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तेरी चूँचियाँ मस्त सेक्सी और बड़ी हो गई - Teri chuchiyan mast sexy aur badi ho gayi
तेरी चूँचियाँ मस्त सेक्सी और बड़ी हो गई - Teri chuchiyan mast sexy aur badi ho gayi , जवान हो गई जवानी आ गई चूची उठ गई, अब हो गई तेरी चुदने चुदास और चुदक्कड बनने की उम्र , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं जैसे ही जवान हुई वैसे एक दिन मेरी अम्मी ने मुझसे कहा रिदा भोसड़ी की इधर मेरे सामने आ ? मैं चली गई उसके पास। मैं पहली बार उसके मुंह से अपने लिए गालियां सुन रही थी। वह गालियां देतीं हैं ये तो मुझे मालूम है। सबको गालियां खुले आम देतीं हैं, मैं सुनती भी हूँ , मेरे सामने देती हैं। पर आज वह मुझे गालियां दे रहीं थीं। खैर मैं पहुंच गई उसके आगे।
मैं जैसे ही जवान हुई वैसे एक दिन मेरी अम्मी ने मुझसे कहा रिदा भोसड़ी की इधर मेरे सामने आ ? मैं चली गई उसके पास। मैं पहली बार उसके मुंह से अपने लिए गालियां सुन रही थी। वह गालियां देतीं हैं ये तो मुझे मालूम है। सबको गालियां खुले आम देतीं हैं, मैं सुनती भी हूँ , मेरे सामने देती हैं। पर आज वह मुझे गालियां दे रहीं थीं। खैर मैं पहुंच गई उसके आगे।
वह बोली - देख बुर चोदी रिदा अब तू सायानी हो गयी है, जवान हो गई है। तेरी चूँचियाँ मस्त और बड़ी बड़ी हो गयीं हैं। तेरी चूत भी मेरी चूत जैसी हो गयी है। लण्ड खाने वाली हो गयी है तेरी चूत। अब तू लण्ड पकड़ना, लण्ड चूमना, चाटना ,चूसना शुरू कर दे। लण्ड का मुठ्ठ मारना, लण्ड पीना भी शुरू कर दे। फिर लण्ड अपनी चूत में भी लेना शुरू कर देना। आखिर में लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में भी पेलना शुरू कर देना। लेकिन ये सब करने के लिए तुझे बेशर्म होना पड़ेगा, बेटी रिदा। जब तक तू बेशरम नहीं होगी तब तक जवानी का मज़ा बिलकुल नहीं ले पायेगी। देख बेटी, जवानी जितनी जल्दी आती है उतनी ही जल्दी चली भी जाती है। इसलिए इसका एक एक दिन का भर पूर इस्ते माल करना चाहिए। बेशर्म होने के लिए यह जरुरी है की तू अभी से प्यार से गालियां देना शुरू कर दे। आज से तू अपने घर में, अपने दोस्तों से और कुनबे के सभी लोगों से गालियों से बात किया कर मगर प्यार से गुस्से से कभी नहीं।
अम्मी जान की बातें मेरे दिल में बैठ गईं। मैं सोंचने लगी की अम्मी ठीक ही तो कह रहीं हैं की जवानी में जवानी का मज़ा लेना फ़ौरन शुरू कर देना चाहिए। तो फिर मुझे अब शर्माना नहीं चाहिए। मुझे खुल कर बोलना चाहिए और सबकी माँ बहन चोदना चाहिए। अब चूत मेरी भी लण्ड खाने के लिए तैयार बैठी है। हो सकता ही इसी बहाने मुझे लण्ड फ़टाफ़ट मिलने लगें। मुझे अब गालियां भी देनी चाहिए और खूब मस्ती करनी चाहिए। मैंने वो सब कुछ करने के मन बना लिया जो जो अम्मी ने कहा था।
अम्मी जान की बातें मेरे दिल में बैठ गईं। मैं सोंचने लगी की अम्मी ठीक ही तो कह रहीं हैं की जवानी में जवानी का मज़ा लेना फ़ौरन शुरू कर देना चाहिए। तो फिर मुझे अब शर्माना नहीं चाहिए। मुझे खुल कर बोलना चाहिए और सबकी माँ बहन चोदना चाहिए। अब चूत मेरी भी लण्ड खाने के लिए तैयार बैठी है। हो सकता ही इसी बहाने मुझे लण्ड फ़टाफ़ट मिलने लगें। मुझे अब गालियां भी देनी चाहिए और खूब मस्ती करनी चाहिए। मैंने वो सब कुछ करने के मन बना लिया जो जो अम्मी ने कहा था।
- एक दिन मुझे घर आने में देर हो गयी तो अम्मी जान बोली कहाँ रह गयी तू रिदा हरामजादी। इतनी देर कहाँ लगा दी।
- मैंने कहा - माँ चुदा रही थी अपनी इतनी देर से ?
