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चुदाई का नशा कभी दिमाग से उतरता नहीं - Chudai ka nasha kabhi dimag se utrta nahi
चुदाई का नशा कभी दिमाग से उतरता नहीं - Chudai ka nasha kabhi dimag se utrta nahi , Pahli Chudai ka Nasha , एक बार जो चुदे हर बार चुदवाती रहे , चुदने की चाहत कभी मिटती नहीं , जितना चुदवाओगी उतना ज्यादा मजा बढ़ता रहेगा. चूत बुर गांड मस्त हो जाएगी.
मैं अभी कुछ दिन पहले ही ५ साल तक मुंबई हॉस्टल में रह कर आयी हूँ। मैं वहां से एम् बी ए करके आयी थी और यहाँ एक बड़ी कंपनी में काम करने लगी हूँ। मेरी उम्र 24 साल की है. मैं एक मद मस्त, खूबसूरत, बोल्ड और हॉट लड़की हूँ। मैं खुले में खुल कर चलती हूँ। आजकल के फैशन के कपड़े पहनती हूँ, लौ वेस्ट जींस और टॉप पहनती हूँ। बुर्का तो बिलकुल इस्तेमाल नहीं करती। मेरी सबसे ज्यादा रूचि सेक्स में है। मैं मुंबई में हर रोज़ किसी न किसी लड़के से चुदवाती थी, मुझे लण्ड पीने का गज़ब का शौक है। गालियां तो मैं 15 साल की उम्र से दे रही हूँ। मैं रोज़ ब्लू फिल्म देखती हूँ और हिंदी की सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ और नंगी नंगी पढ़ती हूँ। मुझे नंगी होने में कोई शर्म नहीं आती क्योंकि मैं दर्जनों लड़कों के आगे नंगी हो चुकी हूँ और होती भी रहती हूँ। मेरी सबसे सम्पति है मेरी बड़ी बड़ी सुडौल चूँचियाँ, मेरी मोटी मोटी जाँघों के बीच छोटी छोटी झांटों वाली एक मस्तानी चूत और मेरी मदमाती गांड़। मुझे अपने गदराये जिस्म पर फक्र है। खुदा का लाख लाख शुक्रिया की उसने मुझे इतनी अच्छी और सेक्सी जिस्म से नवाज़ा है।
एक दिन मैं नंगी नंगी सेक्स की कहानियां पढ़ रही थी। तभी एकदम से मेरी अम्मी जान मेरे कमरे में आ गयीं। उसने मुझे नंगी देखा, मेरा लैपटॉप खुला हुआ देखा और उसकी स्क्रीन पर "चुदाई" की कहानी देखी तो वह थोड़ा हैरान हुई और खुश भी।
अम्मी बोली जुम्मन तेल ले आये हो ? वह बोला हां बीवी जी ले आया हूँ। तब मैने देखा की अम्मी अपने सारे कपड़े उतार कर बेड पर पट लेटी हुई हैं। उसकी गांड ऊपर है और पेट नीचे। वह बोली जुम्मन अब तुम मेरे बदन की मालिश करो खास तौर से मेरे चूतड़ों की और जाँघों की। जुम्मन मालिस करने लगा। अम्मी मस्ती करने लगी। फिर उसने कहा अब मेरी पीठ पर भी मालिश करो। जुम्मन ने वहां भी मालिस की। फिर अम्मी ने उसे कनखियों से देखा और बोली अरे जुम्मन तुमने अपने कपड़े नहीं उतारे। तुमसे कितनी बार कहा है मैंने की मेरी मालिस नंगे नंगे किया करो। चलो कपड़े उतारो और हो जाओ नंगे। जब मैं मादर चोद नंगी हूँ तो तुझे भी नंगा रहना है। चचा ने अपने कपड़े खोले और नंगा हो गया। उसका लण्ड खड़ा था। लण्ड देख कर मेरी गांड फट गई। मैंने मन में कहा बाप रे बाप इतना बड़ा और मोटा लण्ड ? ये तो साला घोड़े का लण्ड लग रहा है। लण्ड साला 9" के कम न था। सुपाड़ा ही उसका बहन चोद 3" का था। इतने में अचानक अम्मी जान करवट बदल कर चित हो गईं। उसकी दोनों बड़ी बड़ी चूँचियाँ और उसकी मस्तानी चूत जुम्मन की आँखों के आगे ही नहीं बल्कि मेरी भी आँखों के आगे भी नंगी हो गई। अम्मी बोली लो अब मेरी चूँचियों की मालिस करो और फिर मेरी चूत की भी मालिस करो।
