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बेटी की बुर चुद रही, बहू की चूत - Beti ki Bur aur Bahu ki chut chudai
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रात के १२ बजे हुए थे। हमारे घर में घमाशान चुदाई चल रही थी। अचानक मेरा फोन बज उठा। मैंने फोन उठाया तो उसमे मेरी सहेली नज़मा का नाम था।
रात के १२ बजे हुए थे। हमारे घर में घमाशान चुदाई चल रही थी। अचानक मेरा फोन बज उठा। मैंने फोन उठाया तो उसमे मेरी सहेली नज़मा का नाम था।
- मैंने कहा हां यार नज़मा बोलो क्या बात है ?
- वह बोली पहले तुम बताओ की तुम इस समय क्या कर रही हो ?
- यार इस समय तो मेरे घर में धकापेल चुदाई हो रही है। एक तरफ मेरी बेटी चुद रही है दूसरी तरफ मेरी बहू। मेरी बेटी की बुर उसका ससुर चोद रहा है और मेरा भाई जान मेरी बहू की बुर चोद रहा है।
- तो फिर तू क्या अपनी झांटें उखाड़ रही है वहां बैठी बैठी ?
- नहीं यार मैं झांटें नहीं उखाड़ रही हूँ। मैं अपनी नन्द की बुर चोद रही हूँ और नन्द मेरा मेरा भोसड़ा चोद रही है।
- तो तू किसका लण्ड अपनी नन्द की बुर में पेल रही है और वह किसका लण्ड तेरी बुर में पेल रही है।
- मैं अपने देवर का लण्ड नन्द की बुर में पेल रही हूँ और वह चोदी अपने देवर का लण्ड मेरे भोसड़ा में पेल रही है।
- इसका मतलब तुम माँ, बेटी, बहू, नन्द सब एक ही कमरे में चुदवा रही हो ?
- हां यार एक ही कमरे में चुदवा रही हूँ सबके सामने ?
- इसका मतलब की तू सबके लण्ड अपने भोसड़ा पेलेगी ? सबसे चुदवायेगी तू।
- मैं ही नहीं यार ये अच्छा मौक़ा है. सबके लण्ड सबकी बुर चोदेंगें ? मेरी बेटी बहू भी सबसे चुदवायेगी। आज रात भर यही होगा और कल भी होता रहेगा। जब तक सब लोग सबकी बुर चोद नहीं लेगें तब तक यह चुदाई रुकेगी नहीं।
मैं - आमना बेगम, मेरी बेटी - फरीन, मेरी नन्द - हिबा, मेरी बहू - रुबिका, बेटी का ससुर - अब्बास, मेरे भाई जान - यासिर, नन्द का देवर - सफी, मेरा देवर - रफ़ी।
मेरी बेटी और बहू एक तरफ आमने चुदवा रहीं थीं और हम दोनों उसी कमरे में दूसरी तरफ आमने सामने चुदवा रहीं थीं लेकिन बीच में केवल हाथ भर फासला था। मैं अगर हाथ बढ़ा दूँ तो उस ग्रुप का कोई भी लण्ड पकड़ सकती थी।
मेरी बेटी अपनी ससुराल से आज ही अपने ससुर के साथ आयी थी और आज ही वह पहली बार अपने ससुर का लण्ड अपनी चूत में पेले हुए है। मेरी बेटी जब यहाँ पहुंची तो उसने अपने ससुर को अपने पास बुलाया और कहा देखो मेरे बेटी चोद ससुर जी मुझे मालूम हुआ है की तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदने आये हो ? अगर तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदना चाहते हो तो पहले मेरी बुर चोदो। ऐसा कह कर उसने अपने ससुर का लण्ड पकड़ लिया। तब ससुर ने कहा हां मैं पहले तुम्हे ही चोदूंगा बहू रानी। उधर जब मेरा भाई जान आया तो मेरी बहू उसका लण्ड पकड़ने के लिए बड़ी बेताब थी। उसे जैसा ही मौका मिला उसने उसके पजामा में हाथ घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर लण्ड सहलाती हुई बोली मामू जान अब तो मैं तेरा लण्ड चोद कर ही दम लूंगी। उसे भी एक नई नवेली बीवी की बुर मिलने वाली थी तो वह बोला हां बहू चोद लो मेरा लण्ड ? मैं अपना लण्ड तुमसे चुदवाकर कर ही जाऊंगा। आजकल की बुर चोदी बहू बेटियां बड़ी चुदक्कड़ हो गयीं हैं।
चुदाई तो सभी करवा रहीं थीं पर मेरी नज़र अपनी बेटी की चुदाई पर थीं। उसके ससुर का लण्ड उसकी चूत में घुसा था और वह बोल रही थी हाय मेरे ससुर जी पूरा पेल दो लण्ड। मेरी फाड़ डालो बुर तेरा लण्ड साला बड़ा मोटा है। हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है ऐसा लौड़ा बहुत कम मिलता है। हाय अल्ला, मैं तो मस्त हो गयी। तेरा लण्ड चूसने में भी बहुत बढ़िया है और चोदने में भी । और चोदो मुझे, अपनी बीवी समझो और चोदो, मैं तेरे दोस्त की बीवी हूँ मुझे चोदो मेरे देवर जी. । मैं तेरी बुर चोदी बहू हूँ, फाड़ डालो अपनी बहू की बुर ? वह भी ससुर के जबाब में धक्के पे धक्के मारे जा रही थी।
फिर उसने पूंछा बोली - ससुर भोसड़ी के एक बात बता क्या तू मेरी नन्द की बुर लेता है ?
