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ससुर से शादी करके गुजारी एक कमरे में रात - Sasur se chut ko chudwaya
ससुर से शादी करके गुजारी एक कमरे में रात - Sasur se chut ko chudwaya , ससुर ने चोदा , ससुर और बहु का नाजायज रिश्ता , ससुर की बीवी बनने की मनसा , ससुर का लंड और बहु की चूत गांड सेक्स पोर्न कहानी.
मैं तेरे बाप की बीवी हूँ नन्द रानी। मुझसे ज़रा संभाल कर रहना ? ज्यादा उड़ने की कोशिश न करना नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी और फाड़ डालूंगी तेरी चूत ? तेरा बाप पूरी तरह मेरे कब्जे में है। मैं उसे अपने पेटीकोट में रखती हूँ और अपनी उंगलियों पर नचाती हूँ। हर रोज़ मेरी बुर चाटता है वो ? मेरी झांटे बनाता है वो मेरे कहने पर ही अपना लण्ड हिलाता है वो ? बिना मुझसे पूंछे वो भोसड़ी का पेशाब करने भी नहीं जाता ? पूरी तरह मेरे बस है तेरा मादर चोद अब्बू, समझी नन्द रानी ? तेरी माँ का भोसड़ा भी मेरा कुछ नहीं कर सकता और तू बुर चोदी मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ सकती ?
मेरा नाम मैं कुमकुम बेगम मैं 24 साल की हूँ मेरी सास का नाम है फरीदा खातून और मेरी नन्द है शन्नो। शन्नो की भी शादी हो गयी है। मेरा शौहर परवेज़ है वह दुबई में काम करता है और जब कब यहाँ आया करता है। मेरी शादी अभी एक साल पहले ही हुई है। एक दिन मेरे शौहर ने किसी जोश में आकर मुझे तलाक दे दिया। मैं तलाक से हैरना हो गयी और परेशान भी हो गयी। मैंने कहा ऐसा कौन सा गुनाह मैंने कर दिया जो आपने मुझे तलाक दे दिया। अब मैं कहाँ जाऊंगी ? मैं तो सड़क पर आ गई हूँ। मेरा तो कोई और नहीं है जिसके साथ मैं अपनी ज़िन्दगी गुज़ार सकूं। वह बोला यार कुमकुम मैंने बस यूँ ही गुस्से में तुम्हे तलाक दे दिया पार वास्तव में मैं तुम्हे छोड़न नहीं चाहता ? मैंने कहा तो फिर अब इसका उपाय क्या है ? मैं क्या करूँ ? कहाँ जाऊं और किससे मिन्नत करूं ?
उसन थोड़ी देर तक सोंचा और फिर बोला तुम मेरे अब्बू जान से हलाला करवा लो फिर मैं तुम्हे वापस अपनी बीवी बना लूंगा। मैं यह सुनकर दंग रह गयी। ऐसा कैसे हो सकता है की मैं अपने ससुर के साथ ही शादी करूं उसके साथ रात गुजारूं फिर वह मुझे तलाक दे और तब मैं तुम्हारे पास वापस आ सकती हूँ । वह बोला अब तुम्हे तो यह करना ही पड़ेगा नहीं तो तुम मेरी बीवी नहीं बन सकती ? मेरे पास और कोई चारा न था तो मैंने अपने ससुर से ही हलाला करवाने लगी। मैंने अपने आपको उसे सौंप दिया। वह रात भर मेरे नंगे बदन से खेलता रहा। मुझे चोदता रहा। मेरी चूँचियाँ दबाता रहा और मेरे मुँह में भी लौड़ा पेलता रहा। ऐसा एक बार नहीं बल्कि चार हुआ। उसने मुझे जी भर के चार बार चोदा। दूसरे दिन भी चोदा और तीसरे दिन भी चोदा। जब मैंने कहा ससुर जी अब आप मुझे तलाक दे दीजिये तो मैं अपने शौहर के पास वापस चली जाऊं तो वह बोला अभी और कुछ दिन रुको। मैं तुम्हे तलाक दूंगा पर इतनी जल्दी नहीं। तेरा शौहर तो दुबई चला गया है। अब तुम्हे किस बात की जल्दी . अब तुम मेरी बीवी बन कर घर में रहो मैं तुम्हे हर रोज़ चोदूंगा। मुझे ससुर की ख़राब नियत मालूम तो गई तो फिर मैंने भी अपना पैतरा बदला और उसे अपनी उंगलियों पर नचाने लगी।