- अच्छा चूतिया बना रही है तू मुझे। माँ तो तेरी बुर चोदी यहाँ बैठी है। तू किसको चुदा रही थी ? अपनी माँ चुदा रही थी की किसी और की माँ ? सच सच बता ?
- मैं सच ही बता रही हूँ, अम्मी जान। मैं सवेरे से एक सरकारी दफ्तर में बैठी बैठी माँ चुदा रही थी अपनी। लोग मेरी माँ चोद भी रहे थे। कभी इस टेबल पर माँ चोद रहे थे कभी उस टेबल पर माँ चोद रहे थे । काम हो नहीं रहा था। फिर मैं सीधे बड़े अफसर में केबिन में घुस गयी और बोली तुम यहाँ अंदर बैठी हो साहिब और वहां बाहर तेरे लोग सुबह से मेरी माँ चोद रहे हैं। मेरी गांड मार रहे हैं भोसड़ी वाले ? कभी माँ चोदते हैं, कभी गांड मारते हैं और तुम को तो कुछ पता है नहीं ? अब एक बात सुन लो अगर मेरा काम अभी आधे घंटे में न हुआ तो मैं यहाँ सबकी माँ चोद दूँगी। फिर न कहना की मुझे बताया नहीं। मेरे कहने का उस पर बड़ा गहरा असर हुआ। उसने सबको एक तरफ से डांटा और मेरा काम बस दो मिनट में ही कर दिया। फिर मैं चली आयी ?
- हाय दईया आज तुमने मुझे खुश कर दिया, बेटी। देखा तुमने बेशरम होने का कमाल ? गालियां देने का कमाल ? अब एक काम कर अभी तो तूने जबान से अपनी माँ चुदाई है लेकिन अब लण्ड पेल के अपनी माँ चुदवा ले बेटी ?
- हां हां चुदवा लूंगी और अच्छी तरह चुदवा लूंगी। तेरा भी भोसड़ा और तेरी बहन का भी भोसड़ा ?
- अरे पहले एक भोसड़ा तो चुदवा ले पहले। फिर दूसरा चुदवाना ? अब ज्यादा न उड़, तेरी माँ की चूत ?
- मैं तो उड़ूँगी तू मेरा क्या उखाड़ लेगी ?
- झांटें उखाड़ लूंगी तेरी रिदा।
- झांटों की तो माँ मैं पहले ही चोद चुकी हूँ। अब तो मेरी चूत में एक भी झांट नहीं है।
- तो फिर तेरी गांड में घुसेड़ दूँगी लण्ड ?
- अरी चल अभी तक लण्ड क्या लण्ड की एक नूनी भी नहीं घुसेड़ पाई तू मेरी गांड में ? अब कैसे घुसेड़ेगी ? अब तो मैं ही घुसेड़ूँगी तेरी गांड में लांड ? उसके पहले चोदूँगी तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ?
- तो फिर मैं भी चोदूँगी तेरी बुर चोदी माँ की बिटिया की बुर।
अम्मी ने कहा - अच्छा जब तूने सुन ही लिया तो फिर चोदना ? मैं भी देखूँगी की तेरे लण्ड में कितना दम है ?
