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बहन की सहेली को भाई ने चोदा - Bahan ne bhai se apni saheli ko chudwaya
बहन की सहेली को भाई ने चोदा - Bahan ne bhai se apni saheli ko chudwaya , बहन की सहेली को पटा के चोदा , दोस्त की बहन को जबरदस्ती चोदा , दीदी की सहेली को कैसे चोदा, भाई का वर्जिन लंड , बहन के सामने बहन उसकी दोस्त को चोदा , दीदी का बुर चोदन कर दिया. सहेली के बड़े भाई ने मुझे चोदा.
मैंने कहा - अम्मी जान ये मुमताज़ है मेरे कॉलेज की दोस्त। मेरी पक्की दोस्त है। मैं इसके घर जाती हूँ और ये मेरे घर आती है। आज ये बहुत बड़ी उम्मीद से आयीं है, अम्मी जान। ये बिचारी बहुत दिनों से मेरे भाई जान से चुदवाना चाहती है। इसने मुझसे कई बार कहा की मैं तेरे भाई जान से चुदवाना चाहती हूँ। मैं तेरे भाई जान के लण्ड के सपने देखती हूँ आज हकीकत में उसका लण्ड पकड़ कर देखना चाहती हूँ। अब मैं चाहती हूँ की ये मेरे भाई जान से चुदवा ले। इसलिए अम्मी जान तुम भाई जान से कह दो की वो इसे अच्छी तरह चोदे और मेरे सामने चोदे।
अम्मी ने कहा - अच्छा ठीक है मैं अभी कह देती हूँ। तुम लोग चलो और कपड़े वगैरह उतारो, मुमताज़ को नंगी करो, मैं अभी आती हूँ।
तो दोस्तों इस बात चीत से चुदाई के रिश्ते अपने आप झलक रहें हैं।
पहला - बेटी अगर माँ से कह रही है की मेरी सहेली की बुर चुदवा दो अम्मी जान तो इसका मतलब है की माँ बेटी के बीच चुदाई के रिस्तें हैं। अब यह पक्का हो गया की माँ बेटी के बीच चोदा चोदी होती है।
दूसरा - बेटी ने कहा की अम्मी जान भाई जान मेरी सहेली की बुर चुदवा दो तो इसका मतलब है की अम्मी को मालूम है की उसका बेटा बुर चोदता है और अपनी माँ के सामने चोदता है। अब अगर बेटा माँ के सामने किसी और की बुर चोदता है तो माँ देखती हैं न ? वह माँ की भी बुर चोद सकता है। माँ ने उसका लौड़ा देखा है और बेटे ने अपनी माँ को भी नंगी देखा होगा। तो यह बात भी पक्की हो गयी की माँ बेटे के बीच चोदा चोदी होती है.
तीसरा - ये तो अपने आप में साफ़ है की एक बहन अपने भाई जान से अपनी सहेली की बुर चुदवाना चाहती है तो बहन ने अपने भाई जान का लौड़ा पकड़ा ही होगा। उसने किसी और की बुर अपनी बहन के सामने चोदा होगा या फिर अपनी ही बहन की बुर चोदी होगी तभी तो वह ऐसा कह सकती है। इसका मतलब की भाई बहन के बीच चोदा चोदी होती है।
चौथा - अब माँ बेटी और बेटा तीनो एक ही बात तो कह रहे हैं, सुन रहें है और वह भी चुदाई की बात तो एकदम ज़ाहिर है की ये तीनों मिलकर चुदाई करतें हैं। आपस में भी करते होंगें और एक दूसरे के सामने भी चुदाई करते होंगें और चुदाई करवाती होंगीं। तो इस तरह माँ, बेटी और बेटे तीनों के बीच चोदा चोदी होती है।
अम्मी के कहने पर बेटी मुमताज़ के कपड़े उतारने चली गयी। उधर अम्मी अपने बेटे को लेकर कमरे में घुस गईं.
दोस्तों मैं सफ़ीका बेगम बोल रही हूँ। मैं यहाँ एक माँ हूँ। मेरी बेटी हुमा है जो अभी 21 साल की है और बेटा फज़ल 24 साल का है। मैं 44 साल की हूँ मस्त जवान हूँ। बड़ी खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और बेहद हॉट हूँ। मेरे चाहने वाले बहुत है और चोदने वाले उससे ज्यादा। मैंने अभी तक जवानी का खूब मज़ा लूटा है और मैं चाहती हूँ की मेरी बेटी भी मेरी ही तरह जवानी का मज़ा लुटे। मेरा बेटा भी कम न रहे मज़ा लूटने में। इसलिए मैंने अपने बेटी को लण्ड पकड़ना उसके जवान होते ही सिखा दिया था। अच्छी बात यह है की खुदा ने मेरी बेटी को मुझसे ज्यादा खूबसूरत बनाया है। उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी भी हैं और सुडौल भी। उसकी गांड बड़ी मस्त है और चूत तो एकदम चौकस है। रंग गोरा है और चेहरा बड़ा सेक्सी है। अब तो गालियां भी बड़े प्यार से सुनाती है और खूब एन्जॉय करती है। उसे देख कर तो हर उम्र के मरद अपना अपना लण्ड सहलाने लगते हैं।
मेरा बेटा अभी एक साल से ही मेरे सामने खुल कर चुदाई करने लगा है। इसका एक बहुत बड़ा कारण है की मेरे बेटे की शादी मेरी जेठानी के बेटी महक के साथ हो गयी है। तो एक रिश्ते से वह मेरा दामाद बन गया है। अब दामाद का लौड़ा पकड़ना उसे अपनी चूत में पेलना हमारे समाज में जायज़ माना जाता है। मैंने इसी बात का फायदा उठाया और एक रात को उसका लण्ड पकड़ कर कहा बेटा मैंने तेरा नहीं अपने दामाद का लौड़ा पकड़ा है। तेरी बीवी मेरी बेटी है और तू उसे चोदने वाला उसका शौहर। इसलिए मैं तुमसे भी चुदवाने का हक़ रखती हूँ। मेरी बात सुनकर उसका लौड़ा तन कर खड़ा हो गया मेरे आगे। पहले वह अपनी सास का भोसड़ा चोद रहा था और फिर मेरा भोसड़ा चोदने लगा। मेरे बेटे को खुदा ने बहुत बढ़िया लण्ड दिया है। लण्ड का साइज 8" + x ५"+ है और सख्त इतना की जैसे खम्भा ?
