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सास बहू ननद की एक साथ चुदाई - Saas bahu Nanad ki samuhik chudai
सास बहू ननद की एक साथ चुदाई - Saas bahu Nanad ki samuhik chudai , सास बहू ननद की एक साथ चुदाई , ead hot sex story in Hindi सेक्स कहानी चुदाई की कहानी मुझे मेरी सास और मेरी ननद तीनों को साथ में चोदो.
चूत सभी की चोदिये, पेल पेल कर लण्ड
नंगी तीनों हैं अभी, सास बहू और नन्द
सास ने बड़े प्यार से कहा - अरे बहू रानी, ले पकड़ अपने अब्बू का लण्ड और पेल दे अपनी बुर चोदी नन्द की बुर में. मैंने अब्बू का लण्ड गच्च से घुसा दिया अपनी नन्द की चूत में वह चिल्ला पड़ी उई माँ फट गयी मेरी बुर अम्मी जान. तेरी बहू के अब्बू ने फाड़ डाला तेरी बिटिया की बुर. इतने में मेरी नन्द बोली भाभी जान तू ले मेरे मियां का लण्ड और पेल दे अपनी बुर चोदी सास के भोसड़ा में. मैंने वैसा ही किया और अपने नंदोइ का टन टनाटा हुआ लण्ड घुसा दिया अपनी सास के भोसड़ा में. सास बड़े मजे से सबके सामने अपनी बेटी के शौहर से भकाभक चुदवाने लगी. अचानक मेरी नन्द बोली अरे अब्बू जान अब देर न करो और पेल दो अपना लण्ड चोद डालो अपनी बुर चोदी बहू की चूत.
मैं आफ़िया हूँ दोस्तों, इस घर की बहू। मेरी शादी अभी कुछ ही दिन पहले नईम नाम के लड़के से हो गयी। मैं 24 साल की हूँ और वह 26 साल का। मैं भी गज़ब की खूबसूरत हूँ और वह भी स्मार्ट और हैंडसम है। मेरा शौहर दुबई में काम करता अहइ और साल में दो या तीन बार ही आता है। मैं यहाँ अपनी सास और नन्द के पास रहती हूँ। मेरी सास और नन्द दोनों ही लण्ड की बहुत दीवानी है वह ग़ैर मर्दों के लण्ड की। दोनों ही भोसड़ी वाली हर रोज़ किसी न कसी से चुदवाती रहतीं हैं। अब मैं भी इनके ग्रुप में शामिल हो गयी हूँ। अब तक बेटी अपनी माँ भोसड़ा चुदवाती थी और माँ अपनी बेटी की बुर ? दोनों एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलती थीं और खूब मज़ा करती थीं। अब मैं भी आ गयी हूँ। मैं भी लण्ड की उतनी ही दीवानी हूँ जितनी की ये दोनों बल्कि कुछ ज्यादा ही।अब आजकल हम तीनो एक दूसरे की बुर में लौड़ा घुसेड़तीं हैं तो ज्यादा मज़ा आता है। आप सोंचते होंगें की इतने लौड़े आते कहा से हैं ? तो इसका सीधा जबाब यह है की हमारे कुनबे में कई लण्ड है। माईके और ससुराल में कई लण्ड हैं। नाते रिश्ते दारों में कई लण्ड हैं.आने जाने वाले भी कई लण्ड हैं। इन सबके दोस्तों के भी लण्ड हैं। नन्द की ससुराल के लण्ड हैं। इसका अलावा जब कभी हम ट्रेन से आती जातीं हैं तो वहां भी मुझे कई लण्ड मिल जातें हैं। जैसे पीने वालों की हर जगह शराब मिल जाती है वैसे ही चुदवाने वालियों को हर जगह लण्ड मिल जातें हैं। हम मुस्लिम लड़कियां तो किसी का भी लण्ड पेल लेतीं हैं अपनी बुर में चाहे वह मेरे अब्बू का लण्ड हो या भाई जान का लण्ड या फिर और किसी का लण्ड ? यहाँ तो माँ अपने जवान बेटे का भी लण्ड पेलवा लेती है अपने भोसड़ा में।
मेरे अब्बू जान ने जब नन्द की बुर में लण्ड घुसेड़ा तो वह मस्त हो गयी और अपनी गांड उचकाकर लण्ड पूरा का पूरा पेलवा लिया और मजे से चुदवाने लगी। लड़कियां अपने बाप के बराबर मर्दों से चुदवाकर कर बड़ी खुश होतीं हैं। यही हाल मेरी नन्द का भी था। वह भोसड़ी की किसी की बीवी है और बीवियों को गैर मर्दों के लण्ड से विशेष प्यार होता है। इधर मैंने भी अपने ससुर का लण्ड अपनी चूत में खुले आम पेलवा लिया। ोाक्स लौड़ा भी मेरे अब्बू ही तरह था। वह भी बहन चोद मेरी बुर को अपनी बीवी की बुर समझ कर धकाधक चोदने लगा। मैं भी मज़ा ले ले के छुड़वाने लगी और नन्द की चुदाई देखने भी लगी। तब तकज मेरी सास ने अपनी ही बेटी के मियां का लौड़ा अपने भोसड़ा में पेले हुए झमाझम चुदवाने में जुट गईं। जो लण्ड बेटी की बुर में घुसता है वही लण्ड आज उसकी अम्मी की बुर में घुसा हुआ है।
सास बोली - हाय बेटी इराना, तेरे मियां का लण्ड तो सच में बहुत मोटा है और लंबा भी। देखी न कैसे तेरी माँ का भोसड़ा चोद रहा है।
नन्द ने कहा - अरे भाभी जान तेरे अब्बू का लण्ड तो फाड़ रहा है मेरी चूत ? था की इसका इतना हक्कानी लौड़ा होगा।
मैंने कहा - तो क्या हुआ तेरा भी अब्बू मादर चोद मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है। मुझे इतनी बेरहमी से आज तक किसी और ने नहीं चोदा।
सास ने मजाक किया - बहू रानी तू बुर चोदी क्या मुझे ज्यादा अच्छी तरह चुदवा लेती है ? मेरे बारे में अपनी नन्द से पूंछो। तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
तब तक नन्द बोली - अरे भाभी जान, तेरी सास तो घोड़े गधे का भी लण्ड घुसेड़वा लेती है अपनी चूत में ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? बड़ी हरामजादा है तेरी सास का भोसड़ा और उसकी बिटिया की बुर ?
