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बेटी की चुदी चूत माँ की चुदी गांड - Beti ki chut aur Maa ki gand ki ek sath chudai
बेटी की चुदी चूत माँ की चुदी गांड - Beti ki chut aur Maa ki gand ki ek sath chudai , माँ बेटी की चुदाई , माँ और बेटी साथ में चुदवाई , चूत बुर और गांड को चाहिए थे लंड , बेटी ने खुद अपनी माँ चुदाई करवाई.
यह उन दिनों की बात है जब मेरा निकाह तय हो गया था। मैं किसी की बीवी बनने वाली थी। अम्मी जान चाहती थी की मुझमें वो सारे गुण होने चाहिए जो एक नेक बीवी में होतें हैं। सभी गुणों में सबसे अच्छा गुण होता है अपने शौहर से अच्छी तरह चुदवाना। उसके लण्ड के साथ मस्ती से खेलना, लण्ड मुंह में लेना, अपनी चूत में पेलना और फिर बुर में पेल कर हचक हचक के चुदवाना। जो बीवी ये सब कर लेती है वो एक अच्छी बीवी कहलाती है और जो नहीं कर पाती उसे कोई पूंछता ही नहीं। इसके साथ साथ अम्मी चाहती थी की मैं बोल्ड भी हो जाऊं। गालियां भी देना अच्छी तरह सीख जाऊं और बड़ी बेशर्मी से अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाने लगूं। जो लड़कियां खुले आम गालियां देतीं हैं और अपनी माँ का भोसड़ा चुदवातीं हैं वही तो बोल्ड कहलातीं हैं । अब अम्मी जान यह जानना चाहती की मैं ये सब कर सकती हूँ की नहीं ?
मेरा नाम अनारा है। मैं २३ साल की हूँ। मैं वो सब जानती हूँ जो अपने ऊपर पढ़ा। यानी मैं एक अच्छी बीवी बनने के सारे गुण हांसिल कर चुकी हूँ। हां बस दो गुण बाकी हैं। अम्मी के सामने गालियां देना, उससे गालियों से बात करना और दूसरा अम्मी जान के भोसड़ा में लण्ड पेलना और माँ चुदाना। मुझे अम्मी की हसरत मालूम हो गयी थी तो मैंने ठान लिया की अब मैं ये दोनों बातें भी अम्मी को करके दिखा दूँगी। जब अम्मी की चूत में लण्ड पेलना शुरू करूंगी तो इतने लण्ड पेलूँगी की उसकी चूत फटे चाहे न फटे लेकिन गांड जरूर फट जाएगी। गालियां तो दे दे के उसकी गांड में दम कर दूँगी मैं। मुझे एक दिन मौक़ा मिला। मैंने देखा की मेरी अम्मी जान मेरे पास ही बैठी हुई हैं। लेकिन मैंने ऐसा बर्ताव किया की जैसे वह है ही नहीं।मैं घर में अकेली ही हूँ। बस मैंने अपनी सहेली को फोन लगा दिया और स्पीकर ऑन कर दिया। मैं उससे बात करने लगी।
मैंने कहा - यार सफीका ये बता की तेरा भाई जान कहाँ हैं ? ,,,,, वह यहीं घर में ही है,,,,,,, यार तू उसे कल मेरे पास भेज देना ,,,,,, ऐसा क्या हो गया की तुझे मेरे भाई जान की जरुरत है ,,,,,,,,,,, यार तुझे तो मालूम है की मुझे तेरे भाई जान का लौड़ा बहुत पसंद है। मैं उससे चुदवाकर मस्त हो जाती हूँ ,,,,,,,,,,,,,, तो फिर आ जा न और चुदवा ले मेरे सामने मेरे भाई जान से। मैं यही घर पर हूँ ,,,,,,,,,,,नहीं यार मुझे अपनी बुर नहीं चुदवानी है ,. मुझे कल अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाना है। मैं अपने हाथ से उसका लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। ,,,,,,,, अगर ऐसा है तो फिर दो लण्ड पेलो न उसके भोसड़ा में एक से क्या होगा। मैं भी दो दो लण्ड पेलती हूँ अपनी माँ की चूत में। अच्छा लो तुम उसी से बात कर लो ,,,,,, जी भाई जान तुम कल मेरे घर आकर मेरी माँ चोदो ,,,,,, अच्छा ये बताओ अनारा क्या मैं अपने चचा जान को भी ले आऊं ? ,,,,,,,, हां ले आओ पर उसे लाने का कोई ख़ास मकसद ,,,,,, यार वह मेरी ही उम्र का है। वह मेरा चचा जान कम दोस्त ज्यादा है ,,,,,,,, अच्छा ले आओ पर क्या वह मेरी माँ चोदने के लिए तैयार हो जायेगा ? ,,,,,,,, हां बिलकुल हो जायेगा। वह तो मेरी बीवी बड़े मजे से चोदता है। मेरी बहन की बुर लेता है और मेरी माँ भी चोदता है क्योंकि वह उसकी भाभी जान है। भाभी की बुर देवर नहीं चोदेगा तो कौन चोदेगा ? ,,,,,,,,,,, हाय दईया तब तो बड़ा मज़ा आएगा।
