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जेठानी की बुर चोदो भाई जान - Jethani ki chudai mastram sex story
जेठानी की बुर चोदो भाई जान - Jethani ki chudai mastram sex story , पति पत्नी की सुहागरात , नंदोई ने चोदा , शादी के बाद चूत फद्वाने का रिवाज , चूत होती है दान.
मेरा नाम फ़िरोज़ा खान है मेरी शादी अभी एक महीने पहले ही आरिफ मियां के साथ हुई है। मैं 22 साल की थी और वह 24 साल का। मैं जब शादी के बाद ससुराल गयी तो मेरी सुहागरात होने वाली थी। मैं थोड़ा डरी हुई थी. थोड़ा घघबरायी हुई थी। और थोड़ा उत्साहित भी थी। जातने हो क्यों ? क्योंकि मुझे अपने शौहर के लण्ड के बारे में कुछ भी नहीं पता था। मुझे किसी ने उसके लण्ड के बारे में बताया भी नहीं। कभी किसी के मुंह से उसके लण्ड की कहानी नहीं सुनी। उसके लण्ड के साइज के बारे में कोई बात नहीं सुनी।
मुझे नहीं मालूम की सब मुझसे क्या छुपाना चाहती थी। ऐसा तो नहीं की मेरी ससुराल में किसी ने भी मेरे शौहर का लण्ड देखा न हो, पकड़ा न हो या किसी ने उससे चुदवाया न हो ? घर में तो सभी लोग हैं मेरी सास है, दो दो नन्द हैं, दो दो भाभियाँ हैं, उसकी 3 खाला हैं 3 फूफी हैं और उन सबकी बेटियां हैं। इन सबके बावजूद क्या किसी ने भी मेरे शौहर का लण्ड नहीं देखा ? किसी ने उसका लण्ड नहीं पकड़ा। और अगर पकड़ा तो मुझे बताया क्यों नहीं ? मैं यह बात मानने को तैयार नहीं हूँ की इनमे से किसी ने मेरे मियां का लण्ड न देखा हो और न पकड़ा हो ? यह बात तो तय है की सब की सब बुर चोदी मुझसे छुपा रही हैं।
आजकल तो हर भाई अपने बहन की बुर लेता है। मेरे 3 भाई जान है और तीनो मुझे चोदते हैं। मैं सबके लण्ड पीती हूँ। हर लड़का अपना लण्ड अपनी खाला के भोसड़ा में , अपनी फूफी के भोसड़ा में , अपनी मामी की चूत में पेलता ही है। इन सबकी बेटियों की बुर भो चोदता है। तो ऐसा मेरे शौहर के साथ भी जरूर हुआ होगा। अगर नहीं हुआ तो यह चिंता का विषय है। क्या मेरा मियां का लण्ड किसी की बुर चोदने के काबिल नहीं है ? क्या उसके लण्ड में ताकत नहीं है ? क्या वह नपुंसक है ? क्या उसका लण्ड खड़ा नहीं होता ? ये सारे सवाल मेरे दिमाग में घूम रहे थे। मैं इसीलिए परेशान थी।
खैर जब मेरी सुहागरात का वख्त आया तो मैं दुल्हन बनी बैठी थी कमरे में। इंतज़ार कर रही थी शौहर के आने का। वह जब आया तो मेरी धड़कने बढ़ने लगी और मैं खुदा से दुआ करने लगी की ऐ खुदा इसके लण्ड में दुनियां की सारी ताकत भर दे ? वह मेरे पास आया मेरा घूँघट उठाया। चेहरे में तो कुछ था ही नहीं क्योंकि शादी मेरी बड़ी नजदीकी रिश्ते में हुई थी। हम दोनों ने एक दूसरे का चेहरा देखा ही था। मैं दिल्ली में हॉस्टल में रह कर पढ़ती थी और वह बाहर विदेश में पढता था। इसीलिए मैं उसका लण्ड कभी नहीं पकड़ पायी और न उसने कभी उसने मेरी चूँचियाँ पड़की। न मैंने कभी उसे नंगा देखा और न उसने कभी मुझे नंगी ?
