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मैं अपनी बेटी की माँ चुदा रही हूँ - Main Chudkkad hun mujhe chodo
मैं अपनी बेटी की माँ चुदा रही हूँ - Main Chudkkad hun mujhe chodo , माँ अपनी ही बेटी की चुदाई , माँ चुदाना सीख लो बेटी , दास्तान ए चुदाई , बेटी के सामने माँ ने चुदवाया , मर्दखोर बेटी की चुदक्कड़ माँ , Ma Beti ki Chudai kahani.
जी हां आपने सही सुना की मैं अपनी बेटी की माँ चुदा रही हूँ। आपको यह सुनकर बड़ा अजीब लग रहा होगा ? आप यह भी सोंच रहें होगें की ऐसा कैसे हो सकता है ? अपनी बेटी की माँ चुदा रही हूँ इसका माने यह हुआ की मैं खुद अपने आपको चुदा रही हूँ। मेरे प्यारे दोस्तों कुछ बातों को शाब्दिक अर्थों में नहीं लेते बल्कि उसका भावार्थ लेते हैं। उसका भाव समझते हैं। हमारे यहाँ जब कभी माँ बेटी में नोक झोंक हो जाती है। कभी कभी तू तू - मैं मैं हो जाती है तो फिर वे एक दूसरे को गाली देने लगती हैं। ये प्यार में ज्यादा होता है जब दोनों ही पार्टियां बड़ी नजदीकी रिश्ते में हों जैसे की माँ बेटी, नन्द भौजाई, सास बहू, देवरानी, जेठानी इत्यादि।
माँ कहती है - तेरी माँ की चूत बेटी तेरी माँ का भोसड़ा। मैं तेरी माँ चोद दूँगी।
बेटी कहती है - तेरी बिटिया की बुर अम्मी जान, तेरी बेटी चोद डालूंगी मैं किसी दिन।
माँ कहती है - तू क्या वहां अभी तक अपनी माँ चुदा रही थी। या फिर किसी का लण्ड हिला रही थी तू ?
बेटी कहती है - तू क्या अपनी बेटी चुदाने गयी थी बाज़ार में बुर चोदी, अम्मी जान ?
ये सब आपस में होता ही रहता है। आपस की गालियां सिर्फ मनोरंजन के लिए ज्यादा होतीं हैं। शादी ब्याह के समय औरतें खुले आम बारातियों को गालियां सुनातीं हैं। लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, गांड, झांट सब बोलतीं है और झुण्ड में लड़कियां भी खूब मजे से यही बोल बोल कर सुनाती हैं तो ये सब मनोरंजन के लिए ही है।
मेरा नाम है तसरीन बेगम। मैं 45 साल की मद मस्त औरत हूँ. मैं बेहद खूबसूरत हूँ, सेक्स हूँ और बोल्ड हूँ। मेरी बेटी फ़ज़ा 25 साल की है। वह भी मस्त जवान हो चुकी है। वह मुझसे ज्यादा खूबसूरत है सेक्सी है और हॉट भी। मैंने अभी एक साल पहले उसकी शादी कर दी है।
हमारे समाज में शादियां बड़ी नजदीकी रिश्ते दारों में जो जाती हैं। यहाँ तक अपने कुनबे के लोगों के साथ ही हो जाती हैं। हर शादी से नए नए रिश्ते पैदा हो जातें हैं। आपस में ही दोहरे तिहरे रिश्ते बन जातें हैं। इनमे काफी रिश्ते चोदा चोदी को हो जातें हैं। इसलिए हमारे यहाँ चुदाई भी कुनबे के ही लोगों के साथ होने लगती है। जैसे की कल के भाई बहन आज के मियां बीवी बन जातें हैं. कल के माँ बेटे आज के देवर भाभी बन जातें हैं, कल की माँ बेटी आज की सास बहू बन जाती है, कल की बहन आज की साली हो जाती है। कल का भाई आज का साला हो जाता है। अब्बू जान कहीं जेठ बन जाता है कहीं नंदोई बन जाता है और कहीं बहनोई। अब बताओ अगर अब्बू नंदोई बन जाए तो उसका लौड़ा तो पकड़ना ही पड़ेगा न ? उससे बिना चुदवाये भला कोई मानेगी ? इसके अलावा हमारे समाज में तलाक भी आसानी से हो जाता है। तलाक के बाद आदमी दूसरी शादी करता है तो रिश्ते बदल जातें हैं। एक आदमी दो दो / तीन तीन शादियां करता है तो चुदाई के रिश्ते दूने तिगुने हो जातें हैं।
