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अपने भाई से अपनी ननद को चुदवाया - Bhai se karvayi apni sagi nanad ki chudai
अपने भाई से अपनी ननद को चुदवाया - Bhai se karvayi apni sagi nanad ki chudai , रिश्तों में चुदाई , बीवियों की अदला बदली में चुदाई , सामूहिक चुदाई का मजा , ग्रुप सेक्स , चूत बुर गांड को चुदवाया.
भाई जान आज बड़ा सुनहरा मौक़ा है। आज मेरी नन्द की चूत एकदम गरमागरम है और तेरा लण्ड भी गरमागरम है. देखो न कैसे टन टना रहा है तेरा लण्ड। उधर मेरी नन्द की चूँचियाँ भी तनी हुई हैं। ऐसे में देर किस बात की ? पेल दो न अपना हक्कानी लण्ड मेरी बुर चोदी नन्द की बुर में ? खुदा कसम बड़ा मज़ा आएगा तुम्हे। मेरी नन्द जितनी दिखने में खूबसूरत है उतनी ही खूबसूरत वह अपनी बुर चुदवाने में भी है। मैंने उसे अपने मामू जान से चुदवाते हुए देखा है। अपनी दोनों टाँगे फैलाये हुए और अपनी गांड से जोर लगा लगा कर वह जिस तरह से चुदवा रही थी उस तरह से तो कोई रंडी भी भोसड़ी वाली नहीं चुदवा सकती ? आखिर में जब उसने उसका झड़ता लण्ड चाटा, लण्ड का सारा वीर्य पिया और फिर सुपाड़े पर अपनी जबान फिराई तो मज़ा ही आ गया। मेरे पास मोबाइल उस समय नहीं था नहीं तो मैं उसका वीडियो बना लेती ? भाई जान अब चूको नहीं और घुसा दो अपना ये मस्ताना लण्ड मेरी नन्द की चूत में। मैं तो कहती हूँ की तुमने जिस तरह कल मेरे सामने फूफी की बुर चोदी थी और खाला की बेटी की बुर में लौड़ा पेला था वैसे ही मेरी नन्द की बुर में लौड़ा पेल दो। मैं उसकी चुदती हुई बुर देखना चाहती हूँ।
मेरे भाई जान का नाम है ताहिर और भाभी जान हैं तबस्सुम बेगम. मेरा नाम है सायरा और मेरा शौहर है सल्लू। मेरी नन्द साइमा और उसका शौहर उस्मान है।
मेरी बात सुन कर मेरा भाई जान जोश में आ गया उसने मेरी नन्द का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसकी दोनों चूँचियाँ रौंदने लगा। वह भी एकदम नंगी थी और मेरा भाई जान भी नंगा। मेरी नन्द ने उसका लण्ड बड़ी मजबूती से पकड़ लिया और उसे हिला हिला कर मज़ा करने लगी। उसने लण्ड कई बार चूमा, उसका टोपा चाटा और पेल्हड़ की चुम्मी ली। इतने में नन्द का मियां आ गया। उसने द्देखा की मेरी बीवी की चूँचियाँ कोई और मसल रहा है तो उसे भी जोश आ गया। वह मेरी तरफ बढ़ा और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रखते हुए कहा भाभी जान अब तुम मेरा लण्ड पकड़ो। मैं भी उत्तेजित थी तो लण्ड पकड़ लिया। लण्ड साला खड़ा हो गया और वह बड़ा हैंडसम लग रहा था। तब तक मेरा मियां मुझे ढूंढते हुए कमरे में आ गया। किसी पराये मरद का लण्ड चाट रही हूँ तो वह मेरी भाभी की तरफ बढ़ा और बोला भाभी जान अब तुम मुझे नंगा बदन दिखाओ। उसने भाभी जान को नंगी कर दिया और खुद नंगा होकर अपना लण्ड उसे पकड़ा दिया। अब पूरे कमरे में नंगा नाच होने लगा। हर बीवी के हाथ में गैर मरद का लण्ड था। हर मरद की बाहों में परायी बीवी नंगी थी और वह उसका लण्ड चाट रही थी।