अगले दिन रात में जब उसने मुझे चोदने की कोशिश की तो मैंने कहा भोसड़ी के हबीब मियाँ (मेरे ससुर का नाम) पहले मेरी बुर चाटो। चोदना बाद में। और हां अच्छी तरह सुन ले। बुर चाटने में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए। अगर तूने ठीक से मेरी बुर नहीं चाटी तो मैं तेरी मारूंगी गांड ? एक बात सुन ले हराम जादे की मैं वास्तव में तेरी बहू हूँ, तेरी बीवी तो इत्तिफाक से बन गयी। मगर जब बन ही गई हूँ तो मैं तेरे और तेरे लण्ड का मज़ा पूरा पूरा लूंगी। वह नंगा नंगा मेरी बुर चाटने लगा। मैंने कहा अपनी जबान निकाल कर कुत्ते की तरह मेरी बुर चाट। अपनी जबान मेरी चूत में पूरी की पूरी घुसेड़ दे जैसे तू अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ता है। आज जब उसने मेरे बदले बदले तेवर देखे तो उसकी गांड फटने लगी। वह बुर चाट ही रहा था तभी मैंने कहा और एक बात सुन ले मादर चोद हबीब। तेरा लण्ड है साला छोटा। तू मुझे संतुष्ट नहीं कर पाता। तू पहले ही झड़ जाता है और मैं चुदासी रह जाती हूँ। तेरे चोदने के बाद भी मुझे अपनी चूत में गाजर मूली घुसानी पड़ती है। इसलिए कल अपने ऐसे दोस्त को लाना जिसका लौड़ा तेरे लौड़े से बड़ा हो और मोटा भी।मैं तेरे सामने ही उससे चुदवाऊंगी अगर नहीं आया तो मैं तेरी झांटें उखाड़ लूंगी और लात मार कर बाहर कर दूँगी।
दूसरे दिन सच में वह अपने दोस्त को लेकर आ गया। रात का समय था । वह बोला लो बीवी जान मैं अपने दोस्त जावेद को ले आया हूँ। मैं जावेद को पहली बार देख रही थी। वह था तो हैंडसम पर उसकी उम्र तो उसी के बराबर थी। मैंने ऐसे ही पूंछ लिया की ये तुम्हारा दोस्त कैसे हो गया और कब से है ? तुम इसके लण्ड के बारे में कैसे जानते हो ? वह बोला मैंने इसका लण्ड देखा है। ये मेरा दोस्त इसलिए है की मैं इसकी बीवी चोदता हूँ और ये मेरी बीवी चोदता है। इस तरह मैंने इसका लण्ड देखा है और इसने मेरा लण्ड। मुझे यकीन है की ये तुम्हे खुश कर देगा। मैं थोड़ा आगे बढ़ी तो उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और बोला हाय मेरी भाभी जान तुम चिंता न करो मैं तेरी सारी गर्मी निकाल दूंगा। बस वह बड़ी बेशर्मी से मेरी चूँचियाँ मसलने लगा. तब मैंने भी उसका लौड़ा दबाना शुरू किया। फिर मैंने अपने ससुर से कहा लो अच्छा आज फिर तुम मेरी बुर चाटो। मैं तेरे दोस्त से चुदवाऊंगी। मैंने जावेद को नंगा किया उसका लण्ड पकड़ कर हिलाया तो वह पूरी तरह खड़ा हो गया। लण्ड वाकई मेरे ससुर के लण्ड से बड़ा था और मोटा भी।
मैं पहले जावेद का लण्ड चाटने लगी। वह मुझे ज्यादा अच्छा लग रहा था। उसके पेल्हड़ भी चाटने लगी। फिर मैंने पूंछा की क्या तुम अपनी बेटी की बुर लेते हो ? वह बोला हां लेता हूँ। जब से वह जवान हुई है तबसे उसकी बुर ले रहा हूँ। मैंने कहा भोसड़ी के तुझे शर्म नहीं अपनी बेटी चोदने में ? वह बोला इसमें शर्म की कोई बात नहीं है। हमारे समाज में ये सब होता है। और अगर बेटी ही जवानी में अपने बाप का लण्ड पकड़ ले तो बाप को फिर चोदना ही पड़ता है। एक बात और भी हो सकती है। जैसे तू अपने ससुर से हलाला करवा रही है वैसे ही कभी कभी बेटी भी अपने बाप से हलाला करवाती है। इसलिए हमारे यहाँ किसी की भी बुर चोदने में कोई गुनाह नहीं है। मैंने फिर पूंछा तो क्या तूने हबीब की भी बेटी चोदी है ? वह बोला हां चोदी है और 2 /3 बार चोदी है। हबीब ने भी मेरी बेटी कई बार चोदी है। इन बातों से मैं और गरम हो गयी और बोली लो फिर तुम मेरी बुर चोदो। अपने दोस्त की बहू की बुर चोदो। मेरी चूत में लौड़ा पेल दो। मैंने ये सब उससे घूम कर कहा। अब मेरी चूत उसके लण्ड के सामने आ गयीऔर उसने भी अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया। कुछ देर में ही लण्ड अंदर गच्च से घुस गया।