मैं आपको बताना चाहती हूँ की हम अपने माँ बाप के 12 भाई बहन हैं। मेरा शौहर भी 6 भाई और 4 बहन है। मेरी बहन के 6 बच्चे हैं और मेरे भाई जान के 7. बाकी सबको बताऊंगी तो गिन नहीं पाओगे । अब इन सबकी शादियां एक दूसरे के घर में हो जातीं हैं। अब समझ लो की चुदाई के कितने रिश्ते हो जातें हैं। इसीलिए बेटी अपनी माँ चुदवाती है और माँ अपनी बेटी ? बाप अपनी बेटी की एक रिश्ते से बुर ले लेता है और भाई अपनी बहन की दूसरे रिश्ते से। सास अपने दामाद से चुदवा लेती है और बहू अपने ससुर से ? ये सब हमारे यहाँ होता ही रहता है। इसमें कोई नई बात नहीं।
मेरी बेटी जब 20 साल की थी और मैं 40 साल की। मेरी बेटी अभी कुछ साल पहले जवान हुई थी और मैं 20 /22 साल पहले से जवान बनी घूम रही थी। मेरी बेटी जवानी का मज़ा लेने लगी थी पर मुझे ज्यादा मालूम नहीं था। मैं चाहती थी की मेरी बेटी जवानी का पूरा मज़ा ले। उसे अब बेशर्म होकर चुदाई का मज़ा और लण्ड का पूरा मज़ा लेना चाहिए। वह मुझसे कुछ शर्मा रही थी। मैंने सोंच लिया की मैं पहले इसे बोल्ड और बेशर्म बनाऊंगी फिर जवानी का मज़ा एक साथ लेंगीं। एक दिन मैंने उसे अपने सामने बैठाया और प्यार से शराब का गिलास उसे पकड़ा दिया। मैंने कहा बेटी फ़ज़ा मुझे मालूम है की करोड़पति की बेटी शराब जरूर पीती होगी। लो तुम आज मेरे साथ शराब पियो।
हम दोनों मस्ती से शराब पीने लगीं। मैंने पीते पीते कहा देखो बेटी अब तुम पूरी तरह जवान हो और खुदा कसम मैं भी मस्त जवान हूँ। तेरे बदन में भी आग है और मेरे बदन में भी आग है। लण्ड मुझे भी चाहिए और लण्ड तुझे भी चाहिए। लण्ड मैं भी पीती हूँ और लण्ड तुम भी पीती हो। चुदवाना तुझको भी पड़ता है और चुदवाना मुझे भी पड़ता है। अब बताओ कब तक हम दोनों एक दूसरे से छिप छिप कर लण्ड पेलवाती रहेंगीं। कब तक एक दूसरे से छिपा छिपाकर लण्ड पीती रहेंगीं। मेरा कहना है की जो लण्ड तुम पीती हो वो लण्ड मुझे भी पिलाओ और जो लण्ड मैं पीती हूँ वो लण्ड मैं तुम्हे भी पिलाऊंगी। जो लण्ड तुम अपनी बुर में पेलती हो वो लण्ड मेरी भी बुर में पेलो। जो लण्ड मैं अपनी बुर में घुसेड़ती हूँ वो लण्ड मैं तेरी बुर में घुसेड़ूँगी। इस तरह अगर हम दोनों मिलकर अगर चोदा चोदी करेंगीं तो मज़ा दुगुना आएगा बेटी फ़ज़ा।
वह बोली - हां अम्मी जान तुम सही कह रही हो। मैं भी कई दिनों से सोंच रही थी यही बात तुमसे कहने के लिए। उस दिन जब मैंने तुम्हे शब्बीर अंकल का लण्ड पीते हुए देखा था तो मेरा मन हुआ की मैं भी अंदर घुस जाऊं और लण्ड पकड़ कर पीने लगूं। इतना मोटा लण्ड देख कर बहुत गरम हो गयी थी।
मैंने कहा - हाय अल्लाह. तेरी माँ की चूत बेटी। अब मालूम हुआ मुझे की तू लण्ड की कितनी तलबगार है। अरे अगर तू उसी समय मेरे पास आ जाती तो मैं लण्ड तेरे मुंह में भी पेल देती और बुर में भी। मैंने भी उस दिन तुझे रफ़ी से चुदवाते हुए देखा था तो मैंने मन बना लिया की अब मैं फ़ज़ा से खुल कर मेरे साथ चुदवाने के लिए कहूँगी। ठीक है मैं अभी शब्बीर को बुला लेती हूँ और उसका लौड़ा तेरे मुंह में पेल देती हूँ।
वह बोली - मैं भी रफ़ी को बुला लेती हूँ और उसका लौड़ा तेरे भोसड़ा में ठोंक देती हूँ।
मैंने फिर गाली देते हुए कहा - बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर ?