मैं अपने नंदोई का लण्ड चूसने लगी। मेरी नन्द मेरे भाई जान का लण्ड चूसने लगी और मेरी भाभी जान मेरे मियां का लण्ड। मुझे यह सब देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था। भाई जान ने जैसे ही मोटा तगड़ा लण्ड पेला मेरी नंदकी चूत में तो वह चिल्ला पड़ी - उई माँ मर गयी मैं। इस भोसड़ी वाले ने पूरा पेल दिया लण्ड। फट गयी मेरी चूत बहन चोद। सायरा भाभी ये सब तेरी कारस्तानी है. तू ही मेरी बुर अपने भाई जान से चुदवा रही है। तूने बताया नहीं की तेरे भाई का लौड़ा इतना मोटा है। हाय मेरी चूत तो आज ही बन जाएगी भोसड़ा। मैंने कहा अरे भाई जान तुम इसके कहने में मत आना। ये बुर चोदी बड़ी बहाने बाज है। तुम बड़ी बेरहमी से चोदो इसकी बुर। फाड़ डालो इसकी चूत ? चीथड़े उड़ा दो इसकी चूत के। ये भोसड़ी की मुझसे कह रही थी की कोई भी मादर चोद मुझको पहले खलास नहीं कर सकता। मैं ही सबके लण्ड पहले ही खलास कर देती हूँ। किसी के लण्ड में ताकत नहीं जो मेरी बुर ढीली कर दे ? आज तुम इसकी बुर ढीली कर दो भाई जान और कल इसकी माँ का भोसड़ा चोद चोद कर ढीला कर देना।
उधर मेरे मियां ने भाभी की बुर चोदना शुरू किया। वह भी अपना लण्ड पूरा का पूरा घुसेड़ दिया तो भाभी जान बोली हाय मेरे नंदोई ये तेरी माँ का भोसड़ा नहीं है। ये मेरी चूत है यार थोड़ा रहम करो और मजे से चोदो। मैं भी तेरा साथ दूँगी। इसलिए की तेरी बीवी बुर चोदी किसी और से चुदवा रही है। इतने में उधर मेरे नंदोई ने मेरी चूत में घुसा दिया अपना लण्ड। मैंने कहा यार तुम तो बड़े सयाने हो। तेरी बीवी कोई और चोद रहा है तो तू मेरी बुर चोदने लगेगा। वह बोला भाभी जान मुझे तो बुर चाहिए लण्ड पेलने के लिए। तेरी बुर मुझे खाली दिखी तो मैंने पेल दिया लण्ड। अगर तेरी जगह तेरी माँ की बुर नंगी खाली दिखी होती तो मैं उसमे भी पेल देता लण्ड ?
मैंने पूंछा - अच्छा कभी अपनी माँ के भोसड़ा में पेला है तूने अपना लण्ड ?
वह बोला - नहीं अभी तक तो नहीं पेला लेकिन अगर मेरे सामने उसकी भी बुर आ जाए और मेरा लण्ड खड़ा हो तो मैं खुदा कसम जरूर पेल दूंगा लण्ड ? फिर मैं ये नहीं देखूंगा की ये मेरी माँ है, की मेरी बहन है, की मेरी खाला है , की मेरी फूफी है या फिर कोई और ?
मैंने कहा - अच्छा ये बता तूने कभी खाला की बेटी और फूफी की बेटी की बुर ली है ?
वह बोला - मैं अक्सर लेता हूँ इन दोनों की बुर ? ये दोनों दौड़ कर मेरा लण्ड पकड़ लेती हैं। अब हम तीनो मैं, मेरी नन्द और मेरी भाभी जान खूब मजे से चुदवाने लगीं। ये सब बातें करती हूँ हम तीनो गैर मर्दों से चुदवाने का लुत्फ़ उठाने लगी। मैं अपने नंदोई से चुदवा रही थी, मेरी भाभी जान मेरे शौहर से चुदवा रही थी और मेरी नन्द बुर चो दी मेरे भाई जान से चुदवाने में जुटी हुई थी। चुदाई का इतना बढ़िया नज़ारा देखने में बहुत अच्छा लगता है। सबके चेहरे खिले हुए थे, सबकी चूत खिली हुई थी और सबके लण्ड अपने पूरे ताव पर थे। थोड़ी देर तक यह चुदाई धकाधक चलती रही।
फिर अचानक मेरी नज़र भाई जान के लण्ड पर ठहर गयी। वह जिस तरह से मेरी नन्द की बुर ले रहा है वह मुझे देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था। फिर एकदम से मेरा दिल भाई जान के लण्ड मैंने अपना हाथ बढ़ाकर भाई जान लण्ड अपनी नन्द की बुर से निकाल कर पकड़ लिया। मैंने उसे चूमा, जबान से उसका सुपाड़ा चाटा और फिर अपनी चूत में पेल लिया। मैं अपने भाई जान से ही चुदवाने लगी। मुझे ऐसा करते हुए देख कर मेरी नन्द अपने भाई जान की सल्लू की तरफ और उसका लण्ड अपने मुंह में भर लिया। वह भी मेरी तरह अपने भाई जान से चुदवाने लगी। इतने में मेरी भाभी जान ने मेरे नंदोई उस्मान के लण्ड पर टूट पड़ी। उसने लण्ड अपने हाथ में लिया, उसे चूमा और फिर अपनी बुर में घुसा लिया। अब बताओ दोस्तों, भला कौन बीवी अपने नंदोई से चुदवाकर खुश नहीं होगी ? मेरी भाभी अपने नंदोई से चुदेवाने का मज़ा लूटने लगीं। इस तरह हमारे चुदाई के पार्टनर बदल बदल गए तो चुदाई का नया मज़ा आने लगा।