उधर मैं ससुर का लण्ड पीते हुए जावेद से चुदवाने लगी। एक बात तो मुझे मालूम हो गयी मेरी नन्द बुर चोदी जावेद से चुदवाती है। और सास भी इससे अपना भोसड़ा चुदवाती है। जावेद का लण्ड मुझे पसंद आ गया और वह धकाधक चोदने लगा। मेरी चूँचियाँ उछलने लगी और मेरी गांड भी थिरकने लगी। मैं चुदाई में खो गई क्योंकि जावेद मुझे अच्छी तरह से चोद रहा था। उसका लण्ड चिपक कर मेरी चूत में आ जा रहा था। मुझे शादी के बाद ये मज़ा मिल रहा था। मैं जावेद से बहुत खुश थी। उसने फिर मुझे पीछे से छोड़और लण्ड पर बैठा कर भी चोदा। उसका लण्ड देर तक बुर चोदने की ताकत रखता था। आखिर में मैं पहले खलास हो गयी और वह बाद में खलास हुआ। मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड खूब चाटा। चुदाई के बाद वह बोला भाभी जान अब मैं जाता हूँ क्योंकि मुझे अभी अपनी भाभी का भोसड़ा चोदना है और उसकी बेटी की बुर में भी लौड़ा पेलना है। वह मेरा इंतज़ार कर रही होगी। जावेद चला गया और ससुर भी चला गया।
तब मुझे भी जोश आ गया तो मैं भी बोली - सासू जी तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ? और मेरी नन्द रानी तेरी माँ की बुर चोदी बेटी की बुर ?
इन सब गालियों से सबका जोश बढ़ गया। खास तौर से मर्दों का तो उनके लण्ड साले और फूल गए। वे सब और तेजी से भकाभक चोदने लगे।
मेरी नज़र नन्द के ससुर के लंड पर थी क्योंकि अब वही लण्ड बचा था जो की मेरी में अभी तक नहीं घुसा था। आखिर कार मैंने लण्ड हाथ बढ़ाकर पकड़ ही लिया। लण्ड बड़ा दमदार था और फिर मैंने उससे भी चुदवाया। दूसरे दिन मेरी नन्द मेरे पास बैठी हुई थी। अचानक उसका देवर आ गया। वह मुझे देख कर बोली लो भाभी जान तेरे लिए एक नया लण्ड आ गया है। अब मैं अपने देवर का लण्ड तेरी बुर में पेलूँगी। तब तक मेरा भी देवर आ गया तो मैं भी बोली हाय मेरी नन्द रानी अब मैं भी तेरी बुरअपने देवर के लण्ड से चोदूँगी। नन्द बोली अरे भाभी जान ये तो मेरा भाई जान है और मैं इससे पहले ही चुदवा चुकी हूँ. इसका लौड़ा बड़ा सॉलिड है भाभी। मैं ये भी लण्ड तेरी बुर में घुसा दूँगी। फिर तो सच में मेरी नन्द ने मेरी बुर में दो दो लण्ड बारी बारी से पेला और मुझे भी खूब मज़ा आया उनसे चुदवाने में। उधर मैंने अपने ससुर को इतने दिनों में कोई घास नहीं डाली। तो वह अब समझ गया की मुझे अपनी बहू को तलाक देकर वापस कर देना चाहिए।
बस दूसरे ही दिन उसने मुझे तलाक दिया और तब मैं अपने पहले वाले शौहर के पास ख़ुशी ख़ुशी वापस आ गयी।
मैं तेरे बाप की बीवी हूँ नन्द रानी। मुझसे ज़रा संभाल कर रहना ? ज्यादा उड़ने की कोशिश न करना नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी और फाड़ डालूंगी तेरी चूत ? तेरा बाप पूरी तरह मेरे कब्जे में है। मैं उसे अपने पेटीकोट में रखती हूँ और अपनी उंगलियों पर नचाती हूँ। हर रोज़ मेरी बुर चाटता है वो ? मेरी झांटे बनाता है वो मेरे कहने पर ही अपना लण्ड हिलाता है वो ? बिना मुझसे पूंछे वो भोसड़ी का पेशाब करने भी नहीं जाता ? पूरी तरह मेरे बस है तेरा मादर चोद अब्बू, समझी नन्द रानी ? तेरी माँ का भोसड़ा भी मेरा कुछ नहीं कर सकता और तू बुर चोदी मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ सकती ?