बात ख़तम हुई तो मैंने मुड़ कर देखा की मेरी अम्मी जान सब कुछ सुन रहीं थीं। वह मुझे देख कर मुस्कराई और मेरे गाल नोच कर बोली मुझे नहीं मालूम था की तू भोसड़ी की अब वाकई पूरी जवान हो चुकी है। तेरी माँ की चूत बेटी अनारा। अब मैं तेरा निकाह अच्छी तरह कर सकूंगी।
दूसरे दिन सवेरे सवेरे मैंने अपने बॉय फ्रेंड से बात की। मैंने कहा यार सरवर तुम आज अभी मेरे घर आ जाओ। वह बोला यार अनारा काम तो बताओ ? मैंने कहा नहीं मैं काम तुम्हे तभी बताऊंगी जब तुम मेरे घर आ जाओगे तब बताऊंगी। उसने कहा ठीक है मैं एक घंटे में पहुँच जाऊंगा। वह जब आया तो मैं उसे अपने कमरे में ले गई और उसे अपने दिल की बात उसका लण्ड ऊपर से दबाते हुए साफ़ साफ़ कह दी। मैंने साफ साफ़ कहा यार आज तुम मेरे सामने मेरी माँ का भोसड़ा चोदो। याद है तुमने एक दिन कहा था की मैं अपनी माँ भी भोसड़ा चोदता हूँ। तो आज तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदोगे । तुम्हे कोई शर्म तो नहीं आएगी ? वह बोला अगर तेरी अम्मी ने प्यार से मेरा लण्ड पकड़ लिया तो फिर मुझे शर्म नहीं आएगी। मैं जरूर चोदूंगा उसे।
एक बात सुन लो अनारा जो भी लड़की या औरत मेरा लण्ड बड़े प्यार से पकड़ लेती है मैं उसे बड़ी मस्ती से चोदता हूँ वह चाहे जो भी हो ? मेरी अम्मी जान ने भी रात में एक दिन मेरा खड़ा लण्ड पकड़ लिया तो फिर मैंने उसे भी चोदा और उसने भी मुझसे अच्छी तरह चुदवाया। फिर अम्मी ने यह कह कर मेरी शर्म ख़तम कर दी की हमारे समाज में जवान लड़का अपनी माँ का भोसड़ा चोद सकता है और ऐसी चुदाई जायज़ मानी जाती है। तबसे मैं अम्मी को खुले आम चोदने लगा। यह सुन कर मैं भी खुश हो गयी और सोंचने लगी की जब बेटा अपनी माँ चोद सकता है तो फिर बेटी तो जरूर अपनी माँ चोद सकती है।
मैंने उसे फ़ौरन नंगा कर दिया और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। सर्वर को मैंने पूरा नंगा कर रखा था और मैं भी मादर चोद नंगी थी। मुझे लण्ड से बहुत [यार है और मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ अम्मी को शायद इस बात का पता नहीं है। मैं लण्ड और पेल्हड़ की नश नश से परिचित हूँ। सर्वर का लण्ड मुझे बहुत पसंद है और इसे कई बार अपनी चूत में घुसा चुकी हु ार मुंह में तो उससे भी ज्यादा बार। लण्ड जब पूरी तरह खड़ा हो गया तो मैंने एमी को आवाज़ दी। वह आ गई। मुझे ऐसी स्थिति में देख कर वह हैरान हो गईं और मुसकराभी पड़ीं। फिर उसकी नज़र खड़े लण्ड पर पड़ी तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। लण्ड पकड़ा लिया और उसे मस्ती चूम कर कहा - हाय दईया, हाय रब्बा इतना बड़ा और मोटा लण्ड ? देखो न कैसे फनफना रहा है ये मस्ताना लौड़ा। बेटी अनारा, ये लौड़ा तो तेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ देगा। मैंने मुस्कराकर कहा ये लौड़ा मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ने ही आया है।
अम्मी को ऐसे जबाब की उम्मीद नहीं थी। मैंने लण्ड पर उसके साथ हाथ लगाकर कहा अम्मी जान ये लौड़ा मैं अपने हाथ से तेरे भोसड़ा में पेलूँगी और ये साबित कर दूँगी की मैं निकाह करने के लिए पूरी तरह तैयार हो गयी हूँ। अब मैं लण्ड अच्छी तरह इस्तेमाल कर सकती हूँ और लण्ड की हर हरकत से वाकिफ़ हूँ। मैंने ऐसा कह कर लण्ड अम्मी के मुंह में पेल दिया और फिर उसके कपड़े उतार कर उसको भी अपनी तरह नंगी कर दिया।मैंने देखा की अम्मी का भोसड़ा एकदम से बहुत गरम हो गया। हालांकि अम्मी अब भी लण्ड मुंह में लिए हुए चूस रहीं थीं। उधर सरवर लण्ड भी अम्मी के पकड़ने से जबरदस्त तौर पर खड़ा हो गया और सख्त हो गया। मैंने मौक़ा देखा और अम्मी के भोसड़ा पे रख दिया। सर्वर ने एक धक्का मारा तो लण्ड सट्ट से अंदर पूरा घुस गया और वह भी एक मंजे हुए चुदाई का खिलाड़ी की तरह चोदने लगा। वह मुस्काराकर बोला की देखो अनारा मैं तेरी माँ चोद रहा हूँ और अब मैं हमेशा कहूंगा की मैंने तेरी माँ चोदी है.