मैंने अपनी बेटी हुमा को लण्ड पकड़ना कब सिखाया और कैसे यह बात मैं बाद में बताउंगी। पहले देखो यहाँ क्या होने जा रहा है। हुमा की सहेली मुमताज़ एकदम नंगी हो चुकी है। वह भी हॉट है और उसकी चूत भी। मैंने कहा बेटी हुमा अब तुम अपने भाई जान का लौड़ा निकाल कर खड़ा करो। वह अपने भाई जान को नंगा करने लगी और मैं हुमा के कपड़े उतारने लगी। बात यह है की चुदाई के मामले में कपड़ों का कोई काम नहीं। चुदाई हमेशा नंगे नंगे ही होती है। उधर बेटे का लौड़ा खुला तो इधर बेटी की चूत और चूँचियाँ ? अब मेरे सामने तीनो नंगे थे। मैंने इशारा किया तो बेटी ने अपने भाई का लौड़ा मुमताज़ को पकड़ा दिया। मुमताज़ लण्ड पाकर बड़ी खुश हो गयी। उसके मन की इच्छा पूरी होने जा रही थी। उसने लण्ड को सबसे पहले कई बार चूमा और उसे घुमा घुमा कर चारों तरफ से देखा। फिर वह मुझे बोली आंटी जी मैं इसी लण्ड के सपने देखती थी आज ये मेरे सामने है। मैं कितनी नसीबवाली हूँ। मुझे इसी तरह का लण्ड पसंद है।
वह लण्ड का सुपाड़ा जबान से चाटने लगी तो लण्ड और सख्त होने लगा। मैंने पूंछा बेटी मुमताज़ तेरे भाई जान का लौड़ा कैसा है ? वह बोली उसका लौड़ा छोटा है आंटी जी ? मोटा भी है और सख्त भी है पर अंदर तक घुस कर चोद नहीं पाता। मैं उससे चुदवाकर अक्सर चुदासी रह जाती हूँ। मुझे किसी ने बताया था की हुमा के भाई जान का लौड़ा बड़ा मस्त भी है और जबरदस्त भी। तबसे मैं इसके लण्ड की दीवानी बनी घूम रही हूँ। मैंने फिर पूंछा - तेरे अब्बू का लण्ड कैसा है ? वह बोली बाप रे बाप उसका लण्ड तो साला बड़ा हक्कानी है आंटी जी पर वह साला बहुत बिजी रहता है। अब्बू के लण्ड के बहुत चाहने वालियां है। घर के सारी चूत, बुर, भोसड़ा सब उससे चुदवाती हैं। कुनबे की सभी लड़कियां अब्बू के लण्ड के पीछे पड़ी रहतीं हैं। मुझे उसका लण्ड पकड़ने का मौक़ा बहुत कम मिलता है आंटी जी। अब मैं बिना लण्ड के रात नहीं गुज़ार पाती। हालांकि मेरी शादी होने वाली है पर लण्ड तो मुझे हर रोज़ चाहिए। ऐसा कह कर वह मेरे बेटे का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं मन ही मन खुश होने लगी की चलो मेरे बेटे का लण्ड किसी के काम तो आ रहा है।
तब तक मेरी जेठानी का लड़का शैफ अली आ गया। आते ही बोला अरे वाह यहाँ तो मस्त चुदाई हो रही है चची जान। मैं आज पहली बार हुमा को नंगी देख रहा हूँ। क्या मस्त चीज है हुमा चची जान ? मेरा तो दिल इस पर आ गया है। कहो तो मैं भी इसी खेल के शामिल हो जाऊं ? मैंने मजाक में कहा अगर तेरे लण्ड में ताकत है तो हो जा। पहले ये बता की कल रात को तूने अपना लण्ड किस किस की बुर में ठोंका ? वह बोला पहले तो अपनी खाला जान की बेटी की बुर में ठोंका। और कई बार ठोंका ? फिर खाला जान ने भी मेरा लण्ड अपने भोसड़ा में ठोंकवा लिया। मैंने दोनों को खूब मजे से चोदा। उधर मेरी अम्मी जान अपने देवर से चुदवा रहीं थीं। उसका दिल मेरे लण्ड पर आ गया तो उसने मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में पेला और कहा बेटा तू तो रिश्ते में मेरा बहनोई है तू भी चोद ले मेरा भोसड़ा ? यह सुन कर मुझे भी ताव आ गया और मैं माँ का भोसड़ा चोदने लगा। उधर चचा जान ने लण्ड खाला की बेटी की चूत में घुसा दिया जिसे मैं चोद रहा था। फिर हम दोनों एक दूसरे को देख देख कर चुदाई का मज़ा खूब लिया।
इतने में वह नंगा हो गया तो मैंने उसका लौड़ा पकड़ कर देखा। मैंने कहा बेटा शैफ अली तुम पहले मेरी बेटी की बुर चोदो और फिर बेटी की माँ का भोसड़ा चोदो। तब तक पीछे से आवाज़ आयी बेटी की माँ का भोसड़ा मैं चोदूंगा खाला जान। मैंने पीछे देखा तो वह मेरी बहन का बेटा ताहिर था।
मैंने पूंछा - बेटा ताहिर तुम किसकी बुर चोद कर आये हो ?