मेरा नाम मैं कुमकुम बेगम मैं 24 साल की हूँ मेरी सास का नाम है फरीदा खातून और मेरी नन्द है शन्नो। शन्नो की भी शादी हो गयी है। मेरा शौहर परवेज़ है वह दुबई में काम करता है और जब कब यहाँ आया करता है। मेरी शादी अभी एक साल पहले ही हुई है। एक दिन मेरे शौहर ने किसी जोश में आकर मुझे तलाक दे दिया। मैं तलाक से हैरना हो गयी और परेशान भी हो गयी। मैंने कहा ऐसा कौन सा गुनाह मैंने कर दिया जो आपने मुझे तलाक दे दिया। अब मैं कहाँ जाऊंगी ? मैं तो सड़क पर आ गई हूँ। मेरा तो कोई और नहीं है जिसके साथ मैं अपनी ज़िन्दगी गुज़ार सकूं। वह बोला यार कुमकुम मैंने बस यूँ ही गुस्से में तुम्हे तलाक दे दिया पार वास्तव में मैं तुम्हे छोड़न नहीं चाहता ? मैंने कहा तो फिर अब इसका उपाय क्या है ? मैं क्या करूँ ? कहाँ जाऊं और किससे मिन्नत करूं ?
उसन थोड़ी देर तक सोंचा और फिर बोला तुम मेरे अब्बू जान से हलाला करवा लो फिर मैं तुम्हे वापस अपनी बीवी बना लूंगा। मैं यह सुनकर दंग रह गयी। ऐसा कैसे हो सकता है की मैं अपने ससुर के साथ ही शादी करूं उसके साथ रात गुजारूं फिर वह मुझे तलाक दे और तब मैं तुम्हारे पास वापस आ सकती हूँ । वह बोला अब तुम्हे तो यह करना ही पड़ेगा नहीं तो तुम मेरी बीवी नहीं बन सकती ? मेरे पास और कोई चारा न था तो मैंने अपने ससुर से ही हलाला करवाने लगी। मैंने अपने आपको उसे सौंप दिया। वह रात भर मेरे नंगे बदन से खेलता रहा। मुझे चोदता रहा। मेरी चूँचियाँ दबाता रहा और मेरे मुँह में भी लौड़ा पेलता रहा। ऐसा एक बार नहीं बल्कि चार हुआ। उसने मुझे जी भर के चार बार चोदा। दूसरे दिन भी चोदा और तीसरे दिन भी चोदा। जब मैंने कहा ससुर जी अब आप मुझे तलाक दे दीजिये तो मैं अपने शौहर के पास वापस चली जाऊं तो वह बोला अभी और कुछ दिन रुको। मैं तुम्हे तलाक दूंगा पर इतनी जल्दी नहीं। तेरा शौहर तो दुबई चला गया है। अब तुम्हे किस बात की जल्दी . अब तुम मेरी बीवी बन कर घर में रहो मैं तुम्हे हर रोज़ चोदूंगा। मुझे ससुर की ख़राब नियत मालूम तो गई तो फिर मैंने भी अपना पैतरा बदला और उसे अपनी उंगलियों पर नचाने लगी।
अगले दिन रात में जब उसने मुझे चोदने की कोशिश की तो मैंने कहा भोसड़ी के हबीब मियाँ (मेरे ससुर का नाम) पहले मेरी बुर चाटो। चोदना बाद में। और हां अच्छी तरह सुन ले। बुर चाटने में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए। अगर तूने ठीक से मेरी बुर नहीं चाटी तो मैं तेरी मारूंगी गांड ? एक बात सुन ले हराम जादे की मैं वास्तव में तेरी बहू हूँ, तेरी बीवी तो इत्तिफाक से बन गयी। मगर जब बन ही गई हूँ तो मैं तेरे और तेरे लण्ड का मज़ा पूरा पूरा लूंगी। वह नंगा नंगा मेरी बुर चाटने लगा। मैंने कहा अपनी जबान निकाल कर कुत्ते की तरह मेरी बुर चाट। अपनी जबान मेरी चूत में पूरी की पूरी घुसेड़ दे जैसे तू अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ता