उसने कहा - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, अम्मी जान।
फिर हम दोनों खिलखिलाकर हांसे लगीं।
थोड़ी ही देर में दोनों आ गये शब्बीर और रज़ा। मैंने फ़ज़ा को शब्बीर से मिलवाया और उसने मुझे रज़ा से। रज़ा और शब्बीर भी दोनों मिलकर बहुत खुश हुए। शब्बीर ने फ़ज़ा को पहली बार देखा और रज़ा ने भी मुझे पहली बार देखा। लेकिन मुझे रज़ा और रज़ा का लण्ड पहली नज़र में ही भा गया था। यही हाल मेरी बेटी का भी था। उसने जब शब्बीर का लण्ड देखा तो वह एकदम स गरमा गयी थी। आज हम दोनों को मौक़ा मिला है इनके लण्ड पकड़ कर देखने का। मैंने शब्बीर के पाजामे का नाड़ा खोला और अंदर हाथ डाल कर लौड़ा बाहर निकाल लिया। उधर मेरी बेटी ने अपना हाथ रज़ा के पाजामे में घुसेड़ा और लौड़ा बाहर निकाल लिया। हम दोनों लण्ड एक दूसरे को देख देख कर हिलाने लगीं। मैंने मन में कहा यही वह लौड़ा है जिसे मैंने अपनी बेटी की चूत में घुसते हुए देखा। उधर मेरी बेटी सोंच रही थी हाय अल्लाह यही वह लौड़ा जो मेरी माँ का भोसड़ा चोदता है। आज मैं इसकी गांड मारूंगी।
मैंने फिर शब्बीर का लण्ड फ़ज़ा को पकड़ाते हुए कहा - ले भोसड़ी की फ़ज़ा पकड़ के देख ले वो लण्ड जिसने तेरी माँ का भोसड़ा चोदा है।
उसने भी रज़ा का लण्ड मुझे पकड़ाते हुए कहा - ले बुर चोदी अम्मी जान, तू भी पकड़ के देख ले वो लण्ड जिसने तेरी बिटिया की बुर ली है। बस मैंने रज़ा का लण्ड पकड़ लिया और उसने शब्बीर का लण्ड। मैंने रज़ा के लण्ड की चुम्मी ली, सुपाड़ा चाटा, पेल्हड़ चूमे और कहा - हाय मेरे लण्ड राजा तूने मेरी बेटी की बुर चोदी है आज तू उसके सामने उसकी माँ का भोसड़ा चोद ले ? उधर मेरी बेटी ने शब्बीर का लौड़ा हिला हिला कर और सख्त कर दिया फिर वह बोली अरे मेरे भोसड़ी के लण्ड राजा तुमने मेरी माँ का भोसड़ा खूब चोदा है आज तू उसके सामने उसकी बिटिया की बुर चोद कर दिखा। मैं रज़ा का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी और वह शब्बीर का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी।
फिर मैंने अपनी बेटी के सामने ही उसके दोस्त रज़ा से खूब धकाधक चुदवाया। मेरी बेटी ने भी मेरे सामने मेरे दोस्त शब्बीर से खूब भकाभक चुदवाया। हम दोनों इस तरह चुदाई करवाकर हमेशा के लिए एक दूसरे की दोस्त बन गईं। उसके बाद जो लण्ड मेरे हाथ में आता वह मैं फ़ज़ा की बुर में मुस्कराते हुए पेल देती और जो लण्ड उसकी पकड़ में आता वो लण्ड वह मेरे भोसड़ा में हँसते हुए घुसा देती। हम दोनों की ज़िन्दगी बड़ी शान से गुजरने लगी। जब वह २४ साल की हुई तो मैंने उसकी शादी जासिर नाम के लड़के से कर दी। जासिर बड़ा होनहार और हैंडसम लड़का था। वह मेरे नजदीकी रिश्ते में भी था तो मैंने देर नहीं लगाई। फ़ज़ा अपनी ससुराल गई। वहां अपनी सुहागरात मनाई और कुछ दिन रहने के बाद वह मेरे घर यानी अपने माईके वापस आ गयी। मैंने उससे सुहागरात की कहानी सुनी क्योंकि उसके पास मुझसे छुपाने का कोई मतलब ही नहीं था। उसने बताया की अम्मी जान सुहागरात में तो मैंने अपने शौहर से खूब मजे से चुदवाया पर दूसरे ही दिन 3 देवर आ गए मेरे पास और बोले लो भाभी जान मेरा भी लण्ड पकड़ो प्लीज ?