उसने जब मेरी चूँचियों पर हाथ रखा तो लगा की किसी मर्द ने हाथ रखा है। मुझे बड़ा अच्छा लगा। फिर उसने धीरे से हाथ अंदर घुसेड़ कर मेरी चूत तक पहंचा दिया लेकिन मैंने कोई ऐतराज़ नहीं किया। मैं भी उसकी जांघें सहलाने लगी। धीरे धीरे वह मेरे कपड़े उतारने लगा और मैं उसके कपड़े उतारने लगी । मैं करीब करीब नंगी हो चुकी थी और उसकी भी केवल चड्ढी ही बची थी। चड्ढी के ऊपर का उभार उसके लण्ड का साइज बता रहा था। मैंने उस पर बड़े प्यार से हाथ फेरा और खुदा को याद करके ऊपर से ही लण्ड चूम लिया।
उसने पहले मेरी चूत ख़ोल कर देखा फिर बोला यार फ़िरोज़ा तुम वाकई बड़ी खूबसूरत हो और तेरी चूत तो माशा अल्लाह तुमसे ज्यादा खूबसूरत है। फिर मैंने देर नहीं की और उसकी चड्ढी खोल कर फेंक दिया। मैंने उसके खड़े लण्ड का दीदार किया और मन ही मन खुदा को शुक्रिया बोला। लण्ड फ़ौरन पकड़ा उसे चूमा और कई बार चूमा फिर चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखा। लण्ड का साइज 8"+ x 5" + था। देखने में गज़ब का हैंडसम था लण्ड । मैंने कहा वाह क्या लौड़ा है आपका ? खुदा ने बड़े फुर्शत से बनाया है इसे। लण्ड बहन चोद बढ़ता ही गया और मोटा भी होता गया। मैं उसे बार बार चूमने लगी पुचकारने लगी। लण्ड से मोहब्बत करने लगी और सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटने लगी। मुझे लगा की जैसे मेरी लॉटरी खुल गयी हो। मेरी चूत की आग कुछ ज्यादा ही धधकने लगी। अब हम दोनों पूरी एक दूसरे के आगे नंगे हो चुके हे। वह मेरी चूँचियाँ मसलने लगा और मैं उसका लण्ड चाटने लगी। कुछ देर बाद जब उसने मुझे चोदना शुरू किया तो एहसास हुआ की ये तो बुर चोदने का बहुत बड़ा खिलाड़ी है। मुझे यकीन हो गया की इसने अपने कुनबे में सबकी बुर चोदी होगी, सबका भोसड़ा चोदा होगा, सब लड़कियों की बुर ली होगी ?
उसने चोद चोद के मुझे पहले खलास कर दिया और खुद बाद में हुआ। मैंने फिर उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा। लण्ड का स्वाद भी मुझे खूब पसंद आया। मेरे सारे सवालों का जबाब मिल गया। मुझे तसल्ली हुई। इतनेमे वह चला गया। उसने जाने के बाद मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली - भाभी जान कैसा लगा मेरे भाई जान का लण्ड ?
मैंने कहा - लण्ड तो बड़ा मस्त था और जबरदस्त भी था। मुझे बहुत प्यारा और बहुत अच्छा लगा तेरे भाई जान का लण्ड। बड़ा मोटा तगड़ा है लण्ड।
अरे ऐसा ही मेरे बड़े भाई जान का लण्ड भी है भाभी जान ? मेरे खालू का लण्ड तो घोड़े के लण्ड जैसा है। चचा जान का लण्ड साला आखिर तक बढ़ता ही रहता है। मेरे अब्बू जान का लण्ड तो इससे भी ज्यादा मोटा तगड़ा है। देखोगी तो गांड पहले फट जाएगी, चूत बाद में ?
अच्छा ये बात है ? तो तेरी चूत पहले फटी थी की गांड ?