है। आज जब उसने मेरे बदले बदले तेवर देखे तो उसकी गांड फटने लगी। वह बुर चाट ही रहा था तभी मैंने कहा और एक बात सुन ले मादर चोद हबीब। तेरा लण्ड है साला छोटा। तू मुझे संतुष्ट नहीं कर पाता। तू पहले ही झड़ जाता है और मैं चुदासी रह जाती हूँ। तेरे चोदने के बाद भी मुझे अपनी चूत में गाजर मूली घुसानी पड़ती है। इसलिए कल अपने ऐसे दोस्त को लाना जिसका लौड़ा तेरे लौड़े से बड़ा हो और मोटा भी।मैं तेरे सामने ही उससे चुदवाऊंगी अगर नहीं आया तो मैं तेरी झांटें उखाड़ लूंगी और लात मार कर बाहर कर दूँगी।
दूसरे दिन सच में वह अपने दोस्त को लेकर आ गया। रात का समय था । वह बोला लो बीवी जान मैं अपने दोस्त जावेद को ले आया हूँ। मैं जावेद को पहली बार देख रही थी। वह था तो हैंडसम पर उसकी उम्र तो उसी के बराबर थी। मैंने ऐसे ही पूंछ लिया की ये तुम्हारा दोस्त कैसे हो गया और कब से है ? तुम इसके लण्ड के बारे में कैसे जानते हो ? वह बोला मैंने इसका लण्ड देखा है। ये मेरा दोस्त इसलिए है की मैं इसकी बीवी चोदता हूँ और ये मेरी बीवी चोदता है। इस तरह मैंने इसका लण्ड देखा है और इसने मेरा लण्ड। मुझे यकीन है की ये तुम्हे खुश कर देगा। मैं थोड़ा आगे बढ़ी तो उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और बोला हाय मेरी भाभी जान तुम चिंता न करो मैं तेरी सारी गर्मी निकाल दूंगा। बस वह बड़ी बेशर्मी से मेरी चूँचियाँ मसलने लगा. तब मैंने भी उसका लौड़ा दबाना शुरू किया। फिर मैंने अपने ससुर से कहा लो अच्छा आज फिर तुम मेरी बुर चाटो। मैं तेरे दोस्त से चुदवाऊंगी। मैंने जावेद को नंगा किया उसका लण्ड पकड़ कर हिलाया तो वह पूरी तरह खड़ा हो गया। लण्ड वाकई मेरे ससुर के लण्ड से बड़ा था और मोटा भी।
मैं पहले जावेद का लण्ड चाटने लगी। वह मुझे ज्यादा अच्छा लग रहा था। उसके पेल्हड़ भी चाटने लगी। फिर मैंने पूंछा की क्या तुम अपनी बेटी की बुर लेते हो ? वह बोला हां लेता हूँ। जब से वह जवान हुई है तबसे उसकी बुर ले रहा हूँ। मैंने कहा भोसड़ी के तुझे शर्म नहीं अपनी बेटी चोदने में ? वह बोला इसमें शर्म की कोई बात नहीं है। हमारे समाज में ये सब होता है। और अगर बेटी ही जवानी में अपने बाप का लण्ड पकड़ ले तो बाप को फिर चोदना ही पड़ता है। एक बात और भी हो सकती है। जैसे तू अपने ससुर से हलाला करवा रही है वैसे ही कभी कभी बेटी भी अपने बाप से हलाला करवाती है। इसलिए हमारे यहाँ किसी की भी बुर चोदने में कोई गुनाह नहीं है। मैंने फिर पूंछा तो क्या तूने हबीब की भी बेटी चोदी है ? वह बोला हां चोदी है और 2 /3 बार चोदी है। हबीब ने भी मेरी बेटी कई बार चोदी है। इन बातों से मैं और गरम हो गयी और बोली लो फिर तुम मेरी बुर चोदो। अपने दोस्त की बहू की बुर चोदो। मेरी चूत में लौड़ा पेल दो। मैंने ये सब उससे घूम कर कहा। अब मेरी चूत उसके लण्ड के सामने आ गयीऔर उसने भी अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया। कुछ देर में ही लण्ड अंदर गच्च से घुस गया।