वह बोला - खाला जान मैं तेरी बहन का भोसड़ा चोद कर आया हूँ।
बात बिलकुल साफ़ थी की वह अपनी माँ का भोसड़ा चोद कर आया है। रात के समय इसी तरह की चुदाई होती है जहाँ सिर्फ लण्ड और चूत का ही रिस्ता होता है बस और कुछ भी नहीं। लण्ड भोसड़ी का किसी का भी हो उसे पेलवा लो और चूत बुर चोदी किसी की भी हो उसे चोदो ?
मैंने ताहिर का लण्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाएं लगी। मेरा दिल उसके लण्ड पर आ गया. मैंने कहा बेटा ताहिर अभी तू अपनी माँ का भोसड़ा चोद कर आया है तो अब तू अपनी माँ की बहन का भोसड़ा चोद ले। मैंने उसका लौड़ा मुंह में लिया और लॉली पॉप की चूसने लगी। मैं नंगी नंगी एक हाथ से उसके पेल्हड़ थामे हुए थी। अब मैंने अपनी बहन के बेटे से चुदवाने का मन बना लिया। मेरी बेटी हुमा मेरी जेठानी के बेटे से चुदवाने जा रही थी और मेरा बेटा उसकी सहेली मुमताज़ की बुर में लण्ड घुसाने के लिए एकदम तैयार था। मुझे यह देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था की मैं लण्ड का मज़ा ले रही हूँ मेरी बेटी भी लण्ड का मज़ा ले रही है और मेरा बेटा चूत का मज़ा ले रहा है। हम तीनो जवानी के जोश में डूबे हुए थे और चुदाई का आनंद लेने के लिए पूरी ताकत से लगे हुए थे।
मैंने इसी जोश में कहा - बेटी हुमा, तेरी माँ की बिटिया की बुर ?
तो उसने भी जबाब दिया - अम्मी जान, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ?
मेरे बेटे फज़ल ने लण्ड मुमताज़ की बुर में पूरा घुसेड़ दिया। मुमताज़ उई माँ, मर गई मैं, फट गयी मेरी बुर, चुद गयी मेरी माँ, जैसी बातें अपने मुंह से निकालने लगी। इससे साफ़ ज़ाहिर था की उसे बड़ा मज़ा आ रहा था। उसकी तमन्ना पूरी हो रही थी। उसके सामने मेरी बेटी हुमा भी बड़ी मस्ती से मेरी जेठानी के बेटे शैफ अली से अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी। मैं खुश इस बात से थी की जैसे मैंने उसे सिखाया था वह उसी तरह जवानी का मज़ा लूट रही थी। अपनी बुर चुदवा तो सभी लेतीं हैं मगर जो मन से और दिल लगा कर चुदवाये पूरा मज़ा उसी को आता है। मैं भी इन दोनों के साथ अपना भोसड़ा खोले हुए अपनी बहन के बेटे ताहिर से झमाझम चुदवा रही थी। उसका लण्ड मेरी चूत के अंदर तक चोट कर रहा था। हम दोनों माँ बेटी सहेलियों की तरह भकाभक चुदवाने में जुटी थी और हमारे साथ थी मुमताज़। वह भी रंडी की तरह सटासट लण्ड अपनी बुर में पेलवा रही थी।
चुदाई अपने पूरे शबाब पर थी। हम तीनो की बुर का बाजा खूब मजे से बज रहा था। मैंने मस्ती में मजाक करते कहा हुमा तू भोसड़ी की अपनी माँ की चूत का बाजा बजवा रही है तुझे कोई शर्म नहीं आती ? हरामजादी तेरी माँ की चूत तेरी बहन का भोसड़ा ? हुमा ने जबाब दिया हाय अल्लाह तू सफीका बेटी चोद अपनी बेटी चुदवाकर चुदवाकर मज़ा ले रही है। तुझे शर्म नहीं आती ? अपनी बेटी की बुर में लौड़ा पेलवा रही है तू ? तेरा भोसड़ा तेरी बहन का भोसड़ा ? उधर से मुमताज़ बोली हाय मेरी हुमा रानी मुझे तो तेरी चुदती हुई बुर देखने में बड़ा मज़ा आ रहा है और तेरी माँ का भोसड़ा चुदवाने में मुझे और अच्छा लग रहा है। मैं तो आई थी अपनी बुर चुदाने और चुद रही है तेरी भी बुर और तेरी माँ का भोसड़ा भी ? तीनों मर्द भी बड़े जोश से चोदने में जुटे हुए थे और यह कम्पटीशन होने लगा की कौन सबसे पहले चूत को ढीली कर देगा। सबने चोदने की स्पीड बढ़ा दी। पूरा घर चुदाई की आवाज़ से गुंजायमान हो गया। मुझे इसी तरह की चुदाई अच्छी लगती है। सबके साथ चुदाई करने और करवाने में बड़ा अच्छा लगता है। इसलिए मैंने अपनी बेटी और बेटे को चुदाई में शामिल कर रखा है। कल मेरी बहू भी आने वाली है वह भी मेरा भोसड़ा चोदेगी और मैं उसकी बुर ?