मैंने कहा क्या तुम सब लोग मुझे चोदोगे ? एक बोला अरे भाभी जान पहले इसे पकड़ तो लो फिर बताऊंगा की हम लोग क्या क्या करेंगें ? मैं भी मूड में आ गयी और कहा अच्छा ठीक है तुम सब लोग मेरे सामने नंगे हो जाओ। तुम सबका लण्ड एक साथ पकड़ूँगी, हिलाऊँगी और चूसूंगी। वे तीनो फ़ौरन नंगे हो गए। मैं उनके लण्ड देख कर हैरान भी हुई और खुश भी हुई। हैरान इसलिए की उनके लण्ड 19 /20 की ही उम्र में ही मर्दों के लण्ड के बराबर हो गए थे और खुश इसलिए थी की आज पहली बार मुझे तीन तीन लण्ड से एक साथ चुदवाने का मौक़ा मिलेगा और मैं ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह सबसे चुदवाऊंगी।
फ़ज़ा की कहानी सुनकर मुझे अपनी सुहागरात की याद आ गई. एक दिन हम दोनों शाम को बैठी हुई इधर उधर की बातें कर रही थी। इतने में किसी ने डोर बेल बजाई। मैंने दरवाजा खोला तो सामने इमरान खड़ा था। वह 45 साल का मेरा देवर लगता है। मैं उससे २/3 बार चुदवा चुकी हूँ।
हमारे समाज में शादियां बड़ी नजदीकी रिश्ते दारों में जो जाती हैं। यहाँ तक अपने कुनबे के लोगों के साथ ही हो जाती हैं। हर शादी से नए नए रिश्ते पैदा हो जातें हैं। आपस में ही दोहरे तिहरे रिश्ते बन जातें हैं। इनमे काफी रिश्ते चोदा चोदी को हो जातें हैं। इसलिए हमारे यहाँ चुदाई भी कुनबे के ही लोगों के साथ होने लगती है। जैसे की कल के भाई बहन आज के मियां बीवी बन जातें हैं. कल के माँ बेटे आज के देवर भाभी बन जातें हैं, कल की माँ बेटी आज की सास बहू बन जाती है, कल की बहन आज की साली हो जाती है। कल का भाई आज का साला हो जाता है। अब्बू जान कहीं जेठ बन जाता है कहीं नंदोई बन जाता है और कहीं बहनोई। अब बताओ अगर अब्बू नंदोई बन जाए तो उसका लौड़ा तो पकड़ना ही पड़ेगा न ? उससे बिना चुदवाये भला कोई मानेगी ? इसके अलावा हमारे समाज में तलाक भी आसानी से हो जाता है। तलाक के बाद आदमी दूसरी शादी करता है तो रिश्ते बदल जातें हैं। एक आदमी दो दो / तीन तीन शादियां करता है तो चुदाई के रिश्ते दूने तिगुने हो जातें हैं।
मैं आपको बताना चाहती हूँ की हम अपने माँ बाप के 12 भाई बहन हैं। मेरा शौहर भी 6 भाई और 4 बहन है। मेरी बहन के 6 बच्चे हैं और मेरे भाई जान के 7. बाकी सबको बताऊंगी तो गिन नहीं पाओगे । अब इन सबकी शादियां एक दूसरे के घर में हो जातीं हैं। अब समझ लो की चुदाई के कितने रिश्ते हो जातें हैं। इसीलिए बेटी अपनी माँ चुदवाती है और माँ अपनी बेटी ? बाप अपनी बेटी की एक रिश्ते से बुर ले लेता है और भाई अपनी बहन की दूसरे रिश्ते से। सास अपने दामाद से चुदवा लेती है और बहू अपने ससुर से ? ये सब हमारे यहाँ होता ही रहता है। इसमें कोई नई बात नहीं।