मैं उसके पेल्हड़ सहलाने लगी और अम्मी की जाँघों पर भी हाथ फिराने लगी। अम्मी बोली हाय बेटी अनारा तेरे दोस्त का लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा है। मैं तो ऐसे लौंड़ों से खूब चुदवाती हूँ। सरवर धकाधक चोदे चला जा रही था और मैं अपनी माँ चुदवाती चली जा रही थी। मेरी मंसा थी की मैं लण्ड अम्मी की गांड में घुसा दूँ। मैंने अभी तक किसी की गांड नहीं मारी आज मेरा मन गांड मारने का हो गया। तो मैंने सर्वर को इशारा किया और काह यार अब तुम पीछे से चोदो। उसने पीछे लण्ड भोसड़ा में पेला और चोदने लगा। मैंने धीरे से लण्ड ऊपर खसका दिया तो वह गच्च अम्मी की गांड में घुस गया। अम्मी बोली हाय रे अब क्या तू मेरी गांड मारेगा बेटा सरवर। वह बोली अरे आंटी जी ये तो लण्ड है। इसे जहाँ जगह मिलती है वहीँ घुस जाता है। अम्मी की गांड चुदने लगी तो मुझे बड़ा मज़ा आया। मैंने मन में सोंच लिया की मैं इसी तरह अपनी सास का भोसड़ा भी चोदूँगी। और उसी के सामने अपनी नन्द की बुर भी चोदूँगी।
अम्मी को मज़ा आया तो वह मस्ती से बोली - हाय मेरी बुर चोदी अनारा, भोसड़ी की तुझे अपनी माँ चुदाने में कोई शर्म नहीं आती ? अपने हाथ से घुसा रही है लण्ड तू मेरी चूत में ? तेरी माँ की चूत तेरी बहन का लण्ड ?
मैंने कहा - अरे मेरी बुर चोदी अम्मी जान. मैं तो बस यह बता रही हूँ की मैं लण्ड घुसना भी जानती हूँ और लण्ड घुसवाना भी जानती हूँ। तेरी बहन का भोसड़ा अम्मी जान तेरी बिटिया की बुर। एक दिन रात में मेरे घर में कई लोग आ गए। मेरी फूफी ताहिरा और उसका मियां तौफीक। फूफी की बेटी लैला भी अपने मियां हनीफ के साथ आ गयी। मेरा अब्बू इन सबसे मिलकर बड़ा खुश हुआ। उधर मेरा भाई जान शब्बीर तो था ही और मेरी भाभी जान सुमैरा भी। हम सब ज़मीन पर लेटे थे क्योंकि की अम्मी जान ने कहा अनारा अब तुंम सबके साथ यहाँ लेटा करोगी। आज मेरा पहला दिन था सबके साथ लेटने का।
मैं भी सब लोगों के साथ लेट गई लेकिन मैं जगती रही यह देखने के लिए की आज क्या होने वाला है ? आधे घंटे के बाद मैंने देखा की सबके कुछ् न कुछ न कपड़े उतर रहें हैं। सबसे पहले फूफी जान ने अपने कपड़े खोले तो उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ नंगी हो गईं , फिरउसकी बेटी भी अपनी चूत खोल कर लेट गई। कुछ देर में उसने अपनी चूँचियाँ भी खोल डालीं। फिर मैंने देखा की फूफी का भोसड़ा एकदम खुला हुआ है और अम्मी का भी भोसड़ा। उधर भाभी भी मुझे कुछ नंगी नंगी दिखीं। मैं जान गई की अब मर्दों के लण्ड भी खुलेगें। मैं एकटक सब मर्दों के लण्ड पर नज़रें गड़ाये हुए देखने लगी। तब मैंने देखा की मेरी भाभी जान ने मेरे अब्बू के लण्ड पर हाथ रख दिया। मैं थोड़ा हैरान हुई की मेरा भाई जान पास में लेटा है और भाभी अब्बू का लण्ड पकड़ रहीं हैं। इसमें न भाई जान को कोई ऐतराज़ है और न अम्मी जान को ? तो क्या मेरा अब्बू अपनी बहू की बुर चोदेगा ? मैं यह सब सोंच ही रही थी भाभी जान ने अब्बू का लण्ड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी। लण्ड देख कर मेरे तो होश उड़ गए। इतना बड़ा और इतना मोटा मैं पहली बार देख रही थी।
उधर फूफी की बेटी लैला आयी वह भी भोसड़ी वाली भाभी के साथ अब्बू के पेल्हड़ चाटने लगी। यानी दोनों मिलकर अब्बू के लण्ड का मज़ा लेने लगी। अब्बू भी लैला की चूत सहलाने लगा और भाभी की चूँचियाँ। तब मैंने देखा की अम्मी जान ने फूफा का लौड़ा बाहर निकाल लिया। फूफा अब्बू की तरह ही पूरा नंगा हो गया। अम्मी जान उसका लण्ड ऐसे चाटने लगी की जैसे वह उसी के शौहर का लण्ड हो ? उधर भाई जान ने अपना लण्ड फूफी के मुंह में पेल दिया और उसका भोसड़ा सहलाने लगा। उसकी चूँचियाँ भी दबाने लगा। लैला का मियां हनीफ मेरी तरफ बढ़ा। मैं भी आधी नंगी थी। मेरी केवल चूँचियाँ खुली थीं। लैला के मियां ने मेरी चूत भी खोल दी। मैं भी चुप रही और अम्मी की तरफ देखा तो अम्मी ने इशारा किया की तू इसका लण्ड पकड़ ले और चाटना चूसना शुरू कर दे। फिर उसने मुझसे कहा बुर चोदी अनारा अब तू बन जा बिलकुल रंडी जैसा हम सब बनी हुईं हैं और पकड़ ले सबके लण्ड। आज ये सारे लण्ड तेरी बुर चोदेंगें। पहले तू हनीफ से चुदवा ले। शर्म न कर। देख न तेरे सामने तेरी माँ का भोसड़ा चुदने जा रहा है। तेरी भाभी की बुर चुदेगी, तेरी फूफी का भोसड़ा भी चुदेगा और उसकी बिटिया की बुर भी चुदेगी।