सबसे पहले मुमताज़ की बुर ढीली हो गयी। बज गया उसकी चूत का बाजा। वह खलास हो गयी तभी मेरे बेटे ने लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला और तभी मुमताज़ ने उसे अपने मुंह में भर लिया। तो लण्ड ने सारा वीर्य उसके मुंह में गिरा दिया। मुमताज़ बड़े मजे से पी गई वीर्य और चाटने लगी लण्ड। इतने में हुमा भी खलास हो गयी और वह भी शैफ अली का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी और मैं भी सबके सामने ताहिर का झड़ता हुआ लौड़ा चाटने लगी।
फिर हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब मस्ती से बातें की एक दूसरे को प्यार भरीं गालियां दीं और एन्जॉय किया। कुछ देर बाद फिर महफ़िल जम गयी। इस बार मेरी बेटी हुमा ने अपने भाई जान फज़ल का लण्ड पकड़ लिया और प्यार से उसे हिलाने लगी। मुमताज़ ने ताहिर का लौड़ा पकड़ा और मैंने शैफ अली का लौड़ा। हम तीनो ने लण्ड बदल लिया तो हमारे बीच एक नया जोश पैदा हो गया। मैं एक बिल्ली की तरह शैफ अली का लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूँचियों से खेलने लगा। उधर मेरी बेटी हुमा अपने ही भाई जान का लौड़ा मुंह में लिए हुए चूस रही थी। लौड़ा चूसना एक बहुत मस्त क्रिया है जिसमें दोनों को मज़ा आता है। हमारे यहाँ बहन अपने भाई जान का लण्ड चूसे, लण्ड चोदे और लण्ड चाटे यह सब जायज़ है। मुमताज़ तो आयी थी मेरे बेटे से चुदवाने पर अब उसे देखो वह मेरी बहन के बेटे से भी चुदवा रही है। और उतनी ही शिद्दत से चुदवा रही है जितनी शिद्दत से वह मेरे बेटे से चुदवा रही थी। हुमा ने जब अपने भाई जान का लौड़ा अपनी चूत में पेला तो वह बोली उई माँ बड़ा मोटा लण्ड है तेरा भाई जान। मेरी तो बुर क्या मेरी गांड भी फट रही है। इतना बड़ा लौड़ा मैं पहली बार बार घुसेड़वा रही हूँ। मेरी चूत अभी भोसड़ा नहीं बना है यार ज़रा धीरे धीरे चोदो भाई जान। लेकिन चोदो और खूब चोदो। मैं भी अपने बेटी से कम न थी मैंने भी शैफ अली का पूरा लौड़ा अपनी चूत में घुसा रखा था। हां यह जरूर है की मेरी चूत बुर चोदी भोसड़ा बन गई है पर अभी भी टाइट है और लौड़ा चिपक कर घुसता है। मैं अपनी बहन के बेटे से चुदवाने में बड़ा फक्र महसूस कर रही थी। हम तीनों चुदाई के जोश में खो गयीं थीं। लण्ड का पूरा मज़ा ले रही थी तभी शैफ अली ने लण्ड मेरी चूँचियों के बीच घुसेड़ दिया। मैं भी अपने बूब्स चुदवाने लगी और अपनी जबान निकाल कर बार लण्ड का सुपाड़ा। उधर मेरी बेटी मेरे बेटे से ऐसे चुदवाने लगी जैसे जी वह उसका भाई नहीं बल्कि शौहर हो। वैसे भी हमारे समाज में बहुत जल्दी भाई जान भोसड़ी का शौहर बन जाता है।
थोड़ी देर में फिर माहौल बदला। मैंने हुमा की चूत से अपने बेटे का लण्ड निकाल कर अपनी चूत में पेल लिया और कहा लो अब तुम अपनी सास का भोसड़ा चोदो, फज़ल । वह भी चुदाई के नशे में चूर था तो चोदने लगा मेरा भोसड़ा। उधर हुमा ताहिर का लण्ड पेलवा कर चुदवाने लगी और शैफ अली ने तब अपना लण्ड मुमताज़ की बुर में घुसा दिया। ये लण्ड भी बहन चोद एक चूत से निकल कर दूसरी चूत में बड़ी जल्दी घुस जातें हैं। इन्हे सबकी चूत चोदने में बड़ा मज़ा आता है।
एक दिन मैं अपनी नन्द के घर चली गयी और रात में उसने मुझे रोक लिया तो वहीं रुक गयी।
मैंने मन में कहा अरे यार हमारे समाज में हर घर में इसी तरह की चुदाई होती रहती है।
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दूसरा - बेटी ने कहा की अम्मी जान भाई जान मेरी सहेली की बुर चुदवा दो तो इसका मतलब है की अम्मी को मालूम है की उसका बेटा बुर चोदता है और अपनी माँ के सामने चोदता है। अब अगर बेटा माँ के सामने किसी और की बुर चोदता है तो माँ देखती हैं न ? वह माँ की भी बुर चोद सकता है। माँ ने उसका लौड़ा देखा है और बेटे ने अपनी माँ को भी नंगी देखा होगा। तो यह बात भी पक्की हो गयी की माँ बेटे के बीच चोदा चोदी होती है.