ससुर बोला - हां बहू रानी लेता हूँ।
बेटी ने कहा - तो तू अपनी बेटी की बुर चोदता मादर चोद ?
ससुर ने कहा - अरे बहू रानी तुम्हे नहीं मालूम ? तेरी नन्द बहुत चुदक्कड़ है। वह मेरे सभी दोस्तों से चुदवाती है। सबके लण्ड पेलती है अपनी चूत मैं अगर उसे चोदता हूँ तो क्या हुआ ? वह तो खुद ही मेरा लण्ड पकड़ के अपनी चूत में घुसा लेती है।
बेटी ने पूंछा - और किस किस की बुर चोदते हो तुम ?
ससुर बोला - ऐसी कोई बुर नहीं है कुनबे में बहू रानी जिसे मैं चोदता नहीं। सब भोसड़ी वाली मुझसे चुदवाती हैं। यह सुनकर मेरी बेटी अपनी गांड से धक्के धक्के मार के धकाधक चुदवाने लगी। फिर मैंने अपनी बहू की तरफ देखा। उसकी चुदाई का ज़ायज़ा लिया।
मैंने देखा की मेरी बहू रुबिका बड़ी मस्ती से मेरे भाई जान का लौड़ा चूस रही है। उसकी चूत बिलकुल साफ़ नज़र आ रही है मुझे। उस पर मेरा भाई जान अपना हाथ फेर रहा है। मैंने पूंछा बहू रानी कैसा लगा भाई जान का लण्ड ? वह बोली हाय मेरी सासू जी, बड़ा मस्त लौड़ा है तेरे भाई जान का ? बिलकुल मेरे खालू के लण्ड जैसा। लण्ड का साइज भी वैसा ही है और सुपाड़ा तो बिलकुल हूबहू मिलता है मेरे खालू के लण्ड से ? इतने में मेरी भाई जान ने लण्ड बहू की बुर में घुसा दिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। बहू भी हर धक्के का जबाब देने लगी। मुझे देख कर समझ में आ गया की मेरी बहू बुर चोदी खूब खाई खेली हुई है। अपने मायके से ही खूब चुदवाकर आई है बुर चोदी ? वैसे ऐसा होता ही है। अब देखो न मेरी बेटी भी भोसड़ी वाली खूब चुदवाकर अपनी ससुराल गयी थी।
बहू मस्ती में बोलने लगी हाय मेरे मामू ससुर अपनी बहू की बुर खूब मजे से चोदो। तेरा लौड़ा बड़ा सॉलिड है भोसड़ी के। अपनी बहन का भोसड़ा भी इसी तरह चोदते हो न ? मेरी भी बुर उसकी तरह चोदो ? फाड़ डालो मेरी बुर। मेरी चूत का हलवा बना दो मेरे राजा। बड़ा अच्छा लग रहा है हाय रे तेरा लण्ड तेरे पेल्हड़ तेरा चोदने का स्टाइल सब मुझे मज़ा दे रहा है। तेरी बहन का भोसड़ा मादर चोद ? तू है बहुत बड़ा चोदू। तू तो अपनी बहन की बिटिया की बुर भी चोदता है। हाय अल्ला, मैं किसी दिन तेरा लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। और चोदो मुझे। मैं तेरी बीवी हूँ मुझे चोदो। पूरा घुसेड़ दो लण्ड ? वाओ कितना मज़ा आ रहा है। मेरी चूँचियाँ पियो मेरी निपल्स चाटो, मेरे गाल चूमो, मेरे मुँह में पेल दो लण्ड ? मैं अपनी बहू की मस्ती देख देख कर बड़ी खुश हो रही थी। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।
इधर मेरी नन्द का देवर मेरी बुर ले रहा था और मेरा देवर मेरी नन्द की बुर लेने में जुटा था। हम दोनों आमने चुदवा रहीं थीं। मेरा देवर तो मेरी नन्द का रिश्ते में भाई हुआ। वह तो अपनों बहन की बुर चोदने में पागलों की तरह लगा था। उसका देवर भी बहन चोद बड़ी अच्छी तरह से मेरा भोसड़ा चोद रहा था। , मुझे आज अपनी बेटी बहू के समें अपने भोसड़ा चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं तो उन्हें दिखा दिखा के चुदाई के धक्के मार रही थी। मैंने भी मस्ती में कहा ले बहू देख तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा कैसे चुद रहा है ? अपनी बेटी से भी कहा - बेटी फरीन तू भी देख ले कितनी मस्ती से चुद रहा है तेरी माँ का भोसड़ा ? नन्द ने बताया अरे मेरी भाभी जान आजकल मेरा बेटा भी इसी तरह चोदता है मेरा भोसड़ा ? वह भी बिलकुल मर्द हो गया है। उसका लौड़ा भी बड़ा मोटा हो गया है। मैंने कहा अरे यार तू अपने बेटे से भी चुदवा लेती है ? नन्द ने बताया मैं क्या करूँ भाभी जान ये भोसड़ा बहन चोद इतना गरम हो जाता है की इसे लण्ड के अलावा कोई रिस्ता नहीं दिखाई पड़ता। उस दिन मेरे बेटा अपनी भाभी की बुर चोद रहा था। अचानक मैं पहुँच गयी। मेरी नज़र बेटे के लण्ड पर पड़ी तो मेरा भोसड़ा साला गन गना उठा। मेरे मुंह में पानी आ गया।