मेरी तो दोनों ही फट गयी थी भाभी जान। थोड़ी बहुत जो बची थी वो मेरे ससुर ने फाड़ दी थी ।
हाय दईया तो क्या तू अपने ससुर से भी चुदवाती है।
वो चोदता है तो मैं चुदवाती हूँ। उसका भी लण्ड मेरे अब्बू के लण्ड जैसा मोटा तगड़ा है। लण्ड साला मादर चोद खूब जम कर चोदता है।
तो फिर तुम मेरी भी चूत का ख्याल रखोगी न नन्द रानी ?
बिलकुल रखूंगी भाभी जान। देखो न अब मेरा भाई जान तुम्हे चोद कर गया तो अब मेरा मियां तुम्हे चोदेगा। मेरे घर का रिवाज़ है की सुहागरात में दुल्हन की बुर पहले उसका शौहर लेता है फिर नंदोई लेता है। तेरे दो नंदोई हैं। पहले मेरा शौहर तुझे चोदेगा फिर मेरी छोटी बहन का शौहर भी तुझे चोदेगा।
अच्छा ऐसी बात है तुम क्या करोगी ? अरे मैं तो बाहर जाकर कोई नया लण्ड ढूंढूंगी। अभी शादी का ही माहौल है। कई नाते रिश्ते दार रुके हुए हैं। किसी न किसी का लण्ड तो मेरे लिए नया ही होगा न। मैं उसी चुदवाऊंगी ?
अच्छा एक बात बता . कहीं मेरा मियां बुरा तो नहीं मानेगा ? बुरा क्यों मानेगा ? ये तो रिवाज़ है यहाँ का। उसे रिवाज़ के मुताबिक चलना पड़ेगा और फिर तेरा मियां इस समय अपनी भाभी की बुर चोद रहा है। चाहो तो चल कर देख लो।
हां चलो दिखा दो मुझे।
वह मुझे चुपके से बाहर ले गयी और थोड़ी दूर से दिखा भी दिया। मैंने देखा कि सच में मेरा मियां अपनी भाभी की बुर गचागच चोद रहा है। मैं समझ गयी की मुझे यहाँ भी बड़े बड़े लण्ड मिलेंगें जैसे मुझे अपने माईके में मिलते हैं। मेरे दो भाई हैं और दोनों के लण्ड मेरे शौहर के लण्ड से कम नहीं हैं बल्कि बेहतर ही हैं। मैं अपने नंदोई से बड़ी बेशर्मी से चुदवाने लगी। उसका भी लण्ड बड़ा दमदार था। लण्ड का टोपा तो बिलकुल पहाड़ी आलू की तरह था। साला जब चूत में घुसा तो मेरी माँ चुद गयी बहन चोद। लेकिन मैंने उफ़ तक नहीं किया और पूरा लौड़ा घुसवा लिया अपनी चूत में। वह दनादन चोदने लगा मुझे ? मेरी चूत तो पीला से अच्छी तरह चुदी हुई थी। इससे न उसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ी और न मुझे। हां वह चोदने की रफ़्तार बढ़ाता रहा। मैंने पूंछा ननंदोई तू अपनी बीवी भी इसी तरह चोदता है ? वह बोला बीवी चोदने का मौक़ा ही नहीं मिलता भाभी जान ? जाने कितने लोग मेरी बीवी चोदा करतें हैं। इसलिए मैं भी सबकी बीवियां चोदता हूँ। आज मुझे तेरी बुर चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है।
मैंने फिर पूंछा - कभी अपनी बीवी की माँ का भोसड़ा चोदा है तूने ?
वह बोला - हां चोदा है। वह तो मेरी बीवी से भी ज्यादा अच्छी तरह से चुदवाती है। बड़ा मस्त है मेरी सास का भोसड़ा ?
मैंने कहा - देखो यार तेरी सास और मेरी सास एक ही है। किसी दिन मेरे सामने चोदो अपनी सास का भोसड़ा। मैं देखना चाहती हूँ। अब देखो तेरी ससुराल और मेरी ससुराल एक ही है। अब मुझे बताओ अपनी ससुराल की लड़कियों की बुर लेते हो ?