उधर मैं ससुर का लण्ड पीते हुए जावेद से चुदवाने लगी। एक बात तो मुझे मालूम हो गयी मेरी नन्द बुर चोदी जावेद से चुदवाती है। और सास भी इससे अपना भोसड़ा चुदवाती है। जावेद का लण्ड मुझे पसंद आ गया और वह धकाधक चोदने लगा। मेरी चूँचियाँ उछलने लगी और मेरी गांड भी थिरकने लगी। मैं चुदाई में खो गई क्योंकि जावेद मुझे अच्छी तरह से चोद रहा था। उसका लण्ड चिपक कर मेरी चूत में आ जा रहा था। मुझे शादी के बाद ये मज़ा मिल रहा था। मैं जावेद से बहुत खुश थी। उसने फिर मुझे पीछे से छोड़और लण्ड पर बैठा कर भी चोदा। उसका लण्ड देर तक बुर चोदने की ताकत रखता था। आखिर में मैं पहले खलास हो गयी और वह बाद में खलास हुआ। मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड खूब चाटा। चुदाई के बाद वह बोला भाभी जान अब मैं जाता हूँ क्योंकि मुझे अभी अपनी भाभी का भोसड़ा चोदना है और उसकी बेटी की बुर में भी लौड़ा पेलना है। वह मेरा इंतज़ार कर रही होगी। जावेद चला गया और ससुर भी चला गया।
तब मैं कुछ देर बाद अपनी नन्द के कमरे में घुस गयी। वहां मैंने देखा की मेरी नन्द भोसड़ी वाली अपने ससुर से चुदवा रही है और मेरी सास बुर चोदी अपनी ही बेटी के मियां से चुदवा रही है। यह सीन देख कर मैं दुबारा गरम हो गयी। यहाँ साला बाप अपनी चोद रहा है और उसका बेटा अपनी बीवी की माँ का भोसड़ा चोद रहा है। नन्द ने मुझे देखा तो बोली अरे भाभी जान तू तो अभी जावेद अंकल से चुदवा कर आ रही है। कैसा लगा उसका लण्ड ? मैंने कह अरे यार लण्ड तो उसका बड़ा जबरदस्त है जो तेरी भी बुर ले चुका है। वह बोली हां हां भाभी जान मैं अपने अब्बू के कई दोस्तों को जानती हूँ जो मुझे अपना लण्ड पकड़ाते हैं और मौक़ा पाकर मेरी बुर चोद लेते हैं। मैंने कहा हां वो तो तुझे देख कर ही लग रहा। तो भोसड़ी वाली बिलकुल रंडी है रंडी। सबके लण्ड का मज़ा लेती है तू और बाहर परदे में ऐसे निकलती है जैसे की इस लड़की ने कभी किसी का लण्ड देखा भी नहीं होगा अभी तक. तू बहुत छिपी हुई बदचलन लड़की है।
इतने में किसी ने कहा अरे मेरी बहू उर्फ़ भाभी जान अब तुम मेरे लण्ड का मज़ा लेकर देखो न ? मैंने पीछे देखा तो वह मेरा चचिया ससुर खालिद था। मैं सच में उसकी बहू भी थी और भाभी भी। मैं भी जोश में थी तो उसकी तरफ बढ़ गई। उसने मुझे चिपका लिया और मेरे बदन पर हाथ फिराने लगा बोला भाभी जान मैं तो अभी अभी आया हूँ. बाहर से आते ही मुझे मालूम हुआ की भाई जान ने अपनी ही बहू का हलाला किया है और अभी तक उसे छोड़ा नहीं है तो मेरी भी नियत ख़राब हो गयी। मैं दौड़ा दौड़ा तेरे पास आया हूँ की आज मुझे भाभी जान की बुर चोदने को मिलेगी। मैंने कहा हां जरूर मिलेगी पर अगर तेरे लण्ड में दम होगी तो। मैं तो बड़े और मोटे लण्ड की