तबस्सुम भाभी बोलीं - सायरा तेरा नंदोई तो भोसड़ी का बहुत अच्छी तरह से बुर चोदता है. देखो न कैसे मेरी बुर के चीथड़े उड़ा रहा है। मुझे तो ज़न्नत का मज़ा रहा है।
मैंने कहा - अरे भाभी जान मुझे तेरे मियां से चुदवाने में बड़ा मज़ा आ रहा है। वैसे मैं अपने भाई जान पहले भी चुदवा चुकी हूँ पर हर बार इससे चुदवाने में एक नया मज़ा मिलता है। उधर देखो मेरी नन्द भी बहन चोद कितनी मस्ती से मेरे मियां यानी अपने भाई का लण्ड चूस रही है। उसके कुनबे का कोई ऐसा लौड़ा नहीं है जिसे मेरी नन्द चूसती न हो ? नन्द बोली - अरे भाभी जान, तुम अपनी नन्द की बड़ी तारीफ कर रही हो। लेकिन सच तो यह यही की सबसे बड़ी तारीफ के काबिल तो तुम खुद हो। तूने अपने कुनबे ने किसी का लण्ड बक्सा है। सारे लण्ड बहन चोद तू अपने मुंह में ले चुकी है और अपनी बुर में भी। यहाँ तक की तू मेरे अब्बू से भी चुदवा चुकी है और मौक़ा पाकर अभी भी चुदवा लेती है।
मैंने कहा - तेरे अब्बू का लण्ड क्या सोने का बना हुआ है जो उसे कोई छू नहीं सकता ? तेरे अब्बू की बहन का भोसड़ा ? तेरे अब्बू की बिटिया की बुर ? मैं तो खुले आम चोदूँगी उसका लण्ड ? मुझे मज़ा आता है और मुझे कोई भोसड़ी वाला मना नहीं कर सकता।
मेरी इस बात से महिफल में चुदाई और तेज हो गयी। तीनो बुर चोदी बीवियां अपनी अपनी बुर गांड उठा उठा कर भकाभक चुदवाने लगीं।
अगले दिन मैं अपनी फूफी जान के घर चली गयी। शाम को मैं वापस आने वाली थी तो फूफी जान ने मुझे रोक लिया। मैं फिर रुक गयी। रात को सबका बिस्तर ज़मीन पर ही लग गया। जिसमे मेरी फूफी जान समीना थीं, उसकी बेटी हया और उसका शौहर फज़ल था। हया का मामू जान वाहिद था, खालू हलीम था और मैं। हम सबने बातें बातें कर कर के रात के 11 बजा दिया। उसके बाद थोड़ी देर के लिए सन्नाटा हो गया। अचानक मेरी आँख खुली तो मैंने देखा की हया का शौहर फूफी के ऊपर एकदम नंगा नंगा चढ़ा हुआ है। फूफी भी एकदम नंगी है और अपनी टाँगे फैलाये हुए उसका लौड़ा अपनी चूत में पेलवा लिया है। यानी फूफी अपनी बेटी के मियां से चुदवाने लगीं हैं। उधर फूफा भी अपनी बेटी के ऊपर ही चढ़ बैठा है। उसने अपना लण्ड अपनी ही बेटी की बुर में पेल दिया है। उसे अपनी बेटी चोदने में शर्म नहीं है। यहाँ तो इन दोनों में "wife swapping" हो रही है। फूफा और उसका दामाद फज़ल दोनों एक दूसरे की बीवी चोद रहें हैं। मैं भी उत्तेजित हो गयी और मैंने बगल में लेटे हुए हया के मामू जान का लण्ड पकड़ लिया। मेरे लण्ड पकड़ते ही वह भी जोश में आ गया और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। उसका लौड़ा साला बहुत बड़ा था। मैं उसे मुंह में लेकर चूसने चाटने लगी। उसके पेल्हड़ सहलाने लगी।