जुम्मन मालिस कर रहा था और मैं उसका टन टनाता हुआ लण्ड देख रही थी। लण्ड की झांटें भी साफ़ थी और अम्मी की चूत की भी। जुम्मन बड़ी मस्ती से चूँचियाँ दबा दबा कर मालिस कर रहा था और बीच बीच में चूँचियाँ चूम भी रहा था और निपल्स मुंह में लेकर चूस भी रहा था। यह सब देख कर नीचे मेरी झांटें सुलग रहीं थीं। अगर ये मेरी अम्मी न होती तो मैं इसे इसकी गांड पे लात मार भगा देती और लण्ड अपनी चूत में पेल लेती। मैं अपनी चूंचीं सहलाते हुए और चूत पर हाथ फिराते हुए सब कुछ चुपचाप देखने लगी। उसने अपनी गांड अम्मी के मुंह की तरफ की और थोड़ा झुक कर अम्मी की चूत की मालिस करने लगा। अब उसका लण्ड अम्मी की आँखों के सामने ही था तो अम्मी ने हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ लिया। वह बोली जुम्मन आज तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा है। जुम्मन बोला बीवी जी तेरी मस्तानी चूत और चूँची देख कर लण्ड साला बड़ा हो ही जाता है। अम्मी उसका लण्ड चाटने लगी तो वह अपनी जबान निकाल कर अम्मी की चूत चाटने लगा। ये सब देख कर मेरी झांटें सुलग कर राख होतीं जा रहीं थीं।
थोड़ी देर बाद अम्मी ने कहा जुम्मन अब सहा नहीं जा रहा यार। अब तू पेल दे अपना लण्ड मेरी चूत में। चोद ले मेरी चूत। पूरा घुसेड़ दे अपना लण्ड। वह भी साला यही अहचाहता था। उसने लण्ड चूत पर टिकाया और एक ही धक्के में पूरा पेल दिया लण्ड और चोदने लगा। अब मुझसे और रुका नहीं गया.मैं फ़ौरन आगे बढ़ी और अम्मी के सामने खड़ी हो गई।
मैंने कहा - अम्मी जान, ये क्या हो रहा है ?
वह बोली - अरे तू मेहू, यहाँ क्या कर रही है ? जा अपना काम कर ?
मैंने कहा - नहीं अम्मी मैं नहीं जाऊंगी। मुझे बताओ की ये क्या और क्यों हो रहा है ?
वह बोली - तू देख रही है न बुर चोदी ? तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। और क्या ?
मैंने कहा - मुझे नहीं मालूम था की तू बहन चोद इतनी हरामजादी है। अब अगर मेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है तो फिर तेरी बिटिया की बुर भी चुदेगी। अब तो मैं बिना चुदे नहीं जाऊंगी।
वह बोली - तू अभी बच्ची है तेरी चूत में इतना दम नहीं है की इतना बड़ा लण्ड बर्दास्त कर सके ?
मैंने कहा - नहीं अम्मी जान, मेरी चूत में बहुत दम है। मैं सब बर्दास्त कर लूंगी।
अम्मी बोली - तू माँ की लौड़ी इतनी जिद क्यों कर रही है। फट जाएगी तेरी चूत तो तू मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेगी। इसलिए मैं जो कर रही हूँ मुझे करने दे।
इतने में जुम्मन बोला - अरे बीवी जी अगर बिटिया चुदवाना चाहती है तो तुम कहो मैं इसकी बुर चोद दूँ. धीरे धीरे ही चोदूंगा इसे भी मज़ा आएगा।
अम्मी बोली - तू भोसड़ी का मुझे चोद ले पहले फिर मेरी बेटी चोदने के बारे में सोंचना ? मैं अभी तेरा लण्ड भूनूंगी अपनी चूत में पेल पेल कर ?