शौक़ीन हूँ। वह बोला अरे भाई जान तुम खुद ही पहले लण्ड पकड़ कर देख लो। इसे चारों तरफ से अच्छी तरह से देख लो उसके बाद ही मुझे चोदने की इज़ाज़त देना। उसकी बात में वज़न था। तो मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिया। उसका लौड़ा साला तन कर मेरे आगे खड़ा हो गया। मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया तो वह और ज्यादा गुर्राने लगा। लण्ड तो लगभग 9" का था। एकदम तोप जैसा लग रहा था लण्ड और उसका सुपाड़ा एकदम टॉप का गोला जैसा था। मैं सच में पहली बार कोई इतना बड़ा, मोटा और हैंडसम लौड़ा देख रही थी। मेरा मुंह अपने आप खुल गया। मेरे कपड़े अपने आप गिर गये। मैं अपने आप ही नंगी हो गयी। मैं उसकी आँखों में आँख डाल कर उसका लण्ड एक भूंखी बिल्ली की तरह चाटने लगी।
मैंने सोंचा की हमारे कुनबे में ही इतने बढ़िया बढ़िया लण्ड हैं तो मज़ा आ जायेगा। मैंने पहले तो लण्ड के साथ खूब खेला,उसे चाटा चूसा और फिर उसे अपनी चूत में पेल कर चुदवाने लगी। मेरे सामने मेरी सास और नन्द भी चुदवा रही थी। न मुझे कोई शर्म थी और उन दोनों को। कमरे में चुदाई की आवाज़ बहुत जोर से हो रही थी। तीनो की चूत का बाजा बज रहा था। इतने में जाने ससुर आ गया। उसने मुझे चुदवाते हुए अरे कुमकुम तुम तो मेरी बीवी हो और चुदवा रही हो मेरे भाई से ? तूने मुझसे पूंछा भी नहीं ? मैंने कहा तो क्या हुआ ? तू भोसड़ी का दूसरों की बीवियां चोदता है तो क्या मुझसे पूंछ कर चोदता है। मैं भी दूसरों के मियों से बिना पूंछे चुदवाती हूँ। तू कौन होता है मुझे रोकने वाला। तेरी बहन का भोसड़ा ? तेरी बिटिया की बुर, ससुर जी ? तूने तो अपनी हबस के खातिर मुझे छोड़ा नहीं। अभी तक तू मुझे अपनी बीवी बनाकर बैठा है। अभी तक तू मुझे बिना रुके चोद रहा है।अब तो मैं तेरे सामने ही ग़ैरों से चुदवाऊंगी। तुझसे जो बने वो उखाड़ लेना।
ऐसा बोल कर मैं और मस्ती से अपनी गांड उठा उठा के अपने चचिया ससुर से चुदवाने लगी। इतने में मैंने देखा
की चचिया ससुर मेरी नन्द की बुर बड़े गौर से देख रहा है। मैं समझ गयी की अब ये मेरी नंद की बुर लेगा। और हुआ भी यही। उसने चुपचाप लण्ड मेरी बुर से निकाला और नन्द की बुर में पेल दिया। वह बोला शन्नो मैं बहुत दिनों से तुम्हे चोदने की सोंच रहा था। आज मुझे मौक़ा मिल गया है। तेरी चिकनी और टाइट चूत पर मेरा दिल आ गया है। मैंने जब तुझे नंगी देखा तो उसी समाय मेरा लण्ड उछल पड़ा था। शन्नो बोली अरे मेरे भोसड़ी के चचा जान मेरी भी नज़र जब तेरे लण्ड पर पड़ी तो मेरे भी मन में आया की मैं इसे जल्दी से जल्दी अपनी चूत में पेल लूंगी। अब तूने घुसेड़ ही दिया है लण्ड मेरी बुर में तो फिर गचागच चोदो। पूरा लौड़ा पेल पेल कर चोदो। अपनी गांड से जोर लगा कर चोदो और फाड़ डालो मेरी बुर। तूने तेरी माँ का भोसड़ा चोदा है न ? वह बोला हां चोदा तो है और कई बार चोदा