मुझे भी एक नया लौड़ा मिला तो मैं भी खुश हो गई। कुछ मैं भी बड़ी बेशर्मी से उससे चुदवाने लगी। उसका लौड़ा मेरी चूत में चारों तरफ से चिपक कर घुसा तो मुझे अच्छा लगा और मज़ा भी आया। मैं भी अपने चूतड़ उठा उठा के चुदवाने लगी। मैंने हया से कहा - यार तू भोसड़ी की अपने अब्बू से चुदवा रही है ? तुझे कोई शर्म ? वह बोली यार देखो ये मेरा अब्बू अब नहीं है बल्कि समीना का शौहर है। जब मेरी अम्मी समीना बुर चोदी मेरे मियां से चुदवा रही है तो मैं भी उसके मियां से चुदवाऊंगी। वैसे भी हमारे घर का यह रिवाज़ है की हम सब लोग ज़मीन पर ही सोते हैं और सब लोग सबकी बुर चोदते हैं। यहाँ जवान लड़कियां बीवियां और बहुएं सब सो सकती है। हां लड़कियां चाहे शादी शुदा हों या न हो वो भी सबके लण्ड का मज़ा ले सकतीं हैं। न कोई माँ न कोई बाप। बस लण्ड ही लण्ड और चूत ही चूत। पेलो लौड़ा चोदो चूत। मेरी नज़र फूफा के लण्ड पर और फज़ल के लण्ड पर भी थी।
थोड़ी देर में मैंने एक हाथ बढ़ाकर हया के मियां फज़ल का लण्ड पकड़ लिया तो फूफी ने अपने ही भाई जान
वाहिद का लण्ड मेरी चूत से निकाल कर अपने कब्जे में ले लिया। वह अपने भाई जान का लण्ड चूसने लगी और मैं उसकी बेटी के मियां का लण्ड। मैंने देखा की मेरी फूफी जान अपनी बेटी से भी ज्यादा मस्ती से चुदवाती हैं। खुले आम चुदवाती है और हर धक्के का जबाब देती हैं। मैंने कहा - फूफी जान तुम तो चुदाने मे बड़ी एक्सपर्ट हो ? तो वह बोली हां सायरा मैं १६ साल की कमर से चुदवा रही हूँ। तब से आजतक कोई ऐसी रात नहीं गुज़री जिस रात को मेरी चूत कोई लण्ड घुसा न हो। मैं हर रोज़ बिना रुके चुदवाती चली आ रही हूँ और अब अपनी बुर चोदी बेटी हया को भी यही सिखा दिया है। उसने भी जबसे चुदवाना शुरू किया तबसे लगातार चुदवा रही है। तब तक फज़ल ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और उधर वाहिद ने लण्ड फूफी के भोसड़ा में पेल दिया। यानी एक भाई अपनी बहन की बुर चोदने लगा। मुझे फूफी का चुदता हुआ भोसड़ा देखने में में बड़ा मज़ा आ रहा था । मैं भी हया के मरद से चुदवाने में जुट गयी। मैंने कहा - फज़ल यार तू तो बड़ी नसीब वाला है। यहाँ अपनी बीवी के अलावा सबकी बुर चोद रहा है तू। वह बोला - मैं तो अपने घर में भी सबकी बुर चोदता हूँ सायरा भाभी। मैं अपने भाई जान की बीवियां चोदता हूँ उनकी माँ का भोसड़ा चोदता हूँ। उनकी बहने तो मेरा लण्ड दौड़ कर पकड़ लेतीं हैं और इसके अलावा अपनी खाला का भोसड़ा फूफी का भोसड़ा मामी जान का भोसड़ा भी चोदता रहता हूँ। हमारे समाज में चुदाई का बड़ा सुख है यार। हर रात को २/३ चूत तो मिल ही जातीं हैं चोदने के लिए। इस तरह की बातें करती हुई हम सब चुदवाने में रात भर जुटीं रहीं।
मैं फिर अपनी नन्द के साथ अपनी ससुराल चली गयी। रात में यहाँ भी ज़मीन पर सोने का रिवाज़ था। मैं मेरा शौहर सल्लू , मेरी सास फरीदा और ससुर फहद, मेरी नन्द साइमा और उसका हसबैंड उस्मान सब एक साथ ही लेट गए। करीब 11 बज के बाद मेरे मियां ने अपना हाथ अपनी बहन साइमा की चूँचियों पर रख दिया। वह भी अपने भाई जान का लण्ड पजामा के उपोयर से दबाने लगी। उधर मेरी सास अपनी बेटी के मियां उस्मान का लण्ड पकड़ने के लिए उसके पजामा में हाथ घुसेड़ दिया। इतने में मेरे ससुर ने अपना हाथ मेरी चूँचियों पर रख कर दबाने