ये सब बातें हो ही रहीं थीं की मेरी खाला का बेटा साजिद भी आ गया। मैंने कहा अरे यार साजिद तू कहाँ था अब तक ? बहुत दिनों के बाद आया है तू। अभी तक क्या अपनी माँ चुदा रहा था तू ? वह बड़े मजाकिया अंदाज़ में और बड़ी बेशर्मी से बोला हां यार माँ चुदा नहीं रहा था बल्कि माँ चोद रहा था। मैं अपनी माँ चोद कर ही आ रहा हूँ अभी ।
ये सब बातें हो ही रहीं थीं की मेरी खाला का बेटा साजिद भी आ गया। मैंने कहा अरे यार साजिद तू कहाँ था अब तक ? बहुत दिनों के बाद आया है तू। अभी तक क्या अपनी माँ चुदा रहा था तू ? वह बड़े मजाकिया अंदाज़ में और बड़ी बेशर्मी से बोला हां यार माँ चुदा नहीं रहा था बल्कि माँ चोद रहा था। मैं अपनी माँ चोद कर ही आ रहा हूँ अभी ।
मैंने कहा - यार सच सच बता ? चूतिया न बना मुझे ?
वह बोला मैं तुम्हे सच बता रहा हूँ रिदा। लो पूरा किस्सा सुनो :-
हुआ यह की मैं अपनी फूफी के घर गया था। मैं जब अंदर घुसा तो देखा की फूफी का बेटा वाजिद अपनी बहन की बुर चोद रहा है। उसे देख कर मेरा लण्ड साला खड़ा हो गया। उसकी बहन ने मुझे देख लिया तो इशारा किया और कहा की तुम भी कपड़े उतार कर नंगे हो जाओ। मैं तो बड़ा उत्तेजित हो गया। मैंने फ़ौरन कपड़े उतारे और उन दोनों के आगे नंगा हो गया। उसकी बहन ने मुझे अपने मुंह की तरफ बुला लिया फिर उसने हाथ बढ़ाकर मेरा लण्ड पकड़ा और चाटने चुसन लगी। वह बोली हाय अल्ला, बहुत बड़ा है तेरा लण्ड साजिद। मोटा भी बड़ा जबरदस्त है। अब तुम लोग मिल कर मुझे चोदो। जैसे ब्लू फिल्म में दो लड़के एक लड़की की बुर चोदते हैं। थोड़ी देर में मैंने लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। साजिद ने लण्ड उसके मुंह में घुसा दिया। उसकी बहन लण्ड मस्त होकर चूसने लगी. उसके पेल्हड़ भी मजे से चूसने लगी. हम दोनों बारी बारी से उसकी बुर चोदने में जुट गए।
इतने में अचानक जाने कहाँ से मेरी अम्मी आ गयीं। मैंने उसे देखा नहीं और मैं धक्के लगाने में ही जुटा रहा। अम्मी ने मेरे लण्ड का ज़ायज़ा लिया। उसकी बहन ने तो अम्मी को जरूर देख लिया था लेकिन अम्मी ने इशारे से उसे चुप रहने को कहा। बस अम्मी को जोश आया क्योंकि वह भी अभी मस्त जवान हैं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ अभी भी तनी हुई हैं। वह भी कपड़े खोल कर एकदम नंगी हो गयी। फिर धीरे से मेरा लण्ड उसकी बुर से निकाल कर चाटने लगी। मुझे लगा की कोई लड़की होगी तो मैं भी मजे से अपना लण्ड चटवाने लगा। अचानक मेरा सिर घुमा तो देखा की अम्मी जान मेरा लण्ड चाट रहीं हैं। मैंने कहा अरे अम्मी तुम ? वह बोली तुम अपना काम करो। मैं अपने बेटे का नहीं बल्कि एक मर्द का लण्ड चाट रही हूँ। अब तू मर्द हो गया है लड़का नहीं रहा. मर्द का काम है बुर चोदना , बुर ससुरी चाहे जिसकी हो। मर्द हो तो चुपचाप बुर चोदो इसकी भी और मेरी भी। मैं इस समय एक चुदासी औरत हूँ तेरी माँ नहीं। समझा तू भोसड़ी का साजिद ? बस ऐसा बोल कर अम्मी ने लण्ड अपने भोसड़ा में पेल लिया।
अब मैं मर्द तो था ही ? मैं भी बड़ी बेशर्मी से चोदने लगा। मैंने सोंचा की जब अम्मी को कोई शर्म नहीं तो मुझे क्यों हो ? मैं तो मर्द हूँ और मर्द का काम है बुर चोदना। अगर मेरे खड़े लण्ड के सामने कोई बुर आ जाये और वह हाथ बढ़ाकर मेरा लण्ड पकड़ ले तो फिर मैं चोदूंगा जरूर वो चाहे जो हो मैं इसकी परवाह नहीं करता। फिर मैंने खूब हचक हचक के चोदा।
मेरी अम्मी ने कहानी सुनी और बोली - तो फिर माँ के लौड़े साजिद आज तुम मुझे उसी तरह चोदो और मेरी बेटी की बुर भी चोदो जैसे तुम अपनी माँ का भोसड़ा चोद रहे थे। मैं भी देखूं की तेरे लण्ड में कितनी ताकत है।?
