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मेरी माँ चोदने वाले से मेरा निकाह - Meri Maa chodne wale se meri shadi
मेरी माँ चोदने वाले से मेरा निकाह - Meri Maa chodne wale se meri shadi , लड़की की सुहागरात के दिन उसकी माँ की चुदाई , माँ बेटी की एक लंड से चूत बुर गांड की दनादन चुदाई , लंड टनाटन चुदाई दनादन , सास और बीवी दोनों के साथ मनाई सुहागरात.
जो मेरे सामने मेरी माँ चोदता था, मेरी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलता था उसी से मेरा निकाह हो गया. मेरी माँ चोदने वाला मेरा शौहर बन गया। इसीलिए मैंने अपने सामने अपनी सुहागरात में अपनी माँ का भोसड़ा भी अपने शौहर से चुदवाया । ऐसा हमारे समाज में अक्सर होता है।
मेरा नाम रुबिका लियाकत है. मैं २४ साल की हूँ और मेरी अम्मी जान ४४ साल की। मैं जब जवान हुई तो मेरे अंदर सेक्स कूट कूट कर भर गया था। जवान होते ही मुझे लण्ड की तलब लगने लगी थी । सबसे पहले मैंने अपने मामू जान का लण्ड पकड़ा। मैं उस समय २१ साल की थी। वह मुझसे ५ साल बड़ा था। मैं अपने आपको उसके नजदीक पाती थी और एक दिन ऊपर छत पर मैं कपड़े सुखाने गई थी। मेरे पीछे पीछे मेरा मामू जान भी आ गया। वह अक्सर मुझे देखा करता था और मेरी चूँचियों पर नज़रें गड़ाये रहता था। मेरी चूँचियाँ वख्त से पहले ही बड़ी बड़ी हो गयीं थीं।
उनकी बातें सुनकर मेरी चूत में आग लग गयी और मैंने फिर जल्दी ही किसी से चुदवाने का मन बना लिया। बस दूसरे ही दिन मामू के साथ यह वाकिया हो गया। मैंने मामू जान का लण्ड चूमा उसका सुपाड़ा चाटा और अपनी चूँचियाँ खोल दीं तो उसे एहसास हो गया की अब रुबिका मुझसे अच्छी तरह चुदवा लेगी। मैं गरम होने लगी और मेरी चूत एकदम से चुदासी हो गयी। मैंने उसके लण्ड लण्ड से खेल रही थी। तभी उसने मुझे नंगी कर दिया। मैंने जैसे ही नंगी हुई वैसे ही वह बोला बाप रे बाप तेरी इतनी बड़ी बड़ी झांटें ? इतनी काली काली और घनी घनी झांटें ? तू तो सच में बहुत मस्त जवान हो गयी है रुबिका। आज तो मैं तेरी चूत में लण्ड पेल कर ही दम लूंगा। मैं भी मन ही मन लण्ड पलवाने के लिए राज़ी हो गयी थी. मैं भी उससे अपनी अम्मी जान की तरह चुदवाना चाहती थी। मैंने उसका लण्ड मुंह में पूरा भर कर चूसने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा।
कुछ देर तक यूं ही चलता रहा और फिर वह घूम गया और लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। उसने गचाक से एक धक्का मारा तो लण्ड मेरी चूत में गचाक से पूरा घुस गया और मैं चिल्ला पड़ी। मुझे दर्द हुआ था। फिर मैं बोली भोसड़ी के मामू जान तुझे अपनी बहन की बेटी चोदने मे शर्म नहीं आती ? वह बोला अरे मुझे जब अपनी बहन की बुर चोदने मे कोई शर्म नहीं आती तो फिर उसकी बेटी की बुर चोदने में शर्म क्यों आये ? हमारे यहाँ तो शर्माने की कोई गुंजाईस ही नहीं। सब लोग सबकी बुर चोदते हैं। तू कब तक बचेगी भोसड़ी वाली। अभी देखना तेरे घर के लोग ही तेरी बुर चोदेंगें। मैंने मन में कहा तो फिर चोदे न ? देर क्यों कर रहे हैं मादर चोद ? मैं तो चुदने के लिए तैयार बैठी हूँ। ऐसा सोंच कर मैं उससे धकाधक चुदवाने लगी। उस दिन मुझे मालूम हुआ की चुदवाने में कितना मज़ा आता है। मैंने सोंच लिया की अब मैं रुकूंगी नहीं, सबसे चुदवाऊंगी। इस तरह वह मुझे आधे घंटे तक चोदता रहा फिर वह भी झड़ गया और मैं भी।