मेरी बेटी जब 20 साल की थी और मैं 40 साल की। मेरी बेटी अभी कुछ साल पहले जवान हुई थी और मैं 20 /22 साल पहले से जवान बनी घूम रही थी। मेरी बेटी जवानी का मज़ा लेने लगी थी पर मुझे ज्यादा मालूम नहीं था। मैं चाहती थी की मेरी बेटी जवानी का पूरा मज़ा ले। उसे अब बेशर्म होकर चुदाई का मज़ा और लण्ड का पूरा मज़ा लेना चाहिए। वह मुझसे कुछ शर्मा रही थी। मैंने सोंच लिया की मैं पहले इसे बोल्ड और बेशर्म बनाऊंगी फिर जवानी का मज़ा एक साथ लेंगीं। एक दिन मैंने उसे अपने सामने बैठाया और प्यार से शराब का गिलास उसे पकड़ा दिया। मैंने कहा बेटी फ़ज़ा मुझे मालूम है की करोड़पति की बेटी शराब जरूर पीती होगी। लो तुम आज मेरे साथ शराब पियो।
हम दोनों मस्ती से शराब पीने लगीं। मैंने पीते पीते कहा देखो बेटी अब तुम पूरी तरह जवान हो और खुदा कसम मैं भी मस्त जवान हूँ। तेरे बदन में भी आग है और मेरे बदन में भी आग है। लण्ड मुझे भी चाहिए और लण्ड तुझे भी चाहिए। लण्ड मैं भी पीती हूँ और लण्ड तुम भी पीती हो। चुदवाना तुझको भी पड़ता है और चुदवाना मुझे भी पड़ता है। अब बताओ कब तक हम दोनों एक दूसरे से छिप छिप कर लण्ड पेलवाती रहेंगीं। कब तक एक दूसरे से छिपा छिपाकर लण्ड पीती रहेंगीं। मेरा कहना है की जो लण्ड तुम पीती हो वो लण्ड मुझे भी पिलाओ और जो लण्ड मैं पीती हूँ वो लण्ड मैं तुम्हे भी पिलाऊंगी। जो लण्ड तुम अपनी बुर में पेलती हो वो लण्ड मेरी भी बुर में पेलो। जो लण्ड मैं अपनी बुर में घुसेड़ती हूँ वो लण्ड मैं तेरी बुर में घुसेड़ूँगी। इस तरह अगर हम दोनों मिलकर अगर चोदा चोदी करेंगीं तो मज़ा दुगुना आएगा बेटी फ़ज़ा।
वह बोली - हां अम्मी जान तुम सही कह रही हो। मैं भी कई दिनों से सोंच रही थी यही बात तुमसे कहने के लिए। उस दिन जब मैंने तुम्हे शब्बीर अंकल का लण्ड पीते हुए देखा था तो मेरा मन हुआ की मैं भी अंदर घुस जाऊं और लण्ड पकड़ कर पीने लगूं। इतना मोटा लण्ड देख कर बहुत गरम हो गयी थी।
मैंने कहा - हाय अल्लाह. तेरी माँ की चूत बेटी। अब मालूम हुआ मुझे की तू लण्ड की कितनी तलबगार है। अरे अगर तू उसी समय मेरे पास आ जाती तो मैं लण्ड तेरे मुंह में भी पेल देती और बुर में भी। मैंने भी उस दिन तुझे रफ़ी से चुदवाते हुए देखा था तो मैंने मन बना लिया की अब मैं फ़ज़ा से खुल कर मेरे साथ चुदवाने के लिए कहूँगी। ठीक है मैं अभी शब्बीर को बुला लेती हूँ और उसका लौड़ा तेरे मुंह में पेल देती हूँ।
वह बोली - मैं भी रफ़ी को बुला लेती हूँ और उसका लौड़ा तेरे भोसड़ा में ठोंक देती हूँ।
मैंने फिर गाली देते हुए कहा - बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर ?