अब एक तरफ मैं और मेरी अम्मी जान। दूसरी तरफ सलामत अली और साजिद। हम चारों बड़े मूड में आ गए। अम्मी ने सलामत अली के पजामा में हाथ घुसेड़ दिया और मैंने साजिद के पजामा में हाथ घुसेड़ दिया। हम दोनों लण्ड पकड़ कर अंदर ही अंदर सहलाने लगी। अम्मी मुझे देख रहीं थी और मैं अम्मी को देख रहीं थी।
अचानक अम्मी बोली बेटी रिदा, मैं तो सलामत का लौड़ा देख चुकी हूँ, अपनी चूत में पेल चुकी हूँ और मुंह में भी पेल चुकी हूँ पर तूने नहीं देखा इसका लौड़ा लो अब तुम इसे खोलो और देखो। मैं साजिद का लौड़ा खोलती हूँ क्योंकि इसका लण्ड मैंने नहीं देखा। मैं तो तैयार ही थी, मैं उठी और सलामत अंकल के पजामा में हाथ घुसेड़ा तो हाथ सीधे उसके लण्ड से टकरा गया। मैं बोली बाप रे बाप बहुत बड़ा लौड़ा है अम्मी जान इसका ?
उधर अम्मी जान ने साजिद का लण्ड अंदर ही अंदर पकड़ लिया और बोली हाय दईया इसका भी लण्ड बड़ा जबरदस्त है बेटी रिदा। अब आएगा मज़ा तेरी माँ के भोसड़ा को ? मैंने भी बोली हां अम्मी जान अब आएगा तेरी बिटिया की बुर को ? मैंने फिर फटाक से अंकल का पजामा खींच कर फेंक दिया और उसे पूरा नंगा कर दिया। उसका टन टनाता हुआ लण्ड हिलाने लगी। लण्ड देखने में बड़ा खूबसूरत था। उधर अम्मी ने साजिद को नंगा कर दिया और उसका लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। दोनों लण्ड साले एक दूसरे के सामने दहाड़ने लगे और हम दोनों को मज़ा ही मज़ा आने लगा। मैं सलामत अंकल के लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी और अम्मी साजिद के लण्ड का सुपाड़ा। दोनों लण्ड लगभग एक जैसे लग रहे थे। तब मुझे मालूम हुआ की लड़के जब जवान हो जातें हैं तो उनके लण्ड मर्दों की तरह ही बड़े बड़े हो जातें हैं। फिर दोनों लण्ड में कोई फरक नहीं रह जाता। इसीलिए शायद खाला जान अपने बेटे साजिद से चुदवा रहीं थीं।