एक दिन मैंने अम्मी को फिर मैंने चचा जान से चुदवाते हुए देखा। रात के १२ बजे थे। मैंने जब अम्मी के कमरे में देखा तो मालूम हुआ की मेरा चचाजान अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है। बस मैं फिर नहीं रुकी घुस गयी। मुझे न अम्मी ने देखा और न चचा जान। वो दोनों चुदाई में मसगूल थे। और मैं खड़ी खड़ी उनकी चुदाई देख रही थी। अचानक अम्मी जान में मुझे देखा तो बोली अरे रुबिका तू यहाँ क्या कर रही है ? तू अपने कमरे में जा ? मैंने कहा मैं नहीं जाऊंगी। वह बोला बेटी यहाँ रहना तेरा काम नहीं है। मैंने कहा काम की माँ का भोसड़ा, अम्मी जान ? अब मैं बच्ची नहीं हूँ। जवान हो गयी हूँ सब जानते हूँ। मैं तो तेरी चुदाई पूरी देखूंगी और फिर मैं भी चुदवाऊंगी। मेरी भी चूत है, और मेरी चूत की आग तेरी चूत की आग से ज्यादा गरम है, अम्मी जान। तब अम्मी ने कहा हाय मेरे देवर राजा सच में अब ये मानेगी नहीं ? तो फिर पेल दो न लण्ड इस बुर चोदी की बुर में ? अब तो मैं भी कहती हूँ की तुम चोद डालो मेरे सामने मेरी बिटिया की बुर ? उस रात मैंने अपने चचा जान से खूब जम कर चुदवाया और दो बार चुदवाया।
एक दिन तो गज़ब ही हो गया। मैंने रात में देखा की मेरी अम्मी जान मेरे चचा जान के बेटे का लण्ड चाट रही हैं। वही चचा जान जिनसे अम्मी जान चुदवाती है और मैं भी चुदवा चुकी हूँ. उसका नाम फवाद है और वह मेरा भाई जान है। मैंने मन में कहा अम्मी जान भी महान हैं। बाप से भी चुदवाती है और बेटे से भी। मैंने देखा की उसके बेटे का लण्ड भी बड़ा मोटा तगड़ा है। लण्ड देख कर तो मैं भी ललचा गयी और फिर मैं अम्मी के पास पहुंची गयी। अम्मी ने कहा अच्छा तो तू मुझे अब चैन से चुदवाने नहीं देगी ? जो लण्ड मैं अपनी चूत में पेलने के लिए लाती हूँ वो लण्ड तू मुझसे छीन लेती है। मैंने कहा अरे अम्मी जान अभी तो छीना नहीं है पर छीन जरूर लूंगी। ये अगर तुम्हे चोदेगा तो फिर मुझे भी चोदेगा ? मैं इसे बिना चोदे जाने नहीं दूँगी।
मुझे फवाद से चुदवाने में खूब मज़ा आया। उसने पहले मेरे सामने मेरी माँ चोदी और फिर मेरी माँ के सामने मुझे चोदा। अब ये दोनों बाप बेटे अकसर हम दोनों माँ बेटी को बड़े मजे से चोदने लगे. कभी बाप हम दोनों को चोद के चला जाता और कभी उसका बेटा। इस तरह मेरा काँटा भालू जान से भिड़ गया। वह भी मेरी माँ का भोसड़ा चोदता था और फिर मेरी भी बुर चोदने लगा। उसका बेटा भी मेरी उम्र का ही है। एक दिन मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया और खूब मजे से चुदवाया। और दूसरे ही दिन उसका लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेल दिया। अब वे दोनों भी मुझे और मेरी माँ चोदने लगे। कभी बाप मुझे चोद कर जाता तो कभी उसका बेटा। कभी उसका बेटा मेरी माँ चोदता तो कभी उसका बाप मेरी माँ चोद कर जाता। इस तरह मुझे तो ज़िन्दगी का मज़ा आने लगा। मैं जवानी का मज़ा बड़ी बेबाकी से लूटने लगी।