उसने कहा - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, अम्मी जान।
फिर हम दोनों खिलखिलाकर हांसे लगीं।
थोड़ी ही देर में दोनों आ गये शब्बीर और रज़ा। मैंने फ़ज़ा को शब्बीर से मिलवाया और उसने मुझे रज़ा से। रज़ा और शब्बीर भी दोनों मिलकर बहुत खुश हुए। शब्बीर ने फ़ज़ा को पहली बार देखा और रज़ा ने भी मुझे पहली बार देखा। लेकिन मुझे रज़ा और रज़ा का लण्ड पहली नज़र में ही भा गया था। यही हाल मेरी बेटी का भी था। उसने जब शब्बीर का लण्ड देखा तो वह एकदम स गरमा गयी थी। आज हम दोनों को मौक़ा मिला है इनके लण्ड पकड़ कर देखने का। मैंने शब्बीर के पाजामे का नाड़ा खोला और अंदर हाथ डाल कर लौड़ा बाहर निकाल लिया। उधर मेरी बेटी ने अपना हाथ रज़ा के पाजामे में घुसेड़ा और लौड़ा बाहर निकाल लिया। हम दोनों लण्ड एक दूसरे को देख देख कर हिलाने लगीं। मैंने मन में कहा यही वह लौड़ा है जिसे मैंने अपनी बेटी की चूत में घुसते हुए देखा। उधर मेरी बेटी सोंच रही थी हाय अल्लाह यही वह लौड़ा जो मेरी माँ का भोसड़ा चोदता है। आज मैं इसकी गांड मारूंगी।
मैंने फिर शब्बीर का लण्ड फ़ज़ा को पकड़ाते हुए कहा - ले भोसड़ी की फ़ज़ा पकड़ के देख ले वो लण्ड जिसने तेरी माँ का भोसड़ा चोदा है।
उसने भी रज़ा का लण्ड मुझे पकड़ाते हुए कहा - ले बुर चोदी अम्मी जान, तू भी पकड़ के देख ले वो लण्ड जिसने तेरी बिटिया की बुर ली है। बस मैंने रज़ा का लण्ड पकड़ लिया और उसने शब्बीर का लण्ड। मैंने रज़ा के लण्ड की चुम्मी ली, सुपाड़ा चाटा, पेल्हड़ चूमे और कहा - हाय मेरे लण्ड राजा तूने मेरी बेटी की बुर चोदी है आज तू उसके सामने उसकी माँ का भोसड़ा चोद ले ? उधर मेरी बेटी ने शब्बीर का लौड़ा हिला हिला कर और सख्त कर दिया फिर वह बोली अरे मेरे भोसड़ी के लण्ड राजा तुमने मेरी माँ का भोसड़ा खूब चोदा है आज तू उसके सामने उसकी बिटिया की बुर चोद कर दिखा। मैं रज़ा का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी और वह शब्बीर का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी।
फिर मैंने अपनी बेटी के सामने ही उसके दोस्त रज़ा से खूब धकाधक चुदवाया। मेरी बेटी ने भी मेरे सामने मेरे दोस्त शब्बीर से खूब भकाभक चुदवाया। हम दोनों इस तरह चुदाई करवाकर हमेशा के लिए एक दूसरे की दोस्त बन गईं। उसके बाद जो लण्ड मेरे हाथ में आता वह मैं फ़ज़ा की बुर में मुस्कराते हुए पेल देती और जो लण्ड उसकी पकड़ में आता वो लण्ड वह मेरे भोसड़ा में हँसते हुए घुसा देती। हम दोनों की ज़िन्दगी बड़ी शान से गुजरने लगी। जब वह २४ साल की हुई तो मैंने उसकी शादी जासिर नाम के लड़के से कर दी। जासिर बड़ा होनहार और हैंडसम लड़का था। वह मेरे नजदीकी रिश्ते में भी था तो मैंने देर नहीं लगाई। फ़ज़ा अपनी ससुराल गई। वहां अपनी सुहागरात मनाई और कुछ दिन रहने के बाद वह मेरे घर यानी अपने माईके वापस आ गयी। मैंने उससे सुहागरात की कहानी सुनी क्योंकि उसके पास मुझसे छुपाने का कोई मतलब ही नहीं था। उसने बताया की अम्मी जान सुहागरात में तो मैंने अपने शौहर से खूब मजे से चुदवाया पर दूसरे ही दिन 3 देवर आ गए मेरे पास और बोले लो भाभी जान मेरा भी लण्ड पकड़ो प्लीज ?