मैंने अंकल का लण्ड चाटते हुए अपनी चूत साजिद के मुंह पर रख दी। वह मेरी बुर चाटने लगा। उधर अम्मी ने अपना भोसड़ा सलामत अंकल के मुंह पर रखा तो वह अम्मी का भोसड़ा चाटने लगा। अब मैं अंकल का लंड पीते हुए साजिद से अपनी बुर चटवाने लगी और अम्मी साजिद का लण्ड पीते हुए सलामत से अपनी बुर चटवाने लगीं। इस तरह हम सबको डबल मज़ा मिलने लगा। ये होता है साथ साथ चुदवाने का असली मज़ा। हम दोनों लण्ड पेलहड़ चाटने का मज़ा भी लूट रहीं थीं। पेल्हड़ चाटने का मज़ा अलग ही तरीके का होता है। मेरी सारी सहेलियां लण्ड के साथ पल्हाड जरूर चाटती हैं। इतने में अंकल ने लण्ड मेरी चूत पर रखा और एक धक्का मरा। लण्ड सरसराता हुआ घुस तो गया पर थोड़ा दर्द जरूर दे गया। , लण्ड मोटा था। मैंने बोली हाय दईया आंका ये मेरी अम्मी का भोसड़ा नहीं है। ये मेरी चूत है यार। ज़रा आहिस्ते आहिस्ते चोदो ? धीरे धीरे रफ़्तार बढ़ाओ। मैं बुर चोदी अच्छी तरह चुड़वाकर ही जाऊंगी।
उधर अम्मी ने भी साजिद का लौड़ा पेला अपने भोसड़ा में और धकाधक चुदवाने लगी। उसकी चुदाई देख कर
मुझे लगा की मुझे अम्मी से अभी बहुत कुछ सीखना है। वह तो मस्ती से अपनी गांड उठा उठा के हर धक्के का जबाब अपने धक्के से दे रहीं थीं। हर धक्के पे अम्मी कुछ न कुछ बोलती जा रहीं थीं। ले ये रिदा की माँ का भोसड़ा ? ये रिदा की बहन की बुर ? ये रिदा की बुर की झांट ? ये रिदा की मोटी गांड ? ये साजिद की माँ की चूत ? ये सलामत की बिटिया की बुर ? ये सलामत की बीवी की चूत ? ये रिदा की फूफी का भोसड़ा ? ये रिदा की बुर में लण्ड ? ये रिदा की अम्मी की चूत ? ये रिदा की बहन का लण्ड ? इस तरह अम्मी जान हर एक धक्के पर एक गाली मुंह से निकालने लगी. वह रिदा के नाम पर गालियां सुना रही थीं क्योंकि मैं भी उसके साथ चुदवा रही थी।इससे सबका जोश लगातार बढ़ने लगा। साजिद और सलामत दोनों इन गालियों का मज़ा लेने लगे और फिर ज्यादा जोर दारी चोदने लगे।
मैं भी धक्के लगाने लगी और अम्मी की गालियां सुनाने लगी। ये रिदा की माँ का भोसड़ा ? ये हरजाना की बेटी की चूत ? ये हरजाना की बुर की झांट ? ये हर्जाना की बहन का भोसड़ा ? ये हरजाना की नन्द का भोसड़ा ? ये हरजाना की बहन का लण्ड ? ये हरजाना की बेटी की बुर ? ये हरजाना के बेटे का लांड ?
मैं भी गालियां अम्मी के नाम पर बोलने लगी। अम्मी मुझे देख कर मुस्कराने लगीं । वह समझ गयी कई मैंने उसकी चुदाने की स्टाइल की नक़ल कर ली है ।
इस तरह हम दोनों ने रात भर लण्ड अदल बदल कर चुदवाया.