एक दिन मुझे सुनाई पड़ा की मेरा निकाह मेरे चचा जान के बेटे से हो रहा है। यानी फवाद भाई जान से हो रहा है। मैं थोड़ा हैरान हुई की जो अभी तक मेरा भाई जान है , वह कल मेरा शौहर हो जायेगा। मेरा चचा जान मेरा ससुर और उसकी बेटी जो अभी तक मेरी बहन है कल मेरी नन्द हो जाएगी बुर चोदी। मेरी चची जान मेरी सास बन जाएगी। उसकी जेठानी यानी मेरी अम्मी जान भी मेरी सास बन जाएगी। वैसे ऐसा तो हमारे समाज में होता ही रहता है। पर सबसे बड़ी बात यह है की जो कल तक मेरी माँ का भोसड़ा चोदता था, वही कल मेरा शौहर हो जायेगा ? मैं बड़ी उत्सुक भी थी और मन में बड़ी हल चल भी मची हुई थी। अब मैं तो अपंने होने वाले शौहर से चुदवा चुकी हूँ. वह मेरी अम्मी का भोसड़ा भी चोदता है। मैं अपने होने वाले ससुर का लण्ड भी पेल चुकी हूँ अपनी चूत में।
मैं ये सब अपनी अम्मी को बताया। तो वह बोली अरी मेरी बुर चोदी रुबिका ये तो अच्छा हुआ की तुझे तेरे होने वाले शौहर ने चोद लिया। तूने आपने होने वाले ससुर से चुदवा लिया। अगर तू इन लोगों से अपनी शादी के पहले नहीं चुदवाती तो शादी के बाद चुदवाती। तुझे चुदवाना तो था ही। तुझे इन लोगों के लण्ड का मज़ा तो लेना था ही। तेरे साथ मुझे भी लेना था। मैंने कहा मजाक में कहा तो फिर मैं अपनी सुहागरात में तेरा भोसड़ा चुदवाऊंगी मेरी बुर चोदी अम्मी जान।
मेरा जब निकाह हुआ तो घर में रौनक आ गयी। सुहागरात के ठीक पहले मेरा साथ मेरी अम्मी, मेरी सास, मेरी नन्द, मेरी भाभी जान और मेरी जेठानी बैठी थीं और बातें भी खूब अशलील और गन्दी गन्दी हो रहीं थीं।
अंदर मेरी सुहागरात चल रही थी और बाहर इन सब बुर चोदियों की सुहागरात ? मैं भी कुछ देर तक इन सबकी चुदाई देखती रहीं। अम्मी की चुदाई ख़तम हुई तो मैं उसे लेकर अपने कमरे में आ गयी। मैंने दूसरी चुदाई में अपने मियां का लण्ड अम्मी के भोसड़ा में घुसा दिया और अजमल का लण्ड उसके मुंह में। अम्मी दो दो लण्ड का मज़ा लेने लगीं। तभी मेरी नन्द ने अपने मियां का लण्ड मेरे मुंह में पेल दिया और बोली हाय मेरी भाभी जान अब तुम मेरे मियां के साथ सुहागरात मनाओ और मैं यहीं तेरे सामने तेरे मियां का यानी अपने भाई जान का लण्ड अपनी बुर में पेलूँगी। मैं भी मस्त हो गयी उसकी बातों से। फिर हम सबने मिलकर सुहागरात का मज़ा लूटा।
०=०=०=०=०= समाप्त
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- वह मेरे नजदीक आया और बोला - रुबिका तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हो।
- मैंने कहा - अच्छा, तो क्या करोगे अगर मैं तुम्हे खूबसूरत लग रही हूँ।
- वह साला एकदम से बोल पड़ा - चोदूंगा मैं तुझे।
- मैंने कहा - चल हट तू क्या मुझे चोदेगा ? मैं मन ही मन खुश भी हो रही थी।
- वह बोला - देखो रुबिका मैं जवान हूँ तुम भी जवान हो। हमारे समाज में जवान होने पर लड़का चोदने लगता है और लड़कियां चुदवाने लगतीं हैं।
- मैं अभी जवान नहीं हूँ। मैं क्यों चुदवाऊँ ?
