मामी जान भी अपना भोसड़ा अपने ही बेटे से चुदवाती है। मेरी बेटी की सास भी अपने छोटे बेटे से चुदवाती है और मेरे पड़ोस की आंटी तो अपने दोनों बेटों से खूब हचक हचक के चुदवाती है। तो इसमें कोई गुनाह नहीं है। देखो तेरी माँ का कोई बेटा नहीं है। होता तो वह भी चुदवाती अपने बेटे से। ये सब हमारे समाज में जायज़ है बेटी लाओ। अब जाओ तुम भी सबके साथ मज़ा लूटो।
मैं जब खाला जान के मुंह के पास पहंची तो वह बोली बेटी तुम मेरे बेटे के पेल्हड़ सहलाती जाओ। मैं बैठ कर पेल्हड़ सहलाने लगी। मैंने यह भी देखा की उसकी बेटी भी किसी से चुदवा रही है। लेकिन उसकी आदमी की उम्र ज्यादा थी। खाला ने कहा ये तेरे खालू का दोस्त अंजुम है। आज ये मेरी बेटी चोदने आया है। क्योंकि तेरा खालू इसकी बेटी चोदता है। तुम दूसरे हाथ से उसके भी पेल्हड़ सहलाओ लाजो। मैं दोनों लण्ड के पेल्हड़ सहलाने लगी।
मैं मन में सोंचने लगी क्या खाला जान ने मुझे पेल्हड़ सहलाने के लिए ही बुलाया है। बुर चुदवायें ये दोनों और पेल्हड़ सहलाऊँ मैं ? ये कैसे हो सकता है ? बस ये ख्याल आते ही मेरी झांटें सुलगने लगीं। तब तक खाला ने कहा बेटी नूर तू अंकल का लण्ड लाजो के मुंह में घुसेड़ दो। थोड़ी देर तक इसे लण्ड चाटने और चूसने दो फिर तुम इसकी चूत में अंकल का लण्ड पेल देना ? मैं आज अपनी बहन की बिटिया की बुर चुदवाऊंगी। मैंने इसीलिए इसे बुलाया है। तब तक तुम इसके कपड़े उतारो और इस बुर चोदी को अपनी ही तरह नंगी कर दो। बस कुछ देर में ही मैं भी खाला की तरह नंगी हो गई। वह मुझे देख कर बोली हाय मेरी लाजो तेरी तो चूँचियाँ पहले से ज्यादा बड़ी बड़ी हो गयीं हैं। तेरी चूत भी बहन चोद एकदम चबूतरा हो गयी है। तेरी झांटें भी घनी घनी हो गयीं हैं। तू दिन पर दिन हॉट होती जा रही है।
मेरे हाथ में जब अंजुम अंकल का लण्ड आया तो मैं उछल पड़ी। लण्ड साला बड़ा मोटा था और खूबसूरत भी। मैं लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। पेल्हड़ भी चाटने लगी। मुझे मज़ा आने लगा। तब मैंने देखा की नूर अपने भाई जान का लण्ड चाट रही है। खाला का बेटा असीम अभी झड़ा नहीं था। खाला ने उसे अपने भोसड़ा से निकाल कर लण्ड अपनी बेटी नूर को पकड़ा दिया था। खाला घूम कर मेरी बुर चाटने लगी। अंजुम अंकल खाला का भोसड़ा चाटने लगा।
थोड़ी देर में मैं खालू के दोस्त अंजुम से चुदवाने लगी और नूर अपने भाई जान असीम से चुदवाने लगी। खाला जान बैठी बैठी हम दोनों की चुदाई का मज़ा लेने लगी। वह हम दोनों के बीच बैठी हुई थी। जब भी कोई फिसल कर बुर के बाहर आ जाता तो वह उसे पकड़ कर अंदर घुसा देती। खाला अपनी बेटी की बुर अपने बेटे से चुदवा रही थी और मेरी बुर अपने मियां के दोस्त से। अचानक डोर बेज बाजो तो उठी और दरवाजा खोलने चली गयी। उसके सामने दो लड़के खड़े थे। एक मेरी फूफी का बेटा और दूसरा उसका दोस्त। बेटे का नाम था सफी और उसके दोस्त का नाम था आसिफ। खाला ने दोनों को अंदर बैठा लिया और कहा कोई खास बात है क्या ? सफी बोला नहीं मामी जान कोई ख़ास बात नहीं है बस हम लोग ऐस ही आपसे मिलने चले आये। खाला ने कहा अच्छा ऐसी बात है तो चलो मेरी बेटी, मेरे बेटे और मेरी छोटी बहन की बेटी से भी मिल लो। वह उन दोनों के लेकर हम लोगों के कमरे में आ गई।
आते ही खाला ने अपनी शाल उतार दी तो वह एकदम नंगी हो गयी। नंगी होकर बोली सफी बेटा तुम भी नंगे हो जाओ और अपने दोस्त को भी नंगा कर दो। यहाँ सब लोग नंगे हैं तो तुमको भी नंगा होना चाहिए। नंगे होकर तुम भी हम सबकी बुर चोदो ? चाहे बुर चोदो, चाहे चूँचियाँ चोदो, चाहे मुंह में लौड़ा पेलो और चाहे गांड चोदो। जिसको चोदना चाहो उसको चोदो। जैसे चोदना चाहो वैसे चोदो पर चोदो और खूब हचक हचक के चोदो। माँ का भोसड़ा चोदो, बिटिया की बुर चोदो, मेरी बहन की बेटी की चूत में पेलो लण्ड। तुमको कुछ भी करने की छूट है। फिर क्या वे दोनों भी फटाफट नंगे हो गए। उनके लण्ड फनफना उठे। मैंने दोनों लण्ड देखा तो मस्त हो गयी। दोनों लण्ड बहन चोद बड़े मोटे तगड़े थे। मेरी लार टपकने लगी और मेरी चूत की आग और भड़क गई। यही हाल नूर का भी था और मेरी खाला जान का भी।
इतने में मैंने असीम का लौड़ा खींच कर पकड़ लिया और नूर ने सफी का लण्ड अपने हाथ में लिया। मैं भी दूसरे हाथ से आसिफ का लण्ड पकड़ा तो मुझे मज़ा आगया। मेरे पास दो दो लण्ड आ गए। , उधर अंजुम फिर खाला के पास गया और इस बार वह खाला की दोनों चूँचियों के बीच लण्ड घुसा दिया। वह खाला की चूँचियाँ चोदने लगा।
इतने में मैंने असीम का लौड़ा खींच कर पकड़ लिया और नूर ने सफी का लण्ड अपने हाथ में लिया। मैं भी दूसरे हाथ से आसिफ का लण्ड पकड़ा तो मुझे मज़ा आ गया। मेरे पास दो दो लण्ड आ गए। उधर अंजुम फिर खाला के पास गया और इस बार उसने खाला की दोनों चूँचियों के बीच लण्ड घुसा दिया। वह खाला की चूँचियाँ चोदने लगा।
- खाला ने पूंछा - सफी तुमने अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है कभी ?
