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एक बेटी कैसे बनी रंडी - Ek ladki ki randi banne tak ki kahani
एक बेटी कैसे बनी रंडी - Ek ladki ki randi banne tak ki kahani , खुलेआम चुदाई सबके सामने , ओपन सेक्स कहानी , चुदने का सही तरीका , ऐसे चुदने में आया बहुत मजा.
अरे अम्मी जान, मैं जब से जवान हुई हूँ तबसे लगातार लण्ड का मज़ा ले रही हूँ। एक दो लण्ड का नहीं, सबके लण्ड का मज़ा ले रही हूँ। रात को पूरे घर में चारों तरफ लण्ड ही लण्ड नज़र आतें हैं। केवल मुझे ही नहीं तुम्हे भी, आपा को भी, खाला को भी, फूफी को भी और इन सबकी बेटियों को भी लण्ड ही लण्ड दिखाई पड़ते हैं। मैं तो सोंच रही हूँ की मुझे और पहले जवान हो जाना चाहिए था। तो अब तक और मज़ा लूट लेती। सच में मुझे आजकल चुदाई करवाने का और चुदाई करने का खूब मज़ा आ रहा है। चुदाई अकेले हुई तो क्या हुई ? चुदाई तो वह है जो सबके साथ हो। मुझे तो यही सबक मिलता है की चाहे मरद हो या औरत सबको मिलकर ही चुदाई का मज़ा लेना चाहिए। एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर मज़ा लेना चाहिए जैसे हम लोग लेतीं हैं। बेटी माँ की बुर में पेले लण्ड माँ बेटी की बुर में। सास अपनी बहू की बुर चोदे और बहू अपनी सास का भोसड़ा। नन्द अपनी भाभी की चूत में लण्ड घुसेड़े और भाभी अपनी नन्द की चूत में, जेठानी अपनी देवरानी की बुर चोदे और देवरानी अपनी जेठानी की बुर ? लण्ड चाहे अब्बू जान का हो या भाई जान का ? चाहे मामू जान का हो या खालू जान का। लण्ड चाहे नंदोई का हो या फिर बहनोई का चचा जान का हो लण्ड या जीजू का लण्ड ? बाप का लण्ड हो चाहे बेटे का लण्ड ? लण्ड लण्ड है और सबके लण्ड का मज़ा लेना हमारा हक़ है। सामूहिक चुदाई का आनंद ही कुछ और होता है। चुदाई की जितनी आज़ादी यहाँ है उतनी कहीं और हो ही नहीं सकती। जो भी आता है अपना लण्ड पेल देता है। कभी मुंह में पेल देता है और कभी चूत में। कभी गांड में घुसेड़ देता है लण्ड तो कभी चूँचियों के बीच में। कुनबे के लोग आते रहतें है और अपना लण्ड कहीं न कहीं किसी न किसी की बुर में घुसाते रहतें हैं।
मैं तो शादी के पहले भी चुदवाती थी सबसे और शादी बाद भी अपनी ससुराल में भी चुदवा रही हूँ सबसे। यहाँ भी लण्ड ही लण्ड और वहां भी लण्ड ही लण्ड ? इस तरह अब मैं बिलकुल रंडी बन गई हूँ अम्मी जान ? मुझे न तो कोई शर्म है और न कोई डर। अब तो मैं खुद ही लण्ड पकड़ कर अपनी बुर में या मुंह में घुसेड़ लेती हूँ। अब तो मुझे मरद नंगे नंगे ही अच्छे लगतें हैं। मैं खास तौर से रात को मरद को कपड़े पहने हुए नहीं देख सकती। अगर कोई दिख भी जाता है तो मैं उसे नंगा कर देती हूँ। उसका लण्ड खुद पकड़ लेती हूँ और सबको पकड़ कर दिखा भी देती हूँ। अब तो मुझे सबके लण्ड पकड़ने की आदत हो गयी है।
मेरा नाम है आइना . मैं इस समय 28 साल की हूँ, गोरी हूँ, खूबसूरत हूँ और हॉट हूँ। मेरे बूब्स बड़े बड़े हैं, मेरी जांघें मोटी मोटी हैं चूत चबूतरा जैसी है और गांड उभरी हुई है। मैं जब चलती हूँ तो आगे से चूँचियाँ हिलतीं हैं और पीछे से गांड। लोग मुझे देख कर अपना लौड़ा खुजाने लगतें हैं। यह बात उन दिनों की है जब मैं 17 + की थी। जवानी पूरी तरह मेरे ऊपर सवार हो गयी थी। उस समय भी मेरे बूब्स बड़े बड़े हो गए थे। हर हफ्ते मेरी ब्रा बहन चोद छोटी हो जाती थी। मेरी काली काली और घनी घनी झांटें भी आ गईं थीं। मुझे लड़के अच्छे लगने लगे थे। मैं उसी उम्र से नेट पर पोर्न देखने लगी थी। अपनी सहेली के घर जाकर दिन भर ब्लू फ़िल्में देखती थी। मुझे लण्ड देखने का जबरदस्त शौक था। लण्ड देखते देखते मेरी इच्छा हो गयी की मैं किसी का लण्ड सच में पकड़ कर देखूं और जानूं की लण्ड कैसा होता है ? क्या लण्ड हकीकत में वैसा ही होता है जैसा की ब्लू फिल्मों में दिखाई पड़ता है या फिर किसी और तरह का ?