मैंने कहा क्या तुम सब लोग मुझे चोदोगे ? एक बोला अरे भाभी जान पहले इसे पकड़ तो लो फिर बताऊंगा की हम लोग क्या क्या करेंगें ? मैं भी मूड में आ गयी और कहा अच्छा ठीक है तुम सब लोग मेरे सामने नंगे हो जाओ। तुम सबका लण्ड एक साथ पकड़ूँगी, हिलाऊँगी और चूसूंगी। वे तीनो फ़ौरन नंगे हो गए। मैं उनके लण्ड देख कर हैरान भी हुई और खुश भी हुई। हैरान इसलिए की उनके लण्ड 19 /20 की ही उम्र में ही मर्दों के लण्ड के बराबर हो गए थे और खुश इसलिए थी की आज पहली बार मुझे तीन तीन लण्ड से एक साथ चुदवाने का मौक़ा मिलेगा और मैं ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह सबसे चुदवाऊंगी।
फ़ज़ा की कहानी सुनकर मुझे अपनी सुहागरात की याद आ गई. एक दिन हम दोनों शाम को बैठी हुई इधर उधर की बातें कर रही थी। इतने में किसी ने डोर बेल बजाई। मैंने दरवाजा खोला तो सामने इमरान खड़ा था। वह 45 साल का मेरा देवर लगता है। मैं उससे २/3 बार चुदवा चुकी हूँ।
- मैंने कहा - अरे इमरान आज तुम इतने दिनो के बाद आये हो ? कहाँ थे अब तक ?
- वह बोला - अरे भाभी जान मैं दुबई चला गया था। अभी कल ही वहां से आया हूँ।
- मैंने उसे बड़े प्यार अंदर बैठाया और खैरमकदम किया। फिर हम दोनों बातें करने लगे। मैंने पूंछा - कोई ख़ास बात तो नहीं है इमरान ?
- नहीं भाभी जान कोई खास बात नहीं है पर एक बात जरूर है।
- है तो फिर खुल कर बताओ न ?
- आज मैं अपनी नई भाभी जान से मिलने आया हूँ और उसे चोदने आया हूँ।
- अरे वाह ये तो बहुत अच्छी बात है। चोदो न अपनी नई भाभी जान की बुर ? पर ये बताओ कौन है तेरी नयी भाभी जान ?
- आपकी बेटी फ़ज़ा है भाभी जान। उसकी शादी अभी हुई है । उस रिश्ते से वह मेरे साले की बीवी है। तो मेरी सरहज हुई यानी छोटी भाभी जान ?
- ये क्या बात हुई इमरान ? चोदना हो तो तुम ऐसे ही चोद लो रिश्ते बनाने की क्या जरुरत है देवर जी ?
- अरे भाभी जान रिस्ता तो बना बनाया मिल गया मुझे। फ़ज़ा की शादी से मेरा रिस्ता अपने आप बन गया। अब तो मैं अपने साले की बीवी की बुर चोद कर ही जाऊंगा।
- अच्छा तो तुम अपनी पुराणी भाभी की बुर नहीं चोदोगे ?
- कैसी बातें कर रही हो भाभी जान ? इतने दिनों बाद तो मैं आपके पास आया हूँ तो फिर बिना तुम्हे चोदे कैसे जाऊंगा ?
- तुम भोसड़ी के बड़े चालक हो। आज तुम माँ बेटी दोनों को चोदने के मूड में आये हो ? अच्छा ठीक है मैं भी देखती हूँ की तेरे लण्ड में कितनी ताकत है बहन चोद।
मैं बोली - बुर चोदी फ़ज़ा, आज मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी ?
तो वह भी मस्त होकर बोली - आज मैं भी तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी, अम्मी जान ।
बस फिर हम सबने एक साथ बैठकर ड्रिंक्स का मज़ा लेना शुरू कर दिया। मैंने कहा इमरान तुम अपनी साले की बीवी चोदना चाहते हो न ? तो लो ये है तेरे साले की बीवी फ़ज़ा। चोदो इसे और मेरे सामने हो चोदो। मैं देखना चाहती हूँ की तेरी चुदाई में कुछ फरक आया है की तू अभी भी वही पुराने ढर्रे से बुर चोद रहा है। वह बोला भाभी जान मुझे तो अपने साले की बीवी देखने में ही बड़ा मज़ा आ रहा है। इतनी खूबसूरत बीवी हो तो फिर चोदने में ज्यादा मज़ा आएगा ही ।
फ़ज़ा बोली - तुम तो मेरे अब्बू के उम्र के हो। तुम्हे तो मज़ा आएगा ही नई बीवी चोदने में। पर मेरी तरफ से सोंचो की मुझे भी तेरे लण्ड का मज़ा आएगा की नहीं ? अगर तेरा लण्ड दमदार न हुआ तो मैं तेरा लण्ड क्या तुझे भी नहीं छूऊँगी ?