तब तक मैं बोल पड़ी। नहीं अम्मी जान, आज मैं इसका लण्ड भूनूंगी अपनी चूत में डाल कर।
अम्मी बोली - अरे जुम्मन तू पहले इसकी बुर चोद ले। ये भोसड़ी की बिना चुदवाये जाएगी नहीं यहाँ से। अब ये 19 साल की हो गयी है. ये तो सच में तेरा लण्ड भून डालेगी चूत में ? फिर अम्मी मुझसे बोली ले चुदवा ले तू मेरे सामने। अगर तूने जुम्मन का लण्ड अच्छी तरह से नहीं भूना तो फिर मैं तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदूँगी। जम्मन तू पेल दे अपना लण्ड इस बुर चोदी की बुर में।
जुम्मन ने लण्ड अम्मी की बुर से निकाल कर मेरी बुर में पेल दिया। मैं चुदवाने लगी तो अम्मी उसके पेल्हड़ सहलाने लगीं। लण्ड जब घुसा तो दर्द जरूर हुआ था लेकिन ऐन उस दर्द को चुपचाप सह गई और अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। अम्मी भी हैरान थी की मैंने इतना बड़ा और मोटा लण्ड कैसे पेलवा लिया। वह लण्ड बीच बीच में मेरी बुर से निकाल कर चाटने लगीं। वह बोली हाय अल्ला, बेटी मेहू मुझे नहीं मालूम था की तेरी चूत इतनी टाइट होगी। अब देखो न जुम्मन का लण्ड खलास हो गया है। वह वीर्य उगलने लगा है। उसने लण्ड बाहर निकाला और फिर उसे अंदर घुसेड़ दिया। उसके बाद लण्ड जिस तरह से बाहर निकला तो लगा की जैसे की वह भुना हुआ बैगन है। अम्मी उसका वीर्य चाटने लगी और फिर हम दोनों मिलकर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी।अम्मी ने मेरे गाल थपथपाये और बोली बेटी तेरी बुर चोदी माँ की चूत ? तू तो चुदाने में मुझसे आगे निकल गई। मैंने भी मुस्कराकर कहा तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर अम्मी जान ? तेरा तो भोसड़ा साला बड़ा जबरदस्त है, अम्मी।
मैं अम्मी जान से बिलकुल खुल गयी। मैं फिर पढ़ने के लिए बाहर चली गई और वहां हॉस्टल में रहने लगी। फिर वहां से आकर मैं नौकरी ज्वाइन कर ली। अभी कुछ दिन पहले नजदीकी रिश्ते में मेरा निकाह फरहान नाम के लड़के से हो गया। मैं ससुराल गई और वहां से अपनी सुहागरात मना कर आ गई. मेरे साथ मेरा शौहर भी आ गया। इत्तिफाक से मेरी खाला की बेटी हबीबा भी अपने शौहर मूसा के साथ आ गई। मेरी अम्मी का नाम है अनीशा और अब्बू हैं इम्तियाज़।
रात में हम सबका बिस्तर ज़मीन पर लग गया। और हम सब लेट भी गए. अम्मी ने मजाक में कहा मेहू और लोगों की शादी अभी हाल में हुई है। तुम अपनी सुहागरात की कहानी सुनाओ न हम लोगों को। मैंने कहा नहीं अम्मी ये समय कुछ करने का है कहानी सुनाने का नहीं ? अम्मी फिर हँसते हुए बोली - कहानी नहीं सुनाएगी तो क्या तू अपनी माँ चोदेगी ? मैंने कहा - हां अम्मी जान यह टाइम तो चोदने का ही है। अब माँ चुदेगी, की बहन चुदेगी या फिर बेटी चुदेगी ये तो वख्त ही बताएगा। जवानी में बिना लण्ड के रात तो कटती नहीं। फिर हमारे समाज में चुदाई की बड़ी आज़ादी है। कोई किसी को भी चोद सकता है और कोई किसी से भी चुदवा सकती है। बिस्तर पर लेटते ही हमारे कपड़े खुलने लगे। अम्मी ने तो हाथ बढ़ाया और मेरे मियां के लण्ड पर रख दिया। मैंने भी अपना हाथ हबीबा के मियां मूसा के लण्ड पर रख दिया। फिर हबीबा ने अपना हाथ मेरे अब्बू के लण्ड पर रख दिया।
अम्मी ने मेरे कान में कहा बेटी तेरे मियां का लण्ड तो बड़ा मोटा लग रहा है। मैंने उसके कान में कहा अब मैं बताऊंगी नही, अम्मी जान । तुम खुद पकड़ कर देख लो। उसने फ़ौरन उसका पजामा खोला और लौड़ा मुठ्ठी में ले लिया। तब तक मैं भी मूसा का लण्ड बाहर निकाल चुकी थी। उधर हबीबा ने भी मेरे अब्बू का लण्ड निकाला और चूमने लगी। नतीजा यह हुआ की तीनो मरद भी हमारी तरह नंगे हो गए। अब बिस्तर पर सब लोग नंग धड़ंग हो गए. सब लोग एक दूसरे का नंगा जिस्म देखने लगे। यह भी एक बहुत बड़ा उत्तेजक सीन होता है। इससे चुदाई की भूंख और बढ़ जाती है। मैं अब्बू का लण्ड देख रही थी और मूसा का लण्ड मेरे हाथ में ही था। मैं मूसा का लण्ड चूसने लगी, अम्मी मेरे मियां का लण्ड और हबीबा मेरे लण्ड चूसने लगी।