धीरे धीरे मैं किस का लण्ड पकड़ने के फिराक में घूमने लगी। तब तक मुझे मालूम हुआ की रात को हमारे घर में कुछ लोग नंगे रहतें हैं। मुझे अपनी सहेलियोंसे मालूम हुआ की रात को हर घर में चुदाई होती हैं। लोग घर की बीवियों की चूत में लण्ड पेलते हैं जैसा ब्लू फिल्म में होता है। मेरी इच्छा हुई की मैं रात में जग कर चुप चाप किसी की चुदाई देखूं। एक दिन मैं जब कॉलेज से आयी तो देखा की नीचे के कमरे में कुछ् हो रहा है. मैंने चुपचाप अपने कपड़े उतारे और खिड़की से अंदर झांक कर देखने लगी। मैंने देखा की अंदर तो मेरी फूफी जान बैठी हुई हैं और उसके पास खड़ा है खाला जान का बेटा रज़ा। वह 22 साल का होगा। फूफी उससे बातें कर रहीं है और बातें भी बड़ी गन्दी गन्दी हो रहीं हैं । फूफी जान पूंछ रही थी - रज़ा तू भोसड़ी का अभी तक जवान हुआ की नहीं ? तेरा लौड़ा बुर चोदने वाला हुआ की नहीं ? वह बोला - अरे फूफी जान अब मुझे क्या पता की मेरा लौड़ा कब चोदने वाला हो जाता है। फूफी ने कहा तो इसका मतलब तूने कभी किसी लड़की की चूत नहीं देखी। वह बोला किसी ने दिखाई ही नहीं अभी एक तो मै देखता कैसे ?
बस मैं भी अंदर घुस गयी। फूफी मुझे देख कर हैरान नहीं हुई बल्कि खुश हुई और बोली आईना अब तू ही दिखा दे अपनी बुर रज़ा को । इसने अभी तक कोई बुर नहीं देखी। मैंने कहा मैं कैसे दिखा दूँ अपनी बुर ? मैंने भी तो अभी तक कोई लौड़ा नहीं देखा ? फूफी बोली - तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी माँ की नन्द की बुर। तू बहन चोद 16 साल की हो गयी है और अभी तक कोई लौड़ा ही नहीं देखा ? तो फिर अभी तक क्या तू अपनी झांटें बना रही थी ? अपनी गांड मरा रही थी तू ? अरे तेरी उम्र की लड़कियां तो अपनी माँ चुदाने लगतीं हैं और तूने अभी एक लौड़ा तक नहीं देखा। हद हो गयी यार ? तू मुस्लिम लड़की है की किसी और मज़हब की ? यहाँ मुस्लिम समाज के हर घर में रोज़ सामूहिक चुदाई होती है। बेटियां, बहू, बीवियां सब एक साथ चुदवाती हैं। सब सबके लण्ड देखतीं हैं, पकड़ती हैं और अपने मुंह में लातीं है फिर बुर में लेतीं हैं लण्ड। और तूने अभी तक कोई लौड़ा नहीं देखा। चल आ मेरे साथ अब मैं दिखाती हूँ तुझे लौड़ा ? और बताती हूँ तुझे की लौड़ा कैसा होता है और कैसे चोदता है बुर, चूत और भोसड़ा ?