वह बोला - हां भाभी जान लेता हूँ। मैं यहाँ की सब लड़कियों की बुर लेता हूँ। और लड़कियों की माँ का भोसड़ा भी चोदता हूँ।
मेरा नाम फ़िरोज़ा खान है मेरी शादी अभी एक महीने पहले ही आरिफ मियां के साथ हुई है। मैं 22 साल की थी और वह 24 साल का। मैं जब शादी के बाद ससुराल गयी तो मेरी सुहागरात होने वाली थी। मैं थोड़ा डरी हुई थी. थोड़ा घघबरायी हुई थी। और थोड़ा उत्साहित भी थी। जातने हो क्यों ? क्योंकि मुझे अपने शौहर के लण्ड के बारे में कुछ भी नहीं पता था। मुझे किसी ने उसके लण्ड के बारे में बताया भी नहीं। कभी किसी के मुंह से उसके लण्ड की कहानी नहीं सुनी। उसके लण्ड के साइज के बारे में कोई बात नहीं सुनी।
मुझे नहीं मालूम की सब मुझसे क्या छुपाना चाहती थी। ऐसा तो नहीं की मेरी ससुराल में किसी ने भी मेरे शौहर का लण्ड देखा न हो, पकड़ा न हो या किसी ने उससे चुदवाया न हो ? घर में तो सभी लोग हैं मेरी सास है, दो दो नन्द हैं, दो दो भाभियाँ हैं, उसकी 3 खाला हैं 3 फूफी हैं और उन सबकी बेटियां हैं। इन सबके बावजूद क्या किसी ने भी मेरे शौहर का लण्ड नहीं देखा ? किसी ने उसका लण्ड नहीं पकड़ा। और अगर पकड़ा तो मुझे बताया क्यों नहीं ? मैं यह बात मानने को तैयार नहीं हूँ की इनमे से किसी ने मेरे मियां का लण्ड न देखा हो और न पकड़ा हो ? यह बात तो तय है की सब की सब बुर चोदी मुझसे छुपा रही हैं।
आजकल तो हर भाई अपने बहन की बुर लेता है। मेरे 3 भाई जान है और तीनो मुझे चोदते हैं। मैं सबके लण्ड पीती हूँ। हर लड़का अपना लण्ड अपनी खाला के भोसड़ा में , अपनी फूफी के भोसड़ा में , अपनी मामी की चूत में पेलता ही है। इन सबकी बेटियों की बुर भो चोदता है। तो ऐसा मेरे शौहर के साथ भी जरूर हुआ होगा। अगर नहीं हुआ तो यह चिंता का विषय है। क्या मेरा मियां का लण्ड किसी की बुर चोदने के काबिल नहीं है ? क्या उसके लण्ड में ताकत नहीं है ? क्या वह नपुंसक है ? क्या उसका लण्ड खड़ा नहीं होता ? ये सारे सवाल मेरे दिमाग में घूम रहे थे। मैं इसीलिए परेशान थी।
खैर जब मेरी सुहागरात का वख्त आया तो मैं दुल्हन बनी बैठी थी कमरे में। इंतज़ार कर रही थी शौहर के आने का। वह जब आया तो मेरी धड़कने बढ़ने लगी और मैं खुदा से दुआ करने लगी की ऐ खुदा इसके लण्ड में दुनियां की सारी ताकत भर दे ? वह मेरे पास आया मेरा घूँघट उठाया। चेहरे में तो कुछ था ही नहीं क्योंकि शादी मेरी बड़ी नजदीकी रिश्ते में हुई थी। हम दोनों ने एक दूसरे का चेहरा देखा ही था। मैं दिल्ली में हॉस्टल में रह कर पढ़ती थी और वह बाहर विदेश में पढता था। इसीलिए मैं उसका लण्ड कभी नहीं पकड़ पायी और न उसने कभी उसने मेरी चूँचियाँ पड़की। न मैंने कभी उसे नंगा देखा और न उसने कभी मुझे नंगी ?