है। मैंने कहा तो फिर क्या ? अब उसकी बिटिया की बुर चोद । वह भी मेरी बातों से खुश हुआ और भकाभक चोदने लगा मुझे। उधर नन्द के ससुर ने अपना लण्ड मेरी सास में भोसड़ा में ठोंक दिया। और मेरा नंदोई मेरे सामने आया और अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। इस तरह हम तीनो के लण्ड बदल गए तो चुदाई का एक नया मज़ा सबको मिलने लगा। मैं इस बात से खुश थी की मैं ससुराल पहुंचते ही अपनी सास और नन्द के साथ चुदाई करवाने लगी। वे भी हमारा साथ देने लगीं और मज़ा लूटने लगीं। चुदाई करवाते समय जब मज़ा आने लगा तो हंसी मजाक भी होने लगी। नन्द बोली - हाय मेरी भाभी जान तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
तब तक उधर से सास बोली - हाय मेरी बहू रानी तेरी सास की बिटिया की बुर ?
नन्द फिर बोली - अरे अम्मी जान, तेरी बुर चोदी बहू की नन्द बुर ?
सास फिर बोली - अरी मेरी बेटी जान, तेरी बुर चोदी माँ की बहू की चूत।
ऐसा बोल कर मैं और मस्ती से अपनी गांड उठा उठा के अपने चचिया ससुर से चुदवाने लगी। इतने में मैंने देखा
तब तक उधर से सास बोली - हाय मेरी बहू रानी तेरी सास की बिटिया की बुर ?
नन्द फिर बोली - अरे अम्मी जान, तेरी बुर चोदी बहू की नन्द बुर ?
सास फिर बोली - अरी मेरी बेटी जान, तेरी बुर चोदी माँ की बहू की चूत।
तब मुझे भी जोश आ गया तो मैं भी बोली - सासू जी तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ? और मेरी नन्द रानी तेरी माँ की बुर चोदी बेटी की बुर ?
इन सब गालियों से सबका जोश बढ़ गया। खास तौर से मर्दों का तो उनके लण्ड साले और फूल गए। वे सब और तेजी से भकाभक चोदने लगे।
मेरी नज़र नन्द के ससुर के लंड पर थी क्योंकि अब वही लण्ड बचा था जो की मेरी में अभी तक नहीं घुसा था। आखिर कार मैंने लण्ड हाथ बढ़ाकर पकड़ ही लिया। लण्ड बड़ा दमदार था और फिर मैंने उससे भी चुदवाया। दूसरे दिन मेरी नन्द मेरे पास बैठी हुई थी। अचानक उसका देवर आ गया। वह मुझे देख कर बोली लो भाभी जान तेरे लिए एक नया लण्ड आ गया है। अब मैं अपने देवर का लण्ड तेरी बुर में पेलूँगी। तब तक मेरा भी देवर आ गया तो मैं भी बोली हाय मेरी नन्द रानी अब मैं भी तेरी बुरअपने देवर के लण्ड से चोदूँगी। नन्द बोली अरे भाभी जान ये तो मेरा भाई जान है और मैं इससे पहले ही चुदवा चुकी हूँ. इसका लौड़ा बड़ा सॉलिड है भाभी। मैं ये भी लण्ड तेरी बुर में घुसा दूँगी। फिर तो सच में मेरी नन्द ने मेरी बुर में दो दो लण्ड बारी बारी से पेला और मुझे भी खूब मज़ा आया उनसे चुदवाने में। उधर मैंने अपने ससुर को इतने दिनों में कोई घास नहीं डाली। तो वह अब समझ गया की मुझे अपनी बहू को तलाक देकर वापस कर देना चाहिए।
बस दूसरे ही दिन उसने मुझे तलाक दिया और तब मैं अपने पहले वाले शौहर के पास ख़ुशी ख़ुशी वापस आ गयी।
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