हुआ यह की मैं अपनी फूफी के घर गया था। मैं जब अंदर घुसा तो देखा की फूफी का बेटा वाजिद अपनी बहन की बुर चोद रहा है। उसे देख कर मेरा लण्ड साला खड़ा हो गया। उसकी बहन ने मुझे देख लिया तो इशारा किया और कहा की तुम भी कपड़े उतार कर नंगे हो जाओ। मैं तो बड़ा उत्तेजित हो गया। मैंने फ़ौरन कपड़े उतारे और उन दोनों के आगे नंगा हो गया। उसकी बहन ने मुझे अपने मुंह की तरफ बुला लिया फिर उसने हाथ बढ़ाकर मेरा लण्ड पकड़ा और चाटने चुसन लगी। वह बोली हाय अल्ला, बहुत बड़ा है तेरा लण्ड साजिद। मोटा भी बड़ा जबरदस्त है। अब तुम लोग मिल कर मुझे चोदो। जैसे ब्लू फिल्म में दो लड़के एक लड़की की बुर चोदते हैं। थोड़ी देर में मैंने लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। साजिद ने लण्ड उसके मुंह में घुसा दिया। उसकी बहन लण्ड मस्त होकर चूसने लगी. उसके पेल्हड़ भी मजे से चूसने लगी. हम दोनों बारी बारी से उसकी बुर चोदने में जुट गए।
इतने में अचानक जाने कहाँ से मेरी अम्मी आ गयीं। मैंने उसे देखा नहीं और मैं धक्के लगाने में ही जुटा रहा। अम्मी ने मेरे लण्ड का ज़ायज़ा लिया। उसकी बहन ने तो अम्मी को जरूर देख लिया था लेकिन अम्मी ने इशारे से उसे चुप रहने को कहा। बस अम्मी को जोश आया क्योंकि वह भी अभी मस्त जवान हैं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ अभी भी तनी हुई हैं। वह भी कपड़े खोल कर एकदम नंगी हो गयी। फिर धीरे से मेरा लण्ड उसकी बुर से निकाल कर चाटने लगी। मुझे लगा की कोई लड़की होगी तो मैं भी मजे से अपना लण्ड चटवाने लगा। अचानक मेरा सिर घुमा तो देखा की अम्मी जान मेरा लण्ड चाट रहीं हैं। मैंने कहा अरे अम्मी तुम ? वह बोली तुम अपना काम करो। मैं अपने बेटे का नहीं बल्कि एक मर्द का लण्ड चाट रही हूँ। अब तू मर्द हो गया है लड़का नहीं रहा. मर्द का काम है बुर चोदना , बुर ससुरी चाहे जिसकी हो। मर्द हो तो चुपचाप बुर चोदो इसकी भी और मेरी भी। मैं इस समय एक चुदासी औरत हूँ तेरी माँ नहीं। समझा तू भोसड़ी का साजिद ? बस ऐसा बोल कर अम्मी ने लण्ड अपने भोसड़ा में पेल लिया।
अब मैं मर्द तो था ही ? मैं भी बड़ी बेशर्मी से चोदने लगा। मैंने सोंचा की जब अम्मी को कोई शर्म नहीं तो मुझे क्यों हो ? मैं तो मर्द हूँ और मर्द का काम है बुर चोदना। अगर मेरे खड़े लण्ड के सामने कोई बुर आ जाये और वह हाथ बढ़ाकर मेरा लण्ड पकड़ ले तो फिर मैं चोदूंगा जरूर वो चाहे जो हो मैं इसकी परवाह नहीं करता। फिर मैंने खूब हचक हचक के चोदा।
मेरी अम्मी ने कहानी सुनी और बोली - तो फिर माँ के लौड़े साजिद आज तुम मुझे उसी तरह चोदो और मेरी बेटी की बुर भी चोदो जैसे तुम अपनी माँ का भोसड़ा चोद रहे थे। मैं भी देखूं की तेरे लण्ड में कितनी ताकत है।?
अब एक तरफ मैं और मेरी अम्मी जान। दूसरी तरफ सलामत अली और साजिद। हम चारों बड़े मूड में आ गए। अम्मी ने सलामत अली के पजामा में हाथ घुसेड़ दिया और मैंने साजिद के पजामा में हाथ घुसेड़ दिया। हम दोनों लण्ड पकड़ कर अंदर ही अंदर सहलाने लगी। अम्मी मुझे देख रहीं थी और मैं अम्मी को देख रहीं थी।
अचानक अम्मी बोली बेटी रिदा, मैं तो सलामत का लौड़ा देख चुकी हूँ, अपनी चूत में पेल चुकी हूँ और मुंह में भी पेल चुकी हूँ पर तूने नहीं देखा इसका लौड़ा लो अब तुम इसे खोलो और देखो। मैं साजिद का लौड़ा खोलती हूँ क्योंकि इसका लण्ड मैंने नहीं देखा। मैं तो तैयार ही थी, मैं उठी और सलामत अंकल के पजामा में हाथ घुसेड़ा तो हाथ सीधे उसके लण्ड से टकरा गया। मैं बोली बाप रे बाप बहुत बड़ा लौड़ा है अम्मी जान इसका ?