उसने जब मेरी चूँचियों पर हाथ रखा तो लगा की किसी मर्द ने हाथ रखा है। मुझे बड़ा अच्छा लगा। फिर उसने धीरे से हाथ अंदर घुसेड़ कर मेरी चूत तक पहंचा दिया लेकिन मैंने कोई ऐतराज़ नहीं किया। मैं भी उसकी जांघें सहलाने लगी। धीरे धीरे वह मेरे कपड़े उतारने लगा और मैं उसके कपड़े उतारने लगी । मैं करीब करीब नंगी हो चुकी थी और उसकी भी केवल चड्ढी ही बची थी। चड्ढी के ऊपर का उभार उसके लण्ड का साइज बता रहा था। मैंने उस पर बड़े प्यार से हाथ फेरा और खुदा को याद करके ऊपर से ही लण्ड चूम लिया।
उसने पहले मेरी चूत ख़ोल कर देखा फिर बोला यार फ़िरोज़ा तुम वाकई बड़ी खूबसूरत हो और तेरी चूत तो माशा अल्लाह तुमसे ज्यादा खूबसूरत है। फिर मैंने देर नहीं की और उसकी चड्ढी खोल कर फेंक दिया। मैंने उसके खड़े लण्ड का दीदार किया और मन ही मन खुदा को शुक्रिया बोला। लण्ड फ़ौरन पकड़ा उसे चूमा और कई बार चूमा फिर चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखा। लण्ड का साइज 8"+ x 5" + था। देखने में गज़ब का हैंडसम था लण्ड । मैंने कहा वाह क्या लौड़ा है आपका ? खुदा ने बड़े फुर्शत से बनाया है इसे। लण्ड बहन चोद बढ़ता ही गया और मोटा भी होता गया। मैं उसे बार बार चूमने लगी पुचकारने लगी। लण्ड से मोहब्बत करने लगी और सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटने लगी। मुझे लगा की जैसे मेरी लॉटरी खुल गयी हो। मेरी चूत की आग कुछ ज्यादा ही धधकने लगी। अब हम दोनों पूरी एक दूसरे के आगे नंगे हो चुके हे। वह मेरी चूँचियाँ मसलने लगा और मैं उसका लण्ड चाटने लगी। कुछ देर बाद जब उसने मुझे चोदना शुरू किया तो एहसास हुआ की ये तो बुर चोदने का बहुत बड़ा खिलाड़ी है। मुझे यकीन हो गया की इसने अपने कुनबे में सबकी बुर चोदी होगी, सबका भोसड़ा चोदा होगा, सब लड़कियों की बुर ली होगी ?
उसने चोद चोद के मुझे पहले खलास कर दिया और खुद बाद में हुआ। मैंने फिर उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा। लण्ड का स्वाद भी मुझे खूब पसंद आया। मेरे सारे सवालों का जबाब मिल गया। मुझे तसल्ली हुई। इतनेमे वह चला गया। उसने जाने के बाद मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली - भाभी जान कैसा लगा मेरे भाई जान का लण्ड ?
मैंने कहा - लण्ड तो बड़ा मस्त था और जबरदस्त भी था। मुझे बहुत प्यारा और बहुत अच्छा लगा तेरे भाई जान का लण्ड। बड़ा मोटा तगड़ा है लण्ड।
अरे ऐसा ही मेरे बड़े भाई जान का लण्ड भी है भाभी जान ? मेरे खालू का लण्ड तो घोड़े के लण्ड जैसा है। चचा जान का लण्ड साला आखिर तक बढ़ता ही रहता है। मेरे अब्बू जान का लण्ड तो इससे भी ज्यादा मोटा तगड़ा है। देखोगी तो गांड पहले फट जाएगी, चूत बाद में ?
अच्छा ये बात है ? तो तेरी चूत पहले फटी थी की गांड ?
मेरी तो दोनों ही फट गयी थी भाभी जान। थोड़ी बहुत जो बची थी वो मेरे ससुर ने फाड़ दी थी ।
हाय दईया तो क्या तू अपने ससुर से भी चुदवाती है।
वो चोदता है तो मैं चुदवाती हूँ। उसका भी लण्ड मेरे अब्बू के लण्ड जैसा मोटा तगड़ा है। लण्ड साला मादर चोद खूब जम कर चोदता है।
तो फिर तुम मेरी भी चूत का ख्याल रखोगी न नन्द रानी ?