फिर मेरे मन में एक ख्याल आया तो मैंने कहा अब मैं तुम सबको एक गोले में लिटा देती हूँ। मैं लेट कर मूसा का लण्ड चाटने लगी, मूसा मेरी अम्मी की बुर चाटने लगा, अम्मी जान मेरे मियां फरहान का लण्ड चाटने लगीं, फरहान हबीबा की बुर चाटने लगा, हबीबा मेरे अब्बू का लण्ड चाटने लगी और मेरा अब्बू मेरी बुर चाटने लगा। इससे हर एक को डबल मज़ा मिलने लगा। हर मरद का लण्ड कोई और चाटने लगी और वह किसी और की बुर चाटने लगा। जैसे मैं मूसा का लण्ड चाटने लगी तो मेरी बुर मेरा अब्बू चाटने लगा। अम्मी मेरे मियां का लण्ड चाटने लगीं तो उसकी बुर मूसा चाटने लगा। हबीबा मेरे अब्बू का लण्ड चाटने लगी तो उसकी बुर मेरा मियां चाटने लगा।
मुझे तो अपने अब्बू से अपनी बुर चटवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मेरी अम्मी को मेरे मियां का लण्ड चाटने में
और हबीबा के मियां से अपनी बुर चटवाने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर तक यह सिलसिला चलता रहा और इसमें सबको खूब मज़ा आ रहा है। मैंने अम्मी से कहा से कहा तुम्हे एक साथ दो दो मरद का मज़ा मिल रहा है न । तुम लण्ड किसी और का चाट रही हो और तेरी बुर कोई और चाट रहा है। वह बोली हां बेटी आज पहली बार इस तरह मज़ा मिला है मुझे। उधर मर्दों को भी दो दो बीवियों का मज़ा मिल रहा था। एक नंगी बीवी उसका लण्ड चाट रही है तो वह भी किसी और की नंगी बीवी की बुर चाट रहा है।
कुछ देर बाद मूसा ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और वह चोदने लगा मुझे। मुझे भी हबीबा के मियां से चुदवाने में मज़ा आने लगा। मेरे मियां ने लण्ड मेरी अम्मी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। अम्मी भी मस्ती से मेरे मियां से चुदवाने लगीं। हबीबा ने मेरे अब्बू का लण्ड अपनी चूत पर टिकाया और बोली अब मारो धक्का और पेल दो पूरा लण्ड मेरी चूत में। अब्बू ने गचाक से लण्ड पेला तू हबीबा के मुंह से निकला उई माँ मर गयी है मैं। मेहू तेरे अब्बू ने फाड़ डाला मेरी बुर। फिर वह भी मजे से चुदवाने लगी। इस तरह हम तीनो बीवियां गैर मर्दों से चुदवाने का मज़ा लूटने लगीं। तीनो की बुर का बाजा एक साथ बजने लगा। कई लोगों की जब एक साथ चुदाई होती है तो उसकी आवाज़ का मज़ा भी एक अलग तरह का होता है। सबकी चूत बजती है तो सबके मुंह से भी कुछ न कुछ निकलने लगता है। कभी सिसियाने की आवाज़, कभी मस्ती से ही हु ऊ हो हे हो उई आ हे है आ हो की आवाज़ भी निकलती है तो कभी कोई मस्ती से गालियां देने लगती है। अम्मी ने कहा मेहू देख बुर चोदी कितने मजे से तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। मैंने भी कहा अम्मी जान तेरी बहन का भोसड़ा और तेरी बहन की बिटिया की बुर ? तू हरामजादी मादर चोद अपनी बेटी भी चुदवा रही है और अपनी बहन की बेटी भी। तब तक हबीबा बोली - मेहू यार आज सच में सबके साथ चुदवाने में बड़ाअच्छा लग रहा है. देखो न तेरा बेटी चोद अब्बू मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है। इसका लण्ड साला मेरी माँ का भोसड़ा भी चोदता है। आज मुझे मालूम हुआ की बड़ा बेशरम और बेरहम है तेरा अब्बू और तेरे अब्बू का लण्ड ?
मेरी नज़र अब्बू के लण्ड पर टिक गई। आज मैं पहली बार अपने अब्बू का लण्ड देख रही थी और मुझे उसके लण्ड पर फक्र हो। इतना मोटा तगड़ा लण्ड बड़ी मुश्किल से मिलता है। मैंने हाथ बढ़ाया और अब्बो का लण्ड पकड़ कर पहले उसे अपनी चूत में घुसा लिया। वह भी मुझे बड़ी मड़ई से चोदने लगा। हमारे समाज में बाप बेटी के बीच चोदा चोदी बड़ी आम बात है और इसे जायज़ माना जाता है। अक्सर लड़कियां जवान होते है अपने अब्बू का लण्ड पकड़ने लगतीं हैं। बाऊ भकाभक चोदने लगा मुझे। उधर हबीबा के मियां ने लण्ड अम्मी की बुर में पेल दिया। वह मेरी माँ की चूत चोदने लगा। मेरी अम्मी को एक नया लण्ड मिला तो वह ख़ुशी के मारे उछल पड़ीं। हाबीबा ने फिर मेरे मियां का लण्ड पकड़ लिया। उसका सुपाड़ा चाटा उसके पेल्हड़ चाटे और फिर उसे मजे से घुसा लिया अपनी चूत में। मेरे मियां को भी एक नई चूत मिली तो वह भी बड़े प्यार से चोदने लगा। इस तरह हम तीनो ने लण्ड बदला तो मज़ा आपने आप दूना हो गया।
अम्मी ने मस्ती में कहा - तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा, बेटी मेहू।
मैंने भी मस्ती से जबाब दिया - तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर अम्मी जान ?