- जवानी तेरी इन चूँचियों में दिख रही है पगली। और नीचे तेरी झांटें भी आ गईं हैं चूत में। अगर तू जवान नहीं है तो चल दिखा अपनी चूत। अगर झांटें नहीं होंगीं तो मैं मान लूंगा की तू अभी जवान नहीं हई है। और अगर हुई तो मैं फिर मैं चोदूंगा तुझे ।
- मेरी तो सच में घनी घनी काली काली झांटें आ गईं थीं मैंने कहा - मैं नहीं दिखाती तुम्हें अपनी झांटें ? चल हट मुझे जाने दे।
- तो फिर मैं किसी दिन तेरी माँ चोद दूंगा।
- मेरी माँ तेरी बहन है, बुर चोदी । तू जा अपनी बहन की बुर चोद और अच्छी तरह चोद । मुझे क्या ? मुझे छोड़ दे। मैं जा रही हूँ।
- मैं नहीं छोडूंगा। बिना तेरी चूत देखे और चूत पर झांटें देखे मैं तुझे नहीं छोडूंगा।
- उसने मुझे पकड़ लिया और मैं भी उसके बदन से चिपक गयी। वह बोला यार अब नखरे न दिखा चुपचाप पकड़ ले मेरा लण्ड। उसने दरवाजा बंद किया, अपने सभी कपड़े खोल कर एकदम नंगा हो गया और अपना खड़ा लण्ड मुझे पकड़ा दिया।
उनकी बातें सुनकर मेरी चूत में आग लग गयी और मैंने फिर जल्दी ही किसी से चुदवाने का मन बना लिया। बस दूसरे ही दिन मामू के साथ यह वाकिया हो गया। मैंने मामू जान का लण्ड चूमा उसका सुपाड़ा चाटा और अपनी चूँचियाँ खोल दीं तो उसे एहसास हो गया की अब रुबिका मुझसे अच्छी तरह चुदवा लेगी। मैं गरम होने लगी और मेरी चूत एकदम से चुदासी हो गयी। मैंने उसके लण्ड लण्ड से खेल रही थी। तभी उसने मुझे नंगी कर दिया। मैंने जैसे ही नंगी हुई वैसे ही वह बोला बाप रे बाप तेरी इतनी बड़ी बड़ी झांटें ? इतनी काली काली और घनी घनी झांटें ? तू तो सच में बहुत मस्त जवान हो गयी है रुबिका। आज तो मैं तेरी चूत में लण्ड पेल कर ही दम लूंगा। मैं भी मन ही मन लण्ड पलवाने के लिए राज़ी हो गयी थी. मैं भी उससे अपनी अम्मी जान की तरह चुदवाना चाहती थी। मैंने उसका लण्ड मुंह में पूरा भर कर चूसने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा।
कुछ देर तक यूं ही चलता रहा और फिर वह घूम गया और लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। उसने गचाक से एक धक्का मारा तो लण्ड मेरी चूत में गचाक से पूरा घुस गया और मैं चिल्ला पड़ी। मुझे दर्द हुआ था। फिर मैं बोली भोसड़ी के मामू जान तुझे अपनी बहन की बेटी चोदने मे शर्म नहीं आती ? वह बोला अरे मुझे जब अपनी बहन की बुर चोदने मे कोई शर्म नहीं आती तो फिर उसकी बेटी की बुर चोदने में शर्म क्यों आये ? हमारे यहाँ तो शर्माने की कोई गुंजाईस ही नहीं। सब लोग सबकी बुर चोदते हैं। तू कब तक बचेगी भोसड़ी वाली। अभी देखना तेरे घर के लोग ही तेरी बुर चोदेंगें। मैंने मन में कहा तो फिर चोदे न ? देर क्यों कर रहे हैं मादर चोद ? मैं तो चुदने के लिए तैयार बैठी हूँ। ऐसा सोंच कर मैं उससे धकाधक चुदवाने लगी। उस दिन मुझे मालूम हुआ की चुदवाने में कितना मज़ा आता है। मैंने सोंच लिया की अब मैं रुकूंगी नहीं, सबसे चुदवाऊंगी। इस तरह वह मुझे आधे घंटे तक चोदता रहा फिर वह भी झड़ गया और मैं भी।