मैंने मन में कहा मेरे घर में ही, मेरे सामने ही इतना बड़ा लण्ड ? तो फिर मैं क्यों चुप रहूं ? शर्म की माँ की चूत ?बस मैं हो गई बिलकुल नंगी, मैंने हाथ बढ़ाकर उसका लण्ड पकड़ लिया और मुंह में लेकर चूसने लगी लण्ड । पहले तो वह कुछ नहीं बोला। जब उसने मुझे देखा तो कहा अरे अम्मी जान ? मैंने कहा बेटा मैं इस समय अम्मी नहीं हूँ। मैं एक मस्तानी बुर चोदी औरत हूँ. मैं तेरी भाभी की हरामजादी चुदक्कड़ सास हूँ मुझे चोदो। वह भी जोश में था तो घुसेड़ दिया लण्ड मेरी चूत में और चोदने लगा। थोड़ी देर में एक एक करके सब लण्ड झड़ने लगे और सबने अपने अपने झड़ते हुए लण्ड का वीर्य पिया और उनके सुपाड़े चाटे।
दूसरे दिन सब लोग चले गये। इत्तिफाक से उनकी जगह मेरा दामाद यानी मेरी बेटी का शौहर सरवर आ गया। उधर मेरी बेटी का नंदोई समीर आ गया और मेरी नन्द का लड़का खालिद आ गया जो अपनी माँ का भोसड़ा चोदता है। दिन भर तो हम लोग घूमते रहे लेकिन शाम को लगभग ८ बजे महफ़िल जुड़ गयी। हम सब एक ही कमरे में बैठ कर बातें करने लगे। बातें चुदाई की ज्यादा होने लगीं।
फिर क्या ? मजे से चुदने लगी मेरी बुर चोदी बेटी की बुर, मेरी भोसड़ी वाली बहू की चूत और मेरा हरामजादा भोसड़ा।
मेरी बेटी और बहू एक तरफ आमने चुदवा रहीं थीं और हम दोनों उसी कमरे में दूसरी तरफ आमने सामने चुदवा रहीं थीं लेकिन बीच में केवल हाथ भर फासला था। मैं अगर हाथ बढ़ा दूँ तो उस ग्रुप का कोई भी लण्ड पकड़ सकती थी।
मेरी बेटी अपनी ससुराल से आज ही अपने ससुर के साथ आयी थी और आज ही वह पहली बार अपने ससुर का लण्ड अपनी चूत में पेले हुए है। मेरी बेटी जब यहाँ पहुंची तो उसने अपने ससुर को अपने पास बुलाया और कहा देखो मेरे बेटी चोद ससुर जी मुझे मालूम हुआ है की तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदने आये हो ? अगर तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदना चाहते हो तो पहले मेरी बुर चोदो। ऐसा कह कर उसने अपने ससुर का लण्ड पकड़ लिया। तब ससुर ने कहा हां मैं पहले तुम्हे ही चोदूंगा बहू रानी। उधर जब मेरा भाई जान आया तो मेरी बहू उसका लण्ड पकड़ने के लिए बड़ी बेताब थी। उसे जैसा ही मौका मिला उसने उसके पजामा में हाथ घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर लण्ड सहलाती हुई बोली मामू जान अब तो मैं तेरा लण्ड चोद कर ही दम लूंगी। उसे भी एक नई नवेली बीवी की बुर मिलने वाली थी तो वह बोला हां बहू चोद लो मेरा लण्ड ? मैं अपना लण्ड तुमसे चुदवाकर कर ही जाऊंगा। आजकल की बुर चोदी बहू बेटियां बड़ी चुदक्कड़ हो गयीं हैं।
चुदाई तो सभी करवा रहीं थीं पर मेरी नज़र अपनी बेटी की चुदाई पर थीं। उसके ससुर का लण्ड उसकी चूत में घुसा था और वह बोल रही थी हाय मेरे ससुर जी पूरा पेल दो लण्ड। मेरी फाड़ डालो बुर तेरा लण्ड साला बड़ा मोटा है। हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है ऐसा लौड़ा बहुत कम मिलता है। हाय अल्ला, मैं तो मस्त हो गयी। तेरा लण्ड चूसने में भी बहुत बढ़िया है और चोदने में भी । और चोदो मुझे, अपनी बीवी समझो और चोदो, मैं तेरे दोस्त की बीवी हूँ मुझे चोदो मेरे देवर जी. । मैं तेरी बुर चोदी बहू हूँ, फाड़ डालो अपनी बहू की बुर ? वह भी ससुर के जबाब में धक्के पे धक्के मारे जा रही थी।
फिर उसने पूंछा बोली - ससुर भोसड़ी के एक बात बता क्या तू मेरी नन्द की बुर लेता है ?
ससुर बोला - हां बहू रानी लेता हूँ।
बेटी ने कहा - तो तू अपनी बेटी की बुर चोदता मादर चोद ?
ससुर ने कहा - अरे बहू रानी तुम्हे नहीं मालूम ? तेरी नन्द बहुत चुदक्कड़ है। वह मेरे सभी दोस्तों से चुदवाती है। सबके लण्ड पेलती है अपनी चूत मैं अगर उसे चोदता हूँ तो क्या हुआ ? वह तो खुद ही मेरा लण्ड पकड़ के अपनी चूत में घुसा लेती है।
बेटी ने पूंछा - और किस किस की बुर चोदते हो तुम ?