बिलकुल रखूंगी भाभी जान। देखो न अब मेरा भाई जान तुम्हे चोद कर गया तो अब मेरा मियां तुम्हे चोदेगा। मेरे घर का रिवाज़ है की सुहागरात में दुल्हन की बुर पहले उसका शौहर लेता है फिर नंदोई लेता है। तेरे दो नंदोई हैं। पहले मेरा शौहर तुझे चोदेगा फिर मेरी छोटी बहन का शौहर भी तुझे चोदेगा।
अच्छा ऐसी बात है तुम क्या करोगी ? अरे मैं तो बाहर जाकर कोई नया लण्ड ढूंढूंगी। अभी शादी का ही माहौल है। कई नाते रिश्ते दार रुके हुए हैं। किसी न किसी का लण्ड तो मेरे लिए नया ही होगा न। मैं उसी चुदवाऊंगी ?
अच्छा एक बात बता . कहीं मेरा मियां बुरा तो नहीं मानेगा ? बुरा क्यों मानेगा ? ये तो रिवाज़ है यहाँ का। उसे रिवाज़ के मुताबिक चलना पड़ेगा और फिर तेरा मियां इस समय अपनी भाभी की बुर चोद रहा है। चाहो तो चल कर देख लो।
हां चलो दिखा दो मुझे।
वह मुझे चुपके से बाहर ले गयी और थोड़ी दूर से दिखा भी दिया। मैंने देखा कि सच में मेरा मियां अपनी भाभी की बुर गचागच चोद रहा है। मैं समझ गयी की मुझे यहाँ भी बड़े बड़े लण्ड मिलेंगें जैसे मुझे अपने माईके में मिलते हैं। मेरे दो भाई हैं और दोनों के लण्ड मेरे शौहर के लण्ड से कम नहीं हैं बल्कि बेहतर ही हैं। मैं अपने नंदोई से बड़ी बेशर्मी से चुदवाने लगी। उसका भी लण्ड बड़ा दमदार था। लण्ड का टोपा तो बिलकुल पहाड़ी आलू की तरह था। साला जब चूत में घुसा तो मेरी माँ चुद गयी बहन चोद। लेकिन मैंने उफ़ तक नहीं किया और पूरा लौड़ा घुसवा लिया अपनी चूत में। वह दनादन चोदने लगा मुझे ? मेरी चूत तो पीला से अच्छी तरह चुदी हुई थी। इससे न उसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ी और न मुझे। हां वह चोदने की रफ़्तार बढ़ाता रहा। मैंने पूंछा ननंदोई तू अपनी बीवी भी इसी तरह चोदता है ? वह बोला बीवी चोदने का मौक़ा ही नहीं मिलता भाभी जान ? जाने कितने लोग मेरी बीवी चोदा करतें हैं। इसलिए मैं भी सबकी बीवियां चोदता हूँ। आज मुझे तेरी बुर चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है।
मैंने फिर पूंछा - कभी अपनी बीवी की माँ का भोसड़ा चोदा है तूने ?
वह बोला - हां चोदा है। वह तो मेरी बीवी से भी ज्यादा अच्छी तरह से चुदवाती है। बड़ा मस्त है मेरी सास का भोसड़ा ?
मैंने कहा - देखो यार तेरी सास और मेरी सास एक ही है। किसी दिन मेरे सामने चोदो अपनी सास का भोसड़ा। मैं देखना चाहती हूँ। अब देखो तेरी ससुराल और मेरी ससुराल एक ही है। अब मुझे बताओ अपनी ससुराल की लड़कियों की बुर लेते हो ?
वह बोला - हां भाभी जान लेता हूँ। मैं यहाँ की सब लड़कियों की बुर लेता हूँ। और लड़कियों की माँ का भोसड़ा भी चोदता हूँ।
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