एक दिन मैंने अम्मी को फिर मैंने चचा जान से चुदवाते हुए देखा। रात के १२ बजे थे। मैंने जब अम्मी के कमरे में देखा तो मालूम हुआ की मेरा चचाजान अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है। बस मैं फिर नहीं रुकी घुस गयी। मुझे न अम्मी ने देखा और न चचा जान। वो दोनों चुदाई में मसगूल थे। और मैं खड़ी खड़ी उनकी चुदाई देख रही थी। अचानक अम्मी जान में मुझे देखा तो बोली अरे रुबिका तू यहाँ क्या कर रही है ? तू अपने कमरे में जा ? मैंने कहा मैं नहीं जाऊंगी। वह बोला बेटी यहाँ रहना तेरा काम नहीं है। मैंने कहा काम की माँ का भोसड़ा, अम्मी जान ? अब मैं बच्ची नहीं हूँ। जवान हो गयी हूँ सब जानते हूँ। मैं तो तेरी चुदाई पूरी देखूंगी और फिर मैं भी चुदवाऊंगी। मेरी भी चूत है, और मेरी चूत की आग तेरी चूत की आग से ज्यादा गरम है, अम्मी जान। तब अम्मी ने कहा हाय मेरे देवर राजा सच में अब ये मानेगी नहीं ? तो फिर पेल दो न लण्ड इस बुर चोदी की बुर में ? अब तो मैं भी कहती हूँ की तुम चोद डालो मेरे सामने मेरी बिटिया की बुर ? उस रात मैंने अपने चचा जान से खूब जम कर चुदवाया और दो बार चुदवाया।
एक दिन तो गज़ब ही हो गया। मैंने रात में देखा की मेरी अम्मी जान मेरे चचा जान के बेटे का लण्ड चाट रही हैं। वही चचा जान जिनसे अम्मी जान चुदवाती है और मैं भी चुदवा चुकी हूँ. उसका नाम फवाद है और वह मेरा भाई जान है। मैंने मन में कहा अम्मी जान भी महान हैं। बाप से भी चुदवाती है और बेटे से भी। मैंने देखा की उसके बेटे का लण्ड भी बड़ा मोटा तगड़ा है। लण्ड देख कर तो मैं भी ललचा गयी और फिर मैं अम्मी के पास पहुंची गयी। अम्मी ने कहा अच्छा तो तू मुझे अब चैन से चुदवाने नहीं देगी ? जो लण्ड मैं अपनी चूत में पेलने के लिए लाती हूँ वो लण्ड तू मुझसे छीन लेती है। मैंने कहा अरे अम्मी जान अभी तो छीना नहीं है पर छीन जरूर लूंगी। ये अगर तुम्हे चोदेगा तो फिर मुझे भी चोदेगा ? मैं इसे बिना चोदे जाने नहीं दूँगी।
मुझे फवाद से चुदवाने में खूब मज़ा आया। उसने पहले मेरे सामने मेरी माँ चोदी और फिर मेरी माँ के सामने मुझे चोदा। अब ये दोनों बाप बेटे अकसर हम दोनों माँ बेटी को बड़े मजे से चोदने लगे. कभी बाप हम दोनों को चोद के चला जाता और कभी उसका बेटा। इस तरह मेरा काँटा भालू जान से भिड़ गया। वह भी मेरी माँ का भोसड़ा चोदता था और फिर मेरी भी बुर चोदने लगा। उसका बेटा भी मेरी उम्र का ही है। एक दिन मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया और खूब मजे से चुदवाया। और दूसरे ही दिन उसका लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेल दिया। अब वे दोनों भी मुझे और मेरी माँ चोदने लगे। कभी बाप मुझे चोद कर जाता तो कभी उसका बेटा। कभी उसका बेटा मेरी माँ चोदता तो कभी उसका बाप मेरी माँ चोद कर जाता। इस तरह मुझे तो ज़िन्दगी का मज़ा आने लगा। मैं जवानी का मज़ा बड़ी बेबाकी से लूटने लगी।