उधर से हबीबा मेरी अम्मी से बोली - तेरी बुर चोदी बहन का भोसड़ा, खाला जान और तेरी बहन की बिटिया की चूत ?
चुदाई एक ऐसा नशा है जो कभी दिमाग से उतरता नहीं है। -
=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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- वह बोल पड़ी - अरी मेहू तू यहाँ क्या अपनी माँ चुदा रही है भोसड़ी वाली ?
- मैंने कहा - अभी माँ तो नहीं चुदा रही हूँ पर मैं जल्दी ही अपनी माँ का भोसड़ा चुदाऊंगी अम्मी जान ?
- तूने कभी अपनी बुर तक तो चुदाई नहीं ? तू क्या भोसड़ा चुदवायेगी ?
- किसने कहा तुमसे की मैंने अपनी बुर नहीं चुदवाई ? मैं पिछले 5 साल से अपनी बुर चुदवा रही हूँ अम्मी जान। अब तक जाने कितने लण्ड मेरी चूत की शैर कर चुके हैं।
- तो क्या हुआ ? एक बात सुन ले तू। अपनी माँ भोसड़ा चुदाने के लिए गांड में दम होनी चाहिए बेटी मेहू ?
- दम बहुत है मेरी गांड में अम्मी जान। मैं तुमसे 5 साल बाहर रही हूँ। इतने दिनों में मुझमें बहुत दम आ चुकी है। मैंने बड़ों बड़ों की माँ चोद दी है। तेरी भी बेटी की भी माँ चोद दूँगी ?
- तेरी माँ का भोसड़ा। मैं देखती हूँ की तू क्या कर सकती है। जब कुछ कर लेना तब डींगें हांकना ? इतनी गन्दी गन्दी कहानियां पढ़ती है तू इससे तो बेहतर होता की किसी का लौड़ा लेकर घुसा लेती अपनी चूत में और अपनी माँ के भोसड़ा में।
- तू भी तो रोज़ रोज़ कोई न कोई लौड़ा घुसाती है अपनी चूत में इससे तो बेहतर होता की एक आध लण्ड पेल देती अपनी बिटिया की बुर में भी ?
- हाय अल्ला तू बुर चोदी मेहू सही कह रही है। मैं तो बिलकुल भूल ही गई थी तू आजकल घर में है। कल मैंने दो लण्ड पेले अपनी चूत में। ख्याल नहीं आया नहीं तो एक लण्ड तेरी बुर में भी घुसेड़ देती।
- चलो कोई बात नहीं अब घुसेड़ देना। और हां अब तू अपना भोसड़ा बचा कर रखना अम्मी जान मैं जल्दी ही तेरा भोसड़ा चोदने वाली हूँ।
अम्मी बोली जुम्मन तेल ले आये हो ? वह बोला हां बीवी जी ले आया हूँ। तब मैने देखा की अम्मी अपने सारे कपड़े उतार कर बेड पर पट लेटी हुई हैं। उसकी गांड ऊपर है और पेट नीचे। वह बोली जुम्मन अब तुम मेरे बदन की मालिश करो खास तौर से मेरे चूतड़ों की और जाँघों की। जुम्मन मालिस करने लगा। अम्मी मस्ती करने लगी। फिर उसने कहा अब मेरी पीठ पर भी मालिश करो। जुम्मन ने वहां भी मालिस की। फिर अम्मी ने उसे कनखियों से देखा और बोली अरे जुम्मन तुमने अपने कपड़े नहीं उतारे। तुमसे कितनी बार कहा है मैंने की मेरी मालिस नंगे नंगे किया करो। चलो कपड़े उतारो और हो जाओ नंगे। जब मैं मादर चोद नंगी हूँ तो तुझे भी नंगा रहना है। चचा ने अपने कपड़े खोले और नंगा हो गया। उसका लण्ड खड़ा था। लण्ड देख कर मेरी गांड फट गई। मैंने मन में कहा बाप रे बाप इतना बड़ा और मोटा लण्ड ? ये तो साला घोड़े का लण्ड लग रहा है। लण्ड साला 9" के कम न था। सुपाड़ा ही उसका बहन चोद 3" का था। इतने में अचानक अम्मी जान करवट बदल कर चित हो गईं। उसकी दोनों बड़ी बड़ी चूँचियाँ और उसकी मस्तानी चूत जुम्मन की आँखों के आगे ही नहीं बल्कि मेरी भी आँखों के आगे भी नंगी हो गई। अम्मी बोली लो अब मेरी चूँचियों की मालिस करो और फिर मेरी चूत की भी मालिस करो।