तीसरा - ये तो अपने आप में साफ़ है की एक बहन अपने भाई जान से अपनी सहेली की बुर चुदवाना चाहती है तो बहन ने अपने भाई जान का लौड़ा पकड़ा ही होगा। उसने किसी और की बुर अपनी बहन के सामने चोदा होगा या फिर अपनी ही बहन की बुर चोदी होगी तभी तो वह ऐसा कह सकती है। इसका मतलब की भाई बहन के बीच चोदा चोदी होती है।
चौथा - अब माँ बेटी और बेटा तीनो एक ही बात तो कह रहे हैं, सुन रहें है और वह भी चुदाई की बात तो एकदम ज़ाहिर है की ये तीनों मिलकर चुदाई करतें हैं। आपस में भी करते होंगें और एक दूसरे के सामने भी चुदाई करते होंगें और चुदाई करवाती होंगीं। तो इस तरह माँ, बेटी और बेटे तीनों के बीच चोदा चोदी होती है।
अम्मी के कहने पर बेटी मुमताज़ के कपड़े उतारने चली गयी। उधर अम्मी अपने बेटे को लेकर कमरे में घुस गईं.
दोस्तों मैं सफ़ीका बेगम बोल रही हूँ। मैं यहाँ एक माँ हूँ। मेरी बेटी हुमा है जो अभी 21 साल की है और बेटा फज़ल 24 साल का है। मैं 44 साल की हूँ मस्त जवान हूँ। बड़ी खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और बेहद हॉट हूँ। मेरे चाहने वाले बहुत है और चोदने वाले उससे ज्यादा। मैंने अभी तक जवानी का खूब मज़ा लूटा है और मैं चाहती हूँ की मेरी बेटी भी मेरी ही तरह जवानी का मज़ा लुटे। मेरा बेटा भी कम न रहे मज़ा लूटने में। इसलिए मैंने अपने बेटी को लण्ड पकड़ना उसके जवान होते ही सिखा दिया था। अच्छी बात यह है की खुदा ने मेरी बेटी को मुझसे ज्यादा खूबसूरत बनाया है। उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी भी हैं और सुडौल भी। उसकी गांड बड़ी मस्त है और चूत तो एकदम चौकस है। रंग गोरा है और चेहरा बड़ा सेक्सी है। अब तो गालियां भी बड़े प्यार से सुनाती है और खूब एन्जॉय करती है। उसे देख कर तो हर उम्र के मरद अपना अपना लण्ड सहलाने लगते हैं।
मेरा बेटा अभी एक साल से ही मेरे सामने खुल कर चुदाई करने लगा है। इसका एक बहुत बड़ा कारण है की मेरे बेटे की शादी मेरी जेठानी के बेटी महक के साथ हो गयी है। तो एक रिश्ते से वह मेरा दामाद बन गया है। अब दामाद का लौड़ा पकड़ना उसे अपनी चूत में पेलना हमारे समाज में जायज़ माना जाता है। मैंने इसी बात का फायदा उठाया और एक रात को उसका लण्ड पकड़ कर कहा बेटा मैंने तेरा नहीं अपने दामाद का लौड़ा पकड़ा है। तेरी बीवी मेरी बेटी है और तू उसे चोदने वाला उसका शौहर। इसलिए मैं तुमसे भी चुदवाने का हक़ रखती हूँ। मेरी बात सुनकर उसका लौड़ा तन कर खड़ा हो गया मेरे आगे। पहले वह अपनी सास का भोसड़ा चोद रहा था और फिर मेरा भोसड़ा चोदने लगा। मेरे बेटे को खुदा ने बहुत बढ़िया लण्ड दिया है। लण्ड का साइज 8" + x ५"+ है और सख्त इतना की जैसे खम्भा ?