- वह बोला - हां चोदा है और अभी भी चोदता हूँ। मेरी अम्मी कहतीं हैं की जवान होने पर बेटा अगर अपनी माँ का भोसड़ा चोदे तो वह जायज़ माना जाता है। इसलिए अम्मी मुझसे चुदवाती हैं और मैं चोदता हूँ।
- खाला ने कहा सुना लाजो तूने ? मैं कह रही थीं न की तेरी फूफी भी अपने बेटे से चुदवाती है।
- सफी बताओ तुमने कबसे अपनी माँ चोदना शुरू किया ?
- मैं उस समय २२ साल का था। मैं रात में अपनी भाभी की बुर चोद रहा था। मैं बड़े जोश में था तभी किसी ने मेरा लण्ड पकड़ कर अपने मुंह में डाला। मैं पहले तो समझ नहीं पाया। जब देखा तो बोला वॉवो अम्मी जान तुम ? उसने इशारा किया चुप रहो। मैं इस माया अम्मी नहीं हूँ एक चुदासी औरत हूँ। मुझे तेरा लण्ड पसंद आ गया। मुझे नहीं मालूम था की तेरा लण्ड इतना बड़ा हो गया है। अब तू मर्द बन गया है बेटा। अब किसी की भी बुर चोद सकता है या भोसड़ा चोद सकता है। चाहे वह माँ का ही भोसड़ा हो ? बस उसी दिन से मैं चोदने लगा माँ का भोसड़ा।
- और भी किसी की बुर चोदते हो बेटा सफी ? हां मैं घर में और कुनबे में सभी की बुर चोदता हूँ और अब तो मैंने अपने दोस्त आसिफ की बीवी चोदता हूँ। आसिफ मेरी बीवी चोदता है। जवानी का पूरा मज़ा लूटा रहा हूँ मामी जान ?
खाला जान जिस ढंग से चुदवा रही थी वह वाकई देखने वाला था। उससे मालूम हो रहा था की उसने चुदाई का तज़ुर्बा बहुत हांसिल किया है। कुछ देर बाद उसने अंजुम का लंड अपनी बेटी की बुर में घुसा दिया और सफी का लंड उसके मुंह में। वह अपनी बेटी को दो दो लण्ड देने लगी। फिर वह मेरी तरफ घूमी और अपने बेटे का लण्ड मेरे मुंह से निकाल कर मेरी चूत में घुसेड़ दिया और आसिफ का लण्ड मेरी बुर से निकाल कर मेरे मुंह में पेल दिया। वह मुझे भी दो दो लण्ड का मज़ा देने लगीं।
वह बोली - लाजो मैं अपनी बेटी की बुर चुदवाऊंगी भी और चोदूँगी भी। और साथ साथ तेरी भी बुर चुदवाऊंगी भी और चोदूँगी भी। मुझे अपनी बुर चुदवाने से ज्यादा मज़ा दूसरे की बुर चुदाने में आता है. कल मैंने अपनी जेठानी का भोसड़ा चोदा बिटिया की बुर भी चोदी थी। सच में बड़ा मज़ा आया था। लाजो मैं तेरे बाप का लण्ड कई बार पेला है अपनी चूत में और आज भी पेलती हूँ। मुझे चुदाई का खेल बहुत अच्छा है।
उसकी बेटी नूर बोली - हां यार लाजो ये मेरी अम्मी जान हैं न ? इसे अगर घोड़े का लण्ड मिल जाए तो ये वह भी अपने भोसड़ा में पेल लेगी और हम सबकी चूत में भी घुसेड़ देगी।
खाला जान रात भर एक दूसरे की चूत में लण्ड लेतीं रहीं।
दूसरे दिन जब मैं गई तो मैंने देखा की वह अपनी बेटी के शौहर का लण्ड अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रहीं हैं और उसके बगल में नंगी नंगी लेटी हुई उसकी बेटी नूर अपने नंदोई से चुदवा रही है। मुझे देख कर वह बोली आ तू भी आ जा बुर चोदी लाजो। मैं आज भी तेरी बुर चोदूँगी।
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