एक बात और सुन ले तू बुर चोदी अनारा यहाँ कोई भी अपनी बीवी नहीं चोदता सब दूसरे की बीवी ही चोदतें हैं। और कोई भी भोसड़ी वाले अपने मियां से नहीं चुदवाती। सब की सब ग़ैर मर्दों से चुदवाती हैं। तेरी माँ का भोसड़ा अनारा अब तू सबकी बीवी हैं यहाँ ? तू सबकी रंडी है यहाँ ? तू भी सबसे चुदेगी, और तेरी माँ भी सबसे चुदेगी। तेरी भाभी भी, तेरी फूफी और उसकी बिटिया की बुर भी सबसे चुदेगी। यह सुनकर मेरा जोश बढ़ गया। मैंने कहा तेरी बहन का लण्ड अम्मी जान, तेरी नन्द की चूत, तेरी नन्द की बिटिया की बुर। तेरी बहू का भोसड़ा। अब मैं भी मादर चोद बिलकुल रंडी हो गयी हूँ और अब मैं भी तेरी तरह सबके लण्ड भून डालूंगी अपनी चूत में डाल कर ? ऐसा कह कर मैं मस्ती से हनीफ का लण्ड चूसने लगी और उसके पेल्हड़ चाटने लगी। मैं मन नहीं मन सोंच रही थी की अगर ये सब मेरी बुर चोदेंगें तो मेरी बुरा क्या हाल होगा ? फिर सोंचा की जो सबकी बुर का हल होगा वही मेरी बुर का हाल होगा।
कुछ देर बाद मैंने हनीफ का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया और चुदवाने लगी। भाई जान फूफी का भोसड़ा
चोदने लगा और अब्बू भाभी की चूत में लण्ड पेले हुए बड़ी से चोदने लगा। फूफा मेरी अम्मी का भोसड़ा चोदने में मसगूल हो गया। लैला बीच बीच में मेरा अब्बू का लण्ड भाभी की बुर से निकाल निकाल कर चाटने लगी। सब चुदाई के खेल में बुरी तरह जुट गईं। चुदाई बड़ी जोर शोर से होने लगी, बड़ी बेशर्मी से होने लगी। किसी को किसी भी बात की कोई शर्म नहीं। सब एक दूसरे की चुदाई देखने का मज़ा लेने लगी और सबका लण्ड सबकी चूत और चूँचियों का मज़ा लेने लगीं। इतने में अम्मी जान ने फूफा का लण्ड अपनी चूँचियों में घुसेड़ लिया। वहअम्मी की चूँचियाँ चोदने लगा। फूफी जान भी अपनी चूँचियाँ मेरे भाई जान से चुदवाने लगीं।
इस तरह की चुदाई आज मैं पहली बार थी। मैंने मन में कहा अगर ऐसी चुदाई हर रोज़ होती है तो ये सब मादर चोद बहुत अय्यासी करतें हैं। इतने में फूफा ने पैतरा बदला और लण्ड अम्मी की गांड में ठोंक दिया। फिर क्या अम्मी की गांड बड़े मजे से चुदने लगी। उधर मेरी बुर भी बड़ी अच्छी तरह चुद रही थी। मस्तियाँ बढती ही जा रहीं थी और सब पर सबकी बुर चोदने का नशा चढ़ा हुआ था। उधर सब बीवियां भी सबके लण्ड से अपनी चूत में पेलवाने के लिए उतावली हो रहीं थीं। तभी एकदम से अदला बदली होने लगी। मुझे ये सब देख कर हैरानी भी होने लगी और मज़ा भी खूब आने लगा। मैंने देखा की भाई जान ने अपना लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। वह अपनी ही माँ की बुर चोदने लगा। तभी लैला ने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लिया और उसे चूम कर बोली अब्बू अब ये लण्ड पेल दो मेरी चूत में। वह अपनी बेटी की बुर चोदने लगा। मैंने हसरत भरी निगाहों से अम्मी की तरफ देखा तो अम्मी ने कहा बेटी ये सब हमारे समाज में होता है। यहाँ बेटा अपनी माँ चोदता है और बाप अपनी बेटी चोदता है। इसमें कोई गुनाह नहीं है बेटी। तब मैंने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। मैं भी उससे चुदवाने के मूड में आ गई। मैं बहन चोद बड़ी बेशर्म हो गयी और मेरा अब्बू मुझसे ज्यादा बेशर्म हो गया। मैं बोली हाय अब्बू जान अब पेल दो लण्ड मेरी चूत में। चोद डालो अपनी बेटी की बुर। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर। वह सच धकाधक चोदने लगा और मैं भी रंडी की तरह चुदवाने लगी।
उधर फूफी अपने ही दामाद से चुदवाने लगीं। उसका लण्ड अपने भोसड़ा में पेला और लेने लगी उसके लण्ड का मज़ा। भाभी जान फूफी के साथ लण्ड चाटने और चूसने लगी। रात भर मैंने सबके लण्ड अपनी चूत में पेला और खूब अय्यासी की।