एक दिन मुझे सुनाई पड़ा की मेरा निकाह मेरे चचा जान के बेटे से हो रहा है। यानी फवाद भाई जान से हो रहा है। मैं थोड़ा हैरान हुई की जो अभी तक मेरा भाई जान है , वह कल मेरा शौहर हो जायेगा। मेरा चचा जान मेरा ससुर और उसकी बेटी जो अभी तक मेरी बहन है कल मेरी नन्द हो जाएगी बुर चोदी। मेरी चची जान मेरी सास बन जाएगी। उसकी जेठानी यानी मेरी अम्मी जान भी मेरी सास बन जाएगी। वैसे ऐसा तो हमारे समाज में होता ही रहता है। पर सबसे बड़ी बात यह है की जो कल तक मेरी माँ का भोसड़ा चोदता था, वही कल मेरा शौहर हो जायेगा ? मैं बड़ी उत्सुक भी थी और मन में बड़ी हल चल भी मची हुई थी। अब मैं तो अपंने होने वाले शौहर से चुदवा चुकी हूँ. वह मेरी अम्मी का भोसड़ा भी चोदता है। मैं अपने होने वाले ससुर का लण्ड भी पेल चुकी हूँ अपनी चूत में।
मैं ये सब अपनी अम्मी को बताया। तो वह बोली अरी मेरी बुर चोदी रुबिका ये तो अच्छा हुआ की तुझे तेरे होने वाले शौहर ने चोद लिया। तूने आपने होने वाले ससुर से चुदवा लिया। अगर तू इन लोगों से अपनी शादी के पहले नहीं चुदवाती तो शादी के बाद चुदवाती। तुझे चुदवाना तो था ही। तुझे इन लोगों के लण्ड का मज़ा तो लेना था ही। तेरे साथ मुझे भी लेना था। मैंने कहा मजाक में कहा तो फिर मैं अपनी सुहागरात में तेरा भोसड़ा चुदवाऊंगी मेरी बुर चोदी अम्मी जान।
मेरा जब निकाह हुआ तो घर में रौनक आ गयी। सुहागरात के ठीक पहले मेरा साथ मेरी अम्मी, मेरी सास, मेरी नन्द, मेरी भाभी जान और मेरी जेठानी बैठी थीं और बातें भी खूब अशलील और गन्दी गन्दी हो रहीं थीं।
- मेरी चची जान जो मेरी सास बन गई, बोली - रुबिका अब तू मेरी बहू हो गई है। अब तो तुझे मेरे हुकुम के मुताबिक ही काम करना पडेगा।
- मैंने कहा - हां सासू जी, मैं काम तो जरूर करूंगी लेकिन तेरी मैं अपनी सास की गांड भी मारूंगी।
- नन्द बोली - गांड तो मैं तेरी मारूंगी मेरी भाभी जान ?
- मैंने कहा - अरे तेरी तो मैं बुर चोदूँगी वह भी तेरी माँ के सामने। बड़े बड़े घोड़े के लण्ड जैसे लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी।
- मेरी भाभी जान ने कहा - रुबिका तू मेरे सामने अपनी जेठानी की बुर में लण्ड पेलना तब मुझे मज़ा आएगा।
- उधर से अम्मी ने कहा - बेटी रुबिका, तेरी सास की जेठानी का भोसड़ा ( अम्मी ने अपने भोसड़ा की तरफ इशारा किया )
- मेरी सास ने जबाब दिया - तेरी बहू की सास की बिटिया की बुर जेठानी जी।
- मेरी नन्द बोली - भाभी जान, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
- सास ने फिर कहा - बहू रानी, तेरी सास की बिटिया की बुर।
अंदर मेरी सुहागरात चल रही थी और बाहर इन सब बुर चोदियों की सुहागरात ? मैं भी कुछ देर तक इन सबकी चुदाई देखती रहीं। अम्मी की चुदाई ख़तम हुई तो मैं उसे लेकर अपने कमरे में आ गयी। मैंने दूसरी चुदाई में अपने मियां का लण्ड अम्मी के भोसड़ा में घुसा दिया और अजमल का लण्ड उसके मुंह में। अम्मी दो दो लण्ड का मज़ा लेने लगीं। तभी मेरी नन्द ने अपने मियां का लण्ड मेरे मुंह में पेल दिया और बोली हाय मेरी भाभी जान अब तुम मेरे मियां के साथ सुहागरात मनाओ और मैं यहीं तेरे सामने तेरे मियां का यानी अपने भाई जान का लण्ड अपनी बुर में पेलूँगी। मैं भी मस्त हो गयी उसकी बातों से। फिर हम सबने मिलकर सुहागरात का मज़ा लूटा।
०=०=०=०=०= समाप्त
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