लगा। उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लण्ड पर रखते हुए बोला लो बहू ज़रा इसे पकड़ कर देखो। मैंने भी देर नहीं लगाई और लण्ड अपनी मुठ्ठी में ले लिया। फिर देखते ही देखते सबके कपड़े उतर गए। तीनो मरद एकदम नंगे हो गए और तीनो बीवियां भी। इतने में मेरी सास बोली - देखो बहू अब हम तीनो कपल "बीवियों की अदला बदली" का खेल खेलेगीं। यहाँ कोई माँ बाप, भाई बहन, नन्द भौजाई का सवाल नहीं है। यहाँ सब बीवियां है और इन बीवियों के मरद। ये मरद सब एक दूसरे की बीवी चोदेगें और बीवियां सब एक दूसरे के मर्द से चुदवायेंगी।
मुझे सास की यह बात बहुत अच्छी लगी। फिर सबसे पहले मेरा ससुर फहद मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदने लगा। यानी वह अपने बेटे सल्लू की बीवी चोदने लगा। सल्लू उस्मान की बीवी चोदने लगा यानी अपनी बहन की बुर चोदने लगा। उस्मान फहद की बीवी चोदने लगा यानी अपनी सास का भोसड़ा चोदने लगा। इस तरह की चुदाई में सबको खूब मज़ा आया। हमारा कुनबे के लोग आते रहतें हैं। रात को रुकते है और सब इसी तरह रात को सोते भी हैं। फिर रात में बस भोसड़ी वाले नंगे हो जातें हैं और सबकी बुर में लण्ड पेल पेल कर चोदते हैं। बीवियां भी सबके लण्ड पर नंगी नंगी बैठती हैं और खूब मस्ती से सबसे चुदवाती हैं।
०=०=०=०=०=० समाप्त
Tags: अपने भाई से अपनी ननद को चुदवाया - Bhai se karvayi apni sagi nanad ki chudai , रिश्तों में चुदाई , बीवियों की अदला बदली में चुदाई , सामूहिक चुदाई का मजा , ग्रुप सेक्स , चूत बुर गांड को चुदवाया.
भाई जान आज बड़ा सुनहरा मौक़ा है। आज मेरी नन्द की चूत एकदम गरमागरम है और तेरा लण्ड भी गरमागरम है. देखो न कैसे टन टना रहा है तेरा लण्ड। उधर मेरी नन्द की चूँचियाँ भी तनी हुई हैं। ऐसे में देर किस बात की ? पेल दो न अपना हक्कानी लण्ड मेरी बुर चोदी नन्द की बुर में ? खुदा कसम बड़ा मज़ा आएगा तुम्हे। मेरी नन्द जितनी दिखने में खूबसूरत है उतनी ही खूबसूरत वह अपनी बुर चुदवाने में भी है। मैंने उसे अपने मामू जान से चुदवाते हुए देखा है। अपनी दोनों टाँगे फैलाये हुए और अपनी गांड से जोर लगा लगा कर वह जिस तरह से चुदवा रही थी उस तरह से तो कोई रंडी भी भोसड़ी वाली नहीं चुदवा सकती ? आखिर में जब उसने उसका झड़ता लण्ड चाटा, लण्ड का सारा वीर्य पिया और फिर सुपाड़े पर अपनी जबान फिराई तो मज़ा ही आ गया। मेरे पास मोबाइल उस समय नहीं था नहीं तो मैं उसका वीडियो बना लेती ? भाई जान अब चूको नहीं और घुसा दो अपना ये मस्ताना लण्ड मेरी नन्द की चूत में। मैं तो कहती हूँ की तुमने जिस तरह कल मेरे सामने फूफी की बुर चोदी थी और खाला की बेटी की बुर में लौड़ा पेला था वैसे ही मेरी नन्द की बुर में लौड़ा पेल दो। मैं उसकी चुदती हुई बुर देखना चाहती हूँ।
मेरे भाई जान का नाम है ताहिर और भाभी जान हैं तबस्सुम बेगम. मेरा नाम है सायरा और मेरा शौहर है सल्लू। मेरी नन्द साइमा और उसका शौहर उस्मान है।