ससुर बोला - ऐसी कोई बुर नहीं है कुनबे में बहू रानी जिसे मैं चोदता नहीं। सब भोसड़ी वाली मुझसे चुदवाती हैं। यह सुनकर मेरी बेटी अपनी गांड से धक्के धक्के मार के धकाधक चुदवाने लगी। फिर मैंने अपनी बहू की तरफ देखा। उसकी चुदाई का ज़ायज़ा लिया।
मैंने देखा की मेरी बहू रुबिका बड़ी मस्ती से मेरे भाई जान का लौड़ा चूस रही है। उसकी चूत बिलकुल साफ़ नज़र आ रही है मुझे। उस पर मेरा भाई जान अपना हाथ फेर रहा है। मैंने पूंछा बहू रानी कैसा लगा भाई जान का लण्ड ? वह बोली हाय मेरी सासू जी, बड़ा मस्त लौड़ा है तेरे भाई जान का ? बिलकुल मेरे खालू के लण्ड जैसा। लण्ड का साइज भी वैसा ही है और सुपाड़ा तो बिलकुल हूबहू मिलता है मेरे खालू के लण्ड से ? इतने में मेरी भाई जान ने लण्ड बहू की बुर में घुसा दिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। बहू भी हर धक्के का जबाब देने लगी। मुझे देख कर समझ में आ गया की मेरी बहू बुर चोदी खूब खाई खेली हुई है। अपने मायके से ही खूब चुदवाकर आई है बुर चोदी ? वैसे ऐसा होता ही है। अब देखो न मेरी बेटी भी भोसड़ी वाली खूब चुदवाकर अपनी ससुराल गयी थी।
बहू मस्ती में बोलने लगी हाय मेरे मामू ससुर अपनी बहू की बुर खूब मजे से चोदो। तेरा लौड़ा बड़ा सॉलिड है भोसड़ी के। अपनी बहन का भोसड़ा भी इसी तरह चोदते हो न ? मेरी भी बुर उसकी तरह चोदो ? फाड़ डालो मेरी बुर। मेरी चूत का हलवा बना दो मेरे राजा। बड़ा अच्छा लग रहा है हाय रे तेरा लण्ड तेरे पेल्हड़ तेरा चोदने का स्टाइल सब मुझे मज़ा दे रहा है। तेरी बहन का भोसड़ा मादर चोद ? तू है बहुत बड़ा चोदू। तू तो अपनी बहन की बिटिया की बुर भी चोदता है। हाय अल्ला, मैं किसी दिन तेरा लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। और चोदो मुझे। मैं तेरी बीवी हूँ मुझे चोदो। पूरा घुसेड़ दो लण्ड ? वाओ कितना मज़ा आ रहा है। मेरी चूँचियाँ पियो मेरी निपल्स चाटो, मेरे गाल चूमो, मेरे मुँह में पेल दो लण्ड ? मैं अपनी बहू की मस्ती देख देख कर बड़ी खुश हो रही थी। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।