फिर एक दिन मेरी शादी हो गयी। मैंने अपनी सुहागरात में पहले तो अपने मियां से चुदवाया। फिर मेरी नन्द आयी और उसने दो दो लण्ड चूत में पेला और बोली अब तुम बिंदास किसी से भी चुदवा सकती हो, भाभी जान । ये दोनों मेरे भाई जान के दोस्त हैं। तेरा शौहर इस समय बाहर इन दोनी की बीवियां चोद रहा है और ये दोनों तुम्हे चोदेंगें। तेरी सास मेरे मियां से चुदवा रहीं हैं। मैं अपने ससुर से चुदवाने जा रही हूँ। मेरा अब्बू अपनी बहू की बुर चोद रहा है और मेरा देवर अपनी चची जान के भोसड़ा में लण्ड पेले हुए है।
मैं मन में सोंचने लगी की सच में चुदाई का मज़ा मुसलमान फैमिली में ही है।
०=०=०=०=०=० समाप्त
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यह उन दिनों की बात है जब मेरा निकाह तय हो गया था। मैं किसी की बीवी बनने वाली थी। अम्मी जान चाहती थी की मुझमें वो सारे गुण होने चाहिए जो एक नेक बीवी में होतें हैं। सभी गुणों में सबसे अच्छा गुण होता है अपने शौहर से अच्छी तरह चुदवाना। उसके लण्ड के साथ मस्ती से खेलना, लण्ड मुंह में लेना, अपनी चूत में पेलना और फिर बुर में पेल कर हचक हचक के चुदवाना। जो बीवी ये सब कर लेती है वो एक अच्छी बीवी कहलाती है और जो नहीं कर पाती उसे कोई पूंछता ही नहीं। इसके साथ साथ अम्मी चाहती थी की मैं बोल्ड भी हो जाऊं। गालियां भी देना अच्छी तरह सीख जाऊं और बड़ी बेशर्मी से अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाने लगूं। जो लड़कियां खुले आम गालियां देतीं हैं और अपनी माँ का भोसड़ा चुदवातीं हैं वही तो बोल्ड कहलातीं हैं । अब अम्मी जान यह जानना चाहती की मैं ये सब कर सकती हूँ की नहीं ?
मेरा नाम अनारा है। मैं २३ साल की हूँ। मैं वो सब जानती हूँ जो अपने ऊपर पढ़ा। यानी मैं एक अच्छी बीवी बनने के सारे गुण हांसिल कर चुकी हूँ। हां बस दो गुण बाकी हैं। अम्मी के सामने गालियां देना, उससे गालियों से बात करना और दूसरा अम्मी जान के भोसड़ा में लण्ड पेलना और माँ चुदाना। मुझे अम्मी की हसरत मालूम हो गयी थी तो मैंने ठान लिया की अब मैं ये दोनों बातें भी अम्मी को करके दिखा दूँगी। जब अम्मी की चूत में लण्ड पेलना शुरू करूंगी तो इतने लण्ड पेलूँगी की उसकी चूत फटे चाहे न फटे लेकिन गांड जरूर फट जाएगी। गालियां तो दे दे के उसकी गांड में दम कर दूँगी मैं। मुझे एक दिन मौक़ा मिला। मैंने देखा की मेरी अम्मी जान मेरे पास ही बैठी हुई हैं। लेकिन मैंने ऐसा बर्ताव किया की जैसे वह है ही नहीं।मैं घर में अकेली ही हूँ। बस मैंने अपनी सहेली को फोन लगा दिया और स्पीकर ऑन कर दिया। मैं उससे बात करने लगी।
मैंने कहा - यार सफीका ये बता की तेरा भाई जान कहाँ हैं ? ,,,,, वह यहीं घर में ही है,,,,,,, यार तू उसे कल मेरे पास भेज देना ,,,,,, ऐसा क्या हो गया की तुझे मेरे भाई जान की जरुरत है ,,,,,,,,,,, यार तुझे तो मालूम है की मुझे तेरे भाई जान का लौड़ा बहुत पसंद है। मैं उससे चुदवाकर मस्त हो जाती हूँ ,,,,,,,,,,,,,, तो फिर आ जा न और चुदवा ले मेरे सामने मेरे भाई जान से। मैं यही घर पर हूँ ,,,,,,,,,,,नहीं यार मुझे अपनी बुर नहीं चुदवानी है ,. मुझे कल अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाना है। मैं अपने हाथ से उसका लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। ,,,,,,,, अगर ऐसा है तो फिर दो लण्ड पेलो न उसके भोसड़ा में एक से क्या होगा। मैं भी दो दो लण्ड पेलती हूँ अपनी माँ की चूत में। अच्छा लो तुम उसी से बात कर लो ,,,,,, जी भाई जान तुम कल मेरे घर आकर मेरी माँ चोदो ,,,,,, अच्छा ये बताओ अनारा क्या मैं अपने चचा जान को भी ले आऊं ? ,,,,,,,, हां ले आओ पर उसे लाने का कोई ख़ास मकसद ,,,,,, यार वह मेरी ही उम्र का है। वह मेरा चचा जान कम दोस्त ज्यादा है ,,,,,,,, अच्छा ले आओ पर क्या वह मेरी माँ चोदने के लिए तैयार हो जायेगा ? ,,,,,,,, हां बिलकुल हो जायेगा। वह तो मेरी बीवी बड़े मजे से चोदता है। मेरी बहन की बुर लेता है और मेरी माँ भी चोदता है क्योंकि वह उसकी भाभी जान है। भाभी की बुर देवर नहीं चोदेगा तो कौन चोदेगा ? ,,,,,,,,,,, हाय दईया तब तो बड़ा मज़ा आएगा।