मैंने अपनी बेटी हुमा को लण्ड पकड़ना कब सिखाया और कैसे यह बात मैं बाद में बताउंगी। पहले देखो यहाँ क्या होने जा रहा है। हुमा की सहेली मुमताज़ एकदम नंगी हो चुकी है। वह भी हॉट है और उसकी चूत भी। मैंने कहा बेटी हुमा अब तुम अपने भाई जान का लौड़ा निकाल कर खड़ा करो। वह अपने भाई जान को नंगा करने लगी और मैं हुमा के कपड़े उतारने लगी। बात यह है की चुदाई के मामले में कपड़ों का कोई काम नहीं। चुदाई हमेशा नंगे नंगे ही होती है। उधर बेटे का लौड़ा खुला तो इधर बेटी की चूत और चूँचियाँ ? अब मेरे सामने तीनो नंगे थे। मैंने इशारा किया तो बेटी ने अपने भाई का लौड़ा मुमताज़ को पकड़ा दिया। मुमताज़ लण्ड पाकर बड़ी खुश हो गयी। उसके मन की इच्छा पूरी होने जा रही थी। उसने लण्ड को सबसे पहले कई बार चूमा और उसे घुमा घुमा कर चारों तरफ से देखा। फिर वह मुझे बोली आंटी जी मैं इसी लण्ड के सपने देखती थी आज ये मेरे सामने है। मैं कितनी नसीबवाली हूँ। मुझे इसी तरह का लण्ड पसंद है।
वह लण्ड का सुपाड़ा जबान से चाटने लगी तो लण्ड और सख्त होने लगा। मैंने पूंछा बेटी मुमताज़ तेरे भाई जान का लौड़ा कैसा है ? वह बोली उसका लौड़ा छोटा है आंटी जी ? मोटा भी है और सख्त भी है पर अंदर तक घुस कर चोद नहीं पाता। मैं उससे चुदवाकर अक्सर चुदासी रह जाती हूँ। मुझे किसी ने बताया था की हुमा के भाई जान का लौड़ा बड़ा मस्त भी है और जबरदस्त भी। तबसे मैं इसके लण्ड की दीवानी बनी घूम रही हूँ। मैंने फिर पूंछा - तेरे अब्बू का लण्ड कैसा है ? वह बोली बाप रे बाप उसका लण्ड तो साला बड़ा हक्कानी है आंटी जी पर वह साला बहुत बिजी रहता है। अब्बू के लण्ड के बहुत चाहने वालियां है। घर के सारी चूत, बुर, भोसड़ा सब उससे चुदवाती हैं। कुनबे की सभी लड़कियां अब्बू के लण्ड के पीछे पड़ी रहतीं हैं। मुझे उसका लण्ड पकड़ने का मौक़ा बहुत कम मिलता है आंटी जी। अब मैं बिना लण्ड के रात नहीं गुज़ार पाती। हालांकि मेरी शादी होने वाली है पर लण्ड तो मुझे हर रोज़ चाहिए। ऐसा कह कर वह मेरे बेटे का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं मन ही मन खुश होने लगी की चलो मेरे बेटे का लण्ड किसी के काम तो आ रहा है।
तब तक मेरी जेठानी का लड़का शैफ अली आ गया। आते ही बोला अरे वाह यहाँ तो मस्त चुदाई हो रही है चची जान। मैं आज पहली बार हुमा को नंगी देख रहा हूँ। क्या मस्त चीज है हुमा चची जान ? मेरा तो दिल इस पर आ गया है। कहो तो मैं भी इसी खेल के शामिल हो जाऊं ? मैंने मजाक में कहा अगर तेरे लण्ड में ताकत है तो हो जा। पहले ये बता की कल रात को तूने अपना लण्ड किस किस की बुर में ठोंका ? वह बोला पहले तो अपनी खाला जान की बेटी की बुर में ठोंका। और कई बार ठोंका ? फिर खाला जान ने भी मेरा लण्ड अपने भोसड़ा में ठोंकवा लिया। मैंने दोनों को खूब मजे से चोदा। उधर मेरी अम्मी जान अपने देवर से चुदवा रहीं थीं। उसका दिल मेरे लण्ड पर आ गया तो उसने मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में पेला और कहा बेटा तू तो रिश्ते में मेरा बहनोई है तू भी चोद ले मेरा भोसड़ा ? यह सुन कर मुझे भी ताव आ गया और मैं माँ का भोसड़ा चोदने लगा। उधर चचा जान ने लण्ड खाला की बेटी की चूत में घुसा दिया जिसे मैं चोद रहा था। फिर हम दोनों एक दूसरे को देख देख कर चुदाई का मज़ा खूब लिया।
इतने में वह नंगा हो गया तो मैंने उसका लौड़ा पकड़ कर देखा। मैंने कहा बेटा शैफ अली तुम पहले मेरी बेटी की बुर चोदो और फिर बेटी की माँ का भोसड़ा चोदो। तब तक पीछे से आवाज़ आयी बेटी की माँ का भोसड़ा मैं चोदूंगा खाला जान। मैंने पीछे देखा तो वह मेरी बहन का बेटा ताहिर था।
मैंने पूंछा - बेटा ताहिर तुम किसकी बुर चोद कर आये हो ?
वह बोला - खाला जान मैं तेरी बहन का भोसड़ा चोद कर आया हूँ।
बात बिलकुल साफ़ थी की वह अपनी माँ का भोसड़ा चोद कर आया है। रात के समय इसी तरह की चुदाई होती है जहाँ सिर्फ लण्ड और चूत का ही रिस्ता होता है बस और कुछ भी नहीं। लण्ड भोसड़ी का किसी का भी हो उसे पेलवा लो और चूत बुर चोदी किसी की भी हो उसे चोदो ?