वह बोला - अरे मेरी छोटी भाभी साहिबा अब मैं अपने लण्ड के बारे क्या बताऊँ ? तुम खुद अपनी अम्मी जान से पूंछ लो। वैसे मुझे तेरी शर्त मंजूर है।
मैंने इमरान को नंगा किया और उसका लौड़ा हिला हिला कर खड़ा किया फिर उसे फ़ज़ा को पकड़ा दिया। फ़ज़ा के हाथ में जाते ही वह एक इंच और बढ़ गया। फ़ज़ा बोली वॉवो लण्ड तो तेरा बड़ा जबरदस्त है मेरे छोटे देवर जी। मेरी नन्द के मरद हो तुम भोसड़ी के इमरान ? आज मैं तेरा लण्ड भून डालूंगी अपनी चूत में डाल कर। तब तकउधर मैंने समी को नंगा करके उसका लौड़ा हिलाने लगी। लौड़ा उसका भी बड़ा शानदार निकला। मैंने कहा बेटा समी सच सच बताओ की तुम अपने दोस्त की बीवी चोदना आये हो न ? वह बोला हां आंटी जी यह बात। फ़ज़ा का हसबैंड मेरा दोस्त है। आज वह अभी इस समय मेरी बीवी चोद रहा होगा उसने मुझसे कहा की तुम मेरे घर जाओ और मेरी बीवी चोदो। तो मैं सच में उसकी बीवी ही चोदने आया हूँ। मैंने कहा बेटा अब तो उसकी बीवी भी चोदो और बीवी की माँ भो चोदो। आज तो तेरी चांदी है बेटा। एक तरफ बुर चोदो दूसरी तरफ भोसड़ा ?
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Tags: मैं अपनी बेटी की माँ चुदा रही हूँ - Main Chudkkad hun mujhe chodo , माँ अपनी ही बेटी की चुदाई , माँ चुदाना सीख लो बेटी , दास्तान ए चुदाई , बेटी के सामने माँ ने चुदवाया , मर्दखोर बेटी की चुदक्कड़ माँ , Ma Beti ki Chudai kahani.
फ़ज़ा बोली - तुम तो मेरे अब्बू के उम्र के हो। तुम्हे तो मज़ा आएगा ही नई बीवी चोदने में। पर मेरी तरफ से सोंचो की मुझे भी तेरे लण्ड का मज़ा आएगा की नहीं ? अगर तेरा लण्ड दमदार न हुआ तो मैं तेरा लण्ड क्या तुझे भी नहीं छूऊँगी ?
वह बोला - अरे मेरी छोटी भाभी साहिबा अब मैं अपने लण्ड के बारे क्या बताऊँ ? तुम खुद अपनी अम्मी जान से पूंछ लो। वैसे मुझे तेरी शर्त मंजूर है।
मैंने इमरान को नंगा किया और उसका लौड़ा हिला हिला कर खड़ा किया फिर उसे फ़ज़ा को पकड़ा दिया। फ़ज़ा के हाथ में जाते ही वह एक इंच और बढ़ गया। फ़ज़ा बोली वॉवो लण्ड तो तेरा बड़ा जबरदस्त है मेरे छोटे देवर जी। मेरी नन्द के मरद हो तुम भोसड़ी के इमरान ? आज मैं तेरा लण्ड भून डालूंगी अपनी चूत में डाल कर। तब तकउधर मैंने समी को नंगा करके उसका लौड़ा हिलाने लगी। लौड़ा उसका भी बड़ा शानदार निकला। मैंने कहा बेटा समी सच सच बताओ की तुम अपने दोस्त की बीवी चोदना आये हो न ? वह बोला हां आंटी जी यह बात। फ़ज़ा का हसबैंड मेरा दोस्त है। आज वह अभी इस समय मेरी बीवी चोद रहा होगा उसने मुझसे कहा की तुम मेरे घर जाओ और मेरी बीवी चोदो। तो मैं सच में उसकी बीवी ही चोदने आया हूँ। मैंने कहा बेटा अब तो उसकी बीवी भी चोदो और बीवी की माँ भो चोदो। आज तो तेरी चांदी है बेटा। एक तरफ बुर चोदो दूसरी तरफ भोसड़ा ?
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