बात ख़तम हुई तो मैंने मुड़ कर देखा की मेरी अम्मी जान सब कुछ सुन रहीं थीं। वह मुझे देख कर मुस्कराई और मेरे गाल नोच कर बोली मुझे नहीं मालूम था की तू भोसड़ी की अब वाकई पूरी जवान हो चुकी है। तेरी माँ की चूत बेटी अनारा। अब मैं तेरा निकाह अच्छी तरह कर सकूंगी।
दूसरे दिन सवेरे सवेरे मैंने अपने बॉय फ्रेंड से बात की। मैंने कहा यार सरवर तुम आज अभी मेरे घर आ जाओ। वह बोला यार अनारा काम तो बताओ ? मैंने कहा नहीं मैं काम तुम्हे तभी बताऊंगी जब तुम मेरे घर आ जाओगे तब बताऊंगी। उसने कहा ठीक है मैं एक घंटे में पहुँच जाऊंगा। वह जब आया तो मैं उसे अपने कमरे में ले गई और उसे अपने दिल की बात उसका लण्ड ऊपर से दबाते हुए साफ़ साफ़ कह दी। मैंने साफ साफ़ कहा यार आज तुम मेरे सामने मेरी माँ का भोसड़ा चोदो। याद है तुमने एक दिन कहा था की मैं अपनी माँ भी भोसड़ा चोदता हूँ। तो आज तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदोगे । तुम्हे कोई शर्म तो नहीं आएगी ? वह बोला अगर तेरी अम्मी ने प्यार से मेरा लण्ड पकड़ लिया तो फिर मुझे शर्म नहीं आएगी। मैं जरूर चोदूंगा उसे।
एक बात सुन लो अनारा जो भी लड़की या औरत मेरा लण्ड बड़े प्यार से पकड़ लेती है मैं उसे बड़ी मस्ती से चोदता हूँ वह चाहे जो भी हो ? मेरी अम्मी जान ने भी रात में एक दिन मेरा खड़ा लण्ड पकड़ लिया तो फिर मैंने उसे भी चोदा और उसने भी मुझसे अच्छी तरह चुदवाया। फिर अम्मी ने यह कह कर मेरी शर्म ख़तम कर दी की हमारे समाज में जवान लड़का अपनी माँ का भोसड़ा चोद सकता है और ऐसी चुदाई जायज़ मानी जाती है। तबसे मैं अम्मी को खुले आम चोदने लगा। यह सुन कर मैं भी खुश हो गयी और सोंचने लगी की जब बेटा अपनी माँ चोद सकता है तो फिर बेटी तो जरूर अपनी माँ चोद सकती है।
मैंने उसे फ़ौरन नंगा कर दिया और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। सर्वर को मैंने पूरा नंगा कर रखा था और मैं भी मादर चोद नंगी थी। मुझे लण्ड से बहुत [यार है और मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ अम्मी को शायद इस बात का पता नहीं है। मैं लण्ड और पेल्हड़ की नश नश से परिचित हूँ। सर्वर का लण्ड मुझे बहुत पसंद है और इसे कई बार अपनी चूत में घुसा चुकी हु ार मुंह में तो उससे भी ज्यादा बार। लण्ड जब पूरी तरह खड़ा हो गया तो मैंने एमी को आवाज़ दी। वह आ गई। मुझे ऐसी स्थिति में देख कर वह हैरान हो गईं और मुसकराभी पड़ीं। फिर उसकी नज़र खड़े लण्ड पर पड़ी तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। लण्ड पकड़ा लिया और उसे मस्ती चूम कर कहा - हाय दईया, हाय रब्बा इतना बड़ा और मोटा लण्ड ? देखो न कैसे फनफना रहा है ये मस्ताना लौड़ा। बेटी अनारा, ये लौड़ा तो तेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ देगा। मैंने मुस्कराकर कहा ये लौड़ा मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ने ही आया है।
अम्मी को ऐसे जबाब की उम्मीद नहीं थी। मैंने लण्ड पर उसके साथ हाथ लगाकर कहा अम्मी जान ये लौड़ा मैं अपने हाथ से तेरे भोसड़ा में पेलूँगी और ये साबित कर दूँगी की मैं निकाह करने के लिए पूरी तरह तैयार हो गयी हूँ। अब मैं लण्ड अच्छी तरह इस्तेमाल कर सकती हूँ और लण्ड की हर हरकत से वाकिफ़ हूँ। मैंने ऐसा कह कर लण्ड अम्मी के मुंह में पेल दिया और फिर उसके कपड़े उतार कर उसको भी अपनी तरह नंगी कर दिया।मैंने देखा की अम्मी का भोसड़ा एकदम से बहुत गरम हो गया। हालांकि अम्मी अब भी लण्ड मुंह में लिए हुए चूस रहीं थीं। उधर सरवर लण्ड भी अम्मी के पकड़ने से जबरदस्त तौर पर खड़ा हो गया और सख्त हो गया। मैंने मौक़ा देखा और अम्मी के भोसड़ा पे रख दिया। सर्वर ने एक धक्का मारा तो लण्ड सट्ट से अंदर पूरा घुस गया और वह भी एक मंजे हुए चुदाई का खिलाड़ी की तरह चोदने लगा। वह मुस्काराकर बोला की देखो अनारा मैं तेरी माँ चोद रहा हूँ और अब मैं हमेशा कहूंगा की मैंने तेरी माँ चोदी है.