मेरी बात सुन कर मेरा भाई जान जोश में आ गया उसने मेरी नन्द का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसकी दोनों चूँचियाँ रौंदने लगा। वह भी एकदम नंगी थी और मेरा भाई जान भी नंगा। मेरी नन्द ने उसका लण्ड बड़ी मजबूती से पकड़ लिया और उसे हिला हिला कर मज़ा करने लगी। उसने लण्ड कई बार चूमा, उसका टोपा चाटा और पेल्हड़ की चुम्मी ली। इतने में नन्द का मियां आ गया। उसने द्देखा की मेरी बीवी की चूँचियाँ कोई और मसल रहा है तो उसे भी जोश आ गया। वह मेरी तरफ बढ़ा और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रखते हुए कहा भाभी जान अब तुम मेरा लण्ड पकड़ो। मैं भी उत्तेजित थी तो लण्ड पकड़ लिया। लण्ड साला खड़ा हो गया और वह बड़ा हैंडसम लग रहा था। तब तक मेरा मियां मुझे ढूंढते हुए कमरे में आ गया। किसी पराये मरद का लण्ड चाट रही हूँ तो वह मेरी भाभी की तरफ बढ़ा और बोला भाभी जान अब तुम मुझे नंगा बदन दिखाओ। उसने भाभी जान को नंगी कर दिया और खुद नंगा होकर अपना लण्ड उसे पकड़ा दिया। अब पूरे कमरे में नंगा नाच होने लगा। हर बीवी के हाथ में गैर मरद का लण्ड था। हर मरद की बाहों में परायी बीवी नंगी थी और वह उसका लण्ड चाट रही थी।
मैं अपने नंदोई का लण्ड चूसने लगी। मेरी नन्द मेरे भाई जान का लण्ड चूसने लगी और मेरी भाभी जान मेरे मियां का लण्ड। मुझे यह सब देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था। भाई जान ने जैसे ही मोटा तगड़ा लण्ड पेला मेरी नंदकी चूत में तो वह चिल्ला पड़ी - उई माँ मर गयी मैं। इस भोसड़ी वाले ने पूरा पेल दिया लण्ड। फट गयी मेरी चूत बहन चोद। सायरा भाभी ये सब तेरी कारस्तानी है. तू ही मेरी बुर अपने भाई जान से चुदवा रही है। तूने बताया नहीं की तेरे भाई का लौड़ा इतना मोटा है। हाय मेरी चूत तो आज ही बन जाएगी भोसड़ा। मैंने कहा अरे भाई जान तुम इसके कहने में मत आना। ये बुर चोदी बड़ी बहाने बाज है। तुम बड़ी बेरहमी से चोदो इसकी बुर। फाड़ डालो इसकी चूत ? चीथड़े उड़ा दो इसकी चूत के। ये भोसड़ी की मुझसे कह रही थी की कोई भी मादर चोद मुझको पहले खलास नहीं कर सकता। मैं ही सबके लण्ड पहले ही खलास कर देती हूँ। किसी के लण्ड में ताकत नहीं जो मेरी बुर ढीली कर दे ? आज तुम इसकी बुर ढीली कर दो भाई जान और कल इसकी माँ का भोसड़ा चोद चोद कर ढीला कर देना।
उधर मेरे मियां ने भाभी की बुर चोदना शुरू किया। वह भी अपना लण्ड पूरा का पूरा घुसेड़ दिया तो भाभी जान बोली हाय मेरे नंदोई ये तेरी माँ का भोसड़ा नहीं है। ये मेरी चूत है यार थोड़ा रहम करो और मजे से चोदो। मैं भी तेरा साथ दूँगी। इसलिए की तेरी बीवी बुर चोदी किसी और से चुदवा रही है। इतने में उधर मेरे नंदोई ने मेरी चूत में घुसा दिया अपना लण्ड। मैंने कहा यार तुम तो बड़े सयाने हो। तेरी बीवी कोई और चोद रहा है तो तू मेरी बुर चोदने लगेगा। वह बोला भाभी जान मुझे तो बुर चाहिए लण्ड पेलने के लिए। तेरी बुर मुझे खाली दिखी तो मैंने पेल दिया लण्ड। अगर तेरी जगह तेरी माँ की बुर नंगी खाली दिखी होती तो मैं उसमे भी पेल देता लण्ड ?
मैंने पूंछा - अच्छा कभी अपनी माँ के भोसड़ा में पेला है तूने अपना लण्ड ?
वह बोला - नहीं अभी तक तो नहीं पेला लेकिन अगर मेरे सामने उसकी भी बुर आ जाए और मेरा लण्ड खड़ा हो तो मैं खुदा कसम जरूर पेल दूंगा लण्ड ? फिर मैं ये नहीं देखूंगा की ये मेरी माँ है, की मेरी बहन है, की मेरी खाला है , की मेरी फूफी है या फिर कोई और ?
मैंने कहा - अच्छा ये बता तूने कभी खाला की बेटी और फूफी की बेटी की बुर ली है ?