मैंने कहा - अरे मेरी नन्द रानी, मैं भी चुदवाने में बहुत बड़ी छिनार हूँ, बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ और ग़ैर मर्दों के लण्ड की गुलाम हूँ। तेरी माँ की बहू की बुर ? तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा सासू जी।
इसी तरह की बातें करती हुई हम तीनो आमने सामने चुदवाने लगीं। बीच में मैं थी। मेरी एक तरफ सास जी चुदवा रहीं थी और दूसरी तरफ नन्द रानी। मैं अपने दोनों हाथ से उन दोनों के पेल्हड़ सहला रही थी जो मेरी सास और नन्द की बुर चोद रहे थे। यानी एक हाथ में अपने अब्बू के पेल्हड़ और दूसरे हाथ से अपने नंदोई के पेल्हड़। मुझे सच में बड़ा मज़ा आ रहा था। सास और नन्द दोनो की गांड मेरे मुंह के तरफ थी। मैं उन दोनों की चूत में लण्ड आता जाता देख भी रही थी। कभी मैं नन्द के शौहर का लण्ड सास की बुर से निकाल कर चाट लेती और कभी अपने अब्बू का लण्ड नन्द की बुर से निकाल कर चाट लेती। हम तीनो को खूब मज़ा आ रहा था। यह पता लगाना मुश्किल था की किसको सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा है।
अचानक चुदाई के पार्टनर बदल गए। मेरे अब्बू जान ने लण्ड नन्द की बुर से निकाला और उसे सास के भोसड़ा में पेल दिया। अब वह मेरी सास का भोसड़ा चोदने लगा। सास को भी नया मज़ा मिलने लगा तो वह और जोर से चुदवाने लगी। उधर मेरे नन्दोई ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उसका भी लण्ड मोटा था। वह बहन चोद पहले अपनी सास का भोसड़ा चोद रहा था और अब वह मेरी बुर चोदने लगा। तब तक मेरी नन्द ने हाथ बढ़ाकर अपने ही अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। उसने लण्ड पहले चूमा चाटा और फिर उसे अपनी बुर में पेलवा लिया। वह भोसड़ी वाली अपने ही अब्बू से चुदवाने लगी। बोली हाय अब्बू जान मुझे खूब हचक हचक के चोदो। मैं बहुत चुदासी हूँ। मेरी चूत ढीली कर दो अब्बू जान। तेरा लण्ड साला बहुत ही सख्त है और अंदर तक घुस के चोट करता है। तूने अभी मेरी भाभी की बुर चोदा है अब उसकी नन्द की बुर चोदो।
मुझे तो सच में अपनी सास और नन्द के साथ चुदाई करवाने में बड़ा अक्च्छा लग रहा था। मैंने मन में कहा अगर ये ऐसा ही आगे भी होता रहे तो अच्छा है। एक दूसरे की चुदाई देखना, एक दूसरे के सामने खुल कर चुदवाना और एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलना और पेलवाना सब कुछ् बहुत ही मजेदार हो है। मुझे यह जानकार सच में बहुत ख़ुशी हुई की ऐसा तो यहाँ हर मुस्लिम घर में होता है।
एक दिन मेरी फूफी जान का बेटा नदीम आ गया। वह 22 का है और मस्त जवान लड़का है। मैंने उसका लण्ड पकड़ा जरूर है लेकिन आज तक उसे अपनी चूत में पेला नहीं है। आज उसे देख कर मेरा मन हुआ की मैं उससे सबके सामने चुदवाऊँ। मैंने उसे अपनी नन्द और सास से मिलवाया तो उनके भी मुँह में पानी आ गया। वे दोनों भी उसके लण्ड का दीदार करने के लिए बेताब हो गयीं। उधर से नन्द की खाला जान का बेटा करीम भी आ गया। वह 23 का है और बड़ा हैंडसम है। उनसे दाढ़ी नहीं रखी इसलिए बड़ा खूबसूरत लगता है। मेरी लार टपकने लगी। मैं तो उसकी भाभी जान हूँ। मेरा तो हक़ है उसके लण्ड पर। मैं जल्दी से जल्दी उसका लण्ड पकड़ कर देखना चाहती थी। तब तक सास ने कहा अरे देखो तुम लोग. मेरे देवर का लड़का आलम आया हुआ है। वह अभी 21 साल का है पर एकदम जवान मर्द हो गया है। वह किसी भी चूत के छक्के छुड़ा सकता है। रात के समय हम सब फिर उसी बिस्तर पर लेट गये जिस बिस्तर पर रात भर घमाशान चुदाई होती है और सबकी बुर अच्छी तरह चोदी जाती है।
- जब हम सब बिस्तर पर बैठे थे तो मेरी सास ने पूंछा - बेटा, करीम तुम मेरी बहन के बेटे हो और अभी 23 साल के हो ? तुमने कभी किसी की बुर चोदा है ? अगर चोदा है तो किसकी ?