मैं उसके पेल्हड़ सहलाने लगी और अम्मी की जाँघों पर भी हाथ फिराने लगी। अम्मी बोली हाय बेटी अनारा तेरे दोस्त का लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा है। मैं तो ऐसे लौंड़ों से खूब चुदवाती हूँ। सरवर धकाधक चोदे चला जा रही था और मैं अपनी माँ चुदवाती चली जा रही थी। मेरी मंसा थी की मैं लण्ड अम्मी की गांड में घुसा दूँ। मैंने अभी तक किसी की गांड नहीं मारी आज मेरा मन गांड मारने का हो गया। तो मैंने सर्वर को इशारा किया और काह यार अब तुम पीछे से चोदो। उसने पीछे लण्ड भोसड़ा में पेला और चोदने लगा। मैंने धीरे से लण्ड ऊपर खसका दिया तो वह गच्च अम्मी की गांड में घुस गया। अम्मी बोली हाय रे अब क्या तू मेरी गांड मारेगा बेटा सरवर। वह बोली अरे आंटी जी ये तो लण्ड है। इसे जहाँ जगह मिलती है वहीँ घुस जाता है। अम्मी की गांड चुदने लगी तो मुझे बड़ा मज़ा आया। मैंने मन में सोंच लिया की मैं इसी तरह अपनी सास का भोसड़ा भी चोदूँगी। और उसी के सामने अपनी नन्द की बुर भी चोदूँगी।
अम्मी को मज़ा आया तो वह मस्ती से बोली - हाय मेरी बुर चोदी अनारा, भोसड़ी की तुझे अपनी माँ चुदाने में कोई शर्म नहीं आती ? अपने हाथ से घुसा रही है लण्ड तू मेरी चूत में ? तेरी माँ की चूत तेरी बहन का लण्ड ?
मैंने कहा - अरे मेरी बुर चोदी अम्मी जान. मैं तो बस यह बता रही हूँ की मैं लण्ड घुसना भी जानती हूँ और लण्ड घुसवाना भी जानती हूँ। तेरी बहन का भोसड़ा अम्मी जान तेरी बिटिया की बुर। एक दिन रात में मेरे घर में कई लोग आ गए। मेरी फूफी ताहिरा और उसका मियां तौफीक। फूफी की बेटी लैला भी अपने मियां हनीफ के साथ आ गयी। मेरा अब्बू इन सबसे मिलकर बड़ा खुश हुआ। उधर मेरा भाई जान शब्बीर तो था ही और मेरी भाभी जान सुमैरा भी। हम सब ज़मीन पर लेटे थे क्योंकि की अम्मी जान ने कहा अनारा अब तुंम सबके साथ यहाँ लेटा करोगी। आज मेरा पहला दिन था सबके साथ लेटने का।
मैं भी सब लोगों के साथ लेट गई लेकिन मैं जगती रही यह देखने के लिए की आज क्या होने वाला है ? आधे घंटे के बाद मैंने देखा की सबके कुछ् न कुछ न कपड़े उतर रहें हैं। सबसे पहले फूफी जान ने अपने कपड़े खोले तो उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ नंगी हो गईं , फिरउसकी बेटी भी अपनी चूत खोल कर लेट गई। कुछ देर में उसने अपनी चूँचियाँ भी खोल डालीं। फिर मैंने देखा की फूफी का भोसड़ा एकदम खुला हुआ है और अम्मी का भी भोसड़ा। उधर भाभी भी मुझे कुछ नंगी नंगी दिखीं। मैं जान गई की अब मर्दों के लण्ड भी खुलेगें। मैं एकटक सब मर्दों के लण्ड पर नज़रें गड़ाये हुए देखने लगी। तब मैंने देखा की मेरी भाभी जान ने मेरे अब्बू के लण्ड पर हाथ रख दिया। मैं थोड़ा हैरान हुई की मेरा भाई जान पास में लेटा है और भाभी अब्बू का लण्ड पकड़ रहीं हैं। इसमें न भाई जान को कोई ऐतराज़ है और न अम्मी जान को ? तो क्या मेरा अब्बू अपनी बहू की बुर चोदेगा ? मैं यह सब सोंच ही रही थी भाभी जान ने अब्बू का लण्ड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी। लण्ड देख कर मेरे तो होश उड़ गए। इतना बड़ा और इतना मोटा मैं पहली बार देख रही थी।
उधर फूफी की बेटी लैला आयी वह भी भोसड़ी वाली भाभी के साथ अब्बू के पेल्हड़ चाटने लगी। यानी दोनों मिलकर अब्बू के लण्ड का मज़ा लेने लगी। अब्बू भी लैला की चूत सहलाने लगा और भाभी की चूँचियाँ। तब मैंने देखा की अम्मी जान ने फूफा का लौड़ा बाहर निकाल लिया। फूफा अब्बू की तरह ही पूरा नंगा हो गया। अम्मी जान उसका लण्ड ऐसे चाटने लगी की जैसे वह उसी के शौहर का लण्ड हो ? उधर भाई जान ने अपना लण्ड फूफी के मुंह में पेल दिया और उसका भोसड़ा सहलाने लगा। उसकी चूँचियाँ भी दबाने लगा। लैला का मियां हनीफ मेरी तरफ बढ़ा। मैं भी आधी नंगी थी। मेरी केवल चूँचियाँ खुली थीं। लैला के मियां ने मेरी चूत भी खोल दी। मैं भी चुप रही और अम्मी की तरफ देखा तो अम्मी ने इशारा किया की तू इसका लण्ड पकड़ ले और चाटना चूसना शुरू कर दे। फिर उसने मुझसे कहा बुर चोदी अनारा अब तू बन जा बिलकुल रंडी जैसा हम सब बनी हुईं हैं और पकड़ ले सबके लण्ड। आज ये सारे लण्ड तेरी बुर चोदेंगें। पहले तू हनीफ से चुदवा ले। शर्म न कर। देख न तेरे सामने तेरी माँ का भोसड़ा चुदने जा रहा है। तेरी भाभी की बुर चुदेगी, तेरी फूफी का भोसड़ा भी चुदेगा और उसकी बिटिया की बुर भी चुदेगी।