उधर अम्मी जान ने साजिद का लण्ड अंदर ही अंदर पकड़ लिया और बोली हाय दईया इसका भी लण्ड बड़ा जबरदस्त है बेटी रिदा। अब आएगा मज़ा तेरी माँ के भोसड़ा को ? मैंने भी बोली हां अम्मी जान अब आएगा तेरी बिटिया की बुर को ? मैंने फिर फटाक से अंकल का पजामा खींच कर फेंक दिया और उसे पूरा नंगा कर दिया। उसका टन टनाता हुआ लण्ड हिलाने लगी। लण्ड देखने में बड़ा खूबसूरत था। उधर अम्मी ने साजिद को नंगा कर दिया और उसका लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। दोनों लण्ड साले एक दूसरे के सामने दहाड़ने लगे और हम दोनों को मज़ा ही मज़ा आने लगा। मैं सलामत अंकल के लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी और अम्मी साजिद के लण्ड का सुपाड़ा। दोनों लण्ड लगभग एक जैसे लग रहे थे। तब मुझे मालूम हुआ की लड़के जब जवान हो जातें हैं तो उनके लण्ड मर्दों की तरह ही बड़े बड़े हो जातें हैं। फिर दोनों लण्ड में कोई फरक नहीं रह जाता। इसीलिए शायद खाला जान अपने बेटे साजिद से चुदवा रहीं थीं।
मैंने अंकल का लण्ड चाटते हुए अपनी चूत साजिद के मुंह पर रख दी। वह मेरी बुर चाटने लगा। उधर अम्मी ने अपना भोसड़ा सलामत अंकल के मुंह पर रखा तो वह अम्मी का भोसड़ा चाटने लगा। अब मैं अंकल का लंड पीते हुए साजिद से अपनी बुर चटवाने लगी और अम्मी साजिद का लण्ड पीते हुए सलामत से अपनी बुर चटवाने लगीं। इस तरह हम सबको डबल मज़ा मिलने लगा। ये होता है साथ साथ चुदवाने का असली मज़ा। हम दोनों लण्ड पेलहड़ चाटने का मज़ा भी लूट रहीं थीं। पेल्हड़ चाटने का मज़ा अलग ही तरीके का होता है। मेरी सारी सहेलियां लण्ड के साथ पल्हाड जरूर चाटती हैं। इतने में अंकल ने लण्ड मेरी चूत पर रखा और एक धक्का मरा। लण्ड सरसराता हुआ घुस तो गया पर थोड़ा दर्द जरूर दे गया। , लण्ड मोटा था। मैंने बोली हाय दईया आंका ये मेरी अम्मी का भोसड़ा नहीं है। ये मेरी चूत है यार। ज़रा आहिस्ते आहिस्ते चोदो ? धीरे धीरे रफ़्तार बढ़ाओ। मैं बुर चोदी अच्छी तरह चुड़वाकर ही जाऊंगी।
उधर अम्मी ने भी साजिद का लौड़ा पेला अपने भोसड़ा में और धकाधक चुदवाने लगी। उसकी चुदाई देख कर
मैं भी धक्के लगाने लगी और अम्मी की गालियां सुनाने लगी। ये रिदा की माँ का भोसड़ा ? ये हरजाना की बेटी की चूत ? ये हरजाना की बुर की झांट ? ये हर्जाना की बहन का भोसड़ा ? ये हरजाना की नन्द का भोसड़ा ? ये हरजाना की बहन का लण्ड ? ये हरजाना की बेटी की बुर ? ये हरजाना के बेटे का लांड ?
मैं भी गालियां अम्मी के नाम पर बोलने लगी। अम्मी मुझे देख कर मुस्कराने लगीं । वह समझ गयी कई मैंने उसकी चुदाने की स्टाइल की नक़ल कर ली है ।
इस तरह हम दोनों ने रात भर लण्ड अदल बदल कर चुदवाया.
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