उसने रज़ा का नाड़ा खोल दिया। रज़ा का पजामा नीचे गिर पड़ा और वह एकदम नंगा हो गया । मेरी तो हंसी छूट पड़ी। लेकिन रज़ा भाई जान शरमाया नहीं बल्कि वह मुस्कराने लगा। तब तक फूफी ने लण्ड पकड़ लिया। लण्ड बढ़ने लगा और बढ़ते बढ़ते बहुत बड़ा हो गया , मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी। मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप लौड़ा इतना बड़ा होता है ? फूफी बोली हां और नहीं तो क्या ? बड़ा नहीं होगा तो चोदेगा कैसे ? तब तक फूफी की चूँचियाँ नंगी हो गईं थीं। उसका सलवार ही बाकी बचा था। वह लण्ड चूमने और चाटने लगी। फिर उसने कहा ले आईना तू भी लण्ड चाट कर देख की मज़ा आता है की नहीं ? मैंने फ़ौरन लण्ड पकड़ लिया और उसे प्यार से सहलाएं लगी। लण्ड का सुपाड़ा आगे पीछे करने लगी. हिलाने लगी लण्ड और चुम्मी भी लेने लगी। तब तक फूफी जान उसके पेल्हड़ चूम चूम कर मज़ा लेने लगीं। उसने एक हाथ से मेरे कपड़े उतारने की कोशिश की। फूफी जान के होने से मेरी हिम्मत बढ़ गयी। एक एक करके मेरे भी कपड़े खुल गये और फूफी जान के भी। मैंने फूफी का भोसड़ा देखा और उसने मेरी बुर ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अचानक कमरे में फूफी जान का बेटा राउफ भी आ गया। वह 23 साल का था एकदम मस्त जवान आदमी। उसने अपनी अम्मी जान को मस्ती करते हुए देखा तो वह भी गरम हो गया। फूफी उसे देख कर बोली - ले आईना अब तू मेरे बेटे का लण्ड पकड़ कर देख ले। तू भोसड़ी की बड़ी नसीब वाली है की आज तुझे दो दो लण्ड एक साथ पकड़ने का मौक़ा एक मिल रहा है. फूफी की बात मुझे भा गयी और मैं राउफ को नंगा करने लगी। उसका जब पजामा खुला तो लौड़े मियां बाहर आ गए। मैंने फ़ौरन उसे पकड़ा और सुपाड़े की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ लीं. लण्ड साला फूल कर कुप्पा हो गया। इसका लण्ड मुझे रज़ा के लण्ड से कुछ ज्यादा मोटा लगा। मैंने कहा अरे फूफी जान तेरा बेटा तो एकदम मर्द हो गया है। वह बोला अरे आइना मेरा बेटा तो 4 साल पहले ही मर्द हो गया था। अब तक तो वह कई बुर चोद चुका है। कई लड़कियां चोद चुका है और कई लड़कियों की माँ का भोसड़ा भी चोद चुका है। मैंने पूंछा फूफी जान इसने कभी तेरा भोसड़ा चोदा है ? वह बोली हां चोदा है ? कई बार चोदा है क्योंकि ये रिश्ते में मेरा नंदोई लगता है और मैं इसकी भाभी। तब तो चोदेगा ही न ? मुझे भी इससे चुदवाने में मज़ा आता है।
मैं राउफ का लण्ड चाटने लगी और फूफी जान रज़ा का लण्ड। राउफ पहले तो मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। मेरी बुर सहलाने लगा और फिर उसे जब मज़ा आया तो वह मेरी बुर चाटने लगा। मुझे भी मज़ा आने लगा क्योंकि पहली बार कोई लड़का मेरी बुर चाट रहा था। फूफी की बुर रज़ा चाटने में जुटा था। तब मुझे मालूम हुआ की लोग बुर भी बड़ी मस्ती से चाटते हैं। मेरी चूत गरम हो चुकी थी। मैंने पोर्न में चुदाई देखी थी। मैं चुदना चाहती थी लेकिन मुझे लण्ड चाटने में और अपनी बुर चटवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं फूफी के साथ सेक्स का मज़ा पूरा लेना चाहती थी। कुछ देर में रज़ा ने लण्ड फूफी के भोसड़ा में पेल दिया। मैं फूफी को चुदवाते हुए देखने लगी और तब मुझे मालूम हुआ की बुर कैसे चुदवाई जाती है। लण्ड अपनी चूत में कैसे पेलवाया जाता है। मैं एक दूसरी दुनियां में घुस चुकी थी।
राउत ने भी लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत में रगड़ना शुरू किया। चूत भी गीली थी और लण्ड भी। उसने फिर धीरे से लण्ड घुसेड़ा तो मेरी चीख निकल पड़ी। उई माँ मर गई मैं। फट गयी मेरी चूत। इसने तो फाड़ डाला मेरी चूत। लौड़ा बड़ा मोटा है फूफी जान ? अब तो मैं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही। इसका लौड़ा तो मेरी गांड से निकल कर बाहर आ जायेगा। फूफी ने बड़े प्यार से कहा आईना थोड़ा दर्द बर्दास्त कर ले पगली उसके बाद तो फिर मज़ा ही मज़ा आएगा। पहली बार जब कोई लण्ड चूत में घुसता है तो थोड़ा दर्द तो होता ही है। फिर राउत ने 8/ 10 बार लण्ड अंदर बाहर किया तो धीरे धीरे दर्द गायब होने लगा और मैं एन्जॉय करने लगी। मैं भी नीचे धक्के लगाने लगी और अब ऐसा महसूस होने लगा की लौड़ा थोड़ा और बड़ा होता तो अच्छा होता ? थोड़ा और मोटा होता तो अच्छा होता।
थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद फूफी ने रज़ा का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और राउत का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। वह बोली बेटी आईना अब तू इसी तरह सबके लण्ड का मज़ा ले। सबसे चुदवाना शुरू कर दे। कुनबे में बहुत सारे लण्ड और हर लण्ड एक अलग तरह का मज़ा देता है। उसने यह भी बताया की खुदा ने सबके लण्ड अलग अलग बनाया है। किसी का भी लण्ड दूसरे लण्ड से नहीं मिलता। ऐसे ही सभी औरतों की चूँचियाँ भी अलग हैं। किसी एक लड़की की चूँची दूसरी लड़की की चूँची से नहीं मिलती। यह भी खुदा का ही करिश्मा है। मैंने कहा हां फूफी जान मुझे ये सब नहीं मालूम था। आज मेरा ज्ञान बढ़ा है। अब मुझे सब धीरे धीरे मालूम होने लगा है। उसके बाद झड़ता हुआ लण्ड कैसे पिया जाता है, कैसे चाटा जाता है वह भी फूफी जान ने अच्छी तरह बताया।
मेरी यह पहली चुदाई थी। और यह चुदाई आग की तरह पूरे कुनबे में फ़ैल गयी। फूफी ने एक दो लोगों को बताया तो फिर सबको मालूम हो गया की आईना अब जवान हो गई है और चुदाने वाली हो गई है। अब सब लोग मुझे चोदने के लिए अपना अपना मौक़ा ढूंढने लगे। सब मुझे भूंखी निगाहों से देखने लगे। सबकी नज़रें मेरी चूँचियाँ पर पड़ने लगी और सब मेरी चूत देखने के लिए छटपटाने लगा। सब लोग मुझे अपना लण्ड पकड़ाने के चक्कर में घूमने लगे। इतना बड़ा परिवर्तन मैं पहली बार देख रही थी।
एक दिन दोपहर में ही मेरा खालू मेरे सामने आ गया। वह मुझे देखते ही बोला अरे आईना तू तो अब सच में जवान हो गयी है और मैंने सुना है की तू चुदने भी लगी है। मुझे उसकी नियत का पता चल गया। उसने मुझे पकड़ कर अपने बदन से चिपका लिया। मेरे बदन पर हाथ फिराने लगा और मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मैं सोंचा की मैं भाग जाऊं लेकिन फिर सोंचा की भागने की कोई जरुरत नहीं है। क्यों न इसका भी लौड़ा देख लिया जाए ? बस मैंने अपने आप को उसे सौंप दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड पर चला ही गया। मुझे लगा की उसका लण्ड खड़ा हो गया है. तब तक वह मेरे कपड़े उतारने लगा और मैं नंगी होने लगी। फिर मैंने भी उसका पजामा खोल डाला तो लण्ड बाहर निकल कर आ गया।
मैंने उसे देख कर कहा बाप रे बाप तेरा लण्ड तो बहन चोद बहुत बड़ा है खालू जान। मैं इतना मोटा लण्ड कैसे बर्दास्त कर पाऊंगी। मैं लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी तो वह और बड़ा हो गया। हां एक बात जरूर है की लौड़ा साला था बड़ा खूबसूरत ? वह बोला आईना बेटी मैं अभी तक तेरी माँ चोदता था आज से तुम्हे भी चोदूंगा। किसी दिन तुझे तेरी माँ के सामने चोदूंगा। मैंने कहा अच्छा तो तू भोसड़ी का बड़ा हरामी आदमी है। वह बोला हरामी हूँ इसीलिए सबकी बुर ले पाता हूँ आइना नहीं तो कैसे ले पाता। बस वह मेरी चूत सहलाने लगा और मैं उसका लण्ड। उसने कुछ देर बाद लण्ड मेरी चूत में पेला और मुझे खूब झमाझम चोदने लगा। उसका लण्ड बड़ा मज़ा दे राह था और मैं भी चुदवा रही थी। वह बोला आईना तू बहुत अच्छी तरह से चुदवा रही है। इतनी अच्छी तरह तो मेरी बेटी भी नहीं चुदवाती ? मैंने बोली हाय अल्लाह तू अपनी बेटी भी छोड़ताहै मादर चोद। उसने कहा अरे आईना हमारे समाज में सब चलता है । हमारे यहाँ किसी को चोदने की कोई मनाही नहीं है। आखिर में मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो तो मन हुआ की मैं इससे आगे भी चुदवाती रहूंगी।
मेरा नाम है आइना . मैं इस समय 28 साल की हूँ, गोरी हूँ, खूबसूरत हूँ और हॉट हूँ। मेरे बूब्स बड़े बड़े हैं, मेरी जांघें मोटी मोटी हैं चूत चबूतरा जैसी है और गांड उभरी हुई है। मैं जब चलती हूँ तो आगे से चूँचियाँ हिलतीं हैं और पीछे से गांड। लोग मुझे देख कर अपना लौड़ा खुजाने लगतें हैं। यह बात उन दिनों की है जब मैं 17 + की थी। जवानी पूरी तरह मेरे ऊपर सवार हो गयी थी। उस समय भी मेरे बूब्स बड़े बड़े हो गए थे। हर हफ्ते मेरी ब्रा बहन चोद छोटी हो जाती थी। मेरी काली काली और घनी घनी झांटें भी आ गईं थीं। मुझे लड़के अच्छे लगने लगे थे। मैं उसी उम्र से नेट पर पोर्न देखने लगी थी। अपनी सहेली के घर जाकर दिन भर ब्लू फ़िल्में देखती थी। मुझे लण्ड देखने का जबरदस्त शौक था। लण्ड देखते देखते मेरी इच्छा हो गयी की मैं किसी का लण्ड सच में पकड़ कर देखूं और जानूं की लण्ड कैसा होता है ? क्या लण्ड हकीकत में वैसा ही होता है जैसा की ब्लू फिल्मों में दिखाई पड़ता है या फिर किसी और तरह का ?