वह बोला - मैं अक्सर लेता हूँ इन दोनों की बुर ? ये दोनों दौड़ कर मेरा लण्ड पकड़ लेती हैं। अब हम तीनो मैं, मेरी नन्द और मेरी भाभी जान खूब मजे से चुदवाने लगीं। ये सब बातें करती हूँ हम तीनो गैर मर्दों से चुदवाने का लुत्फ़ उठाने लगी। मैं अपने नंदोई से चुदवा रही थी, मेरी भाभी जान मेरे शौहर से चुदवा रही थी और मेरी नन्द बुर चो दी मेरे भाई जान से चुदवाने में जुटी हुई थी। चुदाई का इतना बढ़िया नज़ारा देखने में बहुत अच्छा लगता है। सबके चेहरे खिले हुए थे, सबकी चूत खिली हुई थी और सबके लण्ड अपने पूरे ताव पर थे। थोड़ी देर तक यह चुदाई धकाधक चलती रही।
फिर अचानक मेरी नज़र भाई जान के लण्ड पर ठहर गयी। वह जिस तरह से मेरी नन्द की बुर ले रहा है वह मुझे देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था। फिर एकदम से मेरा दिल भाई जान के लण्ड मैंने अपना हाथ बढ़ाकर भाई जान लण्ड अपनी नन्द की बुर से निकाल कर पकड़ लिया। मैंने उसे चूमा, जबान से उसका सुपाड़ा चाटा और फिर अपनी चूत में पेल लिया। मैं अपने भाई जान से ही चुदवाने लगी। मुझे ऐसा करते हुए देख कर मेरी नन्द अपने भाई जान की सल्लू की तरफ और उसका लण्ड अपने मुंह में भर लिया। वह भी मेरी तरह अपने भाई जान से चुदवाने लगी। इतने में मेरी भाभी जान ने मेरे नंदोई उस्मान के लण्ड पर टूट पड़ी। उसने लण्ड अपने हाथ में लिया, उसे चूमा और फिर अपनी बुर में घुसा लिया। अब बताओ दोस्तों, भला कौन बीवी अपने नंदोई से चुदवाकर खुश नहीं होगी ? मेरी भाभी अपने नंदोई से चुदेवाने का मज़ा लूटने लगीं। इस तरह हमारे चुदाई के पार्टनर बदल बदल गए तो चुदाई का नया मज़ा आने लगा।
तबस्सुम भाभी बोलीं - सायरा तेरा नंदोई तो भोसड़ी का बहुत अच्छी तरह से बुर चोदता है. देखो न कैसे मेरी बुर के चीथड़े उड़ा रहा है। मुझे तो ज़न्नत का मज़ा रहा है।
मैंने कहा - अरे भाभी जान मुझे तेरे मियां से चुदवाने में बड़ा मज़ा आ रहा है। वैसे मैं अपने भाई जान पहले भी चुदवा चुकी हूँ पर हर बार इससे चुदवाने में एक नया मज़ा मिलता है। उधर देखो मेरी नन्द भी बहन चोद कितनी मस्ती से मेरे मियां यानी अपने भाई का लण्ड चूस रही है। उसके कुनबे का कोई ऐसा लौड़ा नहीं है जिसे मेरी नन्द चूसती न हो ? नन्द बोली - अरे भाभी जान, तुम अपनी नन्द की बड़ी तारीफ कर रही हो। लेकिन सच तो यह यही की सबसे बड़ी तारीफ के काबिल तो तुम खुद हो। तूने अपने कुनबे ने किसी का लण्ड बक्सा है। सारे लण्ड बहन चोद तू अपने मुंह में ले चुकी है और अपनी बुर में भी। यहाँ तक की तू मेरे अब्बू से भी चुदवा चुकी है और मौक़ा पाकर अभी भी चुदवा लेती है।
मैंने कहा - तेरे अब्बू का लण्ड क्या सोने का बना हुआ है जो उसे कोई छू नहीं सकता ? तेरे अब्बू की बहन का भोसड़ा ? तेरे अब्बू की बिटिया की बुर ? मैं तो खुले आम चोदूँगी उसका लण्ड ? मुझे मज़ा आता है और मुझे कोई भोसड़ी वाला मना नहीं कर सकता।
मेरी इस बात से महिफल में चुदाई और तेज हो गयी। तीनो बुर चोदी बीवियां अपनी अपनी बुर गांड उठा उठा कर भकाभक चुदवाने लगीं।
अगले दिन मैं अपनी फूफी जान के घर चली गयी। शाम को मैं वापस आने वाली थी तो फूफी जान ने मुझे रोक लिया। मैं फिर रुक गयी। रात को सबका बिस्तर ज़मीन पर ही लग गया। जिसमे मेरी फूफी जान समीना थीं, उसकी बेटी हया और उसका शौहर फज़ल था। हया का मामू जान वाहिद था, खालू हलीम था और मैं। हम सबने बातें बातें कर कर के रात के 11 बजा दिया। उसके बाद थोड़ी देर के लिए सन्नाटा हो गया। अचानक मेरी आँख खुली तो मैंने देखा की हया का शौहर फूफी के ऊपर एकदम नंगा नंगा चढ़ा हुआ है। फूफी भी एकदम नंगी है और अपनी टाँगे फैलाये हुए उसका लौड़ा अपनी चूत में पेलवा लिया है। यानी फूफी अपनी बेटी के मियां