जुम्मन मालिस कर रहा था और मैं उसका टन टनाता हुआ लण्ड देख रही थी। लण्ड की झांटें भी साफ़ थी और अम्मी की चूत की भी। जुम्मन बड़ी मस्ती से चूँचियाँ दबा दबा कर मालिस कर रहा था और बीच बीच में चूँचियाँ चूम भी रहा था और निपल्स मुंह में लेकर चूस भी रहा था। यह सब देख कर नीचे मेरी झांटें सुलग रहीं थीं। अगर ये मेरी अम्मी न होती तो मैं इसे इसकी गांड पे लात मार भगा देती और लण्ड अपनी चूत में पेल लेती। मैं अपनी चूंचीं सहलाते हुए और चूत पर हाथ फिराते हुए सब कुछ चुपचाप देखने लगी। उसने अपनी गांड अम्मी के मुंह की तरफ की और थोड़ा झुक कर अम्मी की चूत की मालिस करने लगा। अब उसका लण्ड अम्मी की आँखों के सामने ही था तो अम्मी ने हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ लिया। वह बोली जुम्मन आज तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा है। जुम्मन बोला बीवी जी तेरी मस्तानी चूत और चूँची देख कर लण्ड साला बड़ा हो ही जाता है। अम्मी उसका लण्ड चाटने लगी तो वह अपनी जबान निकाल कर अम्मी की चूत चाटने लगा। ये सब देख कर मेरी झांटें सुलग कर राख होतीं जा रहीं थीं।
थोड़ी देर बाद अम्मी ने कहा जुम्मन अब सहा नहीं जा रहा यार। अब तू पेल दे अपना लण्ड मेरी चूत में। चोद ले मेरी चूत। पूरा घुसेड़ दे अपना लण्ड। वह भी साला यही अहचाहता था। उसने लण्ड चूत पर टिकाया और एक ही धक्के में पूरा पेल दिया लण्ड और चोदने लगा। अब मुझसे और रुका नहीं गया.मैं फ़ौरन आगे बढ़ी और अम्मी के सामने खड़ी हो गई।
मैंने कहा - अम्मी जान, ये क्या हो रहा है ?
वह बोली - अरे तू मेहू, यहाँ क्या कर रही है ? जा अपना काम कर ?
मैंने कहा - नहीं अम्मी मैं नहीं जाऊंगी। मुझे बताओ की ये क्या और क्यों हो रहा है ?
वह बोली - तू देख रही है न बुर चोदी ? तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। और क्या ?
मैंने कहा - मुझे नहीं मालूम था की तू बहन चोद इतनी हरामजादी है। अब अगर मेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है तो फिर तेरी बिटिया की बुर भी चुदेगी। अब तो मैं बिना चुदे नहीं जाऊंगी।
वह बोली - तू अभी बच्ची है तेरी चूत में इतना दम नहीं है की इतना बड़ा लण्ड बर्दास्त कर सके ?
मैंने कहा - नहीं अम्मी जान, मेरी चूत में बहुत दम है। मैं सब बर्दास्त कर लूंगी।
अम्मी बोली - तू माँ की लौड़ी इतनी जिद क्यों कर रही है। फट जाएगी तेरी चूत तो तू मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेगी। इसलिए मैं जो कर रही हूँ मुझे करने दे।
इतने में जुम्मन बोला - अरे बीवी जी अगर बिटिया चुदवाना चाहती है तो तुम कहो मैं इसकी बुर चोद दूँ. धीरे धीरे ही चोदूंगा इसे भी मज़ा आएगा।
अम्मी बोली - तू भोसड़ी का मुझे चोद ले पहले फिर मेरी बेटी चोदने के बारे में सोंचना ? मैं अभी तेरा लण्ड भूनूंगी अपनी चूत में पेल पेल कर ?