- वह बोली - हां खाला जान मैंने चोदा है। सबसे पहले मैंने अपनी बड़ी बहन की बुर चोदी। उसने खुद एक दिन रात में मेरा लण्ड पकड़ लिया था। मैं भी जोश में आ गया और वह भी जोश में थीं। अम्मी जान घर पर थी नहीं बस में चोद डाला उसकी बुर। फिर मैंने अपने ह मोहल्ले की दो लड़कियों की बुर चोदी और अभी कल ही अपनी चची जान की बेटी चोद कर आ रहा हूँ।
- हाय दईया, इतनी छोटी उम्र में तूने इतनी बुर चोद डाली ? अच्छा, सच सच बताओ बेटा तूने कभी अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है ?
- हां चोदा है खाला जान। दो बार चोदा है. अम्मी ने कहा था की लड़का जब जवान हो जाता है तो मर्द हो जाता है और तब वह किसी की भी बुर चोद सकता है। वह तो अगर अपनी माँ की भी बुर चोदे तो वह भी जायज़ है। यह बात मेरे दिमाग में बैठ गयी थी. इसलिए न मुझे माँ चोदने में शर्म आयी और न मेरी अम्मी को मुझसे चुदवाने में ?
- तब तक मेरी नन्द बोली - आलम तुम भी 21 साल के हो। मर्द बन चुके हो ? क्या तूने कभी किसी की बुर ली है ?
- वह बोला - हां ली है। पहले अपनी भाभी जान की बुर चोदा फिर एक दिन उसकी बहन की बुर चोदा। अपनी फूफी का भोसड़ा भी चोदा और उसकी बेटी की बुर भी। कल मैं अपने दोस्त की बहन चोद कर आया था।
- तुमने चुदाई कहाँ से सीखी ?
- मैं जब 16 साल का हुआ तो मेरा लण्ड साला हमेशा खड़ा ही रहता था। मैं रात को छुप छुप कर सबकी चुदाई देखता था और मुठ्ठ मार कर सो जाता था। सबसे ज्यादा मैंने अपनी माँ की चुदाई देखी । वही हर दिन नए नए लोगों से चुदवाती थी। बस चुदाई देख देख कर मैं भी बुर चोदना सीख गया।
- नन्द ने ऐसा ही सवाल अपनी फूफी की बेटे नदीम से कर दिया।
- वह बोला - एक दिन रात में मेरा लण्ड मेरी फूफी ने पकड़ लिया था। वह लण्ड पकड़ते ही बोली हाय नदीम तू तो पूरा मर्द हो गया है। तेरा लण्ड बुर चोदने वाला हो गाय है। चलो आज मैं तुम्हे सिखाती हूँ की कैसे चोदी जाती है बुर ? उस दिन फूफी जान ने मुझे बुर चोदना सिखाया और उसने अपने सामने ही अपनी बेटी की बुर मुझसे चुदवाई। मैंने उसी दिन माँ का भोसड़ा भी चोदा और बेटी की बुर भी।
फिर अचानक तीनो ने इशारा किया तो आलम ने अपना लण्ड सासू के भोसड़ा से निकाल कर मेरी चूत में ठोंक दिया और करीम ने मेरी चूत से लण्ड निकाल कर नन्द की बुर में पेल दिया और नदीम ने नन्द की बुर से लण्ड निकाल कर उसकी अम्मी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। हम तीनो की बुर चोदने वाले लण्ड बदल गए तो मज़ा दूना हो गया।
अब तो मुझे अपनी सास और नन्द के साथ साथ चुदवाने में ज्यादा मज़ा आने लगा। अब तो जो भी मरद हमारे घर में आता हम तीनो उससे चुदवाकर करके ही उसे वापस जाने देती। जब तक वह हम तीनो की बुर चोद नहीं देता तब तक हम उसे जाने नहीं देतीं थीं।
=०=०=०=०=० समाप्त
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