से चुदवाने लगीं हैं। उधर फूफा भी अपनी बेटी के ऊपर ही चढ़ बैठा है। उसने अपना लण्ड अपनी ही बेटी की बुर में पेल दिया है। उसे अपनी बेटी चोदने में शर्म नहीं है। यहाँ तो इन दोनों में "wife swapping" हो रही है। फूफा और उसका दामाद फज़ल दोनों एक दूसरे की बीवी चोद रहें हैं। मैं भी उत्तेजित हो गयी और मैंने बगल में लेटे हुए हया के मामू जान का लण्ड पकड़ लिया। मेरे लण्ड पकड़ते ही वह भी जोश में आ गया और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। उसका लौड़ा साला बहुत बड़ा था। मैं उसे मुंह में लेकर चूसने चाटने लगी। उसके पेल्हड़ सहलाने लगी।
मुझे भी एक नया लौड़ा मिला तो मैं भी खुश हो गई। कुछ मैं भी बड़ी बेशर्मी से उससे चुदवाने लगी। उसका लौड़ा मेरी चूत में चारों तरफ से चिपक कर घुसा तो मुझे अच्छा लगा और मज़ा भी आया। मैं भी अपने चूतड़ उठा उठा के चुदवाने लगी। मैंने हया से कहा - यार तू भोसड़ी की अपने अब्बू से चुदवा रही है ? तुझे कोई शर्म ? वह बोली यार देखो ये मेरा अब्बू अब नहीं है बल्कि समीना का शौहर है। जब मेरी अम्मी समीना बुर चोदी मेरे मियां से चुदवा रही है तो मैं भी उसके मियां से चुदवाऊंगी। वैसे भी हमारे घर का यह रिवाज़ है की हम सब लोग ज़मीन पर ही सोते हैं और सब लोग सबकी बुर चोदते हैं। यहाँ जवान लड़कियां बीवियां और बहुएं सब सो सकती है। हां लड़कियां चाहे शादी शुदा हों या न हो वो भी सबके लण्ड का मज़ा ले सकतीं हैं। न कोई माँ न कोई बाप। बस लण्ड ही लण्ड और चूत ही चूत। पेलो लौड़ा चोदो चूत। मेरी नज़र फूफा के लण्ड पर और फज़ल के लण्ड पर भी थी।
थोड़ी देर में मैंने एक हाथ बढ़ाकर हया के मियां फज़ल का लण्ड पकड़ लिया तो फूफी ने अपने ही भाई जान
मैं फिर अपनी नन्द के साथ अपनी ससुराल चली गयी। रात में यहाँ भी ज़मीन पर सोने का रिवाज़ था। मैं मेरा शौहर सल्लू , मेरी सास फरीदा और ससुर फहद, मेरी नन्द साइमा और उसका हसबैंड उस्मान सब एक साथ ही लेट गए। करीब 11 बज के बाद मेरे मियां ने अपना हाथ अपनी बहन साइमा की चूँचियों पर रख दिया। वह भी अपने भाई जान का लण्ड पजामा के उपोयर से दबाने लगी। उधर मेरी सास अपनी बेटी के मियां उस्मान का लण्ड पकड़ने के लिए उसके पजामा में हाथ घुसेड़ दिया। इतने में मेरे ससुर ने अपना हाथ मेरी चूँचियों पर रख कर दबाने लगा। उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लण्ड पर रखते हुए बोला लो बहू ज़रा इसे पकड़ कर देखो। मैंने भी देर नहीं लगाई और लण्ड अपनी मुठ्ठी में ले लिया। फिर देखते ही देखते सबके कपड़े उतर गए। तीनो मरद एकदम नंगे हो गए और तीनो बीवियां भी। इतने में मेरी सास बोली - देखो बहू अब हम तीनो कपल "बीवियों की अदला बदली" का खेल खेलेगीं। यहाँ कोई माँ बाप, भाई बहन, नन्द भौजाई का सवाल नहीं है। यहाँ सब बीवियां है और इन बीवियों के मरद। ये मरद सब एक दूसरे की बीवी चोदेगें और बीवियां सब एक दूसरे के मर्द से चुदवायेंगी।
मुझे सास की यह बात बहुत अच्छी लगी। फिर सबसे पहले मेरा ससुर फहद मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदने लगा। यानी वह अपने बेटे सल्लू की बीवी चोदने लगा। सल्लू उस्मान की बीवी चोदने लगा यानी अपनी बहन की बुर चोदने लगा। उस्मान फहद की बीवी चोदने लगा यानी अपनी सास का भोसड़ा चोदने लगा। इस तरह की चुदाई में सबको खूब मज़ा आया। हमारा कुनबे के लोग आते रहतें हैं। रात को रुकते है और सब इसी तरह रात को सोते भी हैं। फिर रात में बस भोसड़ी वाले नंगे हो जातें हैं और सबकी बुर में लण्ड पेल पेल कर चोदते हैं। बीवियां भी सबके लण्ड पर नंगी नंगी बैठती हैं और खूब मस्ती से सबसे चुदवाती हैं।
०=०=०=०=०=० समाप्त
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