तब तक मैं बोल पड़ी। नहीं अम्मी जान, आज मैं इसका लण्ड भूनूंगी अपनी चूत में डाल कर।
अम्मी बोली - अरे जुम्मन तू पहले इसकी बुर चोद ले। ये भोसड़ी की बिना चुदवाये जाएगी नहीं यहाँ से। अब ये 19 साल की हो गयी है. ये तो सच में तेरा लण्ड भून डालेगी चूत में ? फिर अम्मी मुझसे बोली ले चुदवा ले तू मेरे सामने। अगर तूने जुम्मन का लण्ड अच्छी तरह से नहीं भूना तो फिर मैं तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदूँगी। जम्मन तू पेल दे अपना लण्ड इस बुर चोदी की बुर में।
जुम्मन ने लण्ड अम्मी की बुर से निकाल कर मेरी बुर में पेल दिया। मैं चुदवाने लगी तो अम्मी उसके पेल्हड़ सहलाने लगीं। लण्ड जब घुसा तो दर्द जरूर हुआ था लेकिन ऐन उस दर्द को चुपचाप सह गई और अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। अम्मी भी हैरान थी की मैंने इतना बड़ा और मोटा लण्ड कैसे पेलवा लिया। वह लण्ड बीच बीच में मेरी बुर से निकाल कर चाटने लगीं। वह बोली हाय अल्ला, बेटी मेहू मुझे नहीं मालूम था की तेरी चूत इतनी टाइट होगी। अब देखो न जुम्मन का लण्ड खलास हो गया है। वह वीर्य उगलने लगा है। उसने लण्ड बाहर निकाला और फिर उसे अंदर घुसेड़ दिया। उसके बाद लण्ड जिस तरह से बाहर निकला तो लगा की जैसे की वह भुना हुआ बैगन है। अम्मी उसका वीर्य चाटने लगी और फिर हम दोनों मिलकर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी।अम्मी ने मेरे गाल थपथपाये और बोली बेटी तेरी बुर चोदी माँ की चूत ? तू तो चुदाने में मुझसे आगे निकल गई। मैंने भी मुस्कराकर कहा तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर अम्मी जान ? तेरा तो भोसड़ा साला बड़ा जबरदस्त है, अम्मी।
मैं अम्मी जान से बिलकुल खुल गयी। मैं फिर पढ़ने के लिए बाहर चली गई और वहां हॉस्टल में रहने लगी। फिर वहां से आकर मैं नौकरी ज्वाइन कर ली। अभी कुछ दिन पहले नजदीकी रिश्ते में मेरा निकाह फरहान नाम के लड़के से हो गया। मैं ससुराल गई और वहां से अपनी सुहागरात मना कर आ गई. मेरे साथ मेरा शौहर भी आ गया। इत्तिफाक से मेरी खाला की बेटी हबीबा भी अपने शौहर मूसा के साथ आ गई। मेरी अम्मी का नाम है अनीशा और अब्बू हैं इम्तियाज़।
रात में हम सबका बिस्तर ज़मीन पर लग गया। और हम सब लेट भी गए. अम्मी ने मजाक में कहा मेहू और लोगों की शादी अभी हाल में हुई है। तुम अपनी सुहागरात की कहानी सुनाओ न हम लोगों को। मैंने कहा नहीं अम्मी ये समय कुछ करने का है कहानी सुनाने का नहीं ? अम्मी फिर हँसते हुए बोली - कहानी नहीं सुनाएगी तो क्या तू अपनी माँ चोदेगी ? मैंने कहा - हां अम्मी जान यह टाइम तो चोदने का ही है। अब माँ चुदेगी, की बहन चुदेगी या फिर बेटी चुदेगी ये तो वख्त ही बताएगा। जवानी में बिना लण्ड के रात तो कटती नहीं। फिर हमारे समाज में चुदाई की बड़ी आज़ादी है। कोई किसी को भी चोद सकता है और कोई किसी से भी चुदवा सकती है। बिस्तर पर लेटते ही हमारे कपड़े खुलने लगे। अम्मी ने तो हाथ बढ़ाया और मेरे मियां के लण्ड पर रख दिया। मैंने भी अपना हाथ हबीबा के मियां मूसा के लण्ड पर रख दिया। फिर हबीबा ने अपना हाथ मेरे अब्बू के लण्ड पर रख दिया।
अम्मी ने मेरे कान में कहा बेटी तेरे मियां का लण्ड तो बड़ा मोटा लग रहा है। मैंने उसके कान में कहा अब मैं बताऊंगी नही, अम्मी जान । तुम खुद पकड़ कर देख लो। उसने फ़ौरन उसका पजामा खोला और लौड़ा मुठ्ठी में ले लिया। तब तक मैं भी मूसा का लण्ड बाहर निकाल चुकी थी। उधर हबीबा ने भी मेरे अब्बू का लण्ड निकाला और चूमने लगी। नतीजा यह हुआ की तीनो मरद भी हमारी तरह नंगे हो गए। अब बिस्तर पर सब लोग नंग धड़ंग हो गए. सब लोग एक दूसरे का नंगा जिस्म देखने लगे। यह भी एक बहुत बड़ा उत्तेजक सीन होता है। इससे चुदाई की भूंख और बढ़ जाती है। मैं अब्बू का लण्ड देख रही थी और मूसा का लण्ड मेरे हाथ में ही था। मैं मूसा का लण्ड चूसने लगी, अम्मी मेरे मियां का लण्ड और हबीबा मेरे लण्ड चूसने लगी।