मैंने ताहिर का लण्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाएं लगी। मेरा दिल उसके लण्ड पर आ गया. मैंने कहा बेटा ताहिर अभी तू अपनी माँ का भोसड़ा चोद कर आया है तो अब तू अपनी माँ की बहन का भोसड़ा चोद ले। मैंने उसका लौड़ा मुंह में लिया और लॉली पॉप की चूसने लगी। मैं नंगी नंगी एक हाथ से उसके पेल्हड़ थामे हुए थी। अब मैंने अपनी बहन के बेटे से चुदवाने का मन बना लिया। मेरी बेटी हुमा मेरी जेठानी के बेटे से चुदवाने जा रही थी और मेरा बेटा उसकी सहेली मुमताज़ की बुर में लण्ड घुसाने के लिए एकदम तैयार था। मुझे यह देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था की मैं लण्ड का मज़ा ले रही हूँ मेरी बेटी भी लण्ड का मज़ा ले रही है और मेरा बेटा चूत का मज़ा ले रहा है। हम तीनो जवानी के जोश में डूबे हुए थे और चुदाई का आनंद लेने के लिए पूरी ताकत से लगे हुए थे।
मैंने इसी जोश में कहा - बेटी हुमा, तेरी माँ की बिटिया की बुर ?
तो उसने भी जबाब दिया - अम्मी जान, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ?
मेरे बेटे फज़ल ने लण्ड मुमताज़ की बुर में पूरा घुसेड़ दिया। मुमताज़ उई माँ, मर गई मैं, फट गयी मेरी बुर, चुद गयी मेरी माँ, जैसी बातें अपने मुंह से निकालने लगी। इससे साफ़ ज़ाहिर था की उसे बड़ा मज़ा आ रहा था। उसकी तमन्ना पूरी हो रही थी। उसके सामने मेरी बेटी हुमा भी बड़ी मस्ती से मेरी जेठानी के बेटे शैफ अली से अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी। मैं खुश इस बात से थी की जैसे मैंने उसे सिखाया था वह उसी तरह जवानी का मज़ा लूट रही थी। अपनी बुर चुदवा तो सभी लेतीं हैं मगर जो मन से और दिल लगा कर चुदवाये पूरा मज़ा उसी को आता है। मैं भी इन दोनों के साथ अपना भोसड़ा खोले हुए अपनी बहन के बेटे ताहिर से झमाझम चुदवा रही थी। उसका लण्ड मेरी चूत के अंदर तक चोट कर रहा था। हम दोनों माँ बेटी सहेलियों की तरह भकाभक चुदवाने में जुटी थी और हमारे साथ थी मुमताज़। वह भी रंडी की तरह सटासट लण्ड अपनी बुर में पेलवा रही थी।
चुदाई अपने पूरे शबाब पर थी। हम तीनो की बुर का बाजा खूब मजे से बज रहा था। मैंने मस्ती में मजाक करते कहा हुमा तू भोसड़ी की अपनी माँ की चूत का बाजा बजवा रही है तुझे कोई शर्म नहीं आती ? हरामजादी तेरी माँ की चूत तेरी बहन का भोसड़ा ? हुमा ने जबाब दिया हाय अल्लाह तू सफीका बेटी चोद अपनी बेटी चुदवाकर चुदवाकर मज़ा ले रही है। तुझे शर्म नहीं आती ? अपनी बेटी की बुर में लौड़ा पेलवा रही है तू ? तेरा भोसड़ा तेरी बहन का भोसड़ा ? उधर से मुमताज़ बोली हाय मेरी हुमा रानी मुझे तो तेरी चुदती हुई बुर देखने में बड़ा मज़ा आ रहा है और तेरी माँ का भोसड़ा चुदवाने में मुझे और अच्छा लग रहा है। मैं तो आई थी अपनी बुर चुदाने और चुद रही है तेरी भी बुर और तेरी माँ का भोसड़ा भी ? तीनों मर्द भी बड़े जोश से चोदने में जुटे हुए थे और यह कम्पटीशन होने लगा की कौन सबसे पहले चूत को ढीली कर देगा। सबने चोदने की स्पीड बढ़ा दी। पूरा घर चुदाई की आवाज़ से गुंजायमान हो गया। मुझे इसी तरह की चुदाई अच्छी लगती है। सबके साथ चुदाई करने और करवाने में बड़ा अच्छा लगता है। इसलिए मैंने अपनी बेटी और बेटे को चुदाई में शामिल कर रखा है। कल मेरी बहू भी आने वाली है वह भी मेरा भोसड़ा चोदेगी और मैं उसकी बुर ?