इधर मेरी नन्द का देवर मेरी बुर ले रहा था और मेरा देवर मेरी नन्द की बुर लेने में जुटा था। हम दोनों आमने चुदवा रहीं थीं। मेरा देवर तो मेरी नन्द का रिश्ते में भाई हुआ। वह तो अपनों बहन की बुर चोदने में पागलों की तरह लगा था। उसका देवर भी बहन चोद बड़ी अच्छी तरह से मेरा भोसड़ा चोद रहा था। , मुझे आज अपनी बेटी बहू के समें अपने भोसड़ा चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं तो उन्हें दिखा दिखा के चुदाई के धक्के मार रही थी। मैंने भी मस्ती में कहा ले बहू देख तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा कैसे चुद रहा है ? अपनी बेटी से भी कहा - बेटी फरीन तू भी देख ले कितनी मस्ती से चुद रहा है तेरी माँ का भोसड़ा ? नन्द ने बताया अरे मेरी भाभी जान आजकल मेरा बेटा भी इसी तरह चोदता है मेरा भोसड़ा ? वह भी बिलकुल मर्द हो गया है। उसका लौड़ा भी बड़ा मोटा हो गया है। मैंने कहा अरे यार तू अपने बेटे से भी चुदवा लेती है ? नन्द ने बताया मैं क्या करूँ भाभी जान ये भोसड़ा बहन चोद इतना गरम हो जाता है की इसे लण्ड के अलावा कोई रिस्ता नहीं दिखाई पड़ता। उस दिन मेरे बेटा अपनी भाभी की बुर चोद रहा था। अचानक मैं पहुँच गयी। मेरी नज़र बेटे के लण्ड पर पड़ी तो मेरा भोसड़ा साला गन गना उठा। मेरे मुंह में पानी आ गया।
मैंने मन में कहा मेरे घर में ही, मेरे सामने ही इतना बड़ा लण्ड ? तो फिर मैं क्यों चुप रहूं ? शर्म की माँ की चूत ?बस मैं हो गई बिलकुल नंगी, मैंने हाथ बढ़ाकर उसका लण्ड पकड़ लिया और मुंह में लेकर चूसने लगी लण्ड । पहले तो वह कुछ नहीं बोला। जब उसने मुझे देखा तो कहा अरे अम्मी जान ? मैंने कहा बेटा मैं इस समय अम्मी नहीं हूँ। मैं एक मस्तानी बुर चोदी औरत हूँ. मैं तेरी भाभी की हरामजादी चुदक्कड़ सास हूँ मुझे चोदो। वह भी जोश में था तो घुसेड़ दिया लण्ड मेरी चूत में और चोदने लगा। थोड़ी देर में एक एक करके सब लण्ड झड़ने लगे और सबने अपने अपने झड़ते हुए लण्ड का वीर्य पिया और उनके सुपाड़े चाटे।
दूसरे दिन सब लोग चले गये। इत्तिफाक से उनकी जगह मेरा दामाद यानी मेरी बेटी का शौहर सरवर आ गया। उधर मेरी बेटी का नंदोई समीर आ गया और मेरी नन्द का लड़का खालिद आ गया जो अपनी माँ का भोसड़ा चोदता है। दिन भर तो हम लोग घूमते रहे लेकिन शाम को लगभग ८ बजे महफ़िल जुड़ गयी। हम सब एक ही कमरे में बैठ कर बातें करने लगे। बातें चुदाई की ज्यादा होने लगीं।
- मैंने ही पहल की और पूंछा - खालिद बेटा सुना है आजकल तुम अपनी माँ का भोसड़ा चोदने लगे हो ?