धीरे धीरे मैं किस का लण्ड पकड़ने के फिराक में घूमने लगी। तब तक मुझे मालूम हुआ की रात को हमारे घर में कुछ लोग नंगे रहतें हैं। मुझे अपनी सहेलियोंसे मालूम हुआ की रात को हर घर में चुदाई होती हैं। लोग घर की बीवियों की चूत में लण्ड पेलते हैं जैसा ब्लू फिल्म में होता है। मेरी इच्छा हुई की मैं रात में जग कर चुप चाप किसी की चुदाई देखूं। एक दिन मैं जब कॉलेज से आयी तो देखा की नीचे के कमरे में कुछ् हो रहा है. मैंने चुपचाप अपने कपड़े उतारे और खिड़की से अंदर झांक कर देखने लगी। मैंने देखा की अंदर तो मेरी फूफी जान बैठी हुई हैं और उसके पास खड़ा है खाला जान का बेटा रज़ा। वह 22 साल का होगा। फूफी उससे बातें कर रहीं है और बातें भी बड़ी गन्दी गन्दी हो रहीं हैं । फूफी जान पूंछ रही थी - रज़ा तू भोसड़ी का अभी तक जवान हुआ की नहीं ? तेरा लौड़ा बुर चोदने वाला हुआ की नहीं ? वह बोला - अरे फूफी जान अब मुझे क्या पता की मेरा लौड़ा कब चोदने वाला हो जाता है। फूफी ने कहा तो इसका मतलब तूने कभी किसी लड़की की चूत नहीं देखी। वह बोला किसी ने दिखाई ही नहीं अभी एक तो मै देखता कैसे ?
बस मैं भी अंदर घुस गयी। फूफी मुझे देख कर हैरान नहीं हुई बल्कि खुश हुई और बोली आईना अब तू ही दिखा दे अपनी बुर रज़ा को । इसने अभी तक कोई बुर नहीं देखी। मैंने कहा मैं कैसे दिखा दूँ अपनी बुर ? मैंने भी तो अभी तक कोई लौड़ा नहीं देखा ? फूफी बोली - तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी माँ की नन्द की बुर। तू बहन चोद 16 साल की हो गयी है और अभी तक कोई लौड़ा ही नहीं देखा ? तो फिर अभी तक क्या तू अपनी झांटें बना रही थी ? अपनी गांड मरा रही थी तू ? अरे तेरी उम्र की लड़कियां तो अपनी माँ चुदाने लगतीं हैं और तूने अभी एक लौड़ा तक नहीं देखा। हद हो गयी यार ? तू मुस्लिम लड़की है की किसी और मज़हब की ? यहाँ मुस्लिम समाज के हर घर में रोज़ सामूहिक चुदाई होती है। बेटियां, बहू, बीवियां सब एक साथ चुदवाती हैं। सब सबके लण्ड देखतीं हैं, पकड़ती हैं और अपने मुंह में लातीं है फिर बुर में लेतीं हैं लण्ड। और तूने अभी तक कोई लौड़ा नहीं देखा। चल आ मेरे साथ अब मैं दिखाती हूँ तुझे लौड़ा ? और बताती हूँ तुझे की लौड़ा कैसा होता है और कैसे चोदता है बुर, चूत और भोसड़ा ?