एक बात और सुन ले तू बुर चोदी अनारा यहाँ कोई भी अपनी बीवी नहीं चोदता सब दूसरे की बीवी ही चोदतें हैं। और कोई भी भोसड़ी वाले अपने मियां से नहीं चुदवाती। सब की सब ग़ैर मर्दों से चुदवाती हैं। तेरी माँ का भोसड़ा अनारा अब तू सबकी बीवी हैं यहाँ ? तू सबकी रंडी है यहाँ ? तू भी सबसे चुदेगी, और तेरी माँ भी सबसे चुदेगी। तेरी भाभी भी, तेरी फूफी और उसकी बिटिया की बुर भी सबसे चुदेगी। यह सुनकर मेरा जोश बढ़ गया। मैंने कहा तेरी बहन का लण्ड अम्मी जान, तेरी नन्द की चूत, तेरी नन्द की बिटिया की बुर। तेरी बहू का भोसड़ा। अब मैं भी मादर चोद बिलकुल रंडी हो गयी हूँ और अब मैं भी तेरी तरह सबके लण्ड भून डालूंगी अपनी चूत में डाल कर ? ऐसा कह कर मैं मस्ती से हनीफ का लण्ड चूसने लगी और उसके पेल्हड़ चाटने लगी। मैं मन नहीं मन सोंच रही थी की अगर ये सब मेरी बुर चोदेंगें तो मेरी बुरा क्या हाल होगा ? फिर सोंचा की जो सबकी बुर का हल होगा वही मेरी बुर का हाल होगा।
कुछ देर बाद मैंने हनीफ का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया और चुदवाने लगी। भाई जान फूफी का भोसड़ा
इस तरह की चुदाई आज मैं पहली बार थी। मैंने मन में कहा अगर ऐसी चुदाई हर रोज़ होती है तो ये सब मादर चोद बहुत अय्यासी करतें हैं। इतने में फूफा ने पैतरा बदला और लण्ड अम्मी की गांड में ठोंक दिया। फिर क्या अम्मी की गांड बड़े मजे से चुदने लगी। उधर मेरी बुर भी बड़ी अच्छी तरह चुद रही थी। मस्तियाँ बढती ही जा रहीं थी और सब पर सबकी बुर चोदने का नशा चढ़ा हुआ था। उधर सब बीवियां भी सबके लण्ड से अपनी चूत में पेलवाने के लिए उतावली हो रहीं थीं। तभी एकदम से अदला बदली होने लगी। मुझे ये सब देख कर हैरानी भी होने लगी और मज़ा भी खूब आने लगा। मैंने देखा की भाई जान ने अपना लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। वह अपनी ही माँ की बुर चोदने लगा। तभी लैला ने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लिया और उसे चूम कर बोली अब्बू अब ये लण्ड पेल दो मेरी चूत में। वह अपनी बेटी की बुर चोदने लगा। मैंने हसरत भरी निगाहों से अम्मी की तरफ देखा तो अम्मी ने कहा बेटी ये सब हमारे समाज में होता है। यहाँ बेटा अपनी माँ चोदता है और बाप अपनी बेटी चोदता है। इसमें कोई गुनाह नहीं है बेटी। तब मैंने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। मैं भी उससे चुदवाने के मूड में आ गई। मैं बहन चोद बड़ी बेशर्म हो गयी और मेरा अब्बू मुझसे ज्यादा बेशर्म हो गया। मैं बोली हाय अब्बू जान अब पेल दो लण्ड मेरी चूत में। चोद डालो अपनी बेटी की बुर। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर। वह सच धकाधक चोदने लगा और मैं भी रंडी की तरह चुदवाने लगी।
उधर फूफी अपने ही दामाद से चुदवाने लगीं। उसका लण्ड अपने भोसड़ा में पेला और लेने लगी उसके लण्ड का मज़ा। भाभी जान फूफी के साथ लण्ड चाटने और चूसने लगी। रात भर मैंने सबके लण्ड अपनी चूत में पेला और खूब अय्यासी की।
फिर एक दिन मेरी शादी हो गयी। मैंने अपनी सुहागरात में पहले तो अपने मियां से चुदवाया। फिर मेरी नन्द आयी और उसने दो दो लण्ड चूत में पेला और बोली अब तुम बिंदास किसी से भी चुदवा सकती हो, भाभी जान । ये दोनों मेरे भाई जान के दोस्त हैं। तेरा शौहर इस समय बाहर इन दोनी की बीवियां चोद रहा है और ये दोनों तुम्हे चोदेंगें। तेरी सास मेरे मियां से चुदवा रहीं हैं। मैं अपने ससुर से चुदवाने जा रही हूँ। मेरा अब्बू अपनी बहू की बुर चोद रहा है और मेरा देवर अपनी चची जान के भोसड़ा में लण्ड पेले हुए है।
मैं मन में सोंचने लगी की सच में चुदाई का मज़ा मुसलमान फैमिली में ही है।
०=०=०=०=०=० समाप्त
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