सबसे पहले मुमताज़ की बुर ढीली हो गयी। बज गया उसकी चूत का बाजा। वह खलास हो गयी तभी मेरे बेटे ने लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला और तभी मुमताज़ ने उसे अपने मुंह में भर लिया। तो लण्ड ने सारा वीर्य उसके मुंह में गिरा दिया। मुमताज़ बड़े मजे से पी गई वीर्य और चाटने लगी लण्ड। इतने में हुमा भी खलास हो गयी और वह भी शैफ अली का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी और मैं भी सबके सामने ताहिर का झड़ता हुआ लौड़ा चाटने लगी।
फिर हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब मस्ती से बातें की एक दूसरे को प्यार भरीं गालियां दीं और एन्जॉय किया। कुछ देर बाद फिर महफ़िल जम गयी। इस बार मेरी बेटी हुमा ने अपने भाई जान फज़ल का लण्ड पकड़ लिया और प्यार से उसे हिलाने लगी। मुमताज़ ने ताहिर का लौड़ा पकड़ा और मैंने शैफ अली का लौड़ा। हम तीनो ने लण्ड बदल लिया तो हमारे बीच एक नया जोश पैदा हो गया। मैं एक बिल्ली की तरह शैफ अली का लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूँचियों से खेलने लगा। उधर मेरी बेटी हुमा अपने ही भाई जान का लौड़ा मुंह में लिए हुए चूस रही थी। लौड़ा चूसना एक बहुत मस्त क्रिया है जिसमें दोनों को मज़ा आता है। हमारे यहाँ बहन अपने भाई जान का लण्ड चूसे, लण्ड चोदे और लण्ड चाटे यह सब जायज़ है। मुमताज़ तो आयी थी मेरे बेटे से चुदवाने पर अब उसे देखो वह मेरी बहन के बेटे से भी चुदवा रही है। और उतनी ही शिद्दत से चुदवा रही है जितनी शिद्दत से वह मेरे बेटे से चुदवा रही थी। हुमा ने जब अपने भाई जान का लौड़ा अपनी चूत में पेला तो वह बोली उई माँ बड़ा मोटा लण्ड है तेरा भाई जान। मेरी तो बुर क्या मेरी गांड भी फट रही है। इतना बड़ा लौड़ा मैं पहली बार बार घुसेड़वा रही हूँ। मेरी चूत अभी भोसड़ा नहीं बना है यार ज़रा धीरे धीरे चोदो भाई जान। लेकिन चोदो और खूब चोदो। मैं भी अपने बेटी से कम न थी मैंने भी शैफ अली का पूरा लौड़ा अपनी चूत में घुसा रखा था। हां यह जरूर है की मेरी चूत बुर चोदी भोसड़ा बन गई है पर अभी भी टाइट है और लौड़ा चिपक कर घुसता है। मैं अपनी बहन के बेटे से चुदवाने में बड़ा फक्र महसूस कर रही थी। हम तीनों चुदाई के जोश में खो गयीं थीं। लण्ड का पूरा मज़ा ले रही थी तभी शैफ अली ने लण्ड मेरी चूँचियों के बीच घुसेड़ दिया। मैं भी अपने बूब्स चुदवाने लगी और अपनी जबान निकाल कर बार लण्ड का सुपाड़ा। उधर मेरी बेटी मेरे बेटे से ऐसे चुदवाने लगी जैसे जी वह उसका भाई नहीं बल्कि शौहर हो। वैसे भी हमारे समाज में बहुत जल्दी भाई जान भोसड़ी का शौहर बन जाता है।
थोड़ी देर में फिर माहौल बदला। मैंने हुमा की चूत से अपने बेटे का लण्ड निकाल कर अपनी चूत में पेल लिया और कहा लो अब तुम अपनी सास का भोसड़ा चोदो, फज़ल । वह भी चुदाई के नशे में चूर था तो चोदने लगा मेरा भोसड़ा। उधर हुमा ताहिर का लण्ड पेलवा कर चुदवाने लगी और शैफ अली ने तब अपना लण्ड मुमताज़ की बुर में घुसा दिया। ये लण्ड भी बहन चोद एक चूत से निकल कर दूसरी चूत में बड़ी जल्दी घुस जातें हैं। इन्हे सबकी चूत चोदने में बड़ा मज़ा आता है।
एक दिन मैं अपनी नन्द के घर चली गयी और रात में उसने मुझे रोक लिया तो वहीं रुक गयी।
- उसने कहा - भाभी जान तुम बहुत दिनों के बाद आयी तो यहाँ भी रात का मज़ा ले लो। यहाँ के मर्द तुम्हे देख कर रात का इंतज़ार कर रहें हैं।
- मैंने पूंछा - ऐसी क्या बात है मुझमे नन्द रानी की लोग रात होने का इंतज़ार कर रहें हैं।
- वह बोली - अरे भाभी जान तुम्हे क्या मालूम की आज भी तेरे चेहरे पर जो नूर है वह किसी के चेहरे पर नहीं। आज भी तुम मस्त जवान दिखती हो। इसलिए यहाँ सबके लण्ड बहन चोद पाजामा के अंदर ही उछल कूद रहें हैं।
- मैंने कहा - हाय अल्लाह तू भोसड़ी वाली बहुत बड़ी हरामजादी हो गयी है।
- वह बोली - हां तेरी बात तो सही है. पर यूँ ही नहीं मेरी चूत भोसड़ा बनी है भाभी जान ? इसे तो कई मर्दों ने लण्ड पेल पेल कर भोसड़ा बना डाला है। आज मैं भी तेरी चूत में लण्ड पेलूँगी भाभी जान।
मैंने मन में कहा अरे यार हमारे समाज में हर घर में इसी तरह की चुदाई होती रहती है।
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