उसने रज़ा का नाड़ा खोल दिया। रज़ा का पजामा नीचे गिर पड़ा और वह एकदम नंगा हो गया । मेरी तो हंसी छूट पड़ी। लेकिन रज़ा भाई जान शरमाया नहीं बल्कि वह मुस्कराने लगा। तब तक फूफी ने लण्ड पकड़ लिया। लण्ड बढ़ने लगा और बढ़ते बढ़ते बहुत बड़ा हो गया , मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी। मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप लौड़ा इतना बड़ा होता है ? फूफी बोली हां और नहीं तो क्या ? बड़ा नहीं होगा तो चोदेगा कैसे ? तब तक फूफी की चूँचियाँ नंगी हो गईं थीं। उसका सलवार ही बाकी बचा था। वह लण्ड चूमने और चाटने लगी। फिर उसने कहा ले आईना तू भी लण्ड चाट कर देख की मज़ा आता है की नहीं ? मैंने फ़ौरन लण्ड पकड़ लिया और उसे प्यार से सहलाएं लगी। लण्ड का सुपाड़ा आगे पीछे करने लगी. हिलाने लगी लण्ड और चुम्मी भी लेने लगी। तब तक फूफी जान उसके पेल्हड़ चूम चूम कर मज़ा लेने लगीं। उसने एक हाथ से मेरे कपड़े उतारने की कोशिश की। फूफी जान के होने से मेरी हिम्मत बढ़ गयी। एक एक करके मेरे भी कपड़े खुल गये और फूफी जान के भी। मैंने फूफी का भोसड़ा देखा और उसने मेरी बुर ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अचानक कमरे में फूफी जान का बेटा राउफ भी आ गया। वह 23 साल का था एकदम मस्त जवान आदमी। उसने अपनी अम्मी जान को मस्ती करते हुए देखा तो वह भी गरम हो गया। फूफी उसे देख कर बोली - ले आईना अब तू मेरे बेटे का लण्ड पकड़ कर देख ले। तू भोसड़ी की बड़ी नसीब वाली है की आज तुझे दो दो लण्ड एक साथ पकड़ने का मौक़ा एक मिल रहा है. फूफी की बात मुझे भा गयी और मैं राउफ को नंगा करने लगी। उसका जब पजामा खुला तो लौड़े मियां बाहर आ गए। मैंने फ़ौरन उसे पकड़ा और सुपाड़े की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ लीं. लण्ड साला फूल कर कुप्पा हो गया। इसका लण्ड मुझे रज़ा के लण्ड से कुछ ज्यादा मोटा लगा। मैंने कहा अरे फूफी जान तेरा बेटा तो एकदम मर्द हो गया है। वह बोला अरे आइना मेरा बेटा तो 4 साल पहले ही मर्द हो गया था। अब तक तो वह कई बुर चोद चुका है। कई लड़कियां चोद चुका है और कई लड़कियों की माँ का भोसड़ा भी चोद चुका है। मैंने पूंछा फूफी जान इसने कभी तेरा भोसड़ा चोदा है ? वह बोली हां चोदा है ? कई बार चोदा है क्योंकि ये रिश्ते में मेरा नंदोई लगता है और मैं इसकी भाभी। तब तो चोदेगा ही न ? मुझे भी इससे चुदवाने में मज़ा आता है।
मैं राउफ का लण्ड चाटने लगी और फूफी जान रज़ा का लण्ड। राउफ पहले तो मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। मेरी बुर सहलाने लगा और फिर उसे जब मज़ा आया तो वह मेरी बुर चाटने लगा। मुझे भी मज़ा आने लगा क्योंकि पहली बार कोई लड़का मेरी बुर चाट रहा था। फूफी की बुर रज़ा चाटने में जुटा था। तब मुझे मालूम हुआ की लोग बुर भी बड़ी मस्ती से चाटते हैं। मेरी चूत गरम हो चुकी थी। मैंने पोर्न में चुदाई देखी थी। मैं चुदना चाहती थी लेकिन मुझे लण्ड चाटने में और अपनी बुर चटवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं फूफी के साथ सेक्स का मज़ा पूरा लेना चाहती थी। कुछ देर में रज़ा ने लण्ड फूफी के भोसड़ा में पेल दिया। मैं फूफी को चुदवाते हुए देखने लगी और तब मुझे मालूम हुआ की बुर कैसे चुदवाई जाती है। लण्ड अपनी चूत में कैसे पेलवाया जाता है। मैं एक दूसरी दुनियां में घुस चुकी थी।
राउत ने भी लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत में रगड़ना शुरू किया। चूत भी गीली थी और लण्ड भी। उसने फिर धीरे से लण्ड घुसेड़ा तो मेरी चीख निकल पड़ी। उई माँ मर गई मैं। फट गयी मेरी चूत। इसने तो फाड़ डाला मेरी चूत। लौड़ा बड़ा मोटा है फूफी जान ? अब तो मैं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही। इसका लौड़ा तो मेरी गांड से निकल कर बाहर आ जायेगा। फूफी ने बड़े प्यार से कहा आईना थोड़ा दर्द बर्दास्त कर ले पगली उसके बाद तो फिर मज़ा ही मज़ा आएगा। पहली बार जब कोई लण्ड चूत में घुसता है तो थोड़ा दर्द तो होता ही है। फिर राउत ने 8/ 10 बार लण्ड अंदर बाहर किया तो धीरे धीरे दर्द गायब होने लगा और मैं एन्जॉय करने लगी। मैं भी नीचे धक्के लगाने लगी और अब ऐसा महसूस होने लगा की लौड़ा थोड़ा और बड़ा होता तो अच्छा होता ? थोड़ा और मोटा होता तो अच्छा होता।
थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद फूफी ने रज़ा का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और राउत का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। वह बोली बेटी आईना अब तू इसी तरह सबके लण्ड का मज़ा ले। सबसे चुदवाना शुरू कर दे। कुनबे में बहुत सारे लण्ड और हर लण्ड एक अलग तरह का मज़ा देता है। उसने यह भी बताया की खुदा ने सबके लण्ड अलग अलग बनाया है। किसी का भी लण्ड दूसरे लण्ड से नहीं मिलता। ऐसे ही सभी औरतों की चूँचियाँ भी अलग हैं। किसी एक लड़की की चूँची दूसरी लड़की की चूँची से नहीं मिलती। यह भी खुदा का ही करिश्मा है। मैंने कहा हां फूफी जान मुझे ये सब नहीं मालूम था। आज मेरा ज्ञान बढ़ा है। अब मुझे सब धीरे धीरे मालूम होने लगा है। उसके बाद झड़ता हुआ लण्ड कैसे पिया जाता है, कैसे चाटा जाता है वह भी फूफी जान ने अच्छी तरह बताया।
मेरी यह पहली चुदाई थी। और यह चुदाई आग की तरह पूरे कुनबे में फ़ैल गयी। फूफी ने एक दो लोगों को बताया तो फिर सबको मालूम हो गया की आईना अब जवान हो गई है और चुदाने वाली हो गई है। अब सब लोग मुझे चोदने के लिए अपना अपना मौक़ा ढूंढने लगे। सब मुझे भूंखी निगाहों से देखने लगे। सबकी नज़रें मेरी चूँचियाँ पर पड़ने लगी और सब मेरी चूत देखने के लिए छटपटाने लगा। सब लोग मुझे अपना लण्ड पकड़ाने के चक्कर में घूमने लगे। इतना बड़ा परिवर्तन मैं पहली बार देख रही थी।
एक दिन दोपहर में ही मेरा खालू मेरे सामने आ गया। वह मुझे देखते ही बोला अरे आईना तू तो अब सच में जवान हो गयी है और मैंने सुना है की तू चुदने भी लगी है। मुझे उसकी नियत का पता चल गया। उसने मुझे पकड़ कर अपने बदन से चिपका लिया। मेरे बदन पर हाथ फिराने लगा और मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मैं सोंचा की मैं भाग जाऊं लेकिन फिर सोंचा की भागने की कोई जरुरत नहीं है। क्यों न इसका भी लौड़ा देख लिया जाए ? बस मैंने अपने आप को उसे सौंप दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड पर चला ही गया। मुझे लगा की उसका लण्ड खड़ा हो गया है. तब तक वह मेरे कपड़े उतारने लगा और मैं नंगी होने लगी। फिर मैंने भी उसका पजामा खोल डाला तो लण्ड बाहर निकल कर आ गया।
मैंने उसे देख कर कहा बाप रे बाप तेरा लण्ड तो बहन चोद बहुत बड़ा है खालू जान। मैं इतना मोटा लण्ड कैसे बर्दास्त कर पाऊंगी। मैं लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी तो वह और बड़ा हो गया। हां एक बात जरूर है की लौड़ा साला था बड़ा खूबसूरत ? वह बोला आईना बेटी मैं अभी तक तेरी माँ चोदता था आज से तुम्हे भी चोदूंगा। किसी दिन तुझे तेरी माँ के सामने चोदूंगा। मैंने कहा अच्छा तो तू भोसड़ी का बड़ा हरामी आदमी है। वह बोला हरामी हूँ इसीलिए सबकी बुर ले पाता हूँ आइना नहीं तो कैसे ले पाता। बस वह मेरी चूत सहलाने लगा और मैं उसका लण्ड। उसने कुछ देर बाद लण्ड मेरी चूत में पेला और मुझे खूब झमाझम चोदने लगा। उसका लण्ड बड़ा मज़ा दे राह था और मैं भी चुदवा रही थी। वह बोला आईना तू बहुत अच्छी तरह से चुदवा रही है। इतनी अच्छी तरह तो मेरी बेटी भी नहीं चुदवाती ? मैंने बोली हाय अल्लाह तू अपनी बेटी भी छोड़ताहै मादर चोद। उसने कहा अरे आईना हमारे समाज में सब चलता है । हमारे यहाँ किसी को चोदने की कोई मनाही नहीं है। आखिर में मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो तो मन हुआ की मैं इससे आगे भी चुदवाती रहूंगी।