फिर मेरे मन में एक ख्याल आया तो मैंने कहा अब मैं तुम सबको एक गोले में लिटा देती हूँ। मैं लेट कर मूसा का लण्ड चाटने लगी, मूसा मेरी अम्मी की बुर चाटने लगा, अम्मी जान मेरे मियां फरहान का लण्ड चाटने लगीं, फरहान हबीबा की बुर चाटने लगा, हबीबा मेरे अब्बू का लण्ड चाटने लगी और मेरा अब्बू मेरी बुर चाटने लगा। इससे हर एक को डबल मज़ा मिलने लगा। हर मरद का लण्ड कोई और चाटने लगी और वह किसी और की बुर चाटने लगा। जैसे मैं मूसा का लण्ड चाटने लगी तो मेरी बुर मेरा अब्बू चाटने लगा। अम्मी मेरे मियां का लण्ड चाटने लगीं तो उसकी बुर मूसा चाटने लगा। हबीबा मेरे अब्बू का लण्ड चाटने लगी तो उसकी बुर मेरा मियां चाटने लगा।
मुझे तो अपने अब्बू से अपनी बुर चटवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मेरी अम्मी को मेरे मियां का लण्ड चाटने में
कुछ देर बाद मूसा ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और वह चोदने लगा मुझे। मुझे भी हबीबा के मियां से चुदवाने में मज़ा आने लगा। मेरे मियां ने लण्ड मेरी अम्मी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। अम्मी भी मस्ती से मेरे मियां से चुदवाने लगीं। हबीबा ने मेरे अब्बू का लण्ड अपनी चूत पर टिकाया और बोली अब मारो धक्का और पेल दो पूरा लण्ड मेरी चूत में। अब्बू ने गचाक से लण्ड पेला तू हबीबा के मुंह से निकला उई माँ मर गयी है मैं। मेहू तेरे अब्बू ने फाड़ डाला मेरी बुर। फिर वह भी मजे से चुदवाने लगी। इस तरह हम तीनो बीवियां गैर मर्दों से चुदवाने का मज़ा लूटने लगीं। तीनो की बुर का बाजा एक साथ बजने लगा। कई लोगों की जब एक साथ चुदाई होती है तो उसकी आवाज़ का मज़ा भी एक अलग तरह का होता है। सबकी चूत बजती है तो सबके मुंह से भी कुछ न कुछ निकलने लगता है। कभी सिसियाने की आवाज़, कभी मस्ती से ही हु ऊ हो हे हो उई आ हे है आ हो की आवाज़ भी निकलती है तो कभी कोई मस्ती से गालियां देने लगती है। अम्मी ने कहा मेहू देख बुर चोदी कितने मजे से तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। मैंने भी कहा अम्मी जान तेरी बहन का भोसड़ा और तेरी बहन की बिटिया की बुर ? तू हरामजादी मादर चोद अपनी बेटी भी चुदवा रही है और अपनी बहन की बेटी भी। तब तक हबीबा बोली - मेहू यार आज सच में सबके साथ चुदवाने में बड़ाअच्छा लग रहा है. देखो न तेरा बेटी चोद अब्बू मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है। इसका लण्ड साला मेरी माँ का भोसड़ा भी चोदता है। आज मुझे मालूम हुआ की बड़ा बेशरम और बेरहम है तेरा अब्बू और तेरे अब्बू का लण्ड ?
मेरी नज़र अब्बू के लण्ड पर टिक गई। आज मैं पहली बार अपने अब्बू का लण्ड देख रही थी और मुझे उसके लण्ड पर फक्र हो। इतना मोटा तगड़ा लण्ड बड़ी मुश्किल से मिलता है। मैंने हाथ बढ़ाया और अब्बो का लण्ड पकड़ कर पहले उसे अपनी चूत में घुसा लिया। वह भी मुझे बड़ी मड़ई से चोदने लगा। हमारे समाज में बाप बेटी के बीच चोदा चोदी बड़ी आम बात है और इसे जायज़ माना जाता है। अक्सर लड़कियां जवान होते है अपने अब्बू का लण्ड पकड़ने लगतीं हैं। बाऊ भकाभक चोदने लगा मुझे। उधर हबीबा के मियां ने लण्ड अम्मी की बुर में पेल दिया। वह मेरी माँ की चूत चोदने लगा। मेरी अम्मी को एक नया लण्ड मिला तो वह ख़ुशी के मारे उछल पड़ीं। हाबीबा ने फिर मेरे मियां का लण्ड पकड़ लिया। उसका सुपाड़ा चाटा उसके पेल्हड़ चाटे और फिर उसे मजे से घुसा लिया अपनी चूत में। मेरे मियां को भी एक नई चूत मिली तो वह भी बड़े प्यार से चोदने लगा। इस तरह हम तीनो ने लण्ड बदला तो मज़ा आपने आप दूना हो गया।
अम्मी ने मस्ती में कहा - तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा, बेटी मेहू।
मैंने भी मस्ती से जबाब दिया - तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर अम्मी जान ?
उधर से हबीबा मेरी अम्मी से बोली - तेरी बुर चोदी बहन का भोसड़ा, खाला जान और तेरी बहन की बिटिया की चूत ?
चुदाई एक ऐसा नशा है जो कभी दिमाग से उतरता नहीं है। -
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