- वह बोला - अरे मामी जान बात यह है की उस दिन मैं अपनी भाभी की बुर चोद रहा था। मैं जोश में था। अचानक मेरी अम्मी वहां आ गयीं। वह मुझे चोदते हुए देखने लगीं और मेरा लण्ड अंदर बाहर आता जाता देखने लगीं। मैंने जब अपना लण्ड पूरा बाहर निकाला तो उसने नज़र भर के मेरा लण्ड देखा तो उसके बदन की आग जल उठी। उसने अपने कपड़े उतार दिया और नंगी हो गयीं। यहाँ तक मुझे पता ही नहीं था की क्या हो रहा है ? जब अम्मी जान ने मेरा लण्ड पकड़ा तो मेरे मुंह से निकला अरे अम्मी जान तुम ? वह बोली हां मैं, पर मैं इस समय तेरी अम्मी नहीं हूँ, मैं एक चुदक्कड़ औरत हूँ मुझे चोदो। मैं बहुत चुदासी हूँ मुझे चोदो। मैं भी जोश में आ गया और लण्ड पेल दिया उसके भोसड़ा में। मैं सच में बड़ी मस्ती से चोदने लगा। अगर मैं न चोदता मामी जान तो नामर्द कहलाता। अब तुम ही बताओ की अगर कोई चूत चाहे वह किसी की भी हो, मेरे खड़े लण्ड के सामने आ जाये तो मैं उसे चोदूंगा नहीं तो क्या करूंगा ?
- तुमने ठीक किया खालिद। तेरी जगह कोई और होता तो यही करता। मैंने अपने दामाद की तरफ कुख्यातिब होकर पूंछा अच्छा सर्वर तुम बताओ तुम अगर इसकी जगह होते तो क्या करते ?
- वह बोला मैं भी भोसड़ा चोद देता सासू जी ? कोई भी आदमी ऐसे में अपनी को नामर्द नहीं कहलाने देगा। वैसे मेरी अम्मी जान नहीं है। वह किसी और से निकाह करके कहीं चली गयी। मेरी खाला जान बताती हैं की वह बहुत ही खूबसूरत थी, हॉट थी, और बेहद चुदक्कड़ थी. वह किसी का भी लण्ड बड़ी आसानी से पकड़ लेती थीं। उसने तो एक दिन मेरे बेटे का ही लण्ड मुझे पकड़ा दिया था और कहा दीदी अब तेरा बेटा मर्द हो गया है। इसका लौड़ा किसी भी लौड़े का मुकाबला कर सकता है, जब तुम गैर मरद से चुदवाती हो तो फिर इससे चुदवाने में क्या हर्ज़ है ? इससे ग़ैर मर्द ही समझ कर चुदवा लो। ऐसा कह कर अम्मी जान ने लण्ड खाला जान के भोसड़ा में पेल दिया था। फिर खाला ने अपने ही बेटे से बड़ी मस्ती से चुदवाया। वैसे भी इसे जायज़ माना जाता है क्योंकि इसमें कोई जोर जबरदस्ती नहीं है।
- तो फिर बेटा तुम अपना लण्ड मेरे भोसड़ा में पेल दो, सरवर । मैं तेरी माँ नहीं हूँ पर सासू माँ तो हूँ। तुम मुझे यहीं सबके सामने चोदो। अपनी बीवी के सामने अपनी बीवी की माँ चोदो।
फिर क्या ? मजे से चुदने लगी मेरी बुर चोदी बेटी की बुर, मेरी भोसड़ी वाली बहू की चूत और मेरा हरामजादा भोसड़ा।
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