एक दिन मेरा मामू जान आ गया। वह मेरे अब्बू के बराबर है। उसका दिल मेरे पर आ गया और वह खुल कर बोला आईना सुना है की तुम आजकल सबके लण्ड पकड़ा रही हो तो फिर लो मेरा भी लण्ड पकड़ो न ? उसके बगल में मेरी अम्मी जान खड़ी थीं। अम्मी जान अपने भाई जाना की बात सुनकर मुस्कराने लगीं। मैं थोड़ा झेंप गई तो मामू जान ने अम्मी से कहा - अरे आपा ज़रा आईना से कहो न की मेरा भी लण्ड पकड़ ले ? अम्मी ने मेरी तरफ मुंह करके कहा बेटी आईना पकड़ ले न अपनी मामू जान का लण्ड। इसमें हर्ज़ ही क्या है। मामू की हिम्मत बढ़ी और वह वहीँ अम्मी के सामने ही अपना टन टनाता हुआ लण्ड बाहर निकाला और मेरे मुंह के सामने खड़ा हो गया। फिर क्या मैंने लण्ड पकड़ लिया। उसका भी लौड़ा खालू के लौड़े से कम न था। मैंने उससे भी खूब चुदवाया।
एक दिन मैंने देखा की राउत रज़ा की बहन चोद रहा है और रज़ा राउत की बहन चोद रहा है। दोनों भोसड़ी वाले एक दूसरे की बहन चोद रहें हैं। तब मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये दोनों अपनी अपनी बहन भी चोदते हैं। जवान होने पर मेरी तो ज़िन्दगी ही बदल गयी। मुझे जाने क्या क्या दिखाई पड़ रहा है। ऐसे ही एक दिन मैंने देखा की चची जान अपनी बेटी के मियां से चुदवा रहीं हैं और खाला जान अपनी बेटी के मियां से। दोनों आपने सामने चुदवा रहीं हैं। फिर कुछ देर में खाला की बेटी का मियां चची का भोसड़ा चोदने लगा और चची जान की बेटी का मियां खाला का भोसड़ा चोदने लगा। मैंने भी इन लोगों से चुदवाने मे कोई शर्म नहीं की और खूब जम कर दोनों से भकाभक चुदवाया।
फिर मेरी शादी हो गयी और मैं अपने ससुराल चली गयी। वहां से एक महीने के बाद आयी। तब सबने मुझसे पुन्हा की तेरी सुहागरात कैसी रही। ससुराल के लोग कैसे हैं , सबका तेरे साथ कैसा ब्यवहार रहा। किसी किसी ने यह भी पूंछा की आईना कितने लोगों ने तुझे चोदा . उनके लण्ड कैसे थे। लण्ड के साइज क्या था। मैंने सबको सब कुछ बताया। अम्मी जान ने भी सब कुछ पूंछा तो मैंने कहा अरे अम्मी जान मैं तो अब रंडी बन गयी हूँ। मैं जब यहाँ रहती हूँ तो मुझे खूब मजे से चोदते हैं और जब मैं ससुराल जाती हूँ तो वहां के लोग भी मुझे खूब झमाझम चोदते हैं। दोनों तरफ से ही मैं खूब चुदती हूँ और एन्जॉय करती हूँ।
एक दिन मैंने देखा की राउत रज़ा की बहन चोद रहा है और रज़ा राउत की बहन चोद रहा है। दोनों भोसड़ी वाले एक दूसरे की बहन चोद रहें हैं। तब मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये दोनों अपनी अपनी बहन भी चोदते हैं। जवान होने पर मेरी तो ज़िन्दगी ही बदल गयी। मुझे जाने क्या क्या दिखाई पड़ रहा है। ऐसे ही एक दिन मैंने देखा की चची जान अपनी बेटी के मियां से चुदवा रहीं हैं और खाला जान अपनी बेटी के मियां से। दोनों आपने सामने चुदवा रहीं हैं। फिर कुछ देर में खाला की बेटी का मियां चची का भोसड़ा चोदने लगा और चची जान की बेटी का मियां खाला का भोसड़ा चोदने लगा। मैंने भी इन लोगों से चुदवाने मे कोई शर्म नहीं की और खूब जम कर दोनों से भकाभक चुदवाया।
फिर मेरी शादी हो गयी और मैं अपने ससुराल चली गयी। वहां से एक महीने के बाद आयी। तब सबने मुझसे पुन्हा की तेरी सुहागरात कैसी रही। ससुराल के लोग कैसे हैं , सबका तेरे साथ कैसा ब्यवहार रहा। किसी किसी ने यह भी पूंछा की आईना कितने लोगों ने तुझे चोदा . उनके लण्ड कैसे थे। लण्ड के साइज क्या था। मैंने सबको सब कुछ बताया। अम्मी जान ने भी सब कुछ पूंछा तो मैंने कहा अरे अम्मी जान मैं तो अब रंडी बन गयी हूँ। मैं जब यहाँ रहती हूँ तो मुझे खूब मजे से चोदते हैं और जब मैं ससुराल जाती हूँ तो वहां के लोग भी मुझे खूब झमाझम चोदते हैं। दोनों तरफ से ही मैं खूब चुदती हूँ और एन्जॉय करती हूँ।
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